< नहेमायाह 10 >

1 इस वाचा पर मुहर लगानेवालों के नाम इस प्रकार है: हाकालियाह के पुत्र राज्यपाल नेहेमियाह. और सीदकियाहू,
أَمَّا الَّذِينَ وَقَّعُوا عَلَى الْمِيثَاقِ فَهُمُ: الْحَاكِمُ نَحَمْيَا بْنُ حَكَلْيَا وَصِدْقِيَّا،١
2 सेराइयाह, अज़रियाह, येरेमियाह,
وَسَرَايَا وَعَزَرْيَا وَيِرْمِيَا،٢
3 पशहूर, अमरियाह, मालखियाह,
وَفَشْحُورُ وَأَمَرْيَا وَمَلْكِيَّا،٣
4 हत्तुष, शेबानियाह, मल्‍लूख,
وَحَطُّوشُ وَشَبَنْيَا وَمَلُّوخُ،٤
5 हारिम, मेरेमोथ, ओबदिया,
وَحَارِيمُ وَمَرِيمُوثُ وَعُوبَدْيَا،٥
6 दानिएल, गिन्‍नेथौन, बारूख,
وَدَانِيآلُ وَجِنْثُونُ وَبَارُوخُ،٦
7 मेशुल्लाम, अबीयाह, मियामिन,
وَمَشُلّامُ وَأَبِيَّا وَمِيَّامِينُ،٧
8 माजियाह, बिलगाइ, शेमायाह. यह सभी पुरोहित थे.
وَمَعَزْيَا وَبِلْجَايُ وَشَمَعْيَا. وَجَمِيعُهُمْ مِنَ الْكَهَنَةِ.٨
9 लेवी: ये थे अज़ानिया का पुत्र येशुआ, बिन्‍नूइ जो हेनादाद के वंशजों से था, कदमिएल;
وَمِنَ اللّاوِيِّينَ: يَشُوعُ بْنُ أَزَنْيَا وَبِنُّويُ مِنْ بَنِي حِينَادَادَ وَقَدْمِيئِيلُ،٩
10 उनके भाई थे शेबानियाह, होदियाह, केलिता, पेलाइयाह, हानन,
وَأَقْرِبَاؤُهُمْ: شَبَنْيَا وَهُودِيَّا وَقَلِيطَا وَفَلايَا وَحَانَانُ،١٠
11 मीका, रेहोब, हशाबियाह,
وَمِيخَا وَرَحُوبُ وَحَشَبْيَا،١١
12 ज़क्‍कूर, शेरेबियाह, शेबानियाह,
وَزَكُّورُ وَشَرَبْيَا وَشَبَنْيَا،١٢
13 होदियाह, बानी, बेनिनू.
وَهُودِيَّا وَبَانِي وَبَنِينُو،١٣
14 लोगों के नायक इस प्रकार थे: पारोश, पाहाथ-मोआब, एलाम, ज़त्तू, बानी,
وَمِنْ رُؤَسَاءِ الشَّعْبِ: فَرْعُوشُ وَفَحَثُ مُوآبَ وَعِيلامُ وَزَتُّو وَبَانِي،١٤
15 बुन्‍नी, अजगाद, बेबाइ,
وَبُنِّي وَعَزْجَدُ وَبِيبَايُ،١٥
16 अदोनियाह, बिगवाई, आदिन,
وَأَدُونِيَّا وَبِغْوَايُ وَعَادِينُ،١٦
17 अतेर, हिज़किय्याह, अज्ज़ूर,
وَآطِيرُ وَحَزَقِيَّا وَعَزُّورُ،١٧
18 होदियाह, हाषूम, बेज़ाइ,
وَهُودِيَّا وَحَشُومُ وَبِيصَايُ،١٨
19 हरिफ, अनाथोथ, नेबाय,
وَحَارِيفُ وَعَنَاثُوثُ وَنِيبَايُ،١٩
20 मगफ़ीआष, मेशुल्लाम, हेज़ीर,
وَمَجْفِيعَاشُ وَمَشُلّامُ وَحَزِيرُ،٢٠
21 मेशेजाबेल, सादोक, यद्दुआ,
وَمَشِيزَبْئِيلُ وَصَادُوقُ وَيَدُّوعُ،٢١
22 पेलातियाह, हानन, अनाइयाह,
وَفَلَطْيَا وَحَنَانُ وَعَنَايَا،٢٢
23 होशिया, हननियाह, हस्षूब,
وَهُوشَعُ وَحَنَنْيَا وَحَشُوبُ،٢٣
24 हल्लेहेष, पिल्हा, शोबेक,
وَهَلُوحِيشُ وَفِلْحَا وَشُوبِيقُ،٢٤
25 रेहुम, हशाबनाह, मआसेइयाह,
وَرَحُومُ وَحَشَبْنَا وَمَعْسِيَا،٢٥
26 अहीयाह, हानन, अनान,
وَأَخِيَّا وَحَانَانُ وَعَانَانُ،٢٦
27 मल्‍लूख, हारिम और बाअनाह.
وَمَلُّوخُ وَحَرِيمُ وَبَعْنَةُ.٢٧
28 इसके बाद बचे हुए लोग, पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, मंदिर के सेवक और वे सभी, जिन्होंने खुद को परमेश्वर की व्यवस्था के लिए देश-देश के लोगों से अलग कर रखा था, उनकी पत्नियां, उनके पुत्र-पुत्रियां; और वे सभी, जिनमें ज्ञान और समझ थी,
أَمَّا بَاقِي الشَّعْبِ وَالْكَهَنَةِ وَاللّاوِيِّينَ وَحُرَّاسِ أَبْوَابِ الْهَيْكَلِ وَالْمُرَتِّلِينَ وَخُدَّامِ الْهَيْكَلِ، وَكُلِّ الَّذِينَ اعْتَزَلُوا شُعُوبَ الأَرَاضِي وَالْتَفُّوا حَوْلَ شَرِيعَةِ اللهِ مَعَ نِسَائِهِمْ، وَسَائِرِ ذَوِي الْمَعْرِفَةِ وَالْفَهْمِ،٢٨
29 अपने संबंधियों और उनके रईसों के साथ मिल गए. इन्होंने अपने आप पर एक शाप ले लिया और उन्होंने याहवेह की व्यवस्था के पालन करने की शपथ ली, वह व्यवस्था, जो परमेश्वर के सेवक मोशेह द्वारा दी गयी थी; सभी ने प्रण किया, कि वे परमेश्वर, हमारे प्रभु याहवेह की सभी आज्ञाओं, नियमों और विधियों का पालन करने में चौकसी करेंगे.
فَقَدِ انْضَمُّوا إِلَى إِخْوَتِهِمْ وَأَشْرَافِهِمْ، وَتَعَهَّدُوا مُقْسِمِينَ بِالالْتِزَامِ بِالسَّيْرِ فِي شَرِيعَةِ اللهِ الَّتِي أَعْلَنَهَا عَلَى لِسَانِ مُوسَى عَبْدِهِ، وَبِالْمُحَافَظَةِ عَلَى جَمِيعِ وَصَايَا الرَّبِّ سَيِّدِنَا وَأَحْكَامِهِ وَفَرَائِضِهِ،٢٩
30 उन्होंने यह शपथ भी ली, कि वे अपनी पुत्रियों का विवाह इस देश के निवासियों से न होने देंगे और न अपने पुत्रों के लिए उनकी पुत्रियों को लाएंगे.
كَمَا تَمَّ التَّعَهُّدُ بِعَدَمِ تَزْوِيجِ بَنَاتِنَا مِنْ أُمَمِ الأَرْضِ، وَلا تَزْوِيجِ أَبْنَائِنَا مِنْ بَنَاتِهِمْ،٣٠
31 उस स्थिति में, जब उस देश के निवासी किसी शब्बाथ पर या किसी अलग किए हुए प्रभु के शब्बाथ पर बेचने के लिए अपना कुछ सामान या अनाज लेकर आएं, हम शब्बाथ पर या ऐसे अलग किए हुए दिन पर हम उनसे इसको नहीं खरीदेंगे. हम हर सातवें साल न तो खेती करेंगे और न उधार में दिए हुए पैसे को वापस लेने की कोशिश करेंगे.
وَرَفْضِ الشِّرَاءِ مِنْ شُعُوبِ الأَرْضِ الَّذِينَ يَأْتُونَ لِبَيْعِ بَضَائِعِهِمْ وَحُبُوبِهِمْ فِي يَوْمِ السَّبْتِ أَوْ فِي أَيِّ يَوْمٍ مِنَ الأَيَّامِ الْمُقَدَّسَةِ، وَأَنْ نَمْتَنِعَ عَنْ زِرَاعَةِ الأَرْضِ كُلَّ سَنَةٍ سَابِعَةٍ وَنُلْغِيَ فِيهَا كُلَّ الدُّيُونِ.٣١
32 हमने खुद अपने ऊपर यह जवाबदारी भी ले ली कि हम हर साल एक तिहाई शेकेल का दान दिया करेंगे, कि यह परमेश्वर के भवन में सेवा के लिए इस्तेमाल किया जाए;
وَفَرَضْنَا عَلَى أَنْفُسِنَا جِزْيَةً سَنَوِيَّةً قَدْرُهَا ثُلْثُ شَاقِلٍ (أَيْ أَرْبَعُ جِرَامَاتِ) فِضَّةٍ، نَدْفَعُهَا لِنَفَقَاتِ خِدْمَةِ هَيْكَلِ إِلَهِنَا.٣٢
33 पवित्र रोटी के लिए, नित्य अन्‍नबलि के लिए, नित्य होमबलि के लिए, शब्बाथों के लिए, नए चांद के लिए, ठहराए गए अवसरों के लिए, अलग की गई वस्तुओं के लिए, और पापबलि के लिए, कि उनके द्वारा इस्राएल के लिए प्रायश्चित किया जा सके और हमारे परमेश्वर के भवन के सारे कामों में यह योगदान दे सकें.
وَلِتَوْفِيرِ خُبْزِ التَّقْدِمَةِ وَالتَّقْدِمَةِ الدَّائِمَةِ وَالْمُحْرَقَةِ الْيَوْمِيَّةِ وَقَرَابِينِ السُّبُوتِ وَمَطَالِعِ الشُّهُورِ وَالأَعْيَادِ وَالأَقْدَاسِ وَذَبَائِحِ الْخَطِيئَةِ، لِلتَّكْفِيرِ عَنْ إِسْرَائِيلَ، وَلِلْقِيَامِ بِصِيَانَةِ بَيْتِ إِلَهِنَا.٣٣
34 इसके अलावा हमने पुरोहितों, लेवियों और लोगों के बीच लकड़ी की भेंट के लिए चिट्ठी डाली, कि वे इसे हर साल अपने-अपने पितरों के अनुसार इस सभी अवसरों पर हमारे परमेश्वर के भवन में ले आएं कि याहवेह हमारे परमेश्वर की वेदी पर आग जलाई जा सके, जैसा कि व्यवस्था का आदेश है.
ثُمَّ، نَحْنُ الْكَهَنَةَ وَاللّاوِيِّينَ وَالشَّعْبَ، أَلْقَيْنَا الْقُرْعَةَ لِنُقَرِّرَ مَتَى يَتَحَتَّمُ عَلَى كُلِّ عَائِلَةٍ مِنْ عَائِلاتِنَا أَنْ تَجْلِبَ تَقْدِمَاتِهَا السَّنَوِيَّةَ مِنَ الْحَطَبِ إِلَى بَيْتِ اللهِ، لإِحْرَاقِهَا عَلَى مَذْبَحِ الرَّبِّ إِلَهِنَا، كَمَا نَصَّتِ الشَّرِيعَةُ،٣٤
35 कि वे इस भूमि की पहली उपज को, हर एक पेड़ के पहले फल को हर साल याहवेह के भवन में ले आया करें.
كَمَا أَلْزَمْنَا أَنْفُسَنَا بِحَمْلِ بَاكُورَاتِ أَرْضِنَا مِنَ الْمَحَاصِيلِ أَوْ مِنْ أَثْمَارِ الأَشْجَارِ سَنَةً فَسَنَةً إِلَى هَيْكَلِ إِلَهِنَا٣٥
36 कि वे हमारी संतान के, अपने पशुओं के, अपनी भेड़-बकरियों के पहलौठों को, लिखी गई विधि के अनुसार हमारे परमेश्वर के भवन में सेवा कर रहे पुरोहितों के सामने हमारे परमेश्वर के भवन में ले आएं.
وَكَذَلِكَ أَبْكَارِ أَبْنَائِنَا وَبَهَائِمِنَا وَمَوَاشِينَا مِنْ بَقَرٍ وَغَنَمٍ، فَنُحْضِرُهَا إِلَى هَيْكَلِ إِلَهِنَا إِلَى الْكَهَنَةِ الْخَادِمِينَ، كَمَا نَصَّتْ عَلَيْهِ الشَّرِيعَةُ.٣٦
37 हम खुद भी अपने गूंधे हुए आटे का पहला भाग, अपने दान, हर एक पेड़ का फल, नई दाखमधु का और तेल का पहला भाग हमारे परमेश्वर के भवन के कमरों में नित्य पुरोहितों के सामने ले आएंगे और अपनी भूमि की उपज का दसवां भाग लेवियों के सामने, क्योंकि लेवी ही सभी नगरों में दसवें अंश के अधिकारी हैं.
وَتَعَهَّدْنَا أَيْضاً أَنْ نَأْتِيَ بِأَوَائِلِ عَجِينِنَا وَقَرَابِينِنَا وَثَمَرِ كُلِّ شَجَرَةٍ وَأَوَائِلِ الْخَمْرِ وَالزَّيْتِ إِلَى الْكَهَنَةِ إِلَى مَخَازِنِ هَيْكَلِ إِلَهِنَا، وَبِعُشْرِ مَحَاصِيلِ أَرْضِنَا إِلَى اللّاوِيِّينَ، لأَنَّ اللّاوِيِّينَ هُمُ الَّذِينَ يَجْمَعُونَ الْعُشُورَ مِنْ جَمِيعِ مُدُنِنَا الرِّيفِيَّةِ.٣٧
38 अहरोन के वंश का कोई पुरोहित उस अवसर पर लेवी के साथ रहेगा, जब लेवी दसवां भाग इकट्ठा करते हैं. तब लेवी हमारे परमेश्वर के भवन में आए दसवें भाग का दसवां भाग लेकर जाएगा, यानी भंडार घर के कमरों में.
وَيَكُونُ كَاهِنٌ مِنْ ذُرِّيَّةِ هرُونَ مَعَ اللّاوِيِّينَ حِينَ يَقُومُونَ بِجَمْعِ الْعُشُورِ، فَيُوْدِعُ اللّاوِيُّونَ عُشْرَ الأَعْشَارِ فِي مَخَازِنِ هَيْكَلِ إِلَهِنَا،٣٨
39 इस्राएल वंशज और लेवी वंशज अनाज के दान, नई दाखमधु और तेल उन कमरों में ले आएंगे. वहां पवित्र स्थान में इस्तेमाल के लिए ठहराए गए बर्तन रखे होंगे और वहां सेवा कर रहे पुरोहित, द्वारपाल और गायक ठहराए हुए रहते हैं. इस प्रकार हम हमारे परमेश्वर के भवन को अकेला न छोड़ेंगे.
لأَنَّ الشَّعْبَ وَأَبْنَاءَ اللّاوِيِّينَ هُمُ الَّذِينَ يَأْتُونَ بِتَقْدِمَاتِ الْقَمْحِ وَالْخَمْرِ وَالزَّيْتِ إِلَى الْمَخَازِنِ، حَيْثُ تُوجَدُ آنِيَةُ الْقُدْسِ وَالْكَهَنَةُ والْقَائِمُونَ بِالْخِدْمَةِ وَحُرَّاسُ أَبْوَابِ الْهَيْكَلِ وَالْمُرَتِّلُونَ. وَهَكَذَا لَا نُهْمِلُ هَيْكَلَ إِلَهِنَا.٣٩

< नहेमायाह 10 >