< मत्ती 26 >

1 इस रहस्य के खुलने के बाद येशु ने शिष्यों को देखकर कहा,
ଇ ସବୁ ହିକ୍ୟା ହିଜ଼ି ୱିସ୍ତି ପାଚେ ଜିସୁ ଚେଲାରିଂ ଇଚାନ୍‌,
2 “यह तो तुम्हें मालूम ही है कि दो दिन बाद फ़सह उत्सव है. इस समय मनुष्य के पुत्र को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए सौंप दिया जाएगा.”
“ରି ଦିନ୍‌ ପାଚେ ଜେ, ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ଆନାତ୍‌, ଇଦାଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପୁଚାଦେର୍ଣ୍ଣା । ଆରେ ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ଜେ କ୍ରୁସ୍‌ତ ଦୁପ୍‌ୟା ଆଦେଂ କାଜିଂ ହେଲାୟ୍‌ କିୟାଆନାନ୍ ।”
3 दूसरी ओर प्रधान पुरोहित और वरिष्ठ नागरिक कायाफ़स नामक महापुरोहित के घर के आंगन में इकट्ठा हुए.
ହେ ୱେଡ଼ାଲିଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ଆରି ଲକୁର୍ତି ବୁଡ଼ାଲୁର୍‌ କୟାପା ତର୍‌ନି ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍ତି ହାକ୍‌ଡ଼ିତ ରୁଣ୍ଡା ଆତାର୍‌,
4 उन्होंने मिलकर येशु को छलपूर्वक पकड़कर उनकी हत्या कर देने का विचार किया.
ହେୱାର୍‌ ଡ଼ୁଗ୍‌ଜି ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଅସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌ପାଚି କିତାର୍‌ ।
5 वे यह विचार भी कर रहे थे: “यह फ़सह उत्सव के अवसर पर न किया जाए—कहीं इससे लोगों में बलवा न भड़क उठे.”
ମାତର୍‌ ହେୱାର୍‌ ଇଚାର୍‌, “ପାର୍ବୁ ୱେଡ଼ାଲିଂ ଇଦାଂ କିନାକା ହାର୍‌ ଆକାୟ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ମାନାୟାର୍‌ ଗଣ୍ଡ୍‌ଗଲ୍‌ କିଦ୍‌ନାର୍‌ ।”
6 जब येशु बैथनियाह गांव में शिमओन के घर पर थे—वही शिमओन, जिसे पहले कोढ़ रोग हुआ था,
ଦିନେକ୍‌ ଜିସୁ ବେତ୍‌ନିୟାତ ଗାଜା ରଗ୍ୟା ବଗ୍‌ କିଜ଼ି ସିମନ୍‌ ଇଞ୍ଜ ମାନି ୱେଡ଼ାଲିଂ,
7 एक स्त्री उनके पास संगमरमर के बर्तन में कीमती इत्र लेकर आई. उसे उसने भोजन के लिए बैठे येशु के सिर पर उंडेल दिया.
ରଞ୍ଜେଲ୍‌ କଗ୍‌ଲେ ର କଣ୍ଡିତ ଦାମ୍‌ନି ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ ଅସି ତା ତାକେ ୱାତାତ୍‌ ଆରି ହେଦେଲ୍‌ ଚିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ କୁଚ୍‌ଚି ସମୁତ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କାପ୍‌ଡ଼ାତ ୱାକ୍‍ତେଂ ଲାଗାତାତ୍‌ ।
8 यह देख शिष्य गुस्सा हो कहने लगे, “यह फिज़ूलखर्ची किस लिए?
ହେଦାଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ଚେଲାର୍‌ ରିସା ଆଜ଼ି ଇଚାର୍‌, “ଏଚେକ୍‌ ନସ୍ଟ କିନାତା ଇନାକିଦେଂ?
9 यह इत्र तो ऊंचे दाम पर बिक सकता था और प्राप्‍त धनराशि गरीबों में बांटी जा सकती थी.”
ଇ ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ ବେସି ଟାକାଂତାଂ ପ୍ରୟା ଆତାତ୍ମା ଆରି ହେ ଦାନ୍‌ ଅର୍କିତାରିଂ ଦାନ୍‌ ହିୟାତାତ୍ମା ।”
10 इस विषय को जानकर येशु ने उन्हें झिड़कते हुए कहा, “क्यों सता रहे हो इस स्त्री को? इसने मेरे हित में एक सराहनीय काम किया है.
ଜିସୁ ହେଦାଂ ପୁଞ୍ଜି ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, ଇନେକିଦେଂ କଗ୍‌ଲେଂ କସ୍ଟ ହିନାଦେରା? ହେଦେଲ୍‌ ନା କାଜିଂ ହାର୍‌ କାମାୟ୍‌ କିନାତା ।
11 निर्धन तुम्हारे साथ हमेशा रहेंगे किंतु मैं तुम्हारे साथ हमेशा नहीं रहूंगा.
“ଅର୍କିତ୍‌ ଲକୁତ ନିତ୍ରେ ମି ହୁଦାଂ ମାନାର୍‌, ମତର୍‌ ଆନ୍‌ ନିତ୍ରେ ମି ହୁଦାଂ ମାନୁଙ୍ଗ୍ ।
12 मुझे मेरे अंतिम संस्कार के लिए तैयार करने के लिए इसने यह इत्र मेरे शरीर पर उंडेला है.
ଆରେ, ନା ଦୁଗେର୍‌ତ ମୁଚ୍‌ନି କାମାୟ୍‌ ଲାକେ ନା ଗାଗାଡ଼୍‌ତ ଇ ବାସ୍‌ନା ଚିକାଣ୍‌ ୱାକ୍‍ତାନାତା ।
13 सच तो यह है कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, इस स्त्री के इस कार्य का वर्णन भी इसकी याद में किया जाएगा.”
ଆନ୍‌ ନିଂ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ୱିଜ଼ୁ ପୁର୍ତିତ ଇମ୍‌ଣି ବାହାତ ପା ନେକ୍ରିକାବୁର୍‌ ୱେଚ୍ୟାନାତ୍, ହେ ବାହାତ ଇ କଗ୍‌ଲେତି ଏତୁତିଂ ତାଦାଙ୍ଗ୍‌ ଇ କାମାୟ୍‌ନି କାତା ପା ଇନ୍ୟା ଆନାତ୍‌ ।”
14 तब कारियोतवासी यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान पुरोहितों के पास गया
ଜିସୁତି ବାରଜାଣ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଇସ୍କାରିୟତିୟ ଜିହୁଦା ତର୍‌ନି ରକାନ୍‌ ଚେଲା ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାର୍‌ ତାକେ ହାଲ୍‌ଜି ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌,
15 और उनसे विचार-विमर्श करने लगा, “यदि मैं येशु को पकड़वा दूं तो आप मुझे क्या देंगे?” उन्होंने उसे गिन कर चांदी के तीस सिक्‍के दे दिए.
“ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଆହି କିଜ଼ି ହିତ୍‍ତିସ୍ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ହିଦ୍‍ନାଦେର୍?” ହେୱାର୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ କଡ଼େଦସ୍‍ ଗଟା ରୁପା ଟାକାଂ ଏଜା କିଜ଼ି ହିତାର୍‌ ।
16 उस समय से वह येशु को पकड़वाने के लिए सही अवसर की ताक में रहने लगा.
ହେ ଦିନ୍‍ତାଂ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ହେୱାର୍‌ କେଇଦ ଆହିକିଦେଂ କାଜିଂ ସୁବିଦା ଡେକ୍‌ତାନ୍‌ ।
17 अखमीरी रोटी के उत्सव के पहले दिन शिष्यों ने येशु के पास आकर पूछा, “हम आपके लिए फ़सह भोज की तैयारी कहां करें? आप क्या चाहते हैं?”
ପାଚେ ହଇୱି ରୁଟି “ପାର୍ବୁନି ପର୍ତୁମ୍‌ ଦିନ୍ତ ଚେଲାର୍‌ ଜିସୁ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ୱାଜ଼ି ୱେନ୍‍ବାତାର୍, ଆପେଂ ଇମ୍‌ଣି ବାହାତ ନି କାଜିଂ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ବଜି ଜାଲ୍‌ଦି କିନାପ୍‌ ଇଞ୍ଜି ନି ଇଚା?”
18 येशु ने उन्हें निर्देश दिया, “नगर में एक व्यक्ति विशेष के पास जाना और उससे कहना, ‘गुरुवर ने कहा है, मेरा समय पास है. मुझे अपने शिष्यों के साथ आपके घर में फ़सह उत्सव मनाना है.’”
ଜିସୁ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ଗାଡ଼୍‌ଦ ହାଲ୍‌ଜି ହେ ଆମ୍‍କ ଲଗାଂ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାଟ୍‌, “ଗୁରୁ ଇଞ୍ଚାନ୍ନା, ହେୱାନ୍ତି ସମୁ ଲାଗେ ଆଜ଼ି ୱାତାତେ । ହେୱାନ୍ତି ଚେଲାର୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମି ଇଞ୍ଜ ହେୱାନ୍‌ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ମାନିକିନାନ୍ ।”
19 शिष्यों ने वैसा ही किया, जैसा येशु ने निर्देश दिया था और उन्होंने फ़सह भोज तैयार किया.
ଜିସୁ ଇନି ହିସାବ୍‍ରେ ଚେଲାର୍‌ ନିସ୍ତାର୍‌ ପାର୍ବୁ ବଜି ଜାଲ୍‌ଦି କିତାର୍‌ ।
20 संध्या समय येशु अपने बारह शिष्यों के साथ बैठे हुए थे.
ପାଚେ ମ୍ଡିତିଲେ ହେୱାନ୍‌ ବାରଜାଣ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଚିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍ କୁଚ୍‌ଚାର୍‌ ।
21 जब वे भोजन कर रहे थे येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं: तुम्हीं में एक है, जो मेरे साथ धोखा करेगा.”
ତିନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ମି ବିତ୍ରେ ରକାନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।”
22 बहुत उदास मन से हर एक शिष्य येशु से पूछने लगा, “प्रभु, वह मैं तो नहीं हूं?”
ଚେଲାର୍‌ ବେସି ଦୁକ୍‌ ଆଜ଼ି ରକାନ୍‌ ପାଚେ ରକାନ୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ୱେନ୍‌ବାତାର୍, “ମାପ୍ରୁ ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଆନ୍‌?”
23 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जिसने मेरे साथ कटोरे में अपना कौर डुबोया था, वही है, जो मेरे साथ धोखा करेगा.
ଜିସୁ ଇଚାନ୍‌, “ଇନେର୍‌ ନା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ରଚେ ତାଡ଼ିୟାତ ରୁଟି କ୍ଡକ୍‍ନାନ୍, ହେୱାନ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।
24 मनुष्य के पुत्र को तो जैसा कि उसके विषय में पवित्र शास्त्र में लिखा है, जाना ही है; किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर, जो मनुष्य के पुत्र के साथ धोखा करेगा. उस व्यक्ति के लिए अच्छा तो यही होता कि उसका जन्म ही न होता.”
ସାସ୍ତର୍‌ର୍ତ ଇନେସ୍‌ ଲେକା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ହାକିଡାଣ୍ଡ୍‌ ଆନାନ୍‌, ମାତର୍‌ ଇନେର୍‌ ଆହିକିନାନ୍‌, ତା ଦସା କେତେକ୍‌ କସ୍ଟ! ହେ ମାନାୟ୍‌ ଜଲମ୍‌ ଆୱାଦାଂ ମାଚିସ୍‌ ତା ପାକ୍ୟାତ ହାରା ଆତାତ୍ମା ।”
25 यहूदाह ने, जो येशु के साथ धोखा कर रहा था, उनसे प्रश्न किया, “रब्बी, वह मैं तो नहीं हूं न?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “यह तुमने स्वयं ही कह दिया है.”
ସାତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିତି ଜିହୁଦା ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌, “ଏ ଗୁରୁ, ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଆନ୍‌?” ଜିସୁ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏନ୍‌ ଇଞ୍ଚାୟ୍‌ନ୍ନା ।”
26 जब वे भोजन के लिए बैठे, येशु ने रोटी ली, उसके लिए आशीष विनती की, उसे तोड़ी और शिष्यों को देते हुए कहा, “यह लो, खाओ; यह मेरा शरीर है.”
ହେୱାର୍‌ ତିନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ଜିସୁ ର ରୁଟି ଅଜ଼ି ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ଦନ୍ୟବାଦ୍‌ ହିତାନ୍‌ ଆରି ହେଦାଂ ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ଚେଲାରିଂ ହିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଇଦାଂ ନା ଗାଗାଡ଼୍‌ ।”
27 तब येशु ने प्याला लिया, उसके लिए धन्यवाद दिया तथा शिष्यों को देते हुए कहा, “तुम सब इसमें से पियो.
ତା ପାଚେ ହେୱାନ୍‌ ଉଣି ବାହା ଅଜ଼ି ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ଜୁୱାର୍‌ କିତାନ୍‌ ଆରି ହେଦାଂ ଚେଲାରିଂ ହିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାକାଦେର୍‌ ଇବେଣ୍ଡାଂ ଉଣାଟ୍ ।”
28 यह वाचा का मेरा लहू है जो अनेकों की पाप क्षमा के लिए उंडेला जा रहा है.
“ଇଦାଂ ନା ନେତେର୍‌ । ମାନାୟ୍‌ତିଂ ପାପ୍‌ କେମା କାଜିଂ ଆନ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ନେତେର୍‌ ୱାକ୍‍ଚି ହିଦେଂ ହାନାଙ୍ଗା, ଇମ୍‌ଣାକା ଇସ୍ୱର୍ତି ପୁନି ନିୟମ୍‌ ରଚ୍ୟା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା ।
29 मैं यह बताना चाहता हूं कि मैं दाख का रस उस दिन तक नहीं पिऊंगा जब तक मैं अपने पिता के राज्य में तुम्हारे साथ दाखरस दोबारा नहीं पिऊं.”
ମାତର୍‌ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଇମ୍‌ଣି ଦିନ୍‌ ଆନ୍‌ ନା ବାୱାତି ରାଜିତ ମି ହୁଦାଂ ପୁନି କିଜ଼ି ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ପାଡ଼୍‌ନି ରାସ୍‌ ଉଣାଙ୍ଗ୍‌, ହେ ଦିନ୍‌ ପାତେକ୍‌ ନେଞ୍ଜ୍‍ତାଂ ଆନ୍‌ ଇଦାଂ ଇନାୱାଡ଼ାଂ ପା ଉଣୁଙ୍ଗ୍‌ ।”
30 एक भक्ति गीत गाने के बाद वे ज़ैतून पर्वत पर चले गए.
ଆରେ, ହେୱାର୍‌ ଜୁୱାର୍‌ କେର୍‌କଣ୍‌ କେର୍‌ତି ପାଚେ ଜିତ୍‌ମାଡ଼ିତ ହସି ହାଚାର୍‌ ।
31 येशु ने शिष्यों से कहा, “आज रात तुम सभी मेरा साथ छोड़कर चले जाओगे, जैसा कि इस संबंध में पवित्र शास्त्र का लेख है: “‘मैं चरवाहे का संहार करूंगा और, झुंड की सभी भेड़ें तितर-बितर हो जाएंगी.’
ଇ ୱେଡ଼ାଲିଂ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ନାଣା ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାକାଦେର୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ହାନାଦେର୍ । ଇନାକିଦେଂକି ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକାତାତ୍‌ନା, ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ମେଣ୍ଡା ଗଡ଼ିୟାଙ୍ଗ୍‌ ଅସ୍‌ତିସ୍‌, ଆରେ ମାନ୍ଦା ନି ମେଣ୍ଡାଂ ଜେଡ଼େକେତେ ଆଜ଼ି ହାନିକ୍‌ ।”
32 हां, पुनर्जीवित किए जाने के बाद मैं तुमसे पहले गलील प्रदेश पहुंच जाऊंगा.”
“ମାତର୍‌ ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ନି ପାଚେ ମି ଆଗେ ଗାଲିଲି ରାଜି ହାନାଂ ।”
33 किंतु पेतरॉस ने येशु से कहा, “सभी शिष्य आपका साथ छोड़कर जाएं तो जाएं किंतु मैं आपका साथ कभी न छोड़ूंगा.”
ପିତର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ବିନ୍‌ ଲଗୁ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ନିଂ ପିସ୍ତି ହାଚିସ୍ ପା ଆନ୍‌ ମୁଡ଼୍‌କେ ପିସ୍ତି ହାଲୁଙ୍ଗ୍ ।”
34 येशु ने उनसे कहा, “सच्चाई तो यह है कि आज ही रात में, इसके पहले कि मुर्ग बांग दे, तुम मुझे तीन बार नकार चुके होंगे.”
ଜିସୁ ପିତରଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ନାଣା କୁଜ଼ୁ କେଡ଼୍‍ନି ଆଗେ ଏନ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ତିନିହଟ୍‌ ପାର୍ତି କିଦୁୟ୍‌ ।”
35 पेतरॉस ने दोबारा उनसे कहा, “मुझे आपके साथ यदि मृत्यु को भी गले लगाना पड़े तो भी मैं आपको नहीं नकारूंगा.” अन्य सभी शिष्यों ने यही दोहराया.
ପିତର୍‌ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ନି ହୁକେ ହାଦେଂ ଲାଗ୍‍ଦିତିସ୍‌ପା ଆନ୍‌ ଇନାୱାଡ଼ାଂ ପା ଉଡ଼ା ଆଦୁଙ୍ଗ୍ ।” ବିନ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ପା ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ହେ ଲାକେ ଇଚାର୍‌ ।
36 तब येशु उनके साथ गेतसेमनी नामक स्थान पर पहुंचे. उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “तुम यहीं बैठो जब तक मैं वहां जाकर प्रार्थना करता हूं.”
ତା ପାଚେ ଜିସୁ ଜାର୍‌ ଚେଲାର୍‌ ହୁକେ ଗେତ୍‌ସିମନି ତର୍‌ନି ର ବାହାତ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହେବେ ହାଲ୍‌ଜି ପାର୍ତାନା କିନି ପାତେକ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇବେ କୁଚ୍‌ଚି ମାନାଟ୍‌ ।”
37 फिर वह पेतरॉस और ज़ेबेदियॉस के दोनों पुत्रों को अपने साथ ले आगे चले गए. वहां येशु अत्यंत उदास और व्याकुल होने लगे.
ଆରେ, ଜିସୁ ପିତର୍‌ ଆରି ଜେବ୍‌ଦି ରିକାର୍‌ ମେହିରିଂ ଅତାନ୍‌ । ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଜିସୁ ବେସି ଦୁକ୍‌ ବାଦାତ ବିପ୍ତି ଆଜ଼ି ମାଚାନ୍‌ ।
38 उन्होंने शिष्यों से कहा, “मेरे प्राण इतने अधिक उदास हैं, मानो मेरी मृत्यु हो रही हो. मेरे साथ तुम भी जागते रहो.”
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଦୁକ୍‌ତ ନା ୱାସ୍କି ବିପ୍ତି ଆନାତା । ଇବେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ନା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ କାଜିଂ ମାନାଟ୍‌ ।”
39 तब येशु उनसे थोड़ी ही दूर जा मुख के बल गिरकर प्रार्थना करने लगे. उन्होंने परमेश्वर से निवेदन किया, “मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह प्याला मुझसे टल जाए; फिर भी मेरी नहीं परंतु आपकी इच्छा के अनुरूप हो.”
ଜିସୁ ଅଲପ୍‍ ଦେହା ହାଲ୍‌ଜି ମେଦ୍‌ନିତ ମୁମ୍‌ କୁନ୍ଦି କିଜ଼ି ପାର୍ତାନା କିତାନ୍‌, “ବାୱା! ଜଦି ଆଦେଂ ଆନାତ୍‌, ଇ ଦୁକ୍‍ବଗନି ଉଣି ବାହା ନା ତାଙ୍ଗ୍‌ ଦେହା ଅୱା, ମାତର୍‌ ନା ଇଚା ଆକାୟ୍‌, ନି ଇଚା ପୁରା ଆଏତ୍‌ ।”
40 जब वह अपने शिष्यों के पास लौटे तो उन्हें सोया हुआ देख उन्होंने पेतरॉस से कहा, “अच्छा, तुम मेरे साथ एक घंटा भी सजग न रह सके!
ତା ପାଚେ ହେୱାନ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ଲାଗାଙ୍ଗ୍‌ ୱାଜ଼ି ହୁଡ଼୍‌ତାନ୍‌, ହେୱାର୍‌ ହୁଞ୍ଚାର୍ଣ୍ଣା । ଜିସୁ ପିତର୍‌ତିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ନା ହୁଦାଂ ରଗଣ୍ଟା କାଜିଂ ମାଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡୁଦେରା?
41 सजग रहो, प्रार्थना करते रहो, ऐसा न हो कि तुम परीक्षा में पड़ जाओ. हां, निःसंदेह आत्मा तो तैयार है किंतु शरीर दुर्बल.”
ପରିକ୍ୟାତ ଇନେସ୍‌ ଆର୍‌ମାଟ୍‌, ହେଦାଂ କାଜିଂ ମାନ୍‌ଞ୍ଜି ପାର୍ତାନା କିୟାଟ୍‌ । ଇନାକିଦେଂକି ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଜିବୁନ୍‌ ଇଚା, ମାତର୍‌ ଗାଗାଡ଼୍‌ ନାଦାର୍‌ ।”
42 तब येशु ने दूसरी बार जाकर प्रार्थना की, “मेरे पिता, यदि यह प्याला मेरे पिए बिना मुझसे टल नहीं सकता तो आप ही की इच्छा पूरी हो.”
ଜିସୁ ଆରେ ରଗ ହାଲ୍‌ଜି ପାର୍ତାନା କିତାନ୍‌, ନା “ବାୱା! ଜଦି ଦୁକ୍‍ବଗନି ଉଣି ବାହା ନାତାଙ୍ଗ୍‌ ଗୁଚା ଆଦେଂ ଆଡୁୟ୍‌ ଆରି ନାଙ୍ଗ୍‌ ହେଦାଂ ଉଣ୍ଡେଙ୍ଗ୍‌ ନେ ଆନାତ୍‌, ନି ଇଚା ପୁରା ଆୟେତ୍‌ ।”
43 वह दोबारा लौटकर आए तो देखा कि शिष्य सोए हुए हैं—क्योंकि उनकी पलकें बोझिल थी.
ହେୱାନ୍‌ ଆରେ ରଗ ମାସ୍‌ଦି ଚେଲାରିଂ ହୁଞ୍ଜ୍‌ନାକା ହୁଡ଼୍‌ତାନ୍‌ । ହେୱାର୍‌ କାଣ୍‌କୁ ଜେତେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ୱାଦାଂ ମାଚାର୍‌ ।
44 एक बार फिर वह उन्हें छोड़ आगे चले गए और तीसरी बार प्रार्थना की और उन्होंने प्रार्थना में वही सब दोहराया.
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ପିସ୍ତି ଅଲପ୍‍ ଦେହା ହାଲ୍‌ଜି ତିନ୍‌ହଟ୍‌ କାଜିଂ ହେ ଲାକେ ପାର୍ତାନା କିତାନ୍‌ ।
45 तब वह शिष्यों के पास लौटे और उनसे कहा, “क्या तुम अभी भी सो रहे और आराम कर रहे हो? बहुत हो गया! देखो! आ गया है वह क्षण! मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथों पकड़वाया जा रहा है.
ତା ପାଚେ ଚେଲାର୍‌ ତାକେ ୱାଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇ ପାତେକ୍‌ ହୁଞ୍ଜିମାଞ୍ଜି ଜମ୍‌ନାଦେରା? ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ପାପିର୍‌ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ ଆନି ସମୁ ୱାତାତ୍ ।
46 उठो! यहां से चलें. देखो, जो मुझे पकड़वाने पर है, वह आ गया!”
ନିଂଗାଟ୍ ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ହାନାସ୍ । ଇଦି ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆହିକିଦ୍‍ନି ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ଏକାୱାତାନେ ।”
47 येशु अपना कथन समाप्‍त भी न कर पाए थे कि यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, वहां आ पहुंचा. उसके साथ एक बड़ी भीड़ थी, जो तलवारें और लाठियां लिए हुए थी. ये सब प्रधान पुरोहितों और पुरनियों की ओर से भेजे गए थे.
ହେୱାନ୍‌ କାତା ଇନିୱାଡ଼ାଲିଂ, ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ବାରଜାଣ୍‌ ବିତ୍ରେ ଜିହୁଦା ତର୍‌ନି ରକାନ୍‌ ଆରି ହେ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାର୍‌ ଆରି ମାନାୟାର୍‌ତି ବୁଡ଼ାଲୁର୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ପକ୍ୟାତି ହେନି ଲକୁ କାଣ୍ଡା ଆରି ଟେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍ ଆସ୍ତି ୱାତାର୍ ।
48 येशु के विश्वासघाती ने उन्हें यह संकेत दिया था: “मैं जिसे चूमूं, वही होगा वह. उसे ही पकड़ लेना.”
ଆରେ, ହେୱାନିଂ ସତ୍ରୁ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିନାକାନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଚଚ୍‌ଚି ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ଇନେରିଂ ଡଞ୍ଜ୍‍ନାଂ, ହେୱାନିଂ ନେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇଟ୍‌କାଡ଼୍‌ କିନାଦେରା । ହେୱାନିଂ ଆହାଟ୍‌ ।”
49 वहां पहुंचते ही यहूदाह सीधे मसीह येशु के पास गया और उनसे कहा, “प्रणाम, रब्बी!” और उन्हें चूम लिया.
ଆରେ, ହେଦାପ୍ରେ ଜିସୁତି ଲାଗାଂ ହାଲ୍‌ଜି ୱାଜ଼ି, ଏ ଗୁରୁ ଜୁୱାର୍‌, ଇଦାଂ ଇଞ୍ଜି ହେୱାନିଂ ବେସି ଡଞ୍ଚାନ୍‌ ।
50 येशु ने यहूदाह से कहा, “मेरे मित्र, जिस काम के लिए आए हो, उसे पूरा कर लो.” उन्होंने आकर येशु को पकड़ लिया.
ଜିସୁ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍‌, “ବନ୍ଦୁ, ଏନ୍‌ କାମାୟ୍‌ ବେଗି ୱିହା ।” ଇଦାଂ ପାଚେ ହେୱାର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଆସ୍ତାର୍‌ ଆରି ଗାଚ୍‌ଚି ଅତାର୍‌ ।
51 येशु के शिष्यों में से एक ने तलवार खींची और महापुरोहित के दास पर चला दी जिससे उसका कान कट गया.
ଆରେ ହୁଡ଼ାଟ୍‌, ଜିସୁ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମାନି ମାନାୟାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାନ୍‌ କାଣ୍ଡା ଉନ୍‌ଦି ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ଆଡ଼ିୟାତିଂ କାତ୍‍ତାନ୍ । ହେୱାନ୍ତି କିତୁଲ୍‌ ରାସ୍ତିଲେ ନାଡ଼୍‍ଜି ହାଚାତ୍‌ ।
52 येशु ने उस शिष्य से कहा, “अपनी तलवार को म्यान में रखो! जो तलवार उठाते हैं, वे तलवार से ही नाश किए जाएंगे.
ଜିସୁ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ନି କାଣ୍ଡାତିଂ ହେ କାପୁତାକେ ଇଟା । ଇନେର୍‌ କାଣ୍ଡା ହପ୍‌ନାର୍‌, ହେୱାର୍‌ କାଣ୍ଡାତ ହାନାର୍‌ ।
53 क्या तुम यह तो सोच रहे कि मैं अपने पिता से विनती नहीं कर सकता और वह मेरे लिए स्वर्गदूतों के बारह या उससे अधिक लेगिओन (बड़ी सेना) नहीं भेज सकते?
ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ପୁନ୍‍ୱାତାଦେର୍ଣ୍ଣା, ଆନ୍‌ ନା ବାୱାଙ୍ଗ୍‌ ଗୱାରି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଏନ୍ତିସ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ନା କାଜିଂ ଦାପ୍ରେ ବାରଜାଣ୍‌ ଟଣ୍ଡାର୍‌ ବାଟା ଆଦିକ୍‌ ସାର୍ଗେ ଦୁତ୍‌ରିଂ ପକ୍ତେତେଂ ଆଡ୍‌ନାନ୍‌?
54 फिर भला पवित्र शास्त्र के लेख कैसे पूरे होंगे, जिनमें लिखा है कि यह सब इसी प्रकार होना अवश्य है?”
ମାତର୍‌ ତା ଆତିସ୍‌ ଇ ସବୁ ଗିଟାନାତ୍ ଇଞ୍ଜି ସାସ୍ତର୍‌ତ ଇନାକା ଲେକାମାନାତ୍‌, ହେଦାଂ ପୁରା ଆନାତ୍‌ ଇନେସ୍‌?”
55 तब येशु ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “क्या तुम्हें मुझे पकड़ने के लिए तलवारें और लाठियां लेकर आने की ज़रूरत थी, जैसे किसी डाकू को पकड़ने के लिए होती है? मैं तो प्रतिदिन मंदिर में बैठकर शिक्षा दिया करता था! तब तुमने मुझे नहीं पकड़ा!
ହେୱେଡ଼ାଂ ଜିସୁ ମାନାୟାରିଂ ଇଚାନ୍‌, ଚର୍କୁ ବିରୁଦ୍‌ତ ହତି ଲାକେ କାଣ୍ଡା ଆରି ଟେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍ ତାସି ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା “ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଦେର୍? ଆନ୍‌ ନିତ୍ରେ ମନ୍ଦିର୍‌ତ କୁଚ୍‌ଚି ହିକ୍ୟା ହିଜ଼ି ମାଚାଙ୍ଗ୍‌, ମାତର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆସ୍ତାୱାତାଦେର୍‌;
56 यह सब इसलिये हुआ है कि भविष्यद्वक्ताओं के लेख पूरे हों.” इस समय सभी शिष्य उन्हें छोड़कर भाग चुके थे.
ହେୱାନ୍‌ ଇନାକା ଆୟେତ୍‌, ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାର୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଇନାକା ଇନାକା ଲେକିକିତାର୍ଣ୍ଣା, ହେ ସବୁ ପୁରା ଆଦେଂ କାଜିଂ ଇଦାଂ ଗିଟାତାତ୍‍ନା ।” ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଚେଲାର୍‌ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ହନ୍ତାର୍‌ ।
57 जिन्होंने येशु को पकड़ा था वे उन्हें महापुरोहित कायाफ़स के यहां ले गए, जहां शास्त्री तथा पुरनिये इकट्ठा थे.
ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଗାଚ୍‍ଚାକାର୍ ହେୱାନିଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାନ୍‌ କୟାପା ଇଞ୍ଜ ଅତାର୍‌ । ହେବେ ଦରମ୍‌ ଗୁରୁ ଆରି ପ୍ରାଚିନାର୍‌ ରୁଣ୍ଡା ଆଜ଼ି ମାଚାର୍‌ ।
58 पेतरॉस कुछ दूरी पर येशु के पीछे-पीछे चलते हुए महापुरोहित के आंगन में आ पहुंचे और वहां वह प्रहरियों के साथ बैठ गए कि देखें आगे क्या-क्या होता है.
ପିତର୍‌ ଅଲପ୍‍ ଦେହା ମାନ୍‌ଞ୍ଜି ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଡେଇଁ ଡ଼କ୍‍ଚି ହାଚାନ୍‌, ଆରେ ହେୱାନ୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାନ୍‌ ଇଞ୍ଜ ହାକ୍‌ଡ଼ି ପାତେକ୍‌ ହାଚାନ୍‌ । ଇ ସବୁନି ଗଟ୍‌ନା ଇନାକା ଆନାତ୍‌, ହୁଡ଼୍‌ଦେଂ କାଜିଂ ପିତର୍‌ ହେବେ ହେବା କାର୍‌ୟାର୍‌ ହୁକେ କୁଚ୍‌ଚାନ୍‌ ।
59 मसीह येशु को मृत्यु दंड देने की इच्छा लिए हुए प्रधान पुरोहित तथा पूरी महासभा मसीह येशु के विरुद्ध झूठे गवाह खोजने का यत्न कर रही थी,
ୱିସ୍ତି ବିତ୍ରେ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାର୍‌ ଆରି ଗାଜା ସବାନି ମେମରାର୍ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ହାକି ଡାଣ୍ଡ୍‌ ହିଦେଂ କାଜିଂ ହେ ବିରୁଦ୍‌ତ ମିଚ୍‌ ପାର୍ମାଣ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ସେସ୍ଟା କିତାର୍‌ ।
60 किंतु इसमें वे विफल ही रहे. यद्यपि अनेक झूठे गवाह सामने आए, किंतु मृत्यु दंड के लिए आवश्यक दो सहमत गवाह उन्हें फिर भी न मिले. आखिर दो गवाह सामने आए
ୱିଜ଼ାର୍‌ ଲକୁ ଜିସୁ ବିରୁଦ୍‌ତ ମିଚ୍‌ କାତା ଇଚାର୍‌ । ମାତର୍‌ ହେ ଲାକେ ଇନାକାପା ପାର୍ମାଣ୍‌ ଗାଟାୱାତାର୍‌ । ହାରିହାରା ରିକାର୍‌ ନିଂତାର୍‌,
61 जिन्होंने कहा, “यह व्यक्ति कहता था, ‘मैं परमेश्वर के मंदिर को नाश करके उसे तीन दिन में दोबारा खड़ा करने में समर्थ हूं.’”
“ହେୱାର୍‌ ଇଚାର୍‌ ଇୱାନ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌, ଆନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍ତି ମନ୍ଦିର୍‌ତିଂ ଡ୍ରିକ୍‌ଚି ତିନି ଦିନ୍‌ ପାଚେ ହେଦେଲିଂ ଆରେ ରଚ୍‌ଚେଂ ଆଡ୍‌ନାଂ ।”
62 तब महापुरोहित खड़े हुए तथा मसीह येशु से पूछा, “क्या तुम्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है? ये सब तुम्हारे विरुद्ध क्या-क्या गवाही दे रहे हैं!”
ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌, “ଏନ୍‌ ଇନାକାପା ଉତର୍‌ ହିଉୟା? ନି ବିରୁଦ୍‌ତ ଇୱାର୍‌ ଇ ସାକି ହିନାରା, ଇଦାଂ ଇନାକା?”
63 येशु मौन ही रहे. तब महापुरोहित ने येशु से कहा, “मैं तुम्हें जीवित परमेश्वर की शपथ देता हूं कि तुम हमें बताओ, क्या तुम ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हो?”
ମାତର୍‌ ଜିସୁ ପ୍ଡକ୍ ମାଚାନ୍‌ । ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଜିବୁନିଂ ଇସ୍ୱର୍‌ ତର୍‌ଦ ଆନ୍‌ ଜିସୁ ପାର୍ମାଣ୍‌ ହିଜ଼ି ୱେନ୍‍ବାଦ୍‍ନାଙ୍ଗା, ହାତ୍‌ପା ଇନା, ଏନ୍‌ ଇନାକା ଇସ୍ୱର୍ତି ମାଜ଼ି କ୍ରିସ୍ଟ ଇଚିସ୍‌ ମସିୟା?”
64 येशु ने उसे उत्तर दिया, “आपने यह स्वयं कह दिया है, फिर भी, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि इसके बाद आप मनुष्य के पुत्र को सर्वशक्तिमान की दायीं ओर बैठे तथा आकाश के बादलों पर आता हुआ देखेंगे.”
ଜିସୁ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଏନ୍‌ ଇଚାୟ୍‍ନା । ମାତର୍‌ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗ୍‌ ୱିଜ଼ାରିଂ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ବେଗି ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ସାର୍ଗେ ସାକ୍ତିକାଟାକାନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ବୁଜ୍‌ଣି ବାଗାଙ୍ଗ୍‌ କୁଚ୍‌ଚେଂ ହାନାନା, ଆରେ ତାଙ୍ଗ୍‌ ସାର୍ଗେତ ବାଦାଡ଼୍‍ ଲାହାଂ ଜୁଜ଼ି ୱାନାକା ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ହୁଡ଼୍‌ନାଦେର୍‌ ।”
65 यह सुनना था कि महापुरोहित ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और कहा, “परमेश्वर-निंदा की है इसने! क्या अब भी गवाहों की ज़रूरत है? आप सभी ने स्वयं यह परमेश्वर-निंदा सुनी है.
ହେବେଣ୍ଡାଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ଜାର୍‌ ହେନ୍ଦ୍ରା କେଚ୍‌ଚି ଇଚାନ୍‌, “ଇୱାନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ନିନ୍ଦା କିତାନ୍‌, ସାକିତ ମାଦାଂ ଆରେ ଇନାକା ଲଡ଼ା? ହୁଡ଼ାଟ୍‌ ଦାପ୍ରେ ଇୱାନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ନିନ୍ଦା ତ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚାଦେର୍ ।
66 अब क्या विचार है आपका?” सभी परिषद ने उत्तर दिया, “यह मृत्यु दंड के योग्य है.”
ଇ ବିସ୍ରେ ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌ ଇନାକା?” ହେୱାର୍‌ ଉତର୍‌ ହିତାର୍‌, “ହେୱାନ୍‌ ପାରାଣ୍‌ ଡାଣ୍ଡ୍‌ ପାୟାନି ବିଦି ।”
67 तब उन्होंने येशु के मुख पर थूका, उन पर घूंसों से प्रहार किया, कुछ ने उन्हें थप्पड़ भी मारे और फिर उनसे प्रश्न किया,
ତା ପାଚେ ହେୱାର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ଏୱିଡ଼ିଂ ଚୁବ୍‍ଜି ତାଙ୍ଗ୍‌ ମୁଟ୍‌କାକୁନ୍‌ତାର୍‌ । କେତେକ୍‌ ଜାଣ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଚାପ୍‌ଡ଼ା ଇଡ଼୍‌ଜି ଇଚାର୍‌,
68 “मसीह! भविष्यवाणी कीजिए, कि आपको किसने मारा है?”
“ଏ କ୍ରିସ୍ଟ ଇଚିସ୍‌ ମସିୟା! ଏନ୍‌ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିୟା । ଇନେର୍‌ ନିଂ ଇଡ଼୍‌ଦାତାର୍‌, ୱେଚ୍‌ଚା ତ!”
69 पेतरॉस आंगन में बैठे हुए थे. एक दासी वहां से निकली और पेतरॉस से पूछने लगी, “तुम भी तो उस गलीलवासी येशु के साथ थे न?”
ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ବାର୍ତ ଅହ୍‌ଣାତ ପିତର୍‌ ହାକ୍‌ଡ଼ିତ କୁଚ୍‌ଚି ମାନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ରଞ୍ଜେଲ୍‌ ଆଡ଼ିଏଣି ଲାଗେ ୱାଜ଼ି ଇଚାତ୍‌, “ଏନ୍‌ ପା ଗାଲିଲିୟ ଜିସୁ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମାଚାୟ୍‌ ।”
70 किंतु पेतरॉस ने सबके सामने यह कहते हुए इस सच को नकार दिया: “क्या कह रही हो? मैं समझा नहीं!”
ମାତର୍‌ ପିତର୍‌ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ଇ କାତା ମୁନାକିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଏନ୍‌ ଇନାକା ଇନାୟା, ଆନ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌ ।”
71 जब पेतरॉस द्वार से बाहर निकले, एक दूसरी दासी ने पेतरॉस को देख वहां उपस्थित लोगों से कहा, “यह व्यक्ति नाज़रेथ के येशु के साथ था.”
ଇଦାଂ ଇଞ୍ଜି ହେୱାନ୍‌ ହେ ଅହ୍‍ଣାନି ଦୁୱେର୍‌ କଚଣ୍‌ତ ହାଚାନ୍‌ । ଆରେ ରଞ୍ଜେଲ୍‌ ଚାକର୍‌ଣି ତାଙ୍ଗ୍‌ ହୁଡ଼୍‌ଜି ହେବେ ମାନି ଲକାଂ ଇଚାତ୍‌, “ଇୱାନ୍‌ ନାଜରିତିୟ ଜିସୁ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମାଚାନ୍‌ ।”
72 एक बार फिर पेतरॉस ने शपथ खाकर नकारते हुए कहा, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता.”
ପିତର୍‌ ଆରେ ରଗ ମୁନାକିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ପାର୍ମାଣ୍‌ କିଜ଼ି ଇନାଙ୍ଗା, ହେୱାନିଂ ଆନ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌ ।”
73 कुछ समय बाद एक व्यक्ति ने पेतरॉस के पास आकर कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि तुम भी उनमें से एक हो. तुम्हारी भाषा-शैली से यह स्पष्ट हो रहा है.”
ଅଲପ୍‍ ସମୁ ପାଚେ ଲାଗେ ନିଲ୍‌ଚି ମାନି ମାନାୟାର୍‌ ପିତର୍‌ତି ଲାଗାଂ ୱାଜ଼ି ହେୱାନିଂ ଇଚାର୍‌, “ଏନ୍‌ ପା ହାତ୍‌ପା ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାୟ୍‌ । ଇନେକିଦେଂକି ନି କାତାତାଂ ତ ପୁନ୍ୟାନାତା ।”
74 पेतरॉस अपशब्द कहते हुए शपथ खाकर कहने लगे, “मैं उस व्यक्ति को नहीं जानता!” उनका यह कहना था कि मुर्ग ने बांग दी.
ପିତର୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ପାର୍ମାଣ୍‌ କିଜ଼ି ଇନାଙ୍ଗା, ନା କାତା ହାତ୍‌ପା । ଆୱିତିସ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଡାଣ୍ଡ୍‌ ହିଦେନ୍ । ହେ ମାନାୟ୍‌ତିଂ ଆନ୍‌ ପୁନୁଙ୍ଗ୍‌ । ଦାପ୍ରେ କୁଜ଼ୁ କ୍ଡେତାତ୍‌ ।”
75 पेतरॉस को येशु की वह कही हुई बात याद आई, “इसके पूर्व कि मुर्ग बांग दे तुम मुझे तीन बार नकार चुके होगे.” पेतरॉस बाहर गए और फूट-फूटकर रोने लगे.
ଆରେ ଜିସୁ ଇନାକା ଇଞ୍ଜି ମାଚାନ୍‌, ପିତର୍‌ ମାନ୍ତ ଏତୁୱାତାତ୍‌; “କୁଜ଼ୁ କେନି ଆଗେ ନାଙ୍ଗ୍‌ ପୁନ୍‍ୱାତାଂନା ଇଞ୍ଜି ଏନ୍‌ ତିନି ହଟ୍‌ କାତା ଇଞ୍ଜ୍‍ନାୟ୍ ।” ହେୱାନ୍‌ ବାର୍ତ ହାଲ୍‌ଜି ବିପ୍ତି ଆଜ଼ି ଆଡ଼୍‌ବାତାନ୍‌ ।

< मत्ती 26 >