< मत्ती 28 >

1 शब्बाथ के बाद, सप्‍ताह के पहले दिन, जब भोर हो ही रही थी, मगदालावासी मरियम तथा वह अन्य मरियम, येशु की कंदरा-क़ब्र पर आईं.
Xabat küni ɵtüp, ⱨǝptining birinqi küni tang atay degǝndǝ, Magdalliⱪ Mǝryǝm bilǝn yǝnǝ bir Mǝryǝm ⱪǝbrini kɵrüxkǝ kǝldi.
2 उसी समय एक बड़ा भूकंप आया क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से प्रकट हुआ था. उसने कब्र के प्रवेश से पत्थर लुढ़काया और उस पर बैठ गया.
Wǝ mana, yǝrlǝr tuyuⱪsiz ⱪattiⱪ tǝwrǝp kǝtti; qünki Pǝrwǝrdigarning bir pǝrixtisi asmandin qüxüp, [ⱪǝbrigǝ] berip, taxni bir qǝtkǝ domilitip, üstidǝ olturƣanidi.
3 उसका रूप बिजली-सा तथा उसके कपड़े बर्फ के समान सफ़ेद थे.
Pǝrixtining ⱪiyapiti qaⱪmaⱪtǝk, kiyimliri ⱪardǝk ap’aⱪ idi.
4 पहरुए उससे भयभीत हो मृतक के समान हो गए.
Kɵzǝtqilǝr uningdin xunqǝ ⱪorⱪuxtiki, titrixip, ɵlüktǝk ⱪetipla ⱪaldi.
5 स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों को संबोधित किया, “मत डरो! मुझे मालूम है कि तुम क्रूस पर चढ़ाए गए येशु को खोज रही हो.
Pǝrixtǝ ayallarƣa ⱪarap: — Ⱪorⱪmanglar! Silǝrning krestlǝngǝn Əysani izdǝwatⱪininglarni bilimǝn.
6 वह यहां नहीं हैं क्योंकि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं—ठीक जैसा उन्होंने कहा था. स्वयं आकर उस स्थान को देख लो, जहां उन्हें रखा गया था.
U bu yǝrdǝ ǝmǝs; u ɵzi eytⱪandǝk tirildürüldi. Kelinglar, Rǝb yatⱪan jayni kɵrünglar;
7 अब शीघ्र जाकर उनके शिष्यों को यह सूचना दो कि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. और हां, वह तुम लोगों से पूर्व गलील प्रदेश जा रहे हैं. तुम उन्हें वहीं देखोगी. याद रखना कि मैंने तुमसे क्या-क्या कहा है.”
andin dǝrⱨal berip uning muhlisliriƣa: «U ɵlümdin tiriliptu. Wǝ mana, u silǝrdin awwal Galiliyǝgǝ baridikǝn, uni xu yǝrdǝ kɵridikǝnsilǝr» dǝnglar. Mana mǝn bularni silǝrgǝ eytip bǝrdim, — dedi.
8 वे वहां से भय और अत्यंत आनंद के साथ जल्दी से शिष्यों को इसकी सूचना देने दौड़ गईं.
Xunga ayallar ⱨǝm ⱪorⱪunq ⱨǝm zor huxalliⱪ iqidǝ ⱪǝbridin dǝrⱨal ayrilip, uning muhlisliriƣa hǝwǝr berixkǝ yügürüxti.
9 मार्ग में ही सहसा येशु उनसे मिले और उनका अभिनंदन किया. उन्होंने उनके चरणों पर गिरकर उनकी वंदना की.
Ular muhlislirini hǝwǝrlǝndürüxkǝ mangƣanda, mana Əysa ularning aldiƣa qiⱪip: — Salam silǝrgǝ! — dedi. Ularmu aldiƣa berip, uning putiƣa esilip, uningƣa sǝjdǝ ⱪildi.
10 येशु ने उनसे कहा, “डरो मत! मेरे भाइयों तक यह समाचार पहुंचा दो कि वे गलील प्रदेश को प्रस्थान करें, मुझसे उनकी भेंट वहीं होगी.”
Andin Əysa ularƣa: — Ⱪorⱪmanglar! Berip ⱪerindaxlirimƣa: Galiliyǝgǝ beringlar, dǝp uⱪturunglar, ular meni xu yǝrdǝ kɵridu, — dedi.
11 वे जब मार्ग में ही थी, कुछ प्रहरियों ने नगर में जाकर प्रधान पुरोहितों को इस घटना की सूचना दी.
Ayallar tehi yolda ketiwatⱪanda, mana kɵzǝtqilǝrning bǝziliri xǝⱨǝrgǝ kirip, bolƣan wǝⱪǝlǝrning ⱨǝmmisi toƣrisida bax kaⱨinlarƣa hǝwǝr ⱪildi.
12 उन्होंने पुरनियों को इकट्ठा कर उनसे विचार-विमर्श किया और पहरुओं को बड़ी धनराशि देते हुए उन्हें यह आज्ञा दी,
[Bax kaⱨinlar] aⱪsaⱪallar bilǝn bir yǝrgǝ yiƣilip mǝsliⱨǝtlǝxkǝndin keyin, lǝxkǝrlǝrgǝ bǝk kɵp pul berip:
13 “तुम्हें यह कहना होगा, ‘रात में जब हम सो रहे थे, उसके शिष्य उसे चुरा ले गए.’
— Silǝr: «Uning muhlisliri keqisi kelip, biz uhlawatⱪanda uning jǝsitini oƣrilap ǝketiptu» — dǝnglar.
14 यदि राज्यपाल को इसके विषय में कुछ मालूम हो जाए, हम उन्हें समझा लेंगे और तुम पर कोई आंच न आने देंगे.”
Əgǝr bu hǝwǝr waliyning ⱪuliⱪiƣa yetip ⱪalsa, biz uni ⱪayil ⱪilip silǝrni awariqiliktin saⱪlaymiz — dedi.
15 धनराशि लेकर पहरुओं ने वही किया जो उनसे कहा गया था. यहूदियों में यही धारणा आज तक प्रचलित है.
Xundaⱪ ⱪilip, lǝxkǝrlǝr pulni aldi wǝ ɵzlirigǝ tapilanƣandǝk ⱪildi. Xuning bilǝn bu gǝp bügüngiqǝ Yǝⱨudiylar arisida tarⱪilip kǝlmǝktǝ.
16 ग्यारह शिष्यों ने गलील को प्रस्थान किया. वे येशु द्वारा पहले से बताए हुए पर्वत पर पहुंचे.
On bir muhlis Galiliyǝgǝ berip, Əysa ularƣa beⱪitkǝn taƣⱪa qiⱪixti.
17 उन्होंने वहां येशु को देखा और उनकी वंदना की परंतु कुछ को अभी भी संदेह था.
Ular uni kɵrginidǝ uningƣa sǝjdǝ ⱪilixti; lekin bǝziliri gumanlinip ⱪaldi.
18 येशु ने पास आकर उनसे कहा, “सारा अधिकार—स्वर्ग में तथा पृथ्वी पर—मुझे दिया गया है.
Əysa ularning yeniƣa kelip, mundaⱪ dedi: — Ərxtǝ wǝ yǝr yüzidǝ barliⱪ ⱨoⱪuⱪ manga berildi.
19 इसलिये यहां से जाते हुए तुम सारे राष्ट्रों को मेरा शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा दो.
Xuning üqün, berip pütkül ǝllǝrni [ɵzümgǝ] muhlis ⱪilip yetixtürünglar, xundaⱪla ularni Ata, Oƣul wǝ Muⱪǝddǝs Roⱨning namiƣa tǝwǝ ⱪilip qɵmüldürüp,
20 उन्हें इन सभी आदेशों का पालन करने की शिक्षा दो, जो मैंने तुम्हें दिए हैं. याद रखो: जगत के अंत तक मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.” (aiōn g165)
ularƣa mǝn silǝrgǝ tapiliƣan barliⱪ ǝmrlǝrgǝ ǝmǝl ⱪilixni ɵgitinglar. Wǝ mana, mǝn zaman ahiriƣiqǝ ⱨǝr küni silǝr bilǝn billǝ bolimǝn. (aiōn g165)

< मत्ती 28 >