Aionian Verses
सबने याकोब को दिलासा देने की कोशिश की, पर याकोब का दुःख कम न हुआ, और वे योसेफ़ के लिए रोते ही रहे. याकोब ने कहा, “मैं मरने के दिन तक (शीयोल तक) अपने पुत्र योसेफ़ के शोक में डूबा रहूंगा.” (Sheol )
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किंतु याकोब कहते रहे, “मेरा पुत्र तुम्हारे साथ न जाएगा; क्योंकि उसके भाई की मृत्यु हो ही चुकी है, इसलिये वह अकेला ही रह गया है. यदि इस यात्रा में उसके साथ कुछ अनर्थ हुआ तो तुम इस बुढ़ापे में मुझे घोर वेदना के साथ कब्र में नीचे उतारोगे.” (Sheol )
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अब यदि तुम इस कनिष्ठ को भी मुझसे दूर ले जाना चाह रहे हो और यदि उसका भी कुछ अनिष्ट हो जाता है, तो इस वृद्धावस्था में तुम मुझ पर विषादपूर्ण मृत्यु ले आओगे.’ (Sheol )
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जब वह यह पाएंगे, कि हम इस किशोर को साथ लेकर नहीं लौटे हैं, तो उनके प्राण ही निकल जाएंगे. हम, आपके सेवक, हमारे पिता को उनकी वृद्धावस्था में घोर शोक के साथ अधोलोक भेज देंगे. (Sheol )
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किंतु यदि याहवेह आज कुछ असाधारण काम कर दिखाते हैं, यदि आज भूमि अपना मुख खोल इन्हें, इनकी सारी संपत्ति को निगल लेती है, कि वे जीवित ही भूमि में समा जाएं, तब तुम्हें यह निश्चय हो जाएगा, कि इन लोगों ने याहवेह को तुच्छ समझा है.” (Sheol )
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तब वे तथा उनकी सारी संपदा जीवित ही भूमि के गर्भ में समा गए और भूमि उनके ऊपर अपनी पहले की सी स्थिति में आ गई, वे इस्राएल की सभा के बीच से मिट गए. (Sheol )
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क्योंकि मेरी क्रोध की अग्नि प्रज्वलित हो चुकी है, वह अधोलोक के निम्नतम स्तर तक प्रज्वलित है. पृथ्वी की उपज इसने भस्म कर दी है, और पर्वतों की नींव तक इसने ज्वलित कर दी है. (Sheol )
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“याहवेह ही हैं, जो प्राण ले लेते तथा जीवनदान देते हैं; वही अधोलोक में भेज देते, तथा वही जीवित करते हैं. (Sheol )
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अधोलोक के तंतुओं ने मुझे उलझा लिया था; मैं मृत्यु के जाल के आमने-सामने आ गया था. (Sheol )
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अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करो और ध्यान रहे कि उसके लिए वह इस बुढ़ापे में पहुंचकर शांति से अधोलोक में प्रवेश न कर सके. (Sheol )
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अब उसे दंड देने में ढिलाई न करना. तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम्हें पता है कि सही क्या होगा. उसके बूढ़े शरीर को बिना लहू बहाए अधोलोक में उतरने न देना.” (Sheol )
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जब कोई बादल छुप जाता है, उसका अस्तित्व मिट जाता है, उसी प्रकार वह अधोलोक में प्रवेश कर जाता है, पुनः यहां नहीं लौटता. (Sheol )
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क्या करोगे तुम? वे तो आकाश-समान उन्नत हैं. क्या मालूम कर सकोगे तुम? वे तो पाताल से भी अधिक अथाह हैं. (Sheol )
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“उत्तम तो यही होता कि आप मुझे अधोलोक में छिपा देते, आप मुझे अपने कोप के ठंडा होने तक छिपाए रहते! आप एक अवधि निश्चित करके इसके पूर्ण हो जाने पर मेरा स्मरण करते! (Sheol )
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यदि मैं घर के लिए अधोलोक की खोज करूं, मैं अंधकार में अपना बिछौना लगा लूं. (Sheol )
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क्या यह भी मेरे साथ अधोलोक में समा जाएगी? क्या हम सभी साथ साथ धूल में मिल जाएंगे?” (Sheol )
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उनके जीवन के दिन तो समृद्धि में ही पूर्ण होते हैं, तब वे एकाएक अधोलोक में प्रवेश कर जाते हैं. (Sheol )
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सूखा तथा गर्मी हिम-जल को निगल लेते हैं, यही स्थिति होगी अधोलोक में पापियों की. (Sheol )
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परमेश्वर के सामने मृत्यु खुली तथा नाश-स्थल ढका नहीं है. (Sheol )
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क्योंकि मृत अवस्था में आपका स्मरण करना संभव नहीं. अधोलोक में कौन आपका स्तवन कर सकता है? (Sheol )
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दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे, यही नियति है उन सभी राष्ट्रों की भी, जिन्होंने परमेश्वर की उपेक्षा की है. (Sheol )
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क्योंकि आप मेरे प्राण को अधोलोक में सड़ने नहीं छोड़ देंगे, और न अपने मनचाहे प्रिय पात्र को मृत्यु के क्षय में. (Sheol )
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अधोलोक के तंतुओं ने मुझे उलझा लिया था; मैं मृत्यु के जाल के आमने-सामने आ गया था. (Sheol )
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याहवेह, आपने मुझे अधोलोक से ऊपर खींच लिया; आपने मुझे जीवनदान दिया, उनमें से बचा लिया, जो अधोलोक-कब्र में हैं. (Sheol )
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याहवेह, मुझे लज्जित न होना पड़े, मैं बार-बार आपको पुकारता रहा हूं; लज्जित हों दुष्ट और अधोलोक हो उनकी नियति, जहां जाकर वे चुपचाप हो जाएं. (Sheol )
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भेड़ों के समान अधोलोक ही उनकी नियति है; मृत्यु ही उनका चरवाहा होगा. प्रातःकाल सीधे लोग उन पर शासन करेंगे तथा उनकी देह अधोलोक की ग्रास हो जाएंगी, परिणामस्वरूप उनका कोई आधार शेष न रह जाएगा. (Sheol )
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मेरे प्राण परमेश्वर द्वारा अधोलोक की सामर्थ्य से मुक्त किए जाएंगे; निश्चयतः वह मुझे स्वीकार कर लेंगे. (Sheol )
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अब उत्तम वही होगा कि अचानक ही मेरे शत्रुओं पर मृत्यु आ पड़े; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं, क्योंकि बुराई उनके घर में आ बसी है, उनकी आत्मा में भी. (Sheol )
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क्योंकि मेरे प्रति आपका करुणा-प्रेम अधिक है; अधोलोक के गहरे गड्ढे से, आपने मेरे प्राण छुड़ा लिए हैं. (Sheol )
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मेरा प्राण क्लेश में डूब चुका है तथा मेरा जीवन अधोलोक के निकट आ पहुंचा है. (Sheol )
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ऐसा कौन सा मनुष्य है जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? ऐसा कौन है, अपने प्राणों को अधोलोक के अधिकार से मुक्त कर सकता है? (Sheol )
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मृत्यु के डोर मुझे कसे जा रहे थे, अधोलोक की वेदना से मैं भयभीत हो चुका था; भय और संकट में मैं पूर्णतः डूब चुका था. (Sheol )
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यदि मैं स्वर्ग तक आरोहण करूं तो आप वहां हैं; यदि मैं अधोलोक में जा लेटूं, आप वहां भी हैं. (Sheol )
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“जैसे हल चलाने के बाद भूमि टूटकर बिखर जाती है, वैसे ही हमारी हड्डियों को टूटे अधोलोक के मुख पर बिखरा दिया जाएगा.” (Sheol )
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अधोलोक के समान हम भी उन्हें जीवित ही निगल जाएं, पूरा ही निगल जाएं, जैसे लोग कब्र में समा जाते हैं; (Sheol )
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उसका मार्ग सीधा मृत्यु तक पहुंचता है; उसके पैर अधोलोक के मार्ग पर आगे बढ़ते जाते हैं. (Sheol )
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उसका घर अधोलोक का द्वार है, जो सीधे मृत्यु के कक्ष में ले जाकर छोड़ता है. (Sheol )
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भला उसे क्या मालूम कि वह मृतकों का स्थान है, कि उसके अतिथि अधोलोक में पहुंचे हैं. (Sheol )
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जब मृत्यु और विनाश याहवेह के समक्ष खुली पुस्तक-समान हैं, तो मनुष्य के हृदय कितने अधिक स्पष्ट न होंगे! (Sheol )
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बुद्धिमान और विवेकी व्यक्ति का जीवन मार्ग ऊपर की तरफ जाता है, कि वह नीचे, अधोलोक-उन्मुख मृत्यु के मार्ग से बच सके. (Sheol )
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यदि तुम उस पर छड़ी का प्रहार करोगे तो तुम उसकी आत्मा को नर्क से बचा लोगे. (Sheol )
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मृत्यु और विनाश अब तक संतुष्ट नहीं हुए हैं, मनुष्य की आंखों की अभिलाषा भी कभी संतुष्ट नहीं होती. (Sheol )
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अधोलोक तथा बांझ की कोख; भूमि, जो जल से कभी तृप्त नहीं होती, और अग्नि, जो कभी नहीं कहती, ‘बस!’ (Sheol )
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अपने सामने आए हर एक काम को पूरी लगन से करो क्योंकि अधोलोक में जिसकी ओर तुम बढ़ रहे हो, वहां न तो कोई काम या तरकीब, न ज्ञान और न ही बुद्धि है. (Sheol )
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अपने हृदय पर मुझे एक मोहर जैसे लगा लो, हाथ पर मोहर के समान; प्रेम उतना ही सामर्थ्यी है, जितनी मृत्यु, ईर्ष्या उतनी ही निर्दयी, जितनी मृत्यु. उसकी ज्वाला आग की ज्वाला है, जो वास्तव में याहवेह ही की ज्वाला है. (Sheol )
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इसलिये अधोलोक ने, अपना गला खोल दिया है; ताकि येरूशलेम का वैभव, उसका जनसमूह उसके शत्रु और लेनदेन करनेवाले सब उसमें उतर जाएंगे. (Sheol )
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“तुम याहवेह अपने परमेश्वर से अपने लिए एक चिन्ह मांगो, चाहे वह गहरे सागर का हो या आकाश का.” (Sheol )
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अधोलोक तुम्हारे आगमन पर तुमसे मिलने के लिए खुश है; यह तुम्हारे लिए मरे हुओं की आत्माओं को— जो पृथ्वी के सरदार थे; उन सभी को उनके सिंहासनों से उठाकर खड़ा कर रहा है जो देशों के राजा थे. (Sheol )
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तुम्हारा दिखावा और तुम्हारे सारंगी का संगीत नर्क तक उतारा गया है; कीट तुम्हारी बिछौना और कीड़े तुम्हारी ओढ़नी समान हैं. (Sheol )
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परंतु तू अधोलोक के नीचे, नरक में ही उतार दिया गया है. (Sheol )
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क्योंकि तुमने कहा है, “हमने मृत्यु से एक वाचा बांधी है और अधोलोक से एक समझौता किया है. जब यह कष्ट बढ़ जाये, तब यह हम तक नहीं पहुंच पाएगा, क्योंकि हमने झूठ को अपना शरणस्थान बनाया है और झूठ की आड़ में हमने अपने आपको छिपा रखा है.” (Sheol )
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मृत्यु से तुम्हारी वाचा टूट जाएगी; और अधोलोक से तुम्हारा समझौता सिद्ध न होगा. जब विपत्ति दंड के रूप में निकलेगी, तब तुम कुचल दिए जाओगे. (Sheol )
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मैंने सोचा, “कि मेरे जीवन के बीच में ही मुझे नर्क के फाटकों में से जाना होगा और मेरे जीवन का कोई पल अब बचा नहीं?” (Sheol )
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अधोलोक आपका धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु आपकी महिमा कर सकती है; जो कब्र में पड़े हैं वे आपकी विश्वासयोग्यता की आशा नहीं कर सकते. (Sheol )
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राजा से मिलने के लिए तुमने यात्रा की तथा सुगंध द्रव्य से श्रृंगार कर उसे तेल भेंट किया. तुमने दूर देशों और अधोलोक में अपना दूत भेजा! (Sheol )
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“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जिस दिन इसे मृतकों के राज्य में नीचे लाया गया, मैंने इसके लिये शोक के साथ गहरे झरनों को ढांक दिया; मैंने इसके सोतों को रोक दिया, और इसके भरपूर पानी के स्रोत बंद हो गये. इसके कारण मैंने लबानोन को गम में डाल दिया, और मैदान के सारे पेड़ मुरझा गए. (Sheol )
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मैंने इसके गिरने की आवाज से जाति-जाति के लोगों को कंपा दिया, जब मैं इसे मृतकों के राज्य में नीचे लाया, ताकि वे उनके साथ रहें जो नीचे कब्र में जाते हैं. तब एदेन वाटिका के सब पेड़ों, लबानोन के चुने हुए और सबसे अच्छे, भरपूर पानी से सिंचित पेड़ों को पृथ्वी के नीचे सांत्वना मिली. (Sheol )
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बड़े देवदार पेड़ के समान वे भी उन मृतकों के राज्य में नीचे गये, जो तलवार से मारे गये थे; जो हथियारबंद आदमी उसकी छाया में जाति-जाति के लोगों के बीच रहते थे, वे भी उनके साथ थे. (Sheol )
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मृतकों के राज्य के भीतर से ही शक्तिशाली अगुए मिस्र और उसके साथ वालों के बारे में कहेंगे, ‘वे नीचे आ गये हैं और वे उन खतना-रहित लोगों के साथ पड़े हैं, जो तलवार से मारे गये हैं.’ (Sheol )
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पर वे मरे हुए उन पुराने योद्धाओं के साथ नहीं पड़े हैं, जो अपने युद्ध के हथियारों के साथ मृतकों के राज्य में नीचे गये—उनकी तलवारें उनके सिर के नीचे रखी थी और उनके ढाल उनकी हड्डियों पर पड़े थे—यद्यपि ये योद्धा भी जीवितों के देश को आतंकित किए थे. (Sheol )
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“मैं इन लोगों को कब्र की शक्ति से छुटकारा दूंगा; मैं इन्हें मृत्यु से बचाऊंगा. हे मृत्यु, कहां है तुम्हारी महामारियां? हे कब्र, कहां है तुम्हारा विनाश? “मैं कोई करुणा नहीं करूंगा, (Sheol )
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चाहे वे खोदकर अधोलोक तक पहुंच जाएं, मेरा हाथ उन्हें वहां से भी खींच लाएगा. चाहे वे आकाश के ऊपर भी चढ़ जाएं, मैं उन्हें वहां से भी नीचे ले आऊंगा. (Sheol )
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उसने कहा: “अपने संकट में मैंने याहवेह को पुकारा, और उन्होंने मुझे उत्तर दिया. मृत्युलोक की गहराई में से मैंने सहायता की याचना की, और आपने मेरी याचना सुन ली. (Sheol )
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वास्तव में, दाखमधु उसे धोखा देता है; वह अहंकारी होता है और उतावला रहता है. वह कब्र की तरह लालची और मृत्यु की तरह कभी संतुष्ट नहीं होता, वह सब जाति के लोगों को अपने पास इकट्ठा करता है और सब लोगों को बंधुआ करके ले जाता है. (Sheol )
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किंतु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो अपने भाई-बहन से गुस्सा करता है, वह न्यायालय के सामने दोषी होगा और जो कोई अपने भाई से कहे, ‘अरे निकम्मे!’ वह सर्वोच्च न्यायालय के प्रति अपराध का दोषी होगा तथा वह, जो कहे, ‘अरे मूर्ख!’ वह तो नरक की आग के योग्य दोषी होगा. (Geenna )
kintvahaM yuShmAn vadAmi, yaH kashchit kAraNaM vinA nijabhrAtre kupyati, sa vichArasabhAyAM daNDArho bhaviShyati; yaH kashchichcha svIyasahajaM nirbbodhaM vadati, sa mahAsabhAyAM daNDArho bhaviShyati; punashcha tvaM mUDha iti vAkyaM yadi kashchit svIyabhrAtaraM vakti, tarhi narakAgnau sa daNDArho bhaviShyati| (Geenna )
यदि तुम्हारी दायीं आंख तुम्हारे लड़खड़ाने का कारण बनती है तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे सारे शरीर को नर्क में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. (Geenna )
tasmAt tava dakShiNaM netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tannetram utpATya dUre nikShipa, yasmAt tava sarvvavapuSho narake nikShepAt tavaikA Ngasya nAsho varaM| (Geenna )
यदि तुम्हारा दायां हाथ तुम्हें विनाश के गड्ढे में गिराने के लिए उत्तरदायी है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे सारे शरीर को नरक में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. (Geenna )
yadvA tava dakShiNaH karo yadi tvAM bAdhate, tarhi taM karaM ChittvA dUre nikShipa, yataH sarvvavapuSho narake nikShepAt ekA Ngasya nAsho varaM| (Geenna )
उनसे भयभीत न हो, जो शरीर को तो नाश कर सकते हैं किंतु आत्मा को नाश करने में असमर्थ हैं. सही तो यह है कि भयभीत उनसे हो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नर्क में नाश करने में समर्थ हैं. (Geenna )
ye kAyaM hantuM shaknuvanti nAtmAnaM, tebhyo mA bhaiShTa; yaH kAyAtmAnau niraye nAshayituM, shaknoti, tato bibhIta| (Geenna )
और कफ़रनहूम, तू! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा क्योंकि जो अद्भुत काम तुझमें किए गए, यदि वे ही सोदोम नगर में किए गए होते तो वह आज भी बना होता. (Hadēs )
apara ncha bata kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvadunnatosi, kintu narake nikShepsyase, yasmAt tvayi yAnyAshcharyyANi karmmaNyakAriShata, yadi tAni sidomnagara akAriShyanta, tarhi tadadya yAvadasthAsyat| (Hadēs )
यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध कुछ कहे, उसे क्षमा कर दिया जाएगा किंतु यदि कोई पवित्र आत्मा की निंदा में कुछ कहता है, तो उसे क्षमा नहीं किया जाएगा—न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में. (aiōn )
yo manujasutasya viruddhAM kathAM kathayati, tasyAparAdhasya kShamA bhavituM shaknoti, kintu yaH kashchit pavitrasyAtmano viruddhAM kathAM kathayati nehaloke na pretya tasyAparAdhasya kShamA bhavituM shaknoti| (aiōn )
वह भूमि, जहां बीज कंटीली झाड़ियों के बीच गिरा, वह व्यक्ति है जो संदेश को सुनता तो है किंतु संसार की चिंताएं तथा सम्पन्नता का छलावा संदेश को दबा देते हैं और वह बिना फल के रह जाता है. (aiōn )
aparaM kaNTakAnAM madhye bIjAnyuptAni tadartha eShaH; kenachit kathAyAM shrutAyAM sAMsArikachintAbhi rbhrAntibhishcha sA grasyate, tena sA mA viphalA bhavati| (aiōn )
शत्रु, जिसने उनको बोया है, शैतान है. कटनी इस युग का अंत तथा काटने के लिए निर्धारित मज़दूर स्वर्गदूत हैं. (aiōn )
vanyayavasAni pApAtmanaH santAnAH| yena ripuNA tAnyuptAni sa shayatAnaH, karttanasamayashcha jagataH sheShaH, karttakAH svargIyadUtAH| (aiōn )
“इसलिये ठीक जिस प्रकार जंगली पौधे कटने के बाद आग में भस्म कर दिए जाते हैं, युग के अंत में ऐसा ही होगा. (aiōn )
yathA vanyayavasAni saMgR^ihya dAhyante, tathA jagataH sheShe bhaviShyati; (aiōn )
युग के अंत में ऐसा ही होगा. स्वर्गदूत आएंगे और दुष्टों को धर्मियों के मध्य से निकालकर अलग करेंगे (aiōn )
tathaiva jagataH sheShe bhaviShyati, phalataH svargIyadUtA Agatya puNyavajjanAnAM madhyAt pApinaH pR^ithak kR^itvA vahnikuNDe nikShepsyanti, (aiōn )
मैं तुम पर एक और सच प्रकट कर रहा हूं: तुम पेतरॉस हो. अपनी कलीसिया का निर्माण मैं इसी पत्थर पर करूंगा. अधोलोक के फ़ाटक इस पर अधिकार न कर सकेंगे. (Hadēs )
ato. ahaM tvAM vadAmi, tvaM pitaraH (prastaraH) aha ncha tasya prastarasyopari svamaNDalIM nirmmAsyAmi, tena nirayo balAt tAM parAjetuM na shakShyati| (Hadēs )
यदि तुम्हारा हाथ या तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर लगने का कारण बनता है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम एक अपंग या लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो—बजाय इसके कि तुम दोनों हाथ और दोनों पांवों के साथ अनंत आग में झोंके जाओ. (aiōnios )
tasmAt tava karashcharaNo vA yadi tvAM bAdhate, tarhi taM ChittvA nikShipa, dvikarasya dvipadasya vA tavAnaptavahnau nikShepAt, kha njasya vA Chinnahastasya tava jIvane pravesho varaM| (aiōnios )
यदि तुम्हारी आंख के कारण तुम्हें ठोकर लगे तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम मात्र एक आंख के साथ जीवन में प्रवेश करो बजाय इसके कि तुम्हारी दोनों आंख हों और तुम नर्क की आग में फेंके जाओ. (Geenna )
aparaM tava netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tadapyutpAvya nikShipa, dvinetrasya narakAgnau nikShepAt kANasya tava jIvane pravesho varaM| (Geenna )
एक व्यक्ति ने आकर येशु से प्रश्न किया, “गुरुवर, अनंत काल का जीवन प्राप्त करने के लिए मैं कौन सा अच्छा काम करूं?” येशु ने उसे उत्तर दिया. (aiōnios )
aparam eka Agatya taM paprachCha, he paramaguro, anantAyuH prAptuM mayA kiM kiM satkarmma karttavyaM? (aiōnios )
हर एक, जिसने मेरे लिए घर, भाई-बहन, माता-पिता, संतान या खेतों का त्याग किया है, इनसे कई गुणा प्राप्त करेगा और वह अनंत काल के जीवन का वारिस होगा (aiōnios )
anyachcha yaH kashchit mama nAmakAraNAt gR^ihaM vA bhrAtaraM vA bhaginIM vA pitaraM vA mAtaraM vA jAyAM vA bAlakaM vA bhUmiM parityajati, sa teShAM shataguNaM lapsyate, anantAyumo. adhikAritva ncha prApsyati| (aiōnios )
मार्ग के किनारे एक अंजीर का पेड़ देखकर वह उसके पास गए किंतु उन्हें उसमें पत्तियों के अलावा कुछ नहीं मिला. इस पर येशु ने उस पेड़ को शाप दिया, “अब से तुझमें कभी कोई फल नहीं लगेगा.” तुरंत ही वह पेड़ मुरझा गया. (aiōn )
tato mArgapArshva uDumbaravR^ikShamekaM vilokya tatsamIpaM gatvA patrANi vinA kimapi na prApya taM pAdapaM provAcha, adyArabhya kadApi tvayi phalaM na bhavatu; tena tatkShaNAt sa uDumbaramAhIruhaH shuShkatAM gataH| (aiōn )
“धिक्कार है तुम पर पाखंडी, फ़रीसियो, शास्त्रियो! तुम एक व्यक्ति को अपने मत में लाने के लिए लम्बी-लम्बी जल और थल यात्राएं करते हो. उसके तुम्हारे मत में सम्मिलित हो जाने पर तुम उसे नर्क की आग के दंड का दो गुणा अधिकारी बना देते हो. (Geenna )
ka nchana prApya svato dviguNanarakabhAjanaM taM kurutha| (Geenna )
“अरे सांपो! विषधर की संतान! कैसे बचोगे तुम नर्क-दण्ड से? (Geenna )
re bhujagAH kR^iShNabhujagavaMshAH, yUyaM kathaM narakadaNDAd rakShiShyadhve| (Geenna )
येशु ज़ैतून पर्वत पर बैठे हुए थे. इस एकांत में उनके शिष्य उनके पास आए और उनसे यह प्रश्न किया, “गुरुवर, हमें यह बताइए कि ये घटनाएं कब घटित होंगी, आपके आने तथा जगत के अंत का चिह्न क्या होगा?” (aiōn )
anantaraM tasmin jaitunaparvvatopari samupaviShTe shiShyAstasya samIpamAgatya guptaM paprachChuH, etA ghaTanAH kadA bhaviShyanti? bhavata Agamanasya yugAntasya cha kiM lakShma? tadasmAn vadatu| (aiōn )
“तब राजा अपने बायें पक्ष के समूह से उन्मुख हो कहेगा, ‘मुझसे दूर हो जाओ, शापितो! अनंत आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है; (aiōnios )
pashchAt sa vAmasthitAn janAn vadiShyati, re shApagrastAH sarvve, shaitAne tasya dUtebhyashcha yo. anantavahnirAsAdita Aste, yUyaM madantikAt tamagniM gachChata| (aiōnios )
“ये सभी अनंत दंड में भेजे जाएंगे, किंतु धर्मी अनंत काल के जीवन में प्रवेश करेंगे.” (aiōnios )
pashchAdamyanantashAstiM kintu dhArmmikA anantAyuShaM bhoktuM yAsyanti| (aiōnios )
उन्हें इन सभी आदेशों का पालन करने की शिक्षा दो, जो मैंने तुम्हें दिए हैं. याद रखो: जगत के अंत तक मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.” (aiōn )
pashyata, jagadantaM yAvat sadAhaM yuShmAbhiH sAkaM tiShThAmi| iti| (aiōn )
किंतु पवित्र आत्मा के विरुद्ध की गई निंदा किसी भी प्रकार क्षमा योग्य नहीं है. वह व्यक्ति अनंत पाप का दोषी है.” (aiōn , aiōnios )
kintu yaH kashchit pavitramAtmAnaM nindati tasyAparAdhasya kShamA kadApi na bhaviShyati sonantadaNDasyArho bhaviShyati| (aiōn , aiōnios )
Mark 4:18 (mArkaH 4:18)
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ye janAH kathAM shR^iNvanti kintu sAMsArikI chintA dhanabhrAnti rviShayalobhashcha ete sarvve upasthAya tAM kathAM grasanti tataH mA viphalA bhavati (aiōn )
संसार की चिंताएं, धन-संपत्ति का छलावा तथा अन्य वस्तुओं की लालसाओं का प्रवेश उस सुसमाचार को दबा देता है, जिससे उसका फलदाई होना असंभव हो जाता है. (aiōn )
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यदि तुम्हारा हाथ तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यह होगा कि तुम एक विकलांग के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों हाथों के होते हुए नर्क में जाओ, जहां आग कभी नहीं बुझती, [ (Geenna )
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Mark 9:44 (mArkaH 9:44)
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yasmAt yatra kITA na mriyante vahnishcha na nirvvAti, tasmin anirvvANAnalanarake karadvayavastava gamanAt karahInasya svargapraveshastava kShemaM| (Geenna )
यदि तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर का कारण हो जाता है उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दो पांवों के होते हुए नर्क में फेंके जाओ, [ (Geenna )
(parallel missing)
Mark 9:46 (mArkaH 9:46)
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yato yatra kITA na mriyante vahnishcha na nirvvAti, tasmin. anirvvANavahnau narake dvipAdavatastava nikShepAt pAdahInasya svargapraveshastava kShemaM| (Geenna )
यदि तुम्हारी आंख तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे निकाल फेंको! तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम एक आंख के साथ परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों आंखों के साथ नर्क में फेंके जाओ, (Geenna )
(parallel missing)
Mark 9:48 (mArkaH 9:48)
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tasmina. anirvvANavahnau narake dvinetrasya tava nikShepAd ekanetravata IshvararAjye praveshastava kShemaM| (Geenna )
मसीह येशु अपनी यात्रा प्रारंभ कर ही रहे थे कि एक व्यक्ति उनके पास दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेकते हुए उनसे पूछने लगा, “उत्तम गुरु, अनंत काल का जीवन प्राप्त करने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios )
atha sa vartmanA yAti, etarhi jana eko dhAvan Agatya tatsammukhe jAnunI pAtayitvA pR^iShTavAn, bhoH paramaguro, anantAyuH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
उसे इस युग में उत्पीड़न के साथ प्रतिफल स्वरूप परिवार, भाई-बहन, माता-पिता, संतान तथा संपत्ति का सौ गुणा तथा आनेवाले समय में अनंत काल का जीवन प्राप्त न होगा. (aiōn , aiōnios )
gR^ihabhrAtR^ibhaginIpitR^imAtR^ipatnIsantAnabhUmInAmiha shataguNAn pretyAnantAyushcha na prApnoti tAdR^ishaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
उस पेड़ से मसीह येशु ने कहा, “अब तुझसे कभी भी कोई फल न खाए!” शिष्य यह सुन रहे थे. (aiōn )
adyArabhya kopi mAnavastvattaH phalaM na bhu njIta; imAM kathAM tasya shiShyAH shushruvuH| (aiōn )
वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn )
tathA sa yAkUbo vaMshopari sarvvadA rAjatvaM kariShyati, tasya rAjatvasyAnto na bhaviShyati| (aiōn )
Luke 1:54 (lUkaH 1:54)
(parallel missing)
ibrAhImi cha tadvaMshe yA dayAsti sadaiva tAM| smR^itvA purA pitR^iNAM no yathA sAkShAt pratishrutaM| (aiōn )
जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn )
(parallel missing)
(जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn )
(parallel missing)
Luke 1:73 (lUkaH 1:73)
(parallel missing)
sR^iShTeH prathamataH svIyaiH pavitrai rbhAvivAdibhiH| (aiōn )
दुष्टात्मा-गण प्रभु येशु से निरंतर विनती कर रहे थे कि वह उन्हें पाताल में न भेजें. (Abyssos )
atha bhUtA vinayena jagaduH, gabhIraM garttaM gantuM mAj nApayAsmAn| (Abyssos )
और कफ़रनहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा. (Hadēs )
he kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvad unnatA kintu narakaM yAvat nyagbhaviShyasi| (Hadēs )
एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios )
anantaram eko vyavasthApaka utthAya taM parIkShituM paprachCha, he upadeshaka anantAyuShaH prAptaye mayA kiM karaNIyaM? (aiōnios )
पर मैं तुम्हें समझाता हूं कि तुम्हारा किससे डरना सही है: उन्हीं से, जिन्हें शरीर का नाश करने के बाद नर्क में झोंकने का अधिकार है. सच मानो, तुम्हारा उन्हीं से डरना उचित है. (Geenna )
tarhi kasmAd bhetavyam ityahaM vadAmi, yaH sharIraM nAshayitvA narakaM nikSheptuM shaknoti tasmAdeva bhayaM kuruta, punarapi vadAmi tasmAdeva bhayaM kuruta| (Geenna )
“स्वामी ने इस ठग भंडारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की संतान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं! (aiōn )
tenaiva prabhustamayathArthakR^itam adhIshaM tadbuddhinaipuNyAt prashashaMsa; itthaM dIptirUpasantAnebhya etatsaMsArasya santAnA varttamAnakAle. adhikabuddhimanto bhavanti| (aiōn )
मैं तुमसे कहता हूं कि सांसारिक संपत्ति का उपयोग अपने मित्र बनाने के लिए करो कि जब यह संपत्ति न रहे तो अनंत काल के घर में तुम्हारा स्वागत हो. (aiōnios )
ato vadAmi yUyamapyayathArthena dhanena mitrANi labhadhvaM tato yuShmAsu padabhraShTeShvapi tAni chirakAlam AshrayaM dAsyanti| (aiōnios )
अधोलोक की ताड़ना में पड़े हुए धनवान व्यक्ति ने दूर से ही अब्राहाम को देखा, जिनके सामने लाज़रॉस बैठा हुआ था. (Hadēs )
pashchAt sa dhanavAnapi mamAra, taM shmashAne sthApayAmAsushcha; kintu paraloke sa vedanAkulaH san UrddhvAM nirIkShya bahudUrAd ibrAhImaM tatkroDa iliyAsara ncha vilokya ruvannuvAcha; (Hadēs )
एक प्रधान ने उनसे प्रश्न किया, “उत्तम गुरु! अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios )
aparam ekodhipatistaM paprachCha, he paramaguro, anantAyuShaH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और उसे इस समय में कई गुणा अधिक तथा आगामी युग में अनंत काल का जीवन प्राप्त न हो.” (aiōn , aiōnios )
iha kAle tato. adhikaM parakAle. anantAyushcha na prApsyati loka IdR^ishaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “विवाह केवल इसी लोक में होते हैं. (aiōn )
tadA yIshuH pratyuvAcha, etasya jagato lokA vivahanti vAgdattAshcha bhavanti (aiōn )
वे, जो आनेवाले लोक में प्रवेश तथा मरे हुओं में से जी उठने के योग्य गिने जाते हैं, वैवाहिक अवस्था में प्रवेश नहीं करते. (aiōn )
kintu ye tajjagatprAptiyogyatvena gaNitAM bhaviShyanti shmashAnAchchotthAsyanti te na vivahanti vAgdattAshcha na bhavanti, (aiōn )
कि हर एक मनुष्य उसमें विश्वास करे और अनंत जीवन प्राप्त करे. (aiōnios )
tasmAd yaH kashchit tasmin vishvasiShyati so. avinAshyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
परमेश्वर ने संसार से अपने अपार प्रेम के कारण अपना एकलौता पुत्र बलिदान कर दिया कि हर एक ऐसा व्यक्ति, जो पुत्र में विश्वास करता है, उसका विनाश न हो परंतु वह अनंत जीवन प्राप्त करे. (aiōnios )
Ishvara itthaM jagadadayata yat svamadvitIyaM tanayaM prAdadAt tato yaH kashchit tasmin vishvasiShyati so. avinAshyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
वह, जो पुत्र में विश्वास करता है, अनंत काल के जीवन में प्रवेश कर चुका है किंतु जो पुत्र को नहीं मानता है, वह अनंत काल का जीवन प्राप्त नहीं करेगा परंतु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहेगा. (aiōnios )
yaH kashchit putre vishvasiti sa evAnantam paramAyuH prApnoti kintu yaH kashchit putre na vishvasiti sa paramAyuSho darshanaM na prApnoti kintvIshvarasya kopabhAjanaM bhUtvA tiShThati| (aiōnios )
किंतु जो व्यक्ति मेरा दिया हुआ जल पिएगा वह आजीवन किसी भी प्रकार से प्यासा न होगा. और वह जल जो मैं उसे दूंगा, उसमें से अनंत काल के जीवन का सोता बनकर फूट निकलेगा.” (aiōn , aiōnios )
kintu mayA dattaM pAnIyaM yaH pivati sa punaH kadApi tR^iShArtto na bhaviShyati| mayA dattam idaM toyaM tasyAntaH prasravaNarUpaM bhUtvA anantAyuryAvat sroShyati| (aiōn , aiōnios )
इकट्ठा करनेवाला अपनी मज़दूरी प्राप्त कर अनंत काल के जीवन के लिए फसल इकट्ठी कर रहा है कि किसान और इकट्ठा करनेवाला दोनों मिलकर आनंद मनाएं. (aiōnios )
yashChinatti sa vetanaM labhate anantAyuHsvarUpaM shasyaM sa gR^ihlAti cha, tenaiva vaptA ChettA cha yugapad AnandataH| (aiōnios )
“मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: जो मेरा वचन सुनता और मेरे भेजनेवाले में विश्वास करता है, अनंत काल का जीवन उसी का है; उसे दोषी नहीं ठहराया जाता, परंतु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है. (aiōnios )
yuShmAnAhaM yathArthataraM vadAmi yo jano mama vAkyaM shrutvA matprerake vishvasiti sonantAyuH prApnoti kadApi daNDabAjanaM na bhavati nidhanAdutthAya paramAyuH prApnoti| (aiōnios )
तुम शास्त्रों का मनन इस विश्वास में करते हो कि उनमें अनंत काल का जीवन बसा है. ये सभी शास्त्र मेरे ही विषय में गवाही देते हैं. (aiōnios )
dharmmapustakAni yUyam AlochayadhvaM tai rvAkyairanantAyuH prApsyAma iti yUyaM budhyadhve taddharmmapustakAni madarthe pramANaM dadati| (aiōnios )
उस भोजन के लिए मेहनत मत करो, जो नाशमान है परंतु उसके लिए, जो अनंत जीवन तक ठहरता है, जो मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा क्योंकि पिता अर्थात् परमेश्वर ने समर्थन के साथ मात्र उसी को यह अधिकार सौंपा है.” (aiōnios )
kShayaNIyabhakShyArthaM mA shrAmiShTa kintvantAyurbhakShyArthaM shrAmyata, tasmAt tAdR^ishaM bhakShyaM manujaputro yuShmAbhyaM dAsyati; tasmin tAta IshvaraH pramANaM prAdAt| (aiōnios )
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है कि हर एक, जो पुत्र को अपनाकर उसमें विश्वास करे, वह अनंत काल का जीवन प्राप्त करे तथा मैं उसे अंतिम दिन में फिर से जीवित करूं.” (aiōnios )
yaH kashchin mAnavasutaM vilokya vishvasiti sa sheShadine mayotthApitaH san anantAyuH prApsyati iti matprerakasyAbhimataM| (aiōnios )
मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: अनंत काल का जीवन उसी का है, जो विश्वास करता है. (aiōnios )
ahaM yuShmAn yathArthataraM vadAmi yo jano mayi vishvAsaM karoti sonantAyuH prApnoti| (aiōnios )
स्वर्ग से उतरी जीवन की रोटी मैं ही हूं. जो कोई यह रोटी खाता है, वह हमेशा जीवित रहेगा. जो रोटी मैं दूंगा, वह संसार के जीवन के लिए भेंट मेरा शरीर है.” (aiōn )
yajjIvanabhakShyaM svargAdAgachChat sohameva idaM bhakShyaM yo jano bhu Nktte sa nityajIvI bhaviShyati| punashcha jagato jIvanArthamahaM yat svakIyapishitaM dAsyAmi tadeva mayA vitaritaM bhakShyam| (aiōn )
अनंत काल का जीवन उसी का है, जो मेरा शरीर खाता और मेरा लहू पीता है; अंतिम दिन मैं उसे फिर से जीवित करूंगा. (aiōnios )
yo mamAmiShaM svAdati mama sudhira ncha pivati sonantAyuH prApnoti tataH sheShe. ahni tamaham utthApayiShyAmi| (aiōnios )
यह वह रोटी है, जो स्वर्ग से उतरी हुई है; वैसी नहीं, जो पूर्वजों ने खाई और फिर भी उनकी मृत्यु हो गई; परंतु वह, जो यह रोटी खाता है, हमेशा जीवित रहेगा.” (aiōn )
yadbhakShyaM svargAdAgachChat tadidaM yanmAnnAM svAditvA yuShmAkaM pitaro. amriyanta tAdR^isham idaM bhakShyaM na bhavati idaM bhakShyaM yo bhakShati sa nityaM jIviShyati| (aiōn )
शिमओन पेतरॉस ने उत्तर दिया, “प्रभु, हम किसके पास जाएं? अनंत काल के जीवन की बातें तो आप ही के पास हैं. (aiōnios )
tataH shimon pitaraH pratyavochat he prabho kasyAbhyarNaM gamiShyAmaH? (aiōnios )
दास हमेशा घर में नहीं रहता; पुत्र हमेशा रहता है. (aiōn )
dAsashcha nirantaraM niveshane na tiShThati kintu putro nirantaraM tiShThati| (aiōn )
मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: यदि कोई मेरी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी.” (aiōn )
ahaM yuShmabhyam atIva yathArthaM kathayAmi yo naro madIyaM vAchaM manyate sa kadAchana nidhanaM na drakShyati| (aiōn )
इस पर यहूदियों ने मसीह येशु से कहा, “अब हमें निश्चय हो गया कि तुममें दुष्टात्मा है. अब्राहाम और भविष्यद्वक्ताओं की मृत्यु हो चुकी और तुम कहते हो कि जो कोई तुम्हारी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी. (aiōn )
yihUdIyAstamavadan tvaM bhUtagrasta itIdAnIm avaiShma| ibrAhIm bhaviShyadvAdina ncha sarvve mR^itAH kintu tvaM bhAShase yo naro mama bhAratIM gR^ihlAti sa jAtu nidhAnAsvAdaM na lapsyate| (aiōn )
आदिकाल से कभी ऐसा सुनने में नहीं आया कि किसी ने जन्म के अंधे को आंखों की रोशनी दी हो. (aiōn )
kopi manuShyo janmAndhAya chakShuShI adadAt jagadArambhAd etAdR^ishIM kathAM kopi kadApi nAshR^iNot| (aiōn )
मैं उन्हें अनंत काल का जीवन देता हूं. वे कभी नाश न होंगी और कोई भी उन्हें मेरे हाथ से छीन नहीं सकता. (aiōn , aiōnios )
ahaM tebhyo. anantAyu rdadAmi, te kadApi na naMkShyanti kopi mama karAt tAn harttuM na shakShyati| (aiōn , aiōnios )
तथा वह जीवित व्यक्ति, जो मुझमें विश्वास करता है, उसकी मृत्यु कभी न होगी. क्या तुम यह विश्वास करती हो?” (aiōn )
yaH kashchana cha jIvan mayi vishvasiti sa kadApi na mariShyati, asyAM kathAyAM kiM vishvasiShi? (aiōn )
जो अपने जीवन से प्रेम रखता है, उसे खो देता है परंतु जो इस संसार में अपने जीवन से प्रेम नहीं रखता, उसे अनंत जीवन के लिए सुरक्षित रखेगा. (aiōnios )
yo jane nijaprANAn priyAn jAnAti sa tAn hArayiShyati kintu ye jana ihaloke nijaprANAn apriyAn jAnAti senantAyuH prAptuM tAn rakShiShyati| (aiōnios )
भीड़ ने उनसे प्रश्न किया, “हमने व्यवस्था में से सुना है कि मसीह का अस्तित्व सर्वदा रहेगा. आप यह कैसे कहते हैं कि मनुष्य के पुत्र का ऊंचे पर उठाया जाना ज़रूरी है? कौन है यह मनुष्य का पुत्र?” (aiōn )
tadA lokA akathayan sobhiShiktaH sarvvadA tiShThatIti vyavasthAgranthe shrutam asmAbhiH, tarhi manuShyaputraH protthApito bhaviShyatIti vAkyaM kathaM vadasi? manuShyaputroyaM kaH? (aiōn )
मैं जानता हूं कि उनकी आज्ञा का पालन अनंत जीवन है. इसलिये जो कुछ मैं कहता हूं, ठीक वैसा ही कहता हूं, जैसा पिता ने मुझे कहने की आज्ञा दी है.” (aiōnios )
tasya sAj nA anantAyurityahaM jAnAmi, ataevAhaM yat kathayAmi tat pitA yathAj nApayat tathaiva kathayAmyaham| (aiōnios )
पेतरॉस ने कहा, “नहीं, प्रभु, आप मेरे पांव कभी भी न धोएंगे.” “यदि मैं तुम्हारे पांव न धोऊं तो तुम्हारा मेरे साथ कोई संबंध नहीं रह जाएगा,” मसीह येशु ने कहा. (aiōn )
tataH pitaraH kathitavAn bhavAn kadApi mama pAdau na prakShAlayiShyati| yIshurakathayad yadi tvAM na prakShAlaye tarhi mayi tava kopyaMsho nAsti| (aiōn )
मैं पिता से विनती करूंगा और वह तुम्हें एक और सहायक देंगे कि वह हमेशा तुम्हारे साथ रहें: (aiōn )
tato mayA pituH samIpe prArthite pitA nirantaraM yuShmAbhiH sArddhaM sthAtum itaramekaM sahAyam arthAt satyamayam AtmAnaM yuShmAkaM nikaTaM preShayiShyati| (aiōn )
क्योंकि आपने उसे सारी मानव जाति पर अधिकार दिया है कि वह उन सबको अनंत जीवन प्रदान करे जिन्हें आपने उसे सौंपा है. (aiōnios )
tvaM yollokAn tasya haste samarpitavAn sa yathA tebhyo. anantAyu rdadAti tadarthaM tvaM prANimAtrANAm adhipatitvabhAraM tasmai dattavAn| (aiōnios )
अनंत जीवन यह है कि वे आपको, जो एकमात्र सच्चे परमेश्वर हैं और मसीह येशु को, जिसे आपने भेजा है, जानें. (aiōnios )
yastvam advitIyaH satya IshvarastvayA preritashcha yIshuH khrIShTa etayorubhayoH parichaye prApte. anantAyu rbhavati| (aiōnios )
क्योंकि आप न तो मेरी आत्मा को अधोलोक में छोड़ेंगे और न अपने पवित्र जन के शव को सड़ने देंगे. (Hadēs )
paraloke yato hetostvaM mAM naiva hi tyakShyasi| svakIyaM puNyavantaM tvaM kShayituM naiva dAsyasi| evaM jIvanamArgaM tvaM mAmeva darshayiShyasi| (Hadēs )
होनेवाली घटनाओं को साफ़-साफ़ देखते हुए दावीद ने मसीह येशु के पुनरुत्थान का वर्णन किया कि मसीह येशु न तो अधोलोक में छोड़ दिए गए और न ही उनके शव को सड़न ने स्पर्श किया. (Hadēs )
iti j nAtvA dAyUd bhaviShyadvAdI san bhaviShyatkAlIyaj nAnena khrIShTotthAne kathAmimAM kathayAmAsa yathA tasyAtmA paraloke na tyakShyate tasya sharIra ncha na kSheShyati; (Hadēs )
जिनका स्वर्ग के द्वारा स्वीकार किया जाना निश्चित है, जब तक परमेश्वर द्वारा हर एक वस्तु की पुनःस्थापना का समय न आ जाए, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने प्राचीन काल में अपने भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से की थी. (aiōn )
kintu jagataH sR^iShTimArabhya Ishvaro nijapavitrabhaviShyadvAdigaNona yathA kathitavAn tadanusAreNa sarvveShAM kAryyANAM siddhiparyyantaM tena svarge vAsaH karttavyaH| (aiōn )
किंतु पौलॉस तथा बारनबास ने निडरता से कहा: “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन सबसे पहले आपके सामने स्पष्ट किया जाता. अब, जबकि आप लोगों ने इसे नकार दिया है और यह करते हुए स्वयं को अनंत जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, हम अपना ध्यान अब गैर-यहूदियों की ओर केंद्रित करेंगे, (aiōnios )
tataH paulabarNabbAvakShobhau kathitavantau prathamaM yuShmAkaM sannidhAvIshvarIyakathAyAH prachAraNam uchitamAsIt kintuM tadagrAhyatvakaraNena yUyaM svAn anantAyuSho. ayogyAn darshayatha, etatkAraNAd vayam anyadeshIyalokAnAM samIpaM gachChAmaH| (aiōnios )
यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया. (aiōnios )
tadA kathAmIdR^ishIM shrutvA bhinnadeshIyA AhlAditAH santaH prabhoH kathAM dhanyAM dhanyAm avadan, yAvanto lokAshcha paramAyuH prAptinimittaM nirUpitA Asan te vyashvasan| (aiōnios )
जो पुरातन काल से इन बातों को प्रकट करते आए हैं. (aiōn )
A prathamAd IshvaraH svIyAni sarvvakarmmANi jAnAti| (aiōn )
सच यह है कि सृष्टि के प्रारंभ ही से परमेश्वर के अनदेखे गुण, उनकी अनंत सामर्थ्य तथा उनका परमेश्वरत्व उनकी सृष्टि में स्पष्ट है और दिखाई देता है. इसलिये मनुष्य के पास अपने इस प्रकार के स्वभाव के बचाव में कोई भी तर्क शेष नहीं रह जाता. (aïdios )
phalatastasyAnantashaktIshvaratvAdInyadR^ishyAnyapi sR^iShTikAlam Arabhya karmmasu prakAshamAnAni dR^ishyante tasmAt teShAM doShaprakShAlanasya panthA nAsti| (aïdios )
Romans 1:24 (romiNaH 1:24)
(parallel missing)
itthaM ta Ishvarasya satyatAM vihAya mR^iShAmatam AshritavantaH sachchidAnandaM sR^iShTikarttAraM tyaktvA sR^iShTavastunaH pUjAM sevA ncha kR^itavantaH; (aiōn )
ये वे हैं, जिन्होंने परमेश्वर के सच का बदलाव झूठ से किया. ये वे हैं, जिन्होंने सृष्टि की वंदना अर्चना की, न कि सृष्टिकर्ता की, जो सदा-सर्वदा वंदनीय हैं. आमेन. (aiōn )
(parallel missing)
जिन्होंने महिमा, गौरव और अमरता को पाने के लिए अच्छे काम करते हुए बिना थके मेहनत की है, उन्हें अनंत जीवन (aiōnios )
vastutastu ye janA dhairyyaM dhR^itvA satkarmma kurvvanto mahimA satkAro. amaratva nchaitAni mR^igayante tebhyo. anantAyu rdAsyati| (aiōnios )
कि जिस प्रकार पाप ने मृत्यु में शासन किया, उसी प्रकार अनुग्रह धार्मिकता के द्वारा हमारे प्रभु येशु मसीह में अनंत जीवन के लिए शासन करे. (aiōnios )
tena mR^ityunA yadvat pApasya rAjatvam abhavat tadvad asmAkaM prabhuyIshukhrIShTadvArAnantajIvanadAyipuNyenAnugrahasya rAjatvaM bhavati| (aiōnios )
किंतु अब तुम पाप से मुक्त होकर परमेश्वर के दास बनकर वह लाभ कमा रहे हो, जिसका परिणाम है (परमेश्वर के लिए) पवित्र किया जाना और इसका नतीजा है अनंत जीवन. (aiōnios )
kintu sAmprataM yUyaM pApasevAto muktAH santa Ishvarasya bhR^ityA. abhavata tasmAd yuShmAkaM pavitratvarUpaM labhyam anantajIvanarUpa ncha phalam Aste| (aiōnios )
क्योंकि पाप की मज़दूरी मृत्यु है, किंतु हमारे प्रभु येशु मसीह में परमेश्वर का वरदान अनंत जीवन है. (aiōnios )
yataH pApasya vetanaM maraNaM kintvasmAkaM prabhuNA yIshukhrIShTenAnantajIvanam IshvaradattaM pAritoShikam Aste| (aiōnios )
पुरखे भी इन्हीं के हैं तथा शारीरिक पक्ष के अनुसार मसीह भी इन्हीं के वंशज हैं, जो सर्वोच्च हैं, जो युगानुयुग स्तुति के योग्य परमेश्वर हैं, आमेन. (aiōn )
tat kevalaM nahi kintu sarvvAdhyakShaH sarvvadA sachchidAnanda Ishvaro yaH khrIShTaH so. api shArIrikasambandhena teShAM vaMshasambhavaH| (aiōn )
या मसीह को मरे हुओं में से जीवित करने के उद्देश्य से पाताल में कौन उतरेगा? (Abyssos )
ko vA pretalokam avaruhya khrIShTaM mR^itagaNamadhyAd AneShyatIti vAk manasi tvayA na gaditavyA| (Abyssos )
इस समय परमेश्वर ने सभी को आज्ञा के उल्लंघन की सीमा में रख दिया है कि वह सभी पर कृपादृष्टि कर सकें. (eleēsē )
IshvaraH sarvvAn prati kR^ipAM prakAshayituM sarvvAn avishvAsitvena gaNayati| (eleēsē )
वही हैं सब कुछ के स्रोत, वही हैं सब कुछ के कारक, वही हैं सब कुछ की नियति—उन्हीं की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन. (aiōn )
yato vastumAtrameva tasmAt tena tasmai chAbhavat tadIyo mahimA sarvvadA prakAshito bhavatu| iti| (aiōn )
इस संसार के स्वरूप में न ढलो, परंतु मन के नए हो जाने के द्वारा तुममें जड़ से परिवर्तन हो जाए कि तुम परमेश्वर की इच्छा को, जो उत्तम, ग्रहण करने योग्य तथा त्रुटिहीन है, सत्यापित कर सको. (aiōn )
aparaM yUyaM sAMsArikA iva mAcharata, kintu svaM svaM svabhAvaM parAvartya nUtanAchAriNo bhavata, tata Ishvarasya nideshaH kIdR^ig uttamo grahaNIyaH sampUrNashcheti yuShmAbhiranubhAviShyate| (aiōn )
अब उस परमेश्वर को, जो तुमको मेरे सुसमाचार और मसीह येशु के प्रचार द्वारा और सशक्त कर सकता, उस भेद के प्रकाशन के अनुसार, जो सनातन से छिपाकर रखा गया था; (aiōnios )
pUrvvakAlikayugeShu prachChannA yA mantraNAdhunA prakAshitA bhUtvA bhaviShyadvAdilikhitagranthagaNasya pramANAd vishvAsena grahaNArthaM sadAtanasyeshvarasyAj nayA sarvvadeshIyalokAn j nApyate, (aiōnios )
जिसे अब परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार भविष्यद्वक्ताओं के अभिलेखों द्वारा सभी राष्ट्रों पर प्रकट कर दिया गया है कि इसके द्वारा वे विश्वास की आज्ञाकारिता की ओर आगे बढ़ें. (aiōnios )
tasyA mantraNAyA j nAnaM labdhvA mayA yaH susaMvAdo yIshukhrIShTamadhi prachAryyate, tadanusArAd yuShmAn dharmme susthirAn karttuM samartho yo. advitIyaH (aiōnios )
मसीह येशु के द्वारा उन एकमात्र ज्ञानी परमेश्वर की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे! आमेन. (aiōn )
sarvvaj na Ishvarastasya dhanyavAdo yIshukhrIShTena santataM bhUyAt| iti| (aiōn )
कहां है ज्ञानी? कहां है शास्त्री? और कहां है इस युग का विवादी? क्या परमेश्वर के सामने संसार का सारा ज्ञान मूर्खता नहीं है? (aiōn )
j nAnI kutra? shAstrI vA kutra? ihalokasya vichAratatparo vA kutra? ihalokasya j nAnaM kimIshvareNa mohIkR^itaM nahi? (aiōn )
फिर भी मैं उन्हें, जो मजबूत हैं, ज्ञान भरा संदेश देता हूं परंतु यह ज्ञान न इस युग का है और न इस युग के शासकों का, जिनका नाश होना तय है. (aiōn )
vayaM j nAnaM bhAShAmahe tachcha siddhalokai rj nAnamiva manyate, tadihalokasya j nAnaM nahi, ihalokasya nashvarANAm adhipatInAM vA j nAnaM nahi; (aiōn )
हम परमेश्वर के ज्ञान का—उस रहस्यमय भेद का—जो गुप्त रखा गया है, प्रकट करते हैं, जिसे परमेश्वर ने युगों से पहले हमारी महिमा के लिए तय किया था. (aiōn )
kintu kAlAvasthAyAH pUrvvasmAd yat j nAnam asmAkaM vibhavArtham IshvareNa nishchitya prachChannaM tannigUDham IshvarIyaj nAnaM prabhAShAmahe| (aiōn )
इस ज्ञान को इस युग के किसी भी राजा ने न पहचाना. यदि वे इसे पहचान लेते, वे ज्योतिर्मय प्रभु को क्रूसित न करते. (aiōn )
ihalokasyAdhipatInAM kenApi tat j nAnaM na labdhaM, labdhe sati te prabhAvavishiShTaM prabhuM krushe nAhaniShyan| (aiōn )
धोखे में न रहो. यदि तुममें से कोई यह सोच बैठा है कि वह सांसारिक बातों के अनुसार बुद्धिमान है, तो सही यह होगा कि वह स्वयं को “मूर्ख” बना ले कि वह बुद्धिमान बन जाए. (aiōn )
kopi svaM na va nchayatAM| yuShmAkaM kashchana chedihalokasya j nAnena j nAnavAnahamiti budhyate tarhi sa yat j nAnI bhavet tadarthaM mUDho bhavatu| (aiōn )
इसलिये यदि भोजन किसी के लिए ठोकर का कारण बनता है तो मैं मांस का भोजन कभी न करूंगा कि मैं विश्वासियों के लिए ठोकर का कारण न बनूं. (aiōn )
ato hetoH pishitAshanaM yadi mama bhrAtu rvighnasvarUpaM bhavet tarhyahaM yat svabhrAtu rvighnajanako na bhaveyaM tadarthaM yAvajjIvanaM pishitaM na bhokShye| (aiōn )
उनके साथ घटी हुई ये घटनाएं चिन्ह थी, जो हमारे लिए चेतावनी के रूप में लिखी गई क्योंकि हम उस युग में हैं, जो अंत के पास है. (aiōn )
tAn prati yAnyetAni jaghaTire tAnyasmAkaM nidarshanAni jagataH sheShayuge varttamAnAnAm asmAkaM shikShArthaM likhitAni cha babhUvuH| (aiōn )
मृत्यु! कहां है तेरी विजय? मृत्यु! कहां है तेरा ड़ंक? (Hadēs )
mR^ityo te kaNTakaM kutra paraloka jayaH kka te|| (Hadēs )
इस संसार के ईश्वर ने उन अविश्वासियों की बुद्धि को अंधा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, मसीह के तेजोमय ईश्वरीय सुसमाचार के प्रकाश को न देख सकें. (aiōn )
yata Ishvarasya pratimUrtti ryaH khrIShTastasya tejasaH susaMvAdasya prabhA yat tAn na dIpayet tadartham iha lokasya devo. avishvAsinAM j nAnanayanam andhIkR^itavAn etasyodAharaNaM te bhavanti| (aiōn )
हमारा यह छोटा सा, क्षण-भर का कष्ट हमारे लिए ऐसी अनंत और अत्यधिक महिमा को उत्पन्न कर रहा है, जिसकी तुलना नहीं कर सकते (aiōnios )
kShaNamAtrasthAyi yadetat laghiShThaM duHkhaM tad atibAhulyenAsmAkam anantakAlasthAyi gariShThasukhaM sAdhayati, (aiōnios )
क्योंकि हमने अपना ध्यान उस पर केंद्रित नहीं किया, जो दिखाई देता है परंतु उस पर, जो दिखाई नहीं देता है. जो कुछ दिखाई देता है, वह क्षण-भर का है किंतु जो दिखाई नहीं देता वह अनंत काल का. (aiōnios )
yato vayaM pratyakShAn viShayAn anuddishyApratyakShAn uddishAmaH| yato hetoH pratyakShaviShayAH kShaNamAtrasthAyinaH kintvapratyakShA anantakAlasthAyinaH| (aiōnios )
हमें यह मालूम है कि जब हमारे सांसारिक तंबू—हमारी देह—को, जिसमें हम रहते हैं, गिरा दिया जाएगा तो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से एक ऐसा घर तय किया गया है, जो मनुष्य के हाथ का बनाया हुआ नहीं परंतु स्वर्गीय और अनंत काल का है. (aiōnios )
aparam asmAkam etasmin pArthive dUShyarUpe veshmani jIrNe satIshvareNa nirmmitam akarakR^itam asmAkam anantakAlasthAyi veshmaikaM svarge vidyata iti vayaM jAnImaH| (aiōnios )
जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: उन्होंने कंगालों को उदारतापूर्वक दान दिया; उनकी सच्चाई और धार्मिकता युगानुयुग बनी रहती है. (aiōn )
etasmin likhitamAste, yathA, vyayate sa jano rAyaM durgatebhyo dadAti cha| nityasthAyI cha taddharmmaH (aiōn )
प्रभु येशु मसीह के परमेश्वर तथा पिता, जो युगानुयुग धन्य हैं, गवाह हैं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा: (aiōn )
mayA mR^iShAvAkyaM na kathyata iti nityaM prashaMsanIyo. asmAkaM prabho ryIshukhrIShTasya tAta Ishvaro jAnAti| (aiōn )
मसीह येशु, जिन्होंने हमारे पापों के कारण स्वयं को इसलिये बलिदान कर दिया कि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छानुसार वह हमें वर्तमान बुरे संसार से छुड़ायें, (aiōn )
asmAkaM tAteshvaresyechChAnusAreNa varttamAnAt kutsitasaMsArAd asmAn nistArayituM yo (aiōn )
उन्हीं की महिमा हमेशा होती रहे. आमेन. (aiōn )
yIshurasmAkaM pApahetorAtmotsargaM kR^itavAn sa sarvvadA dhanyo bhUyAt| tathAstu| (aiōn )
वह, जो अपने शरीर के लिए बोता है, शरीर के द्वारा विनाश की उपज काटेगा; किंतु वह, जो पवित्र आत्मा के लिए बोता है, पवित्र आत्मा के द्वारा अनंत जीवन प्राप्त करेगा. (aiōnios )
svasharIrArthaM yena bIjam upyate tena sharIrAd vinAsharUpaM shasyaM lapsyate kintvAtmanaH kR^ite yena bIjam upyate tenAtmato. anantajIvitarUpaM shasyaM lapsyate| (aiōnios )
सभी सत्ता, प्रधानता, सामर्थ्य, अधिकार और हर एक नाम के ऊपर, चाहे इस युग के या आनेवाले युग के. (aiōn )
adhipatitvapadaM shAsanapadaM parAkramo rAjatva nchetinAmAni yAvanti padAnIha loke paraloke cha vidyante teShAM sarvveShAm Urddhve svarge nijadakShiNapArshve tam upaveshitavAn, (aiōn )
Ephesians 2:1 (iphiShiNaH 2:1)
(parallel missing)
purA yUyam aparAdhaiH pApaishcha mR^itAH santastAnyAcharanta ihalokasya saMsArAnusAreNAkAsharAjyasyAdhipatim (aiōn )
जिनमें तुम पहले इस संसार के अनुसार और आकाशमंडल के अधिकारी, उस आत्मा के अनुसार जी रहे थे, जो आत्मा अब भी आज्ञा न माननेवालों में काम कर रहा है. (aiōn )
(parallel missing)
कि वह आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का उत्तम धन मसीह येशु में हमारे लिए की गई कृपा में दिखा सकें. (aiōn )
itthaM sa khrIShTena yIshunAsmAn prati svahitaiShitayA bhAviyugeShu svakIyAnugrahasyAnupamaM nidhiM prakAshayitum ichChati| (aiōn )
कि सभी सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्त रखे गए इस भेद के प्रबंधन को सब पर प्रकट करूं. (aiōn )
kAlAvasthAtaH pUrvvasmAchcha yo nigUDhabhAva Ishvare gupta AsIt tadIyaniyamaM sarvvAn j nApayAmi| (aiōn )
यह उस सनातन उद्देश्य के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर ने मसीह येशु हमारे प्रभु में पूरा किया. (aiōn )
(parallel missing)
Ephesians 3:12 (iphiShiNaH 3:12)
(parallel missing)
prAptavantastamasmAkaM prabhuM yIshuM khrIShTamadhi sa kAlAvasthAyAH pUrvvaM taM manorathaM kR^itavAn| (aiōn )
हममें इस समय सक्रिय सामर्थ्य के द्वारा, कलीसिया और मसीह येशु में उनकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी, सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन. (aiōn )
khrIShTayIshunA samite rmadhye sarvveShu yugeShu tasya dhanyavAdo bhavatu| iti| (aiōn )
हमारा मल्ल-युद्ध सिर्फ मनुष्यों से नहीं, परंतु प्रधानों, अधिकारियों, अंधकार की सांसारिक शक्तियों और आकाशमंडल में दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है. (aiōn )
yataH kevalaM raktamAMsAbhyAm iti nahi kintu kartR^itvaparAkramayuktaistimirarAjyasyehalokasyAdhipatibhiH svargodbhavai rduShTAtmabhireva sArddham asmAbhi ryuddhaM kriyate| (aiōn )
परमेश्वर हमारे पिता की महिमा युगानुयुग बनी रहे, आमेन. (aiōn )
asmAkaM piturIshvarasya dhanyavAdo. anantakAlaM yAvad bhavatu| Amen| (aiōn )
वह भेद जो युगों और पीढ़ियों से छिपा रहा है किंतु अब उनके पवित्र लोगों पर प्रकट किया गया है. (aiōn )
tat nigUDhaM vAkyaM pUrvvayugeShu pUrvvapuruShebhyaH prachChannam AsIt kintvidAnIM tasya pavitralokAnAM sannidhau tena prAkAshyata| (aiōn )
अनंत विनाश उनका दंड होगा. इसमें वे प्रभु की उपस्थिति तथा उनके सामर्थ्य के पराक्रम से दूर कर दिए जाएंगे. (aiōnios )
te cha prabho rvadanAt parAkramayuktavibhavAchcha sadAtanavinAsharUpaM daNDaM lapsyante, (aiōnios )
अब स्वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा पिता परमेश्वर, जिन्होंने अपने प्रेम में अनुग्रह द्वारा हमें अनंत धीरज-प्रोत्साहन तथा उत्तम आशा प्रदान की है, (aiōnios )
asmAkaM prabhu ryIshukhrIShTastAta IshvarashchArthato yo yuShmAsu prema kR^itavAn nityA ncha sAntvanAm anugraheNottamapratyAshA ncha yuShmabhyaM dattavAn (aiōnios )
किंतु मुझ पर कृपा इसलिये हुई कि मुझ बड़े पापी में मसीह येशु आदर्श के रूप में अपनी पूरी सहनशीलता का प्रमाण उनके हित में प्रस्तुत करें, जो अनंत जीवन के लिए उनमें विश्वास करेंगे. (aiōnios )
teShAM pApinAM madhye. ahaM prathama AsaM kintu ye mAnavA anantajIvanaprAptyarthaM tasmin vishvasiShyanti teShAM dR^iShTAnte mayi prathame yIshunA khrIShTena svakIyA kR^itsnA chirasahiShNutA yat prakAshyate tadarthamevAham anukampAM prAptavAn| (aiōnios )
सनातन राजा, अविनाशी, अनदेखे तथा एकमात्र परमेश्वर का आदर और महिमा सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन. (aiōn )
anAdirakShayo. adR^ishyo rAjA yo. advitIyaH sarvvaj na Ishvarastasya gauravaM mahimA chAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
अपने विश्वास का कठिन संघर्ष करो, उस अनंत जीवन को थामे रखो, जिसके लिए परमेश्वर ने तुम्हें बुलाया और जिसे तुमने अनेक गवाहों के सामने अंगीकार किया है. (aiōnios )
vishvAsarUpam uttamayuddhaM kuru, anantajIvanam Alambasva yatastadarthaM tvam AhUto. abhavaH, bahusAkShiNAM samakSha nchottamAM pratij nAM svIkR^itavAn| (aiōnios )
सिर्फ वही अमर्त्य हैं, जिनका वास अपार ज्योति में है. जिन्हें किसी ने न तो कभी देखा है और न ही देख सकता है. उनकी महिमा और प्रभुता निरंतर रहे. आमेन. (aiōnios )
amaratAyA advitIya AkaraH, agamyatejonivAsI, marttyAnAM kenApi na dR^iShTaH kenApi na dR^ishyashcha| tasya gauravaparAkramau sadAtanau bhUyAstAM| Amen| (aiōnios )
संसार के धनवानों को आदेश दो कि वे घमंड न करें और अपनी आशा नाशमान धन पर नहीं, परंतु परमेश्वर पर रखें, जो हमारे उपभोग की हर एक वस्तु बहुतायत में देते हैं. (aiōn )
ihaloke ye dhaninaste chittasamunnatiM chapale dhane vishvAsa ncha na kurvvatAM kintu bhogArtham asmabhyaM prachuratvena sarvvadAtA (aiōn )
परमेश्वर ने ही हमें उद्धार प्रदान किया तथा पवित्र जीवन के लिए हमें बुलाया है—हमारे कामों के आधार पर नहीं परंतु सनातन काल से मसीह येशु में हमारे लिए आरक्षित अपने ही उद्देश्य तथा अनुग्रह के अंतर्गत. (aiōnios )
so. asmAn paritrANapAtrANi kR^itavAn pavitreNAhvAnenAhUtavAMshcha; asmatkarmmahetuneti nahi svIyanirUpANasya prasAdasya cha kR^ite tat kR^itavAn| sa prasAdaH sR^iShTeH pUrvvakAle khrIShTena yIshunAsmabhyam adAyi, (aiōnios )
यही कारण है कि मैं उनके लिए, जो चुने हुए हैं, सभी कष्ट सह रहा हूं कि उन्हें भी वह उद्धार प्राप्त हो, जो मसीह येशु में मिलता है तथा उसके साथ अनंत महिमा भी. (aiōnios )
khrIShTena yIshunA yad anantagauravasahitaM paritrANaM jAyate tadabhiruchitai rlokairapi yat labhyeta tadarthamahaM teShAM nimittaM sarvvANyetAni sahe| (aiōnios )
क्योंकि देमास ने आधुनिक युग के आकर्षण में मुझे त्याग कर थेस्सलोनिकेयुस नगर जाना सही समझा है. क्रेसकेस गलातिया नगर और तीतॉस दालमतिया नगर गए हुए हैं. (aiōn )
yato dImA aihikasaMsAram IhamAno mAM parityajya thiShalanIkIM gatavAn tathA krIShki rgAlAtiyAM gatavAn tItashcha dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn )
प्रभु मुझे हर एक बुराई से उबारेंगे तथा अपने स्वर्गीय राज्य में सुरक्षित ले जाएंगे. उनकी महिमा युगानुयुग हो. आमेन. (aiōn )
aparaM sarvvasmAd duShkarmmataH prabhu rmAm uddhariShyati nijasvargIyarAjyaM netuM mAM tArayiShyati cha| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| Amen| (aiōn )
Titus 1:1 (tItaH 1:1)
(parallel missing)
anantajIvanasyAshAto jAtAyA Ishvarabhakte ryogyasya satyamatasya yat tatvaj nAnaM yashcha vishvAsa IshvarasyAbhiruchitalokai rlabhyate tadarthaM (aiōnios )
जो अनंत जीवन की आशा में परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार है, जिस अनंत जीवन की प्रतिज्ञा सनातन से ही परमेश्वर द्वारा की गई, जो कभी झूठ नहीं बोलते, (aiōnios )
(parallel missing)
जिसकी हमारे लिए शिक्षा है कि हम “गलत” कामों और सांसारिक अभिलाषाओं का त्याग कर इस युग में संयम, धार्मिकता और परमेश्वर भक्ति का जीवन जिए, (aiōn )
sa chAsmAn idaM shikShyati yad vayam adharmmaM sAMsArikAbhilAShAMshchAna NgIkR^itya vinItatvena nyAyeneshvarabhaktyA chehaloke Ayu ryApayAmaH, (aiōn )
कि उनके अनुग्रह के द्वारा हम धर्मी घोषित किए जाकर अनंत जीवन की आशा के अनुसार वारिस बन जाएं. (aiōnios )
itthaM vayaM tasyAnugraheNa sapuNyIbhUya pratyAshayAnantajIvanasyAdhikAriNo jAtAH| (aiōnios )
क्योंकि वह तुमसे कुछ समय के लिए इसी कारण अलग हुआ कि तुम उसे हमेशा के लिए प्राप्त कर लो. (aiōnios )
ko jAnAti kShaNakAlArthaM tvattastasya vichChedo. abhavad etasyAyam abhiprAyo yat tvam anantakAlArthaM taM lapsyase (aiōnios )
किंतु अब इस अंतिम समय में उन्होंने हमसे अपने पुत्र के द्वारा बातें की हैं, जिन्हें परमेश्वर ने सारी सृष्टि का वारिस चुना और जिनके द्वारा उन्होंने युगों की सृष्टि की. (aiōn )
sa etasmin sheShakAle nijaputreNAsmabhyaM kathitavAn| sa taM putraM sarvvAdhikAriNaM kR^itavAn tenaiva cha sarvvajaganti sR^iShTavAn| (aiōn )
परंतु पुत्र के विषय में: “हे परमेश्वर, आपका सिंहासन अनश्वर है; आपके राज्य का राजदंड वही होगा, जो सच्चाई का राजदंड है. (aiōn )
kintu putramuddishya tenoktaM, yathA, "he Ishvara sadA sthAyi tava siMhAsanaM bhavet| yAthArthyasya bhaveddaNDo rAjadaNDastvadIyakaH| (aiōn )
जैसा उन्होंने दूसरी जगह भी कहा है, “तुम मेलखीज़ेदेक की शृंखला में, एक अनंत काल के पुरोहित हो.” (aiōn )
tadvad anyagIte. apIdamuktaM, tvaM malkIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH| (aiōn )
फिर, सिद्ध घोषित किए जाने के बाद वह स्वयं उन सबके लिए, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, अनंत काल उद्धार का कारण बन गए; (aiōnios )
itthaM siddhIbhUya nijAj nAgrAhiNAM sarvveShAm anantaparitrANasya kAraNasvarUpo. abhavat| (aiōnios )
शुद्ध होने के विषय, सिर पर हाथ रखने, मरे हुओं के जी उठने तथा अनंत दंड के विषय है. (aiōnios )
anantakAlasthAyivichArAj nA chaitaiH punarbhittimUlaM na sthApayantaH khrIShTaviShayakaM prathamopadeshaM pashchAtkR^itya siddhiM yAvad agrasarA bhavAma| (aiōnios )
तथा जो परमेश्वर के उत्तम वचन के, और आनेवाले युग के सामर्थ्य का स्वाद चख लेने के बाद भी (aiōn )
Ishvarasya suvAkyaM bhAvikAlasya shakti nchAsvaditavantashcha te bhraShTvA yadi (aiōn )
जहां मसीह येशु ने अगुआ होकर हमारे लिए मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला के एक अनंत काल का महापुरोहित बनकर प्रवेश किया. (aiōn )
tatraivAsmAkam agrasaro yIshuH pravishya malkIShedakaH shreNyAM nityasthAyI yAjako. abhavat| (aiōn )
क्योंकि इस विषय में मसीह येशु से संबंधित यह पुष्टि की गई: “तुम मेलखीज़ेदेक की श्रृंखला में, एक अनंत काल के पुरोहित हो.” (aiōn )
yata Ishvara idaM sAkShyaM dattavAn, yathA, "tvaM maklIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH|" (aiōn )
किंतु मसीह की नियुक्ति उनकी शपथ के द्वारा हुई, जिन्होंने उनके विषय में कहा: “प्रभु ने शपथ ली है और वह अपना विचार परिवर्तित नहीं करेंगे: ‘तुम अनंत काल के पुरोहित हो.’” (aiōn )
(parallel missing)
Hebrews 7:22 (ibriNaH 7:22)
(parallel missing)
"paramesha idaM shepe na cha tasmAnnivartsyate| tvaM malkIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH|" (aiōn )
किंतु दूसरी ओर मसीह येशु, इसलिये कि वह अनंत काल के हैं, अपने पद पर स्थायी हैं. (aiōn )
kintvasAvanantakAlaM yAvat tiShThati tasmAt tasya yAjakatvaM na parivarttanIyaM| (aiōn )
व्यवस्था, महापुरोहितों के रूप में मनुष्यों को चुनता है, जो मानवीय दुर्बलताओं में सीमित होते हैं किंतु शपथ के वचन ने, जो व्यवस्था के बाद प्रभावी हुई, एक पुत्र को चुना, जिन्हें अनंत काल के लिए सिद्ध बना दिया गया. (aiōn )
yato vyavasthayA ye mahAyAjakA nirUpyante te daurbbalyayuktA mAnavAH kintu vyavasthAtaH paraM shapathayuktena vAkyena yo mahAyAjako nirUpitaH so. anantakAlArthaM siddhaH putra eva| (aiōn )
बकरों और बछड़ों के नहीं परंतु स्वयं अपने लहू के द्वारा परम पवित्र स्थान में सिर्फ एक ही प्रवेश में अनंत छुटकारा प्राप्त किया. (aiōnios )
ChAgAnAM govatsAnAM vA rudhiram anAdAya svIyarudhiram AdAyaikakR^itva eva mahApavitrasthAnaM pravishyAnantakAlikAM muktiM prAptavAn| (aiōnios )
तो मसीह का लहू, जिन्होंने अनंत आत्मा के माध्यम से स्वयं को परमेश्वर के सामने निर्दोष बलि के रूप में भेंट कर दिया, जीवित परमेश्वर की सेवा के लिए तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से शुद्ध कैसे न करेगा! (aiōnios )
tarhi kiM manyadhve yaH sadAtanenAtmanA niShkala Nkabalimiva svameveshvarAya dattavAn, tasya khrIShTasya rudhireNa yuShmAkaM manAMsyamareshvarasya sevAyai kiM mR^ityujanakebhyaH karmmabhyo na pavitrIkAriShyante? (aiōnios )
इसलिये वह एक नई वाचा के मध्यस्थ हैं कि वे सब, जिनको बुलाया गया है, प्रतिज्ञा की हुई अनंत उत्तराधिकार प्राप्त कर सकें क्योंकि इस मृत्यु के द्वारा उन अपराधों का छुटकारा पूरा हो चुका है, जो उस समय किए गए थे, जब पहली वाचा प्रभावी थी. (aiōnios )
sa nUtananiyamasya madhyastho. abhavat tasyAbhiprAyo. ayaM yat prathamaniyamala NghanarUpapApebhyo mR^ityunA muktau jAtAyAm AhUtalokA anantakAlIyasampadaH pratij nAphalaM labheran| (aiōnios )
अन्यथा मसीह को सृष्टि के प्रारंभ से दुःख सहना आवश्यक हो जाता किंतु अब युगों की समाप्ति पर वह मात्र एक ही बार स्वयं अपनी ही बलि के द्वारा पाप को मिटा देने के लिए प्रकट हो गए. (aiōn )
karttavye sati jagataH sR^iShTikAlamArabhya bahuvAraM tasya mR^ityubhoga Avashyako. abhavat; kintvidAnIM sa AtmotsargeNa pApanAshArtham ekakR^itvo jagataH sheShakAle prachakAshe| (aiōn )
यह विश्वास ही है, जिसके द्वारा हमने यह जाना है कि परमेश्वर की आज्ञा मात्र से सारी सृष्टि अस्तित्व में आ गई. वह सब, जो दिखता है उसकी उत्पत्ति देखी हुई वस्तुओं से नहीं हुई. (aiōn )
aparam Ishvarasya vAkyena jagantyasR^ijyanta, dR^iShTavastUni cha pratyakShavastubhyo nodapadyantaitad vayaM vishvAsena budhyAmahe| (aiōn )
मसीह येशु एक सा हैं—कल, आज तथा युगानुयुग. (aiōn )
yIshuH khrIShTaH shvo. adya sadA cha sa evAste| (aiōn )
शांति के परमेश्वर, जिन्होंने भेड़ों के महान चरवाहे अर्थात् मसीह येशु, हमारे प्रभु को अनंत वाचा के लहू के द्वारा मरे हुओं में से जीवित किया, (aiōnios )
anantaniyamasya rudhireNa vishiShTo mahAn meShapAlako yena mR^itagaNamadhyAt punarAnAyi sa shAntidAyaka Ishvaro (aiōnios )
तुम्हें हर एक भले काम में अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए सुसज्जित करें तथा हमें मसीह येशु के द्वारा वह करने के लिए प्रेरित करें, जो उनकी दृष्टि में सुखद है. उन्हीं की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे. आमेन. (aiōn )
nijAbhimatasAdhanAya sarvvasmin satkarmmaNi yuShmAn siddhAn karotu, tasya dR^iShTau cha yadyat tuShTijanakaM tadeva yuShmAkaM madhye yIshunA khrIShTena sAdhayatu| tasmai mahimA sarvvadA bhUyAt| Amen| (aiōn )
जीभ भी आग है—सारे शरीर में अधर्म का भंडार—एक ऐसी आग, जो हमारे सारे शरीर को अशुद्ध कर देती है. जीभ जीवन की गति को नाश करनेवाली ज्वाला में बदल सकती है तथा स्वयं नर्क की आग से जलकर दहकती रहती है. (Geenna )
rasanApi bhaved vahniradharmmarUpapiShTape| asmada NgeShu rasanA tAdR^ishaM santiShThati sA kR^itsnaM dehaM kala Nkayati sR^iShTirathasya chakraM prajvalayati narakAnalena jvalati cha| (Geenna )
तुम्हारा नया जन्म नाशवान नहीं परंतु अनंत जीवन तत्व अर्थात् परमेश्वर के जीवित और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा हुआ है (aiōn )
yasmAd yUyaM kShayaNIyavIryyAt nahi kintvakShayaNIyavIryyAd Ishvarasya jIvanadAyakena nityasthAyinA vAkyena punarjanma gR^ihItavantaH| (aiōn )
परंतु प्रभु का वचन युगानुयुग बना रहता है.” यही है वह वचन जो तुम्हें सुनाया गया था. (aiōn )
kintu vAkyaM pareshasyAnantakAlaM vitiShThate| tadeva cha vAkyaM susaMvAdena yuShmAkam antike prakAshitaM| (aiōn )
यदि कोई प्रवचन करे, तो इस भाव में, मानो वह स्वयं परमेश्वर का वचन हो; यदि कोई सेवा करे, तो ऐसी सामर्थ्य से, जैसा परमेश्वर प्रदान करते हैं कि सभी कामों में मसीह येशु के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद हो, जिनका साम्राज्य और महिमा सदा-सर्वदा है. आमेन. (aiōn )
yo vAkyaM kathayati sa Ishvarasya vAkyamiva kathayatu yashcha param upakaroti sa IshvaradattasAmarthyAdivopakarotu| sarvvaviShaye yIshukhrIShTeneshvarasya gauravaM prakAshyatAM tasyaiva gauravaM parAkramashcha sarvvadA bhUyAt| Amena| (aiōn )
जब तुम थोड़े समय के लिए दुःख-भोग चुके होगे तब सारे अनुग्रह के परमेश्वर, जिन्होंने तुम्हें मसीह में अपनी अनंत काल की महिमा में आमंत्रित किया है, स्वयं तुम्हें सिद्ध, स्थिर, मजबूत तथा प्रतिष्ठित करेंगे. (aiōnios )
kShaNikaduHkhabhogAt param asmabhyaM khrIShTena yIshunA svakIyAnantagauravadAnArthaM yo. asmAn AhUtavAn sa sarvvAnugrAhIshvaraH svayaM yuShmAn siddhAn sthirAn sabalAn nishchalAMshcha karotu| (aiōnios )
उनका अधिकार सदा-सर्वदा हो, आमेन. (aiōn )
tasya gauravaM parAkramashchAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
इस प्रकार हमारे प्रभु तथा उद्धारकर्ता मसीह येशु के अनंत काल के राज्य में तुम्हारे प्रवेश पर तुम्हारा भव्य स्वागत होगा. (aiōnios )
yato. anena prakAreNAsmAkaM prabhostrAtR^i ryIshukhrIShTasyAnantarAjyasya praveshena yUyaM sukalena yojayiShyadhve| (aiōnios )
जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को भी क्षमा नहीं किया, जिन्होंने पाप किया था परंतु उन्हें न्याय के लिए पाताल के अंधेरे गड्ढों में धकेल रखा है; (Tartaroō )
IshvaraH kR^itapApAn dUtAn na kShamitvA timirashR^i NkhalaiH pAtAle ruddhvA vichArArthaM samarpitavAn| (Tartaroō )
हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता मसीह येशु के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते जाओ. उनकी महिमा अब भी और युगानुयुग होती रहे! आमेन. (aiōn )
kintvasmAkaM prabhostrAtu ryIshukhrIShTasyAnugrahe j nAne cha varddhadhvaM| tasya gauravam idAnIM sadAkAla ncha bhUyAt| Amen| (aiōn )
जब यह जीवन प्रकट हुआ, तब हमने उसे देखा और अब हम उसके गवाह हैं. हम तुम्हें उसी अनंत जीवन का संदेश सुना रहे हैं, जो पिता के साथ था और जो हम पर प्रकट किया गया. (aiōnios )
sa jIvanasvarUpaH prakAshata vaya ncha taM dR^iShTavantastamadhi sAkShyaM dadmashcha, yashcha pituH sannidhAvavarttatAsmAkaM samIpe prakAshata cha tam anantajIvanasvarUpaM vayaM yuShmAn j nApayAmaH| (aiōnios )
संसार अपनी अभिलाषाओं के साथ मिट रहा है, किंतु वह, जो परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, सर्वदा बना रहता है. (aiōn )
saMsArastadIyAbhilAShashcha vyatyeti kintu ya IshvarasyeShTaM karoti so. anantakAlaM yAvat tiShThati| (aiōn )
अनंत जीवन ही उनके द्वारा हमसे की गई प्रतिज्ञा है. (aiōnios )
sa cha pratij nayAsmabhyaM yat pratij nAtavAn tad anantajIvanaM| (aiōnios )
हर एक, जो साथी विश्वासी से घृणा करता है, हत्यारा है. तुम्हें यह मालूम है कि किसी भी हत्यारे में अनंत जीवन मौजूद नहीं रहता. (aiōnios )
yaH kashchit svabhrAtaraM dveShTi saM naraghAtI ki nchAnantajIvanaM naraghAtinaH kasyApyantare nAvatiShThate tad yUyaM jAnItha| (aiōnios )
वह साक्ष्य यह है: परमेश्वर ने हमें अनंत जीवन दिया है. यह जीवन उनके पुत्र में बसा है. (aiōnios )
tachcha sAkShyamidaM yad Ishvaro. asmabhyam anantajIvanaM dattavAn tachcha jIvanaM tasya putre vidyate| (aiōnios )
मैंने तुम्हें यह सब इसलिये लिखा है कि तुम, जो परमेश्वर के पुत्र की प्रधानता में विश्वास करते हो, यह जान लो कि अनंत काल का जीवन तुम्हारा है. (aiōnios )
Ishvaraputrasya nAmni yuShmAn pratyetAni mayA likhitAni tasyAbhiprAyo. ayaM yad yUyam anantajIvanaprAptA iti jAnIyAta tasyeshvaraputrasya nAmni vishvaseta cha| (aiōnios )
हम इस सच से परिचित हैं कि परमेश्वर के पुत्र आए तथा हमें समझ दी कि हम उन्हें, जो सच हैं, जानें. हम उनमें स्थिर रहते हैं, जो सच हैं अर्थात् उनके पुत्र मसीह येशु. यही वास्तविक परमेश्वर और अनंत काल का जीवन हैं. (aiōnios )
aparam Ishvarasya putra AgatavAn vaya ncha yayA tasya satyamayasya j nAnaM prApnuyAmastAdR^ishIM dhiyam asmabhyaM dattavAn iti jAnImastasmin satyamaye. arthatastasya putre yIshukhrIShTe tiShThAmashcha; sa eva satyamaya Ishvaro. anantajIvanasvarUpashchAsti| (aiōnios )
यह उस सच के लिए है, जिसका हमारे भीतर वास है तथा जो हमेशा हमारे साथ रहेगा. (aiōn )
satyamatAd yuShmAsu mama premAsti kevalaM mama nahi kintu satyamataj nAnAM sarvveShAmeva| yataH satyamatam asmAsu tiShThatyanantakAlaM yAvachchAsmAsu sthAsyati| (aiōn )
जिस प्रकार परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को भीषण न्याय के दिन तक के लिए सदाकाल के लिए जंजीरों से बंधे, अंधकार में रख छोड़ा है, जिन्होंने अपने आचार नियमों का उल्लंघन करके अपने राजपद तथा घर को त्याग दिया, (aïdios )
ye cha svargadUtAH svIyakartR^itvapade na sthitvA svavAsasthAnaM parityaktavantastAn sa mahAdinasya vichArArtham andhakAramaye. adhaHsthAne sadAsthAyibhi rbandhanairabadhnAt| (aïdios )
उसी प्रकार सोदोम और गोमोरा और आस-पास के नगरों को, जो इनके समान व्यभिचारी हो गये और अप्राकृतिक वासना का अनुसरण करने लगे और अग्नि के दंड के भोगी होकर अन्यों के लिये उदाहरण ठहरें. (aiōnios )
aparaM sidomam amorA tannikaTasthanagarANi chaiteShAM nivAsinastatsamarUpaM vyabhichAraM kR^itavanto viShamamaithunasya cheShTayA vipathaM gatavantashcha tasmAt tAnyapi dR^iShTAntasvarUpANi bhUtvA sadAtanavahninA daNDaM bhu njate| (aiōnios )
ये समुद्र की प्रचंड लहरों के समान हैं, जो अपनी लज्जा फेन के रूप में उछालते हैं. ये मार्ग से भटके हुए तारागण हैं, जिनके लिए अनंत काल का घोर अंधकार तय किया गया है. (aiōn )
svakIyalajjApheNodvamakAH prachaNDAH sAmudratara NgAH sadAkAlaM yAvat ghoratimirabhAgIni bhramaNakArINi nakShatrANi cha bhavanti| (aiōn )
अनंत काल के जीवन के लिए हमारे प्रभु येशु मसीह की दया की बड़ी आशा से प्रतीक्षा करते हुए स्वयं को परमेश्वर के प्रेम में स्थिर बनाए रखो. (aiōnios )
Ishvarasya premnA svAn rakShata, anantajIvanAya chAsmAkaM prabho ryIshukhrIShTasya kR^ipAM pratIkShadhvaM| (aiōnios )
उन अतुल्य परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, वैभव, पराक्रम और राज्य, मसीह येशु हमारे प्रभु के द्वारा जैसी सनातन काल से थी, अब है, युगानुयुग बनी रहे, आमेन. (aiōn )
yo. asmAkam advitIyastrANakarttA sarvvaj na Ishvarastasya gauravaM mahimA parAkramaH kartR^itva nchedAnIm anantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
और हमें अपनी प्रजा, अपने परमेश्वर और पिता के सामने पुरोहित होने के लिए चुना, गौरव तथा अधिकार सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन! (aiōn )
yo. asmAsu prItavAn svarudhireNAsmAn svapApebhyaH prakShAlitavAn tasya piturIshvarasya yAjakAn kR^itvAsmAn rAjavarge niyuktavAMshcha tasmin mahimA parAkramashchAnantakAlaM yAvad varttatAM| Amen| (aiōn )
और जीवित मैं ही हूं; मैं मृत था किंतु देखो, अब मैं हमेशा के लिए जीवित हूं. मृत्यु और अधोलोक की कुंजियां मेरे अधिकार में हैं. (aiōn , Hadēs )
aham amarastathApi mR^itavAn kintu pashyAham anantakAlaM yAvat jIvAmi| Amen| mR^ityoH paralokasya cha ku njikA mama hastagatAH| (aiōn , Hadēs )
जब-जब ये प्राणी उनका, जो सिंहासन पर आसीन हैं, जो सदा-सर्वदा जीवित हैं, स्तुति करते, सम्मान करते तथा उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते हैं, (aiōn )
itthaM taiH prANibhistasyAnantajIvinaH siMhAsanopaviShTasya janasya prabhAve gaurave dhanyavAde cha prakIrttite (aiōn )
वे चौबीस प्राचीन भूमि पर गिरकर उनका, जो सिंहासन पर बैठे हैं, साष्टांग प्रणाम करते तथा उनकी आराधना करते हैं, जो सदा-सर्वदा जीवित हैं. वे यह कहते हुए अपने मुकुट उन्हें समर्पित कर देते हैं: (aiōn )
te chaturviMshatiprAchInA api tasya siMhAsanopaviShTasyAntike praNinatya tam anantajIvinaM praNamanti svIyakirITAMshcha siMhAsanasyAntike nikShipya vadanti, (aiōn )
इसी प्रकार मैंने सारी सृष्टि—स्वर्ग में, इस पृथ्वी पर तथा इस पृथ्वी के नीचे, समुद्र तथा उसमें बसी हुई हर एक वस्तु को यह कहते सुना: “मेमने का तथा उनका, जो सिंहासन पर बैठे हैं, स्तुति, आदर, महिमा तथा प्रभुता, (aiōn )
aparaM svargamarttyapAtAlasAgareShu yAni vidyante teShAM sarvveShAM sR^iShTavastUnAM vAgiyaM mayA shrutA, prashaMsAM gauravaM shauryyam AdhipatyaM sanAtanaM| siMhasanopaviShTashcha meShavatsashcha gachChatAM| (aiōn )
तब मुझे वहां एक घोड़ा दिखाई दिया, जो गंदले हरे रंग का था. जो उस पर बैठा था, उसका नाम था मृत्यु. अधोलोक उसके पीछे-पीछे चला आ रहा था. उसे पृथ्वी के एक चौथाई भाग को तलवार, अकाल, महामारी तथा जंगली पशुओं द्वारा नाश करने का अधिकार दिया गया. (Hadēs )
tataH pANDuravarNa eko. ashvo mayA dR^iShTaH, tadArohiNo nAma mR^ityuriti paralokashcha tam anucharati kha Ngena durbhikSheNa mahAmAryyA vanyapashubhishcha lokAnAM badhAya pR^ithivyAshchaturthAMshasyAdhipatyaM tasmA adAyi| (Hadēs )
वे कह रहे थे: “आमेन! स्तुति, महिमा, ज्ञान, आभार व्यक्ति, आदर, अधिकार तथा शक्ति सदा-सर्वदा हमारे परमेश्वर की है. आमेन!” (aiōn )
tathAstu dhanyavAdashcha tejo j nAnaM prashaMsanaM| shauryyaM parAkramashchApi shaktishcha sarvvameva tat| varttatAmIshvare. asmAkaM nityaM nityaM tathAstviti| (aiōn )
जब पांचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी तो मैंने आकाश से पृथ्वी पर गिरा हुआ एक तारा देखा. उस तारे को अथाह गड्ढे की कुंजी दी गई. (Abyssos )
tataH paraM saptamadUtena tUryyAM vAditAyAM gaganAt pR^ithivyAM nipatita ekastArako mayA dR^iShTaH, tasmai rasAtalakUpasya ku njikAdAyi| (Abyssos )
उसने अथाह गड्ढे का द्वार खोला तो उसमें से धुआं निकला, जो विशाल भट्टी के धुएं के समान था. अथाह गड्ढे के इस धुएं से सूर्य और आकाश निस्तेज और वायुमंडल काला हो गया. (Abyssos )
tena rasAtalakUpe mukte mahAgnikuNDasya dhUma iva dhUmastasmAt kUpAd udgataH| tasmAt kUpadhUmAt sUryyAkAshau timirAvR^itau| (Abyssos )
अथाह गड्ढे का अपदूत उनके लिए राजा के रूप में था. इब्री भाषा में उसे अबादोन तथा यूनानी में अपोलियॉन कहा जाता है. (Abyssos )
teShAM rAjA cha rasAtalasya dUtastasya nAma ibrIyabhAShayA abaddon yUnAnIyabhAShayA cha apalluyon arthato vinAshaka iti| (Abyssos )
और उसने उनकी, जो हमेशा के लिए जीवित हैं, जिन्होंने स्वर्ग और उसमें बसी सब वस्तुओं को, पृथ्वी तथा उसमें बसी सब वस्तुओं को तथा समुद्र तथा उसमें बसी सब वस्तुओं को बनाया है, शपथ खाते हुए यह कहा: “अब और देर न होगी. (aiōn )
aparaM svargAd yasya ravo mayAshrAvi sa puna rmAM sambhAvyAvadat tvaM gatvA samudramedinyostiShThato dUtasya karAt taM vistIrNa kShudragranthaM gR^ihANa, tena mayA dUtasamIpaM gatvA kathitaM grantho. asau dIyatAM| (aiōn )
जब वे अपनी गवाही दे चुकें होंगे तो वह हिंसक पशु, जो उस अथाह गड्ढे में से निकलेगा, उनसे युद्ध करेगा और उन्हें हरा कर उनका विनाश कर डालेगा. (Abyssos )
aparaM tayoH sAkShye samApte sati rasAtalAd yenotthitavyaM sa pashustAbhyAM saha yuddhvA tau jeShyati haniShyati cha| (Abyssos )
जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी तो स्वर्ग से ये तरह-तरह की आवाजें सुनाई देने लगीं: “संसार का राज्य अब हमारे प्रभु तथा उनके मसीह का राज्य हो गया है, वही युगानुयुग राज्य करेंगे.” (aiōn )
anantaraM saptadUtena tUryyAM vAditAyAM svarga uchchaiH svarairvAgiyaM kIrttitA, rAjatvaM jagato yadyad rAjyaM tadadhunAbhavat| asmatprabhostadIyAbhiShiktasya tArakasya cha| tena chAnantakAlIyaM rAjatvaM prakariShyate|| (aiōn )
तब मैंने बीच आकाश में एक स्वर्गदूत को उड़ते हुए देखा, जिसके पास सभी पृथ्वी पर रहनेवालों—हर एक राष्ट्र, गोत्र, भाषा तथा प्रजाति में प्रचार के लिए अनंत काल का ईश्वरीय सुसमाचार था. (aiōnios )
anantaram AkAshamadhyenoDDIyamAno. apara eko dUto mayA dR^iShTaH so. anantakAlIyaM susaMvAdaM dhArayati sa cha susaMvAdaH sarvvajAtIyAn sarvvavaMshIyAn sarvvabhAShAvAdinaH sarvvadeshIyAMshcha pR^ithivInivAsinaH prati tena ghoShitavyaH| (aiōnios )
वे, जो उस पशु तथा उसकी मूर्ति की पूजा-अर्चना करते हैं तथा जिन पर उसके नाम का चिह्न अंकित है, उनकी पीड़ा का धुआं निरंतर उठता रहेगा तथा उन्हें न तो दिन में चैन मिलेगा और न रात में.” (aiōn )
teShAM yAtanAyA dhUmo. anantakAlaM yAvad udgamiShyati ye cha pashuM tasya pratimA ncha pUjayanti tasya nAmno. a NkaM vA gR^ihlanti te divAnishaM ka nchana virAmaM na prApsyanti| (aiōn )
तब चार जीवित प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को सनातन परमेश्वर के क्रोध से भरे सात सोने के कटोरे दे दिए. (aiōn )
aparaM chaturNAM prANinAm ekastebhyaH saptadUtebhyaH saptasuvarNakaMsAn adadAt| (aiōn )
वह हिंसक जानवर, जिसे तुमने देखा था, पहले जीवित था किंतु अब नहीं. अब वह अथाह गड्ढे से निकलकर आने पर है—किंतु स्वयं अपने विनाश के लिए. पृथ्वी के वे सभी वासी, जिनके नाम सृष्टि के प्रारंभ से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं हैं, जब यह देखेंगे कि यह हिंसक पशु पहले था, अब नहीं है किंतु दोबारा आएगा, आश्चर्यचकित हो जाएंगे. (Abyssos )
tvayA dR^iShTo. asau pashurAsIt nedAnIM varttate kintu rasAtalAt tenodetavyaM vinAshashcha gantavyaH| tato yeShAM nAmAni jagataH sR^iShTikAlam Arabhya jIvanapustake likhitAni na vidyante te pR^ithivInivAsino bhUtam avarttamAnamupasthAsyanta ncha taM pashuM dR^iShTvAshcharyyaM maMsyante| (Abyssos )
उनका शब्द दोबारा सुनाई दिया: “हाल्लेलूयाह! उसे भस्म करती ज्वाला का धुआं हमेशा उठता रहेगा.” (aiōn )
punarapi tairidamuktaM yathA, brUta pareshvaraM dhanyaM yannityaM nityameva cha| tasyA dAhasya dhUmo. asau dishamUrddhvamudeShyati|| (aiōn )
तब उस हिंसक पशु को पकड़ लिया गया. उसके साथ ही उस झूठे भविष्यवक्ता को भी, जो उस पशु के नाम में चमत्कार चिह्न दिखाकर उन्हें छल रहा था, जिन पर उस हिंसक पशु की मुहर छपी थी तथा जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे. इन दोनों को जीवित ही गंधक से धधकती झील में फेंक दिया गया. (Limnē Pyr )
tataH sa pashu rdhR^ito yashcha mithyAbhaviShyadvaktA tasyAntike chitrakarmmANi kurvvan taireva pashva NkadhAriNastatpratimApUjakAMshcha bhramitavAn so. api tena sArddhaM dhR^itaH| tau cha vahnigandhakajvalitahrade jIvantau nikShiptau| (Limnē Pyr )
इसके बाद मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते हुए देखा. उसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी तथा एक भारी सांकल थी. (Abyssos )
tataH paraM svargAd avarohan eko dUto mayA dR^iShTastasya kare ramAtalasya ku njikA mahAshR^i Nkhala nchaikaM tiShThataH| (Abyssos )
तब स्वर्गदूत ने उसे अथाह गड्ढे में फेंक दिया, उसे बंद कर उस पर मुहर लगा दी कि वह हज़ार वर्ष पूरा होने तक अब किसी भी राष्ट्र से छल न करे. यह सब होने के बाद यह ज़रूरी था कि उसे थोड़े समय के लिए मुक्त किया जाए. (Abyssos )
aparaM rasAtale taM nikShipya tadupari dvAraM ruddhvA mudrA NkitavAn yasmAt tad varShasahasraM yAvat sampUrNaM na bhavet tAvad bhinnajAtIyAstena puna rna bhramitavyAH| tataH param alpakAlArthaM tasya mochanena bhavitavyaM| (Abyssos )
तब शैतान को, जिसने उनके साथ छल किया था, आग तथा गंधक की झील में फेंक दिया गया, जहां उस हिंसक पशु और झूठे भविष्यवक्ता को भी फेंका गया है. वहां उन्हें अनंत काल के लिए दिन-रात ताड़ना दी जाती रहेगी. (aiōn , Limnē Pyr )
teShAM bhramayitA cha shayatAno vahnigandhakayo rhrade. arthataH pashu rmithyAbhaviShyadvAdI cha yatra tiShThatastatraiva nikShiptaH, tatrAnantakAlaM yAvat te divAnishaM yAtanAM bhokShyante| (aiōn , Limnē Pyr )
समुद्र ने अपने में समाए हुए मरे लोगों को प्रस्तुत किया. मृत्यु और अधोलोक ने भी अपने में समाए हुए मरे लोगों को प्रस्तुत किया. हर एक का न्याय उसके कामों के अनुसार किया गया. (Hadēs )
tadAnIM samudreNa svAntarasthA mR^itajanAH samarpitAH, mR^ityuparalokAbhyAmapi svAntarasthA mR^itajanAH sarmipatAH, teShA nchaikaikasya svakriyAnuyAyI vichAraH kR^itaH| (Hadēs )
मृत्यु तथा अधोलोक को आग की झील में फेंक दिया गया. यही है दूसरी मृत्यु—आग की झील. (Hadēs , Limnē Pyr )
aparaM mR^ityuparalokau vahnihrade nikShiptau, eSha eva dvitIyo mR^ityuH| (Hadēs , Limnē Pyr )
उसे, जिसका नाम जीवन की पुस्तक में न पाया गया, आग की झील में फेंक दिया गया. (Limnē Pyr )
yasya kasyachit nAma jIvanapustake likhitaM nAvidyata sa eva tasmin vahnihrade nyakShipyata| (Limnē Pyr )
किंतु डरपोकों, अविश्वासियों, भ्रष्टों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों का स्थान उस झील में होगा, जो आग तथा गंधक से धधकती रहती है. यही है दूसरी मृत्यु.” (Limnē Pyr )
kintu bhItAnAm avishvAsinAM ghR^iNyAnAM narahantR^iNAM veshyAgAminAM mohakAnAM devapUjakAnAM sarvveShAm anR^itavAdinA nchAMsho vahnigandhakajvalitahrade bhaviShyati, eSha eva dvitIyo mR^ityuH| (Limnē Pyr )
वहां अब से रात होगी ही नहीं. न तो उन्हें दीपक के प्रकाश की ज़रूरत होगी और न ही सूर्य के प्रकाश की क्योंकि स्वयं प्रभु परमेश्वर उनका उजियाला होगे. वह हमेशा शासन करेंगे. (aiōn )
tadAnIM rAtriH puna rna bhaviShyati yataH prabhuH parameshvarastAn dIpayiShyati te chAnantakAlaM yAvad rAjatvaM kariShyante| (aiōn )
ये सूखे कुएं तथा आंधी द्वारा उड़ाई धुंध हैं, जिनके लिए अनंत काल का घोर अंधकार तय किया गया है. ()