< मत्ती 24 >
1 येशु मंदिर से निकलकर जा रहे थे कि शिष्यों ने उनका ध्यान मंदिर परिसर की ओर आकर्षित किया.
ཨནནྟརཾ ཡཱིཤུ ཪྻདཱ མནྡིརཱད྄ བཧི རྒཙྪཏི, ཏདཱནཱིཾ ཤིཥྱཱསྟཾ མནྡིརནིརྨྨཱཎཾ དརྴཡིཏུམཱགཏཱཿ།
2 येशु ने उनसे कहा, “तुम यह मंदिर परिसर देख रहे हो? सच तो यह है कि एक दिन इन भवनों का एक भी पत्थर दूसरे पर रखा न दिखेगा—हर एक पत्थर ज़मीन पर बिखरा होगा.”
ཏཏོ ཡཱིཤུསྟཱནུཝཱཙ, ཡཱུཡཾ ཀིམེཏཱནི ན པཤྱཐ? ཡུཥྨཱནཧཾ སཏྱཾ ཝདཱམི, ཨེཏནྣིཙཡནསྱ པཱཥཱཎཻཀམཔྱནྱཔཱཥཱཎེཔརི ན སྠཱསྱཏི སཪྻྭཱཎི བྷཱུམིསཱཏ྄ ཀཱརིཥྱནྟེ།
3 येशु ज़ैतून पर्वत पर बैठे हुए थे. इस एकांत में उनके शिष्य उनके पास आए और उनसे यह प्रश्न किया, “गुरुवर, हमें यह बताइए कि ये घटनाएं कब घटित होंगी, आपके आने तथा जगत के अंत का चिह्न क्या होगा?” (aiōn )
ཨནནྟརཾ ཏསྨིན྄ ཛཻཏུནཔཪྻྭཏོཔརི སམུཔཝིཥྚེ ཤིཥྱཱསྟསྱ སམཱིཔམཱགཏྱ གུཔྟཾ པཔྲཙྪུཿ, ཨེཏཱ གྷཊནཱཿ ཀདཱ བྷཝིཥྱནྟི? བྷཝཏ ཨཱགམནསྱ ཡུགཱནྟསྱ ཙ ཀིཾ ལཀྵྨ? ཏདསྨཱན྄ ཝདཏུ། (aiōn )
4 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस विषय में सावधान रहना कि कोई तुम्हें भरमाने न पाए
ཏདཱནཱིཾ ཡཱིཤུསྟཱནཝོཙཏ྄, ཨཝདྷདྭྭཾ, ཀོཔི ཡུཥྨཱན྄ ན བྷྲམཡེཏ྄།
5 क्योंकि मेरे नाम में अनेक यह दावा करते आएंगे, ‘मैं ही मसीह हूं’ और इसके द्वारा अनेकों को भरमा देंगे.
བཧཝོ མམ ནཱམ གྲྀཧླནྟ ཨཱགམིཥྱནྟི, ཁྲཱིཥྚོ྅ཧམེཝེཏི ཝཱཙཾ ཝདནྟོ བཧཱུན྄ བྷྲམཡིཥྱནྟི།
6 तुम युद्धों के विषय में तो सुनोगे ही साथ ही उनके विषय में उड़ते-उड़ते समाचार भी. ध्यान रहे कि तुम इससे घबरा न जाओ क्योंकि इनका होना अवश्य है—किंतु इसे ही अंत न समझ लेना.
ཡཱུཡཉྩ སཾགྲཱམསྱ རཎསྱ ཙཱཌམྦརཾ ཤྲོཥྱཐ, ཨཝདྷདྭྭཾ ཏེན ཙཉྩལཱ མཱ བྷཝཏ, ཨེཏཱནྱཝཤྱཾ གྷཊིཥྱནྟེ, ཀིནྟུ ཏདཱ ཡུགཱནྟོ ནཧི།
7 राष्ट्र-राष्ट्र के तथा, राज्य-राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा. हर जगह अकाल पड़ेंगे तथा भूकंप आएंगे,
ཨཔརཾ དེཤསྱ ཝིཔཀྵོ དེཤོ རཱཛྱསྱ ཝིཔཀྵོ རཱཛྱཾ བྷཝིཥྱཏི, སྠཱནེ སྠཱནེ ཙ དུརྦྷིཀྵཾ མཧཱམཱརཱི བྷཱུཀམྤཤྩ བྷཝིཥྱནྟི,
8 किंतु ये सब घटनाएं प्रसववेदना का प्रारंभ मात्र होंगी.
ཨེཏཱནི དུཿཁོཔཀྲམཱཿ།
9 “तब वे तुम्हें क्लेश देने के लिए पकड़वाएंगे और तुम्हारी हत्या कर देंगे क्योंकि मेरे कारण तुम सभी देशों की घृणा के पात्र बन जाओगे.
ཏདཱནཱིཾ ལོཀཱ དུཿཁཾ བྷོཛཡིཏུཾ ཡུཥྨཱན྄ པརཀརེཥུ སམརྤཡིཥྱནྟི ཧནིཥྱནྟི ཙ, ཏཐཱ མམ ནཱམཀཱརཎཱད྄ ཡཱུཡཾ སཪྻྭདེཤཱིཡམནུཛཱནཱཾ སམཱིཔེ གྷྲྀཎཱརྷཱ བྷཝིཥྱཐ།
10 इसी समय अनेक विश्वास से हट जाएंगे तथा त्याग देंगे, वे एक दूसरे से विश्वासघात करेंगे, वे एक दूसरे से घृणा करने लगेंगे.
བཧུཥུ ཝིགྷྣཾ པྲཱཔྟཝཏྶུ པརསྤརམ྄ ཨྲྀཏཱིཡཱཾ ཀྲྀཏཝཏྶུ ཙ ཨེཀོ྅པརཾ པརཀརེཥུ སམརྤཡིཥྱཏི།
11 अनेक झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे. वे अनेकों को भरमा देंगे.
ཏཐཱ བཧཝོ མྲྀཥཱབྷཝིཥྱདྭཱདིན ཨུཔསྠཱཡ བཧཱུན྄ བྷྲམཡིཥྱནྟི།
12 अधर्म के बढ़ने के कारण अधिकांश का प्रेम ठंडा पड़ता जाएगा;
དུཥྐརྨྨཎཱཾ བཱཧུལྱཱཉྩ བཧཱུནཱཾ པྲེམ ཤཱིཏལཾ བྷཝིཥྱཏི།
13 किंतु उद्धार उसी का होगा, जो अंतिम क्षण तक विश्वास में स्थिर रहेगा.
ཀིནྟུ ཡཿ ཀཤྩིཏ྄ ཤེཥཾ ཡཱཝད྄ དྷཻཪྻྱམཱཤྲཡཏེ, སཨེཝ པརིཏྲཱཡིཥྱཏེ།
14 पूरे जगत में सारे राष्ट्रों के लिए प्रमाण के तौर पर राज्य के विषय में सुसमाचार का प्रचार किया जाएगा और तब जगत का अंत हो जाएगा.
ཨཔརཾ སཪྻྭདེཤཱིཡལོཀཱན྄ པྲཏིམཱཀྵཱི བྷཝིཏུཾ རཱཛསྱ ཤུབྷསམཱཙཱརཿ སཪྻྭཛགཏི པྲཙཱརིཥྱཏེ, ཨེཏཱདྲྀཤི སཏི ཡུགཱནྟ ཨུཔསྠཱསྱཏི།
15 “इसलिये जब तुम उस विनाशकारी घृणित वस्तु को, जिसकी चर्चा भविष्यवक्ता दानिएल ने की थी, पवित्र स्थान में खड़ा देखो—पाठक ध्यान दे—
ཨཏོ ཡཏ྄ སཪྻྭནཱཤཀྲྀདྒྷྲྀཎཱརྷཾ ཝསྟུ དཱནིཡེལྦྷཝིཥྱདྭདིནཱ པྲོཀྟཾ ཏད྄ ཡདཱ པུཎྱསྠཱནེ སྠཱཔིཏཾ དྲཀྵྱཐ, (ཡཿ པཋཏི, ས བུདྷྱཏཱཾ)
16 तो वे, जो यहूदिया प्रदेश में हों पर्वतों पर भागकर जाएं,
ཏདཱནཱིཾ ཡེ ཡིཧཱུདཱིཡདེཤེ ཏིཥྛནྟི, ཏེ པཪྻྭཏེཥུ པལཱཡནྟཱཾ།
17 वह, जो घर की छत पर हो, घर में से सामान लेने नीचे न आए.
ཡཿ ཀཤྩིད྄ གྲྀཧཔྲྀཥྛེ ཏིཥྛཏི, ས གྲྀཧཱཏ྄ ཀིམཔི ཝསྟྭཱནེཏུམ྄ ཨདྷེ ནཱཝརོཧེཏ྄།
18 वह, जो खेत में हो, अपना कपड़ा लेने पीछे न लौटे.
ཡཤྩ ཀྵེཏྲེ ཏིཥྛཏི, སོཔི ཝསྟྲམཱནེཏུཾ པརཱཝྲྀཏྱ ན ཡཱཡཱཏ྄།
19 दयनीय होगी गर्भवती और शिशुओं को दूध पिलाती स्त्रियों की स्थिति!
ཏདཱནཱིཾ གརྦྷིཎཱིསྟནྱཔཱཡཡིཏྲཱིཎཱཾ དུརྒཏི རྦྷཝིཥྱཏི།
20 प्रार्थनारत रहो, ऐसा न हो कि तुम्हें जाड़े या शब्बाथ पर भागना पड़े
ཨཏོ ཡཥྨཱཀཾ པལཱཡནཾ ཤཱིཏཀཱལེ ཝིཤྲཱམཝཱརེ ཝཱ ཡནྣ བྷཝེཏ྄, ཏདརྠཾ པྲཱརྠཡདྷྭམ྄།
21 क्योंकि वह महाक्लेश का समय होगा—ऐसा, जो न तो सृष्टि के प्रारंभ से आज तक देखा गया, न ही इसके बाद दोबारा देखा जाएगा.
ཨཱ ཛགདཱརམྦྷཱད྄ ཨེཏཏྐཱལཔཪྻྱནནྟཾ ཡཱདྲྀཤཿ ཀདཱཔི ནཱབྷཝཏ྄ ན ཙ བྷཝིཥྱཏི ཏཱདྲྀཤོ མཧཱཀླེཤསྟདཱནཱིམ྄ ཨུཔསྠཱསྱཏི།
22 “यदि यह आनेवाले दिन घटाए न जाते, कोई भी जीवित न रहता. कुछ चुने हुए विशेष लोगों के लिए यह अवधि घटा दी जाएगी.
ཏསྱ ཀླེཤསྱ སམཡོ ཡདི ཧྶྭོ ན ཀྲིཡེཏ, ཏརྷི ཀསྱཱཔི པྲཱཎིནོ རཀྵཎཾ བྷཝིཏུཾ ན ཤཀྣུཡཱཏ྄, ཀིནྟུ མནོནཱིཏམནུཛཱནཱཾ ཀྲྀཏེ ས ཀཱལོ ཧྶྭཱིཀརིཥྱཏེ།
23 उस समय यदि कोई आकर तुम्हें सूचित करे, ‘सुनो-सुनो, मसीह यहां हैं!’ या, ‘वह वहां हैं!’ तो विश्वास न करना.
ཨཔརཉྩ པཤྱཏ, ཁྲཱིཥྚོ྅ཏྲ ཝིདྱཏེ, ཝཱ ཏཏྲ ཝིདྱཏེ, ཏདཱནཱིཾ ཡདཱི ཀཤྩིད྄ ཡུཥྨཱན ཨིཏི ཝཱཀྱཾ ཝདཏི, ཏཐཱཔི ཏཏ྄ ན པྲཏཱིཏ྄།
24 क्योंकि अनेक झूठे मसीह तथा अनेक झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे. वे प्रभावशाली चमत्कार चिह्न दिखाएंगे तथा अद्भुत काम करेंगे कि यदि संभव हुआ तो परमेश्वर द्वारा चुने हुओं को भी भटका दें.
ཡཏོ བྷཱཀྟཁྲཱིཥྚཱ བྷཱཀྟབྷཝིཥྱདྭཱདིནཤྩ ཨུཔསྠཱཡ ཡཱནི མཧནྟི ལཀྵྨཱཎི ཙིཏྲཀརྨྨཱཎི ཙ པྲཀཱཤཡིཥྱནྟི, ཏཻ ཪྻདི སམྦྷཝེཏ྄ ཏརྷི མནོནཱིཏམཱནཝཱ ཨཔི བྷྲཱམིཥྱནྟེ།
25 ध्यान दो कि मैंने पहले ही तुम्हें इसकी चेतावनी दे दी है.
པཤྱཏ, གྷཊནཱཏཿ པཱུཪྻྭཾ ཡུཥྨཱན྄ ཝཱརྟྟཱམ྄ ཨཝཱདིཥམ྄།
26 “कि यदि वे तुम्हारे पास आकर यह कहें, ‘देखो, देखो; वह बंजर भूमि में हैं,’ तो उसे देखने चले न जाना; या यदि वे यह कहें, ‘आओ, देखो, वह कोठरी में हैं,’ तो उनका विश्वास न करना.”
ཨཏཿ པཤྱཏ, ས པྲཱནྟརེ ཝིདྱཏ ཨིཏི ཝཱཀྱེ ཀེནཙིཏ྄ ཀཐིཏེཔི བཧི རྨཱ གཙྪཏ, ཝཱ པཤྱཏ, སོནྟཿཔུརེ ཝིདྱཏེ, ཨེཏདྭཱཀྱ ཨུཀྟེཔི མཱ པྲཏཱིཏ།
27 जैसे बिजली पूर्व दिशा से चमकती हुई पश्चिम दिशा तक चली जाती है, ठीक ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन.
ཡཏོ ཡཐཱ ཝིདྱུཏ྄ པཱུཪྻྭདིཤོ ནིརྒཏྱ པཤྩིམདིཤཾ ཡཱཝཏ྄ པྲཀཱཤཏེ, ཏཐཱ མཱནུཥཔུཏྲསྱཱཔྱཱགམནཾ བྷཝིཥྱཏི།
28 गिद्ध वहीं इकट्ठा होते हैं, जहां शव होता है.
ཡཏྲ ཤཝསྟིཥྛཏི, ཏཏྲེཝ གྲྀདྷྲཱ མིལནྟི།
29 “उन दिनों के क्लेश के तुरंत बाद “‘सूर्य अंधियारा हो जाएगा और चंद्रमा का प्रकाश न रहेगा. आकाश से तारे गिर जाएंगे. आकाश की शक्तियां हिलायी जाएंगी.’
ཨཔརཾ ཏསྱ ཀླེཤསམཡསྱཱཝྱཝཧིཏཔརཏྲ སཱུཪྻྱསྱ ཏེཛོ ལོཔྶྱཏེ, ཙནྡྲམཱ ཛྱོསྣཱཾ ན ཀརིཥྱཏི, ནབྷསོ ནཀྵཏྲཱཎི པཏིཥྱནྟི, གགཎཱིཡཱ གྲཧཱཤྩ ཝིཙལིཥྱནྟི།
30 “तब आकाश में मनुष्य के पुत्र का चिह्न प्रकट होगा. पृथ्वी के सभी गोत्र शोक से भर जाएंगे और वे मनुष्य के पुत्र को आकाश में बादलों पर सामर्थ्य और प्रताप के साथ आता हुआ देखेंगे.
ཏདཱནཱིམ྄ ཨཱཀཱཤམདྷྱེ མནུཛསུཏསྱ ལཀྵྨ དརྴིཥྱཏེ, ཏཏོ ནིཛཔརཱཀྲམེཎ མཧཱཏེཛསཱ ཙ མེགྷཱརཱུཌྷཾ མནུཛསུཏཾ ནབྷསཱགཙྪནྟཾ ཝིལོཀྱ པྲྀཐིཝྱཱཿ སཪྻྭཝཾཤཱིཡཱ ཝིལཔིཥྱནྟི།
31 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को तुरही के ऊंचे शब्द के साथ भेजेगा, जो चारों दिशाओं से, आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक जाकर उनके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे.
ཏདཱནཱིཾ ས མཧཱཤབྡཱཡམཱནཏཱུཪྻྱཱ ཝཱདཀཱན྄ ནིཛདཱུཏཱན྄ པྲཧེཥྱཏི, ཏེ ཝྱོམྣ ཨེཀསཱིམཱཏོ྅པརསཱིམཱཾ ཡཱཝཏ྄ ཙཏུརྡིཤསྟསྱ མནོནཱིཏཛནཱན྄ ཨཱནཱིཡ མེལཡིཥྱནྟི།
32 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो: जब उसमें कोंपलें फूटने लगती हैं, पत्तियां निकलने लगती हैं तो तुम जान लेते हो कि गर्मी का समय पास है.
ཨུཌུམྦརཔཱདཔསྱ དྲྀཥྚཱནྟཾ ཤིཀྵདྷྭཾ; ཡདཱ ཏསྱ ནཝཱིནཱཿ ཤཱཁཱ ཛཱཡནྟེ, པལླཝཱདིཤྩ ནིརྒཙྪཏི, ཏདཱ ནིདཱགྷཀཱལཿ སཝིདྷོ བྷཝཏཱིཏི ཡཱུཡཾ ཛཱནཱིཐ;
33 इसी प्रकार तुम जब भी इन सभी घटनाओं को होते देखो तो समझ लेना कि वह पास हैं—परंतु द्वार पर ही हैं.
ཏདྭད྄ ཨེཏཱ གྷཊནཱ དྲྀཥྚྭཱ ས སམཡོ དྭཱར ཨུཔཱསྠཱད྄ ཨིཏི ཛཱནཱིཏ།
34 सच्चाई तो यह है कि इन घटनाओं के हुए बिना इस युग का अंत नहीं होगा.
ཡུཥྨཱནཧཾ ཏཐྱཾ ཝདཱམི, ཨིདཱནཱིནྟནཛནཱནཱཾ གམནཱཏ྄ པཱུཪྻྭམེཝ ཏཱནི སཪྻྭཱཎི གྷཊིཥྱནྟེ།
35 आकाश तथा पृथ्वी खत्म हो जाएंगे किंतु मेरे कहे हुए शब्द कभी नहीं.
ནབྷོམེདིནྱོ རླུཔྟཡོརཔི མམ ཝཱཀ྄ ཀདཱཔི ན ལོཔྶྱཏེ།
36 “वैसे उस दिन तथा उस समय के विषय में किसी को भी मालूम नहीं है—न स्वर्ग के दूतों को और न ही पुत्र को—परंतु मात्र पिता को ही यह मालूम है.
ཨཔརཾ མམ ཏཱཏཾ ཝིནཱ མཱནུཥཿ སྭརྒསྠོ དཱུཏོ ཝཱ ཀོཔི ཏདྡིནཾ ཏདྡཎྜཉྩ ན ཛྙཱཔཡཏི།
37 “ठीक नोहा के दिनों जैसा होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन:
ཨཔརཾ ནོཧེ ཝིདྱམཱནེ ཡཱདྲྀཤམབྷཝཏ྄ ཏཱདྲྀཤཾ མནུཛསུཏསྱཱགམནཀཱལེཔི བྷཝིཥྱཏི།
38 जल-बाढ़ के पहले उन दिनों में लोग तब तक खाते-पीते रहे और उनमें विवाह होते रहे जब तक नोहा ने जहाज़ में प्रवेश न किया.
ཕལཏོ ཛལཱཔླཱཝནཱཏ྄ པཱུཪྻྭཾ ཡདྡིནཾ ཡཱཝཏ྄ ནོཧཿ པོཏཾ ནཱརོཧཏ྄, ཏཱཝཏྐཱལཾ ཡཐཱ མནུཥྱཱ བྷོཛནེ པཱནེ ཝིཝཧནེ ཝིཝཱཧནེ ཙ པྲཝྲྀཏྟཱ ཨཱསན྄;
39 लोग तब तक कुछ न समझे जब तक बाढ़ ने आकर उन्हें डुबो न दिया. ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन.
ཨཔརམ྄ ཨཱཔླཱཝིཏོཡམཱགཏྱ ཡཱཝཏ྄ སཀལམནུཛཱན྄ པླཱཝཡིཏྭཱ ནཱནཡཏ྄, ཏཱཝཏ྄ ཏེ ཡཐཱ ན ཝིདཱམཱསུཿ, ཏཐཱ མནུཛསུཏཱགམནེཔི བྷཝིཥྱཏི།
40 उस समय दो व्यक्ति खेत में कार्य कर रहे होंगे; एक उठा लिया जाएगा, दूसरा रह जाएगा.
ཏདཱ ཀྵེཏྲསྠིཏཡོརྡྭཡོརེཀོ དྷཱརིཥྱཏེ, ཨཔརསྟྱཱཛིཥྱཏེ།
41 दो स्त्रियां चक्की पर अनाज पीस रही होंगी; एक उठा ली जाएगी, दूसरी रह जाएगी.
ཏཐཱ པེཥཎྱཱ པིཾཥཏྱོརུབྷཡོ ཪྻོཥིཏོརེཀཱ དྷཱརིཥྱཏེ྅པརཱ ཏྱཱཛིཥྱཏེ།
42 “इसलिये हमेशा सावधान रहो क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारे प्रभु का आगमन किस दिन होगा.
ཡུཥྨཱཀཾ པྲབྷུཿ ཀསྨིན྄ དཎྜ ཨཱགམིཥྱཏི, ཏད྄ ཡུཥྨཱབྷི རྣཱཝགམྱཏེ, ཏསྨཱཏ྄ ཛཱགྲཏཿ སནྟསྟིཥྛཏ།
43 याद रखो कि यदि घर के स्वामी को यह पता हो कि चोर रात में किस समय आएगा तो वह सावधान हो जाएगा तथा घर में सेंध लगने न देगा.
ཀུཏྲ ཡཱམེ སྟེན ཨཱགམིཥྱཏཱིཏི ཙེད྄ གྲྀཧསྠོ ཛྙཱཏུམ྄ ཨཤཀྵྱཏ྄, ཏརྷི ཛཱགརིཏྭཱ ཏཾ སནྡྷིཾ ཀརྟྟིཏུམ྄ ཨཝཱརཡིཥྱཏ྄ ཏད྄ ཛཱནཱིཏ།
44 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.
ཡུཥྨཱབྷིརཝདྷཱིཡཏཱཾ, ཡཏོ ཡུཥྨཱབྷི ཪྻཏྲ ན བུདྷྱཏེ, ཏཏྲཻཝ དཎྜེ མནུཛསུཏ ཨཱཡཱསྱཏི།
45 “कौन है वह विश्वासयोग्य और समझदार सेवक, जिसे घर का मालिक अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सौंप दे कि वह समय के अनुसार सबके लिए भोजन-व्यवस्था करे?
པྲབྷུ རྣིཛཔརིཝཱརཱན྄ ཡཐཱཀཱལཾ བྷོཛཡིཏུཾ ཡཾ དཱསམ྄ ཨདྷྱཀྵཱིཀྲྀཏྱ སྠཱཔཡཏི, ཏཱདྲྀཤོ ཝིཤྭཱསྱོ དྷཱིམཱན྄ དཱསཿ ཀཿ?
46 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए.
པྲབྷུརཱགཏྱ ཡཾ དཱསཾ ཏཐཱཙརནྟཾ ཝཱིཀྵཏེ, སཨེཝ དྷནྱཿ།
47 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी संपत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा.
ཡུཥྨཱནཧཾ སཏྱཾ ཝདཱམི, ས ཏཾ ནིཛསཪྻྭསྭསྱཱདྷིཔཾ ཀརིཥྱཏི།
48 किंतु यदि वह सेवक बुरा हो और अपने मन में यह विचार करने लगे: ‘स्वामी के लौटने में तो बड़ी देरी हो रही है’
ཀིནྟུ པྲབྷུརཱགནྟུཾ ཝིལམྦཏ ཨིཏི མནསི ཙིནྟཡིཏྭཱ ཡོ དུཥྚོ དཱསོ
49 और वह सहसेवकों के साथ मार-पीट आरंभ कर दे, पियक्कड़ों की संगति में जाकर खाए-पिए और
྅པརདཱསཱན྄ པྲཧརྟྟུཾ མཏྟཱནཱཾ སངྒེ བྷོཀྟུཾ པཱཏུཉྩ པྲཝརྟྟཏེ,
50 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था,
ས དཱསོ ཡདཱ ནཱཔེཀྵཏེ, ཡཉྩ དཎྜཾ ན ཛཱནཱཏི, ཏཏྐཱལཨེཝ ཏཏྤྲབྷུརུཔསྠཱསྱཏི།
51 तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसकी गिनती कपट करनेवालों में कर देगा जहां हमेशा रोना तथा दांत पीसना होता रहेगा.
ཏདཱ ཏཾ དཎྜཡིཏྭཱ ཡཏྲ སྠཱནེ རོདནཾ དནྟགྷརྵཎཉྩཱསཱཏེ, ཏཏྲ ཀཔཊིབྷིཿ སཱཀཾ ཏདྡཤཱཾ ནིརཱུཔཡིཥྱཏི།