< मत्ती 21 >

1 जब वे येरूशलेम नगर के पास पहुंचे और ज़ैतून पर्वत पर बैथफ़गे नामक स्थान पर आए, येशु ने दो चेलों को इस आज्ञा के साथ आगे भेजा,
ହେ ପାଦ୍‌ନା ଜିସୁ ଆରି ଚେଲାର୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ କଚଣ୍‌ ବେତ୍‌ପାଗି ନାସ୍‌ତାଂ ଏକାତାର୍‌ ହେ ପାଦ୍‌ନା ରିୟାର୍‌ ଚେଲାର୍‌ ଜିତ୍‌ମାଡ଼ି ଏକାତାର୍‌ ।
2 “सामने गांव में जाओ. वहां पहुंचते ही तुम्हें एक गधी बंधी हुई दिखाई देगी. उसके साथ उसका बच्चा भी होगा. उन्हें खोलकर मेरे पास ले आओ.
ମି “ଲାଗେ ହେ ନାସ୍ତ ହାଲାଟ୍‌, ଆରେ ହାନିଲାଡ଼େ ଗାଚ୍ୟା ଆଜ଼ି ମାନି ର ଗଦ ହିମ୍‌ଣା ଆରି ତା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ର ହିମ୍‍ଣା ହୁଡ଼୍‌ନାଦେର୍‌; ହେୱେକିୟାଙ୍ଗ୍ ରିକ୍‌ଚି ନା କଚଣ୍‌ ତାହିୱାଡୁ ।”
3 यदि कोई तुमसे इस विषय में प्रश्न करे तो तुम उसे यह उत्तर देना, ‘प्रभु को इनकी ज़रूरत है.’ वह व्यक्ति तुम्हें आज्ञा दे देगा.”
ଆରେ, ଇନାୱାଡ଼ାଂ ଇନେର୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଇନାର୍‌, “ଲାଗିଂ ଇନାଦେର୍‌, ଇୱାଙ୍ଗ୍‌ ତାକେ ମାପ୍ରୁ ଲଡ଼ା ମାନାତ୍‌ । ହେ ଦାପ୍ରେ ହେୱେନ୍‌ ହେୱେକିୟାଙ୍ଗ୍ ପକ୍ତାନାନ୍‌ ।”
4 यह घटना भविष्यवक्ता द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी:
ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାର୍‌ କାଜିଂ ଇଦାଂ ଇ ବଚନ୍‌ ଇନେସ୍‌ ପୁରା ଆନାତ୍‌, ହେଦାଂ କାଜିଂ ଇଦାଂ ଗିଟା ଆତାତ୍‌,
5 ज़ियोन की बेटी को यह सूचना दो: तुम्हारे पास तुम्हारा राजा आ रहा है; वह नम्र है और वह गधे पर बैठा हुआ है, हां, गधे के बच्‍चे पर, बोझ ढोनेवाले के बच्‍चे पर.
“ସିୟନ୍‌ନି ଗାଡ଼୍‌ଚେଂ ୱେଚାଟ୍‌, ହୁଡ଼ା, ମି ରାଜା ନି କଚଣ୍‌ ୱାନାନା; ହେୱାନ୍‌ ହୁଦାର୍‌ ଆରି ଗଦ ହିମ୍‌ଣା ଜପି କୁଚ୍‌ଚାନ୍ନା ଗଦ ଜପି କୁଚ୍‌ଚାକାନ୍‌ ।”
6 शिष्यों ने येशु की आज्ञा का पूरी तरह पालन किया
ହେବେ ଚେଲାହିର୍‌ ହାଲ୍‌ଜି ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ବଲ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ କାମାୟ୍‌ କିତାର୍‌,
7 और वे गधी और उसके बच्‍चे को ले आए, उन पर अपने बाहरी कपड़े बिछा दिए और येशु उन कपड़ो पर बैठ गए.
ଆରେ ଗଦ ହିମ୍‌ଣା ତାସି ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ଜପି ହେନ୍ଦ୍ରା ପାସ୍‍ସି ହିତାର୍, ଆରେ ଜିସୁ ତା ଜପି କୁଚ୍‌ଚାନ୍‌ ।
8 भीड़ में से अधिकांश ने मार्ग पर अपने बाहरी कपड़े बिछा दिए. कुछ अन्यों ने पेड़ों की टहनियां काटकर मार्ग पर बिछा दीं.
ଆରେ, ମାନାୟାର୍‌ ବିତ୍ରେ କେତେଜାଣ୍‌ ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ ହେନ୍ଦ୍ରା ହାସ୍‌ଦ ପାସ୍ତାର୍ ଆରି କେତେଜାଣ୍‌ ମାର୍‌ଦାଂ ଡାଡ଼୍‌ କାଦ୍‌ଦି ତାସି ହାସ୍‌ଦ ପାସ୍‍ସି ହିଦେଂ ଲାଗାତାର୍‌ ।
9 येशु के आगे-आगे जाती हुई तथा पीछे-पीछे आती हुई भीड़ ये नारे लगा रही थी “दावीद के पुत्र की होशान्‍ना!” “धन्य है, वह जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.” “सबसे ऊंचे स्थान में होशान्‍ना!”
ଆରେ ତା ଆଗେ ଆରି ପାଚେ ହାଲ୍‌ଜି ମାନି ମାନାୟାର୍‌ ଗାଜା କାଟ୍‌ତାଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌, ହସାନ୍ନା “ଦାଉଦ୍‌ତି ହିମ୍‍ଣା ଦନ୍ୟବାଦ୍‌ କିୟାଟ୍‌! ମାପ୍ରୁ ତର୍‌ଦାଂ ଇନେର୍‌ ୱାନାରା, ହେୱେନ୍‌ ଦନ୍ୟ ମାପ୍ରୁ କେର୍‌କଣ୍‌ ଆୟେତ୍‌ ।”
10 जब येशु ने येरूशलेम नगर में प्रवेश किया, पूरे नगर में हलचल मच गई. उनके आश्चर्य का विषय था: “कौन है यह?”
ଆରେ, ହେୱେନ୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ହଣ୍‌ଗାତାନ୍‌, ଗାଡ଼୍‌ନିକାର୍‌ ଇୱାନ୍‌ ଇନେନ୍‌ ଇଞ୍ଜି ବିଙ୍ଗ୍‌ବିଙ୍ଗ୍‌ ଆତାତ୍‌ ।
11 भीड़ उन्हें उत्तर दे रही थी, “यही तो हैं वह भविष्यद्वक्ता—गलील के नाज़रेथ के येशु.”
ହେବେତାଂ ମାନାୟାର୍‌ ଇଚାର୍‌, “ଇୱେନ୍ ଗାଲିଲିନି ନାଜରିତ୍‌ତ ର ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାନ୍‌ ଜିସୁ ।”
12 येशु ने मंदिर में प्रवेश किया और उन सभी को मंदिर से बाहर निकाल दिया, जो वहां लेनदेन कर रहे थे. साथ ही येशु ने साहूकारों की चौकियां उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के आसनों को पलट दिया.
ପାଚେ ଜିସୁ ମନ୍ଦିର୍‌ତ ହଣ୍‌ଜି ହେ ବାହାତ କଡ଼୍‌ନାକା ପ୍ରନାକାରିଂ ୱିଜ଼ାର୍‌ ମାନାୟାରିଂ ହପ୍‍ତାନ୍, ଆରେ ଡାବୁଙ୍ଗ୍‌ ବେପ୍ରିୟାର୍‌ତି ପାଟା ଆରି ପାଣ୍ଡ୍‌କା ବେପ୍ରିୟାର୍‌ତି କୁଚ୍‌ନି ବାହା ଉଲ୍‌ଟାୟ୍‌ କିତାନ୍‌,
13 येशु ने उन्हें फटकारते हुए कहा, “पवित्र शास्त्र का लेख है: मेरा मंदिर प्रार्थना का घर कहलाएगा किंतु तुम इसे डाकुओं की खोह बना रहे हो.”
ଆରେ ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, ଦର୍‌ମ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକା ମାନାତ୍‌, “ମା ଇଲ୍‌ ପାର୍ତାନା ଇଲ୍‌ ଇଞ୍ଜି ପୁଟା ଆନାତ୍‌ ମାତର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଚର୍କୁ ଇଲ୍‌ କିତାଦେର୍ଣ୍ଣା ।”
14 मंदिर में ही, येशु के पास अंधे और लंगड़े आए और येशु ने उन्हें स्वस्थ किया.
ଆରେ, ମନ୍ଦିର୍‌ତ କାଣା ଆରି ହିର୍‌କଲ୍‌ ରଗି ମାନାୟ୍‌ ତା କଚଣ୍‌ ୱାତିଲେ, ହେୱେନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଉଜ୍‌ କିତାନ୍‌ ।
15 जब प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों ने देखा कि येशु ने अद्भुत काम किए हैं और बच्‍चे मंदिर में, “दावीद की संतान की होशान्‍ना” के नारे लगा रहे हैं, तो वे अत्यंत गुस्सा हुए.
ମାତର୍‌ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାନ୍‌ ଆରି ଗୁରୁର୍‌ ତା କିତି କାବା ଆନି କାମାୟ୍‌ ସବୁ ଆରି ମନ୍ଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ହସାନ୍ନା “ଦାଉଦ୍‌ନି ହିମ୍‍ଣା” ଇଞ୍ଜି ଗାଜା କାଟ୍‌ କିଜ଼ି ମାନି କାଡ଼୍‌ଦେରିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ରିସା ଆତାନ୍‌ ।
16 और येशु से बोले, “तुम सुन रहे हो न, ये बच्‍चे क्या नारे लगा रहे हैं?” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “हां, क्या आपने पवित्र शास्त्र में कभी नहीं पढ़ा, बालकों और दूध पीते शिशुओं के मुख से आपने अपने लिए अपार स्तुति का प्रबंध किया है?”
ହେୱାର୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ୱେନ୍‍ବାତାର୍‍, “ଇୱାର୍‌ ଇନାକା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାରା, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱେନାଦେରା?” ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆଁ, ଏନେଙ୍ଗ୍‌ ହିମ୍‌ଣା ଆରି ଉଣାକାର୍‌ ୱେଇ କାଜିଂ ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକାତାତ୍‌ନା ପଡ଼ି କିୱାତାଇନା କି, ଏନ୍‌ ହିମ୍‌ଣାଂ ଆରି କଡ଼୍‌ଗେ ହିମ୍‌ଣାକାଂ ଆଦିକ୍‌ ୱାରି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ହିକ୍ୟା ହିତାୟ୍‌ନା?”
17 येशु उन्हें छोड़कर नगर के बाहर चले गए तथा आराम के लिए बैथनियाह नामक गांव में ठहर गए.
ଇଦାଂ ଇଞ୍ଜି ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ପିସ୍ତି ଜିରୁସାଲମ୍‌ତାଂ ହସି ବେତ୍‌ନିୟା ହାଚାର୍‌ । ହେବେ ଜିସୁ ନାଣା ମାଚାନ୍‌ ।
18 भोर को जब वह नगर में लौटकर आ रहे थे, उन्हें भूख लगी.
ହେ ଆର୍କାତ୍‌ ନାଜିଂ ଜିସୁ ଜିରୁସାଲମ୍‌ତାଂ ୱାନିହିଂ ନାସ୍‌କି ଆତାନ୍‌ ।
19 मार्ग के किनारे एक अंजीर का पेड़ देखकर वह उसके पास गए किंतु उन्हें उसमें पत्तियों के अलावा कुछ नहीं मिला. इस पर येशु ने उस पेड़ को शाप दिया, “अब से तुझमें कभी कोई फल नहीं लगेगा.” तुरंत ही वह पेड़ मुरझा गया. (aiōn g165)
ହାଜ଼ି କଚଣ୍‌ ର ତଗା ମାର୍‌ ମାଚାତ୍‌ । ଜିସୁ ତା ଲାଗାଂ ହାଲ୍‌ଜି ହେବେ ଆକିଂ ପିସ୍ତି ଆରି ଇନାକା ହୁଡ଼୍‍ୱାତାନ୍ । ଲାଗିଂ ଜିସୁ ମାର୍‌ତିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏନ୍‌ ଆରେ ମୁଡ଼୍‌କେ ପାଡ଼୍‌ ଆହ୍‌ମା ।” ହେ ଦାପ୍ରେ ତଗା ମାର୍‌ ୱାଜ୍‌ଜି ହାଚାତ୍ । (aiōn g165)
20 यह देख शिष्य हैरान रह गए. उन्होंने प्रश्न किया, “अंजीर का यह पेड़ तुरंत ही कैसे मुरझा गया?”
ଚେଲାହିର୍‌ ଇଦାଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି କାବା ଆଜ଼ି ୱେନ୍‍ବାତାର୍, “ତଗା ମାର୍‌ ଏଚେଚାଣ୍ଡ୍‌ ୱାଚ୍‌ଚାତ୍‌ ଇନେସ୍‌?”
21 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम इस सच्चाई को समझ लो: यदि तुम्हें विश्वास हो—संदेह तनिक भी न हो—तो तुम न केवल वह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ के साथ किया गया परंतु तुम यदि इस पर्वत को भी आज्ञा दोगे, ‘उखड़ जा और समुद्र में जा गिर!’ तो यह भी हो जाएगा.
ଜିସୁ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଜଦି ମି ପାର୍ତି ମାନାତ୍‌, ଆରେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପାର୍ତି କିଉଦେର୍‌, ଲାଗିଂ ଇ ତଗା ମାର୍‌ କାଜିଂ ଇନେସ୍‌ କିୟାଆତାତ୍‌ନା, କେବଲ୍‌ ଇନେର୍‌ ହେ ଲାକେ କିନାଦେର୍‌, ହେଦାଂ ଆକାୟ୍‌, ମତର୍‌ ଜଦି ଇ ମାଡ଼ିତିଂ ପା ଏନ୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ହାମ୍‌ଦୁର୍‌ତ ହାଲ୍‌ଜି ଆରା ଇଞ୍ଜି ଇନାଦେର୍‌, ତା ଆତିସ୍‌ ହେଦାଂ ଗିଟା ଆନାତ୍‌ ।
22 प्रार्थना में विश्वास से तुम जो भी विनती करोगे, तुम उसे प्राप्‍त करोगे.”
ଆରେ, ପାର୍ତି କିଜ଼ି ପାର୍ତାନାତାଂ ଇନାକା ପା ଏନ୍‌ନାଦେର୍‌ ହେ ସବୁ ପାୟାନାଦେର୍‌ ।”
23 येशु ने मंदिर में प्रवेश किया और जब वह वहां शिक्षा दे ही रहे थे, प्रधान पुरोहित और पुरनिए उनके पास आए और उनसे पूछा, “किस अधिकार से तुम ये सब कर रहे हो? कौन है वह, जिसने तुम्हें इसका अधिकार दिया है?”
ପାଚେ ଜିସୁ ମନ୍ଦିର୍‌ତ ହଣ୍‌ଜି ହିକ୍ୟା ହିନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ମୁଡ଼୍‌ ମାପ୍ରୁହେବା କିନାକାର୍‌ ଆରି ମାନାୟାର୍‌ତି ବୁଡ଼ାଲୁର୍‌ ତା କଚଣ୍‌ ୱାଜ଼ି ୱେନ୍‍ବାତାର୍‍, ଏନ୍‌ “ଇମ୍‌ଣି ଆଦିକାର୍‌‌ତାଂ ଇ ୱିଜ଼ୁ କିନାୟା? ଆରେ, ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇନେର୍‌ ଇ ଆଦିକାର୍‌ ହିତ୍‍ତାର୍‍?”
24 येशु ने इसके उत्तर में कहा, “मैं भी आपसे एक प्रश्न करूंगा. यदि आप मुझे उसका उत्तर देंगे तो मैं भी आपके इस प्रश्न का उत्तर दूंगा कि मैं किस अधिकार से यह सब करता हूं:
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କେବଲ୍‌ ର ପର୍‌ସନ୍‌ ଗୱାରି କିଦ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ହେ ଉତର୍‌ ହିଦେଂ ଆଡ଼୍‌ତିସ୍‌, ଆନ୍‌ ଇମ୍‌ଣି ଆଦିକାର୍‌ ଇ ୱିଜ଼ୁ କାମାୟ୍‌ କିନାଙ୍ଗା, ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‍ନାଙ୍ଗ୍ ।
25 योहन का बपतिस्मा किसकी ओर से था—स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” इस पर वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “यदि हम कहते हैं, ‘स्वर्ग की ओर से,’ तो वह हमसे कहेगा, ‘तब आपने योहन में विश्वास क्यों नहीं किया?’
ବାପ୍ତିସିମ୍‌ ହିନାକା ଆଦିକାର୍‌ ଜହନ୍‌ ଇନେର୍‌ତାଂ ଗାଟା ଆଜ଼ି ମାଚାନ୍‌? ସାର୍ଗେତାଂ କି ମାନାୟ୍‌ତିଂ?” ହେବେ ହେୱାର୍‌ ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ବେଣ୍‌କିତାର୍‌ “ଇ ବିସ୍ରେ ଇନାକା ଇନାସ୍‌? ଜଦି ଇନାସ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ତାଂ, ଲାଗିଂ ଜହନ୍‌ତିଂ ଇନାକିଦେଂ ପାର୍ତି କିଉଦେରା ଇଞ୍ଜି ହେୱାନ୍‌ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେନ୍‌ବାଦାନାନ୍‌ ।
26 किंतु यदि हम कहते हैं, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तब हमें भीड़ से भय है; क्योंकि सभी योहन को भविष्यवक्ता मानते हैं.”
ମାନାୟ୍‌ତିଂ ଇଞ୍ଜି ଜଦି ଇନାସ୍‌, ଲାଗିଂ ମାନାୟାରିଂ ମାଙ୍ଗ୍‌ ପାଣ୍ଡ୍ରୁ ହତ୍‌ନାତା, ଇନାକିଦେଂକି ୱିଜ଼ାର୍‌ ମାନାୟାର୍‌ ଜହନ୍‌ ରକାନ୍‌ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିନାକାନ୍‌ ଇଞ୍ଜି ହେୱାର୍‌ ପାର୍ତି କିନାରା ।”
27 उन्होंने आकर येशु से कहा, “आपके प्रश्न का उत्तर हमें मालूम नहीं.” येशु ने भी उन्हें उत्तर दिया, “मैं भी आपको नहीं बताऊंगा कि मैं किस अधिकार से ये सब करता हूं.
ହେଦାଂ କାଜିଂ ହେୱାର୍‌ ଜିସୁ ଉତର୍‌ ହିଜ଼ି ଇଚାର୍‌, “ଆପେଂ ପୁନୁପ୍‌ ।” ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଇନେର୍‌ ଆଦିକାର୍‌‌ତାଂ ଇ ସବୁ କିନାଙ୍ଗା, ଆନ୍‌ ପା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚ୍‍ଚୁଙ୍ଗ୍ ।”
28 “इस विषय में क्या विचार है आपका? एक व्यक्ति के दो पुत्र थे. उसने बड़े पुत्र से कहा, ‘हे पुत्र, आज जाकर दाख की बारी का काम देख लेना.’
“ମତର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ମାନେ କିୟା? ରୱାନ୍‌ ମାନାୟ୍‌ତିଂ ରିୟାର୍‌ ମାଜ଼ି ମାଚାର୍‌ । ହେୱେନ୍‌ ପର୍ତୁମ୍‌ କଚଣ୍‌ ୱାଜ଼ି ଗାଜା ମାଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, ମାଜ଼ି, ହାଲା, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ଦ କାମାୟ୍‌ କିୟା ।
29 “उसने उत्तर दिया, ‘नहीं जाऊंगा.’ परंतु कुछ समय के बाद उसे पछतावा हुआ और वह दाख की बारी चला गया.
ହେୱେନ୍‌ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ନା ଇଚା ଆକାୟ୍‌, ମାତର୍‌ ପାଚେ ମାନ୍‌ବାଦ୍‌ଲାୟ୍‌ କିଜ଼ି ହାଚାନ୍‌ ।
30 “पिता दूसरे पुत्र के पास गया और उससे भी यही कहा. उसने उत्तर दिया, ‘जी हां, अवश्य.’ किंतु वह गया नहीं.
ଆରେ, ଆବା ଆରେ ରକାନ୍‌ କଚଣ୍‌ ୱାଜ଼ି ହେ ଲାକେ ଇଚାନ୍‌ । ହେୱାନ୍‌ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ଗୁରୁ, ଆନ୍‌ ହାନାଙ୍ଗା, ମାତର୍‌ ହାଲ୍‍ୱାତାନ୍ ।
31 “यह बताइए कि किस पुत्र ने अपने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने उत्तर दिया: “बड़े पुत्र ने.” येशु ने उनसे कहा, “सच यह है कि समाज से निकाले लोग तथा वेश्याएं आप लोगों से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर जाएंगे.
ଇନା, ଇ ରିୟାର୍‌ ମେହିର୍‌ ବିତ୍ରେ ଇନେର୍‌ ତା ଆବାତି ବଲ୍‌ ମାନି କିଜ଼ି ମାଚାନ୍‌?” ହେୱାର୍‌ ଇଚାର୍‌, “ଗାଜା ମେହି ।” ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା ସିସ୍ତୁଏନ୍‌ନାକାର୍‌ ଆରି ଦାରୁଲାର୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଆଗେ ଇସ୍ୱର୍‌ ରାଜିତ ହଣାର୍‌ ।
32 बपतिस्मा देनेवाले योहन आपको धर्म का मार्ग दिखाते हुए आए, किंतु आप लोगों ने उनका विश्वास ही न किया. किंतु समाज के बहिष्कृतों और वेश्याओं ने उनका विश्वास किया. यह सब देखने पर भी आपने उनमें विश्वास के लिए पश्चाताप न किया.
ଇନାକିଦେଂକି ଜହନ୍‌ ମି କଚଣ୍‌ ଦାର୍ମିନି ହାଜ଼ି ହିଜ଼ି ୱାତାନ୍‍, ଆରେ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାର୍ତି କିୱାତାଦେର୍‌, ମତର୍‌ ସିସ୍ତୁଏନ୍‌ନାକାର୍‌ ଆରି ଦାରୁଲାର୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାର୍ତି କିତାର୍‌, ମାତର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନେସ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାର୍ତି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ନାଦେର୍‌, ଇଦାଂ କାଜିଂ ହେଦାଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ପା ମାନ୍‌ବାଦ୍‌ଲାୟ୍‌ କିୱାତାଦେର୍‌ ।”
33 “एक और दृष्टांत सुनिए: एक गृहस्वामी था, जिसने एक दाख की बारी लगायी, चारदीवारी खड़ी की, रसकुंड बनाया तथा मचान भी. इसके बाद वह दाख की बारी किसानों को पट्टे पर देकर यात्रा पर चला गया.
“ଆରେ ର ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ୱେନାଟ୍‌ । ରୱାନ୍‌ ଇଲ୍‌ ହାଉକାର୍‌ ମାଚାନ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ର ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ କିଜ଼ି ଚାରିବେଣ୍‌ତାଂ ବାଡ଼୍‌ ଡ଼ଚ୍‌ଚାନ୍‌ ଆରି ହେ ବିତ୍ରେ ଅଙ୍ଗୁର୍‌କୁଣ୍ଡି କାର୍ଚି ମାଚା ରଚ୍‌ଚାନ୍‌, ଆରେ କାମ୍‌ଲିୟାରିଂ ହେ ବାଡ଼୍‌ ବାଗ୍‌ ହିଜ଼ି ବିଦେସ୍‌ ହାଚାନ୍‌ ।
34 जब उपज तैयार होने का समय आया, तब उसने किसानों के पास अपने दास भेजे कि वे उनसे उपज का पहले से तय किया हुआ भाग इकट्ठा करें.
ପାଚେ ପାଡ଼୍‍ନି ସମୁ ଲାଗେ ୱାତିଲେ, ହେୱାନ୍‌ ଜାର୍‌ ପାଡ଼୍‌ ଗାଟାଆଦେଂ କାଜିଂ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ ଲାଗାଂ ଜାର୍‌ ଆଡ଼ିୟାରିଂ ପକ୍‌ତାନ୍‌ ।
35 “किसानों ने उसके दासों को पकड़ा, उनमें से एक की पिटाई की, एक की हत्या तथा एक का पथराव.
ମାତର୍‌ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ ହେୱାନ୍ତି ଆଡ଼ିୟାରିଂ ଆସ୍ତି ରକାନିଂ ଟ୍ରାକ୍‌ତାର୍‌, ଆରେ ରକାନିଂ ଅସ୍ତାର୍‌, ଆରେ ରକାନିଂ କାଲ୍‌କୁ ଇଡ଼୍‌ଜି ଅସ୍ତାର୍‌ ।
36 अब गृहस्वामी ने पहले से अधिक संख्या में दास भेजे. इन दासों के साथ भी किसानों ने वही सब किया.
ଆରେ ରଗ ବାଡ଼୍‌ ମାଲିକ୍‌ ହିଗ୍‍ଦତାଂ ବେସିହେନି ଆଡ଼ିୟାରିଂ ପକ୍‌ତାନ୍‌, ଆରେ ବାଗ୍‌ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ ହେୱାର୍‌ ହେୱାର୍‌ କାଜିଂ ହେ ଲାକେ କିତାର୍‌ ।
37 इस पर यह सोचकर कि वे मेरे पुत्र का तो सम्मान करेंगे, उस गृहस्वामी ने अपने पुत्र को किसानों के पास भेजा.
ମାତର୍‌ ନା ମେହିଙ୍ଗ୍‌ ହେୱାର୍‌ ମାନି କିନାର୍‌, ଇଦାଂ ଇଞ୍ଜି ୱିସ୍ତିହିଙ୍ଗ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ପାଚେ ଜାର୍‌ ମାଜ଼ି ହେୱାର୍‌ ତାକେ ପକ୍‌ତାନ୍‌ ।”
38 “किंतु जब किसानों ने पुत्र को देखा तो आपस में विचार किया, ‘सुनो! यह तो वारिस है, चलो, इसकी हत्या कर दें और पूरी संपत्ति हड़प लें.’
“ମତର୍‌ ହେ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ ମେହିଙ୍ଗ୍‌ ହୁଡ଼୍‌ଜି ରୱାନ୍‌ ଆରେ ରୱାନିଂ ଇଚାର୍‌, ‘ଇୱାନ୍‌ ହୁଡ଼ାଟ୍‌ ହାଉକାର୍‌ ମେହି; ୱାଡୁ, ଇୱାନିଂ ଅଜ଼ି ଆସେଙ୍ଗ୍‌ ଇୱାନ୍ତି ଆଦିକାର୍‌ କେଇଦ ଅନାସ୍‌ ।’
39 इसलिये उन्होंने पुत्र को पकड़ा, उसे बारी के बाहर ले गए और उसकी हत्या कर दी.
ହେବେ ହେୱାର୍‌ ହେୱାନିଂ ଅଜ଼ି ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ନି ବାର୍ତ ତୁଇଜ଼ି ଅସ୍ତାର୍‌ ।
40 “इसलिये यह बताइए, जब दाख की बारी का स्वामी वहां आएगा, इन किसानों का क्या करेगा?”
ଜିସୁ ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌, ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ହେ ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ନି ହାଉକାର୍‌ ୱାନାନ୍‌, ହେୱାଡ଼ାଂ ହେ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ କାଜିଂ ହେୱାନ୍‌ ଇନାକା କିନାନ୍‌?”
41 उन्होंने उत्तर दिया, “वह उन दुष्टों का सर्वनाश कर देगा तथा दाख की बारी ऐसे किसानों को पट्टे पर दे देगा, जो उसे सही समय पर उपज का भाग देंगे.”
ହେୱାର୍‌ ହେୱାନିଂ ଇଚାର୍‌ “ହେୱାନ୍‌ ହେ ବାନିୟାରିଂ ହେୱାନ୍‌ ହାତେନେ ଅହ୍‌ନାର୍‌ ଆରି ଇମ୍‌ଣି ବିନ୍‌ ବାଗ୍‌ କାମ୍‌ଲିୟାର୍‌ ହେୱାନିଂ ସମାନ୍‌ ସମୁତ ବାଗ୍‌ନି ପାଡ଼୍‌ ହିନାର୍‌, ହେୱାରିଂ ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ବାଡ଼୍‌ ବାଗ୍‌ ହିନାନାନ୍‌ ।”
42 येशु ने उनसे कहा, “क्या आपने पवित्र शास्त्र में कभी नहीं पढ़ा: “‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने अनुपयोगी घोषित कर दिया था, वही कोने का मुख्य पत्थर बन गया. यह प्रभु की ओर से हुआ और यह हमारी दृष्टि में अनूठा है’?
ଜିସୁ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ କି ଇନାୱାଡ଼ାଂପା ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଇ କାତା ପଡ଼ି କିୱାତାଦେର୍ଣ୍ଣା, ‘ଇଲ୍‌ ରଚ୍‌ନାକାର୍‌ ଇମ୍‌ଣି କାଲ୍‌ଦିଂ ମୁନାକିତାନ୍‌, ହେଦାଂ କନାନି ମୁଡ଼୍‌କାଲ୍‌ ଆତାତ୍‌; ମାପ୍ରୁତାଂ ଇଦାଂ ଆତାତ୍‌, ଆରେ ହେଦାଂ ମା କାଣ୍‌କୁତ କାବାଆନାକା?’
43 “इसलिये मैं आप सब पर यह सत्य प्रकाशित कर रहा हूं: परमेश्वर का राज्य आपसे छीन लिया जाएगा तथा उस राष्ट्र को सौंप दिया जाएगा, जो उपयुक्त फल लाएगा.
ଇଦାଂ କାଜିଂ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଇସ୍ୱର୍ତି ରାଜି ମିତାଙ୍ଗ୍ ଉନ୍‌ଦିୟାନାତ୍‌, ଆରେ ଇମ୍‌ଣି ଜାତି ହେବେନି ପାଡ଼୍‌ ଆହ୍‌ନାତ୍‌, ହେୱାନିଂ ହିୟାନାତ୍‌ ।
44 वह, जो इस पत्थर पर गिरेगा, टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा किंतु जिस किसी पर यह पत्थर गिरेगा उसे कुचलकर चूर्ण बना देगा.”
ଆରେ, ଇନେର୍‌ ଇ କାଲ୍‌ ଜପି ଆର୍ନାର୍‌, ହେୱାନ୍‌ ବିରାଆନାନ୍‌, ଆରେ ଇ କାଲ୍‌ ଇନେର୍‌ ଜପି ଆର୍ନାତ୍‌, ହେୱାନିଂ ହେଦାଂ ବିରାୟ୍‌ କିନାତ୍‌ ।”
45 प्रधान पुरोहित और फ़रीसी यह दृष्टांत सुनकर यह समझ गए कि प्रभु येशु ने उन पर ही यह दृष्टांत कहा है.
ମୁଡ଼୍‌ମାପ୍ରୁହେବାକିନାକାର୍‌ ଆରି ପାରୁସିର୍‌ ଜିସୁତି ଇ ସବୁ ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ୱେନ୍‌ଞ୍ଜି, ଜିସୁ ଜେ ହେୱାର୍‌ ବିସ୍ରେ ଇଟ୍‌କାଡ଼୍‌ କିତାର୍ଣ୍ଣା ଇଞ୍ଜି, ବୁଜାଆତାର୍‌ ।
46 इसलिये उन्होंने येशु को पकड़ने की कोशिश तो की, किंतु उन्हें भीड़ का भय था, क्योंकि लोग येशु को भविष्यवक्ता मानते थे.
ଆରେ, ହେୱାର୍‌ ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ସେସ୍ଟା କିତାର୍‌, ମାତର୍‌ ମାନାୟାରିଂ ପାଣ୍ଡ୍ରାତାର୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେୱାର୍‌ ହେୱାନିଂ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିନାକାନ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାନି କିଜ଼ି ମାଚାର୍‌ ।

< मत्ती 21 >