< मत्ती 2 >
1 जब राजा हेरोदेस के शासनकाल में यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर में येशु का जन्म हुआ, तब पूर्ववर्ती देशों से ज्योतिष येरूशलेम नगर आए और पूछताछ करने लगे,
Now, after Jesus was born in Bethlehem of Judea in the days of Herod the king, behold, there came wise men from the east to Jerusalem,
2 “कहां हैं वह—यहूदियों के राजा, जिन्होंने जन्म लिया है? पूर्ववर्ती देशों में हमने उनका तारा देखा है और हम उनकी आराधना करने के लिए यहां आए हैं.”
Saying, Where is he that is born king of the Jews? for we have seen his star in the east, and have come to worship him.
3 यह सुन राजा हेरोदेस व्याकुल हो उठा और उसके साथ सभी येरूशलेम निवासी भी.
When Herod the king had heard [these things], he was troubled, and all Jerusalem with him.
4 राजा हेरोदेस ने प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों को इकट्ठा कर उनसे पूछताछ की कि वह कौन सा स्थान है जहां मसीह के जन्म लेने का संकेत है?
And when he had assembled all the chief priests and scribes of the people, he inquired of them where Christ should be born.
5 उन्होंने उत्तर दिया, “यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर में, क्योंकि भविष्यवक्ता का लेख है:
And they said to him, In Bethlehem of Judea: for thus it is written by the prophet,
6 “‘और तुम, यहूदिया प्रदेश के बेथलेहेम नगर, यहूदिया प्रदेश के नायकों के मध्य किसी भी रीति से छोटे नहीं हो क्योंकि तुममें से ही एक राजा का आगमन होगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा होगा.’”
And thou Bethlehem, [in] the land of Judah, art not the least among the princes of Judah: for out of thee shall come a Governor, that shall rule my people Israel.
7 इसलिये हेरोदेस ने ज्योतिषियों को अलग ले जाकर उनसे उस तारे के उदय होने का ठीक-ठीक समय मालूम किया
Then Herod, when he had privately called the wise men, inquired of them diligently what time the star appeared.
8 और उन्हें बेथलेहेम नगर भेजते हुए कहा, “आप लोग जाकर सावधानीपूर्वक उस बालक की खोज कीजिए और जब वह आपको मिल जाए तो मुझे इसकी सूचना दीजिए कि मैं भी उसकी वंदना करने जा सकूं.”
And he sent them to Bethlehem, and said, Go, and search diligently for the young child; and when ye have found [him], bring me word again, that I may come and worship him also.
9 राजा की आज्ञा सुन उन्होंने अपनी यात्रा दोबारा प्रारंभ की. उन्हें वही तारा दिखाई दिया, जो उन्होंने पूर्ववर्ती देशों में देखा था. वे उसके दर्शन में आगे बढ़ते चले गए जब तक वह तारा उस बालक के घर पर जाकर ठहर न गया.
When they had heard the king, they departed; and lo, the star, which they saw in the east, went before them, till it came and stood over where the young child was.
10 उसे देखकर वे बड़े आनंद से भर गए.
When they saw the star, they rejoiced with exceeding great joy.
11 घर में प्रवेश करने पर उन्होंने उस बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा और झुककर उस बालक की आराधना की और फिर उन्होंने अपने कीमती उपहार सोना, लोबान और गन्धरस उसे भेंट चढ़ाई.
And when they had come into the house, they saw the young child with Mary his mother, and fell down, and worshiped him: and when they had opened their treasures, they presented to him gifts; gold, and frankincense, and myrrh.
12 उन्हें स्वप्न में परमेश्वर द्वारा यह चेतावनी दी गई कि वे राजा हेरोदेस के पास लौटकर न जाएं. इसलिये वे एक अन्य मार्ग से अपने देश लौट गए.
And being warned by God in a dream that they should not return to Herod, they departed into their own country another way.
13 उनके विदा होने के बाद प्रभु का एक दूत ने योसेफ़ को एक स्वप्न में प्रकट होकर आज्ञा दी, “उठो, बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश को भाग जाओ और उस समय तक वहीं ठहरे रहना जब तक मैं तुम्हें आज्ञा न दूं क्योंकि हेरोदेस हत्या की मंशा से बालक को खोज रहा है.”
And when they had departed, behold, the angel of the Lord appeareth to Joseph in a dream, saying, Arise, and take the young child and his mother, and flee into Egypt, and be thou there until I bring thee word: for Herod will seek the young child to destroy him.
14 इसलिये योसेफ़ उठे और अभी, जबकि रात ही थी, उन्होंने बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश को प्रस्थान किया.
When he arose, he took the young child and his mother by night, and departed into Egypt:
15 वे वहां हेरोदेस की मृत्यु तक ठहरे रहे कि प्रभु का यह वचन पूरा हो, जो उन्होंने एक भविष्यवक्ता के माध्यम से कहा था: “मिस्र देश से मैंने अपने पुत्र को बुलाया.”
And was there until the death of Herod: that it might be fulfilled which was spoken from the Lord by the prophet, saying, Out of Egypt have I called my son.
16 यह मालूम होने पर कि ज्योतिष उसे मूर्ख बना गए, हेरोदेस बहुत ही क्रोधित हुआ. ज्योतिषियों से मिली सूचना के आधार पर उसने बेथलेहेम नगर और उसके नज़दीकी क्षेत्र में दो वर्ष तथा उससे कम आयु के सभी शिशुओं के विनाश की आज्ञा दे दी.
Then Herod, when he saw that he was mocked by the wise men, was exceeding wroth, and sent forth, and slew all the children that were in Bethlehem, and in all its borders, from two years old and under, according to the time which he had diligently inquired of the wise men.
17 इससे भविष्यवक्ता येरेमियाह द्वारा पूर्वघोषित इस वचन की पूर्ति हुई:
Then was fulfilled that which was spoken by Jeremiah the prophet, saying,
18 “रमाह नगर में एक शब्द सुना गया, रोना तथा घोर विलाप! राहेल अपने बालकों के लिए रो रही है. धीरज उसे स्वीकार नहीं क्योंकि अब वे हैं ही नहीं.”
In Rama was there a voice heard, lamentation, and weeping, and great mourning, Rachel weeping [for] her children, and would not be comforted, because they are not.
19 जब राजा हेरोदेस की मृत्यु हुई, प्रभु के एक दूत ने स्वप्न में प्रकट होकर योसेफ़ को आज्ञा दी,
But when Herod was dead, behold, an angel of the Lord appeareth in a dream to Joseph in Egypt,
20 “उठो! बालक और उसकी माता को लेकर इस्राएल देश लौट जाओ क्योंकि जो बालक के प्राण लेने पर उतारू थे, उनकी मृत्यु हो चुकी है.”
Saying, Arise, and take the young child and his mother, and go into the land of Israel: for they are dead who sought the young child's life.
21 इसलिये योसेफ़ उठे और बालक और उसकी माता को लेकर इस्राएल देश में लौट आए.
And he arose, and took the young child and his mother, and came into the land of Israel.
22 यह मालूम होने पर कि हेरोदेस के स्थान पर अब उसका पुत्र आरखेलाओस यहूदिया प्रदेश का राजा है, भय के कारण वह वहां नहीं गए. तब परमेश्वर की ओर से स्वप्न में चेतावनी प्राप्त होने पर वह गलील प्रदेश की ओर चल दिए
But when he heard that Archelaus reigned in Judea in the room of his father Herod, he was afraid to go thither: notwithstanding, being warned by God in a dream, he turned aside into the parts of Galilee:
23 तथा नाज़रेथ नामक नगर में जाकर बस गए कि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया-यह वचन पूरा हो: वह नाज़री कहलाएगा.
And he came and dwelt in a city called Nazareth: that it might be fulfilled which was spoken by the prophets, He shall be called a Nazarene.