< मत्ती 24 >

1 येशु मंदिर से निकलकर जा रहे थे कि शिष्यों ने उनका ध्यान मंदिर परिसर की ओर आकर्षित किया.
And Jesus passed out of the temple to go away: and his disciples came to him, showing him the structure of the temple.
2 येशु ने उनसे कहा, “तुम यह मंदिर परिसर देख रहे हो? सच तो यह है कि एक दिन इन भवनों का एक भी पत्थर दूसरे पर रखा न दिखेगा—हर एक पत्थर ज़मीन पर बिखरा होगा.”
And he said to them: See ye not all these? Verily I say to you, There will not be left here a stone upon a stone, that is not demolished.
3 येशु ज़ैतून पर्वत पर बैठे हुए थे. इस एकांत में उनके शिष्य उनके पास आए और उनसे यह प्रश्न किया, “गुरुवर, हमें यह बताइए कि ये घटनाएं कब घटित होंगी, आपके आने तथा जगत के अंत का चिह्न क्या होगा?” (aiōn g165)
And as Jesus sat on the mount of Olives, his disciples came, and said between themselves and him: Tell us when these things are to be; and what will be the sign of thy coming, and of the consummation of the world. (aiōn g165)
4 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस विषय में सावधान रहना कि कोई तुम्हें भरमाने न पाए
Jesus answered and said to them: Take heed, that no one deceive you.
5 क्योंकि मेरे नाम में अनेक यह दावा करते आएंगे, ‘मैं ही मसीह हूं’ और इसके द्वारा अनेकों को भरमा देंगे.
For many will come in my name, and will say, I am the Messiah: and they will deceive many.
6 तुम युद्धों के विषय में तो सुनोगे ही साथ ही उनके विषय में उड़ते-उड़ते समाचार भी. ध्यान रहे कि तुम इससे घबरा न जाओ क्योंकि इनका होना अवश्य है—किंतु इसे ही अंत न समझ लेना.
And ye are to hear of conflicts, and the rumor of battles. See that ye be not disquieted: for all these things must come; but the consummation is not yet.
7 राष्ट्र-राष्ट्र के तथा, राज्य-राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा. हर जगह अकाल पड़ेंगे तथा भूकंप आएंगे,
For nation will rise against nation, and kingdom against kingdom; and there will be famines, and pestilences, and earthquakes in divers places.
8 किंतु ये सब घटनाएं प्रसववेदना का प्रारंभ मात्र होंगी.
But all these are only the commencement of sorrows.
9 “तब वे तुम्हें क्लेश देने के लिए पकड़वाएंगे और तुम्हारी हत्या कर देंगे क्योंकि मेरे कारण तुम सभी देशों की घृणा के पात्र बन जाओगे.
And they will deliver you up to tribulation, and will kill you: and ye will be hated by all nations, on account of my name.
10 इसी समय अनेक विश्वास से हट जाएंगे तथा त्याग देंगे, वे एक दूसरे से विश्वासघात करेंगे, वे एक दूसरे से घृणा करने लगेंगे.
Then many will be stumbled: and they will hate one another, and will betray one another.
11 अनेक झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे. वे अनेकों को भरमा देंगे.
And many false prophets will rise up; and they will deceive many.
12 अधर्म के बढ़ने के कारण अधिकांश का प्रेम ठंडा पड़ता जाएगा;
And on account of the abounding of iniquity, the love of many will decline.
13 किंतु उद्धार उसी का होगा, जो अंतिम क्षण तक विश्वास में स्थिर रहेगा.
But he that shall persevere to the end, will have life.
14 पूरे जगत में सारे राष्ट्रों के लिए प्रमाण के तौर पर राज्य के विषय में सुसमाचार का प्रचार किया जाएगा और तब जगत का अंत हो जाएगा.
And this announcement of the kingdom shall be published in all the world, for a testimony to all nations: and then will come the consummation.
15 “इसलिये जब तुम उस विनाशकारी घृणित वस्तु को, जिसकी चर्चा भविष्यवक्ता दानिएल ने की थी, पवित्र स्थान में खड़ा देखो—पाठक ध्यान दे—
And when ye see the abominable sign of desolation, which was spoken of by Daniel the prophet, standing in the holy place; then let the reader consider;
16 तो वे, जो यहूदिया प्रदेश में हों पर्वतों पर भागकर जाएं,
and then let them who are in Judaea, flee to the mountain:
17 वह, जो घर की छत पर हो, घर में से सामान लेने नीचे न आए.
and let him who is on the roof, not come down to take what is in his house:
18 वह, जो खेत में हो, अपना कपड़ा लेने पीछे न लौटे.
and let him who is in the field, not return back to take his clothing.
19 दयनीय होगी गर्भवती और शिशुओं को दूध पिलाती स्त्रियों की स्थिति!
But woe to those with child, and to them that are nursing, in those days.
20 प्रार्थनारत रहो, ऐसा न हो कि तुम्हें जाड़े या शब्बाथ पर भागना पड़े
And pray ye, that your flight be not in winter, or on the sabbath.
21 क्योंकि वह महाक्लेश का समय होगा—ऐसा, जो न तो सृष्टि के प्रारंभ से आज तक देखा गया, न ही इसके बाद दोबारा देखा जाएगा.
For there will then be great distress, such as hath not been from the commencement of the world, until now, and will not be.
22 “यदि यह आनेवाले दिन घटाए न जाते, कोई भी जीवित न रहता. कुछ चुने हुए विशेष लोगों के लिए यह अवधि घटा दी जाएगी.
And unless those days should be cut short, no flesh would remain alive. But, for the elect's sake, those days will be cut short.
23 उस समय यदि कोई आकर तुम्हें सूचित करे, ‘सुनो-सुनो, मसीह यहां हैं!’ या, ‘वह वहां हैं!’ तो विश्वास न करना.
Then, if any one shall say to you, Lo, the Messiah is here, or is there; give no credence.
24 क्योंकि अनेक झूठे मसीह तथा अनेक झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे. वे प्रभावशाली चमत्कार चिह्न दिखाएंगे तथा अद्भुत काम करेंगे कि यदि संभव हुआ तो परमेश्वर द्वारा चुने हुओं को भी भटका दें.
For there will arise false Messiahs, and mendacious prophets; who will exhibit great signs, so as to deceive, if possible, even the elect.
25 ध्यान दो कि मैंने पहले ही तुम्हें इसकी चेतावनी दे दी है.
Behold, I have told you beforehand.
26 “कि यदि वे तुम्हारे पास आकर यह कहें, ‘देखो, देखो; वह बंजर भूमि में हैं,’ तो उसे देखने चले न जाना; या यदि वे यह कहें, ‘आओ, देखो, वह कोठरी में हैं,’ तो उनका विश्वास न करना.”
If therefore they say to you, Behold, he is in the desert; go not out: or, Behold, he is in a secret chamber; give no credence.
27 जैसे बिजली पूर्व दिशा से चमकती हुई पश्चिम दिशा तक चली जाती है, ठीक ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन.
As the lightning cometh out of the east, and shineth unto the west, so will be the coming of the Son of man.
28 गिद्ध वहीं इकट्ठा होते हैं, जहां शव होता है.
And wherever the carcass may be, there will the eagles be congregated.
29 “उन दिनों के क्लेश के तुरंत बाद “‘सूर्य अंधियारा हो जाएगा और चंद्रमा का प्रकाश न रहेगा. आकाश से तारे गिर जाएंगे. आकाश की शक्तियां हिलायी जाएंगी.’
And immediately after the distress of those days, the sun will be darkened, and the moon will not show her light, and the stars will fall from heaven, and the powers of heaven will be agitated.
30 “तब आकाश में मनुष्य के पुत्र का चिह्न प्रकट होगा. पृथ्वी के सभी गोत्र शोक से भर जाएंगे और वे मनुष्य के पुत्र को आकाश में बादलों पर सामर्थ्य और प्रताप के साथ आता हुआ देखेंगे.
And then will be seen the signal of the Son of man in heaven: and then will all the tribes of the earth mourn, when they see the Son of man coming on the clouds of heaven, with power and great glory.
31 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को तुरही के ऊंचे शब्द के साथ भेजेगा, जो चारों दिशाओं से, आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक जाकर उनके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे.
And he will send his angels with a great trumpet and they will collect together his elect from the four winds, from one extremity of heaven to the other.
32 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो: जब उसमें कोंपलें फूटने लगती हैं, पत्तियां निकलने लगती हैं तो तुम जान लेते हो कि गर्मी का समय पास है.
And learn ye an illustration from the fig-tree. As soon as its branches become tender and its leaves shoot forth, ye know that summer is coming on.
33 इसी प्रकार तुम जब भी इन सभी घटनाओं को होते देखो तो समझ लेना कि वह पास हैं—परंतु द्वार पर ही हैं.
So also ye, when ye perceive all these things, know ye, that he is nigh, even at the door.
34 सच्चाई तो यह है कि इन घटनाओं के हुए बिना इस युग का अंत नहीं होगा.
Verily I say to you, That this generation shall not pass away, till all these things shall be.
35 आकाश तथा पृथ्वी खत्म हो जाएंगे किंतु मेरे कहे हुए शब्द कभी नहीं.
Heaven and earth will pass away; but my words shall not pass away.
36 “वैसे उस दिन तथा उस समय के विषय में किसी को भी मालूम नहीं है—न स्वर्ग के दूतों को और न ही पुत्र को—परंतु मात्र पिता को ही यह मालूम है.
But of that day and of that hour, knoweth no man, nor even the angels of heaven, but the Father only.
37 “ठीक नोहा के दिनों जैसा होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन:
And as the days of Noah, so will the coming of the Son of man be.
38 जल-बाढ़ के पहले उन दिनों में लोग तब तक खाते-पीते रहे और उनमें विवाह होते रहे जब तक नोहा ने जहाज़ में प्रवेश न किया.
For as, before the flood, they were eating and drinking, taking wives and giving to husbands, up to the day that Noah entered the ark,
39 लोग तब तक कुछ न समझे जब तक बाढ़ ने आकर उन्हें डुबो न दिया. ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन.
and knew not, until the flood came and took them all away; so will the coming of the Son of man be.
40 उस समय दो व्यक्ति खेत में कार्य कर रहे होंगे; एक उठा लिया जाएगा, दूसरा रह जाएगा.
Then will two men be in the field; the one will be taken, and the other left.
41 दो स्त्रियां चक्की पर अनाज पीस रही होंगी; एक उठा ली जाएगी, दूसरी रह जाएगी.
Two women will be grinding at the mill; the one taken, and the other left.
42 “इसलिये हमेशा सावधान रहो क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारे प्रभु का आगमन किस दिन होगा.
Watch, therefore, since ye know not at what hour your Lord cometh.
43 याद रखो कि यदि घर के स्वामी को यह पता हो कि चोर रात में किस समय आएगा तो वह सावधान हो जाएगा तथा घर में सेंध लगने न देगा.
But know this, that if the lord of the house had known in what watch the thief would come, he would have been awake, and would not have suffered his house to be broken into.
44 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.
Therefore, be ye also ready; for at an hour ye do not expect, the Son of man will come.
45 “कौन है वह विश्वासयोग्य और समझदार सेवक, जिसे घर का मालिक अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सौंप दे कि वह समय के अनुसार सबके लिए भोजन-व्यवस्था करे?
Who then, is that faithful and wise servant, whom his lord hath placed over his domestics, to give them their food in its time?
46 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए.
Happy is that servant, whom, when his lord shall come, he will find so doing.
47 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी संपत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा.
Verily I say to you, He will place him over all that he hath.
48 किंतु यदि वह सेवक बुरा हो और अपने मन में यह विचार करने लगे: ‘स्वामी के लौटने में तो बड़ी देरी हो रही है’
But if that servant, being wicked, shall say in his heart, My lord delayeth his coming;
49 और वह सहसेवकों के साथ मार-पीट आरंभ कर दे, पियक्कड़ों की संगति में जाकर खाए-पिए और
and shall begin to beat his fellow-servants, and shall be eating and drinking with drunkards;
50 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था,
the lord of that servant will come in a day he will not expect, and in an hour he knoweth not,
51 तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसकी गिनती कपट करनेवालों में कर देगा जहां हमेशा रोना तथा दांत पीसना होता रहेगा.
and will cut him asunder, and will assign him his portion with the hypocrites; there will be weeping and gnashing of teeth.

< मत्ती 24 >