< मत्ती 12 >
1 शब्बाथ पर येशु और उनके शिष्य अन्न के खेतों में से होकर जा रहे थे. उनके शिष्यों को भूख लग गई और वे बालें तोड़कर खाने लगे.
ⲁ̅ϩⲙⲡⲉⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲁϥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ϩⲓⲧⲛⲙⲙⲁ ⲉⲧϫⲏⲩ ⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ. ⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲇⲉ ⲁⲩϩⲕⲟ ⲁⲩⲁⲣⲭⲉⲓ ⲛⲧⲱⲗⲕ ⲛⲛϩⲙⲥ ⲉⲩⲟⲩⲱⲙ.
2 यह देख फ़रीसियों ने आपत्ति उठाई, “देख लो, तुम्हारे शिष्य वह कर रहे हैं जो शब्बाथ संबंधित व्यवस्था के अनुसार गलत है.”
ⲃ̅ⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ⲇⲉ ⲛⲧⲉⲣⲟⲩⲛⲁⲩ ⲡⲉϫⲁⲩ ⲛⲁϥ. ϫⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲛⲉⲕⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲥⲉⲉⲓⲣⲉ ⲙⲡⲉⲧⲉⲙⲉϣϣⲉ ⲉⲁⲁϥ ϩⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ.
3 इस पर येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या आप लोगों ने उस घटना के विषय में नहीं पढ़ा जिसमें भूख लगने पर दावीद और उनके साथियों ने क्या किया था?
ⲅ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ. ϫⲉ ⲙⲡⲉⲧⲛⲟϣϥ ϫⲉ ⲛⲧⲁⲇⲁⲩⲉⲓⲇ ⲣⲟⲩ ⲛⲧⲉⲣⲉϥϩⲕⲟ ⲙⲛⲛⲉⲧⲛⲙⲙⲁϥ.
4 कैसे उन्होंने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया और दावीद और उनके साथियों ने भेंट की वह रोटी खाई, जिसे पुरोहितों के अलावा किसी का भी खाना व्यवस्था के अनुसार न था?
ⲇ̅ⲛⲑⲉ ⲛⲧⲁϥⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲡⲏⲓ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲁϥⲟⲩⲱⲙ ⲛⲛⲟⲉⲓⲕ ⲛⲧⲉⲡⲣⲟⲑⲉⲥⲓⲥ. ⲛⲁⲓ ⲉⲧⲉⲙⲉϣϣⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲉⲟⲩⲟⲙⲟⲩ ⲟⲩⲇⲉ ⲛⲉⲧⲛⲙⲙⲁϥ. ⲉⲓⲙⲏⲧⲉⲓ ⲛⲟⲩⲏⲏⲃ ⲙⲁⲩⲁⲁⲩ.
5 या क्या आप लोगों ने व्यवस्था में यह नहीं पढ़ा कि मंदिर में सेवारत पुरोहित शब्बाथ की व्यवस्था का उल्लंघन करने पर भी निर्दोष ही रहते हैं?
ⲉ̅ⲏ ⲙⲡⲉⲧⲛⲟϣϥ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙⲡⲛⲟⲙⲟⲥ ϫⲉ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲛⲟⲩⲏⲏⲃ ⲃⲱⲗ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙⲡⲣⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲙⲛⲛⲟⲃⲉ ⲉⲣⲟϥ.
6 किंतु मैं तुम्हें बता रहा हूं कि यहां वह है, जो मंदिर से बढ़कर है.
ⲋ̅ϯϫⲱ ⲇⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ. ϫⲉ ⲡⲉⲧⲟ ⲛⲛⲟϭ ⲉⲡⲣⲡⲉ ⲙⲡⲉⲓⲙⲁ.
7 वस्तुतः तुमने यदि इस बात का अर्थ समझा होता: ‘मैं बलि की नहीं परंतु दया की कामना करता हूं,’ तो तुमने इन निर्दोषों पर आरोप न लगाया होता.
ⲍ̅ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛⲉⲓⲙⲉ ⲇⲉ ϫⲉ ⲟⲩ ⲡⲉ ⲉⲓⲟⲩⲉϣⲟⲩⲛⲁ ⲉϩⲟⲩⲉⲟⲩⲑⲩⲥⲓⲁ. ⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲧϭⲁⲓⲟ ⲁⲛ ⲡⲉ ⲛⲛⲉⲧⲉⲙⲛⲛⲟⲃⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ.
8 क्योंकि मनुष्य का पुत्र शब्बाथ का स्वामी है.”
ⲏ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲅⲁⲣ ⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲡⲉ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ.
9 वहां से चलकर येशु यहूदी सभागृह में गए.
ⲑ̅ⲁϥⲡⲱⲱⲛⲉ ⲇⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲁϥⲉⲓ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉⲧⲉⲩⲥⲩⲛⲁⲅⲱⲅⲏ.
10 वहां एक व्यक्ति था, जिसका हाथ लक़वा मारा हुआ था. उन्होंने येशु से प्रश्न किया, “क्या शब्बाथ पर किसी को स्वस्थ करना व्यवस्था के अनुसार है?” उन्होंने यह प्रश्न इसलिये किया कि वे येशु पर आरोप लगा सकें.
ⲓ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲉⲣⲉⲧⲉϥϭⲓϫ ϣⲟⲩⲱⲟⲩ. ⲁⲩϫⲛⲟⲩϥ ⲉⲧⲃⲏⲏⲧϥ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲉⲛⲉⲉⲝⲉⲥⲧⲉⲓ ⲉⲣⲡⲁϩⲣⲉ ⲉⲣⲟϥ ϩⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ. ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲩⲉⲕⲁⲧⲟⲓⲅⲟⲣⲉⲓ ⲙⲙⲟϥ.
11 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुममें कौन ऐसा व्यक्ति है जिसके पास एक भेड़ है और यदि वह भेड़ शब्बाथ पर गड्ढे में गिर जाए तो वह उसे हाथ बढ़ाकर बाहर न निकाले?
ⲓ̅ⲁ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ. ϫⲉ ⲛⲓⲙ ⲛⲣⲱⲙⲉ ⲛϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ ⲡⲉⲧⲛⲁⲕⲱ ⲛⲁϥ ⲛⲟⲩⲉⲥⲟⲟⲩ ⲛⲟⲩⲱⲧ. ⲛⲧⲉⲡⲁⲓ ϩⲉ ϩⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲉⲩϩⲓⲉⲓⲧ. ⲙⲏ ⲛϥⲛⲁⲁⲙⲁϩⲧⲉ ⲙⲙⲟϥ ⲁⲛ ⲛϥⲧⲟⲩⲛⲟⲥϥ.
12 एक भेड़ की तुलना में मनुष्य कितना अधिक कीमती है! इसलिये शब्बाथ पर किया गया भला काम व्यवस्था के अनुसार होता है.”
ⲓ̅ⲃ̅ⲡⲣⲱⲙⲉ ϭⲉ ϣⲟⲃⲉ ⲛⲟⲩⲏⲣ ⲉⲡⲉⲥⲟⲟⲩ. ϩⲱⲥⲧⲉ ⲉⲝⲉⲥⲧⲉⲓ ϩⲙⲡⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲉⲣⲡⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ.
13 तब येशु ने उस व्यक्ति को आज्ञा दी, “अपना हाथ आगे बढ़ाओ!” उसने हाथ आगे बढ़ाया—वह हाथ दूसरे हाथ के जैसा स्वस्थ हो गया था.
ⲓ̅ⲅ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ. ϫⲉ ⲥⲟⲟⲩⲧⲛ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲧⲉⲕϭⲓϫ. ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲁϥⲥⲟⲩⲧⲱⲛⲥ. ⲁⲥϣⲱⲡⲉ ⲉⲥⲟⲩⲟϫ ⲛⲑⲉ ⲛⲧⲕⲉⲟⲩⲉⲓ.
14 इसलिये फ़रीसी बाहर चले गए तथा येशु की हत्या का षड़्यंत्र रचने लगे.
ⲓ̅ⲇ̅ⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ⲇⲉ ⲁⲩⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲩϫⲓϣⲟϫⲛⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲩⲉⲙⲟⲟⲩⲧϥ.
15 येशु को इसका अहसास था इसलिये वह वहां से चले गए. अनेक थे, जो उनके साथ उनके पीछे-पीछे चल रहे थे. येशु ने उनमें से सभी रोगियों को स्वस्थ कर दिया
ⲓ̅ⲉ̅ⲓ̅ⲥ̅ ⲇⲉ ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲉⲓⲙⲉ ⲁϥⲁⲛⲁⲭⲱⲣⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ. ⲁⲩⲟⲩⲁϩⲟⲩ ⲛⲥⲱϥ ⲛϭⲓⲟⲩⲙⲏⲏϣⲉ ⲉⲛⲁϣⲱϥ. ⲁⲩⲱ ⲁϥⲣⲡⲁϩⲣⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲧⲏⲣⲟⲩ.
16 और उन्हें चेतावनी दी कि इस विषय में वे किसी से वर्णन न करें कि वह कौन हैं.
ⲓ̅ⲋ̅ⲁϥⲉⲡⲓⲧⲓⲙⲁ ⲛⲁⲩ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲛⲛⲉⲩⲟⲩⲟⲛϩϥ ⲉⲃⲟⲗ.
17 यह भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी:
ⲓ̅ⲍ̅ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥⲉϫⲱⲕ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϭⲓⲡⲉⲛⲧⲁⲩϫⲟⲟϥ ϩⲓⲧⲛⲏⲥⲁⲓⲁⲥ ⲡⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ.
18 यही है मेरा चुना हुआ सेवक, मेरा प्रिय पात्र, जिसमें मेरे प्राण को पूरा संतोष है. मैं उसे अपने आत्मा से भरा करूंगा और वह गैर-यहूदियों में न्याय की घोषणा करेगा.
ⲓ̅ⲏ̅ϫⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲡⲁϣⲏⲣⲉ ⲛⲧⲁⲓⲟⲩⲁϣϥ ⲡⲁⲙⲉⲣⲓⲧ ⲡⲉⲛⲧⲁⲧⲁⲯⲩⲭⲏ ⲟⲩⲱϣ ϩⲣⲁⲓ ⲛϩⲏⲧϥ. ϯⲛⲁⲕⲱ ⲙⲡⲁⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲱϥ ⲛϥⲕⲱ ⲛⲟⲩⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲛⲛϩⲉⲑⲛⲟⲥ.
19 वह न तो विवाद करेगा, न ऊंचे शब्द में कुछ कहेगा और न ही गलियों में कोई उसका शब्द सुन सकेगा.
ⲓ̅ⲑ̅ⲛϥⲛⲁϯⲧⲱⲛ ⲁⲛ. ⲟⲩⲇⲉ ⲛϥⲛⲁⲱϣ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ. ⲙⲛⲗⲁⲁⲩ ⲛⲁⲥⲱⲧⲙ ⲉⲧⲉϥⲥⲙⲏ ϩⲛⲛⲉⲡⲗⲁⲧⲓⲁ.
20 कुचले हुए नरकट को वह तोड़ न फेंकेगा, और न ही वह टिमटिमाती बाती को बुझा देगा, जब तक वह न्याय को विजय तक न पहुंचा दे.
ⲕ̅ⲟⲩⲕⲁϣ ⲉϥⲟⲩⲟϣϥ ⲛϥⲛⲁⲟⲩⲟϭⲡϥ ⲁⲛ. ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲥⲟⲗ ⲉϥϩⲧⲙⲧⲱⲙ ⲛϥⲛⲁϫⲉⲛⲁϥ ⲁⲛ. ϣⲁⲛⲧⲉϥⲉⲓⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲡⲉϥϩⲁⲡ ϩⲛⲟⲩⲧⲁϫⲣⲟ.
21 उसकी प्रतिष्ठा में गैर-यहूदियों के लिए आशा होगी.
ⲕ̅ⲁ̅ⲛⲧⲉⲛϩⲉⲑⲛⲟⲥ ϩⲉⲗⲡⲓⲍⲉ ⲉⲡⲉϥⲣⲁⲛ.
22 तब येशु के सामने एक ऐसा व्यक्ति लाया गया, जो दुष्टात्मा से पीड़ित था, वह अंधा तथा गूंगा था. येशु ने उसे स्वस्थ कर दिया. परिणामस्वरूप वह व्यक्ति बातें करने और देखने लगा.
ⲕ̅ⲃ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲁⲩⲉⲓⲛⲉ ⲛⲁϥ ⲛⲟⲩⲃⲗⲗⲉ ⲛⲙⲡⲟ ⲉⲣⲉⲟⲩⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ ϩⲓⲱⲱϥ. ⲁϥⲣⲡⲁϩⲣⲉ ⲉⲣⲟϥ ϩⲱⲥⲧⲉ ⲉⲧⲣⲉⲡⲉⲙⲡⲟ ϣⲁϫⲉ ⲛϥⲛⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ.
23 सभी भीड़ चकित रह गई. मौज़ूद लोग आपस में विचार कर रहे थे, “कहीं यही दावीद का वह वंशज तो नहीं?”
ⲕ̅ⲅ̅ⲁⲩⲣϣⲡⲏⲣⲉ ⲛϭⲓⲙⲙⲏⲏϣⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲙⲏⲧⲉⲓ ⲡⲁⲓ (ⲡⲉ) ⲡϣⲏⲣⲉ ⲛⲇⲁⲩⲉⲓⲇ.
24 किंतु यह सुनकर फ़रीसियों ने इसके विषय में अपना मत दिया, “यह व्यक्ति केवल दुष्टात्माओं के प्रधान बेलज़बूल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकाला करता है.”
ⲕ̅ⲇ̅ⲛⲧⲉⲣⲟⲩⲥⲱⲧⲙ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ⲡⲉϫⲁⲩ. ϫⲉ ⲛⲉⲣⲉⲡⲁⲓ ⲛⲉϫⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ. ⲉⲓⲙⲏⲧⲉⲓ ϩⲣⲁⲓ ϩⲛⲃⲉⲉⲗⲍⲉⲃⲟⲩⲗ ⲡⲁⲣⲭⲱⲛ ⲛⲛⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ.
25 उनके विचारों के विषय में मालूम होने पर येशु ने उनसे कहा, “कोई भी ऐसा राज्य, जिसमें फूट पड़ी हो, मिट जाता है. कोई भी नगर या परिवार फूट की स्थिति में स्थिर नहीं रह पाता.
ⲕ̅ⲉ̅ⲉϥⲥⲟⲟⲩⲛ ⲇⲉ ⲛⲛⲉⲩⲙⲉⲉⲩⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ. ϫⲉ ⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲛⲓⲙ ⲉⲥϣⲁⲛⲡⲱϣ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲱⲥ ϣⲁⲥⲣϫⲁⲓⲉ. ⲁⲩⲱ ⲡⲟⲗⲓⲥ ⲛⲓⲙ ϩⲓⲏⲓ ⲛⲓⲙ ⲉϥϣⲁⲛⲡⲱϣ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲱϥ ⲙⲉϥⲁϩⲉⲣⲁⲧϥ.
26 यदि शैतान ही शैतान को बाहर निकाला करे तो वह अपना ही विरोधी हो जाएगा, तब भला उसका शासन स्थिर कैसे रह सकेगा?
ⲕ̅ⲋ̅ⲉϣϫⲉⲡⲕⲉⲥⲁⲇⲁⲛⲁⲥ ⲉϥⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲡⲥⲁⲇⲁⲛⲁⲥ ⲉⲓⲉ ⲁϥⲡⲱϣ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲱϥ ⲛⲁϣ ϭⲉ ⲛϩⲉ ⲧⲉϥⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲛⲁⲁϩⲉⲣⲁⲧⲥ.
27 यदि मैं दुष्टात्माओं को बेलज़बूल के सहयोग से बाहर निकाला करता हूं तो फिर तुम्हारे लोग उनको कैसे बाहर करती है? परिणामस्वरूप वे ही तुम पर आरोप लगाएंगे.
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ⲉϣϫⲉⲁⲛⲟⲕ ⲉⲓⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲛⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ ϩⲛⲃⲉⲉⲗⲍⲉⲃⲟⲩⲗ ⲉⲓⲉ ⲛⲉⲧⲛϣⲏⲣⲉ ⲉⲩⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲓⲙ. ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ ⲥⲉⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛⲏⲧⲛ ⲛⲣⲉϥϯϩⲁⲡ.
28 परंतु यदि मैं दुष्टात्माओं को परमेश्वर के आत्मा के द्वारा बाहर कर रहा हूं तो यह साबित हो गया है कि तुम्हारे बीच परमेश्वर का राज्य आ चुका है.
ⲕ̅ⲏ̅ⲉϣϫⲉⲁⲛⲟⲕ ⲇⲉ ⲉⲓⲛⲟⲩϫⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲛⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ ϩⲙⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲓⲉ ⲁⲥⲡⲱϩ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲱⲧⲛ ⲛϭⲓⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ.
29 “क्या, यह संभव है कि कोई किसी बलवान व्यक्ति के घर में प्रवेश कर उसकी संपत्ति लूट ले? हां, यदि बलवान व्यक्ति को पहले बांध दिया जाए, तब उसकी संपत्ति को लूट लेना संभव है.
ⲕ̅ⲑ̅ⲏ ⲛⲓⲙ ⲡⲉⲧⲉⲟⲩⲛϭⲟⲙ ⲙⲙⲟϥ ⲉⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲡⲏⲓ ⲙⲡϫⲱⲱⲣⲉ ⲉⲧⲱⲣⲡ ⲛⲛⲉϥϩⲛⲁⲁⲩ ⲉⲓⲙⲏⲧⲉⲓ ⲛϣⲟⲣⲡ ⲛϥⲙⲟⲩⲣ ⲙⲡϫⲱⲱⲣⲉ. ⲧⲟⲧⲉ ⲛϥⲧⲱⲣⲡ ⲙⲡⲉϥⲏⲓ.
30 “वह, जो मेरे पक्ष में नहीं, मेरे विरुद्ध है और वह, जो मेरे साथ इकट्ठा नहीं करता, वह बिखेरता है.
ⲗ̅ⲡⲉⲧⲉⲛϥϣⲟⲟⲡ ⲛⲙⲙⲁⲓ ⲁⲛ ⲉϥϯ ⲟⲩⲃⲏⲓ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲉⲛϥⲥⲩⲛⲁⲅⲉ ⲛⲙⲙⲁⲓ ⲁⲛ ⲉϥϫⲱⲱⲣⲉ ⲉⲃⲟⲗ.
31 इसलिये तुमसे मेरा कहना यही है: लोगों द्वारा किया गया कोई भी पाप, कोई भी परमेश्वर-निंदा क्षमा के योग्य है किंतु पवित्र आत्मा की निंदा क्षमा नहीं की जाएगी.
ⲗ̅ⲁ̅ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲛⲟⲃⲉ ⲛⲓⲙ ϩⲓⲟⲩⲁ ⲛⲓⲙ ⲥⲉⲛⲁⲕⲁⲁⲩ ⲛⲏⲧⲛ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲣⲱⲙⲉ. ⲡϫⲓⲟⲩⲁ ⲇⲉ ⲛⲧⲟϥ ⲉⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ ⲛⲥⲉⲛⲁⲕⲁⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ.
32 यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध कुछ कहे, उसे क्षमा कर दिया जाएगा किंतु यदि कोई पवित्र आत्मा की निंदा में कुछ कहता है, तो उसे क्षमा नहीं किया जाएगा—न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में. (aiōn )
ⲗ̅ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲛⲁϫⲱ ⲛⲟⲩϣⲁϫⲉ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲥⲉⲛⲁⲕⲁⲁϥ ⲛⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ. ⲡⲉⲧⲛⲁϫⲱ ⲇⲉ ⲛⲟⲩϣⲁϫⲉ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ ⲛⲥⲉⲛⲁⲕⲁⲁⲥ ⲛⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲛ. ⲟⲩⲇⲉ ϩⲙⲡⲉⲓⲁⲓⲱⲛ. ⲟⲩⲇⲉ ϩⲙⲡⲉⲧⲛⲏⲩ. (aiōn )
33 “यदि पेड़ अच्छा है तो फल भी अच्छा ही होगा और यदि पेड़ अच्छा नहीं है तो उसका फल भी अच्छा नहीं होगा. पेड़ अपने फल से पहचाना जाता है.
ⲗ̅ⲅ̅ⲏ ⲛⲧⲉⲧⲛⲉⲓⲣⲉ ⲙⲡϣⲏⲛ ⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ ⲙⲛⲡⲉϥⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ. ⲏ ⲛⲧⲉⲧⲛⲉⲓⲣⲉ ⲙⲡϣⲏⲛ ⲉⲑⲟⲟⲩ ⲙⲛⲡⲉϥⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ⲉⲑⲟⲟⲩ. ⲉⲃⲟⲗ ⲅⲁⲣ ϩⲙⲡⲕⲁⲣⲡⲟⲥ ⲛϣⲁⲩⲥⲟⲩⲛⲡϣⲏⲛ.
34 अरे तुम! तुम, जो विषैले सांप की संतान हो, भला तुम्हारे बुरे होने पर तुम्हारे मुख से अच्छी बातें कैसे निकल सकती हैं? क्योंकि मुख से वही मुखरित होता है जो हृदय में भरा होता है.
ⲗ̅ⲇ̅ⲛⲉϫⲡⲟ ⲛⲛⲉϩⲃⲟⲩⲓ. ⲛⲁϣ ⲛϩⲉ ⲟⲩⲛϭⲟⲙ ⲙⲙⲱⲧⲛ ⲉϫⲉⲡⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ ⲛⲧⲉⲧⲛϩⲉⲛⲥⲁ ⲙⲡⲉⲑⲟⲟⲩ. ⲉⲃⲟⲗ ⲅⲁⲣ ϩⲙⲡⲉϩⲟⲩⲟ ⲙⲡϩⲏⲧ ⲉⲣⲉⲧⲧⲁⲡⲣⲟ ϣⲁϫⲉ.
35 भला व्यक्ति स्वयं में भरे हुए उत्तम भंडार में से उत्तम ही निकालता है तथा बुरा व्यक्ति स्वयं में भरे हुए बुरे भंडार में से बुरा.
ⲗ̅ⲉ̅ⲡⲣⲱⲙⲉ ⲛⲁⲅⲁⲑⲟⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲉϥⲁϩⲟ ⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ ⲛϣⲁϥⲧⲁⲩⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲡⲡⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩϥ. ⲁⲩⲱ ⲡⲣⲱⲙⲉ ⲙⲡⲟⲛⲏⲣⲟⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲉϥⲁϩⲟ ⲉⲑⲟⲟⲩ ⲛϣⲁϥⲧⲁⲩⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲙⲡⲉⲑⲟⲟⲩ.
36 तुम पर मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं: हर एक व्यक्ति न्याय-दिवस पर अपने निराधार शब्दों का हिसाब देगा;
ⲗ̅ⲋ̅ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ϣⲁϫⲉ ⲛⲓⲙ ⲛⲁⲣⲅⲟⲛ ⲉⲧⲉⲣⲉⲛⲣⲱⲙⲉ ⲛⲁϫⲟⲟⲩ ⲥⲉⲛⲁϯⲗⲟⲅⲟⲥ ϩⲁⲣⲟⲟⲩ ⲙⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲛⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ.
37 क्योंकि अपने शब्दों के द्वारा ही तुम निर्दोष या दंडित घोषित किए जाओगे.”
ⲗ̅ⲍ̅ⲉⲃⲟⲗ ⲅⲁⲣ ϩⲛⲛⲉⲕϣⲁϫⲉ ⲉⲩⲛⲁⲧⲙⲁⲓⲟⲕ. ⲁⲩⲱ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲉⲕϣⲁϫⲉ ⲉⲩⲛⲁⲧϭⲁⲓⲟⲕ.
38 कुछ शास्त्रियों और फ़रीसियों ने येशु से विनती की, “गुरुवर, हम आपसे कोई अद्भुत चिह्न देखना चाहते हैं.”
ⲗ̅ⲏ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲁⲩⲟⲩⲱϣⲃ ⲛⲁϥ ⲛϭⲓϩⲟⲓⲛⲉ ⲛⲛⲉⲅⲣⲁⲙⲙⲁⲧⲉⲩⲥ ⲙⲛⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲡⲥⲁϩ ⲧⲛⲟⲩⲱϣ ⲉⲛⲁⲩ ⲉⲩⲙⲁⲉⲓⲛ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲕ.
39 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यह दुष्ट तथा परमेश्वर के प्रति निष्ठाहीन पीढ़ी अद्भुत चिह्न की लालसा करती है, फिर भी इसे भविष्यवक्ता योनाह के चिह्न के अतिरिक्त कोई भी चिह्न नहीं दिया जाएगा.
ⲗ̅ⲑ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ. ϫⲉ ⲧⲅⲉⲛⲉⲁ ⲙⲡⲟⲛⲏⲣⲟⲛ. ⲁⲩⲱ ⲛⲛⲟⲉⲓⲕ. ⲥϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁⲟⲩⲙⲁⲉⲓⲛ. ⲁⲩⲱ ⲛⲛⲉⲩϯⲙⲁⲉⲓⲛ ⲛⲁⲥ ⲉⲓⲙⲏⲧⲉⲓ ⲡⲙⲁⲉⲓⲛ ⲛⲓⲱⲛⲁⲥ ⲡⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ.
40 ठीक जैसे भविष्यवक्ता योनाह तीन दिन और तीन रात विशालकाय जल जंतु के पेट में रहे, मनुष्य का पुत्र भी तीन दिन और तीन रात भूमि के भीतर रहेगा.
ⲙ̅ⲛⲑⲉ ⲅⲁⲣ ⲉⲛⲉⲣⲉⲓⲱⲛⲁⲥ ϣⲟⲟⲡ ⲛϩⲏⲧϥ ⲙⲡⲕⲏⲧⲟⲥ ⲛϣⲟⲙⲛⲧ ⲛϩⲟⲟⲩ ⲙⲛϣⲟⲙⲧⲉ ⲛⲟⲩϣⲏ. ⲧⲁⲓ ⲧⲉ ⲑⲉ ⲉⲧⲉⲣⲉⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲙⲙⲟⲥ ϩⲙⲡϩⲏⲧ ⲙⲡⲕⲁϩ ⲛϣⲟⲙⲛⲧ ⲛϩⲟⲟⲩ ⲙⲛϣⲟⲙⲧⲉ ⲛⲟⲩϣⲏ.
41 न्याय-दिवस पर नीनवे नगर की जनता इस पीढ़ी के साथ उपस्थित होगी और इसे धिक्कारेगी क्योंकि उसने तो भविष्यवक्ता योनाह के प्रचार के परिणामस्वरूप पश्चाताप कर लिया, किंतु यहां तो वह है, जो भविष्यवक्ता योनाह से भी बढ़कर है.
ⲙ̅ⲁ̅ⲛⲣⲱⲙⲉ ⲛⲛⲓⲛⲉⲩⲏ ⲛⲁⲧⲱⲟⲩⲛ ϩⲛⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲙⲛⲧⲉⲓⲅⲉⲛⲉⲁ ⲛⲥⲉⲧϭⲁⲓⲟⲥ ϫⲉ ⲁⲩⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ ⲉⲡⲧⲁϣⲉⲟⲉⲓϣ ⲛⲓⲱⲛⲁⲥ. ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥⲡⲉϩⲟⲩⲟ ⲉⲓⲱⲛⲁⲥ ⲙⲡⲉⲓⲙⲁ.
42 न्याय-दिवस पर दक्षिण की रानी इस पीढ़ी के साथ खड़ी होगी और इसे धिक्कारेगी क्योंकि वह पृथ्वी के छोर से यात्रा कर राजा शलोमोन के ज्ञान को सुनने आई थी; किंतु यहां तो वह है, जो राजा शलोमोन से भी बढ़कर है.
ⲙ̅ⲃ̅ⲧⲣⲧⲣⲱ ⲙⲡⲣⲏⲥ ⲛⲁⲧⲱⲟⲩⲛ ϩⲛⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲙⲛⲧⲉⲓⲅⲉⲛⲉⲁ ⲛⲥⲧϭⲁⲓⲟⲥ ϫⲉ ⲁⲥⲉⲓ ϫⲓⲛⲉⲁⲣⲏϫϥ ⲙⲡⲕⲁϩ ⲉⲥⲱⲧⲙ ⲉⲧⲥⲟⲫⲓⲁ ⲛⲥⲟⲗⲟⲙⲱⲛ ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲡⲉϩⲟⲩⲟ ⲉⲥⲟⲗⲟⲙⲱⲛ ⲙⲡⲉⲓⲙⲁ.
43 “जब दुष्टात्मा किसी व्यक्ति में से बाहर आ जाती है, वह निवास स्थान की खोज में सूखे स्थानों में फिरती है, किंतु उसे निवास स्थान प्राप्त नहीं हो पाता.
ⲙ̅ⲅ̅ϩⲟⲧⲁⲛ ⲇⲉ ⲡⲁⲕⲁⲑⲁⲣⲧⲟⲛ ⲙⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉϥϣⲁⲛⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲣⲱⲙⲉ. ϣⲁϥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛϩⲉⲛⲙⲁ ⲉⲙⲛⲙⲟⲟⲩ ⲛϩⲏⲧⲟⲩ ⲉϥϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁⲟⲩⲙⲁ ⲛⲙⲧⲟⲛ. ⲁⲩⲱ ⲙⲉϥϩⲉ ⲉⲟⲩⲟⲛ.
44 तब वह सोचती है, ‘मैं जिस निवास स्थान को छोड़कर आयी थी, वहीं लौट जाऊं.’ वह वहां लौटकर उसे खाली, साफ़ और सुथरा पाती है.
ⲙ̅ⲇ̅ⲧⲟⲧⲉ ϣⲁϥϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ϯⲛⲁⲕⲧⲟⲓ ⲉⲡⲁⲏⲓ ⲡⲙⲁ ⲛⲧⲁⲓⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϩⲏⲧϥ. ⲁⲩⲱ ⲉϥϣⲁⲛⲉⲓ ⲛϥϩⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲉϥⲥⲁϩⲣ ⲁⲩⲱ ⲉϥⲧⲥⲁⲛⲏⲩⲧ.
45 तब वह जाकर अपने से अधिक बुरी सात आत्मा और ले आती है और वे सब उस व्यक्ति में प्रवेश कर उसमें अपना घर बना लेती हैं. तब उस व्यक्ति की स्थिति पहले से खराब हो जाती है. यही स्थिति होगी इस दुष्ट पीढ़ी की भी.”
ⲙ̅ⲉ̅ⲧⲟⲧⲉ ϣⲁϥⲃⲱⲕ ⲛϥϫⲓ ⲛⲙⲙⲁϥ ⲛⲕⲉⲥⲁϣϥ ⲙⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉⲩϩⲟⲟⲩ ⲉⲣⲟϥ. ⲛⲥⲉⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛⲥⲉⲟⲩⲱϩ ϩⲙⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ. ⲛⲧⲉⲑⲁⲏ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ϣⲱⲡⲉ ⲉⲥϩⲟⲟⲩ ⲉⲧⲉϥϩⲟⲩⲉⲓⲧⲉ. ⲧⲁⲓ ⲧⲉ ⲑⲉ ⲉⲧⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛⲧⲉⲓⲅⲉⲛⲉⲁ ⲙⲡⲟⲛⲏⲣⲟⲛ.
46 जब येशु भीड़ से बातें कर रहे थे, उनकी माता तथा उनके भाई उनसे भेंट करने की प्रतीक्षा में बाहर ठहरे हुए थे.
ⲙ̅ⲋ̅ⲉⲧⲓ ⲇⲉ ⲉϥϣⲁϫⲉ ⲙⲛⲙⲙⲏⲏϣⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲧⲉϥⲙⲁⲁⲩ ⲙⲛⲛⲉϥⲥⲛⲏⲩ ⲛⲉⲩⲁϩⲉⲣⲁⲧⲟⲩ ⲡⲉ ϩⲓⲡⲥⲁ ⲙⲃⲟⲗ ⲉⲩϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁϣⲁϫⲉ ⲛⲙⲙⲁϥ.
47 किसी ने उन्हें सूचित किया, “आपकी माता तथा भाई बाहर आपसे भेंट करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं.”
ⲙ̅ⲍ̅
48 जिस व्यक्ति ने येशु को यह सूचना दी थी, उससे येशु ने पूछा, “वास्तव में कौन है मेरी माता और कौन है मेरा भाई?”
ⲙ̅ⲏ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲡⲉϫⲁϥ ⲙⲡⲉⲧϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁϥ. ϫⲉ ⲛⲓⲙ ⲧⲉ ⲧⲁⲙⲁⲁⲩ ⲁⲩⲱ ⲛⲓⲙ ⲛⲉ ⲛⲁⲥⲛⲏⲩ.
49 तब अपने शिष्यों की ओर हाथ से संकेत करते हुए येशु ने कहा, “ये हैं मेरे भाई, मेरी बहन तथा मेरी माता.
ⲙ̅ⲑ̅ⲁϥⲥⲟⲩⲧⲛⲧⲉϥϭⲓϫ ⲉⲃⲟⲗ ⲉϫⲛⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲉⲓⲥⲧⲁⲙⲁⲁⲩ ⲁⲩⲱ ⲛⲁⲥⲛⲏⲩ.
50 जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन तथा मेरी माता.”
ⲛ̅ⲡⲉⲓⲧⲉⲓⲣⲉ ⲅⲁⲣ ⲙⲡⲟⲩⲱϣ ⲙⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ⲉⲧϩⲛⲙⲡⲏⲩⲉ. ⲡⲁⲓ ⲡⲉ ⲡⲁⲥⲟⲛ. ⲁⲩⲱ ⲧⲁⲥⲱⲛⲉ. ⲁⲩⲱ ⲧⲁⲙⲁⲁⲩ.