< मत्ती 6 >

1 “ध्यान रहे कि तुम लोगों की प्रशंसा पाने के उद्देश्य से धर्म के काम न करो अन्यथा तुम्हें तुम्हारे स्वर्गीय पिता से कोई भी प्रतिफल प्राप्‍त न होगा.
“ଗିୟ୍‌ଡମ୍‌ନାବା, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ଡମ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆତେମଡଞ୍ଜି ଡରମ୍ମ କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଏଲୁମ୍‌ଡଙ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏତ୍ତେଲେ ଏଲୁମେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ପୁରସ୍କାରନ୍‌ ଏଃଞାଙେ ।”
2 “जब तुम दान दो तब इसका ढिंढोरा न पीटो, जैसा पाखंडी यहूदी सभागृहों तथा सड़कों पर किया करते हैं कि वे मनुष्यों द्वारा सम्मानित किए जाएं. सच तो यह है कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके;
“ତିଆସନ୍‌ ତନିୟ୍‌ତିୟନ୍‌ ଏତିୟେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଇସ୍କତ୍ତାମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ବର୍ରେଙ୍‌ଲେ ଏପାଙ୍‌ଡଙ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍‌ ଆଞନାଙ୍‌ ଆସନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ଡ ଡାଣ୍ଡରେଙନ୍‌ ଏତ୍ତେତଞ୍ଜି । ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆ ବଡି ଞାଙାଜେଞ୍ଜି ।
3 किंतु तुम जब ज़रूरतमंदों को दान दो तो तुम्हारे बायें हाथ को यह मालूम न हो सके कि तुम्हारा दायां हाथ क्या कर रहा है
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ତନିୟ୍‌ତିୟନ୍‌ ଏତିୟେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଅର୍ଜଡ଼ୋମ୍‌ସିବେନ୍‌ ଇନି ଲୁମ୍‌ତେ, ତିଆତେ ଅର୍କାବଡ଼ିସିବେନ୍‌ ଜନାଡଙେ ତଡ୍‌,
4 कि तुम्हारी दान प्रक्रिया पूरी तरह गुप्‍त रहे. तब तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତନିୟ୍‌ତିୟ୍‌ବେନ୍‌ ଏରବ୍‌ଜନାନ୍‌ ଏତିୟେନ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌, ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ତିଆତେ ଅଜନା ଗିୟ୍‌ଲେ, ଆନିନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ପୁରସ୍କାରନ୍‌ ତିୟ୍‌ତବେନ୍‌ ।”
5 “प्रार्थना करते हुए तुम्हारी मुद्रा दिखावा करनेवाले लोगों के समान न हो क्योंकि उनकी रुचि यहूदी सभागृहों में तथा नुक्कड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करने में होती है कि उन पर लोगों की दृष्टि पड़ती रहे. मैं तुम पर यह सच प्रकाशित कर रहा हूं कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके.
“ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଇସ୍କତ୍ତାମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଡେଡଙ୍‌ବେନ୍‌ ତଡ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ଡମ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ଡ ସାଇନ୍‌ ଆ କୁନେରେଙ୍‌ ତନଙ୍‌ଡାଲେ ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଲଡୟ୍‌ତଜି; ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଆ ବଡି ଞାଙାଜେଞ୍ଜି ।
6 इसके विपरीत जब तुम प्रार्थना करो, तुम अपनी कोठरी में चले जाओ, द्वार बंद कर लो और अपने पिता से, जो अदृश्य हैं, प्रार्थना करो और तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆସସସିଂଲୋଙନ୍‌ ଗନ୍ନାବା, ଆରି ସନଙନ୍‌ ଇଙଡ୍‌ଲେ ଏର୍‌ନବ୍‌ଗିୟ୍‌ତାନେନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ପାର୍ତନାନାବା; ଆରି ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଅଜନା ଗିୟ୍‌ଲେ, ଆନିନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ପୁରସ୍କାରନ୍‌ ତିୟ୍‌ତବେନ୍‌ ।”
7 “अपनी प्रार्थना में अर्थहीन शब्दों को दोहराते न जाओ, जैसा गैर-यहूदी करते हैं क्योंकि उनका विचार है कि शब्दों के अधिक होने के कारण ही उनकी प्रार्थना सुनी जाएगी.
“ଆରି, ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଏର୍‌ଡର୍ନେମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଏର୍‌ଗନଲ୍ଲୁଡନ୍‌ ଆ ବର୍ନେଜି ଏବର୍‌ଡଙ୍‌ନେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ପାର୍ତନାଲଞ୍ଜି ଡେନ୍‌ ଆ ଇସ୍ୱରଞ୍ଜି ଆ ପାର୍ତନାଞ୍ଜି ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତେ ଗାମ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ଅବ୍‌ଡିସୟ୍‌ତଜି ।
8 इसलिये उनके जैसे न बनो क्योंकि तुम्हारे स्वर्गीय पिता को विनती करने से पहले ही तुम्हारी ज़रूरत का अहसास रहता है.
ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଡେଡଙ୍‌ବେନ୍‌ ତଡ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ଇନି ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଏବେଡେନ୍‌ ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ତିଆତେ ଜନା ।
9 “तुम प्रार्थना इस प्रकार किया करो: “हमारे स्वर्गिक पिता, आपका नाम पवित्र माना जाए.
ତିଆସନ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ପାର୍ତନାନାବା, ‘ଏ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ଲେନ୍‌, ଅଞୁମ୍‌ନମ୍‌ ମଡ଼ିର୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ମନାନ୍ନେନ୍‌ ଡେଏତୋ ।
10 आपका राज्य हर जगह हो. आपकी इच्छा पूरी हो, जिस प्रकार स्वर्ग में उसी प्रकार पृथ्वी पर भी.
ରାଜ୍ୟନମ୍‌ ଜିରାୟ୍‌ତୋ । ଏଙ୍ଗାଲେ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ପୁର୍ତିଲୋଙନ୍‌ ଇସ୍ସୁମ୍‌ନମ୍‌ ଡେଏତୋ ।
11 आज हमें हमारा दैनिक आहार प्रदान कीजिए.
ଲଙେ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ଜନୋମ୍‌ଜୋମ୍‌ଲେନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେନ୍‌ ।
12 आप हमारे अपराधों की क्षमा कीजिए जैसे हमने उन्हें क्षमा किया है, जिन्होंने हमारे विरुद्ध अपराध किए थे.
ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଏଙ୍ଗାଲ୍‌ଡେନ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଡୋସାମର୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଏକେମାତାଜି, ଏତ୍ତେଲେ ଆମନ୍‌ ଡୋସାଲେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ କେମାଲେନ୍‌ ।
13 हमें परीक्षा से बचाकर उस दुष्ट से हमारी रक्षा कीजिए क्योंकि राज्य, सामर्थ्य तथा प्रताप सदा-सर्वदा आप ही का है, आमेन.
ମନାଲ୍‌ମାଲ୍‌ବାନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡଙ୍‌ଲେନ୍‌, ଆର୍ପାୟ୍‌ ଏର୍‌ମନଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୋବ୍‌ଲେନ୍‌ । ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ରାଜ୍ୟନ୍‌, ବୋର୍ସାନ୍‌ ଡ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍‌ ଆଏଡ଼ର୍‌ ଆମନ୍‌ଆତେ ଆମେନ୍‌ ।’”
14 यदि तुम दूसरों को उनके अपराधों के लिए क्षमा करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेंगे.
“ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆ ଡୋସା ଏକେମାଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ କେମାତବେନ୍‌;
15 किंतु यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा नहीं करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेंगे.
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଏଃକ୍କେମାଲଜି ଡେନ୍‌, ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଡୋସାବେଞ୍ଜି ଅଃକ୍କେମାବେନ୍‌ ।”
16 “जब कभी तुम उपवास रखो तब पाखंडियों के समान अपना मुंह मुरझाया हुआ न बना लो. वे अपना रूप ऐसा इसलिये बना लेते हैं कि लोगों की दृष्टि उन पर अवश्य पड़े. सच तो यह है कि वे अपना पूरा-पूरा प्रतिफल प्राप्‍त कर चुके.
“ଏଆନମ୍‌ଲନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଇସ୍କତ୍ତାମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଅବ୍‌ସର୍‌ମୁକ୍କାଲନ୍‌ ଏଡକୋଡଙ୍‌ନେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଆନମ୍‌ତଞ୍ଜି ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ଡମ୍‌ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆ ମୁକ୍କାଞ୍ଜି ବପରାନ୍‌ସାତ୍ତିନ୍‌ ଏମ୍ମେତଞ୍ଜି; ବନ୍‌ଡ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆ ବଡି ଞାଙାଜେଞ୍ଜି ।
17 किंतु जब तुम उपवास करो तो अपने बाल संवारो और अपना मुंह धो लो
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଆନମ୍‌ଲନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଅବବ୍‌ଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ମିଞଲନ୍‌ ଜଡ୍‌ନାବା, ଆରି ଆମଡ୍‌ନାବା,
18 कि तुम्हारे उपवास के विषय में सिवाय तुम्हारे स्वर्गीय पिता के—जो अदृश्य हैं—किसी को भी मालूम न हो. तब तुम्हारे पिता, जो अंतर्यामी हैं, तुम्हें प्रतिफल देंगे.
ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଆନମ୍‌ତନ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଅଃଜ୍ଜନାଏଜି ଆର୍ପାୟ୍‌ ଏର୍‌ନବ୍‌ଗିୟ୍‌ତାନେନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ତିଆତେ ଗିୟ୍‌ତବେନ୍‌; ଆରି ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଅଜନା ଗିୟ୍‌ଲେ, ଆନିନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ପୁରସ୍କାରନ୍‌ ତିୟ୍‌ତବେନ୍‌ ।”
19 “पृथ्वी पर अपने लिए धन इकट्ठा न करो, जहां कीट-पतंगे तथा जंग उसे नाश करते तथा चोर सेंध लगाकर चुराते हैं
“ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ପୁର୍ତିଲୋଙନ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆସନ୍‌ ରନ୍ନାନ୍‌ ଏତର୍ତୁମ୍‌ଡଙ୍‌, ତେତ୍ତେ ତିଆତେ ବୋବ୍ବୋଡନ୍‌ ଜୋମ୍‌ତେ, ଜୋମ୍‌ତଡ୍‌ତେ, ଆରି ରାଉମରଞ୍ଜି ପିଡ଼ିନ୍‌ ପାଲ୍ଲେ ତିଆତେ ରାଉଲନ୍‌ ପାଙ୍‌ତଜି;
20 परंतु धन स्वर्ग में जमा करो, जहां न तो कीट-पतंगे या जंग नाश करते और न ही चोर सेंध लगाकर चुराते हैं
ଆର୍ପାୟ୍‌ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆସନ୍‌ ରନ୍ନାନ୍‌ ତର୍ତୁମ୍‌ବା, ତେତ୍ତେ ତିଆତେ ବୋବ୍ବୋଡନ୍‌ ଅଃଜ୍ଜୋମେ କି ଅଃଜ୍ଜୋମ୍‌ତଡେ ଆରି ରାଉମରଞ୍ଜି ପିଡ଼ିନ୍‌ ପାଲ୍ଲେ ତିଆତେ ରାଉଲନ୍‌ ଅଃପ୍ପାଙେଜି ।
21 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहीं तुम्हारा मन भी होगा.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ରନ୍ନାବେନ୍‌ ଡକୋତେ, ମନ୍ନବେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ତେତ୍ତେ ଡକୋତେ ।”
22 “शरीर का दीपक आंख है. इसलिये यदि तुम्हारी आंख निरोगी है, तुम्हारा सारा शरीर उजियाला होगा.
“ଅମଡନ୍‌ ଡଅଙନ୍‌ ଆ ପିଙ୍କ ଅନ୍ତମ୍‌ । ତିଆସନ୍‌ ଅମଡ୍‌ବେନ୍‌ ମନଙ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ସମ୍ପରା ଡଅଙ୍‌ବେନ୍‌ ସାଆର୍‌ତେ ।
23 यदि तुम्हारी आंख रोगी है, तुम्हारा सारा शरीर अंधकारमय हो जाएगा. वह उजियाला, जो तुममें है, यदि वह अंधकार है तो कितना गहन होगा वह अंधकार!
ବନ୍‌ଡ ଅମଡ୍‌ବେନ୍‌ ମନଙ୍‌ ତଡ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ସମ୍ପରା ଡଅଙ୍‌ବେନ୍‌ ଲୋଙଡ୍‌ତେ । ତିଆସନ୍‌ ଅମ୍ମଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ଆ ପିଙ୍କ ଲୋଙଡେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତି ଆ ଲୋଙଡ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ଆ ବରନ୍ତଙ୍‌!”
24 “कोई भी व्यक्ति दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मानकर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.
“ଅନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ବାଗୁ ସାଉକାରନ୍‌ ଆ କମ୍ୱାରିମର୍‌ ଡେଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଏ; ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଏଡ଼ୁର୍‌ମଡ୍‌ତେ ଆରି ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଡୁଙ୍‌ୟମ୍‌ତେ, ଇଜ୍ଜାନ୍‌ଡେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ଆ ବର୍ନେ ମାନ୍ନେତେ ଆରି ଅବୟ୍‌ନେ ଆ ବର୍ନେ ଆଲ୍ଲେତେ । ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଡ ତଙ୍କାନ୍‌ ବାଗୁଞ୍ଜି ଆ କମ୍ୱାରିମର୍‌ ଡେଲେ ଏଃର୍ରପ୍ତିଏ ।”
25 “यही कारण है कि मैं तुमसे कहता हूं कि अपने जीवन के विषय में चिंता न करो कि तुम क्या खाओगे और क्या पिओगे; और न ही शरीर के विषय में कि क्या पहनोगे. क्या जीवन आहार से और शरीर वस्त्रों से अधिक कीमती नहीं?
“ତିଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଇନି ଏଜୋମାୟ୍‌ ଅଡ଼େ ଇନି ଏଗାଆୟ୍‌, ଏନ୍ନେଲେ ଇୟମ୍‌ଡାଲେ ଅନମେଙ୍‌ବେନ୍‌ ଆସନ୍‌, ଅଡ଼େ ଇନି ଏଜିିଜିନାୟ୍‌, ଏନ୍ନେଲେ ଇୟମ୍‌ଡାଲେ ଡଅଙ୍‌ବେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଏଇଃୟମ୍‌ଡଙ୍‌ । ଜନୋମ୍‌ଜୋମନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ସୋଡ଼ା ତଡ୍‌ ପଙ୍‌? ଆରି ସିନ୍‌ରିନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡଅଙନ୍‌ ସୋଡ଼ା ତଡ୍‌ ପଙ୍‌?
26 पक्षियों की ओर ध्यान दो: वे न तो बीज बोते हैं, और न ही खलिहान में उपज इकट्ठा करते हैं. फिर भी तुम्हारे स्वर्गीय पिता उनका भरण-पोषण करते हैं. क्या तुम उनसे कहीं ज्यादा मूल्यवान नहीं?
ରୁଆଙନ୍‌ ଆ ଅନ୍ତିଡ୍‌ଜି ଗିୟ୍‌ବା, ଆନିଞ୍ଜି ଅଃବ୍ବୁଡେଜି କି ଅଃଗଡେଜି, ମରଁୟ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ତର୍ତୁମ୍‌ଲେ ଅଃଡ୍ଡକ୍କୋଏଜି, ବନ୍‌ଡ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜନୋମ୍‌ଜୋମନ୍‌ ତିୟ୍‌ତଜି । ତି ଆ ଅନ୍ତିଡ୍‌ଜି ସିଲଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ସୋଡ଼ା ତଡ୍‌ ପଙ୍‌?
27 और तुममें ऐसा कौन है, जो चिंता के द्वारा अपनी आयु में एक क्षण की भी वृद्धि कर सकता है?
ଆରି, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆନା ଇୟମ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଆନମେଙନ୍‌ ଅଜିଡ୍‌ ଓୟ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ଗୋଗୋୟ୍‌ଲେ ରପ୍ତିଏ?”
28 “और वस्त्र तुम्हारी चिंता का विषय क्यों? मैदान के फूलों का ध्यान तो करो कि वे कैसे खिलते हैं. वे न तो परिश्रम करते हैं और न ही वस्त्र निर्माण.
“ଆରି, ସିନ୍‌ରିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇନିବା ଏଇଃୟମ୍‌ତେ? ପଡ଼ିଆନ୍‌ ଆ ତାର୍ବାଜି ଗିୟ୍‌ଲେ ଞଙ୍‌ନାବା, ତିଆତେଜି ଏଙ୍ଗାଲେ ସୋଡ଼ାତଜି; ଆନିଞ୍ଜି ଅଃକ୍କାବାଡ଼ାନେଜି କି ତାଡ଼େରନ୍‌ ଅଃତ୍ତବେଜି,
29 फिर भी मैं तुमसे कहता हूं कि शलोमोन की वेशभूषा का ऐश्वर्य किसी भी दृष्टि से इनके तुल्य नहीं था.
ବନ୍‌ଡ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ବେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ସୋଲମନ୍‍ ରାଜାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅରିଃସୁମଞ୍ଜି ଡକୋଏନ୍‌ ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌, କେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ତାର୍ବାନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଆ ମନଙ୍‌ ଆ ସିନ୍‌ରି ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଅଃର୍ରଲନେ ।
30 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, तो क्या वह तुमको कहीं अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमजोर है तुम्हारा विश्वास!
ଲଙେ ପଡ଼ିଆଲୋଙନ୍‌ ଡକୋନ୍‌ ଆଜିଙ୍‌ ଅସମୟ୍‌ ବିଅଡ଼େଃ ତିଆତେ ଗଡ୍‌ଲେ କୋଡ଼ାତୁଡ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ପନିଡନ୍‌ ଡେତେ, ଇସ୍ୱରନ୍‌ ତିଆତେଜି ଡିୟ୍‌ତେ ଆ ମନଙ୍‌ ତୁବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଏ ଅସୋୟ୍‌ ଡର୍ନେମର୍‌ଜି ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ଆ ଗୋଗୋୟ୍‌ ସିନ୍‌ରିନ୍‌ ଅରଃ ତିୟ୍‌ବେନ୍‌?”
31 इसलिए इस विषय में चिंता न करो, ‘हम क्या खाएंगे या क्या पिएंगे’ या ‘हमारे वस्त्रों का प्रबंध कैसे होगा?’
“ଇନି ଏଜୋମାୟ୍‌? ଅଡ଼େ ଇନି ଏଗାଆୟ୍‌? ଅଡ଼େ ଇନି ଏଜିଜିନାୟ୍‌? ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ରନ୍‌ ଏଇଃୟମ୍‌ଡଙ୍‌ ।
32 गैर-यहूदी ही इन वस्तुओं के लिए कोशिश करते रहते हैं. तुम्हारे स्वर्गीय पिता को यह मालूम है कि तुम्हें इन सब की ज़रूरत है.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଏର୍‌ଡର୍ନେମରଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ସାୟ୍‌ଲେ ବୁଲ୍ଲେତଜି । ଆରି, କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ଜନା ।
33 सबसे पहले परमेश्वर के राज्य की और उनकी धार्मिकता की खोज करो, और ये सभी वस्तुएं तुम्हें दी जाएंगी.
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ପର୍ତମ୍ମୁ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆରି ଆନିନ୍‌ ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଇନି ଲଡୟ୍‌ତେ ତିଆତେ ସାୟ୍‌ବା, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଡେତେ ।
34 इसलिये कल की चिंता न करो—कल अपनी चिंता स्वयं करेगा क्योंकि हर एक दिन अपने साथ अपना ही पर्याप्‍त दुःख लिए हुए आता है.
ତିଆସନ୍‌, ବିଅଡ଼େଃ ଆସନ୍‌ ଏବାଉଲ୍ଲିଡଙ୍‌ନେ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ବିଅଡ଼େଃ, ଆମ୍ୱେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ଡମ୍‌ ଏବାଉଲ୍ଲିତନେ । ଲଙେ ଆ ଡଣ୍ଡ ଲଙେ ଆସନ୍‌ ସରି ।”

< मत्ती 6 >