< गिनती 4 >
1 इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को यह आज्ञा दी:
And the Lord spoke unto Moses and unto Aaron, saying,
2 “लेवी के घराने में से, परिवारों के अनुसार कोहाथ के घराने की गिनती उनके कुल और परिवारों के अनुसार करो.
Take the sum of the sons of Kehath from among the sons of Levi, after their families, by their divisions,
3 तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गणना करोगे. ये वे सभी होंगे, जो मिलनवाले तंबू में सेवा करने के लिए चुने जाते हैं.
From thirty years old and upward even until fifty years old, all that are fitted for the service, to do work at the tabernacle of the congregation.
4 “कोहाथ के घराने के लिए मिलनवाले तंबू में परम पवित्र वस्तुओं के उपयोग से संबंधित कार्य यह होगा.
This shall be the service of the sons of Kehath at the tabernacle of the congregation: The most holy things.
5 जब यात्रा के लिए छावनी कूच करने पर हो, तब अहरोन एवं उसके पुत्र भीतर जाकर ढंकने वाले पर्दे को उतारेंगे और साक्षी पत्र के संदूक को इससे ढांक देंगे.
And Aaron shall come with his sons, when the camp setteth forward, and they shall take down the vail of the separation, and cover therewith the ark of the testimony;
6 इसके बाद वे इस पर सूंस की खाल फैला देंगे तथा इस पर वे संपूर्ण नीले रंग के वस्त्र को फैलाकर संदूक के दोनों डंड़े उनके स्थानों में पिरो देंगे.
And they shall put over it a covering of badgers' skins, and they shall spread over all a cloth wholly of blue [woollen yarn], and they shall put in its staves.
7 “उपस्थिति रोटी की मेज़ पर भी वे एक संपूर्ण नीले रंग का वस्त्र फैला देंगे और इस पर वे बर्तन, बलि के कटोरे तथा पेय बलि की सुराहियां रख देंगे. उस पर वहां सदैव रखी जाने के लिए नियत रोटी भी रखी जाना ज़रूरी है.
And over the table of the showbread shall they spread a cloth of blue, and put thereon the dishes, and the spoons, and the tubes, and the staves of the covering; and the continual bread shall be thereon:
8 इन सबके ऊपर वे एक लाल रंग का वस्त्र फैला देंगे तथा इसके भी ऊपर होगी सूंस की खाल. इसके बाद वे इसके डंड़े उनके स्थान पर पिरो देंगे.
And they shall spread over them a cloth of scarlet, and cover the same with a covering of badgers' skins; and they shall put in its staves.
9 “फिर वे एक नीले रंग के वस्त्र से दीवट को इसके दीपों एवं इन्हें बुझाने के उपकरण के साथ ही ढांक देंगे, इसके अलावा इसके साथ उपयोग होनेवाले बर्तन, तेल के बर्तन, जो इसके साथ ही इस्तेमाल किए जाते हैं.
And they shall take a cloth of blue, and cover the candlestick of the lighting, and its lamps, and its tongs, and its snuff-dishes, and all the oil-vessels thereof, wherewith they minister by it:
10 इन सभी बर्तनों को वे सूंस की खाल से ढांक देंगे तथा इसे वे उठानेवाले डंडों पर रख देंगे.
And they shall put it and all its vessels within a covering of badgers' skins, and they shall put it upon a barrow.
11 “सोने की वेदी पर वे एक नीले रंग का वस्त्र फैला देंगे इसके बाद वे इसे सूंस की खाल से ढांक कर और फिर डंडों को इसमें पिरो देंगे.
And over the golden altar shall they spread a cloth of blue, and cover it with a covering of badgers' skins; and they shall put in its staves.
12 “इसके बाद वे पवित्र स्थान में प्रयोग के लिए ठहराए गए सभी बर्तन लेकर उन्हें एक नीले रंग के वस्त्र में रख देंगे, इसे सूंस की खाल से ढांक देंगे, और तब उठाने के डंड़े इसमें पिरो देंगे.
And they shall take all the vessels of the service, wherewith they minister in the sanctuary, and put them in a cloth of blue, and cover them with a covering of badgers' skins; and they shall put them on a barrow.
13 “वे वेदी की राख को हटाकर उसे एक बैंगनी वस्त्र से ढांक देंगे.
And they shall take away the ashes from the altar, and spread over it a cloth of purple;
14 वे इसके साथ ही इससे संबंधित सारे बर्तन उस पर रख देंगे: अग्नि पात्र, अंगीठियां, कांटे, फावड़े, चिलमचियां तथा वेदी से संबंधित पात्र तथा इन सब पर वे सूंस की खाल फैला देंगे और तब उठाने के डंड़े उसके स्थान पर पिरो देंगे.
And they shall put upon it all its vessels, wherewith they minister upon it, the fire-pans, the forks, and the shovels, and the basins, all the vessels of the altar; and they shall spread over it a covering of badgers' skins, and put in its staves.
15 “जब अहरोन एवं उसके पुत्र पवित्र वस्तुओं तथा पवित्र स्थान के वस्त्रों को ढांक चुकें, और छावनी कूच के लिए तैयार हो, कोहाथ के पुत्र उनको उठाने जाएं, वे यह ध्यान रखें कि किसी भी पवित्र वस्तु से वे छू न जाएं; नहीं तो उनकी मृत्यु तय है. कोहाथ के घराने की यह ज़िम्मेदारी है कि वे मिलनवाले तंबू की इन वस्तुओं को उठाया करें.
And when Aaron and his sons have thus made an end of covering the sanctuary, and all the vessels of the sanctuary, when the camp is to set forward: then shall, after that, the sons of Kehath come to carry it; but they shall not touch any holy thing, lest they die; these are the things which the sons of Kehath are to carry at the tabernacle of the congregation.
16 “अहरोन के पुत्र पुरोहित एलिएज़र को, दीपों के लिए उपयोग में लाए जानेवाले तेल, सुगंधधूप, नित्य अन्नबलि, अभिषेक के तेल; अर्थात् पूरे साक्षी के तंबू तथा उसमें रखी वस्तुओं, पवित्र स्थान तथा संबंधित वस्तुओं की पूरी ज़िम्मेदारी होगी.”
And under the supervision of Elazar the son of Aaron the priest shall be the oil for the lighting, and the incense of spices, and the daily meat-offering, and the anointing-oil; the supervision of all the tabernacle, and of all that is therein, over the sanctuary, and over its vessels.
17 इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को यह आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses and unto Aaron, saying,
18 “यह ध्यान रखना कि लेवियों में से कोहाथियों के परिवार नष्ट न हो जाएं.
Do ye not cause the tribe of the families of the Kehathites to be cut off from among the Levites;
19 किंतु जब वे पवित्र वस्तुओं के निकट जाएं, तो उनके जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से यह अवश्य किया जाए: अहरोन तथा उसके पुत्र उनके साथ भीतर जाकर हर एक को उसके लिए ठहराया हुआ कार्य सौंप दें;
But thus do unto them, that they may live, and not die, when they approach unto the most holy things: Aaron and his sons shall go in, and appoint them, every one, to his service and to his burden;
20 किंतु किसी भी परिस्थिति में, कोहाथियों भीतर जाकर एक क्षण के लिए भी पवित्र वस्तुओं पर दृष्टि करना उनके लिए घातक सिद्ध होगा.”
That they may not go in to see when the holy things are covered, and die.
21 फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
22 “अब गेरशोन के घराने की गिनती उनके परिवारों एवं कुल के अनुसार करो.
Take also the sum of the sons of Gershon, by their divisions, after their families;
23 तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गिनती करनी है. ये सभी वे होंगे, जो मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए चुने जाते हैं.
From thirty years old and upward until fifty years old shalt thou number them; all that are fitted for the service, to do work in the tabernacle of the congregation.
24 “गेरशोनियों के परिवारों के लिए ठहराई हुई सेवा इस प्रकार है: सेवा करना तथा भार उठाना.
This shall be the service of the families of the Gershunites, to serve, and to carry:
25 वे साक्षी तंबू, अर्थात् मिलनवाले तंबू के पर्दे एवं ढकने वाले वस्त्र, सूंस के चमड़े का पर्दा, मिलनवाले तंबू के द्वार के लिए पर्दा,
They shall carry the curtains of the tabernacle, and of the tent of the congregation, its covering, and the covering of the badgers' skins that is over it above, and the hanging for the door of the tabernacle of the congregation,
26 उस आंगन के पर्दे जो साक्षी तंबू और वेदी के चारों ओर है, उसके द्वार का पर्दा, पर्दों की डोरें तथा काम में आनेवाले सभी सामान तथा वह सब जो सामान्यतः किया जाता है, वे करते रहेंगे.
And the hangings of the court, and the hanging for the door of the gate of the court, which is by the tabernacle and by the altar round about, and their cords, and all the vessels of their service; and all that is delivered to them shall they perform.
27 गेरशोनियों के लिए जो भी सेवाएं, तथा सामग्री सामान उठाने से संबंधित जवाबदारी ठहराई गई है, उनको वे सिर्फ अहरोन एवं उसके पुत्र के आदेश पर ही किया करेंगे, तथा तुम भार उठाने से संबंधित जवाबदारी उन्हें सौंप दोगे.
By the order of Aaron and his sons shall be all the service of the sons of the Gershunites, in all their carrying, and in all their service: and ye shall designate unto them in charge all which they have to carry.
28 गेरशोनियों का उनके परिवारों के अनुसार मिलनवाले तंबू में किए जाने के कार्यों का विवरण यही है, तथा उनकी सेवाओं के विषय में निर्देश पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार द्वारा प्रदान किए जाएंगे.
This is the service of the families of the sons of the Gershunites at the tabernacle of the congregation; their charge shall be under the supervision of Ithamar the son of Aaron the priest.
29 “मेरारी के पुत्रों की गिनती उनके परिवारों के अनुसार उनके पितरों के घराने में करोगे.
The sons of Merari, shalt thou number after their families, by their divisions;
30 तीस से पचास वर्ष की आयु के सभी पुरुषों की गिनती करनी है. ये वे होंगे, जिन्हें मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए भर्ती किया जाता है.
From thirty years old and upward, even until fifty years old, shalt thou number them, every one that is fitted for the service, to do the work of the tabernacle of the congregation.
31 उनके द्वारा मिलनवाले तंबू की सेवा में उठाने का कार्य इस प्रकार किया जाएगा: साक्षी तंबू के पल्ले, छड़ें, खंभे, तथा आधार,
And this is what is confided to them to carry, regarding all their service at the tabernacle of the congregation: The boards of the tabernacle, and its bars, and its pillars, and its sockets,
32 आंगन के चारों ओर के खंभे, उनके आधार, उनकी खूंटियां, उनकी डोरियां तथा उनके उपकरण, उनके उपयोग से जुड़ी हर चीज़. तुम हर एक व्यक्ति को उसका नाम लेकर वे वस्तुएं सौंपोगे, जिनका भार वह उठाया करेगा.
And the pillars of the court round about, and their sockets, and their pins, and their cords, with all their instruments, and all which belongeth thereto; and by name shall ye designate [to them] the vessels which are confided to them to carry.
33 मिलनवाले तंबू में पुरोहित अहरोन के पुत्र इथामार के निर्देश में मेरारी के वंशजों के परिवारों द्वारा की जाने के लिए निर्धारित सेवा यही होगी.”
This is the service of the families of the sons of Merari, regarding all their service, at the tabernacle of the congregation, under the supervision of Ithamar the son of Aaron, the priest.
34 फिर मोशेह अहरोन, तथा सारी सभा के प्रधानों ने कोहाथ के घराने के परिवारों के अंतर्गत उनके पितरों और कुलों के अनुसार उनकी गिनती की.
And Moses with Aaron and the princes of the congregation numbered the sons of the Kehathites after their families, and after their divisions,
35 वे सभी, जो आयु में तीस से पचास वर्ष के पुरुष हैं, जिनकी नियुक्ति मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए की गई थी, इसमें गिने गए.
From thirty years old and upward, even until fifty years old, every one that was fitted for the service, for the work at the tabernacle of the congregation.
36 परिवारों के अनुसार इनकी कुल संख्या 2,750 थी.
And those that were numbered of them after their families were two thousand seven hundred and fifty.
37 ये सभी कोहाथियों के परिवारों से गिने गए लोग थे; हर एक, जो मिलनवाले तंबू में सेवारत था, जिनकी गिनती मोशेह एवं अहरोन ने मोशेह को याहवेह द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार की थी.
These were they that were numbered of the families of the Kehathites, all that could do service at the tabernacle of the congregation, whom Moses with Aaron numbered by the order of the Lord through the hand of Moses.
38 गेरशोन के परिवारों के अंतर्गत पितरों और कुलों के अनुसार सभी व्यक्तियों की गिनती की गई.
And those that were numbered of the sons of Gershon, after their families, and after their divisions,
39 वे व्यक्ति, जिनकी आयु तीस वर्ष से ऊपर तथा तीस से पचास वर्ष है, हर एक पुरुष, जिसे मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए चुना गया,
From thirty years old and upward, even until fifty years old, every one that was fitted for the service, for the work at the tabernacle of the congregation,
40 परिवारों के अंतर्गत, पितरों और कुलों के अनुसार गिने गए व्यक्तियों की संख्या 2,630 थी.
Even those that were numbered of them, after their families, after their divisions, were two thousand and six hundred and thirty.
41 ये गेरशोन के घराने के परिवारों के गिने गए समस्त व्यक्ति थे; हर एक, जो मिलनवाले तंबू में सेवा करता था. जिनकी गिनती याहवेह के आदेश के अंतर्गत मोशेह तथा अहरोन ने की.
These are they that were numbered of the families of the sons of Gershon, all that could do service at the tabernacle of the congregation, whom Moses with Aaron numbered by the order of the Lord.
42 मेरारी के घराने की उनके परिवारों के अंतर्गत उनके पितरों और कुलों के अनुसार गिने गए.
And those that were numbered of the families of the sons of Merari, after their families, after their divisions,
43 हर एक पुरुष, जिसकी आयु तीस वर्ष से अधिक तथा तीस से पचास वर्ष है, जिसे मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए चुना गया था,
From thirty years old and upward, even until fifty years old, every one that was fitted for the service, for the work at the tabernacle of the congregation.
44 परिवारों के अनुसार उनकी संख्या थी 3,200.
Even those that were numbered of them after their families, were three thousand and two hundred.
45 ये मेरारी के घराने के परिवारों के अनुसार गिने गए समस्त व्यक्ति हैं, जिनकी गिनती मोशेह तथा अहरोन ने याहवेह के मोशेह को दिए आदेश के अंतर्गत की थी.
These are those that were numbered of the families of the sons of Merari, whom Moses with Aaron numbered by the order of the Lord through the hand of Moses.
46 मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के प्रधानों द्वारा सभी लेवी पुरुषों की,
All those that were numbered of the Levites, whom Moses with Aaron and the chiefs of Israel numbered, after their families, and after their divisions,
47 हर एक पुरुष जिनकी आयु तीस से पचास वर्ष है, जो मिलनवाले तंबू में सेवा के लिए उनके परिवारों तथा पितरों और कुलों के अनुसार गिनती की गई.
From thirty years old and upward, even until fifty years old, every one that came to do the service of the ministry, and the service of the carrying at the tabernacle of the congregation,
Even those that were numbered of them, were eight thousand and five hundred and eighty.
49 यह गिनती मोशेह को याहवेह द्वारा दी गई आज्ञा के अंतर्गत की गई. हर एक व्यक्ति की गिनती की गई, जो सेवा करता था, अथवा भार उठानेवाला था. इस प्रकार ये सभी गिने गए व्यक्ति थे; मोशेह को याहवेह द्वारा दी गई आज्ञा यही है.
By the order of the Lord through the hand of Moses, did he appoint them, every one to his proper service, and to his proper carrying: and they were numbered, as the Lord had commanded Moses.