< मत्ती 18 >

1 तब शिष्यों ने येशु के पास आकर उनसे पूछा, “स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा कौन है?”
ହେ ପାଦ୍‌ନା ଚେଲାହିର୍‌ ଜିସୁ କଚଣ୍‌ ୱାଜ଼ି ୱେନ୍‍ବାତାର୍, ତେବେ “ସାର୍ଗେ ରାଜିତ ଇନେର୍‌ ଗାଜା?”
2 येशु ने एक बालक को पास बुलाकर उसे उनके सामने खड़ा करते हुए कहा,
ଜିସୁ ର ହିରୁ ହିମ୍‌ଣାଂ ଲାଗେ କୁକ୍‌ଚି ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ନିଲି କିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌,
3 मैं तुम्हें एक सच्चाई बताना चाहता हूं: “जब तक तुम बदलकर बालक के समान न हो जाओ, तुम्हारा प्रवेश स्वर्ग-राज्य में किसी प्रकार न होगा.
“ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ବାଦ୍‌ଲାୱିତିସ୍‌ ହିରୁ ହିମ୍‌ଣା ଲାକେ ଆୱିତିସ୍‌ ଇନେସ୍‌ କିତିସ୍‌ପା ସାର୍ଗେ ରାଜିତ ହଣ୍ଡେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡୁଦେର୍‌ ।
4 जो कोई स्वयं को इस बालक के समान विनम्र कर लेगा, वही स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा है;
ଲାଗିଂ, ଇନେର୍‌କି ଇ ହିରୁ ହିମ୍‌ଣା ଲାକେ ଜାର୍‌ତିଂ ହାଦ୍‌ଦାର୍ମି କିନାନ୍‌, ହେୱେନ୍‌ ସାର୍ଗେ ରାଜିତ ଗାଜାକାନ୍‌ ।
5 और जो कोई ऐसे बालक को मेरे नाम में ग्रहण करता है, मुझे ग्रहण करता है.
ଆରେ, ଇନେର୍‌ ନା ତର୍‌ଦାଂ ଇ ଲାକେ ର ହିରୁ ହିମ୍‌ଣାଂ ମାନ୍‌କିନାନ୍‌, ହେୱେନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ମାନ୍‌କିଦ୍‍ନାନ୍ ।”
6 “इसके विपरीत जो कोई इन बालकों के लिए, जो मुझमें विश्वास करते हैं, ठोकर का कारण बनता है, उसके लिए सही यही होगा कि उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर उसे समुद्र की गहराई में डुबो दिया जाए.
ମାତର୍‌ ଇନେର୍‌କି “ନା ତାକେ ପାର୍ତି କିନାକାର୍‌ ଇ ହିରୁହିମ୍‍ଣାଙ୍ଗ୍ ବିତ୍ରେ ରକାନ୍ତି ବାଦା ଇନାକିଦେଂକି ଆନାତ୍‌, ହେଦାଂ ଗାଡେଲ୍‌ତ ର ଗାଜା ଜାତାକାଲ୍‌ ଗାଚ୍‌ଚି ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାମ୍‌ଦୁର୍‌ତ ତୁସି ହିନାକା ହାର୍‌ ଆନାତ୍‌ ।
7 ठोकर के कारकों के लिए धिक्कार है संसार पर! ठोकरों का होना तो निश्चित है किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर जिसके कारण ठोकर लगती है!
ମାନାୟାର୍‌ତି ପାର୍ତିତ ବାଦା ଗିଟାୟ୍‌କିଦେଂ ଇଞ୍ଜି, ବେସି ବିସ୍ରେ ମାନାତ୍‌ । ହେଦାଂ କାଜିଂ ଇ ପୁର୍ତିତ ଅବସ୍ତା ଏଚେକ୍‌ ବଇଁକାର୍‌ ସବୁ ଦିନ୍‌ ଇ ଲାକେ ବାଦା ୱାନାତ୍, ମାତର୍‌ ଇନେନ୍‌ ବାଦା ଗିଟାୟ୍‌କିନାନ୍‌, ତା ୱିଜ଼େ କେତେକ୍‌ ହାର୍‌ଦାକା!”
8 यदि तुम्हारा हाथ या तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर लगने का कारण बनता है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम एक अपंग या लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो—बजाय इसके कि तुम दोनों हाथ और दोनों पांवों के साथ अनंत आग में झोंके जाओ. (aiōnios g166)
“ଜଦି ମି କେଇ କି ପାନା କାଜିଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପାର୍ତି ବାଦା କିନାଦେର୍‌, ଲାଗିଂ ତାଙ୍ଗ୍‌ କାଦ୍‌ଦି ତୁସିହିୟାଟ୍‌ । ରି କେଇ ଆରି ରି ପାନା ମାନ୍‌ଞ୍ଜି ୱିଜ଼୍‌ୱିନାଣିତ ତୁସ୍‌ୟାନି ପାତେକ୍‌ ରକେଇ ଆରେ ର ପାନା ବିନେ ଆଜ଼ି ୱିଜ଼୍‌ୱି ଜିବୁନ୍‌ତ ହଣାକା ମି ପାକ୍ୟାତ ହାର୍‌ । (aiōnios g166)
9 यदि तुम्हारी आंख के कारण तुम्हें ठोकर लगे तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम मात्र एक आंख के साथ जीवन में प्रवेश करो बजाय इसके कि तुम्हारी दोनों आंख हों और तुम नर्क की आग में फेंके जाओ. (Geenna g1067)
ଆରେ ମି କାଣ୍‌ଙ୍ଗା ଜଦି ନି ବାଦା ଆନାତ୍‌, ଲାଗିଂ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଉନ୍‌ଦି ତୁଇ ହିୟାଟ୍‌; ରିଣ୍ଡାଂ କାଣ୍‌କୁ ଅଜ଼ି ନାଣି ବିତ୍ରେ ନରକ୍‌ ତାକେ କାଡ୍‌ନି ବାଟା ଇଚିସ୍‌ ର କାଣ୍‌ଙ୍ଗା ଅଜ଼ି ଜିବୁନ୍‌ତ ହଣାକା ମି ପାକ୍ୟାତ ହାର୍‌ ।” (Geenna g1067)
10 “ध्यान रखो कि तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ दृष्टि से न देखो. मैं तुम्हें बताता हूं कि स्वर्ग में इनके स्वर्गदूत इनके लिए मेरे पिता के सामने विनती करने के उद्देश्य से हमेशा उपस्थित रहते हैं. [
ଜାଗ୍ରତ୍‌, ଇ ହିରୁକାର୍‌ ବିତ୍ରେ ରକାନିଂ ନେ ଇଣ୍‌ କିମାଟ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା ସାର୍ଗେତ ହେୱାର୍‌ତି ଦୁତ୍‌ତର୍‌ ସବୁ ଦିନ୍‌ ନା ସାଗ୍ରେନି ଆବା ଲାଗାଂ ମାନାର୍‌ ।
11 मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के उद्देश्य से ही आया है.]
ଇନାକିଦେଂକି ଇନାକା ଜାଙ୍ଗ୍‍ତାତ୍‍ନା, ହେଦାଂ ରାକ୍ୟା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାନାୟ୍‌ ମାଜ଼ି ୱାତାନ୍‌ନା ।
12 “क्या विचार है तुम्हारा? यदि किसी व्यक्ति के पास सौ भेड़ें हों और उनमें से एक भटक जाए तो क्या वह निन्यानवे को वहीं पहाड़ियों पर छोड़ उसको खोजने न निकलेगा, जो भटक गई है?
“ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଏତୁ କିନାଦେରା? ଇମ୍‌ଣି ଲକ୍‌ତି ଜଦି ପାଞ୍ଚ୍‌କଡ଼ି ମେଣ୍ଡାଂ ମାଚିସ୍‌, ଆରେ ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ବିତ୍ରେ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ ଜାଙ୍ଗ୍‌ତିସ୍‌, ଲାଗିଂ ଇନାକା ନବେନଗଟାକାଂ ମାଡ଼ିତ ପିସ୍‌ସି ହେୱାନ୍‌ ହାଲ୍‌ଜି ହେ ବାଣାତି ମେଣ୍ଡାତିଂ ଡେକ୍‌କୁନ୍‌?
13 तब सच तो यह है कि यदि वह उसे खोज लेता है, तो वह उन निन्यानवे की बजाय, जो भटकी नहीं थी, उस एक के लिए कहीं अधिक उल्‍लसित होता है, जो भटक गई थी.
ଆରେ ହେୱେନ୍‌ ମେଣ୍ଡା ଗାଟାଆନାନ୍ ତା ଆତିସ୍‌ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ନବେନଗଟା ବାଣା ଆୱାଦାଂ ମାଚିକ୍‌, ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ବିତ୍ରେ ଇ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ କାଜିଂ ହେୱେନ୍‌ ଆଦିକ୍‌ ୱାରି କିନାନ୍‌ ।
14 इसलिये तुम्हारे स्वर्गीय पिता नहीं चाहते कि इन छोटों में से एक भी छोटे का नाश हो.
ହେ ଲାକେ ଇ ହିରୁକାରିଂ ବିତ୍ରେ ଜେ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ କାରାପ୍‌ ଆନାତ୍‌, ଇଦାଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ସାର୍ଗେନି ଆବାତି ମାନ୍‌ ଆକାୟ୍‌ ।”
15 “यदि कोई सहविश्वासी तुम्हारे विरुद्ध कोई अपराध करे तो जाकर उस पर उसका दोष प्रकट कर दो, किंतु यह मात्र तुम दोनों के मध्य ही हो. यदि वह तुम्हारी सुन ले तो तुमने उसे पुनः प्राप्‍त कर लिया.
ଲାଗିଂ “ନି ଟଣ୍ଡେନ୍‌ନି ବିରୁଦ୍‌ତ ପାପ୍‌ କିନାନ୍‌, ଲାଗିଂ ହାଲ୍‌ଜି କେବଲ୍‌ ମି ରିୟାରିଂ ବିତ୍ରେ ହେୱାନିଂ ତା ଦସ୍‌ ଚଚାଟ୍‌; ଜଦି ହେୱାନ୍‌ ମି କାତା ୱେନାନ୍, ଲାଗିଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଜାର୍‌ ଟଣ୍ଡେନିଂ ପାୟା ଆତାୟ୍‌ ।
16 किंतु यदि वह तुम्हारी न माने तब अपने साथ एक या दो को उसके पास ले जाओ कि एक बात की पुष्टि के लिए दो या तीन गवाहों की ज़रूरत होती है.
ମାତର୍‌ ଜଦି ହେୱାନ୍‌ ୱେନୁର୍, ରକାନ୍‌ କି ରିୟାରିଂ ଅଜ଼ି ହାଲାଟ୍‌ । ଇନେସ୍‌ ରିୟାର୍‌ କି ତିନ୍‌ଜାଣ୍‌ ସାକିରିଙ୍ଗ୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ୱିଜ଼ୁ ଦାବା କାତା ତିର୍‌ କିୟାନାତ୍‌ ।”
17 यदि वह उनका भी इनकार करे तब कलीसिया पर यह सच प्रकट कर दिया जाए. यदि वह कलीसिया की भी न माने तब उसे गैर-यहूदी और समाज से बहिष्कृत व्यक्ति समझो.
ଜଦି ହେୱାନ୍‌ ହେୱାର୍‌ କାତା ମାନିକିଉନ୍‌, ଲାଗିଂ ମଣ୍ଡ୍‌ଲିତିଂ ଇନାଟ୍‌, ଆରେ ଜଦି ହେୱାନ୍‌ ମଣ୍ଡ୍‌ଲି କାତା ପା ମାନିକିୱିତିସ୍, ଲାଗିଂ ହେୱାନ୍‌ ମି କାଣ୍‍ଗାତ ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ ଆରି ସିସ୍ତୁଏନ୍‌ନାକାର୍‌ ଲାକେ ଆଏନ୍‌ ।
18 “तुम पर मैं यह सच प्रकाशित कर रहा हूं कि जो कुछ पृथ्वी पर तुम्हारे द्वारा इकट्ठा किया जाएगा, वह स्वर्ग में भी इकट्ठा होगा और जो कुछ तुम्हारे द्वारा पृथ्वी पर खुलेगा, वह स्वर्ग में भी खोला जाएगा.
ଆନ୍‌ “ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ପୁର୍ତିତ ଇନାକାପା ବନ୍ଦ୍‌ କିନାଦେର୍‌, ସାର୍ଗେତ ହେୱିଜ଼ୁ ବନ୍ଦ୍‌ ମାନ୍‌ଗାନାତ୍‌, ଆରି ପୁର୍ତିତ ଇନାକା ୱିଜ଼ୁ ଜେନାଦେର୍‌, ସାର୍ଗେତ ହେୱିଜ଼ୁ ଜେନାଦେର୍‌ ।”
19 “मैं तुम्हें दोबारा याद दिला रहा हूं: यदि तुममें से दो व्यक्ति पृथ्वी पर किसी विषय पर एक मत होकर विनती करें, वह मेरे पिता के द्वारा, जो स्वर्ग में हैं, पूरा किया जाएगा.
ଆରି, ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗା, ପୁର୍ତିତ ମି ବିତ୍ରେପା ରିୟାର୍‌ ଇନେସ୍‌ ବାର୍ତି ବିସ୍ରେ ର ମାନ୍‌ତାଂ ଆଜ଼ି ଇନାକା ଏନ୍‌ନାଦେର୍‌, ହେଦାଂ ନା ସାର୍ଗେନି ଆବାତି ଇଚା ହେୱାର୍‌ କାଜିଂ ଗିଟା ଆନାତ୍‌ ।
20 यह इसलिये कि जहां दो या तीन व्यक्ति मेरे नाम में इकट्ठा होते हैं, वहां मैं उनके साथ हूं.”
“ଇନାକିଦେଂକି ଇମ୍‌ଣି ବାହାତ ରିୟାର୍‌ କି ତିନ୍‌ ଜାଣ୍‌ ନା ତର୍‌ଦାଂ ରୁଣ୍ଡା ଆନାର୍‌, ହେ ବାହାତ ଆନ୍‌ ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ମାନ୍‌ଗାନାଂ ।”
21 तब पेतरॉस ने येशु के पास आकर उनसे प्रश्न किया, “प्रभु! कितनी बार मेरा भाई मेरे विरुद्ध अपराध करे और मैं उसे क्षमा करूं—सात बार?”
ହେ ପାଦ୍‌ନା ପିତର୍‌ ଜିସୁ କଚଣ୍‌ ୱାଜ଼ି ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ଏଚେକ୍‌ ହଟ୍‌ ନା ଟଣ୍ଡେନ୍‌ ନା ବିରୁତ୍‌ତାଂ ପାପ୍‌ କିତିସ୍‌ ଆନ୍‌ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ କେମା କିନାଙ୍ଗ୍‌? ଇନାକା ସାତ୍‌ ହଟ୍‌?”
22 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तो तुमसे यह तो नहीं कहूंगा सात बार तक परंतु सत्तर के सात गुणा तक.
ଜିସୁ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ କେବଲ୍‌ ସାତ୍‌ ହଟ୍‌ ପାତେକ୍‌ ଇଞ୍ଜୁଙ୍ଗା, ମତର୍‌ ସତୁରି ଗୁଣ୍‌ ସାତ୍‌ ହଟ୍‌ ପାତେକ୍‌ ।
23 “इसलिये स्वर्ग-राज्य की तुलना उस राजा से की जा सकती है, जिसने अपने दासों से हिसाब-किताब लेना चाहा.
ଇଚିସ୍‌ ସାର୍ଗେ ରାଜି ଜାର୍‌ ଆଡ଼ିୟାର୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଇସାବ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାକିନି ରୱାନ୍‌ ରାଜା ଲାକେ ।
24 जब उसने प्रारंभ किया तब उसके सामने वह दास प्रस्तुत किया गया, जो उसके लाखों तालंतों का कर्ज़दार था, किंतु
ହେୱେନ୍‌ ଇସାବ୍‌ ଆରମ୍‌ କିତିଲେ, ଲାକେ ଟାକାଂ ରୁଣ୍‌ କିଜ଼ି ମାଚି ର ହେବାକାରି ରାଜା ଲାଗାଂ ତାହିୱାତାର୍‌ ।
25 यह मालूम होने पर कि उसके पास कर्ज़ चुकाने का कोई साधन नहीं है, स्वामी ने आज्ञा दी कि उसे उसकी पत्नी, बालकों तथा सारे संपत्ति सहित बेच दिया जाए कि कर्ज़ चुकाया जा सके.
ମାତର୍‌ ତା ହୁଜାଆଦେଂ ଇନାକା ହିଲ୍‌ୱିତିଲେ ତା ମାପ୍ରୁ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଆରି ତା ଡକ୍ରିଙ୍ଗ୍, ହିମ୍‍ଣାୱାକ୍‍ଡ଼ା ଆରି ୱିଜ଼ୁ ପ୍ରସି କର୍ଚ ଅଦେଂ ରାଜା ବଲ୍‌ ହିତାନ୍‌ ।
26 “इस पर वह दास अपने स्वामी के सामने भूमि पर दंडवत हो उससे विनती करने लगा, ‘कृपया थोड़ा धीरज रखें, मैं सब कुछ चुका दूंगा.’
ଲାଗିଂ ହେ ହଲ୍ୟା ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପାନା ତାରେନ୍‌ ଜୁୱାର୍‌ କିଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, ଏନ୍‌ ନା ବିସ୍ରେ ବାଡ଼୍‌କାସ୍‌ଆ, ଆନ୍‌ ନିଗେଙ୍ଗ୍ ୱିଜ଼ୁ ହୁଜା ଆଜ଼ି ହିଦ୍‌ନାଂ ।”
27 उसके स्वामी ने दया से भरकर उसे मुक्त करके उसका सारा कर्ज़ क्षमा कर दिया.
ହେବେତାଂ ହେ ହଲ୍ୟାତିଂ ମାପ୍ରୁ କାର୍ମା ଆଜ଼ି ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ହିତାନ୍‌ ଆରି ରାଜା ରୁଣ୍‌ କେମା କିତାନ୍‌ ।
28 “उस मुक्त हुए दास ने बाहर जाते ही उस दास को जा पकड़ा जिसने उससे सौ दीनार कर्ज़ लिए थे. उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटते हुए कहा, ‘मुझसे जो कर्ज़ लिया है, उसे लौटा दे!’
ମାତର୍‌ “ହେ ହଲ୍ୟା ହସି ହାଲ୍‌ଜି ତାବେଣ୍ଡାଂ ପଚାସ୍‌ ଟାକା ରୁଣ୍‌ କିଜ଼ି ମାନି ର ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାକାନ୍‌ ଚଞ୍ଜ୍‌ୟା ଆଜ଼ି ହେୱାନିଂ ଆଜ଼ି ତା ଗାଡେଲ୍ ମ୍ଡିଞ୍ଜି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, ଏନ୍‌ ଇନାକା ଆସ୍ତାୟ୍‌ନା ହୁଜାଆଦା ।”
29 “वह दास इस दास के पांवों पर गिर पड़ा और विनती करने लगा, ‘थोड़ा धीरज रखो. मैं सब लौटा दूंगा.’
ଲାଗିଂ “ତା ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାକାନ୍‌ କାଲ୍‌ ତାରେନ୍‌ ଆଜ଼ି ହେୱାନିଂ ଗୱାରି କିଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, ଏନ୍‌ ନା ବିସ୍ରେ ବାଡ଼୍‌କାସ୍‌ଆ, ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହୁଜା ଆଜ଼ି ହିଦ୍‌ନାଂ ।”
30 “किंतु उस दास ने उसकी विनती पर ज़रा भी ध्यान न दिया और उसे ले जाकर कारागार में डाल दिया कि जब तक वह कर्ज़ न लौटाए, वहीं रहे.
“ମତର୍‌ ହେୱେନ୍‌ ରାଜି ଆୱାତାନ୍‌, ମାତର୍‌ ହାଲ୍‌ଜି ରୁଣ୍‌ ହୁଜାଆୱି ପାତେକ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଜଇଲ୍‌ତ ପ୍ରତ୍‌ତାର୍‌ ।
31 इसलिये जब अन्य दासों ने यह सब देखा, वे अत्यंत उदास हो गए और आकर स्वामी को इसकी सूचना दी.
ଲାଗିଂ ତା ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାକାର୍‌ ଇ ଗଟ୍‌ନା ହୁଡ଼୍‌ଜି ବେସି ଦୁକ୍‌ ଆତାର୍‌ ଆରି ହାଲ୍‌ଜି ହେୱାର୍‌ ମାପ୍ରୁ ଲାଗାଂ ୱିଜ଼ୁ ଗଟ୍‍ଣାଗିଟା ଆଜ଼ି ମାଚାତ୍‌ ୱେଚ୍‍ଚାର୍ ।”
32 “तब स्वामी ने उस दास को बुलवाकर उससे कहा, ‘अरे दुष्ट! मैंने तो तेरा सारा ही कर्ज़ क्षमा कर दिया क्योंकि तूने मुझसे इसके लिए विनती की थी.
ହେବେତାଂ ତା ମାପ୍ରୁ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗେ କୁକି କିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଏଡ଼େ ଉତ୍‌ପାତ୍ୟା ହଲ୍ୟା, ଏନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଗୱାରି କିତ୍‍ତିଲେ ଆନ୍‌ ନି ହେ ୱିଜ଼ୁ ରୁଣ୍‌ କେମା କିତାଙ୍ଗ୍‌;
33 क्या यह सही न था कि तू भी अपने साथी पर कृपा करता जिस प्रकार मैंने तुझ पर कृपा की?’
ଆନ୍‌ ଇନେସ୍‌ ଲାକେ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଦୟା କିତ୍‍ତାଙ୍ଗ୍, ହେ ଲାକେ ପା ଜାର୍‌ ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାକାର୍‌ ଦୟା କିନାକା କି ନି କାମାୟ୍‌ ହିଲ୍‌ୱାତାତ୍‌?”
34 क्रुद्ध स्वामी ने उस दास को यातना देने के लिए चुने हुए अधिकारियों के हाथ में सौंप दिया कि जब तक वह सारा कर्ज़ चुका न दे, वहीं रहे.
ଆରେ, ତା “ମାପ୍ରୁ ରିସା ଆଜ଼ି ୱିଜ଼ୁ ରୁଣ୍‌ ହୁଜାଆୱି ତାଙ୍ଗ୍‌ ପାତେକ୍‌ ବାଦା ହିନି ମାନାୟାର୍‌ କେଇଦ ସର୍‌ପି କିତାର୍‌ ।”
35 “मेरे स्वर्गिक पिता भी तुम्हारे साथ यही करेंगे यदि तुममें से हर एक अपने भाई को हृदय से क्षमा नहीं करता.”
ଜିସୁ ଇନାକା ୱିସ୍ତି “ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌ ଜଦି ୱାସ୍କିତାଂ ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ ଟଣ୍ଡାରିଂ କେମା କିୱିତିସ୍‌, ତାଆତିସ୍‌ ନା ସାର୍ଗେନି ଆବା ପା ମି କାଜିଂ ହେ ଲାକେ କିଦ୍‌ନାନ୍‌ ।”

< मत्ती 18 >