< गिनती 27 >

1 तब योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह के परिवार से माखीर के पुत्र गिलआद के पुत्र हेफेर के पुत्र ज़लोफेहाद की पुत्रियां, जिनके नाम महलाह, नोहा, होगलाह, मिलकाह तथा तिरज़ाह थे,
Accesserunt autem filiae Salphaad, filii Hepher, filii Galaad, filii Machir, filii Manasse, qui fuit filius Ioseph: quarum sunt nomina, Maala, et Noa, et Hegla, et Melcha, et Thersa.
2 मोशेह, एलिएज़र तथा प्रधानों एवं सारी सभा की उपस्थिति में मिलनवाले तंबू के द्वार पर एकत्र हुईं. उन्होंने यह विनती की,
Steteruntque coram Moyse et Eleazaro sacerdote, et cunctis principibus populi ad ostium tabernaculi foederis, atque dixerunt:
3 “हमारे पिता की मृत्यु तो बंजर भूमि में ही हो चुकी थी. वह उनमें शामिल नहीं थे, जो कोराह के साथ मिलकर याहवेह के विरुद्ध हो गए थे, उनकी मृत्यु उन्हीं के पाप में हो गई. उनके कोई पुत्र न था.
Pater noster mortuus est in deserto, nec fuit in seditione, quae concitata est contra Dominum sub Core, sed in peccato suo mortuus est: hic non habet mares filios. Cur tollitur nomen illius de familia sua, quia non habuit filium? Date nobis possessionem inter cognatos patris nostri.
4 उनके कोई पुत्र न होने के कारण भला उनके परिवार में से उनका नाम क्यों मिट जाए? कृपया हमारे भाइयों के बीच में से हमें एक भाग दिया जाए.”
Retulitque Moyses causam earum ad iudicium Domini.
5 फिर मोशेह ने यह विषय याहवेह के सामने रख दिया,
Qui dixit ad eum:
6 तब याहवेह ने मोशेह को यह उत्तर दिया,
Iustam rem postulant filiae Salphaad: da eis possessionem inter cognatos patris sui, et ei in hereditatem succedant.
7 “ज़लोफेहाद की पुत्रियों ने सुसंगत विषय प्रस्तुत किए हैं. ज़रूरी है कि तुम उन्हें उनके पिता के भाइयों के बीच में एक मीरास का अंश प्रदान करो. तुम उनके पिता की मीरास उनके नाम लिख दोगे.
Ad filios autem Israel loqueris haec:
8 “तुम इस्राएल के घराने को यह भी सूचित करोगे, ‘यदि किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, जिसके कोई पुत्र ही नहीं है, तब उसकी मीरास उसकी पुत्री के नाम कर देना.
Homo cum mortuus fuerit absque filio, ad filiam eius transibit hereditas.
9 यदि उसके कोई पुत्री भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके भाइयों के नाम कर दोगे.
si filiam non habuerit, habebit successores fratres suos.
10 यदि उसके कोई भाई भी नहीं हो, तब तुम उसके पिता के भाइयों को उसकी मीरास प्रदान कर दोगे.
quod si et fratres non fuerint, dabitis hereditatem fratribus patris eius.
11 यदि उसके पिता के कोई भाई भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके परिवार में उसके ही निकटतम संबंधी को प्रदान कर दोगे, वह मीरास उसकी हो जाएगी. यह इस्राएल के घराने के लिए न्याय की विधि होगी, ठीक जैसा आदेश याहवेह द्वारा मोशेह को दिया गया था.’”
sin autem nec patruos habuerit, dabitur hereditas his, qui ei proximi sunt. eritque hoc filiis Israel sanctum lege perpetua, sicut praecepit Dominus Moysi.
12 इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “तुम इस अबारिम पर्वत पर जाओ और उस देश पर दृष्टि डाल लो, जो मैंने इस्राएल के घराने को दे दिया है.
Dixit quoque Dominus ad Moysen: Ascende in montem istum Abarim, et contemplare inde Terram, quam daturus sum filiis Israel.
13 जब तुम इस देश को देख लोगे, तुम भी अपने भाई अहरोन के समान अपने लोगों में मिला लिए जाओगे,
cumque videris eam, ibis et tu ad populum tuum, sicut ivit frater tuus Aaron:
14 इसलिये, कि तुमने ज़िन के निर्जन प्रदेश में उस सोते के पास सारी सभा के सामने उनके द्वारा पैदा की गई विद्रोह की स्थिति में मेरी पवित्रता को प्रतिष्ठित करने के मेरे आदेश के विपरीत तुमने काम किया था.” (कादेश के ज़िन के निर्जन प्रदेश में यही था वह मेरिबाह का सोता.)
quia offendistis me in deserto Sin in contradictione multitudinis, nec sanctificare me voluistis coram ea super aquas. hae sunt aquae contradictionis in Cades deserti Sin.
15 फिर मोशेह ने याहवेह से विनती की,
Cui respondit Moyses:
16 “सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर, याहवेह, इस सभा के लिए एक अगुए को नियुक्त कर दें.
Provideat Dominus Deus spirituum omnis carnis, hominem, qui sit super multitudinem hanc:
17 वही उनके हक में सही रहेगा. वही उनका अगुआ होकर इस देश में प्रवेश करवाएगा, जिससे याहवेह की प्रजा की स्थिति वैसी न हो जाए, जैसी बिना चरवाहे की भेड़-बकरियों की हो जाती है.”
et possit exire et intrare ante eos, et educere eos vel introducere: ne sit populus Domini sicut oves absque pastore.
18 मोशेह के लिए याहवेह का उत्तर यह था, “नून के पुत्र यहोशू पर अपना हाथ रख दो-वह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसमें पवित्र आत्मा का वास है.
Dixitque Dominus ad eum: Tolle Iosue filium Nun virum in quo est Spiritus Dei, et pone manum tuam super eum.
19 उसे पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा करना और उन सबके सामने उसे नियुक्त करना.
Qui stabit coram Eleazaro sacerdote et omni multitudine:
20 अपने अधिकार का एक भाग तुम उस पर दे देना, कि इस्राएल के घराने की सारी सभा में उसके प्रति आज्ञाकारिता की भावना भर जाए.
et dabis ei praecepta cunctis videntibus, et partem gloriae tuae, ut audiat eum omnis synagoga filiorum Israel.
21 इसके अलावा, वह पुरोहित एलिएज़र पर निर्भर रहेगा, कि एलिएज़र उरीम के द्वारा उसके लिए याहवेह की इच्छा मालूम किया करेगा. उसी के आदेश पर वे कूच करेंगे, उसी की आज्ञा पर वे प्रवेश कर सकेंगे, दोनों ही स्वयं वह तथा इस्राएली, अर्थात् सारी सभा.”
Pro hoc, siquid agendum erit, Eleazar sacerdos consulet Dominum. Ad verbum eius egredietur et ingredietur ipse, et omnes filii Israel cum eo, et cetera multitudo.
22 मोशेह ने याहवेह की आज्ञा का पूरा-पूरा पालन किया. उन्होंने यहोशू को अपने साथ ले जाकर पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा कर दिया.
Fecit Moyses ut praeceperat Dominus. Cumque tulisset Iosue, statuit eum coram Eleazaro sacerdote et omni frequentia populi.
23 तब मोशेह ने योशुआ पर अपने हाथ रखे और उसे उत्तराधिकारी नियुक्त किया, ठीक जैसी आज्ञा उन्हें याहवेह से प्राप्‍त हुई थी.
Et impositis capiti eius manibus, cuncta replicavit quae mandaverat Dominus.

< गिनती 27 >