< गिनती 36 >

1 योसेफ़ के पुत्रों के परिवारों में से मनश्शेह के पौत्र, माखीर के पुत्र गिलआद के वंशजों के प्रधानों ने मोशेह, प्रधानों, जो इस्राएलियों के परिवारों के प्रधान थे, के सामने आकर विनती की:
And the princes of the families of Galaad, the son of Machir, the son of Manasses, of the stock Of the children of Joseph, came and spoke to Moses before the princes of Israel, and said:
2 “याहवेह ने मेरे स्वामी को आज्ञा दी है, कि इस्राएलियों को मीरास में भूमि दे दी जाए. मेरे स्वामी को याहवेह से आज्ञा प्राप्‍त हुई थी, कि हमारे भाई ज़लोफेहाद की मीरास उसकी पुत्रियों को दे दी जाए.
The Lord hath commanded thee, my lord, that thou shouldst divide the land by lot to the children of Israel, and that thou shouldst give to the daughters of Salphaad our brother the possession due to their father:
3 किंतु यदि वे इस्राएलियों में से किसी दूसरे गोत्र के पुत्रों में विवाह करती हैं, उनकी मीरास तो उस गोत्र में मिल जाएगी, जो उनके पतियों के है.
Now if men of another tribe take them to wives, their possession will follow them, and being transferred to another tribe, will be a diminishing of our inheritance.
4 इस प्रकार योवेल वर्ष में उन युवतियों के गोत्र की मीरास हमारे पूर्वजों की मीरास में से घटती चली जाएगी.”
And so it shall come to pass, that when the jubilee, that is, the fiftieth year of remission, is come, the distribution made by the lots shall be confounded, and the possession of the one shall pass to the others.
5 इसलिये मोशेह ने याहवेह की आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों को आदेश दिया, “योसेफ़ गोत्र के वंशज सही बात कह रहे हैं.
Moses answered the children of Israel, and said by the command of the Lord: The tribe of the children of Joseph hath spoken rightly.
6 याहवेह ने ज़लोफेहाद की पुत्रियों के विषय में यह आदेश दिया है, ‘उन्हें अपनी इच्छा के वर से विवाह कर लेने दिया जाए; सिर्फ ध्यान रहे कि वे अपने पिता के गोत्र के परिवार में ही विवाह करें.’
And this is the law promulgated by the Lord touching the daughters of Salphaad: Let them marry to whom they will, only so that it be to men of their own tribe.
7 परिणामस्वरूप इस्राएलियों में मीरास एक गोत्र से दूसरे गोत्र में न मिल सकेगी. ज़रूरी है कि हर एक इस्राएली अपने-अपने पिता के गोत्र की मीरास को अपने अधिकार में बनाए रखे.
Lest the possession of the children of Israel be mingled from tribe to tribe. For all men shall marry wives of their own tribe and kindred:
8
And all women shall take husbands of the same tribe: that the inheritance may remain in the families,
9 इस प्रक्रिया से कोई भी मीरास एक गोत्र से अन्य गोत्र में न मिल पाएगी; क्योंकि इस्राएलियों के लिए ज़रूरी है कि हर एक अपनी-अपनी मीरास को अपने ही अधिकार में बनाए रखे.”
And that the tribes be not mingled one with another, but remain so
10 जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था, ज़लोफेहाद की पुत्रियों ने ठीक वैसा ही किया.
As they were separated by the Lord. And the daughters of Salphaad did as was commanded:
11 महलाह, तिरज़ाह, होगलाह, मिलकाह, तथा नोहा ने, जो ज़लोफेहाद की पुत्रियां थी, अपने ही गोत्र में से अपनी-अपनी पसंद के वर से विवाह कर लिया.
And Maala, and Thersa, and Hegla, and Melcha, and Noa were married to the sons of their uncle by their father,
12 उन्होंने योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह के पुत्रों के परिवार में से ही विवाह कर लिया, जिससे उनकी मीरास उन्हीं के गोत्र में उनके पिता के परिवारों ही के अधिकार में बनी रही.
Of the family of Manasses, who was the son of Joseph: and the possession that had been allotted to them, remained in the tribe and family of their father.
13 ये सभी वे आदेश तथा नियम हैं, जो मोशेह के द्वारा याहवेह ने इस्राएलियों को येरीख़ो के पास यरदन नदी के निकट मोआब के मैदानों में दिए थे.
These are the commandments and judgments, which the Lord commanded by the hand of Moses to the children of Israel, in the plains of Moab upon the Jordan over against Jericho.

< गिनती 36 >