< गिनती 16 >

1 इस समय कोराह, जिसका पिता इज़हार था, जिसका पिता कोहाथ था, जो लेवी का पुत्र था; तथा दाथान और अबीराम, जो एलियाब के पुत्र थे, तथा ओन, जो पेलेथ का पुत्र था, आज्ञा न माननेवाले हो गए.
লেবির ছেলে কহাৎ, তার ছেলে যিষ্‌হর, তার ছেলে কোরহ এবং কয়েকজন রূবেণ গোষ্ঠীর ব্যক্তি—ইলীয়াবের ছেলে দাথন ও অবীরাম এবং পেলতের ছেলে ওন—উদ্ধত হল
2 इन्होंने मोशेह के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई. इनके साथ इस्राएल में से 250 व्यक्ति भी शामिल हो गए, जो सभा के चुने हुए तथा नामी प्रधान थे.
এবং মোশির বিপক্ষতা করল। তাদের সঙ্গে 250 জন ইস্রায়েলী পুরুষ ছিল, যারা প্রত্যেকে সমাজের সুপরিচিত নেতা ছিল, যাদের মন্ত্রণা-সভার সদস্য নিযুক্ত করা হয়েছিল।
3 ये सभी मोशेह एवं अहरोन के विरोध में एकजुट होकर उनसे कहने लगे, “आप लोग तो बहुत ऊंचे उड़ने लगे हैं! इस्राएली समाज में हममें से हर एक ही पवित्र व्यक्ति है तथा उन सभी के बीच परमेश्वर का वास है. फिर आप ही स्वयं को याहवेह की प्रजा में सबके ऊपर क्यों दिखाते हैं?”
তারা দলবদ্ধ হয়ে মোশি ও হারোণের বিরোধিতা করতে এল এবং তাঁদের বলল, “তোমাদের স্পর্ধা বহুদূর বিস্তৃত হয়েছে! সমস্ত সমাজ পবিত্র, প্রত্যেক ব্যক্তিই পবিত্র এবং সদাপ্রভু তাদের সহবর্তী আছেন। তাহলে কেন তোমরা নিজেদের অবস্থান সদাপ্রভুর সমাজের ঊর্ধ্বে উন্নীত করেছ?”
4 जब यह बातें मोशेह ने सुनी, वह मुंह के बल गिर पड़े.
মোশি এই কথা শুনে ভূমিতে উপুড় হয়ে পড়লেন।
5 तथा उन्होंने कोराह एवं उसकी सारी मण्डली को संबोधित करते हुए कहा, “कल सुबह याहवेह यह स्पष्ट कर देंगे कि वह किसके पक्ष में हैं, कौन पवित्र है तथा वही उसे अपने निकट बुलाएंगे. याहवेह जिस किसी को चुनेंगे, उसे ही अपने निकट बुला लेंगे.
তিনি কোরহ ও তার অনুগামীদের বললেন, “সকালবেলায় সদাপ্রভু প্রকাশ করবেন, কে তাঁর অধিকারভুক্ত এবং কে পবিত্র। তিনি সেই ব্যক্তিকে তাঁর নিকটবর্তী করবেন। যে ব্যক্তিকে তিনি মনোনীত করেন, সেই তাঁর নিকটবর্তী হবে।
6 तुम्हें यह करना होगा: तुम सभी कोराह के घराने के लोग धूपदान तैयार रखना,
কোরহ, তুমি ও তোমার অনুগামী সবাই এই কাজ করো, অঙ্গারধানী নাও
7 तुम कल याहवेह के सामने उनमें आग रख उस पर धूप डाल देना. जिस किसी को याहवेह चुनेंगे, वही होगा वह पवित्र व्यक्ति. ओ तुम लेवी के घराने, फूले जा रहे हो!”
এবং আগামীকাল তার মধ্যে আগুন ও ধূপ দিয়ে, সদাপ্রভুর সামনে নিবেদন করো। যে ব্যক্তিকে সদাপ্রভু মনোনীত করেন, সেই ব্যক্তি পবিত্র গণ্য হবে। লেবীয়রা, তোমাদের স্পর্ধা সীমা ছাড়িয়ে গেছে!”
8 इसके बाद मोशेह ने यह कहा, “लेवी के घराने, अब यह सुन लो!
মোশি কোরহকে এই কথাও বললেন, “লেবীয়েরা তোমরা এই কথা শোনো!
9 क्या तुम्हारी समझ से यह कोई छोटा विषय है कि सारे इस्राएल के घराने में से इस्राएल के परमेश्वर ने तुम्हें अलग करना सही समझा है, कि वह तुम्हें अपने पास रखें, ताकि याहवेह के साक्षी तंबू संबंधी सेवा किया करें, तथा इस्राएल की सारी सभा के सामने उपस्थित होकर उनकी सेवा करें,
ইস্রায়েলের ঈশ্বর, অবশিষ্ট সমাজ থেকে তোমাদের পৃথক করে, তাঁর সান্নিধ্যে নিয়ে এসেছেন, যেন তোমরা সদাপ্রভুর আবাস তাঁবুর কাজকর্ম করো এবং সমাজের সামনে দাঁড়িয়ে থেকে তাদের পরিচর্যা করো, এই কি তোমাদের জন্য যথেষ্ট ছিল না?
10 तथा याहवेह ने तुम्हें और तुम्हारे सभी भाइयों को, जो लेवी के घराने के हैं, तुम्हारे साथ अपने पास रखा है?
তিনি তোমাদের ও তোমাদের সহচর লেবীয়দের তাঁর নিকটস্থ করেছেন, কিন্তু এখন তোমরা যাজকত্ব পদের জন্যও চেষ্টা করছ।
11 फिर तुम एवं तुम्हारे ये सारे साथी आज वस्तुतः स्वयं याहवेह के विरुद्ध खड़े हो गए हो. अहरोन है ही कौन, जो तुम उसके विरुद्ध बड़बड़ा रहे हो?”
তোমরা ও তোমাদের অনুগামী সবাই, সদাপ্রভুর বিপক্ষেই জোটবদ্ধ হয়েছ। হারোণ কে যে তোমরা তার বিপক্ষে বচসা করো?”
12 मोशेह ने आज्ञा दी कि एलियाब के पुत्र दाथान तथा अबीराम उनके सामने लाए जाएं. उन्होंने उत्तर दिया, “हम नहीं आएंगे!
মোশি ইলীয়াবের ছেলে দাথন ও অবীরামকে ডেকে পাঠালেন, কিন্তু তারা বলল, “আমরা যাব না।
13 क्या यह कोई छोटा विषय है कि आप हमें एक ऐसे देश से, जिसमें दूध और मधु का भण्ड़ार है, निकालकर यहां निर्जन प्रदेश में मरने के लिए ले आए हैं, कि आप स्वयं को हम पर शासक बना बैठें?
তুমি এক দুধ ও মধু প্রবাহী দেশ থেকে, এই প্রান্তরে আমাদের মেরে ফেলতে এনেছ, এই কি যথেষ্ট নয়? এখন আমাদের উপর প্রভুত্ব করতে চাইছ?
14 इसके अलावा, आप हमें ऐसे किसी देश में नहीं ले आए हैं, जहां दूध और मधु का भण्ड़ार है, और न ही आपने हमें ऐसी मीरास दी है, जहां खेत तथा अंगूरों के बगीचे हैं. क्या मतलब है आपका, आप इनकी आंखें निकालना चाह रहे हैं? हम वहां नहीं आएंगे!”
এছাড়াও, এখনও তুমি আমাদের কোনো দুধ ও মধু প্রবাহী দেশে নিয়ে যাওনি অথবা শস্যক্ষেত্র ও দ্রাক্ষাকুঞ্জের কোনো অধিকার দান করোনি। তুমি কি এই সমস্ত ব্যক্তির সঙ্গে ক্রীতদাসের মতো ব্যবহার করবে? না, আমরা যাব না!”
15 मोशेह बहुत ही क्रोधित हो गए. उन्होंने याहवेह से कहा, “उनकी भेंट स्वीकार न कीजिए. मैंने न तो उनसे एक गधा भी लिया है, न मैंने उनमें से एक की भी कोई हानि की है.”
মোশি তখন অত্যন্ত ক্রুদ্ধ হয়ে সদাপ্রভুকে বললেন, “ওই ব্যক্তিদের নৈবেদ্য গ্রহণ কোরো না। আমি তাদের কাছ থেকে, সর্বাধিক একটি গাধাও গ্রহণ করিনি অথবা তাদের কারও প্রতি কোনো অন্যায় আচরণ করিনি।”
16 मोशेह ने कोराह को आज्ञा दी, “कल तुम तथा तुम्हारे सभी साथी याहवेह के सामने उपस्थित होंगे—तुम तथा तुम्हारे साथी एवं अहरोन.
মোশি কোরহকে বললেন, “তুমি ও তোমার সমস্ত অনুগামী, আগামীকাল সদাপ্রভুর সামনে উপস্থিত হবে—তুমি, তারা সবাই এবং হারোণ।
17 तुममें से हर एक अपने-अपने धूपदान में धूप रखे और हर एक अपना अपना धूपदान याहवेह के सामने ले आए, ये सब 250 धूपदान होंगे, तुम्हारे और अहरोन के धूपदान भी होंगे.”
প্রত্যেক ব্যক্তি অঙ্গারধানী নেবে—সর্বমোট 250-টি অঙ্গারধানী—এবং সদাপ্রভুর সামনে নিবেদন করতে হবে।” তুমি ও হারোণ তোমাদের অঙ্গারধানীও সদাপ্রভুর সামনে নিবেদন করবে।
18 तब इनमें से हर एक ने अपना अपना धूपदान लिया, उसमें आग रखी तथा आग पर धूप. तब वे सभी मोशेह एवं अहरोन के साथ मिलनवाले तंबू के सामने खड़े हो गए.
অতএব তারা প্রত্যেকে তাদের অঙ্গারধানী নিল ও তার মধ্যে আগুন ও ধূপ রাখল। তারপর তারা মোশি ও হারোণের সঙ্গে সমাগম তাঁবুর প্রবেশপথে দাঁড়াল।
19 कोराह ने मिलनवाले तंबू के सामने सारे इस्राएल के घराने को इकट्ठा कर लिया. तब याहवेह का प्रताप सारी इस्राएली सभा पर प्रकाशमान हुआ.
যখন কোরহ তার অনুগামীদের, তাঁদের বিপক্ষে সমাগম তাঁবুর প্রবেশপথে একত্র করল, তখন সদাপ্রভুর মহিমা সমস্ত সমাজের কাছে প্রত্যক্ষ হল।
20 याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को संबोधित किया,
সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে বললেন,
21 “तुम दोनों स्वयं को इस समूह से अलग कर लो कि मैं इन्हें पलक झपकते ही भस्म कर दूं.”
“তোমরা নিজেদের এই সমাজ থেকে পৃথক করো, যেন এক মুহূর্তে আমি তাদের বিলুপ্ত করি।”
22 यह सुन वे दोनों मुंह के बल गिर पड़े. उन्होंने याहवेह से विनती की, “परमेश्वर, आप, जो सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर हैं, क्या आप इस व्यक्ति के पाप का दंड पूरे समाज को दे देंगे?”
কিন্তু মোশি ও হারোণ ভূমিতে উপুড় হয়ে উচ্চস্বরে বললেন, “হে ঈশ্বর, সমস্ত জীবিত বস্তুর আত্মাদের ঈশ্বর, যখন কোনো একজন ব্যক্তি পাপ করে, তখন তাঁর জন্য কি তুমি সমস্ত সমাজের প্রতি রুষ্ট হবে?”
23 याहवेह ने मोशेह को उत्तर दिया,
সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
24 “सारी इस्राएली सभा को आज्ञा दो, ‘वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर चले जाएं.’”
“তুমি সমাজকে বলো, ‘তোমরা কোরহ, দাথন ও অবীরামের তাঁবুর কাছ থেকে সরে যাও।’”
25 फिर मोशेह दाथान एवं अबीराम की ओर बढ़े और इस्राएल के पुरनिये उनके पीछे-पीछे चलने लगे.
মোশি উঠে দাথন ও অবীরামের কাছে গেলেন এবং ইস্রায়েলের প্রবীণেরা তাঁকে অনুসরণ করল।
26 मोशेह ने इस्राएली सभा को आज्ञा दी, “कृपा कर इन दुष्ट व्यक्तियों के शिविरों से दूर हो जाओ तथा उनकी किसी भी वस्तु को नहीं छूना, नहीं तो तुम भी उनके सारे पापों के साथ समेट लिए जाओगे.”
তিনি সমাজকে সাবধান করে দিয়ে বললেন, “এই দুষ্ট ব্যক্তিদের তাঁবু থেকে সরে যাও! তাদের কোনো জিনিস স্পর্শ করো না, তা না হলে, তাদের পাপের জন্য তোমরাও বিনষ্ট হবে।”
27 तब वे कोराह, दाथान तथा अबीराम के तंबुओं से दूर हट गए. दाथान तथा अबीराम बाहर आकर अपनी-अपनी पत्नियों तथा बच्चों के साथ शिविर के द्वार पर खड़े हो गए.
অতএব তারা কোরহ, দাথন ও অবীরামের তাঁবুর কাছ থেকে সরে গেল। দাথন ও অবীরাম, তাদের স্ত্রী, সন্তান ও শিশুসহ তাঁবু থেকে বের হয়ে প্রবেশপথে দাঁড়িয়ে রইল।
28 मोशेह ने घोषणा की, “अब तुम्हें यह अहसास हो जाएगा, कि ये सारे काम करने की जवाबदारी मुझे स्वयं याहवेह द्वारा सौंपी गई है, यह मेरी बनाई योजना नहीं हैं.
মোশি তখন বললেন, “এবার তোমরা অবগত হবে যে সদাপ্রভু এই সমস্ত কাজ করবার জন্য আমাকেই প্রেরণ করেছেন এবং কোনোটিই আমার কল্পনাপ্রসূত নয়।
29 यदि इन व्यक्तियों का निधन अन्य मनुष्यों के समान स्वाभाविक रीति से हो जाए या इनकी नियति सारी मानव जाति के समान हो, तब समझ लेना कि मैं याहवेह का भेजा हुआ नहीं हूं.
যদি এই ব্যক্তিরা স্বাভাবিক মৃত্যুবরণ করে ও মানুষমাত্রের প্রতি যা ঘটে থাকে, তাই ভোগ করে, তাহলে সদাপ্রভু আমাকে পাঠাননি।
30 किंतु यदि याहवेह आज कुछ असाधारण काम कर दिखाते हैं, यदि आज भूमि अपना मुख खोल इन्हें, इनकी सारी संपत्ति को निगल लेती है, कि वे जीवित ही भूमि में समा जाएं, तब तुम्हें यह निश्चय हो जाएगा, कि इन लोगों ने याहवेह को तुच्छ समझा है.” (Sheol h7585)
কিন্তু সদাপ্রভু যদি সম্পূর্ণ নতুন কিছু করেন, ভূমি মুখ বিদীর্ণ করে সমস্ত দ্রব্য সমেত তাদের গ্রাস করে এবং যদি তারা জীবিত অবস্থায় সমাধিপ্রাপ্ত হয়, তাহলে তোমরা অবগত হবে যে এই ব্যক্তিরা সদাপ্রভুর অবমাননা করেছে।” (Sheol h7585)
31 जैसे ही मोशेह का यह कहना समाप्‍त हुआ, उनके नीचे भूमि फटकर खुल गई;
যে মুহূর্তে তিনি এই সমস্ত কথা সমাপ্ত করলেন, তাদের নিম্নস্থ ভূমি বিদীর্ণ হল,
32 पृथ्वी ने, मानो अपना मुंह खोल, उन्हें निगल लिया; उनके घर-परिवारों को, कोराह के सभी संबंधियों को उन सब की संपत्ति सहित.
ভূমি তার মুখ বিদীর্ণ করে কোরহ, তার সব অনুগামী ও তার আত্মীয়স্বজনদের, সমস্ত বিষয়সম্পত্তি গ্রাস করল।
33 तब वे तथा उनकी सारी संपदा जीवित ही भूमि के गर्भ में समा गए और भूमि उनके ऊपर अपनी पहले की सी स्थिति में आ गई, वे इस्राएल की सभा के बीच से मिट गए. (Sheol h7585)
তাদের অধিকারভুক্ত সমস্ত দ্রব্যসহ তারা জীবিত অবস্থায় সমাধিপ্রাপ্ত হল। ভূমি তাদের অবরুদ্ধ করল। তারা বিনাশপ্রাপ্ত হয়ে সমাজ থেকে অবলুপ্ত হল। (Sheol h7585)
34 उनके आस-पास के सारे इस्राएली उनकी चिल्लाहट सुनकर वहां से भाग गए, इस भय से, “कहीं भूमि हमें भी अपना कौर न बना ले!”
তাদের আর্তস্বর শুনে, চতুর্দিকের ইস্রায়েলীরা পলায়ন করল। তারা চিৎকার করে বলে উঠল, “ভূমি আমাদেরও গ্রাস করবে!”
35 तब याहवेह की ओर से भेजी गई आग ने उन ढाई सौ व्यक्तियों को भस्म कर दिया, जो धूप भेंट कर रहे थे.
সদাপ্রভুর কাছ থেকে আগুন নির্গত হয়ে, যারা ধূপ নিবেদন করেছিল, সেই 250 জন ব্যক্তিকেও পুড়িয়ে দিল।
36 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
37 “पुरोहित अहरोन के पुत्र एलिएज़र को आज्ञा दो, कि वह इस जलती हुई आग के बीच में से धूपदानों को इकट्ठा कर ले, क्योंकि वे पवित्र वस्तुएं हैं. उनमें के जलते हुए अंगारों को इधर-उधर बिखरा दो.
“যাজক হারোণের ছেলে ইলীয়াসরকে বলো, সব অঙ্গারধানী নিয়ে, তাদের অবশিষ্ট অঙ্গার, দূরে কোথাও ফেলে দিতে, কারণ ওইসব অঙ্গারধানী পবিত্র।
38 उन व्यक्तियों ने अपने प्राणों के मूल्य पर यह पाप किया है, उनके धूपदानों को इकट्ठा कर उन्हें पीट-पीटकर पत्रक बना लो ताकि वे वेदी पर मढ़ने के लिए इस्तेमाल किए जाएं. वे पवित्र वस्तुएं हैं, क्योंकि उन्होंने इन्हें याहवेह को भेंट किया था. यह इस्राएल के घराने के सामने एक चिन्ह हो जाएगा.”
সেই লোকদের অঙ্গারধানী যারা নিজেদের জীবনের প্রতিকূলে পাপ করেছিল। অঙ্গারধানীগুলি হাতুড়ি দিয়ে পিটিয়ে বেদির আচ্ছাদনের জন্য পাত প্রস্তুত করো, কারণ সেসব সদাপ্রভুর উদ্দেশে নিবেদিত হয়েছিল, তাই পবিত্র। সেগুলি ইস্রায়েলীদের জন্য নিদর্শনস্বরূপ হোক।”
39 तब उन व्यक्तियों के द्वारा भेंट धूपदानों को, जो इस आग में नाश हो चुके थे, एलिएज़र ने इकट्ठा किया और उन्होंने इन्हें पीट-पीटकर वेदी पर मढ़ने का पत्रक बना डाला.
অতএব যাজক ইলীয়াসর, যারা পুড়ে মরেছিল, তাদের আনা পিতলের সেইসব অঙ্গারধানী নিলেন এবং সেগুলি পিটিয়ে বেদির আচ্ছাদনের জন্য পাত প্রস্তুত করলেন,
40 यह सारे इस्राएल के सामने एक चेतावनी थी, कि कोई भी व्यक्ति, जो अहरोन के वंश का नहीं है, वह याहवेह के सामने आकर धूप न चढ़ाए, कि उसकी दशा वह न हो जो कोराह एवं उसके साथियों की हुई, ठीक जैसी पूर्वघोषणा मोशेह के द्वारा याहवेह ने की थी.
যে রকম সদাপ্রভু, মোশির মাধ্যমে, তাঁকে নির্দেশ দিয়েছিলেন। এই নিদর্শন ছিল ইস্রায়েলীদের স্মরণার্থক, যেন হারোণের উত্তরসূরি ব্যতীত অন্য কেউ সদাপ্রভুর উদ্দেশে ধূপদাহ না করে; তা না হলে, তার পরিণতি কোরহ ও তার অনুগামীদের মতোই হবে।
41 किंतु दूसरे ही दिन सारा इस्राएल का घराना मोशेह एवं अहरोन के विरोध में इस प्रकार बड़बड़ाने लगा. “तुम दोनों ही के कारण याहवेह के इन चुने हुओं की मृत्यु हुई है.”
পরদিন, সমস্ত ইস্রায়েলী সমাজ, মোশি ও হারোণের বিপক্ষে বচসা করল। তারা বলল, “আপনারাই সদাপ্রভুর প্রজাদের হত্যা করলেন।”
42 किंतु उसी समय हुआ यह, कि जब सारी सभा मोशेह एवं अहरोन के विरोध में खड़ी हो चुकी थी, वे मिलनवाले तंबू की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, यह सामने देखा गया कि मिलनवाले तंबू पर वह बादल छा गया तथा वहां याहवेह का प्रताप प्रकट हो गया.
যখন সেই সমাজ মোশি ও হারোণের বিপক্ষে একত্র হল এবং সমাগম তাঁবুর অভিমুখে ফিরল, হঠাৎ মেঘ তা আবৃত করল এবং সদাপ্রভুর মহিমা প্রত্যক্ষ হল।
43 फिर मोशेह एवं अहरोन मिलनवाले तंबू के सामने जा खड़े हुए.
তখন মোশি ও হারোণ, সমাগম তাঁবুর সামনে গেলেন
44 याहवेह ने मोशेह को संबोधित कर कहा,
এবং সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
45 “इस सभा से दूर चले जाओ कि मैं इन्हें इसी क्षण भस्म कर दूं.” वे यह सुन मुंह के बल गिर पड़े.
“এই সমাজ থেকে পৃথক হও যেন আমি এক নিমেষেই এদের বিলুপ্ত করি।” তাঁরা ভূমিতে উপুড় হয়ে পড়লেন।
46 मोशेह ने अहरोन को आज्ञा दी, “अपने धूपदान में वेदी की आग डालकर उस पर धूप डाल दो और बिना देर किए इसे सभा के निकट लाकर उनके लिए प्रायश्चित करो, क्योंकि याहवेह का क्रोध उन पर भड़क चुका है, महामारी शुरू हो चुकी है.”
মোশি তারপর হারোণকে বললেন, “তোমার অঙ্গারধানী নাও, বেদি থেকে অঙ্গার নিয়ে তার মধ্যে আগুন ও ধূপ দাও এবং তাড়াতাড়ি সমাজের মধ্যে গিয়ে তাদের জন্য প্রায়শ্চিত্ত করো। সদাপ্রভুর রোষ নির্গত হয়েছে; মহামারি শুরু হয়ে গিয়েছে।”
47 अहरोन ने ठीक यही किया. वह दौड़ता हुआ सभा के बीच जा पहुंचा, क्योंकि यह दिख रहा था कि लोगों के बीच में महामारी शुरू हो चुकी थी. फिर अहरोन ने धूप जलाकर लोगों के लिए प्रायश्चित किया.
মোশি যে রকম বললেন, হারোণ ঠিক তাই করলেন, তিনি সমাজের মধ্যে দৌড়ে গেলেন। ততক্ষণে জনতার মধ্যে মহামারি ছড়িয়ে পড়েছিল, কিন্তু হারোণ ধূপ দিয়ে তাদের জন্য প্রায়শ্চিত্ত করলেন।
48 वह मरे हुओं और जीवितों के बीच में खड़ा हो गया, जिससे महामारी शांत हो गई.
তিনি জীবিত ও মৃত, এই উভয় দলের মধ্যে দণ্ডায়মান হলেন এবং মহামারি নিবৃত্ত হল।
49 किंतु फिर भी, जिनकी मृत्यु इस महामारी से हुई थी उनकी संख्या 14,700 हो चुकी थी. यह उनके अलावा थी, जो कोराह के कारण हो चुकी थी.
কোরহের জন্য যারা নিহত হয়েছিল, তাদের অতিরিক্ত, ওই মহামারিতে নিহতের সংখ্যা 14,700।
50 फिर अहरोन मोशेह के पास लौट गया, जो इस समय मिलनवाले तंबू के द्वार पर खड़े हुए थे, क्योंकि अब महामारी शांत हो चुकी थी.
পরে হারোণ সমাগম তাঁবুর প্রবেশপথে, মোশির কাছে ফিরে গেলেন, কারণ মহামারি নিবৃত্ত হয়েছিল।

< गिनती 16 >