< मीका 3 >

1 तब मैंने कहा, “हे याकोब के अगुओ, हे इस्राएल के शासको, सुनो. क्या तुम्हें न्याय से प्रेम नहीं करना चाहिये,
Y dije: Oíd ahora, príncipes de Jacob, y cabezas de la Casa de Israel: ¿No pertenecía a vosotros saber el derecho?
2 तुम जो भलाई से घृणा करते हो और बुराई से प्रेम करते हो; तुम जो मेरे लोगों की खाल और उनकी हड्डियों से मांस नोच लेते हो;
Que aborrecen lo bueno y aman lo malo, que les roban su cuero y su carne de sobre sus huesos;
3 तुम जो मेरे लोगों का मांस खाते हो, उनकी खाल खींच लेते हो और उनके हड्डियों को टुकड़े-टुकड़े कर देते हो; उनकी अस्थियों को चूर्ण कर देते हो तुम जो उनको कड़ाही में पकाने वाले मांस या बर्तन में रखे मांस की तरह काट डालते हो?”
Y que comen la carne de mi pueblo, y les desuellan su cuero de sobre ellos, y les quebrantan sus huesos y los rompen, como para echar en caldero, y como carnes en olla.
4 तब वे याहवेह को पुकारेंगे, पर याहवेह उनकी नहीं सुनेंगे. उनके बुरे कामों के कारण उस समय वह अपना मुख उनसे छिपा लेंगे.
Entonces clamarán al SEÑOR y no les responderá; antes esconderá de ellos su rostro en aquel tiempo, por cuanto hicieron malas obras.
5 याहवेह का यह कहना है: “वे भविष्यवक्ता जो मेरे लोगों को भटका देते हैं, यदि उनको खाने को कुछ मिलता है, तब वे शांति की घोषणा करते हैं, पर जो व्यक्ति उनको खिलाने से मना करता है, उसके विरुद्ध लड़ाई करने को तैयार हो जाते हैं.
Así ha dicho el SEÑOR acerca de los profetas que hacen errar a mi pueblo, que muerden con sus dientes, y claman: Paz, y al que no les diere que coman, aplazan contra él batalla;
6 इसलिये तुम्हें बिना बताये तुम्हारे ऊपर रात्रि आ जाएगी, और बिना बताये तुम्हारे ऊपर अंधेरा छा जाएगा. इन भविष्यवक्ताओं के लिये सूर्यास्त हो जाएगा, और दिन रहते उन पर अंधेरा छा जाएगा.
por tanto, de la visión se os hará noche, y oscuridad del adivinar; y sobre los profetas se pondrá el sol, y el día se entenebrecerá sobre ellos.
7 भविष्यदर्शी लज्जित होंगे और भविष्य बतानेवाले कलंकित होंगे. वे सब लज्जा से अपना मुंह ढांप लेंगे क्योंकि उन्हें परमेश्वर से कोई उत्तर न मिलेगा.”
Y serán avergonzados los profetas, y se confundirán los adivinos; y ellos todos cubrirán su labio, porque no tendrán respuesta de Dios.
8 पर जहां तक मेरा सवाल है, मैं याहवेह के आत्मा के साथ सामर्थ्य से, तथा न्याय और बल से भरा हुआ हूं, ताकि याकोब को उसका अपराध, और इस्राएल को उसका पाप बता सकूं.
Pero yo estoy lleno de fuerza del Espíritu del SEÑOR, y de juicio, y de fortaleza, para denunciar a Jacob su rebelión, y a Israel su pecado.
9 हे याकोब के अगुओ, हे इस्राएल के शासको, यह बात सुनो, तुम जो न्याय को तुच्छ समझते हो और सब सही बातों को बिगाड़ते हो;
Oíd ahora esto, cabezas de la Casa de Jacob, y capitanes de la Casa de Israel, que abomináis el juicio, y pervertís todo el derecho;
10 तुम जो ज़ियोन को रक्तपात से, और येरूशलेम को दुष्टता से भरते हो.
que edificáis a Sion con sangre, y a Jerusalén con injusticia;
11 उसके अगुए घूस लेकर न्याय करते हैं, उसके पुरोहित दाम लेकर शिक्षा देते हैं, और उसके भविष्यवक्ता पैसों के लिये भविष्य बताते हैं. तौभी वे याहवेह की मदद की कामना करते हुए कहते हैं, “क्या याहवेह हमारे मध्य में नहीं हैं? कोई भी विपत्ति हमारे ऊपर नहीं आएगी.”
sus cabezas juzgan por cohecho, y sus sacerdotes enseñan por precio, y sus profetas adivinan por dinero; y se arriman al SEÑOR diciendo: ¿no está el SEÑOR entre nosotros? No vendrá mal sobre nosotros.
12 इसलिये तुम्हारे ही कारण, ज़ियोन पर खेत के सदृश हल चला दिया जाएगा, येरूशलेम खंडहर हो जाएगा, तथा भवन की पहाड़ी वन में पूजा-स्थल का स्वरूप ले लेगी.
Por tanto, a causa de vosotros Sion será arada como campo, y Jerusalén será montones de ruinas, y el monte de la Casa como cumbres de bosque.

< मीका 3 >