< गिनती 16 >

1 इस समय कोराह, जिसका पिता इज़हार था, जिसका पिता कोहाथ था, जो लेवी का पुत्र था; तथा दाथान और अबीराम, जो एलियाब के पुत्र थे, तथा ओन, जो पेलेथ का पुत्र था, आज्ञा न माननेवाले हो गए.
וַיִּקַּ֣ח קֹ֔רַח בֶּן־יִצְהָ֥ר בֶּן־קְהָ֖ת בֶּן־לֵוִ֑י וְדָתָ֨ן וַאֲבִירָ֜ם בְּנֵ֧י אֱלִיאָ֛ב וְא֥וֹן בֶּן־פֶּ֖לֶת בְּנֵ֥י רְאוּבֵֽן׃
2 इन्होंने मोशेह के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई. इनके साथ इस्राएल में से 250 व्यक्ति भी शामिल हो गए, जो सभा के चुने हुए तथा नामी प्रधान थे.
וַיָּקֻ֙מוּ֙ לִפְנֵ֣י מֹשֶׁ֔ה וַאֲנָשִׁ֥ים מִבְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל חֲמִשִּׁ֣ים וּמָאתָ֑יִם נְשִׂיאֵ֥י עֵדָ֛ה קְרִאֵ֥י מוֹעֵ֖ד אַנְשֵׁי־שֵֽׁם׃
3 ये सभी मोशेह एवं अहरोन के विरोध में एकजुट होकर उनसे कहने लगे, “आप लोग तो बहुत ऊंचे उड़ने लगे हैं! इस्राएली समाज में हममें से हर एक ही पवित्र व्यक्ति है तथा उन सभी के बीच परमेश्वर का वास है. फिर आप ही स्वयं को याहवेह की प्रजा में सबके ऊपर क्यों दिखाते हैं?”
וַיִּֽקָּהֲל֞וּ עַל־מֹשֶׁ֣ה וְעַֽל־אַהֲרֹ֗ן וַיֹּאמְר֣וּ אֲלֵהֶם֮ רַב־לָכֶם֒ כִּ֤י כָל־הָֽעֵדָה֙ כֻּלָּ֣ם קְדֹשִׁ֔ים וּבְתוֹכָ֖ם יְהוָ֑ה וּמַדּ֥וּעַ תִּֽתְנַשְּׂא֖וּ עַל־קְהַ֥ל יְהוָֽה׃
4 जब यह बातें मोशेह ने सुनी, वह मुंह के बल गिर पड़े.
וַיִּשְׁמַ֣ע מֹשֶׁ֔ה וַיִּפֹּ֖ל עַל־פָּנָֽיו׃
5 तथा उन्होंने कोराह एवं उसकी सारी मण्डली को संबोधित करते हुए कहा, “कल सुबह याहवेह यह स्पष्ट कर देंगे कि वह किसके पक्ष में हैं, कौन पवित्र है तथा वही उसे अपने निकट बुलाएंगे. याहवेह जिस किसी को चुनेंगे, उसे ही अपने निकट बुला लेंगे.
וַיְדַבֵּ֨ר אֶל־קֹ֜רַח וְאֶֽל־כָּל־עֲדָתוֹ֮ לֵאמֹר֒ בֹּ֠קֶר וְיֹדַ֨ע יְהוָ֧ה אֶת־אֲשֶׁר־ל֛וֹ וְאֶת־הַקָּד֖וֹשׁ וְהִקְרִ֣יב אֵלָ֑יו וְאֵ֛ת אֲשֶׁ֥ר יִבְחַר־בּ֖וֹ יַקְרִ֥יב אֵלָֽיו׃
6 तुम्हें यह करना होगा: तुम सभी कोराह के घराने के लोग धूपदान तैयार रखना,
זֹ֖את עֲשׂ֑וּ קְחוּ־לָכֶ֣ם מַחְתּ֔וֹת קֹ֖רַח וְכָל־עֲדָתֽוֹ׃
7 तुम कल याहवेह के सामने उनमें आग रख उस पर धूप डाल देना. जिस किसी को याहवेह चुनेंगे, वही होगा वह पवित्र व्यक्ति. ओ तुम लेवी के घराने, फूले जा रहे हो!”
וּתְנ֣וּ בָהֵ֣ן ׀ אֵ֡שׁ וְשִׂימוּ֩ עֲלֵיהֶ֨ן קְטֹ֜רֶת לִפְנֵ֤י יְהוָה֙ מָחָ֔ר וְהָיָ֗ה הָאִ֛ישׁ אֲשֶׁר־יִבְחַ֥ר יְהוָ֖ה ה֣וּא הַקָּד֑וֹשׁ רַב־לָכֶ֖ם בְּנֵ֥י לֵוִֽי׃
8 इसके बाद मोशेह ने यह कहा, “लेवी के घराने, अब यह सुन लो!
וַיֹּ֥אמֶר מֹשֶׁ֖ה אֶל־קֹ֑רַח שִׁמְעוּ־נָ֖א בְּנֵ֥י לֵוִֽי׃
9 क्या तुम्हारी समझ से यह कोई छोटा विषय है कि सारे इस्राएल के घराने में से इस्राएल के परमेश्वर ने तुम्हें अलग करना सही समझा है, कि वह तुम्हें अपने पास रखें, ताकि याहवेह के साक्षी तंबू संबंधी सेवा किया करें, तथा इस्राएल की सारी सभा के सामने उपस्थित होकर उनकी सेवा करें,
הַמְעַ֣ט מִכֶּ֗ם כִּֽי־הִבְדִּיל֩ אֱלֹהֵ֨י יִשְׂרָאֵ֤ל אֶתְכֶם֙ מֵעֲדַ֣ת יִשְׂרָאֵ֔ל לְהַקְרִ֥יב אֶתְכֶ֖ם אֵלָ֑יו לַעֲבֹ֗ד אֶת־עֲבֹדַת֙ מִשְׁכַּ֣ן יְהוָ֔ה וְלַעֲמֹ֛ד לִפְנֵ֥י הָעֵדָ֖ה לְשָׁרְתָֽם׃
10 तथा याहवेह ने तुम्हें और तुम्हारे सभी भाइयों को, जो लेवी के घराने के हैं, तुम्हारे साथ अपने पास रखा है?
וַיַּקְרֵב֙ אֹֽתְךָ֔ וְאֶת־כָּל־אַחֶ֥יךָ בְנֵי־לֵוִ֖י אִתָּ֑ךְ וּבִקַּשְׁתֶּ֖ם גַּם־כְּהֻנָּֽה׃
11 फिर तुम एवं तुम्हारे ये सारे साथी आज वस्तुतः स्वयं याहवेह के विरुद्ध खड़े हो गए हो. अहरोन है ही कौन, जो तुम उसके विरुद्ध बड़बड़ा रहे हो?”
לָכֵ֗ן אַתָּה֙ וְכָל־עֲדָ֣תְךָ֔ הַנֹּעָדִ֖ים עַל־יְהוָ֑ה וְאַהֲרֹ֣ן מַה־ה֔וּא כִּ֥י תַלִּ֖ינוּ עָלָֽיו׃
12 मोशेह ने आज्ञा दी कि एलियाब के पुत्र दाथान तथा अबीराम उनके सामने लाए जाएं. उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं आएंगे!
וַיִּשְׁלַ֣ח מֹשֶׁ֔ה לִקְרֹ֛א לְדָתָ֥ן וְלַאֲבִירָ֖ם בְּנֵ֣י אֱלִיאָ֑ב וַיֹּאמְר֖וּ לֹ֥א נַעֲלֶֽה׃
13 क्या यह कोई छोटा विषय है कि आप हमें एक ऐसे देश से, जिसमें दूध और मधु का भण्ड़ार है, निकालकर यहां निर्जन प्रदेश में मरने के लिए ले आए हैं, कि आप स्वयं को हम पर शासक बना बैठें?
הַמְעַ֗ט כִּ֤י הֶֽעֱלִיתָ֙נוּ֙ מֵאֶ֨רֶץ זָבַ֤ת חָלָב֙ וּדְבַ֔שׁ לַהֲמִיתֵ֖נוּ בַּמִּדְבָּ֑ר כִּֽי־תִשְׂתָּרֵ֥ר עָלֵ֖ינוּ גַּם־הִשְׂתָּרֵֽר׃
14 इसके अलावा, आप हमें ऐसे किसी देश में नहीं ले आए हैं, जहां दूध और मधु का भण्ड़ार है, और न ही आपने हमें ऐसी मीरास दी है, जहां खेत तथा अंगूरों के बगीचे हैं. क्या मतलब है आपका, आप इनकी आंखें निकालना चाह रहे हैं? हम वहां नहीं आएंगे!”
אַ֡ף לֹ֣א אֶל־אֶרֶץ֩ זָבַ֨ת חָלָ֤ב וּדְבַשׁ֙ הֲבִ֣יאֹתָ֔נוּ וַתִּ֨תֶּן־לָ֔נוּ נַחֲלַ֖ת שָׂדֶ֣ה וָכָ֑רֶם הַעֵינֵ֞י הָאֲנָשִׁ֥ים הָהֵ֛ם תְּנַקֵּ֖ר לֹ֥א נַעֲלֶֽה׃
15 मोशेह बहुत ही क्रोधित हो गए. उन्होंने याहवेह से कहा, “उनकी भेंट स्वीकार न कीजिए. मैंने न तो उनसे एक गधा भी लिया है, न मैंने उनमें से एक की भी कोई हानि की है.”
וַיִּ֤חַר לְמֹשֶׁה֙ מְאֹ֔ד וַיֹּ֙אמֶר֙ אֶל־יְהוָ֔ה אַל־תֵּ֖פֶן אֶל־מִנְחָתָ֑ם לֹ֠א חֲמ֨וֹר אֶחָ֤ד מֵהֶם֙ נָשָׂ֔אתִי וְלֹ֥א הֲרֵעֹ֖תִי אֶת־אַחַ֥ד מֵהֶֽם׃
16 मोशेह ने कोराह को आज्ञा दी, “कल तुम तथा तुम्हारे सभी साथी याहवेह के सामने उपस्थित होंगे—तुम तथा तुम्हारे साथी एवं अहरोन.
וַיֹּ֤אמֶר מֹשֶׁה֙ אֶל־קֹ֔רַח אַתָּה֙ וְכָל־עֲדָ֣תְךָ֔ הֱי֖וּ לִפְנֵ֣י יְהוָ֑ה אַתָּ֥ה וָהֵ֛ם וְאַהֲרֹ֖ן מָחָֽר׃
17 तुममें से हर एक अपने-अपने धूपदान में धूप रखे और हर एक अपना अपना धूपदान याहवेह के सामने ले आए, ये सब 250 धूपदान होंगे, तुम्हारे और अहरोन के धूपदान भी होंगे.”
וּקְח֣וּ ׀ אִ֣ישׁ מַחְתָּת֗וֹ וּנְתַתֶּ֤ם עֲלֵיהֶם֙ קְטֹ֔רֶת וְהִקְרַבְתֶּ֞ם לִפְנֵ֤י יְהוָה֙ אִ֣ישׁ מַחְתָּת֔וֹ חֲמִשִּׁ֥ים וּמָאתַ֖יִם מַחְתֹּ֑ת וְאַתָּ֥ה וְאַהֲרֹ֖ן אִ֥ישׁ מַחְתָּתֽוֹ׃
18 तब इनमें से हर एक ने अपना अपना धूपदान लिया, उसमें आग रखी तथा आग पर धूप. तब वे सभी मोशेह एवं अहरोन के साथ मिलनवाले तंबू के सामने खड़े हो गए.
וַיִּקְח֞וּ אִ֣ישׁ מַחְתָּת֗וֹ וַיִּתְּנ֤וּ עֲלֵיהֶם֙ אֵ֔שׁ וַיָּשִׂ֥ימוּ עֲלֵיהֶ֖ם קְטֹ֑רֶת וַֽיַּעַמְד֗וּ פֶּ֛תַח אֹ֥הֶל מוֹעֵ֖ד וּמֹשֶׁ֥ה וְאַהֲרֹֽן׃
19 कोराह ने मिलनवाले तंबू के सामने सारे इस्राएल के घराने को इकट्ठा कर लिया. तब याहवेह का प्रताप सारी इस्राएली सभा पर प्रकाशमान हुआ.
וַיַּקְהֵ֨ל עֲלֵיהֶ֥ם קֹ֙רַח֙ אֶת־כָּל־הָ֣עֵדָ֔ה אֶל־פֶּ֖תַח אֹ֣הֶל מוֹעֵ֑ד וַיֵּרָ֥א כְבוֹד־יְהוָ֖ה אֶל־כָּל־הָעֵדָֽה׃ פ
20 याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को संबोधित किया,
וַיְדַבֵּ֣ר יְהוָ֔ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה וְאֶֽל־אַהֲרֹ֖ן לֵאמֹֽר׃
21 “तुम दोनों स्वयं को इस समूह से अलग कर लो कि मैं इन्हें पलक झपकते ही भस्म कर दूं.”
הִבָּ֣דְל֔וּ מִתּ֖וֹךְ הָעֵדָ֣ה הַזֹּ֑את וַאַכַלֶּ֥ה אֹתָ֖ם כְּרָֽגַע׃
22 यह सुन वे दोनों मुंह के बल गिर पड़े. उन्होंने याहवेह से विनती की, “परमेश्वर, आप, जो सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर हैं, क्या आप इस व्यक्ति के पाप का दंड पूरे समाज को दे देंगे?”
וַיִּפְּל֤וּ עַל־פְּנֵיהֶם֙ וַיֹּ֣אמְר֔וּ אֵ֕ל אֱלֹהֵ֥י הָרוּחֹ֖ת לְכָל־בָּשָׂ֑ר הָאִ֤ישׁ אֶחָד֙ יֶחֱטָ֔א וְעַ֥ל כָּל־הָעֵדָ֖ה תִּקְצֹֽף׃ פ
23 याहवेह ने मोशेह को उत्तर दिया,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
24 “सारी इस्राएली सभा को आज्ञा दो, ‘वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर चले जाएं.’”
דַּבֵּ֥ר אֶל־הָעֵדָ֖ה לֵאמֹ֑ר הֵֽעָלוּ֙ מִסָּבִ֔יב לְמִשְׁכַּן־קֹ֖רַח דָּתָ֥ן וַאֲבִירָֽם׃
25 फिर मोशेह दाथान एवं अबीराम की ओर बढ़े और इस्राएल के पुरनिये उनके पीछे-पीछे चलने लगे.
וַיָּ֣קָם מֹשֶׁ֔ה וַיֵּ֖לֶךְ אֶל־דָּתָ֣ן וַאֲבִירָ֑ם וַיֵּלְכ֥וּ אַחֲרָ֖יו זִקְנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
26 मोशेह ने इस्राएली सभा को आज्ञा दी, “कृपा कर इन दुष्ट व्यक्तियों के शिविरों से दूर हो जाओ तथा उनकी किसी भी वस्तु को नहीं छूना, नहीं तो तुम भी उनके सारे पापों के साथ समेट लिए जाओगे.”
וַיְדַבֵּ֨ר אֶל־הָעֵדָ֜ה לֵאמֹ֗ר ס֣וּרוּ נָ֡א מֵעַל֩ אָהֳלֵ֨י הָאֲנָשִׁ֤ים הָֽרְשָׁעִים֙ הָאֵ֔לֶּה וְאַֽל־תִּגְּע֖וּ בְּכָל־אֲשֶׁ֣ר לָהֶ֑ם פֶּן־תִּסָּפ֖וּ בְּכָל־חַטֹּאתָֽם׃
27 तब वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर हट गए. दाथान तथा अबीराम बाहर आकर अपनी-अपनी पत्नियों तथा बच्चों के साथ शिविर के द्वार पर खड़े हो गए.
וַיֵּעָל֗וּ מֵעַ֧ל מִשְׁכַּן־קֹ֛רֶח דָּתָ֥ן וַאֲבִירָ֖ם מִסָּבִ֑יב וְדָתָ֨ן וַאֲבִירָ֜ם יָצְא֣וּ נִצָּבִ֗ים פֶּ֚תַח אָֽהֳלֵיהֶ֔ם וּנְשֵׁיהֶ֥ם וּבְנֵיהֶ֖ם וְטַפָּֽם׃
28 मोशेह ने घोषणा की, “अब तुम्हें यह अहसास हो जाएगा, कि ये सारे काम करने की जवाबदारी मुझे स्वयं याहवेह द्वारा सौंपी गई है, यह मेरी बनाई योजना नहीं हैं.
וַיֹּאמֶר֮ מֹשֶׁה֒ בְּזֹאת֙ תֵּֽדְע֔וּן כִּֽי־יְהוָ֣ה שְׁלָחַ֔נִי לַעֲשׂ֕וֹת אֵ֥ת כָּל־הַֽמַּעֲשִׂ֖ים הָאֵ֑לֶּה כִּי־לֹ֖א מִלִּבִּֽי׃
29 यदि इन व्यक्तियों का निधन अन्य मनुष्यों के समान स्वाभाविक रीति से हो जाए या इनकी नियति सारी मानव जाति के समान हो, तब समझ लेना कि मैं याहवेह का भेजा हुआ नहीं हूं.
אִם־כְּמ֤וֹת כָּל־הָֽאָדָם֙ יְמֻת֣וּן אֵ֔לֶּה וּפְקֻדַּת֙ כָּל־הָ֣אָדָ֔ם יִפָּקֵ֖ד עֲלֵיהֶ֑ם לֹ֥א יְהוָ֖ה שְׁלָחָֽנִי׃
30 किंतु यदि याहवेह आज कुछ असाधारण काम कर दिखाते हैं, यदि आज भूमि अपना मुख खोल इन्हें, इनकी सारी संपत्ति को निगल लेती है, कि वे जीवित ही भूमि में समा जाएं, तब तुम्हें यह निश्चय हो जाएगा, कि इन लोगों ने याहवेह को तुच्छ समझा है.” (Sheol h7585)
וְאִם־בְּרִיאָ֞ה יִבְרָ֣א יְהוָ֗ה וּפָצְתָ֨ה הָאֲדָמָ֤ה אֶת־פִּ֙יהָ֙ וּבָלְעָ֤ה אֹתָם֙ וְאֶת־כָּל־אֲשֶׁ֣ר לָהֶ֔ם וְיָרְד֥וּ חַיִּ֖ים שְׁאֹ֑לָה וִֽידַעְתֶּ֕ם כִּ֧י נִֽאֲצ֛וּ הָאֲנָשִׁ֥ים הָאֵ֖לֶּה אֶת־יְהוָֽה׃ (Sheol h7585)
31 जैसे ही मोशेह का यह कहना समाप्‍त हुआ, उनके नीचे भूमि फटकर खुल गई;
וַיְהִי֙ כְּכַלֹּת֔וֹ לְדַבֵּ֕ר אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים הָאֵ֑לֶּה וַתִּבָּקַ֥ע הָאֲדָמָ֖ה אֲשֶׁ֥ר תַּחְתֵּיהֶֽם׃
32 पृथ्वी ने, मानो अपना मुंह खोल, उन्हें निगल लिया; उनके घर-परिवारों को, कोराह के सभी संबंधियों को उन सब की संपत्ति सहित.
וַתִּפְתַּ֤ח הָאָ֙רֶץ֙ אֶת־פִּ֔יהָ וַתִּבְלַ֥ע אֹתָ֖ם וְאֶת־בָּתֵּיהֶ֑ם וְאֵ֤ת כָּל־הָאָדָם֙ אֲשֶׁ֣ר לְקֹ֔רַח וְאֵ֖ת כָּל־הָרֲכֽוּשׁ׃
33 तब वे तथा उनकी सारी संपदा जीवित ही भूमि के गर्भ में समा गए और भूमि उनके ऊपर अपनी पहले की सी स्थिति में आ गई, वे इस्राएल की सभा के बीच से मिट गए. (Sheol h7585)
וַיֵּ֨רְד֜וּ הֵ֣ם וְכָל־אֲשֶׁ֥ר לָהֶ֛ם חַיִּ֖ים שְׁאֹ֑לָה וַתְּכַ֤ס עֲלֵיהֶם֙ הָאָ֔רֶץ וַיֹּאבְד֖וּ מִתּ֥וֹךְ הַקָּהָֽל׃ (Sheol h7585)
34 उनके आस-पास के सारे इस्राएली उनकी चिल्लाहट सुनकर वहां से भाग गए, इस भय से, “कहीं भूमि हमें भी अपना कौर न बना ले!”
וְכָל־יִשְׂרָאֵ֗ל אֲשֶׁ֛ר סְבִיבֹתֵיהֶ֖ם נָ֣סוּ לְקֹלָ֑ם כִּ֣י אָֽמְר֔וּ פֶּן־תִּבְלָעֵ֖נוּ הָאָֽרֶץ׃
35 तब याहवेह की ओर से भेजी गई आग ने उन ढाई सौ व्यक्तियों को भस्म कर दिया, जो धूप भेंट कर रहे थे.
וְאֵ֥שׁ יָצְאָ֖ה מֵאֵ֣ת יְהוָ֑ה וַתֹּ֗אכַל אֵ֣ת הַחֲמִשִּׁ֤ים וּמָאתַ֙יִם֙ אִ֔ישׁ מַקְרִיבֵ֖י הַקְּטֹֽרֶת׃ פ
36 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
37 “पुरोहित अहरोन के पुत्र एलिएज़र को आज्ञा दो, कि वह इस जलती हुई आग के बीच में से धूपदानों को इकट्ठा कर ले, क्योंकि वे पवित्र वस्तुएं हैं. उनमें के जलते हुए अंगारों को इधर-उधर बिखरा दो.
אֱמֹ֨ר אֶל־אֶלְעָזָ֜ר בֶּן־אַהֲרֹ֣ן הַכֹּהֵ֗ן וְיָרֵ֤ם אֶת־הַמַּחְתֹּת֙ מִבֵּ֣ין הַשְּׂרֵפָ֔ה וְאֶת־הָאֵ֖שׁ זְרֵה־הָ֑לְאָה כִּ֖י קָדֵֽשׁוּ׃
38 उन व्यक्तियों ने अपने प्राणों के मूल्य पर यह पाप किया है, उनके धूपदानों को इकट्ठा कर उन्हें पीट-पीटकर पत्रक बना लो ताकि वे वेदी पर मढ़ने के लिए इस्तेमाल किए जाएं. वे पवित्र वस्तुएं हैं, क्योंकि उन्होंने इन्हें याहवेह को भेंट किया था. यह इस्राएल के घराने के सामने एक चिन्ह हो जाएगा.”
אֵ֡ת מַחְתּוֹת֩ הַֽחַטָּאִ֨ים הָאֵ֜לֶּה בְּנַפְשֹׁתָ֗ם וְעָשׂ֨וּ אֹתָ֜ם רִקֻּעֵ֤י פַחִים֙ צִפּ֣וּי לַמִּזְבֵּ֔חַ כִּֽי־הִקְרִיבֻ֥ם לִפְנֵֽי־יְהוָ֖ה וַיִּקְדָּ֑שׁוּ וְיִֽהְי֥וּ לְא֖וֹת לִבְנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
39 तब उन व्यक्तियों के द्वारा भेंट धूपदानों को, जो इस आग में नाश हो चुके थे, एलिएज़र ने इकट्ठा किया और उन्होंने इन्हें पीट-पीटकर वेदी पर मढ़ने का पत्रक बना डाला.
וַיִּקַּ֞ח אֶלְעָזָ֣ר הַכֹּהֵ֗ן אֵ֚ת מַחְתּ֣וֹת הַנְּחֹ֔שֶׁת אֲשֶׁ֥ר הִקְרִ֖יבוּ הַשְּׂרֻפִ֑ים וַֽיְרַקְּע֖וּם צִפּ֥וּי לַמִּזְבֵּֽחַ׃
40 यह सारे इस्राएल के सामने एक चेतावनी थी, कि कोई भी व्यक्ति, जो अहरोन के वंश का नहीं है, वह याहवेह के सामने आकर धूप न चढ़ाए, कि उसकी दशा वह न हो जो कोराह एवं उसके साथियों की हुई, ठीक जैसी पूर्वघोषणा मोशेह के द्वारा याहवेह ने की थी.
זִכָּר֞וֹן לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל לְ֠מַעַן אֲשֶׁ֨ר לֹֽא־יִקְרַ֜ב אִ֣ישׁ זָ֗ר אֲ֠שֶׁר לֹ֣א מִזֶּ֤רַע אַהֲרֹן֙ ה֔וּא לְהַקְטִ֥יר קְטֹ֖רֶת לִפְנֵ֣י יְהוָ֑ה וְלֹֽא־יִהְיֶ֤ה כְקֹ֙רַח֙ וְכַ֣עֲדָת֔וֹ כַּאֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֧ר יְהוָ֛ה בְּיַד־מֹשֶׁ֖ה לֽוֹ׃
41 किंतु दूसरे ही दिन सारा इस्राएल का घराना मोशेह एवं अहरोन के विरोध में इस प्रकार बड़बड़ाने लगा. “तुम दोनों ही के कारण याहवेह के इन चुने हुओं की मृत्यु हुई है.”
וַיִּלֹּ֜נוּ כָּל־עֲדַ֤ת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵל֙ מִֽמָּחֳרָ֔ת עַל־מֹשֶׁ֥ה וְעַֽל־אַהֲרֹ֖ן לֵאמֹ֑ר אַתֶּ֥ם הֲמִתֶּ֖ם אֶת־עַ֥ם יְהוָֽה׃
42 किंतु उसी समय हुआ यह, कि जब सारी सभा मोशेह एवं अहरोन के विरोध में खड़ी हो चुकी थी, वे मिलनवाले तंबू की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, यह सामने देखा गया कि मिलनवाले तंबू पर वह बादल छा गया तथा वहां याहवेह का प्रताप प्रकट हो गया.
וַיְהִ֗י בְּהִקָּהֵ֤ל הָֽעֵדָה֙ עַל־מֹשֶׁ֣ה וְעַֽל־אַהֲרֹ֔ן וַיִּפְנוּ֙ אֶל־אֹ֣הֶל מוֹעֵ֔ד וְהִנֵּ֥ה כִסָּ֖הוּ הֶעָנָ֑ן וַיֵּרָ֖א כְּב֥וֹד יְהוָֽה׃
43 फिर मोशेह एवं अहरोन मिलनवाले तंबू के सामने जा खड़े हुए.
וַיָּבֹ֤א מֹשֶׁה֙ וְאַהֲרֹ֔ן אֶל־פְּנֵ֖י אֹ֥הֶל מוֹעֵֽד׃ פ
44 याहवेह ने मोशेह को संबोधित कर कहा,
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃
45 “इस सभा से दूर चले जाओ कि मैं इन्हें इसी क्षण भस्म कर दूं.” वे यह सुन मुंह के बल गिर पड़े.
הֵרֹ֗מּוּ מִתּוֹךְ֙ הָעֵדָ֣ה הַזֹּ֔את וַאֲכַלֶּ֥ה אֹתָ֖ם כְּרָ֑גַע וַֽיִּפְּל֖וּ עַל־פְּנֵיהֶֽם׃
46 मोशेह ने अहरोन को आज्ञा दी, “अपने धूपदान में वेदी की आग डालकर उस पर धूप डाल दो और बिना देर किए इसे सभा के निकट लाकर उनके लिए प्रायश्चित करो, क्योंकि याहवेह का क्रोध उन पर भड़क चुका है, महामारी शुरू हो चुकी है.”
וַיֹּ֨אמֶר מֹשֶׁ֜ה אֶֽל־אַהֲרֹ֗ן קַ֣ח אֶת־הַ֠מַּחְתָּה וְתֶן־עָלֶ֨יהָ אֵ֜שׁ מֵעַ֤ל הַמִּזְבֵּ֙חַ֙ וְשִׂ֣ים קְטֹ֔רֶת וְהוֹלֵ֧ךְ מְהֵרָ֛ה אֶל־הָעֵדָ֖ה וְכַפֵּ֣ר עֲלֵיהֶ֑ם כִּֽי־יָצָ֥א הַקֶּ֛צֶף מִלִּפְנֵ֥י יְהוָ֖ה הֵחֵ֥ל הַנָּֽגֶף׃
47 अहरोन ने ठीक यही किया. वह दौड़ता हुआ सभा के बीच जा पहुंचा, क्योंकि यह दिख रहा था कि लोगों के बीच में महामारी शुरू हो चुकी थी. फिर अहरोन ने धूप जलाकर लोगों के लिए प्रायश्चित किया.
וַיִּקַּ֨ח אַהֲרֹ֜ן כַּאֲשֶׁ֣ר ׀ דִּבֶּ֣ר מֹשֶׁ֗ה וַיָּ֙רָץ֙ אֶל־תּ֣וֹך הַקָּהָ֔ל וְהִנֵּ֛ה הֵחֵ֥ל הַנֶּ֖גֶף בָּעָ֑ם וַיִּתֵּן֙ אֶֽת־הַקְּטֹ֔רֶת וַיְכַפֵּ֖ר עַל־הָעָֽם׃
48 वह मरे हुओं और जीवितों के बीच में खड़ा हो गया, जिससे महामारी शांत हो गई.
וַיַּעֲמֹ֥ד בֵּֽין־הַמֵּתִ֖ים וּבֵ֣ין הַֽחַיִּ֑ים וַתֵּעָצַ֖ר הַמַּגֵּפָֽה׃
49 किंतु फिर भी, जिनकी मृत्यु इस महामारी से हुई थी उनकी संख्या 14,700 हो चुकी थी. यह उनके अलावा थी, जो कोराह के कारण हो चुकी थी.
וַיִּהְי֗וּ הַמֵּתִים֙ בַּמַּגֵּפָ֔ה אַרְבָּעָ֥ה עָשָׂ֛ר אֶ֖לֶף וּשְׁבַ֣ע מֵא֑וֹת מִלְּבַ֥ד הַמֵּתִ֖ים עַל־דְּבַר־קֹֽרַח׃
50 फिर अहरोन मोशेह के पास लौट गया, जो इस समय मिलनवाले तंबू के द्वार पर खड़े हुए थे, क्योंकि अब महामारी शांत हो चुकी थी.
וַיָּ֤שָׁב אַהֲרֹן֙ אֶל־מֹשֶׁ֔ה אֶל־פֶּ֖תַח אֹ֣הֶל מוֹעֵ֑ד וְהַמַּגֵּפָ֖ה נֶעֱצָֽרָה׃ פ

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