< मत्ती 5 >

1 इकट्ठा हो रही भीड़ को देख येशु पर्वत पर चले गए और जब वह बैठ गए तो उनके शिष्य उनके पास आए.
ܟܕ ܚܙܐ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܠܟܢܫܐ ܤܠܩ ܠܛܘܪܐ ܘܟܕ ܝܬܒ ܩܪܒܘ ܠܘܬܗ ܬܠܡܝܕܘܗܝ
2 येशु ने उन्हें शिक्षा देना प्रारंभ किया. उन्होंने कहा,
ܘܦܬܚ ܦܘܡܗ ܘܡܠܦ ܗܘܐ ܠܗܘܢ ܘܐܡܪ
3 “धन्य हैं वे, जो दीन आत्मा के हैं, क्योंकि स्वर्ग-राज्य उन्हीं का है.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܡܤܟܢܐ ܒܪܘܚ ܕܕܝܠܗܘܢ ܗܝ ܡܠܟܘܬܐ ܕܫܡܝܐ
4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं. क्योंकि उन्हें शांति दी जाएगी.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܐܒܝܠܐ ܕܗܢܘܢ ܢܬܒܝܐܘܢ
5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं क्योंकि पृथ्वी उन्हीं की होगी.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܡܟܝܟܐ ܕܗܢܘܢ ܢܐܪܬܘܢ ܠܐܪܥܐ
6 धन्य हैं वे, जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि उन्हें तृप्‍त किया जाएगा.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܐܝܠܝܢ ܕܟܦܢܝܢ ܘܨܗܝܢ ܠܟܐܢܘܬܐ ܕܗܢܘܢ ܢܤܒܥܘܢ
7 धन्य हैं वे, जो कृपालु हैं, क्योंकि उन पर कृपा की जाएगी.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܡܪܚܡܢܐ ܕܥܠܝܗܘܢ ܢܗܘܘܢ ܪܚܡܐ
8 धन्य हैं वे, जिनके हृदय शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܐܝܠܝܢ ܕܕܟܝܢ ܒܠܒܗܘܢ ܕܗܢܘܢ ܢܚܙܘܢ ܠܐܠܗܐ
9 धन्य हैं वे, जो शांति कराने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर की संतान कहलाएंगे.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܥܒܕܝ ܫܠܡܐ ܕܒܢܘܗܝ ܕܐܠܗܐ ܢܬܩܪܘܢ
10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए गए हैं, क्योंकि स्वर्ग-राज्य उन्हीं का है.
ܛܘܒܝܗܘܢ ܠܐܝܠܝܢ ܕܐܬܪܕܦܘ ܡܛܠ ܟܐܢܘܬܐ ܕܕܝܠܗܘܢ ܗܝ ܡܠܟܘܬܐ ܕܫܡܝܐ
11 “धन्य हो तुम, जब लोग तुम्हारी निंदा करें और सताएं तथा तुम्हारे विषय में मेरे कारण सब प्रकार के बुरे विचार फैलाते हैं.
ܛܘܒܝܟܘܢ ܐܡܬܝ ܕܡܚܤܕܝܢ ܠܟܘܢ ܘܪܕܦܝܢ ܠܟܘܢ ܘܐܡܪܝܢ ܥܠܝܟܘܢ ܟܠ ܡܠܐ ܒܝܫܐ ܡܛܠܬܝ ܒܕܓܠܘܬܐ
12 हर्षोल्लास में आनंद मनाओ क्योंकि तुम्हारा प्रतिफल स्वर्ग में है. उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को भी इसी रीति से सताया था, जो तुमसे पहले आए हैं.
ܗܝܕܝܢ ܚܕܘ ܘܪܘܙܘ ܕܐܓܪܟܘܢ ܤܓܝ ܒܫܡܝܐ ܗܟܢܐ ܓܝܪ ܪܕܦܘ ܠܢܒܝܐ ܕܡܢ ܩܕܡܝܟܘܢ
13 “तुम पृथ्वी के नमक हो, किंतु यदि नमक नमकीन न रहे तो उसके खारेपन को दोबारा कैसे लौटाया जा सकेगा? तब तो वह किसी भी उपयोग का नहीं सिवाय इसके कि उसे बाहर फेंक दिया जाए और लोग उसे रौंदते हुए निकल जाएं.
ܐܢܬܘܢ ܐܢܘܢ ܡܠܚܗ ܕܐܪܥܐ ܐܢܗܘ ܕܝܢ ܕܡܠܚܐ ܬܦܟܗ ܒܡܢܐ ܬܬܡܠܚ ܠܡܕܡ ܠܐ ܐܙܠܐ ܐܠܐ ܕܬܫܬܕܐ ܠܒܪ ܘܬܬܕܝܫ ܡܢ ܐܢܫܐ
14 “तुम संसार के लिए ज्योति हो. पहाड़ी पर स्थित नगर को छिपाया नहीं जा सकता.
ܐܢܬܘܢ ܐܢܘܢ ܢܘܗܪܗ ܕܥܠܡܐ ܠܐ ܡܫܟܚܐ ܕܬܛܫܐ ܡܕܝܢܬܐ ܕܥܠ ܛܘܪܐ ܒܢܝܐ
15 कोई भी जलते हुए दीप को किसी बर्तन से ढांक कर नहीं रखता; उसे उसके निर्धारित स्थान पर रखा जाता है कि वह उस घर में उपस्थित लोगों को प्रकाश दे.
ܘܠܐ ܡܢܗܪܝܢ ܫܪܓܐ ܘܤܝܡܝܢ ܠܗ ܬܚܝܬ ܤܐܬܐ ܐܠܐ ܥܠ ܡܢܪܬܐ ܘܡܢܗܪ ܠܟܠ ܐܝܠܝܢ ܕܒܒܝܬܐ ܐܢܘܢ
16 लोगों के सामने अपना प्रकाश इस रीति से प्रकाशित होने दो कि वे तुम्हारे भले कामों को देख सकें तथा तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, महिमा करें.
ܗܟܢܐ ܢܢܗܪ ܢܘܗܪܟܘܢ ܩܕܡ ܒܢܝܢܫܐ ܕܢܚܙܘܢ ܥܒܕܝܟܘܢ ܛܒܐ ܘܢܫܒܚܘܢ ܠܐܒܘܟܘܢ ܕܒܫܡܝܐ
17 “अपने मन से यह विचार निकाल दो कि मेरे आने का उद्देश्य व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं के लेखों को व्यर्थ साबित करना है—उन्हें पूरा करना ही मेरा उद्देश्य है.
ܠܐ ܬܤܒܪܘܢ ܕܐܬܝܬ ܕܐܫܪܐ ܢܡܘܤܐ ܐܘ ܢܒܝܐ ܠܐ ܐܬܝܬ ܕܐܫܪܐ ܐܠܐ ܕܐܡܠܐ
18 मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं: जब तक आकाश और पृथ्वी अस्तित्व में हैं, पवित्र शास्त्र का एक भी बिंदु या मात्रा गुम न होगी, जब तक सब कुछ नष्ट न हो जाए.
ܐܡܝܢ ܓܝܪ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܥܕܡܐ ܕܢܥܒܪܘܢ ܫܡܝܐ ܘܐܪܥܐ ܝܘܕ ܚܕܐ ܐܘ ܚܕ ܤܪܛܐ ܠܐ ܢܥܒܪ ܡܢ ܢܡܘܤܐ ܥܕܡܐ ܕܟܠ ܢܗܘܐ
19 इसलिये जो कोई इनमें से छोटी सी छोटी आज्ञा को तोड़ता तथा अन्यों को यही करने की शिक्षा देता है, स्वर्ग-राज्य में सबसे छोटा घोषित किया जाएगा. इसके विपरीत, जो कोई इन आदेशों का पालन करता और इनकी शिक्षा देता है, स्वर्ग-राज्य में विशिष्ट घोषित किया जाएगा.
ܟܠ ܡܢ ܗܟܝܠ ܕܢܫܪܐ ܚܕ ܡܢ ܦܘܩܕܢܐ ܗܠܝܢ ܙܥܘܪܐ ܘܢܠܦ ܗܟܢܐ ܠܒܢܝܢܫܐ ܒܨܝܪܐ ܢܬܩܪܐ ܒܡܠܟܘܬܐ ܕܫܡܝܐ ܟܠ ܕܝܢ ܕܢܥܒܕ ܘܢܠܦ ܗܢܐ ܪܒܐ ܢܬܩܪܐ ܒܡܠܟܘܬܐ ܕܫܡܝܐ
20 मैं तुम्हें इस सच्चाई से भी परिचित करा दूं: यदि परमेश्वर के प्रति तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फ़रीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो तो तुम किसी भी रीति से स्वर्ग-राज्य में प्रवेश न कर सकोगे.
ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܓܝܪ ܕܐܠܐ ܬܐܬܪ ܟܐܢܘܬܟܘܢ ܝܬܝܪ ܡܢ ܕܤܦܪܐ ܘܦܪܝܫܐ ܠܐ ܬܥܠܘܢ ܠܡܠܟܘܬܐ ܕܫܡܝܐ
21 “यह तो तुम सुन ही चुके हो कि पूर्वजों को यह आज्ञा दी गई थी, ‘हत्या मत करो और जो कोई हत्या करता है, वह न्यायालय के प्रति उत्तरदायी होगा’;
ܫܡܥܬܘܢ ܕܐܬܐܡܪ ܠܩܕܡܝܐ ܠܐ ܬܩܛܘܠ ܘܟܠ ܕܢܩܛܘܠ ܡܚܝܒ ܗܘ ܠܕܝܢܐ
22 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो अपने भाई-बहन से गुस्सा करता है, वह न्यायालय के सामने दोषी होगा और जो कोई अपने भाई से कहे, ‘अरे निकम्मे!’ वह सर्वोच्च न्यायालय के प्रति अपराध का दोषी होगा तथा वह, जो कहे, ‘अरे मूर्ख!’ वह तो नरक की आग के योग्य दोषी होगा. (Geenna g1067)
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܟܠ ܡܢ ܕܢܪܓܙ ܥܠ ܐܚܘܗܝ ܐܝܩܐ ܡܚܝܒ ܗܘ ܠܕܝܢܐ ܘܟܠ ܕܢܐܡܪ ܠܐܚܘܗܝ ܪܩܐ ܡܚܝܒ ܗܘ ܠܟܢܘܫܬܐ ܘܡܢ ܕܢܐܡܪ ܠܠܐ ܡܚܝܒ ܗܘ ܠܓܗܢܐ ܕܢܘܪܐ (Geenna g1067)
23 “इसलिये, यदि तुम वेदी पर अपनी भेंट चढ़ाने जा रहे हो और वहां तुम्हें यह याद आए कि तुम्हारे भाई के मन में तुम्हारे प्रति विरोध है,
ܐܢ ܗܘ ܗܟܝܠ ܕܡܩܪܒ ܐܢܬ ܩܘܪܒܢܟ ܥܠ ܡܕܒܚܐ ܘܬܡܢ ܬܬܕܟܪ ܕܐܚܝܕ ܥܠܝܟ ܐܚܘܟ ܐܟܬܐ ܡܕܡ
24 अपनी भेंट वेदी के पास ही छोड़ दो और जाकर सबसे पहले अपने भाई से मेल-मिलाप करो और तब लौटकर अपनी भेंट चढ़ाओ.
ܫܒܘܩ ܬܡܢ ܩܘܪܒܢܟ ܩܕܡ ܡܕܒܚܐ ܘܙܠ ܠܘܩܕܡ ܐܬܪܥܐ ܥܡ ܐܚܘܟ ܘܗܝܕܝܢ ܬܐ ܩܪܒ ܩܘܪܒܢܟ
25 “न्यायालय जाते हुए मार्ग में ही अपने दुश्मन से मित्रता का संबंध फिर से बना लो कि तुम्हारा दुश्मन तुम्हें न्यायाधीश के हाथ में न सौंपे और न्यायाधीश अधिकारी के और अधिकारी तुम्हें बंदीगृह में डाल दें.
ܗܘܝܬ ܡܬܐܘܐ ܥܡ ܒܥܠ ܕܝܢܟ ܥܓܠ ܥܕ ܥܡܗ ܐܢܬ ܒܐܘܪܚܐ ܕܠܡܐ ܒܥܠ ܕܝܢܟ ܢܫܠܡܟ ܠܕܝܢܐ ܘܕܝܢܐ ܢܫܠܡܟ ܠܓܒܝܐ ܘܬܦܠ ܒܝܬ ܐܤܝܪܐ
26 मैं तुम्हें इस सच से परिचित कराना चाहता हूं कि जब तक तुम एक-एक पैसा लौटा न दो बंदीगृह से छूट न पाओगे.
ܘܐܡܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟ ܕܠܐ ܬܦܘܩ ܡܢ ܬܡܢ ܥܕܡܐ ܕܬܬܠ ܫܡܘܢܐ ܐܚܪܝܐ
27 “यह तो तुम सुन ही चुके हो कि यह कहा गया था: ‘व्यभिचार मत करो.’
ܫܡܥܬܘܢ ܕܐܬܐܡܪ ܕܠܐ ܬܓܘܪ
28 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो किसी स्त्री को कामुक दृष्टि से मात्र देख लेता है, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका.
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܟܠ ܡܢ ܕܚܙܐ ܐܢܬܬܐ ܐܝܟ ܕܢܪܓܝܗ ܡܚܕܐ ܓܪܗ ܒܠܒܗ
29 यदि तुम्हारी दायीं आंख तुम्हारे लड़खड़ाने का कारण बनती है तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे सारे शरीर को नर्क में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. (Geenna g1067)
ܐܢ ܕܝܢ ܥܝܢܟ ܕܝܡܝܢܐ ܡܟܫܠܐ ܠܟ ܚܨܝܗ ܘܫܕܝܗ ܡܢܟ ܦܩܚ ܠܟ ܓܝܪ ܕܢܐܒܕ ܚܕ ܗܕܡܟ ܘܠܐ ܟܠܗ ܦܓܪܟ ܢܦܠ ܒܓܗܢܐ (Geenna g1067)
30 यदि तुम्हारा दायां हाथ तुम्हें विनाश के गड्ढे में गिराने के लिए उत्तरदायी है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे सारे शरीर को नरक में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. (Geenna g1067)
ܘܐܢ ܐܝܕܟ ܕܝܡܝܢܐ ܡܟܫܠܐ ܠܟ ܦܤܘܩ ܫܕܝܗ ܡܢܟ ܦܩܚ ܠܟ ܓܝܪ ܕܢܐܒܕ ܚܕ ܡܢ ܗܕܡܝܟ ܘܠܐ ܟܠܗ ܦܓܪܟ ܢܦܠ ܒܓܗܢܐ (Geenna g1067)
31 “यह कहा गया था: ‘कोई भी, जो अपनी पत्नी से तलाक चाहे, वह उसे अलग होने का प्रमाण-पत्र दे.’
ܐܬܐܡܪ ܕܡܢ ܕܫܪܐ ܐܢܬܬܗ ܢܬܠ ܠܗ ܟܬܒܐ ܕܕܘܠܠܐ
32 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो वैवाहिक व्यभिचार के अलावा किसी अन्य कारण से अपनी पत्नी से तलाक लेता है, वह अपनी पत्नी को व्यभिचार की ओर ढकेलता है और जो कोई उस त्यागी हुई से विवाह करता है, व्यभिचार करता है.
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܟܠ ܡܢ ܕܫܪܐ ܐܢܬܬܗ ܠܒܪ ܡܢ ܡܠܬܐ ܕܙܢܝܘܬܐ ܥܒܕ ܠܗ ܕܬܓܘܪ ܘܡܢ ܕܫܩܠ ܫܒܝܩܬܐ ܓܐܪ
33 “तुम्हें मालूम होगा कि पूर्वजों से कहा गया था: ‘झूठी शपथ मत लो परंतु प्रभु से की गई शपथ को पूरा करो.’
ܬܘܒ ܫܡܥܬܘܢ ܕܐܬܐܡܪ ܠܩܕܡܝܐ ܕܠܐ ܬܕܓܠ ܒܡܘܡܬܟ ܬܫܠܡ ܕܝܢ ܠܡܪܝܐ ܡܘܡܬܟ
34 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि शपथ ही न लो; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है,
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܠܐ ܬܐܡܘܢ ܤܟ ܠܐ ܒܫܡܝܐ ܕܟܘܪܤܝܐ ܗܘ ܕܐܠܗܐ
35 न पृथ्वी की, क्योंकि वह उनके चरणों की चौकी है, न येरूशलेम की, क्योंकि वह राजाधिराज का नगर है
ܘܠܐ ܒܐܪܥܐ ܕܟܘܒܫܐ ܗܝ ܕܬܚܝܬ ܪܓܠܘܗܝ ܐܦܠܐ ܒܐܘܪܝܫܠܡ ܕܡܕܝܢܬܗ ܗܝ ܕܡܠܟܐ ܪܒܐ
36 और न ही अपने सिर की, क्योंकि तुम एक भी बाल न तो काला करने में समर्थ हो और न ही सफ़ेद करने में;
ܐܦܠܐ ܒܪܫܟ ܬܐܡܐ ܕܠܐ ܡܫܟܚ ܐܢܬ ܠܡܥܒܕ ܒܗ ܡܢܬܐ ܚܕܐ ܕܤܥܪܐ ܐܘܟܡܬܐ ܐܘ ܚܘܪܬܐ
37 परंतु तुम्हारी बातो में ‘हां’ का मतलब हां और ‘न’ का न हो—जो कुछ इनके अतिरिक्त है, वह उस दुष्ट द्वारा प्रेरित है.
ܐܠܐ ܬܗܘܐ ܡܠܬܟܘܢ ܐܝܢ ܐܝܢ ܘܠܐ ܠܐ ܡܕܡ ܕܡܢ ܗܠܝܢ ܝܬܝܪ ܡܢ ܒܝܫܐ ܗܘ
38 “तुम्हें यह तो मालूम है कि यह कहा गया था: ‘आंख के लिए आंख तथा दांत के लिए दांत.’
ܫܡܥܬܘܢ ܕܐܬܐܡܪ ܕܥܝܢܐ ܚܠܦ ܥܝܢܐ ܘܫܢܐ ܚܠܦ ܫܢܐ
39 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि बुरे व्यक्ति का सामना ही न करो. इसके विपरीत, जो कोई तुम्हारे दायें गाल पर थप्पड़ मारे, दूसरा गाल भी उसकी ओर कर दो.
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܕܠܐ ܬܩܘܡܘܢ ܠܘܩܒܠ ܒܝܫܐ ܐܠܐ ܡܢ ܕܡܚܐ ܠܟ ܥܠ ܦܟܟ ܕܝܡܝܢܐ ܐܦܢܐ ܠܗ ܐܦ ܐܚܪܢܐ
40 यदि कोई तुम्हें न्यायालय में घसीटकर तुम्हारा कुर्ता लेना चाहे तो उसे अपनी चादर भी दे दो.
ܘܡܢ ܕܨܒܐ ܕܢܕܘܢ ܥܡܟ ܘܢܫܩܘܠ ܟܘܬܝܢܟ ܫܒܘܩ ܠܗ ܐܦ ܡܪܛܘܛܟ
41 जो कोई तुम्हें एक किलोमीटर चलने के लिए मजबूर करे उसके साथ दो किलोमीटर चले जाओ.
ܡܢ ܕܡܫܚܪ ܠܟ ܡܝܠܐ ܚܕ ܙܠ ܥܡܗ ܬܪܝܢ
42 उसे, जो तुमसे कुछ मांगे, दे दो और जो तुमसे उधार लेना चाहे, उससे अपना मुख न छिपाओ.
ܡܢ ܕܫܐܠ ܠܟ ܗܒ ܠܗ ܘܡܢ ܕܨܒܐ ܕܢܐܙܦ ܡܢܟ ܠܐ ܬܟܠܝܘܗܝ
43 “तुम्हें यह तो मालूम है कि यह कहा गया था: ‘अपने पड़ोसी से प्रेम करो और अपने शत्रु से घृणा.’
ܫܡܥܬܘܢ ܕܐܬܐܡܪ ܕܪܚܡ ܠܩܪܝܒܟ ܘܤܢܝ ܠܒܥܠܕܒܒܟ
44 किंतु मेरा तुमसे कहना है कि अपने शत्रुओं से प्रेम करो और अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना;
ܐܢܐ ܕܝܢ ܐܡܪ ܐܢܐ ܠܟܘܢ ܐܚܒܘ ܠܒܥܠܕܒܒܝܟܘܢ ܘܒܪܟܘ ܠܡܢ ܕܠܐܛ ܠܟܘܢ ܘܥܒܕܘ ܕܫܦܝܪ ܠܡܢ ܕܤܢܐ ܠܟܘܢ ܘܨܠܘ ܥܠ ܐܝܠܝܢ ܕܕܒܪܝܢ ܠܟܘܢ ܒܩܛܝܪܐ ܘܪܕܦܝܢ ܠܟܘܢ
45 कि तुम अपने स्वर्गीय पिता की संतान हो जाओ, क्योंकि वे बुरे और भले दोनों पर ही सूर्योदय करते हैं. इसी प्रकार वे धर्मी तथा अधर्मी, दोनों पर ही वर्षा होने देते हैं.
ܐܝܟܢܐ ܕܬܗܘܘܢ ܒܢܘܗܝ ܕܐܒܘܟܘܢ ܕܒܫܡܝܐ ܗܘ ܕܡܕܢܚ ܫܡܫܗ ܥܠ ܛܒܐ ܘܥܠ ܒܝܫܐ ܘܡܚܬ ܡܛܪܗ ܥܠ ܟܐܢܐ ܘܥܠ ܥܘܠܐ
46 यदि तुम प्रेम मात्र उन्हीं से करते हो, जो तुमसे प्रेम करते हैं तो तुम किस प्रतिफल के अधिकारी हो? क्या चुंगी लेनेवाले भी यही नहीं करते?
ܐܢ ܓܝܪ ܡܚܒܝܢ ܐܢܬܘܢ ܠܐܝܠܝܢ ܕܡܚܒܝܢ ܠܟܘܢ ܡܢܐ ܐܓܪܐ ܐܝܬ ܠܟܘܢ ܠܐ ܗܐ ܐܦ ܡܟܤܐ ܗܝ ܗܕܐ ܥܒܕܝܢ
47 यदि तुम मात्र अपने बंधुओं का ही नमस्कार करते हो तो तुम अन्यों से अतिरिक्त ऐसा कौन सा सराहनीय काम कर रहे हो? क्या गैर-यहूदी भी ऐसा ही नहीं करते?
ܘܐܢ ܫܐܠܝܢ ܐܢܬܘܢ ܒܫܠܡܐ ܕܐܚܝܟܘܢ ܒܠܚܘܕ ܡܢܐ ܝܬܝܪ ܥܒܕܝܢ ܐܢܬܘܢ ܠܐ ܗܐ ܐܦ ܡܟܤܐ ܗܝ ܗܕܐ ܥܒܕܝܢ
48 इसलिये ज़रूरी है कि तुम सिद्ध बनो, जैसे तुम्हारे स्वर्गीय पिता सिद्ध हैं.
ܗܘܘ ܗܟܝܠ ܐܢܬܘܢ ܓܡܝܪܐ ܐܝܟܢܐ ܕܐܒܘܟܘܢ ܕܒܫܡܝܐ ܓܡܝܪ ܗܘ

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