< गिनती 16 >

1 इस समय कोराह, जिसका पिता इज़हार था, जिसका पिता कोहाथ था, जो लेवी का पुत्र था; तथा दाथान और अबीराम, जो एलियाब के पुत्र थे, तथा ओन, जो पेलेथ का पुत्र था, आज्ञा न माननेवाले हो गए.
Ecce autem Core filius Isaar, filii Caath, filii Levi, et Dathan atque Abiron filii Eliab, Hon quoque filius Pheleth de filiis Ruben,
2 इन्होंने मोशेह के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई. इनके साथ इस्राएल में से 250 व्यक्ति भी शामिल हो गए, जो सभा के चुने हुए तथा नामी प्रधान थे.
surrexerunt contra Moysen, aliique filiorum Israel ducenti quinquaginta viri proceres synagogae, et qui tempore concilii per nomina vocabantur.
3 ये सभी मोशेह एवं अहरोन के विरोध में एकजुट होकर उनसे कहने लगे, “आप लोग तो बहुत ऊंचे उड़ने लगे हैं! इस्राएली समाज में हममें से हर एक ही पवित्र व्यक्ति है तथा उन सभी के बीच परमेश्वर का वास है. फिर आप ही स्वयं को याहवेह की प्रजा में सबके ऊपर क्यों दिखाते हैं?”
Cumque stetissent adversum Moysen et Aaron, dixerunt: Sufficiat vobis, quia omnis multitudo sanctorum est, et in ipsis est Dominus: Cur elevamini super populum Domini?
4 जब यह बातें मोशेह ने सुनी, वह मुंह के बल गिर पड़े.
Quod cum audisset Moyses, cecidit pronus in faciem:
5 तथा उन्होंने कोराह एवं उसकी सारी मण्डली को संबोधित करते हुए कहा, “कल सुबह याहवेह यह स्पष्ट कर देंगे कि वह किसके पक्ष में हैं, कौन पवित्र है तथा वही उसे अपने निकट बुलाएंगे. याहवेह जिस किसी को चुनेंगे, उसे ही अपने निकट बुला लेंगे.
locutusque ad Core et ad omnem multitudinem: Mane, inquit, notum faciet Dominus qui ad se pertineant, et sanctos applicabit sibi: et quos elegerit, appropinquabunt ei.
6 तुम्हें यह करना होगा: तुम सभी कोराह के घराने के लोग धूपदान तैयार रखना,
Hoc igitur facite: Tollat unusquisque thuribula sua, tu Core, et omne concilium tuum:
7 तुम कल याहवेह के सामने उनमें आग रख उस पर धूप डाल देना. जिस किसी को याहवेह चुनेंगे, वही होगा वह पवित्र व्यक्ति. ओ तुम लेवी के घराने, फूले जा रहे हो!”
et hausto cras igne, ponite desuper thymiama coram Domino: et quemcumque elegerit, ipse erit sanctus: multum erigimini filii Levi.
8 इसके बाद मोशेह ने यह कहा, “लेवी के घराने, अब यह सुन लो!
Dixitque rursum ad Core: Audite filii Levi:
9 क्या तुम्हारी समझ से यह कोई छोटा विषय है कि सारे इस्राएल के घराने में से इस्राएल के परमेश्वर ने तुम्हें अलग करना सही समझा है, कि वह तुम्हें अपने पास रखें, ताकि याहवेह के साक्षी तंबू संबंधी सेवा किया करें, तथा इस्राएल की सारी सभा के सामने उपस्थित होकर उनकी सेवा करें,
Num parum vobis est quod separavit vos Deus Israel ab omni populo, et iunxit sibi, ut serviretis ei in cultu tabernaculi, et staretis coram frequentia populi, et ministraretis ei?
10 तथा याहवेह ने तुम्हें और तुम्हारे सभी भाइयों को, जो लेवी के घराने के हैं, तुम्हारे साथ अपने पास रखा है?
idcirco ad se fecit accedere te et omnes fratres tuos filios Levi, ut vobis etiam sacerdotium vindicetis,
11 फिर तुम एवं तुम्हारे ये सारे साथी आज वस्तुतः स्वयं याहवेह के विरुद्ध खड़े हो गए हो. अहरोन है ही कौन, जो तुम उसके विरुद्ध बड़बड़ा रहे हो?”
et omnis globus tuus stet contra Dominum? quis est enim Aaron ut murmuretis contra eum?
12 मोशेह ने आज्ञा दी कि एलियाब के पुत्र दाथान तथा अबीराम उनके सामने लाए जाएं. उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं आएंगे!
Misit ergo Moyses ut vocaret Dathan et Abiron filios Eliab. Qui responderunt: Non venimus.
13 क्या यह कोई छोटा विषय है कि आप हमें एक ऐसे देश से, जिसमें दूध और मधु का भण्ड़ार है, निकालकर यहां निर्जन प्रदेश में मरने के लिए ले आए हैं, कि आप स्वयं को हम पर शासक बना बैठें?
numquid parum est tibi quod eduxisti nos de terra, quae lacte et melle manabat, ut occideres in deserto, nisi et dominatus fueris nostri?
14 इसके अलावा, आप हमें ऐसे किसी देश में नहीं ले आए हैं, जहां दूध और मधु का भण्ड़ार है, और न ही आपने हमें ऐसी मीरास दी है, जहां खेत तथा अंगूरों के बगीचे हैं. क्या मतलब है आपका, आप इनकी आंखें निकालना चाह रहे हैं? हम वहां नहीं आएंगे!”
Revera induxisti nos in terram, quae fluit rivis lactis et mellis, et dedisti nobis possessiones agrorum et vinearum. an et oculos nostros vis eruere? non venimus.
15 मोशेह बहुत ही क्रोधित हो गए. उन्होंने याहवेह से कहा, “उनकी भेंट स्वीकार न कीजिए. मैंने न तो उनसे एक गधा भी लिया है, न मैंने उनमें से एक की भी कोई हानि की है.”
Iratusque Moyses valde, ait ad Dominum: Ne respicias sacrificia eorum: tu scis quod nec asellum quidem umquam acceperim ab eis, nec afflixerim quempiam eorum.
16 मोशेह ने कोराह को आज्ञा दी, “कल तुम तथा तुम्हारे सभी साथी याहवेह के सामने उपस्थित होंगे—तुम तथा तुम्हारे साथी एवं अहरोन.
Dixitque ad Core: Tu, et omnis congregatio tua, state seorsum coram Domino, et Aaron die crastino separatim.
17 तुममें से हर एक अपने-अपने धूपदान में धूप रखे और हर एक अपना अपना धूपदान याहवेह के सामने ले आए, ये सब 250 धूपदान होंगे, तुम्हारे और अहरोन के धूपदान भी होंगे.”
Tollite singuli thuribula vestra, et ponite super ea incensum, offerentes Domino ducenta quinquaginta thuribula: Aaron quoque teneat thuribulum suum.
18 तब इनमें से हर एक ने अपना अपना धूपदान लिया, उसमें आग रखी तथा आग पर धूप. तब वे सभी मोशेह एवं अहरोन के साथ मिलनवाले तंबू के सामने खड़े हो गए.
Quod cum fecissent, stantibus Moyses et Aaron,
19 कोराह ने मिलनवाले तंबू के सामने सारे इस्राएल के घराने को इकट्ठा कर लिया. तब याहवेह का प्रताप सारी इस्राएली सभा पर प्रकाशमान हुआ.
et coacervassent adversum eos omnem multitudinem ad ostium tabernaculi, apparuit cunctis gloria Domini.
20 याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को संबोधित किया,
Locutusque Dominus ad Moysen et Aaron, ait:
21 “तुम दोनों स्वयं को इस समूह से अलग कर लो कि मैं इन्हें पलक झपकते ही भस्म कर दूं.”
Separamini de medio congregationis huius, ut eos repente disperdam.
22 यह सुन वे दोनों मुंह के बल गिर पड़े. उन्होंने याहवेह से विनती की, “परमेश्वर, आप, जो सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर हैं, क्या आप इस व्यक्ति के पाप का दंड पूरे समाज को दे देंगे?”
Qui ceciderunt proni in faciem, atque dixerunt: Fortissime Deus spirituum universae carnis, num uno peccante, contra omnes ira tua desaeviet?
23 याहवेह ने मोशेह को उत्तर दिया,
Et ait Dominus ad Moysen:
24 “सारी इस्राएली सभा को आज्ञा दो, ‘वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर चले जाएं.’”
Praecipe universo populo ut separetur a tabernaculis Core, et Dathan et Abiron.
25 फिर मोशेह दाथान एवं अबीराम की ओर बढ़े और इस्राएल के पुरनिये उनके पीछे-पीछे चलने लगे.
Surrexitque Moyses, et abiit ad Dathan et Abiron: et sequentibus eum senioribus Israel,
26 मोशेह ने इस्राएली सभा को आज्ञा दी, “कृपा कर इन दुष्ट व्यक्तियों के शिविरों से दूर हो जाओ तथा उनकी किसी भी वस्तु को नहीं छूना, नहीं तो तुम भी उनके सारे पापों के साथ समेट लिए जाओगे.”
dixit ad turbam: Recedite a tabernaculis hominum impiorum, et nolite tangere quae ad eos pertinent, ne involvamini in peccatis eorum.
27 तब वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर हट गए. दाथान तथा अबीराम बाहर आकर अपनी-अपनी पत्नियों तथा बच्चों के साथ शिविर के द्वार पर खड़े हो गए.
Cumque recessissent a tentoriis eorum per circuitum, Dathan et Abiron egressi stabant in introitu papilionum suorum cum uxoribus et liberis, omnique frequentia.
28 मोशेह ने घोषणा की, “अब तुम्हें यह अहसास हो जाएगा, कि ये सारे काम करने की जवाबदारी मुझे स्वयं याहवेह द्वारा सौंपी गई है, यह मेरी बनाई योजना नहीं हैं.
Et ait Moyses: In hoc scietis, quod Dominus miserit me ut facerem universa quae cernitis, et non ex proprio ea corde protulerim:
29 यदि इन व्यक्तियों का निधन अन्य मनुष्यों के समान स्वाभाविक रीति से हो जाए या इनकी नियति सारी मानव जाति के समान हो, तब समझ लेना कि मैं याहवेह का भेजा हुआ नहीं हूं.
Si consueta hominum morte interierint, et visitaverit eos plaga, qua et ceteri visitari solent, non misit me Dominus:
30 किंतु यदि याहवेह आज कुछ असाधारण काम कर दिखाते हैं, यदि आज भूमि अपना मुख खोल इन्हें, इनकी सारी संपत्ति को निगल लेती है, कि वे जीवित ही भूमि में समा जाएं, तब तुम्हें यह निश्चय हो जाएगा, कि इन लोगों ने याहवेह को तुच्छ समझा है.” (Sheol h7585)
sin autem novam rem fecerit Dominus, ut aperiens terra os suum deglutiat eos et omnia quae ad illos pertinent, descenderintque viventes in infernum, scietis quod blasphemaverint Dominum. (Sheol h7585)
31 जैसे ही मोशेह का यह कहना समाप्‍त हुआ, उनके नीचे भूमि फटकर खुल गई;
Confestim igitur ut cessavit loqui, dirupta est terra sub pedibus eorum:
32 पृथ्वी ने, मानो अपना मुंह खोल, उन्हें निगल लिया; उनके घर-परिवारों को, कोराह के सभी संबंधियों को उन सब की संपत्ति सहित.
et aperiens os suum, devoravit illos cum tabernaculis suis et universa substantia eorum.
33 तब वे तथा उनकी सारी संपदा जीवित ही भूमि के गर्भ में समा गए और भूमि उनके ऊपर अपनी पहले की सी स्थिति में आ गई, वे इस्राएल की सभा के बीच से मिट गए. (Sheol h7585)
descenderuntque vivi in infernum operti humo, et perierunt de medio multitudinis. (Sheol h7585)
34 उनके आस-पास के सारे इस्राएली उनकी चिल्लाहट सुनकर वहां से भाग गए, इस भय से, “कहीं भूमि हमें भी अपना कौर न बना ले!”
At vero omnis Israel, qui stabat per gyrum, fugit a clamore pereuntium, dicens: Ne forte et nos terra deglutiat.
35 तब याहवेह की ओर से भेजी गई आग ने उन ढाई सौ व्यक्तियों को भस्म कर दिया, जो धूप भेंट कर रहे थे.
Sed et ignis egressus a Domino, interfecit ducentos quinquaginta viros, qui offerebant incensum.
36 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
Locutusque est Dominus ad Moysen, dicens:
37 “पुरोहित अहरोन के पुत्र एलिएज़र को आज्ञा दो, कि वह इस जलती हुई आग के बीच में से धूपदानों को इकट्ठा कर ले, क्योंकि वे पवित्र वस्तुएं हैं. उनमें के जलते हुए अंगारों को इधर-उधर बिखरा दो.
Praecipe Eleazaro filio Aaron sacerdotis ut tollat thuribula quae iacent in incendio, et ignem huc illucque dispergat: quoniam sanctificata sunt
38 उन व्यक्तियों ने अपने प्राणों के मूल्य पर यह पाप किया है, उनके धूपदानों को इकट्ठा कर उन्हें पीट-पीटकर पत्रक बना लो ताकि वे वेदी पर मढ़ने के लिए इस्तेमाल किए जाएं. वे पवित्र वस्तुएं हैं, क्योंकि उन्होंने इन्हें याहवेह को भेंट किया था. यह इस्राएल के घराने के सामने एक चिन्ह हो जाएगा.”
in mortibus peccatorum: producatque ea in laminas, et affigat altari, eo quod oblatum sit in eis incensum Domino, et sanctificata sint, ut cernant ea pro signo et monimento filii Israel.
39 तब उन व्यक्तियों के द्वारा भेंट धूपदानों को, जो इस आग में नाश हो चुके थे, एलिएज़र ने इकट्ठा किया और उन्होंने इन्हें पीट-पीटकर वेदी पर मढ़ने का पत्रक बना डाला.
Tulit ergo Eleazar sacerdos thuribula aenea, in quibus obtulerant hi quos incendium devoravit, et produxit ea in laminas, affigens altari:
40 यह सारे इस्राएल के सामने एक चेतावनी थी, कि कोई भी व्यक्ति, जो अहरोन के वंश का नहीं है, वह याहवेह के सामने आकर धूप न चढ़ाए, कि उसकी दशा वह न हो जो कोराह एवं उसके साथियों की हुई, ठीक जैसी पूर्वघोषणा मोशेह के द्वारा याहवेह ने की थी.
ut haberent postea filii Israel, quibus commonerentur ne quis accedat alienigena, et qui non est de semine Aaron ad offerendum incensum Domino, ne patiatur sicut passus est Core, et omnis congregatio eius, loquente Domino ad Moysen.
41 किंतु दूसरे ही दिन सारा इस्राएल का घराना मोशेह एवं अहरोन के विरोध में इस प्रकार बड़बड़ाने लगा. “तुम दोनों ही के कारण याहवेह के इन चुने हुओं की मृत्यु हुई है.”
Murmuravit autem omnis multitudo filiorum Israel sequenti die contra Moysen et Aaron, dicens: Vos interfecistis populum Domini.
42 किंतु उसी समय हुआ यह, कि जब सारी सभा मोशेह एवं अहरोन के विरोध में खड़ी हो चुकी थी, वे मिलनवाले तंबू की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, यह सामने देखा गया कि मिलनवाले तंबू पर वह बादल छा गया तथा वहां याहवेह का प्रताप प्रकट हो गया.
Cumque oriretur seditio, et tumultus incresceret,
43 फिर मोशेह एवं अहरोन मिलनवाले तंबू के सामने जा खड़े हुए.
Moyses et Aaron fugerunt ad tabernaculum foederis. Quod, postquam ingressi sunt, operuit nubes, et apparuit gloria Domini.
44 याहवेह ने मोशेह को संबोधित कर कहा,
Dixitque Dominus ad Moysen:
45 “इस सभा से दूर चले जाओ कि मैं इन्हें इसी क्षण भस्म कर दूं.” वे यह सुन मुंह के बल गिर पड़े.
Recedite de medio huius multitudinis, etiam nunc delebo eos. Cumque iacerent in terra,
46 मोशेह ने अहरोन को आज्ञा दी, “अपने धूपदान में वेदी की आग डालकर उस पर धूप डाल दो और बिना देर किए इसे सभा के निकट लाकर उनके लिए प्रायश्चित करो, क्योंकि याहवेह का क्रोध उन पर भड़क चुका है, महामारी शुरू हो चुकी है.”
dixit Moyses ad Aaron: Tolle thuribulum, et hausto igne de altari, mitte incensum desuper, pergens cito ad populum ut roges pro eis: iam enim egressa est ira a Domino, et plaga desaevit.
47 अहरोन ने ठीक यही किया. वह दौड़ता हुआ सभा के बीच जा पहुंचा, क्योंकि यह दिख रहा था कि लोगों के बीच में महामारी शुरू हो चुकी थी. फिर अहरोन ने धूप जलाकर लोगों के लिए प्रायश्चित किया.
Quod cum fecisset Aaron, et cucurrisset ad mediam multitudinem, quam iam vastabat incendium, obtulit thymiama:
48 वह मरे हुओं और जीवितों के बीच में खड़ा हो गया, जिससे महामारी शांत हो गई.
et stans inter mortuos ac viventes, pro populo deprecatus est, et plaga cessavit.
49 किंतु फिर भी, जिनकी मृत्यु इस महामारी से हुई थी उनकी संख्या 14,700 हो चुकी थी. यह उनके अलावा थी, जो कोराह के कारण हो चुकी थी.
Fuerunt autem qui percussi sunt, quattuordecim millia hominum, et septingenti, absque his qui perierant in seditione Core.
50 फिर अहरोन मोशेह के पास लौट गया, जो इस समय मिलनवाले तंबू के द्वार पर खड़े हुए थे, क्योंकि अब महामारी शांत हो चुकी थी.
Reversusque est Aaron ad Moysen ad ostium tabernaculi foederis postquam quievit interitus.

< गिनती 16 >