< मत्ती 6 >

1 “ध्यान रहे कि तुम लोगों की प्रशंसा पाने के उद्देश्य से धर्म के काम न करो अन्यथा तुम्हें तुम्हारे स्वर्गीय पिता से कोई भी प्रतिफल प्राप्‍त न होगा.
“ହଡ଼କ ନେଲେକା ମେନ୍ତେ ଆପେୟାଃ ଧାର୍‌ମାନ୍‌ କାମି ଇନ୍‌କୁଆଃ ଆୟାର୍‌ରେ ଆଲ୍‌ପେ ରିକାୟା, ଏନାମେନ୍ତେ ଆପେ ଚିର୍ଗାଲାକାନ୍‌ ତାଇନ୍‌ପେ, କା'ରେଦ ଆପେୟାଃ ସିର୍ମା ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ଆପୁତାଃଏତେ ଆପେ ଜେତାନ୍‌ ନାଲା କାପେ ନାମେୟା ।
2 “जब तुम दान दो तब इसका ढिंढोरा न पीटो, जैसा पाखंडी यहूदी सभागृहों तथा सड़कों पर किया करते हैं कि वे मनुष्यों द्वारा सम्मानित किए जाएं. सच तो यह है कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके;
“ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ଆପେ ରେଙ୍ଗେଃକକେ ଜେତ୍‌ନାଃ ଏମ୍‌ ଇମ୍‌ତା ବେଦାହଡ଼କଆଃ ଲେକା ବିଙ୍ଗୁଲ୍‌ ବାଜା ଆଲ୍‌ପେ ସାଡ଼ିଆ, ଇନ୍‌କୁ ହଡ଼କତାଃଏତେ ଜହାର୍‌ ନାମେ ନାଗେନ୍ତେ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃକରେ ଆଡଃ ହରାକରେ ଏନ୍‌ଲେକା ରିକାଃକ । ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗି କାଜିପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଇନ୍‌କୁ ଆକଆଃ ନାଲା ନାମ୍‌ ଚାବାକାଦାକ ।
3 किंतु तुम जब ज़रूरतमंदों को दान दो तो तुम्हारे बायें हाथ को यह मालूम न हो सके कि तुम्हारा दायां हाथ क्या कर रहा है
ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ଦାନ୍‌ ଏମ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଆପେୟାଃ ଜମ୍‌ତିଃଇ କାମିତାନ୍‌ତେୟାଃ ଲେଙ୍ଗାତିଃଇ ଆଲକାଏ ସାରିକା,
4 कि तुम्हारी दान प्रक्रिया पूरी तरह गुप्‍त रहे. तब तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
ନେ ଲେକାଗି ଆପେୟାଃ ଏମଃତେୟାଃ ଦାନାଙ୍ଗି ତାଇନାଃ, ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ଆପୁ ଦାନାଙ୍ଗ୍‌ରେ କାମିତେୟାଃ ନେଲାଃଏ, ଇନିଃ ଆପେକେ ନାଲାଏ ଏମାପେୟା ।
5 “प्रार्थना करते हुए तुम्हारी मुद्रा दिखावा करनेवाले लोगों के समान न हो क्योंकि उनकी रुचि यहूदी सभागृहों में तथा नुक्कड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करने में होती है कि उन पर लोगों की दृष्टि पड़ती रहे. मैं तुम पर यह सच प्रकाशित कर रहा हूं कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके.
“ଆପେ ବିନ୍ତି ଇମ୍‌ତା ବେଦାହଡ଼କ ଲେକା ଆଲ୍‌ପେ ରିକାନାଃ, ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁ ହଡ଼କଆଃ ନେପେଲ୍‌ରେ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃକରେ ଆଡଃ ହରା କଚାକରେ ତିଙ୍ଗୁକେଦ୍‌ତେ ବିନ୍ତି ନାଗେନ୍ତେ ସୁକୁଆଃକ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗି କାଜିପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଇନ୍‌କୁ ଆକଆଃ ନାଲା ନାମ୍‌ ଚାବାକାଦାକ ।
6 इसके विपरीत जब तुम प्रार्थना करो, तुम अपनी कोठरी में चले जाओ, द्वार बंद कर लो और अपने पिता से, जो अदृश्य हैं, प्रार्थना करो और तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ବିନ୍ତି ଇମ୍‌ତା ଆପେୟାଃ ଭିତାର୍‌ ବାଖ୍‌ରାରେ ବଲପେ ଆଡଃ ଦୁଆର୍‌ ହାଣ୍ଡେଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆପେୟାଃ କାଏ ନେଲଃତାନ୍‌ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁତାଃରେ ବିନ୍ତିପେ ଏନ୍ତେ ଦାନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ନେଲ୍‌ତାନ୍‌ ଆପୁ ନାଲାଏ ଏମାପେୟା ।
7 “अपनी प्रार्थना में अर्थहीन शब्दों को दोहराते न जाओ, जैसा गैर-यहूदी करते हैं क्योंकि उनका विचार है कि शब्दों के अधिक होने के कारण ही उनकी प्रार्थना सुनी जाएगी.
“ବିନ୍ତି ଇମ୍‌ତା ସାଅଁସାର୍‌କ ଲେକା ଏନାଏନାକେଗି ଆଲ୍‌ପେ କାଜିୟା, ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁ ପୁରାଃ କାଜି କାଜିଲେରେ ଆକଆଃ ବିନ୍ତି ଆୟୁମଃଆ ମେନ୍ତେକ ଉଡ଼ୁଃୟା ।
8 इसलिये उनके जैसे न बनो क्योंकि तुम्हारे स्वर्गीय पिता को विनती करने से पहले ही तुम्हारी ज़रूरत का अहसास रहता है.
ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ଆପେ ଇନ୍‌କୁ ଲେକା ଆଲ୍‌ପେୟାଃ, ଚିୟାଃଚି ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁଦ ଆପେ ଆସି ସିଦାରେ ଆପେୟାଃ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ତେୟାଃ ସାରିୟାଏ ।
9 “तुम प्रार्थना इस प्रकार किया करो: “हमारे स्वर्गिक पिता, आपका नाम पवित्र माना जाए.
ଏନାତେ ଆପେ ନେ ଲେକା ବିନ୍ତିପେ, “‘ହେ ଆଲେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆବା; ଆମାଃ ନୁତୁମ୍‌ ପାବିତାରଃକା;
10 आपका राज्य हर जगह हो. आपकी इच्छा पूरी हो, जिस प्रकार स्वर्ग में उसी प्रकार पृथ्वी पर भी.
୧୦ଆମାଃ ରାଇଜ୍‌ ହିଜୁଃକା; ଆମାଃ ମନେ ସିର୍ମାରେ ଲେକା ଅତେଦିଶୁମ୍‌ରେୟ ପୁରାଅଃକା ।
11 आज हमें हमारा दैनिक आहार प्रदान कीजिए.
୧୧ଆଲେୟାଃ ତିସିଙ୍ଗ୍‌ରେୟାଃ ଜମେୟାଃଁ ଏମାଲେମେ ।
12 आप हमारे अपराधों की क्षमा कीजिए जैसे हमने उन्हें क्षमा किया है, जिन्होंने हमारे विरुद्ध अपराध किए थे.
୧୨ଆଲେ ଆଲେୟାଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌କକେ ଛାମାକେଦ୍‍କ ଲେକା, ଆଲେୟାଃ ପାପ୍‌କ ଛାମାଏମେଁ ।
13 हमें परीक्षा से बचाकर उस दुष्ट से हमारी रक्षा कीजिए क्योंकि राज्य, सामर्थ्य तथा प्रताप सदा-सर्वदा आप ही का है, आमेन.
୧୩ଆଡଃ ବିଡ଼ାଅରେ ଆଲମ୍‌ ଆଉଲେୟା, ମେନ୍‌ଦ ଏତ୍‌କାନ୍‌ନିଃଏତେ ବାଞ୍ଚାଅଲେମ୍‌ । ଚିୟାଃଚି ରାଇଜ୍‌, ପେଡ଼େଃ ଆଡଃ ମାନାରାଙ୍ଗ୍‌ ଜାଉ ଜରଙ୍ଗ୍‌ ଆମାଃଗି ହବାଅଃକା, ଆମେନ୍‌ ।’
14 यदि तुम दूसरों को उनके अपराधों के लिए क्षमा करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेंगे.
୧୪“ଆପେ ହଡ଼କଆଃ ଗୁହ୍ନାଁଁକପେ ଛାମାଏରେଦ, ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁ ଆପେକେୟଗି ଛାମାପେୟା ।
15 किंतु यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा नहीं करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेंगे.
୧୫ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ହଡ଼କଆଃ ଗୁହ୍ନାଁଁକେ କାପେ ଛାମାଏରେଦ, ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁହଁ ଆପେକେ କାଏ ଛାମାପେୟା ।
16 “जब कभी तुम उपवास रखो तब पाखंडियों के समान अपना मुंह मुरझाया हुआ न बना लो. वे अपना रूप ऐसा इसलिये बना लेते हैं कि लोगों की दृष्टि उन पर अवश्य पड़े. सच तो यह है कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके.
୧୬“ଆପେ କାଟାବ୍‌ ଇମ୍‌ତା ବେଦାହଡ଼କ ଲେକା ଆଲ୍‌ପେ ଗସ ମେଦ୍‌ମୁହାଁଡ଼େନା, ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁଦ କାଟାବ୍‌ତାନାଲେ ମେନ୍ତେ ହଡ଼କଆଃ ଆୟାର୍‌ରେ ନେଲଃକାଲେ ମେନ୍ତେ ଆକ ଗସ ମେଦ୍‌ମୁହାଁଡ଼୍‌ଗିକ ତାଇନାଃ । ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗି କାଜିପେତାନା, ଇନ୍‌କୁ ଆକଆଃ ନାଲା ନାମ୍‌ ଚାବାକାଦାକ ।
17 किंतु जब तुम उपवास करो तो अपने बाल संवारो और अपना मुंह धो लो
୧୭ମେନ୍‌ଦ ଆପେ କାଟାବ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଆପେୟାଃ ମେଦ୍‌ମୁହାଁଡ଼୍‌ ଆବୁଙ୍ଗ୍‌ୟେଁନ୍‌ପେ ଆଡଃ ବହଃରେ ସୁନୁମ୍‌ ଗସଗେନ୍‌ପେ ।
18 कि तुम्हारे उपवास के विषय में सिवाय तुम्हारे स्वर्गीय पिता के—जो अदृश्य हैं—किसी को भी मालूम न हो. तब तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
୧୮ନେ ଲେକାତେ ଆପେ ହଡ଼କଆଃ ଆୟାର୍‌ରେ କାଟାବ୍‌ତାନାକ ମେନ୍ତେଦ କା ମେନ୍‌ଦ କା ନେଲଃତାନ୍‌ ଆପୁତାଃରେ କାଟାବ୍‌ତାନାକ ମେନ୍ତେପେ ଉଦୁବଃଆ, ଆଡଃ ଦାନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ନେଲ୍‌ତାନ୍‌ ଆପେୟାଃ ଆପୁ ନାଲାଏ ଏମାପେୟା ।
19 “पृथ्वी पर अपने लिए धन इकट्ठा न करो, जहां कीट-पतंगे तथा जंग उसे नाश करते तथा चोर सेंध लगाकर चुराते हैं
୧୯“ନେ ଅତେରେ ଆପେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଖୁର୍ଜି ଆଲ୍‌ପେ ହୁଣ୍ଡିଆଃ, ନେତାଃରେ ନିଦିର୍‌କ ଆଡଃ ମୁର୍ଚାଜମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜିୟନଃଆ ଆଡଃ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକ ସିନ୍ଧି ତଡ଼ାଅକେଦ୍‌ତେ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁଆଃକ ।
20 परंतु धन स्वर्ग में जमा करो, जहां न तो कीट-पतंगे या जंग नाश करते और न ही चोर सेंध लगाकर चुराते हैं
୨୦ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ନାଗେନ୍ତେ ସିର୍ମାରେ ଖୁର୍ଜି ହୁଣ୍ଡିପେ, ଏନ୍ତାଃରେ ତିଜୁ ଆଡଃ ନିଦିର୍‌ କାକ ଜିୟନେଆ ଆଡଃ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକ ସିନ୍ଧି ତଡ଼ାଅକେଦ୍‌ତେ କାକ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁଆଃ ।
21 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहीं तुम्हारा मन भी होगा.
୨୧ଚିୟାଃଚି ଆପେୟାଃ ଖୁର୍ଜି ତାଇନଃତାଃରେଗି ଆପେୟାଃ ମନ୍‌ ତାଇନାଃ ।
22 “शरीर का दीपक आंख है. इसलिये यदि तुम्हारी आंख निरोगी है, तुम्हारा सारा शरीर उजियाला होगा.
୨୨“ମେଦ୍‌ଦ ହଡ଼୍‌ମରେୟାଃ ଦିମି ତାନାଃ, ଆପେୟାଃ ମେଦ୍‌ ନିରାଲ୍‌ ମେନାଃରେଦ ଗଟା ହଡ଼୍‌ମତାପେୟାଃ ମାର୍ସାଲଃଆ ।
23 यदि तुम्हारी आंख रोगी है, तुम्हारा सारा शरीर अंधकारमय हो जाएगा. वह उजियाला, जो तुममें है, यदि वह अंधकार है तो कितना गहन होगा वह अंधकार!
୨୩ମେନ୍‌ଦ ଆପେୟାଃ ମେଦ୍‌ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ମେନାଃରେଦ, ଆପେୟାଃ ଗଟା ହଡ଼୍‌ମ ନୁବାଗଃଆ । ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ଆପେରେ ତାଇନଃତାନ୍‌ ମାର୍ସାଲ୍‌ ନୁବାଗଃରେଦ, ଚିମିନ୍‌ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ବରୱାନ୍‌ ନୁବାଃ ହବାଅଆଃ ।
24 “कोई भी व्यक्ति दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मानकर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.
୨୪“ଜେତାଏ ବାରିଆ ଗମ୍‌କେକିନାଃ ଦାସି କାଏ ହବାଦାଡ଼ିୟଃଆ । ଚିୟାଃଚି ଇନିଃ ମିହୁଡ଼୍‌କେ ହିଲାଙ୍ଗ୍‌ଇୟାଏ ଆଡଃ ଏଟାଃ ମିହୁଡ଼୍‌କେ ଦୁଲାଡ଼ିୟାଏ, ଚାଏ ମିଆଁଦ୍‌ନିଃଲଃ ମେସାନାଏ ଆଡଃ ଏଟାଃନିଃଲଃ କାଏ ମେସାନା । ଆପେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆଡଃ ଖୁର୍ଜି ବାରାନାଃରେ କାପେ ଦାସିଦାଡ଼ିନା ।”
25 “यही कारण है कि मैं तुमसे कहता हूं कि अपने जीवन के विषय में चिंता न करो कि तुम क्या खाओगे और क्या पिओगे; और न ही शरीर के विषय में कि क्या पहनोगे. क्या जीवन आहार से और शरीर वस्त्रों से अधिक कीमती नहीं?
୨୫“ଏନାମେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ କାଜିପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଜୀନିଦ୍‌ ତାଇନଃ ନାଗେନ୍ତେ ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ଜମାଃ ଆଡଃ ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ନୁଁଏୟା, ଚାଏ ହଡ଼୍‌ମରେ ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁନା ମେନ୍ତେ ଆପେୟାଃ ଜୀଉରେ ଆଲ୍‌ପେ ଉଡ଼ୁଃୟା । ଜମେୟାଁଃଏତେ ଜୀଉ ଆଡଃ ଲିଜାଃଏତେ ହଡ଼୍‌ମ କା'ଚି ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଁ?
26 पक्षियों की ओर ध्यान दो: वे न तो बीज बोते हैं, और न ही खलिहान में उपज इकट्ठा करते हैं. फिर भी तुम्हारे स्वर्गीय पिता उनका भरण-पोषण करते हैं. क्या तुम उनसे कहीं ज्यादा मूल्यवान नहीं?
୨୬ଚେଣେଁକକେ ନେଲ୍‌କପେ, ଇନ୍‌କୁ କାକ ହେରେୟା ଚାଏ କାକ ଇରେୟା, ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ଭାଣ୍ଡାର୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ କାକ ହୁଣ୍ଡିଆଃ, ହଲେହଁ ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁ ଇନ୍‌କୁକେ ଆସୁଲ୍‌କତାନାଏ । ଆପେ ଚିନାଃ ଇନ୍‌କୁତାଃଏତେ କାପେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଃ?
27 और तुममें ऐसा कौन है, जो चिंता के द्वारा अपनी आयु में एक क्षण की भी वृद्धि कर सकता है?
୨୭ଆପେକଏତେ ଅକଏ ଉଡୁଃକେଦ୍‌ତେ ଆୟାଃ ଜୀଉକେ ମିଦ୍‌ ଘାଡ଼ି ପସାଦାଡ଼ିୟାଏ?
28 “और वस्त्र तुम्हारी चिंता का विषय क्यों? मैदान के फूलों का ध्यान तो करो कि वे कैसे खिलते हैं. वे न तो परिश्रम करते हैं और न ही वस्त्र निर्माण.
୨୮“‘ଆଡଃ ଆପେ ଲିଜାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଚିନାଃ ମେନ୍ତେପେ ଉଡ଼ୁଃତାନା? ଅତେରେୟାଃ ବାହାକକେ ନେଲେପେ, ଏନାକ ଚିଲ୍‌କା ହାରାତାନା, ଏନାକ କାକ କାମିତାନା, ଚାଏ କାକ ତୁକୁଇତାନା,
29 फिर भी मैं तुमसे कहता हूं कि शलोमोन की वेशभूषा का ऐश्वर्य किसी भी दृष्टि से इनके तुल्य नहीं था.
୨୯ହଲେହଁ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ସୁଲିମାନ୍‌ହଁ ଆୟାଃ ସବେନ୍‌ ସୁଗାଡ଼ାନ୍‌ତେୟାଃଏତେ ଏନ୍‌ ବାହାକ ଲେକା କାଏ ସିଙ୍ଗାରାକାନ୍ ତାଇକେନା ।’
30 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, तो क्या वह तुमको कहीं अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमजोर है तुम्हारा विश्वास!
୩୦ତିସିଙ୍ଗ୍‌ ମେନାଃ ଆଡଃ ଗାପା ଚୁଲ୍ଲାରେ ହାଁଣବଃତାନ୍‌ ଅତେରାଃ ତାସାଦ୍‌କେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ନେ ଲେକାଏ ସିଙ୍ଗାର୍‌ରେ ରେଦ, ଏ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ତାନ୍‌କ, ଚିୟାଃ ଇନିଃ ନେଆଁଁଏତେ ଆଦ୍‌କା ଆପେକେ କାଏ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ପେୟା?
31 इसलिए इस विषय में चिंता न करो, ‘हम क्या खाएंगे या क्या पिएंगे’ या ‘हमारे वस्त्रों का प्रबंध कैसे होगा?’
୩୧“ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ‘ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ଜମେୟାଁ? ଚାଏ ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ନୁଁଏୟା? ଚାଏ ଚିକ୍‌ନାଃବୁ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁନା?’ ମେନ୍ତେ ଆଲ୍‌ପେ ଉଡ଼ୁଗେୟା ।
32 गैर-यहूदी ही इन वस्तुओं के लिए कोशिश करते रहते हैं. तुम्हारे स्वर्गीय पिता को यह मालूम है कि तुम्हें इन सब की ज़रूरत है.
୩୨ଚିୟାଃଚି ସାଅଁସାର୍‌ ହଡ଼କ ନେ ସବେନାଃ ଦାଣାଁଁବାଡ଼ାଃକ, ଆଡଃ ନେ ସବେନାଃ ଆପେୟାଃ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ, ଏନା ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁ ସାରିୟାଏ ।
33 सबसे पहले परमेश्वर के राज्य की और उनकी धार्मिकता की खोज करो, और ये सभी वस्तुएं तुम्हें दी जाएंगी.
୩୩ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ସିଦାତେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ଧାର୍‌ମାନ୍‌ କାଜି ଦାଣାଁଁଏପେ, ଆଡଃ ନେ ସବେନାଃହ ଆପେକେ ଏମଃଆ ।
34 इसलिये कल की चिंता न करो—कल अपनी चिंता स्वयं करेगा क्योंकि हर एक दिन अपने साथ अपना ही पर्याप्‍त दुःख लिए हुए आता है.
୩୪ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ଗାପାନାଙ୍ଗ୍‌ ଆଲ୍‌ପେ ଉଡ଼ୁଃୟା, ଚିୟାଃଚି ଗାପାଦ ଆୟାଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆଇଃକ୍‌ଗି ଉଡ଼ୁଃୟା । ମୁସିଙ୍ଗ୍‌ରେୟାଃ ଦୁକୁ ମୁସିଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଥିମ୍ୱାଗିଆ ।

< मत्ती 6 >