< गिनती 3 >

1 जब याहवेह ने मोशेह से सीनायी पर्वत पर बातें की, तब मोशेह तथा अहरोन की पीढ़ियां इस प्रकार थीं:
وَهَذِهِ هِيَ مَوَالِيدُ هَروُنَ وَمُوسَى يَوْمَ خَاطَبَ الرَّبُّ مُوسَى فِي جَبَلِ سِينَاءَ:١
2 अहरोन के पुत्रों के नाम: जेठा पुत्र नादाब फिर अबीहू, एलिएज़र तथा इथामार.
هَذِهِ هِيَ أَسْمَاءُ أَبْنَاءِ هَرُونَ: نَادَابُ الْبِكْرُ، وَأَبِيهُو، وَأَلِعَازَارُ، وَإِيثَامَارُ،٢
3 अहरोन के ये पुत्र अभिषिक्त पुरोहित थे. इन्हें अहरोन ने ही पुरोहित होने के लिए अभिषिक्त किया था.
الَّذِينَ كَانُوا كَهَنَةً مَمْسُوحِينَ تَكَرَّسُوا لِلْكَهَنُوتِ.٣
4 इनमें नादाब तथा अबीहू की मृत्यु उस परिस्थिति में याहवेह के ही सामने हो गई थी, जब उन्होंने सीनायी के निर्जन प्रदेश के रास्ते याहवेह को भेंट चढ़ाई, किंतु उन्होंने अपवित्र आग का उपयोग किया. ये दोनों निस्संतान थे. इस कारण एलिएज़र तथा इथामार ही अपने पिता अहरोन के जीवनकाल में पुरोहित का काम करते रहे.
إِلّا أَنَّ نَادَابَ وَأَبِيهُو مَاتَا بَيْنَ يَدَيِ الرَّبِّ عِنْدَمَا قَرَّبَا نَاراً غَرِيبَةً أَمَامَهُ فِي صَحْرَاءِ سِينَاءَ، وَلَمْ يَكُنْ لَهُمَا بَنُون. وَأَمَّا أَلِعَازَارُ وَإِيثَامَارُ فَقَدْ قَامَا بِخِدْمَةِ الْكَهَنُوتِ تَحْتَ رِعَايَةِ أَبِيهِمَا هَرُونَ.٤
5 फिर याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٥
6 “लेवी गोत्र को बुलाकर उन्हें अहरोन की उपस्थिति में ले जाओ ताकि वे पुरोहित अहरोन की सहायता के लिए तैयार रहें.
«أَحْضِرْ سِبْطَ لاوِي لِيَمْثُلُوا أَمَامَ هَرُونَ الْكَاهِنِ وَيَخْدِمُوهُ.٦
7 वे मिलनवाले तंबू के सामने उपस्थित रहते हुए अहरोन तथा सारे इस्राएल के लिए अपनी सेवा किया करें, जिससे यह उनके लिए साक्षी के तंबू की सेवा हो.
وَيُحَافِظُوا عَلَى شَعَائِرِهِ وَشَعَائِرِ كُلِّ الشَّعْبِ أَمَامَ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَيَقُومُوا بِخِدْمَةِ الْمَسْكَنِ،٧
8 इस्राएलियों से ज़िम्मेदारियों को निभाने के अलावा वे मिलनवाले तंबू की वस्तुओं का ध्यान रखेंगे, यह उनकी साक्षी के तंबू संबंधित सेवा होगी.
وَيَحْرُسُوا كُلَّ أَمْتِعَةِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَيَنُوبُوا عَنِ الشَّعْبِ فِي تَأْدِيَةِ وَاجِبَاتِ خِدْمَةِ الْمَسْكَنِ.٨
9 इस प्रबंध के अंतर्गत तुम सारे लेवियों को अहरोन तथा उनके पुत्रों के अधीन कर दोगे, वे सारे इस्राएल में से उन्हें सौंप दिए गए हैं.
وَلْيَكُنِ اللّاوِيُّونَ تَحْتَ إِمْرَةِ هَرُونَ وَأَبْنَائِهِ هِبَةً لَهُ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ.٩
10 इस प्रकार तुम अहरोन तथा उसके पुत्रों को नियुक्त कर दोगे, कि वे पुरोहित के रूप में सेवा करते रहें, किंतु जो भी साधारण व्यक्ति साक्षी के तंबू के निकट आ जाए, उसे प्राण-दंड दे दिया जाए.”
أَمَّا هَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ فَهُمْ وَحْدُهُمْ يَقُومُونَ بِخِدْمَةِ الْكَهَنُوتِ، وَأَيُّ وَاحِدٍ سِوَاهُمْ يَقْتَرِبُ مِنَ الْمَقْدِسِ يُقْتَلُ».١٠
11 याहवेह ने मोशेह को यह आदेश भी दिया,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:١١
12 “अब यह देखो, मैंने लेवी को, सारे इस्राएल में से प्रत्येक पहलौठे के स्थान पर, अर्थात् उस संतान के स्थान पर, जो गर्भ का प्रथम फल होता है, अलग कर लिया है, कि लेवी सिर्फ मेरे होकर रहें.
«هَا إِنِّي قَدْ أَفْرَزْتُ اللّاوِيِّينَ مِنْ بَيْنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ بَدَلاً مِنْ أَبْكَارِ الشَّعْبِ، فَيَكُونُ اللّاوِيُّونَ خَاصَّتِي،١٢
13 क्योंकि सभी पहलौठे मेरे हैं. जिस दिन मैंने मिस्र देश में सारे पहिलौठों को मारा, मैंने इस्राएल के घराने में से सभी पहिलौठों को अपने लिए अलग कर लिया था; मनुष्यों एवं पशुओं, दोनों में से. वे मेरे रहेंगे. मैं याहवेह हूं.”
لأَنَّ كُلَّ بِكْرٍ مِنْ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ هُوَ لِي. فَقَدْ أَفْرَزْتُ لِي كُلَّ بِكْرٍ فِي إِسْرَائِيلَ مِنَ النَّاسِ وَالْبَهَائِمِ مُنْذُ أَنْ أَهْلَكْتُ كُلَّ بِكْرٍ فِي دِيَارِ مِصْرَ. لِي يَكُونُونَ. أَنَا الرَّبُّ».١٣
14 इसके बाद याहवेह ने सीनायी के निर्जन प्रदेश में मोशेह को यह आज्ञा दी,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى فِي صَحْرَاءِ سِينَاءَ:١٤
15 “तुम लेवी के वंश की, उनके गोत्र तथा उनके परिवारों के अनुसार, गिनती करोगे; हर एक नर बालक की जिसकी आयु एक महीने से अधिक है.”
«أَحْصِ كُلَّ ذَكَرٍ مِنْ أَبْنَاءِ سِبْطِ لاوِي مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ وَعَشَائِرِهِمْ».١٥
16 इसलिये मोशेह ने उन्हें जैसी आज्ञा दी थी, याहवेह की आज्ञा के अनुसार उनकी गिनती की.
فَأَحْصَاهُمْ مُوسَى وَفْقاً لأَمْرِ الرَّبِّ.١٦
17 उनके नामों के अनुसार लेवी के पुत्र इस प्रकार थे: गेरशोन, कोहाथ, तथा मेरारी.
وَهَذِهِ هِيَ أَسْمَاءُ أَبْنَاءِ لاوِي: جَرْشُونُ وَقَهَاتُ وَمَرَارِي.١٧
18 परिवारों के अनुसार गेरशोन के पुत्र: लिबनी तथा शिमेई.
أَمَّا اسْمَا ابْنَيْ جَرْشُونَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمَا، فَهُمَا: لِبْنِي وَشِمْعِي١٨
19 परिवारों के अनुसार कोहाथ के पुत्र: अमराम, इज़हार, हेब्रोन तथा उज्ज़िएल.
وَبَنُو قَهَاتَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ هُمْ: عَمْرَامُ وَيِصْهَارُ وَحَبْرُونُ وَعُزِّيئِيلُ.١٩
20 परिवारों के अनुसार मेरारी के पुत्र: माहली तथा मूशी ये ही हैं. लेवियों के परिवार उनके पितरों के घरानों के अनुसार.
وَابْنَا مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمَا هُمَا مَحْلِي وَمُوشِي. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ اللّاوِيِّينَ وَفْقاً لِبُيُوتِ آبَائِهِمْ.٢٠
21 गेरशोन से लिबनियों तथा शिमेईयों के परिवारों का गोत्र निकला और ये गेरशोनियों का परिवार कहलाए.
فَقَدْ تَفَرَّعَ عَنْ جَرْشُونَ عَشِيرَتَا اللِّبْنِيِّينَ وَالشِّمْعِيِّينَ. هَاتَانِ هُمَا عَشِيرَتَا الْجَرْشُونِيِّينَ.٢١
22 जब एक माह से ऊपर की अवस्था के नर गिने गए; उनकी संख्या 7,500 थी.
وَكَانَ عَدَدُ الذُّكُورِ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُمَا مِنِ ابْنِ شَهْرٍ وَمَا فَوْقُ، سَبْعَةَ آلافٍ وَخَمْسَ مِئَةٍ.٢٢
23 गेरशोनियों के परिवारों के लिए यह तय किया गया कि वे साक्षी के तंबू के पीछे पश्चिम दिशा में अपने शिविर डाला करेंगे.
وَقَدْ خَيَّمَتْ عَشِيرَتَا الْجَرْشُونِيِّينَ وَرَاءَ الْمَسْكَنِ إِلَى الْغَرْبِ،٢٣
24 गेरशोनियों के घराने का प्रधान था लाएल का पुत्र एलियासाफ़.
وَكَانَ رَئِيسُهُمَا أَلِيَاسَافَ بْنَ لايِلَ٢٤
25 गेरशोन-वंशजों के लिए मिलनवाले तंबू के संबंध में निर्धारित कार्य था साक्षी के तंबू का आंगन, उसके आवरण तथा मिलनवाले तंबू के द्वार का पर्दा,
وَعُهِدَ إِلَى الْجَرْشُونِيِّينَ بِحِرَاسَةِ الْمَسْكَنِ فِي خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ وَالْخَيْمَةِ وَغِطَائِهَا وَسَتَائِرِ بَابِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ،٢٥
26 आंगन के पर्दे, उस आंगन के द्वार का पर्दा, जो वेदी एवं साक्षी के तंबू के चारों ओर है, उसकी डोरियां, जो इनसे संबंधित विधियों के अनुसार प्रयोग की जाती हैं.
وَسَتَائِرِ الدَّارِ وَسِتَارَةِ بَابِ الدَّارِ الَّتِي حَوْلَ الْمَسْكَنِ وَحَوْلَ جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ وَحِبَالِهِ مَعَ كُلِّ خِدْمَتِهِ.٢٦
27 कोहाथ से अमरामियों का, इज़हारियों का, हेब्रोनियों का तथा उज्जिएलियों के परिवारों का कुल निकला; ये ही कोहाथियों के परिवार थे.
وَتَفَرَّعَ عَنْ قَهَاتَ عَشَائِرُ الْعَمْرَامِيِّينَ وَالْيِصْهَارِيِّينَ وَالْحَبْرُونِيِّينَ وَالْعُزِّيئِيلِيِّينَ. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ الْقَهَاتِيِّينَ.٢٧
28 जब एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती की गई, तो संख्या 8,600 पाई गई. ये पवित्र स्थान से संबंधित कार्य किया करते थे.
فَكَانَ عَدَدُ الذُّكُورِ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُمْ مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، ثَمَانِيَةَ آلافٍ وَسِتَّ مِئَةٍ. وَمُهِمَّتُهُمْ حِرَاسَةُ الْقُدْسِ.٢٨
29 इनके शिविर डालने के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू का दक्षिणी इलाका था.
وَتُخَيِّمُ عَشَائِرُ بَنِي قَهَاتَ فِي جَنُوبِيِّ الْمَسْكَنِ،٢٩
30 कोहाथियों के गोत्रों के परिवारों का प्रधान था उज्ज़िएल का पुत्र एलिज़ाफ़ान.
وَكَانَ رَئِيسُهَا أَلِيصَافَانَ بْنَ عُزِّيئِيلَ.٣٠
31 इनके लिए ठहराई हुई ज़िम्मेदारी थी: वाचा का संदूक, मेज़, दीवट, वेदियां, उन्हीं के द्वारा उपयोग किए जानेवाले पवित्र स्थान के सारे बर्तन, पर्दे तथा उनसे संबंधित सारी सेवाएं.
وَهُمْ يَتَوَلَّوْنَ حِرَاسَةَ التَّابُوتِ وَالْمَائِدَةِ وَالْمَنَارَةِ وَالْمَذْبَحَيْنِ وَأَمْتِعَةِ الْقُدْسِ الَّتِي يَخْدُمُونَ بِها، وَالْحِجَابِ وَكُلِّ مَا يَتَعَلَّقُ بِهِ.٣١
32 लेवियों का प्रमुख प्रधान था पुरोहित अहरोन का पुत्र एलिएज़र. इसे ही पवित्र स्थान से संबंधित सारी सेवाओं की देखभाल करनी होती थी.
أَمَّا رَئِيسُ رُؤَسَاءِ اللّاوِيِّينَ أَلِعَازَارُ بْنُ هَرُونَ الْكَاهِنِ فَيَتَوَلَّى أَيْضاً أَمْرَ حُرَّاسِ حِرَاسَةِ الْقُدْسِ.٣٢
33 मेरारी से माहलियों तथा मुशियों के परिवारों का कुल निकला, जो मेरारी के परिवार कहलाए.
وَتَفَرَّعَ عَنْ مَرَارِي عَشِيرَتَا الْمَحْلِيِّينَ وَالْمُوشِيِّينَ. هَاتَانِ هُمَا عَشِيرَتَا مَرَارِي.٣٣
34 जब एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष गिने गए; उनकी संख्या 6,200 थी.
فَكَانَ عَدَدُ الذُّكُورِ الْمُحْصَيْنَ مِنْهُمَا مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، سِتَّةَ آلافٍ وَمِئَتَيْنِ،٣٤
35 मेरारी के कुल के परिवारों का प्रधान था अबीहाइल का पुत्र ज़ूरिएल. इनके शिविर के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू के उत्तर में था.
وَرَئِيسُهُمَا صُورِيئِيلُ بْنُ أَبِيحَايِلَ. وَتُخَيِّمَانِ إِلَى شِمَالِيِّ الْمَسْكَنِ.٣٥
36 मेरारी के वंशजों के लिए ठहराया हुआ कार्य यह था: साक्षी के तंबू के चौखट, उसकी छड़ें, उसके खंभे, उसके आधारपात्र, उसका सारा सामान तथा इन सबसे संबंधित सारे कार्य,
وَمُهِمَّةُ أَبْنَاءِ مَرَارِي حِرَاسَةُ أَلْوَاحِ الْمَسْكَنِ وَعَوَارِضِهِ وَقَوَاعِدِهَا وَكُلِّ أَوَانِيهِ وَالْعِنَايَةُ بِها،٣٦
37 तथा आंगन के आस-पास के खंभे तथा उनके आधारपात्र, उनकी खूंटियां तथा उनकी डोरियां.
وَأَعْمِدَةِ جَوَانِبِ الدَّارِ وَقَوَاعِدِهَا وَأَوْتَادِهَا وَحِبَالِهَا.٣٧
38 वे, जिन्हें सूर्योदय की दिशा, साक्षी के तंबू के पूर्व में मिलनवाले तंबू के सामने शिविर डालने के लिए नियुक्त किया गया था, वे मोशेह एवं अहरोन तथा उनके पुत्र हैं. वे पवित्र स्थान से संबंधित कार्यों की रखवाली करेंगे, जो इस्राएल के प्रति उनका कर्तव्य होगा. किंतु यदि कोई साधारण व्यक्ति पवित्र स्थान के निकट आए, तो उसको मार दिया जायेगा.
أَمَّا مُوسَى وَهَرُونُ وَأَبْنَاؤُهُ فَيَنْزِلُونَ قُدَّامَ الْمَسْكَنِ إِلَى الشَّرْقِ لِيَقُومُوا بِحِرَاسَةِ الْمَقْدِسِ نِيَابَةً عَنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَأَيُّ وَاحِدٍ سِوَاهُمْ يَقْتَرِبُ مِنْهُ يُقْتَلُ.٣٨
39 याहवेह द्वारा मोशेह एवं अहरोन को दी गई आज्ञा के अंतर्गत, जो गिनती उनके परिवारों के अनुसार की गई थी, हर एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष की गिनती से प्राप्‍त कुल संख्या थी 22,000.
فَكَانَ مَجْمُوعُ الْمُحْصَيْنَ مِنْ ذُكُورِ اللّاوِيِّينَ مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، الَّذِينَ أَحْصَاهُمْ مُوسَى وَهَرُونُ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ، اثْنَيْنِ وَعِشْرِينَ أَلْفاً.٣٩
40 इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “इस्राएल में एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती करो तथा उनके नामों की सूची बनाओ.
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «أَحْصِ كُلَّ بِكْرٍ ذَكَرٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، وَدَوِّنْ أَسْمَاءَهُمْ جَمِيعاً،٤٠
41 इस्राएल के घराने के पहिलौठों के तथा इस्राएल के पशुओं के पहिलौठों के स्थान पर तुम मेरे लिए लेवियों को अलग कर लोगे. मैं ही वह याहवेह हूं.”
فَتَفْرِزُ لِيَ اللّاوِيِّينَ، أَنَا الرَّبُّ، لِيَكُونُوا لِي بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَكَذَلِكَ بَهَائِمَ اللّاوِيِّينَ بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَهَائِمِ بَنِي إِسْرَائِيلَ».٤١
42 इसलिये मोशेह ने इस्राएल के घराने के सभी पहिलौंठों की गिनती की, जैसा कि उन्हें याहवेह की ओर से आज्ञा दी गई थी.
فَأَحْصَى مُوسَى أَبْكَارَ بَنِي إِسْرَائِيلَ كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ،٤٢
43 ये सभी एक महीने से अधिक आयु के पुरुष थे, जिनकी गिनती नामों एवं संख्या के आधार पर की गई. इनकी संख्या कुल 22,273 हुई.
فَكَانَ مَجْمُوعُ عَدَدِ الذُّكُورِ الأَبْكَارِ الْمُحْصَيْنَ، كُلٍّ بِاسْمِهِ، مِنِ ابْنِ شَهْرٍ فَمَا فَوْقُ، اثْنَيْنِ وَعِشْرِينَ أَلْفاً وَمِئَتَيْنِ وَثَلاثَةً وَسَبْعِينَ.٤٣
44 इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى:٤٤
45 “इस्राएल के घराने के सभी पहिलौठों के स्थान पर, लेवियों एवं उनके पशुओं को अलग कर लो. लेवी मेरे होंगे. मैं ही वह याहवेह हूं.
«أَفْرِزِ اللّاوِيِّينَ بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَكَذَلِكَ بَهَائِمَ اللّاوِيِّينَ بَدَلَ بَهَائِمِهِمْ، فَيَكُونَ اللّاوِيُّونَ خَاصَّتِي، أَنَا الرَّبَّ.٤٥
46 इस्राएल के घराने के 273 पहिलौठों की छुड़ौती के लिए, जो लेवियों की संख्या से अधिक हैं,
وَأَمَّا فِدَاءُ الْمِئَتَيْنِ وَالثَّلاثَةِ وَالسَّبْعِينَ مِنْ أَبْكَارِ بَنِي إِسْرَائِيلَ الزَّائِدِينَ عَنْ عَدَدِ اللّاوِيِّينَ،٤٦
47 तुम प्रति व्यक्ति पांच शेकेल लोगे; तथा ये शेकेल पवित्र स्थान के मानक शेकेल होंगे एक शेकेल में बीस गेराह.
فَتَأْخُذُ عَنْ كُلِّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ خَمْسَةَ شَوَاقِلَ (نَحْوَ سِتِّينَ جِرَاماً) مِنَ الْفِضَّةِ وَفْقاً لِلْوَزْنِ الْمُعْتَمَدِ فِي الْقُدْسِ فَيَكُونُ كُلُّ عِشْرِينَ جِيرَةً مُعَادِلَةً لِشَاقِلٍ (أَيْ لاثْنَيْ عَشَرَ جِرَاماً).٤٧
48 तुम यह छुड़ौती की राशि अहरोन तथा उसके पुत्रों को सौंप दोगे.”
وَتُعْطِي الْفِضَّةَ لِهَرُونَ وَأَبْنَائِهِ فِدْيَةً عَنِ الأَبْكَارِ الزَّائِدِينَ عَنْ عَدَدِ اللّاوِيِّينَ»٤٨
49 इसलिये मोशेह ने उन व्यक्तियों से, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे, वह छुड़ौती की राशि इकट्ठी कर ली, उनके अलावा, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे.
فَجَمَعَ مُوسَى فِضَّةَ الْفِدْيَةِ مِنَ الزَّائِدِينَ عَنْ عَدَدِ اللّاوِيِّينَ فِدَاءً لَهُمْ.٤٩
50 इस्राएल के पहिलौठों से उन्होंने पवित्र स्थान के मानक शेकेल में धनराशि इकट्ठी कर ली, जो 1,365 शेकेल थी.
جَبَاهَا مِنْ أَبْكَارِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَكَانَتْ أَلْفاً وَثَلاثَ مِئَةٍ وَخَمْسَةً وَسِتِّينَ مِنَ الْفِضَّةِ عَلَى شَاقِلِ الْقُدْسِ (نَحْوَ سِتَّةَ عَشَرَ كِيلُو جِرَاماً وَثُلْثٍ).٥٠
51 यह राशि मोशेह ने अहरोन एवं उसके पुत्रों को, याहवेह के आदेश के अनुसार, जैसा आदेश उन्होंने मोशेह को दिया था, सौंप दी.
وَأَعْطَى مُوسَى فِضَّةَ الْفِدْيَةِ لِهَرُونَ وَأَبْنَائِهِ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ.٥١

< गिनती 3 >