< मत्ती 27 >

1 प्रातःकाल सभी प्रधान पुरोहितों तथा पुरनियों ने आपस में येशु को मृत्यु दंड देने की सहमति की.
ปฺรภาเต ชาเต ปฺรธานยาชกโลกปฺราจีนา ยีศุํ หนฺตุํ ตตฺปฺรติกูลํ มนฺตฺรยิตฺวา
2 येशु को बेड़ियों से बांधकर वे उन्हें राज्यपाल पिलातॉस के यहां ले गए.
ตํ พทฺวฺวา นีตฺวา ปนฺตียปีลาตาขฺยาธิเป สมรฺปยามาสุ: ฯ
3 इसी समय, जब येशु पर दंड की आज्ञा सुनाई गई, यहूदाह, जिसने येशु के साथ धोखा किया था, दुःख और पश्चाताप से भर उठा. उसने प्रधान पुरोहितों और पुरनियों के पास जाकर चांदी के वे तीस सिक्‍के यह कहते हुए लौटा दिए,
ตโต ยีโศ: ปรกเรวฺวรฺปยิตา ยิหูทาสฺตตฺปฺราณาทณฺฑาชฺญำ วิทิตฺวา สนฺตปฺตมนา: ปฺรธานยาชกโลกปฺราจีนานำ สมกฺษํ ตาสฺตฺรีํศนฺมุทฺรา: ปฺรติทายาวาทีตฺ,
4 “एक निर्दोष के साथ धोखा करके मैंने पाप किया है.” “हमें इससे क्या?” वे बोले, “यह तुम्हारी समस्या है!”
เอตนฺนิราโคนรปฺราณปรกรารฺปณาตฺ กลุษํ กฺฤตวานหํฯ ตทา ต อุทิตวนฺต: , เตนาสฺมากํ กึ? ตฺวยา ตทฺ พุธฺยตามฺฯ
5 वे सिक्‍के मंदिर में फेंक यहूदाह चला गया और जाकर फांसी लगा ली.
ตโต ยิหูทา มนฺทิรมเธฺย ตา มุทฺรา นิกฺษิปฺย ปฺรสฺถิตวานฺ อิตฺวา จ สฺวยมาตฺมานมุทฺพพนฺธฯ
6 उन सिक्कों को इकट्ठा करते हुए प्रधान पुरोहितों ने विचार किया, “इस राशि को मंदिर के कोष में डालना उचित नहीं है क्योंकि यह लहू का दाम है.”
ปศฺจาตฺ ปฺรธานยาชกาสฺตา มุทฺรา อาทาย กถิตวนฺต: , เอตา มุทฺรา: โศณิตมูลฺยํ ตสฺมาทฺ ภาณฺฑาคาเร น นิธาตวฺยา: ฯ
7 तब उन्होंने इस विषय में विचार-विमर्श कर उस राशि से परदेशियों के अंतिम संस्कार के लिए कुम्हार का एक खेत मोल लिया.
อนนฺตรํ เต มนฺตฺรยิตฺวา วิเทศินำ ศฺมศานสฺถานาย ตาภิ: กุลาลสฺย เกฺษตฺรมกฺรีณนฺฯ
8 यही कारण है कि आज तक उस खेत को “लहू का खेत” नाम से जाना जाता है.
อโต'ทฺยาปิ ตตฺสฺถานํ รกฺตกฺเษตฺรํ วทนฺติฯ
9 इससे भविष्यवक्ता येरेमियाह द्वारा की गई यह भविष्यवाणी पूरी हो गई: “उन्होंने चांदी के तीस सिक्‍के लिए—यह उसका दाम है, जिसका दाम इस्राएल वंश के द्वारा निर्धारित किया गया था
อิตฺถํ สติ อิสฺราเยลียสนฺตาไน รฺยสฺย มูลฺยํ นิรุปิตํ, ตสฺย ตฺรึศนฺมุทฺรามานํ มูลฺยํ
10 और उन्होंने वे सिक्‍के कुम्हार के खेत के लिए दे दिए, जैसा निर्देश प्रभु ने मुझे दिया था.”
มำ ปฺรติ ปรเมศฺวรสฺยาเทศาตฺ เตภฺย อาทียต, เตน จ กุลาลสฺย เกฺษตฺรํ กฺรีตมิติ ยทฺวจนํ ยิริมิยภวิษฺยทฺวาทินา โปฺรกฺตํ ตตฺ ตทาสิธฺยตฺฯ
11 येशु राज्यपाल के सामने लाए गए और राज्यपाल ने उनसे प्रश्न करने प्रारंभ किए, “क्या तुम यहूदियों के राजा हो?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “यह आप स्वयं ही कह रहे हैं.”
อนนฺตรํ ยีเศา ตทธิปเต: สมฺมุข อุปติษฺฐติ ส ตํ ปปฺรจฺฉ, ตฺวํ กึ ยิหูทียานำ ราชา? ตทา ยีศุสฺตมวทตฺ, ตฺวํ สตฺยมุกฺตวานฺฯ
12 जब येशु पर प्रधान पुरोहितों और पुरनियों द्वारा आरोप पर आरोप लगाए जा रहे थे, येशु मौन बने रहे.
กินฺตุ ปฺรธานยาชกปฺราจีไนรภิยุกฺเตน เตน กิมปิ น ปฺรตฺยวาทิฯ
13 इस पर पिलातॉस ने येशु से कहा, “क्या तुम सुन नहीं रहे ये लोग तुम पर कितने आरोप लगा रहे हैं?”
ตต: ปีลาเตน ส อุทิต: , อิเม ตฺวตฺปฺรติกูลต: กติ กติ สากฺษฺยํ ททติ, ตตฺ ตฺวํ น ศฺฤโณษิ?
14 येशु ने पिलातॉस को किसी भी आरोप का कोई उत्तर न दिया. राज्यपाल के लिए यह अत्यंत आश्चर्यजनक था.
ตถาปิ ส เตษาเมกสฺยาปิ วจส อุตฺตรํ โนทิตวานฺ; เตน โส'ธิปติ รฺมหาจิตฺรํ วิทามาสฯ
15 उत्सव पर परंपरा के अनुसार राज्यपाल की ओर से उस बंदी को, जिसे लोग चाहते थे, छोड़ दिया जाता था.
อนฺยจฺจ ตนฺมหกาเล'ธิปเตเรตาทฺฤศี ราติราสีตฺ, ปฺรชา ยํ กญฺจน พนฺธินํ ยาจนฺเต, ตเมว ส โมจยตีติฯ
16 उस समय बंदीगृह में बार-अब्बास नामक एक कुख्यात अपराधी बंदी था.
ตทานีํ พรพฺพานามา กศฺจิตฺ ขฺยาตพนฺธฺยาสีตฺฯ
17 इसलिये जब लोग इकट्ठा हुए पिलातॉस ने उनसे प्रश्न किया, “मैं तुम्हारे लिए किसे छोड़ दूं, बार-अब्बास को या येशु को, जो मसीह कहलाता है? क्या चाहते हो तुम?”
ตต: ปีลาตสฺตตฺร มิลิตานฺ โลกานฺ อปฺฤจฺฉตฺ, เอษ พรพฺพา พนฺธี ขฺรีษฺฏวิขฺยาโต ยีศุศฺไจตโย: กํ โมจยิษฺยามิ? ยุษฺมากํ กิมีปฺสิตํ?
18 पिलातॉस को यह मालूम हो चुका था कि मात्र जलन के कारण ही उन्होंने येशु को उनके हाथों में सौंपा था.
ไตรีรฺษฺยยา ส สมรฺปิต อิติ ส ชฺญาตวานฺฯ
19 जब पिलातॉस न्यायासन पर बैठा था, उसकी पत्नी ने उसे यह संदेश भेजा, “उस धर्मी व्यक्ति को कुछ न करना क्योंकि पिछली रात मुझे स्वप्न में उसके कारण घोर पीड़ा हुई है.”
อปรํ วิจาราสโนปเวศนกาเล ปีลาตสฺย ปตฺนี ภฺฤตฺยํ ปฺรหิตฺย ตไสฺม กถยามาส, ตํ ธารฺมฺมิกมนุชํ ปฺรติ ตฺวยา กิมปิ น กรฺตฺตวฺยํ; ยสฺมาตฺ ตตฺกฺฤเต'ทฺยาหํ สฺวปฺเน ปฺรภูตกษฺฏมลเภฯ
20 इस पर प्रधान पुरोहितों और पुरनियों ने भीड़ को उकसाया कि वे बार-अब्बास की मुक्ति की और येशु के मृत्यु दंड की मांग करें.
อนนฺตรํ ปฺรธานยาชกปฺราจีนา พรพฺพำ ยาจิตฺวาทาตุํ ยีศุญฺจ หนฺตุํ สกลโลกานฺ ปฺราวรฺตฺตยนฺฯ
21 राज्यपाल ने उनसे पूछा, “क्या चाहते हो, दोनों में से मैं किसे छोड़ दूं?” भीड़ का उत्तर था: “बार-अब्बास को.”
ตโต'ธิปติสฺตานฺ ปฺฤษฺฏวานฺ, เอตโย: กมหํ โมจยิษฺยามิ? ยุษฺมากํ เกจฺฉา? เต โปฺรจุ รฺพรพฺพำฯ
22 इस पर पिलातॉस ने उनसे पूछा, “तब मैं येशु का, जो मसीह कहलाता है, क्या करूं?” उन सभी ने एक साथ कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ाया जाए!”
ตทา ปีลาต: ปปฺรจฺฉ, ตรฺหิ ยํ ขฺรีษฺฏํ วทนฺติ, ตํ ยีศุํ กึ กริษฺยามิ? สรฺเวฺว กถยามาสุ: , ส กฺรุเศน วิธฺยตำฯ
23 पिलातॉस ने पूछा, “क्यों? क्या अपराध है उसका?” किंतु वे और अधिक चिल्लाने लगे, “क्रूस पर चढ़ाया जाए उसे!”
ตโต'ธิปติรวาทีตฺ, กุต: ? กึ เตนาปราทฺธํ? กินฺตุ เต ปุนรุไจ รฺชคทุ: , ส กฺรุเศน วิธฺยตำฯ
24 जब पिलातॉस ने देखा कि वह कुछ भी नहीं कर पा रहा परंतु हुल्लड़ की संभावना है तो उसने भीड़ के सामने अपने हाथ धोते हुए यह घोषणा कर दी, “मैं इस व्यक्ति के लहू का दोषी नहीं हूं. तुम ही इसके लिए उत्तरदायी हो.”
ตทา นิชวากฺยมคฺราหฺยมภูตฺ, กลหศฺจาปฺยภูตฺ, ปีลาต อิติ วิโลกฺย โลกานำ สมกฺษํ โตยมาทาย กเรา ปฺรกฺษาลฺยาโวจตฺ, เอตสฺย ธารฺมฺมิกมนุษฺยสฺย โศณิตปาเต นิรฺโทโษ'หํ, ยุษฺมาภิเรว ตทฺ พุธฺยตำฯ
25 लोगों ने उत्तर दिया, “इसके लहू का दोष हम पर तथा हमारी संतान पर हो!”
ตทา สรฺวฺวา: ปฺรชา: ปฺรตฺยโวจนฺ, ตสฺย โศณิตปาตาปราโธ'สฺมากมฺ อสฺมตฺสนฺตานานาญฺโจปริ ภวตุฯ
26 तब पिलातॉस ने उनके लिए बार-अब्बास को मुक्त कर दिया किंतु येशु को कोड़े लगवाकर क्रूसित करने के लिए भीड़ के हाथों में सौंप दिया.
ตต: ส เตษำ สมีเป พรพฺพำ โมจยามาส ยีศุนฺตุ กษาภิราหตฺย กฺรุเศน เวธิตุํ สมรฺปยามาสฯ
27 तब पिलातॉस के सैनिक मसीह येशु को प्राइतोरियम अर्थात् किले के भीतर, महल के आंगन में ले गए और वहां उन्होंने सारी रोमी सैनिक टुकड़ी इकट्ठा कर ली.
อนนฺตรมฺ อธิปเต: เสนา อธิปเต รฺคฺฤหํ ยีศุมานีย ตสฺย สมีเป เสนาสมูหํ สํชคฺฤหุ: ฯ
28 जो वस्त्र येशु पहने हुए थे, उतारकर उन्होंने उन्हें एक चमकीला लाल वस्त्र पहना दिया.
ตตเสฺต ตสฺย วสนํ โมจยิตฺวา กฺฤษฺณโลหิตวรฺณวสนํ ปริธาปยามาสุ:
29 उन्होंने एक कंटीली लता को गूंधकर उसका मुकुट बना उनके सिर पर रख दिया और उनके दायें हाथ में एक नरकुल की एक छड़ी थमा दी. तब वे उनके सामने घुटने टेककर यह कहते हुए उनका मज़ाक करने लगे, “यहूदियों के राजा की जय!”
กณฺฏกานำ มุกุฏํ นิรฺมฺมาย ตจฺฉิรสิ ททุ: , ตสฺย ทกฺษิณกเร เวตฺรเมกํ ทตฺตฺวา ตสฺย สมฺมุเข ชานูนิ ปาตยิตฺวา, เห ยิหูทียานำ ราชนฺ, ตุภฺยํ นม อิตฺยุกฺตฺวา ตํ ติรศฺจกฺรุ: ,
30 उन्होंने येशु पर थूका भी और फिर उनके हाथ से उस नरकुल छड़ी को लेकर उसी से उनके सिर पर प्रहार करने लगे.
ตตสฺตสฺย คาเตฺร นิษฺฐีวํ ทตฺวา เตน เวเตฺรณ ศิร อาชฆฺนุ: ฯ
31 इस प्रकार जब वे येशु का उपहास कर चुके, उन्होंने वह लाल वस्त्र उतारकर उन्हीं के वस्त्र उन्हें पहना दिए और उन्हें उस स्थल पर ले जाने लगे जहां उन्हें क्रूस पर चढ़ाया जाना था.
อิตฺถํ ตํ ติรสฺกฺฤตฺย ตทฺ วสนํ โมจยิตฺวา ปุนรฺนิชวสนํ ปริธาปยาญฺจกฺรุ: , ตํ กฺรุเศน เวธิตุํ นีตวนฺต: ฯ
32 जब वे बाहर निकले, उन्हें शिमओन नामक एक व्यक्ति, जो कुरेनावासी था, दिखाई दिया. उन्होंने उसे येशु का क्रूस उठाकर चलने के लिए मजबूर किया.
ปศฺจาตฺเต พหิรฺภูย กุรีณียํ ศิโมนฺนามกเมกํ วิโลกฺย กฺรุศํ โวฒุํ ตมาททิเรฯ
33 जब वे सब गोलगोथा नामक स्थल पर पहुंचे, जिसका अर्थ है (खोपड़ी का स्थान).
อนนฺตรํ คุลฺคลฺตามฺ อรฺถาตฺ ศิรสฺกปาลนามกสฺถานมุ ปสฺถาย เต ยีศเว ปิตฺตมิศฺริตามฺลรสํ ปาตุํ ททุ: ,
34 उन्होंने येशु को पीने के लिए दाखरस तथा कड़वे रस का मिश्रण दिया किंतु उन्होंने मात्र चखकर उसे पीना अस्वीकार कर दिया.
กินฺตุ ส ตมาสฺวาทฺย น ปเปาฯ
35 येशु को क्रूसित करने के बाद उन्होंने उनके वस्त्रों को आपस में बांट लेने के लिए पासा फेंका
ตทานีํ เต ตํ กฺรุเศน สํวิธฺย ตสฺย วสนานิ คุฏิกาปาเตน วิภชฺย ชคฺฤหุ: , ตสฺมาตฺ, วิภชนฺเต'ธรียํ เม เต มนุษฺยา: ปรสฺปรํฯ มทุตฺตรียวสฺตฺรารฺถํ คุฏิกำ ปาตยนฺติ จ๚ ยเทตทฺวจนํ ภวิษฺยทฺวาทิภิรุกฺตมาสีตฺ, ตทา ตทฺ อสิธฺยตฺ,
36 और वहीं बैठकर उनकी चौकसी करने लगे.
ปศฺจาตฺ เต ตโตฺรปวิศฺย ตทฺรกฺษณกรฺวฺวณิ นิยุกฺตาสฺตสฺถุ: ฯ
37 उन्होंने उनके सिर के ऊपर दोषपत्र लगा दिया था, जिस पर लिखा था: “यह येशु है—यहूदियों का राजा.”
อปรมฺ เอษ ยิหูทียานำ ราชา ยีศุริตฺยปวาทลิปิปตฺรํ ตจฺฉิรส อูรฺทฺเวฺว โยชยามาสุ: ฯ
38 उसी समय दो अपराधियों को भी उनके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया था, एक को उनकी दायीं ओर, दूसरे को उनकी बायीं ओर.
ตตสฺตสฺย วาเม ทกฺษิเณ จ เทฺวา ไจเรา เตน สากํ กฺรุเศน วิวิธุ: ฯ
39 आते जाते यात्री उपहास-मुद्रा में सिर हिला-हिला कर मज़ाक उड़ा रहे थे,
ตทา ปานฺถา นิชศิโร ลาฑยิตฺวา ตํ นินฺทนฺโต ชคทุ: ,
40 “अरे ओ मंदिर को नाश कर, तीन दिन में उसको दुबारा बनानेवाले! बचा ले अपने आपको—यदि तू परमेश्वर का पुत्र है तो उतर आ क्रूस से!”
เห อีศฺวรมนฺทิรภญฺชก ทินตฺรเย ตนฺนิรฺมฺมาต: สฺวํ รกฺษ, เจตฺตฺวมีศฺวรสุตสฺตรฺหิ กฺรุศาทวโรหฯ
41 इसी प्रकार प्रधान पुरोहित भी शास्त्रियों और पुरनियों के साथ मिलकर उनका उपहास करते हुए कह रहे थे,
ปฺรธานยาชกาธฺยาปกปฺราจีนาศฺจ ตถา ติรสฺกฺฤตฺย ชคทุ: ,
42 “दूसरों को तो बचाता फिरा है, स्वयं को नहीं बचा सकता! इस्राएल का राजा है! क्रूस से नीचे आकर दिखाए तो हम इसका विश्वास कर लेंगे.
โส'นฺยชนานาวตฺ, กินฺตุ สฺวมวิตุํ น ศกฺโนติฯ ยทีสฺราเยโล ราชา ภเวตฺ, ตรฺหีทานีเมว กฺรุศาทวโรหตุ, เตน ตํ วยํ ปฺรเตฺยษฺยาม: ฯ
43 यह परमेश्वर में विश्वास करता है क्योंकि इसने दावा किया था, ‘मैं ही परमेश्वर-पुत्र हूं,’ तब परमेश्वर इसे अभी छुड़ा दें—यदि वह इससे प्रेम करते हैं.”
ส อีศฺวเร ปฺรตฺยาศามกโรตฺ, ยทีศฺวรสฺตสฺมินฺ สนฺตุษฺฏสฺตรฺหีทานีเมว ตมเวตฺ, ยต: ส อุกฺตวานฺ อหมีศฺวรสุต: ฯ
44 उनके साथ क्रूस पर चढ़ाये गए राजद्रोही भी इसी प्रकार उनकी उल्लाहना कर रहे थे.
เยา เสฺตเนา สากํ เตน กฺรุเศน วิทฺเธา เตา ตทฺวเทว ตํ นินินฺทตุ: ฯ
45 मध्याह्न से लेकर तीन बजे तक उस सारे प्रदेश पर अंधकार छाया रहा.
ตทา ทฺวิตียยามาตฺ ตฺฤตียยามํ ยาวตฺ สรฺวฺวเทเศ ตมิรํ พภูว,
46 तीन बजे के लगभग येशु ने ऊंची आवाज में पुकारकर कहा, “एली, एली, लमा सबख़थानी?” जिसका अर्थ है, “मेरे परमेश्वर! मेरे परमेश्वर! आपने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
ตฺฤตียยาเม "เอลี เอลี ลามา ศิวกฺตนี", อรฺถาตฺ มทีศฺวร มทีศฺวร กุโต มามตฺยากฺษี: ? ยีศุรุจฺไจริติ ชคาทฯ
47 उधर खड़े हुए व्यक्तियों में से कुछ ने कहा, “अरे! सुनो-सुनो! एलियाह को पुकार रहा है!”
ตทา ตตฺร สฺถิตา: เกจิตฺ ตตฺ ศฺรุตฺวา พภาษิเร, อยมฺ เอลิยมาหูยติฯ
48 उनमें से एक ने तुरंत दौड़कर एक स्पंज सिरके में भिगोया और एक नरकुल की एक छड़ी पर रखकर येशु के होंठों तक बढ़ा दिया.
เตษำ มธฺยาทฺ เอก: ศีฆฺรํ คตฺวา สฺปญฺชํ คฺฤหีตฺวา ตตฺรามฺลรสํ ทตฺตฺวา นเลน ปาตุํ ตไสฺม ทเทาฯ
49 किंतु औरों ने कहा, “ठहरो, ठहरो, देखें एलियाह उसे बचाने आते भी हैं या नहीं.”
อิตเร'กถยนฺ ติษฺฐต, ตํ รกฺษิตุมฺ เอลิย อายาติ นเวติ ปศฺยาม: ฯ
50 येशु ने एक बार फिर ऊंची आवाज में पुकारा और अपने प्राण त्याग दिए.
ยีศุ: ปุนรุไจราหูย ปฺราณานฺ ชเหาฯ
51 उसी क्षण मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक दो भागों में विभाजित कर दिया गया, पृथ्वी कांप उठी, चट्टानें फट गईं
ตโต มนฺทิรสฺย วิจฺเฉทวสนมฺ อูรฺทฺวฺวาทโธ ยาวตฺ ฉิทฺยมานํ ทฺวิธาภวตฺ,
52 और कब्रें खुल गईं. येशु के पुनरुत्थान के बाद उन अनेक पवित्र लोगों के शरीर जीवित कर दिए गये, जो बड़ी नींद में सो चुके थे.
ภูมิศฺจกมฺเป ภูธโรวฺยทีรฺยฺยต จฯ ศฺมศาเน มุกฺเต ภูริปุณฺยวตำ สุปฺตเทหา อุทติษฺฐนฺ,
53 कब्रों से बाहर आकर उन्होंने पवित्र नगर में प्रवेश किया तथा अनेकों को दिखाई दिए.
ศฺมศานาทฺ วหิรฺภูย ตทุตฺถานาตฺ ปรํ ปุณฺยปุรํ คตฺวา พหุชนานฺ ทรฺศยามาสุ: ฯ
54 शताधिपति और वे, जो उसके साथ येशु की पहरा दे रहे थे, उस भूकंप तथा अन्य घटनाओं को देखकर अत्यंत भयभीत हो गए और कहने लगे, “सचमुच यह परमेश्वर के पुत्र थे!”
ยีศุรกฺษณาย นิยุกฺต: ศตเสนาปติสฺตตฺสงฺคินศฺจ ตาทฺฤศีํ ภูกมฺปาทิฆฏนำ ทฺฤษฺฏฺวา ภีตา อวทนฺ, เอษ อีศฺวรปุโตฺร ภวติฯ
55 अनेक स्त्रियां दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थी. वे गलील प्रदेश से येशु की सेवा करती हुई उनके पीछे-पीछे आ गई थी.
ยา พหุโยษิโต ยีศุํ เสวมานา คาลีลสฺตตฺปศฺจาทาคตาสฺตาสำ มเธฺย
56 उनमें थी मगदालावासी मरियम, याकोब और योसेफ़ की माता मरियम तथा ज़ेबेदियॉस की पत्नी.
มคฺทลีนี มริยมฺ ยากูโพฺยโศฺย รฺมาตา ยา มริยมฺ สิพทิยปุตฺรโย รฺมาตา จ โยษิต เอตา ทูเร ติษฺฐนฺโตฺย ททฺฤศุ: ฯ
57 जब संध्या हुई तब अरिमथिया नामक नगर के एक धनी व्यक्ति, जिनका नाम योसेफ़ था, वहां आए. वह स्वयं येशु के चेले बन गए थे.
สนฺธฺยายำ สตฺยมฺ อริมถิยานครสฺย ยูษผฺนามา ธนี มนุโช ยีโศ: ศิษฺยตฺวาตฺ
58 उन्होंने पिलातॉस के पास जाकर येशु के शव को ले जाने की आज्ञा मांगी. पिलातॉस ने उन्हें शव ले जाने की आज्ञा दे दी.
ปีลาตสฺย สมีปํ คตฺวา ยีโศ: กายํ ยยาเจ, เตน ปีลาต: กายํ ทาตุมฺ อาทิเทศฯ
59 योसेफ़ ने शव को एक स्वच्छ चादर में लपेटा
ยูษผฺ ตตฺกายํ นีตฺวา ศุจิวสฺเตฺรณาจฺฉาทฺย
60 और उसे नई कंदरा-क़ब्र में रख दिया, जो योसेफ़ ने स्वयं अपने लिए चट्टान में खुदवाई थी. उन्होंने कब्र के द्वार पर एक विशाल पत्थर लुढ़का दिया और तब वह अपने घर चले गए.
สฺวารฺถํ ไศเล ยตฺ ศฺมศานํ จขาน, ตนฺมเธฺย ตตฺกายํ นิธาย ตสฺย ทฺวาริ วฺฤหตฺปาษาณํ ทเทาฯ
61 मगदालावासी मरियम तथा अन्य मरियम, दोनों ही कंदरा-क़ब्र के सामने बैठी रहीं.
กินฺตุ มคฺทลีนี มริยมฺ อนฺยมริยมฺ เอเต สฺตฺริเยา ตตฺร ศฺมศานสมฺมุข อุปวิวิศตุ: ฯ
62 दूसरे दिन, जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान पुरोहित तथा फ़रीसी पिलातॉस के यहां इकट्ठा हुए और पिलातॉस को सूचित किया,
ตทนนฺตรํ นิสฺตาโรตฺสวสฺยาโยชนทินาตฺ ปเร'หนิ ปฺรธานยาชกา: ผิรูศินศฺจ มิลิตฺวา ปีลาตมุปาคตฺยากถยนฺ,
63 “महोदय, हमको यह याद है कि जब यह छली जीवित था, उसने कहा था, ‘तीन दिन बाद मैं जीवित हो जाऊंगा’;
เห มเหจฺฉ ส ปฺรตารโก ชีวน อกถยตฺ, ทินตฺรยาตฺ ปรํ ศฺมศานาทุตฺถาสฺยามิ ตทฺวากฺยํ สฺมราโม วยํ;
64 इसलिये तीसरे दिन तक के लिए कंदरा-क़ब्र पर कड़ी सुरक्षा की आज्ञा दे दीजिए, अन्यथा संभव है उसके शिष्य आकर शव चुरा ले जाएं और लोगों में यह प्रचार कर दें, ‘वह मरे हुओं में से जीवित हो गया है’ तब तो यह छल पहले से कहीं अधिक हानिकर सिद्ध होगा.”
ตสฺมาตฺ ตฺฤตียทินํ ยาวตฺ ตตฺ ศฺมศานํ รกฺษิตุมาทิศตุ, โนเจตฺ ตจฺฉิษฺยา ยามินฺยามาคตฺย ตํ หฺฤตฺวา โลกานฺ วทิษฺยนฺติ, ส ศฺมศานาทุทติษฺฐตฺ, ตถา สติ ปฺรถมภฺรานฺเต: เศษียภฺรานฺติ รฺมหตี ภวิษฺยติฯ
65 पिलातॉस ने उनसे कहा, “प्रहरी तो आपके पास हैं न! आप जैसा उचित समझें करें.”
ตทา ปีลาต อวาทีตฺ, ยุษฺมากํ สมีเป รกฺษิคณ อาเสฺต, ยูยํ คตฺวา ยถา สาธฺยํ รกฺษยตฯ
66 अतः उन्होंने जाकर प्रहरी नियुक्त कर तथा पत्थर पर मोहर लगाकर कब्र को पूरी तरह सुरक्षित बना दिया.
ตตเสฺต คตฺวา ตทฺทูรปาษาณํ มุทฺรางฺกิตํ กฺฤตฺวา รกฺษิคณํ นิโยชฺย ศฺมศานํ รกฺษยามาสุ: ฯ

< मत्ती 27 >