< नहेमायाह 6 >

1 जब हमारे शत्रुओं सनबल्लत, तोबियाह, अरबी गेशेम और बाकी शत्रुओं को इसका समाचार मिला कि मैंने शहरपनाह को दोबारा बना लिया है, कि शहरपनाह में अब कहीं भी कोई दरार नहीं रह गई है, यद्यपि इस समय तक फाटकों में पल्ले बैठाए नहीं गए थे,
Sanballat, Tobiah, Geshem, and our other enemies heard [a report] that we had finished rebuilding the wall, and that now there were no more (gaps/places where the wall was not finished) (although we had not yet put the doors in the gates).
2 तब सनबल्लत और गेशेम ने मुझे यह संदेश भेजा “आप आइए कि हम ओनो के मैदान में चेपिरिम नामक स्थान पर भेंट करें.” मगर इसके द्वारा उनका इरादा मेरा बुरा करने का ही था.
So Sanballat and Geshem sent [a message] to me, in which they said “Come and talk with us at a place in Ono Plain [north of Jerusalem].” But [I knew that] really they wanted to harm me [if I went there].
3 तब मैंने अपने दूत उन्हें इस संदेश के साथ भेजे: “मेरा यह काम बहुत बड़ा है, इसलिये मेरा यहां आना संभव नहीं है. यह कैसे सही हो सकता है कि मैं इसे छोड़कर आपसे भेंट करने वहां आऊं?”
So I sent messengers to them, to tell them, “I am doing an important work, and I cannot go down [there]. (Why should I stop doing this work just to go down to [talk with] you?/I do not want to stop doing this work just to go down to [talk with] you.)” [RHQ]
4 उन्होंने चार बार यही संदेश भेजा और मैंने भी उन्हें वही उत्तर दिया.
They sent me the same message four times, and each time when I replied to them I said the same thing.
5 तब सनबल्लत ने अपने सेवक द्वारा एक संदेश मेरे लिए भेजा यह वही संदेश पांचवी बार भेजा गया था. उसके हाथ में दिया यह खुला पत्र था.
Then Sanballat sent one of his servants to me, bringing a fifth message. This one was written, but it was not sealed. [He did that in order that others would read the message that the servant was carrying] in his hand.
6 पत्र में लिखा था: “देश-देश के लोगों में यह कहा जाने लगा है और उसकी ख़बर हमें गशमू से प्राप्‍त हुई है, कि आप और यहूदी विद्रोह की योजना बना रहे हैं. शहरपनाह बनाना इसी योजना का भाग है. इन सूचनाओं के अनुसार आप उनको राजा बनने की योजना बना रहे हैं.
This is what was written in the message: “Some people in the nearby countries have heard a report that you and the other Jews are rebuilding the wall [in order to be able to resist attacks], because you are planning to revolt [against the king of Babylon]. And the report also says that you are planning to become the king [of the Israelis]. Geshem says that what they have reported is true.
7 इसके लिए तो आपने येरूशलेम में भविष्यद्वक्ता भी ठहरा दिए हैं, जिनकी जवाबदारी होगी यह घोषणा करना: ‘यहूदियों में अब एक राजा है!’ अब यही ख़बर राजा को भी दी ही जाएगी. इसलिये अब आप आ जाइए हम आपस में सलाह करें.”
[People are also saying that] you have appointed some prophets to proclaim in Jerusalem that you, [Nehemiah, ] are now the king in Judea. King [Artaxerxes] will certainly hear these reports, [and then you will be in big trouble]. So I suggest that we should meet together to talk about this matter.”
8 इसके उत्तर में मैंने उसे अपना दूत इस संदेश के साथ भेजा “आपके कहने के अनुसार यहां कुछ भी नहीं किया जा रहा हैं यह सब तो खुद आपके ही दिमाग की उपज है.”
[When I read that message, ] I sent [the messenger] back to Sanballat to say, “None of what you are saying is true. You have (made this up/concocted this) in your own head/mind.”
9 उन सभी का लक्ष्य हमें डराना ही था. उनका सोचना था, “इससे वे डर जाएंगे और यह काम पूरा न हो सकेगा.” मगर परमेश्वर, मेरी बाज़ुओं में ताकत दीजिए.
[I said that because I knew that] they were trying to cause us to be afraid, with the result that we would stop working [on the wall]. So I actually became more determined (OR, I prayed to God to help me) [to continue the work].
10 मैं मेहेताबेल के पोते देलाइयाह के पुत्र शेमायाह के घर पर गया, जो घर से बाहर जाने में असमर्थ था, उसने प्रस्ताव रखा, “हम परमेश्वर के भवन में मंदिर के अंदर ही इकट्ठा हों और मंदिर के दरवाजे बंद कर लें, क्योंकि वे आपकी हत्या के उद्देश्य से यहां आ रहे हैं और वे रात में ही आपकी हत्या करना चाह रहे हैं.”
[One day] I went to talk with Shemaiah, son of Delaiah and grandson of Mehetabel. I went to talk with him in his house, because he was not able (OR, allowed) to leave his house. He said to me, “You and I must enter the very sacred place in the temple and lock the doors, because people are going to come to kill you at night.”
11 किंतु मैंने इनकार किया, “क्या मेरे जैसे व्यक्ति के लिए इस प्रकार भागना अच्छा होगा? और क्या मुझ जैसे व्यक्ति के लिए मंदिर में जाकर अपना जीवन बचाना सही होगा? मैं नहीं जाऊंगा वहां!”
I replied, “I (am not that kind of person/do not do things like that) [RHQ]! I would not run and hide in the temple to save my life! No, I will not do that!”
12 तब मुझे यह अहसास हो गया, कि निश्चित ही यह परमेश्वर द्वारा भेजी गई सलाह नहीं थी! उसने तो यह भविष्यवाणी के रूप में इसलिये कहा था, कि उसे तोबियाह और सनबल्लत ने पैसा दिया था.
When I thought [about what he had said], I realized that God had not told Shemaiah to say that to me. I realized that Tobiah and Sanballat had bribed him [to say that to me].
13 शेमायाह को पैसे देकर मुझे डराने के लिए काम पर रखा गया था, कि मैं डरकर वही करूं, जिससे मैं परमेश्वर के विरुद्ध पाप कर बैठूं, और इसकी वजह से उन्हें मुझ पर दोष लगाने का मौका मिल जाए और मैं उनके लिए निंदा का पात्र बन जाऊं.
They had bribed him to cause me to be afraid. They wanted me to [disobey God’s commands and] sin [by hiding in the temple]. If I did that, they would be able to ruin my reputation [MTY] and discredit me.
14 मेरे परमेश्वर, आप तोबियाह और सनबल्लत के इस काम को भुला दीजिए. उनके अलावा उस स्त्री, भविष्यद्वक्ता नोआदिया को भी और उन सभी भविष्यवक्ताओं को भी, जो मुझे डराने की कोशिश कर रहे थे.
[So I prayed, ] “My God, do not forget what Tobiah and Sanballat have done. Punish them. And do not forget that the female prophet Noadiah and some of the other prophets have also tried to cause me to be afraid.”
15 इस प्रकार एलुल महीने की पच्चिसवीं तारीख पर 52 दिनों में शहरपनाह की मरम्मत का काम पूरा हो गया.
On October 2 we finished rebuilding the wall. We did it all in 52 days.
16 सभी शत्रुओं को यह समाचार मिल गया, हमारे सभी पास वाले देशों ने यह देख लिया. वे बहुत डर गए. क्योंकि उनके सामने यह साफ़ हो गया था कि यह काम हमारे परमेश्वर की सहायता ही से पूरा हो सका था.
When our enemies in the nearby countries heard about that, they realized that they had been humiliated, because everyone knew that it was because God helped us that we had been able to do this work [and that they had not been able to force us to quit].
17 इसके अलावा उन्हीं दिनों में यहूदिया के बड़े अधिकारियों और तोबियाह के बीच चिट्ठी बहुत आती-जाती थी.
During this time, the Jewish leaders had been sending many messages/letters to Tobiah, and Tobiah had been sending messages back to them.
18 क्योंकि यहूदिया के अनेक व्यक्ति तोबियाह का पक्ष लेने की शपथ लिए हुए थे, क्योंकि वह आराह के पुत्र शेकनियाह का दामाद था और उसके पुत्र येहोहानन का विवाह बेरेखियाह के पुत्र मेशुल्लाम की पुत्री से हुआ था.
Many people in Judea were closely associated with Tobiah, because he was the son-in-law of Shecaniah the son of Arah. Furthermore, Tobiah’s son Jehohanan had married the daughter of Meshullam the son of Berekiah.
19 इसके अलावा, वे मेरे ही सामने उसके भले कामों की सूचना भी दे दिया करते थे. तब तोबियाह ने मुझे डराने के लिए पत्र भेजना शुरू कर दिया.
People often talked in my presence about all the good things that Tobiah had done, and then they would tell him everything that I said. So Tobiah sent many letters to me to try to cause me to become afraid.

< नहेमायाह 6 >