< मत्ती 8 >
1 जब येशु पर्वत से उतरकर आए तब बड़ी भीड़ उनके पीछे-पीछे चलने लगी.
ⲁ̅ⲉϥⲛⲏⲩ ⲇⲉ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ϩⲓⲡⲧⲟⲟⲩ ⲁⲩⲟⲩⲁϩⲟⲩ ⲛⲥⲱϥ ⲛϭⲓϩⲉⲛⲙⲏⲏϣⲉ ⲉⲛⲁϣⲱⲟⲩ.
2 एक कोढ़ के रोगी ने उनके सामने झुककर उनसे विनती करके कहा, “प्रभु, यदि आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं.”
ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲟⲩⲁ ⲉϥⲥⲟⲃϩ ⲁϥϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ ⲉⲣⲟϥ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲧ ⲛⲁϥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲉⲕϣⲁⲛⲟⲩⲱϣ ⲟⲩⲛϣϭⲟⲙ ⲙⲙⲟⲕ ⲉⲧⲃⲃⲟⲓ.
3 येशु ने हाथ बढ़ाकर उसे स्पर्श करते हुए कहा, “मैं चाहता हूं. शुद्ध हो जाओ.” वह उसी क्षण कोढ़ रोग से शुद्ध हो गया.
ⲅ̅ⲁϥⲥⲟⲟⲩⲧⲛ ⲇⲉ ⲛⲧⲉϥϭⲓϫ ⲉⲃⲟⲗ ⲁϥϫⲱϩ ⲉⲣⲟϥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ϯⲟⲩⲱϣ ⲧⲃⲃⲟ. ⲁⲩⲱ ⲛⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲁϥⲧⲃⲃⲟ ⲛϭⲓⲡⲉϥⲥⲱⲃϩ.
4 येशु ने उसे आज्ञा दी, “यह ध्यान रहे कि तुम इसके विषय में किसी को न बताओ. अब जाकर पुरोहित के सामने स्वयं को परीक्षण के लिए प्रस्तुत करो, और मोशेह द्वारा निर्धारित बलि भेंट करो कि तुम्हारा स्वास्थ्य-लाभ उनके सामने गवाही हो जाए.”
ⲇ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ϫⲉ ϭⲱϣⲧ ⲙⲡⲣϫⲟⲟⲥ ⲉⲗⲁⲁⲩ. ⲁⲗⲗⲁ ⲃⲱⲕ ⲛⲅⲧⲟⲩⲟⲕ ⲉⲡⲟⲩⲏⲏⲃ. ⲛⲅⲧⲁⲗⲟ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲙⲡⲉⲕⲇⲱⲣⲟⲛ ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲛⲧⲁϥⲟⲩⲉϩⲥⲁϩⲛⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛϭⲓⲙⲱⲩⲥⲏⲥ ⲉⲩⲙⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲉ ⲛⲁⲩ.
5 जब येशु ने कफ़रनहूम नगर में प्रवेश किया, तब एक शताधिपति ने आकर उनसे नम्रतापूर्वक निवेदन किया,
ⲉ̅ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲃⲱⲕ ⲇⲉ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲕⲁⲫⲁⲣⲛⲁⲟⲩⲙ ⲁϥϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ ⲉⲣⲟϥ ⲛϭⲓⲟⲩϩⲉⲕⲁⲧⲟⲛⲧⲁⲣⲭⲟⲥ ⲉϥⲡⲁⲣⲁⲕⲁⲗⲉⲓ ⲙⲙⲟϥ
6 “प्रभु, घर पर मेरा सेवक लकवा रोग से पीड़ित है और वह घोर पीड़ा में है.”
ⲋ̅ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲡⲁϣⲏⲣⲉ ⲛⲏϫ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙⲡⲁⲏⲓ ⲉϥⲥⲏϭ. ⲁⲩⲱ ⲉϥⲃⲁⲥⲁⲛⲓⲍⲉ ⲉⲙⲁⲧⲉ.
7 येशु ने उसे आश्वासन दिया, “मैं आकर उसे चंगा करूंगा.”
ⲍ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯⲛⲏⲩ ⲧⲁⲣⲡⲁϩⲣⲉ ⲉⲣⲟϥ.
8 किंतु शताधिपति ने कहा, “नहीं प्रभु, नहीं, मैं इस योग्य नहीं कि आप मेरे घर आएं. आप केवल मुंह से कह दीजिए और मेरा सेवक स्वस्थ हो जाएगा.
ⲏ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲡϩⲉⲕⲁⲧⲟⲛⲧⲁⲣⲭⲟⲥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛϯⲙⲡϣⲁ ⲁⲛ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲕⲉⲉⲓ ⲉϩⲟⲩⲛ ϩⲁⲧⲁⲟⲩⲉϩⲥⲟⲓ. ⲁⲗⲗⲁ ⲁϫⲓⲥ ⲙⲙⲁⲧⲉ ϩⲙⲡϣⲁϫⲉ ⲁⲩⲱ ϥⲛⲁⲗⲟ.
9 मैं स्वयं बड़े अधिकारियों के अधीन नियुक्त हूं और सैनिक मेरे अधिकार में हैं. मैं किसी को आदेश देता हूं, ‘जाओ!’ तो वह जाता है, और किसी को आदेश देता हूं, ‘इधर आओ!’ तो वह आता है. अपने सेवक से कहता हूं, ‘यह करो!’ तो वह वही करता है.”
ⲑ̅ⲕⲁⲓ ⲅⲁⲣ ⲁⲛⲟⲕ ⲁⲛⲅⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲉⲓϣⲟⲟⲡ ϩⲁⲟⲩⲉⲝⲟⲩⲥⲓⲁ. ⲉⲣⲉϩⲉⲛⲙⲁⲧⲟⲓ ϣⲟⲟⲡ ϩⲁⲣⲁⲧ ϣⲁⲓϫⲟⲟⲥ ⲙⲡⲁⲓ ϫⲉ ⲃⲱⲕ ⲁⲩⲱ ϣⲁϥⲃⲱⲕ. ⲁⲩⲱ ⲕⲉⲟⲩⲁ ϫⲉ ⲁⲙⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲛϥⲉⲓ. ⲁⲩⲱ ⲡⲁϩⲙϩⲁⲗ ϫⲉ ⲁⲣⲓⲡⲁⲓ ⲛϥⲁⲁϥ.
10 यह सुनकर येशु आश्चर्यचकित रह गए. उन्होंने पीछे आ रही भीड़ से कहा, “यह एक सच है कि मैंने इस्राएल राष्ट्र में भी किसी में ऐसा विश्वास नहीं देखा.
ⲓ̅ⲁϥⲥⲱⲧⲙ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲁϥⲣϣⲡⲏⲣⲉ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲛⲉⲧⲟⲩⲏϩ ⲛⲥⲱϥ. ϫⲉ ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲙⲡⲉⲓϩⲉ ⲉⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲛⲧⲉⲓϭⲟⲧ ⲛⲧⲛⲗⲁⲁⲩ ϩⲙⲡⲓ̅ⲏ̅ⲗ̅.
11 मैं तुम्हें सूचित करना चाहता हूं कि स्वर्ग-राज्य में अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब के साथ भोज में शामिल होने के लिए पूर्व और पश्चिम दिशाओं से अनेकानेक आकर संगति करेंगे,
ⲓ̅ⲁ̅ϯϫⲱ ⲇⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲟⲩⲛϩⲁϩ ⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲉⲙⲁ ⲛϣⲁ ⲙⲛⲙⲙⲁ ⲛϩⲱⲧⲛ ⲛⲥⲉⲛⲟϫⲟⲩ ⲙⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲙⲛⲓⲥⲁⲁⲕ ⲙⲛⲓⲁⲕⲱⲃ ϩⲣⲁⲓ ϩⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲛⲙⲡⲏⲩⲉ.
12 किंतु राज्य के वारिस बाहर अंधकार में फेंक दिए जाएंगे. वह स्थान ऐसा होगा जहां रोना और दांत पीसना होता रहेगा.”
ⲓ̅ⲃ̅ⲛϣⲏⲣⲉ ⲇⲉ ⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲥⲉⲛⲁⲛⲟϫⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲡⲕⲁⲕⲉ ⲉⲧϩⲓⲃⲟⲗ. ⲉϥⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲙⲙⲁⲩ ⲛϭⲓⲡⲣⲓⲙⲉ ⲙⲛⲡϭⲁϩϭϩ ⲛⲛⲟⲃϩⲉ.
13 तब येशु ने शताधिपति से कहा, “जाओ, तुम्हारे लिए वैसा ही होगा जैसा तुम्हारा विश्वास है.” उसी क्षण वह सेवक चंगा हो गया.
ⲓ̅ⲅ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲙⲡϩⲉⲕⲁⲧⲟⲛⲧⲁⲣⲭⲟⲥ ϫⲉ ⲃⲱⲕ ⲛⲑⲉ ⲛⲧⲁⲕⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲙⲁⲣⲉⲥϣⲱⲡⲉ ⲛⲁⲕ. ⲁⲩⲱ ⲁϥⲗⲟ ⲛϭⲓⲡⲉϥϣⲏⲣⲉ ϫⲓⲛⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ.
14 जब येशु पेतरॉस के घर पर आए, उन्होंने उनकी सास को बुखार से पीड़ित पाया.
ⲓ̅ⲇ̅ⲁϥⲉⲓ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉⲡⲏⲓ ⲙⲡⲉⲧⲣⲟⲥ. ⲁϥⲛⲁⲩ ⲉⲧⲉϥϣⲱⲙⲉ ⲉⲥⲛⲏϫ ⲁⲩⲱ ⲉⲥϩⲏⲙ.
15 उन्होंने उनके हाथ का स्पर्श किया और वह बुखार से मुक्त हो गई और उठकर उन सब की सेवा करने में जुट गई.
ⲓ̅ⲉ̅ⲁϥϫⲱϩ ⲇⲉ ⲉⲧⲉⲥϭⲓϫ ⲁϥⲕⲁⲁⲥ ⲛϭⲓⲡⲉϩⲙⲟⲙ. ⲁⲥⲧⲱⲟⲩⲛ ⲁⲥⲇⲓⲁⲕⲟⲛⲉⲓ ⲛⲁϥ.
16 जब संध्या हुई तब लोग दुष्टात्मा से पीड़ित लोगों को उनके पास लाने लगे और येशु अपने वचन मात्र से उन्हें दुष्टात्मा मुक्त करते गए, साथ ही रोगियों को स्वस्थ.
ⲓ̅ⲋ̅ⲣⲟⲩϩⲉ ⲇⲉ ⲛⲧⲉⲣⲉϥϣⲱⲡⲉ ⲁⲩⲉⲓⲛⲉ ⲛⲁϥ ⲛϩⲁϩ ⲉⲩⲟ ⲛⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ. ⲁϥⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲛⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲛⲁⲕⲁⲑⲁⲣⲧⲟⲛ ϩⲙⲡϣⲁϫⲉ. ⲁⲩⲱ ⲁϥⲣⲡⲁϩⲣⲉ ⲉⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲉⲧⲙⲟⲕϩ.
17 यह भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी: “उन्होंने स्वयं हमारी दुर्बलताओं को अपने ऊपर ले लिया तथा हमारे रोगों को उठा लिया.”
ⲓ̅ⲍ̅ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥⲉϫⲱⲕ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϭⲓⲡⲉⲛⲧⲁⲩϫⲟⲟϥ ϩⲓⲧⲛⲏⲥⲁⲓⲁⲥ ⲡⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲛⲧⲟϥ ⲡⲉⲛⲧⲁϥϫⲓ ⲛⲛϣⲱⲛⲉ ⲁⲩⲱ ⲁϥⲧⲱⲟⲩⲛ ϩⲁⲛⲉⲛⲗⲟϫⲗⲉϫ.
18 अपने आस-पास भीड़ को देख येशु ने शिष्यों को झील की दूसरी ओर जाने की आज्ञा दी.
ⲓ̅ⲏ̅ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲛⲁⲩ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲉⲩⲙⲏⲏϣⲉ ⲙⲡⲉϥⲕⲱⲧⲉ ⲁϥⲟⲩⲉϩⲥⲁϩⲛⲉ ⲉⲃⲱⲕ ⲉⲡⲉⲓⲕⲣⲟ.
19 उसी समय एक शास्त्री ने आकर येशु से विनती की, “गुरुवर, आप जहां कहीं जाएंगे, मैं आपके साथ रहूंगा.”
ⲓ̅ⲑ̅ⲁϥϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ ⲉⲣⲟϥ ⲛϭⲓⲟⲩⲅⲣⲁⲙⲙⲁⲧⲉⲩⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ. ϫⲉ ⲡⲥⲁϩ ⲧⲁⲟⲩⲁϩⲧ ⲛⲥⲱⲕ ⲉⲡⲙⲁ ⲉⲧⲉⲕⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉⲣⲟϥ.
20 येशु ने उसके उत्तर में कहा, “लोमड़ियों के पास उनकी गुफाएं तथा आकाश के पक्षियों के पास उनके बसेरे होते हैं, किंतु मनुष्य के पुत्र के पास तो सिर रखने तक का स्थान नहीं है!”
ⲕ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ϫⲉ ⲛⲃⲁϣⲟⲣ ⲟⲩⲛⲧⲁⲩⲛⲉⲩⲃⲏⲃ. ⲁⲩⲱ ⲛϩⲁⲗⲁⲁⲧⲉ ⲛⲧⲡⲉ ⲟⲩⲛⲧⲁⲩⲛⲉⲩⲙⲁϩ. ⲡϣⲏⲣⲉ ⲇⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲙⲛⲧϥⲙⲁ ⲛⲣⲉⲕⲧⲧⲉϥⲁⲡⲉ.
21 एक अन्य शिष्य ने उनसे विनती की, “प्रभु मुझे पहले अपने पिता की अंत्येष्टि की अनुमति दे दीजिए.”
ⲕ̅ⲁ̅ⲕⲉⲟⲩⲁ ⲇⲉ ⲛⲙⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ. ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲟⲩⲉϩⲥⲁϩⲛⲉ ⲛⲁⲓ ⲛϣⲟⲣⲡ ⲧⲁⲃⲱⲕ ⲧⲁⲧⲱⲙⲥ ⲙⲡⲁⲉⲓⲱⲧ.
22 किंतु येशु ने उससे कहा, “मृत अपने मरे हुओं का प्रबंध कर लेंगे, तुम मेरे पीछे हो लो.”
ⲕ̅ⲃ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ϫⲉ ⲟⲩⲁϩⲕ ⲛⲥⲱⲓ ⲛⲅⲕⲱ ⲛⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ ⲉⲧⲱⲙⲥ ⲛⲛⲉⲩⲣⲉϥⲙⲟⲟⲩⲧ.
23 जब उन्होंने नाव में प्रवेश किया उनके शिष्य भी उनके साथ हो लिए.
ⲕ̅ⲅ̅ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲁⲗⲉ ⲇⲉ ⲉⲡϫⲟⲓ ⲁⲩⲟⲩⲁϩⲟⲩ ⲛⲥⲱϥ ⲛϭⲓⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ.
24 अचानक झील में ऐसा प्रचंड आंधी उठी कि लहरों ने नाव को ढांक लिया, किंतु येशु इस समय सो रहे थे.
ⲕ̅ⲇ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲟⲩⲛⲟϭ ⲛⲕⲙⲧⲟ ⲁϥϣⲱⲡⲉ ϩⲛⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ ϩⲱⲥⲧⲉ ⲉⲧⲣⲉⲡϫⲟⲓ ϩⲱⲃⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛⲛϩⲓⲙⲏ. ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲛⲉϥⲛⲕⲟⲧⲕ ⲡⲉ.
25 इस पर शिष्यों ने येशु के पास जाकर उन्हें जगाते हुए कहा, “प्रभु, हमारी रक्षा कीजिए, हम नाश हुए जा रहे हैं!”
ⲕ̅ⲉ̅ⲁⲩϯⲡⲉⲩⲟⲩⲟⲓ ⲉⲣⲟϥ ⲁⲩⲧⲟⲩⲛⲟⲥϥ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲙⲁⲧⲁⲛϩⲟⲛ ϫⲉ ⲧⲛⲛⲁⲃⲱⲕ.
26 येशु ने उनसे कहा, “क्यों डर रहे हो, अल्पविश्वासियो!” वह उठे और उन्होंने आंधी और झील को डांटा, और उसी क्षण ही पूरी शांति छा गई.
ⲕ̅ⲋ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲁϩⲣⲱⲧⲛ ⲧⲉⲧⲛⲣϩⲟⲧⲉ ⲛⲁⲧⲕⲟⲩⲓ ⲙⲡⲓⲥⲧⲓⲥ. ⲧⲟⲧⲉ ⲁϥⲧⲱⲟⲩⲛ ⲁϥⲉⲡⲓⲧⲓⲙⲁ ⲛⲛⲧⲏⲩ ⲙⲛⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ. ⲁⲩⲱ ⲁⲥϣⲱⲡⲉ ⲛϭⲓⲟⲩⲛⲟϭ ⲛϫⲁⲙⲏ.
27 शिष्य हैरान रह गए, और विचार करने लगे, “ये किस प्रकार के व्यक्ति हैं कि आंधी और झील तक इनकी आज्ञा का पालन करते हैं!”
ⲕ̅ⲍ̅ⲛⲣⲱⲙⲉ ⲇⲉ ⲁⲩⲣϣⲡⲏⲣⲉ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲟⲩⲁϣ ⲙⲙⲓⲛⲉ ⲡⲉ ⲡⲁⲓ ϫⲉ ⲛⲧⲏⲩ ⲙⲛⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ ⲥⲱⲧⲙ ⲛⲥⲱϥ.
28 झील पार कर वे गदारा नामक प्रदेश में आए. वहां कब्रों की गुफाओं से निकलकर दुष्टात्मा से पीड़ित दो व्यक्ति उनके सामने आ गए. वे दोनों इतने अधिक हिंसक थे कि कोई भी उस रास्ते से निकल नहीं पाता था.
ⲕ̅ⲏ̅ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲉⲓ ⲇⲉ ⲉⲡⲉⲕⲣⲟ ⲉⲧⲉⲭⲱⲣⲁ ⲛⲛⲅⲉⲣⲁⲍⲏⲛⲟⲥ. ⲁⲩⲧⲱⲙⲛⲧ ⲉⲣⲟϥ ⲛϭⲓⲣⲱⲙⲉ ⲥⲛⲁⲩ ⲉⲣⲉϩⲉⲛⲣⲉϥϣⲟⲟⲣ ϩⲓⲱⲟⲩ ⲉⲩⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲉⲙϩⲁⲁⲩ ⲉⲩⲛⲁϣⲧ ⲉⲙⲁⲧⲉ. ϩⲱⲥⲧⲉ ⲉⲧⲙⲧⲣⲉⲗⲁⲁⲩ ⲉϣⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲧⲉϩⲓⲏ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ.
29 येशु को देख वे दोनों चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगे, “परमेश्वर-पुत्र, आपका हमसे क्या लेना देना? क्या आप समय से पहले ही हमें दुःख देने आ पहुंचे हैं?”
ⲕ̅ⲑ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲁⲩϫⲓϣⲕⲁⲕ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲉⲕⲟⲩⲉϣⲟⲩ ⲛⲙⲙⲁⲛ ⲓ̅ⲥ̅ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ⲛⲧⲁⲕⲉⲓ ⲉⲡⲉⲓⲙⲁ ⲉⲃⲁⲥⲁⲛⲓⲍⲉ ⲙⲙⲟⲛ ϩⲁⲑⲏ ⲙⲡⲉⲩⲟⲉⲓϣ.
30 वहां कुछ दूर सूअरों का एक झुंड चर रहा था.
ⲗ̅ⲛⲉⲩⲛⲟⲩⲁⲅⲉⲗⲏ ⲇⲉ ⲛⲣⲓⲣ ⲉⲛⲁϣⲱⲟⲩ ⲟⲩⲏⲩ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲉⲩⲙⲟⲟⲛⲉ ⲙⲙⲟⲥ.
31 दुष्टात्मा येशु से विनती करने लगे, “यदि आप हमें बाहर निकाल ही रहे हैं, तो हमें इन सूअरों के झुंड में भेज दीजिए.”
ⲗ̅ⲁ̅ⲛⲣⲉϥϣⲟⲟⲣ ⲇⲉ ⲁⲩⲥⲡⲥⲱⲡϥ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲉϣϫⲉⲕⲛⲁⲛⲟϫⲛ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲁϫⲟⲟⲩⲛ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲧⲁⲅⲉⲗⲏ ⲛⲉϣⲁⲩ.
32 येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “जाओ!” वे निकलकर सूअरों में प्रवेश कर गए और पूरा झुंड ढलान पर सरपट भागता हुआ झील में जा गिरा और डूब गया.
ⲗ̅ⲃ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲃⲱⲕ. ⲛⲧⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲁⲩⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲩⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲛⲉϣⲁⲩ. ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲁⲥϯⲡⲉⲥⲟⲩⲟⲓ ⲛϭⲓⲧⲁⲅⲉⲗⲏ ⲧⲏⲣⲥ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲛⲧϣⲱⲙⲉ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ⲉⲑⲁⲗⲁⲥⲥⲁ. ⲁⲩⲱ ⲁⲩⲙⲟⲩ ϩⲣⲁⲓ ϩⲛⲙⲙⲟⲟⲩ.
33 रखवाले भागे और नगर में जाकर घटना का सारा हाल कह सुनाया; साथ ही यह भी कि उन दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्तियों के साथ क्या-क्या हुआ.
ⲗ̅ⲅ̅ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲛⲉ ⲇⲉ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲁⲩⲡⲱⲧ ⲁⲩⲃⲱⲕ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉⲧⲡⲟⲗⲓⲥ. ⲁⲩϫⲱ ⲛϩⲱⲃ ⲛⲓⲙ ⲙⲛⲛⲁⲛⲉⲧⲟ ⲛⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ.
34 सभी नागरिक नगर से निकलकर येशु के पास आने लगे. जब उन्होंने येशु को देखा तो उनसे विनती करने लगे कि वह उस क्षेत्र की सीमा से बाहर चले जाएं.
ⲗ̅ⲇ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲧⲡⲟⲗⲓⲥ ⲧⲏⲣⲥ ⲁⲥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲧⲱⲙⲛⲧ ⲉⲓ̅ⲥ̅. ⲛⲧⲉⲣⲟⲩⲛⲁⲩ ⲇⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲁⲩⲥⲡⲥⲱⲡϥ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥⲉⲡⲱⲱⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲉⲩⲧⲟϣ.