< मत्ती 8 >

1 जब येशु पर्वत से उतरकर आए तब बड़ी भीड़ उनके पीछे-पीछे चलने लगी.
ଜିସୁନ୍‌ ବରୁନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ପଡ୍‌ଲନ୍‌ ଆଜିର୍ରାଞନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ଜବ୍ର ମନ୍‌ରା ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙ୍‌ଲେ ପାଙେଞ୍ଜି ।
2 एक कोढ़ के रोगी ने उनके सामने झुककर उनसे विनती करके कहा, “प्रभु, यदि आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं.”
ଆରି ଗିୟ୍‌ବା, ଅବୟ୍‌ ମୋଡ୍ଡୋମରନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଲୋମ୍‌ଲେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ, “ଏ ପ୍ରବୁ, ଆମନ୍‌ ଲଡୟ୍‌ଲମ୍‌ ଡେନ୍‌, ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରପ୍ତି ମବ୍‌ଡ଼ିର୍‌ତିଁୟ୍‌ ।”
3 येशु ने हाथ बढ़ाकर उसे स्पर्श करते हुए कहा, “मैं चाहता हूं. शुद्ध हो जाओ.” वह उसी क्षण कोढ़ रोग से शुद्ध हो गया.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ମୋଡ୍ଡୋମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସୁଙେଡାଲେ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍‌ ଲଡୟ୍‌ତିଁୟ୍‌ ମଡ଼ିରମ୍‌ତୋ,” ଅବ୍‌ତାଡ଼ନ୍‌ ତି ମୋଡ୍ଡୋମରନ୍‌ ମଡ଼ିରେନ୍‌ ।
4 येशु ने उसे आज्ञा दी, “यह ध्यान रहे कि तुम इसके विषय में किसी को न बताओ. अब जाकर पुरोहित के सामने स्वयं को परीक्षण के लिए प्रस्तुत करो, और मोशेह द्वारा निर्धारित बलि भेंट करो कि तुम्हारा स्वास्थ्य-लाभ उनके सामने गवाही हो जाए.”
ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଅମ୍‌ଡଙା, ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆମଙ୍‌ ବର୍‌ଡଙ୍‌ନେ, ଆର୍ପାୟ୍‌ ଜିରା, ରାଓଡ଼ାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଇୟ୍‌ନବ୍‌ତୁୟ୍‌ଡମ୍‌ନା, ଆନିନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଲ୍ଲେ ଗିଜମ୍‌ତୋ । ଆରି ଆମନ୍‌ ମନଙ୍‌ଲମ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଆମଙଞ୍ଜି ସାକିନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌, ମନଡ଼ିର୍‌ବେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମୋସାନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଅନମଙନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବାଁୟ୍‌ଲବେନ୍‌ ଏତ୍ତେଲେ ଅନମଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ ତିୟା ।”
5 जब येशु ने कफ़रनहूम नगर में प्रवेश किया, तब एक शताधिपति ने आकर उनसे नम्रतापूर्वक निवेदन किया,
ଜିସୁନ୍‌ କପର୍ନାଉମ୍‌ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆଗ୍ରନେନ୍‌, ଅବୟ୍‌ ରୋମିଅ ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ କାକୁର୍ତିଲନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ,
6 “प्रभु, घर पर मेरा सेवक लकवा रोग से पीड़ित है और वह घोर पीड़ा में है.”
“ଏ ପ୍ରବୁ, କମ୍ୱାରିମର୍‌ଞେନ୍‌ କାନ୍ନିଏନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ଆଲୁଡ୍‌ଲୁଡ୍‌, ଆରି ଆନିନ୍‌ ପରାନ୍‌ଡଣ୍ଡନ୍‌ ଡେତେ ।”
7 येशु ने उसे आश्वासन दिया, “मैं आकर उसे चंगा करूंगा.”
ଜିସୁନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ମବ୍‌ନଙ୍‌ନାୟ୍‌ ।”
8 किंतु शताधिपति ने कहा, “नहीं प्रभु, नहीं, मैं इस योग्य नहीं कि आप मेरे घर आएं. आप केवल मुंह से कह दीजिए और मेरा सेवक स्वस्थ हो जाएगा.
ବନ୍‌ଡ ରୋମିଅ ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ପ୍ରବୁ, ଆମନ୍‌ ଅସିଂଞେନ୍‌ ଅନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌, ଞେନ୍‌ ଏତ୍ତେଲେ ଜିଞ୍ଜିନ୍‌ ତଡ୍‌; ତିଆସନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଅଜିଡ୍‌ ବାଁୟ୍‌ଲେ ବରା, କମ୍ୱାରିମର୍‌ଞେନ୍‌ ମନଙ୍‌ତେ ।
9 मैं स्वयं बड़े अधिकारियों के अधीन नियुक्त हूं और सैनिक मेरे अधिकार में हैं. मैं किसी को आदेश देता हूं, ‘जाओ!’ तो वह जाता है, और किसी को आदेश देता हूं, ‘इधर आओ!’ तो वह आता है. अपने सेवक से कहता हूं, ‘यह करो!’ तो वह वही करता है.”
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେନ୍‌ ଆ ଜାୟ୍‌ତା ଡକୋଲନାୟ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌, ଜାୟ୍‌ତାଞେନ୍‌ ସିପ୍ପାୟଞ୍ଜି ଡକୋଜି; ଞେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ‘ଜିରା’ ଗାମ୍‌ଲାୟ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଜିର୍ତେ, ଆରି ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ‘ଜିରାୟ୍‌’ ଗାମ୍‌ଲାୟ୍‌ ଡେନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଜିର୍ତାୟ୍‌; ଆରି କମ୍ୱାରିମର୍‌ଞେନ୍‌ ‘କେନ୍‌ଆତେ ଲୁମା’ ଗାମ୍‌ଲାୟ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଲୁମ୍‌ତେ ।”
10 यह सुनकर येशु आश्चर्यचकित रह गए. उन्होंने पीछे आ रही भीड़ से कहा, “यह एक सच है कि मैंने इस्राएल राष्ट्र में भी किसी में ऐसा विश्वास नहीं देखा.
ଜିସୁନ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ସାନ୍ନି ଡେଏନ୍‌ କି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆସ୍ରଣ୍ଡୋଙେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଡିୟ୍‌ନେ ସୋଡ଼ା ଆ ଡର୍ନେ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଞାଙାୟ୍‌ ।
11 मैं तुम्हें सूचित करना चाहता हूं कि स्वर्ग-राज्य में अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब के साथ भोज में शामिल होने के लिए पूर्व और पश्चिम दिशाओं से अनेकानेक आकर संगति करेंगे,
ଆରି ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ଡରୁଙ୍‌ୟୋଙ୍‌ଗଡ୍‌ ଡ ବରୁବ୍‌ୟୋଙ୍‌ଗଡ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିର୍ରେ ଅବ୍ରାମନ୍‌, ଇସାକନ୍‌ ଡ ଜାକୁବଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ରୁଆଙ୍‌ ରାଜ୍ୟଲୋଙନ୍‌ ବୁଜିଜୋମନ୍‌ ଇୟ୍‌ତାୟ୍‌ ତଙ୍କୁମେଜି,
12 किंतु राज्य के वारिस बाहर अंधकार में फेंक दिए जाएंगे. वह स्थान ऐसा होगा जहां रोना और दांत पीसना होता रहेगा.”
ବନ୍‌ଡ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରାଜି ବନ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍‌ ଡକୋତଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙ୍‌ଲେ ଆ ଲୋଙଡ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ସନେଡନ୍‌ ଡେତଜି, ତେତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ୟନେନ୍‌ ଡ ରମ୍‌ରମ୍‌ଜିନ୍‌ ଡେତଜି ।”
13 तब येशु ने शताधिपति से कहा, “जाओ, तुम्हारे लिए वैसा ही होगा जैसा तुम्हारा विश्वास है.” उसी क्षण वह सेवक चंगा हो गया.
ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଜିରା, ଆମନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଡର୍ତନେ ଏତ୍ତେଲେ ଡେଏତୋ ।” ତି ଆ ବନେଡ଼ା ମା କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ ମନଙେନ୍‌ ।
14 जब येशु पेतरॉस के घर पर आए, उन्होंने उनकी सास को बुखार से पीड़ित पाया.
ଜିସୁନ୍‌ ପିତ୍ରନ୍‌ ଆସିଂ ଆରିୟେନ୍‌ ତେତ୍ତେ ପିତ୍ରନ୍‌ ଆ କିନାର୍‌ ଆରସୁଏନ୍‌ ଲୁଡ୍‌ଲେ ଆଡ୍ରକୋଲନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଗିଜେ ।
15 उन्होंने उनके हाथ का स्पर्श किया और वह बुखार से मुक्त हो गई और उठकर उन सब की सेवा करने में जुट गई.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ପିତ୍ରନ୍‌ ଆ କିନାର୍‌ ଆସି ଆସ୍ରୁଙେଏନ୍‌ ତୁମ୍‌ ଆସୁନ୍‌ ତଡେନ୍‌, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ କି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରୋଜୋମେନ୍‌ ।
16 जब संध्या हुई तब लोग दुष्टात्मा से पीड़ित लोगों को उनके पास लाने लगे और येशु अपने वचन मात्र से उन्हें दुष्टात्मा मुक्त करते गए, साथ ही रोगियों को स्वस्थ.
ଅରୁବ୍‌ଲେ ଆପ୍ରାଙେନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ବୁତନ୍‌ ଆସୁମ୍‌ସୁମନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଲାଜି । ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଆ ବବର୍ନେନ୍‌ ବାତ୍ତେ ବୁତଞ୍ଜି ଗଙେନ୍‌, ଆରି ଅଡ଼୍‌କୋ ବମ୍ୱମ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ମବ୍‌ନଙେଞ୍ଜି ।
17 यह भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी: “उन्होंने स्वयं हमारी दुर्बलताओं को अपने ऊपर ले लिया तथा हमारे रोगों को उठा लिया.”
ତିଆସନ୍‌ ଜିସାୟ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରନ୍‌ ଆବର୍ରନେନ୍‌ ଆ ପୁର୍ବାଃତେବର୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ଡେଡମେନ୍‌, “ଆନିନ୍‌ଡମ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ବମ୍ୱମ୍‌ନେଲେଞ୍ଜି ପାଙେନ୍‌, ଆରି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ରୋଗଲେଞ୍ଜି ବୋୟେନ୍‌ ।”
18 अपने आस-पास भीड़ को देख येशु ने शिष्यों को झील की दूसरी ओर जाने की आज्ञा दी.
ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଏର୍ରେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଡକୋଲଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଜିସୁନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଆ ଅଡିଗଡ୍‌ ଜିର୍ବା ଗାମ୍‌ଲେ ବରେଞ୍ଜି ।
19 उसी समय एक शास्त्री ने आकर येशु से विनती की, “गुरुवर, आप जहां कहीं जाएंगे, मैं आपके साथ रहूंगा.”
ଆରି, ଅବୟ୍‌ ସାସ୍ତ୍ରିନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେ, “ଏ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଆମନ୍‌ ଅଡ଼େଙ୍ଗା ଜିର୍ରେ ଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙ୍‌ତମ୍‌ ।”
20 येशु ने उसके उत्तर में कहा, “लोमड़ियों के पास उनकी गुफाएं तथा आकाश के पक्षियों के पास उनके बसेरे होते हैं, किंतु मनुष्य के पुत्र के पास तो सिर रखने तक का स्थान नहीं है!”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ବୋଡ଼ାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଡଲ୍ଲିନ୍‌ ଡକୋ, ରୁଆଙନ୍‌ ଆ ଅନ୍ତିଡ୍‌ଜି ଆସନ୍‌ ବରସାସିଙନ୍‌ ଡକୋ, ବନ୍‌ଡ ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆବବନ୍‌ ଡନକ୍କୋନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଜାଗା ତଡ୍‌ ।”
21 एक अन्य शिष्य ने उनसे विनती की, “प्रभु मुझे पहले अपने पिता की अंत्येष्टि की अनुमति दे दीजिए.”
ଆରି ଅବୟ୍‌ ଆନ୍ନା ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଏ ପ୍ରବୁ, ଆପେୟ୍‌ଞେନ୍‌ ରବୁଏନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ରୟ୍‌ ଇୟ୍‌ତେ ତିଲ୍‌ନାୟ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ରୟଙନ୍‌ ତିୟିଁୟ୍‌ ।”
22 किंतु येशु ने उससे कहा, “मृत अपने मरे हुओं का प्रबंध कर लेंगे, तुम मेरे पीछे हो लो.”
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, “ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙିୟ୍‌, ଆରବୁମରଞ୍ଜି ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆରବୁମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ତିଲ୍‌ତିଲନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ବାଜି ।”
23 जब उन्होंने नाव में प्रवेश किया उनके शिष्य भी उनके साथ हो लिए.
ଜିସୁନ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରାଜେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙ୍‌ଲେ ପାଙେଞ୍ଜି ।
24 अचानक झील में ऐसा प्रचंड आंधी उठी कि लहरों ने नाव को ढांक लिया, किंतु येशु इस समय सो रहे थे.
ଆରି ଗିୟ୍‌ବା, ଏରବ୍ବୋମଙ୍‌ଡାଗୋ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ରିଙ୍ଗେତିରନ୍‌ ଅଡ଼ୋଲାୟ୍‌, ଅଡ୍ଡୋୟ୍‌ଡାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଡୋଙ୍ଗାନ୍‌ ଆତ୍ରବୁବ୍‌ତେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଡେଏନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ତିଆଡିଡ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆଲୁଡ୍‌ଲୁଡ୍‌ ଡକୋଲନ୍‌ ।
25 इस पर शिष्यों ने येशु के पास जाकर उन्हें जगाते हुए कहा, “प्रभु, हमारी रक्षा कीजिए, हम नाश हुए जा रहे हैं!”
ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତର୍ତର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ ବରେଜି, “ଏ ପ୍ରବୁ, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଡୋବ୍‌ଲେନ୍‌, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ରବୁରୟ୍‌ତଲେନ୍‌ ।”
26 येशु ने उनसे कहा, “क्यों डर रहे हो, अल्पविश्वासियो!” वह उठे और उन्होंने आंधी और झील को डांटा, और उसी क्षण ही पूरी शांति छा गई.
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନିବା ବତଙ୍‌ତବେନ୍‌? ଡର୍ନେବେନ୍‌ ଡିୟ୍‌ନେ ପଙ୍‌ ଆସୋୟ୍‌?” ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ରିଙ୍ଗେନ୍‌ ଡ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ବବ୍‌ତଙେନ୍‌, ଆରି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ରିଙ୍‌ରିଙାଜେନ୍‌ ।
27 शिष्य हैरान रह गए, और विचार करने लगे, “ये किस प्रकार के व्यक्ति हैं कि आंधी और झील तक इनकी आज्ञा का पालन करते हैं!”
ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ସାନ୍ନିଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ଆନିନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଗୋମର୍‌ ଡ ରିଙ୍ଗେନ୍‌ ଡ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ନିୟ୍‌ କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେନ୍‌ ମାନ୍ନେତଜି ।”
28 झील पार कर वे गदारा नामक प्रदेश में आए. वहां कब्रों की गुफाओं से निकलकर दुष्टात्मा से पीड़ित दो व्यक्ति उनके सामने आ गए. वे दोनों इतने अधिक हिंसक थे कि कोई भी उस रास्ते से निकल नहीं पाता था.
ତିକ୍କି ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଆ ଅଡିଗଡ୍‌ ଗାଦରିଅଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ରେଙ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆତ୍ରୁଙେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ବୁତନ୍‌ ଆସୁମ୍‌ସୁମନ୍‌ ବାଗୁ ମନ୍‌ରା ମସାନ୍ନିନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ରବାଙେଜି । ଆନିଞ୍ଜି ଏତ୍ତେଲେ ବବରନ୍ତଙନ୍‌ ଡକୋଲଞ୍ଜି ଡ, ତି ଆ ତଙର୍‌ଗଡ୍‌ ଜନିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃନ୍ନୋମଙ୍‌ଲଜି ।
29 येशु को देख वे दोनों चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगे, “परमेश्वर-पुत्र, आपका हमसे क्या लेना देना? क्या आप समय से पहले ही हमें दुःख देने आ पहुंचे हैं?”
ଆରି ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ସଜିର୍‌ଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଏ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌, ଆମନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଇନି ଡକୋ? ଡିନ୍ନାନ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଅଡ଼ୋଆଞନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଡନଣ୍ଡାୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ପଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌?”
30 वहां कुछ दूर सूअरों का एक झुंड चर रहा था.
ଆରି, ଆମଙଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ ଅସୋୟ୍‌ ସଙାୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସୋଡ଼ାଡମ୍‌ ଆ ଗୋସ୍ସାବୋନ୍‌ ଜୋମ୍‌ଜୋମ୍‌ଲଞ୍ଜି ।
31 दुष्टात्मा येशु से विनती करने लगे, “यदि आप हमें बाहर निकाल ही रहे हैं, तो हमें इन सूअरों के झुंड में भेज दीजिए.”
ସିଲତ୍ତେ ତି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆ ଅମ୍ମ ଆଡ୍ରକୋଏଞ୍ଜି ଆ ବୁତଜି କାକୁର୍ତିଡାଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗଙ୍‌ଲଲେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଗୋସ୍ସାବୋନନ୍‌ ଆ ଅମ୍ମ ଆପ୍ପାୟ୍‌ଲେନ୍‌ ।”
32 येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “जाओ!” वे निकलकर सूअरों में प्रवेश कर गए और पूरा झुंड ढलान पर सरपट भागता हुआ झील में जा गिरा और डूब गया.
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଜିର୍ବା ।” ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍ରେ କିମ୍ୱୋନଞ୍ଜି ଆ ଅମ୍ମ ଇୟ୍‌ଲେ ଗନେଜି, ଆରି ଗିୟ୍‌ବା, ଗୋସ୍ସାବୋନନ୍‌ ଆକ୍ରାନ୍‌ ଇର୍ରେ ଆଗନେଡ଼େଙ୍‌ବୁରନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜାୟ୍‌ତାନ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ପତୁଲ୍‌ଡାଲେ ଇୟ୍‌ଲେ ରବୁଏଜି ।
33 रखवाले भागे और नगर में जाकर घटना का सारा हाल कह सुनाया; साथ ही यह भी कि उन दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्तियों के साथ क्या-क्या हुआ.
ଆରି ତୁର୍‌ବୋନ୍‌ମରଞ୍ଜି ଜିରେଞ୍ଜି କି ଗଡ଼ାନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଡ ବୁତନ୍‌ ଆସୁମ୍‌ସୁମନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଏଙ୍ଗାଗୋ ଡେଏଞ୍ଜି, ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ଜନାଏଜି ।
34 सभी नागरिक नगर से निकलकर येशु के पास आने लगे. जब उन्होंने येशु को देखा तो उनसे विनती करने लगे कि वह उस क्षेत्र की सीमा से बाहर चले जाएं.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଗଡ଼ାନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ରନବାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଗିଜେଜି କି ଆ ସଣ୍ଡିଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜନିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ କାକୁର୍ତିନେଜି ।

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