< मत्ती 11 >
1 जब येशु अपने बारह शिष्यों को निर्देश दे चुके, वह शिक्षा देने और प्रचार के लिए वहां से उनके नगरों में चले गए.
ⲁ̅ⲁⲥϣⲱⲡⲉ ⲇⲉ ⲛⲧⲉⲣⲉⲓ̅ⲥ̅ ⲟⲩⲱ ⲉϥⲟⲩⲉϩⲥⲁϩⲛⲉ ⲙⲡⲉϥⲙⲛⲧⲥⲛⲟⲟⲩⲥ ⲙⲙⲁⲑⲏⲥ ⲁϥⲡⲱⲱⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲉϥϯⲥⲃⲱ ⲁⲩⲱ ⲉϥⲧⲁϣⲉⲟⲉⲓϣ ϩⲣⲁⲓ ϩⲛⲛⲉⲩⲡⲟⲗⲓⲥ.
2 बंदीगृह में जब योहन ने मसीह के कामों के विषय में सुना उन्होंने अपने शिष्यों को येशु से यह पूछने भेजा,
ⲃ̅ⲛⲧⲉⲣⲉϥⲥⲱⲧⲙ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ϩⲣⲁⲓ ϩⲙⲡⲉϣⲧⲉⲕⲟ ⲉⲛⲉϩⲃⲏⲩⲉ ⲙⲡⲉⲭ̅ⲥ̅ ⲁϥϫⲟⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲟⲩ ⲛⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ.
3 “क्या आप वही है, जिसकी प्रतिज्ञा तथा प्रतीक्षा की गई हैं, या हम किसी अन्य का इंतजार करें?”
ⲅ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛⲧⲟⲕ ⲡⲉⲧⲛⲏⲩ ϫⲉ ⲧⲁⲣⲉⲛϭⲱϣⲧ ϩⲏⲧϥ ⲛⲕⲉⲟⲩⲁ.
4 येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जो कुछ तुम देख और सुन रहे हो उसकी सूचना योहन को दे दो:
ⲇ̅ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲇⲉ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲃⲱⲕ ⲛⲧⲉⲧⲛϫⲱ ⲉⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲛⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲥⲱⲧⲙ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲙⲛⲛⲉⲧⲉⲧⲛⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ.
5 अंधे देख पा रहे हैं, लंगड़े चल रहे हैं, कोढ़ के रोगियों को शुद्ध किया जा रहा है, बहिरे सुनने लगे हैं, मरे हुए दोबारा जीवित किए जा रहे हैं तथा कंगालों को सुसमाचार सुनाया जा रहा है.
ⲉ̅ϫⲉ ⲛⲃⲗⲗⲉ ⲛⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ. ⲛϭⲁⲗⲉ ⲙⲟⲟϣⲉ. ⲛⲉⲧⲥⲟⲃϩ ⲧⲃⲃⲟ. ⲛⲁⲗ ⲥⲱⲧⲙ. ⲛⲉⲙⲡⲟ ϣⲁϫⲉ. ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ ⲧⲱⲟⲩⲛ. ⲛϩⲏⲕⲉ ⲥⲉⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲍⲉ ⲛⲁⲩ.
6 धन्य है वह, जिसका विश्वास मुझ पर से नहीं उठता.”
ⲋ̅ⲁⲩⲱ ⲛⲁⲓⲁⲧϥ ⲙⲡⲉⲧⲉⲛϥⲛⲁⲥⲕⲁⲛⲇⲁⲗⲓⲍⲉ ⲁⲛ ϩⲣⲁⲓ ⲛϩⲏⲧ.
7 जब योहन के शिष्य वहां से जा ही रहे थे, प्रभु येशु ने भीड़ से योहन के विषय में कहना प्रारंभ किया, “तुम्हारी आशा बंजर भूमि में क्या देखने की थी? हवा में हिलते हुए सरकंडे को?
ⲍ̅ⲛⲧⲉⲣⲉⲛⲁⲓ ⲇⲉ ⲃⲱⲕ ⲁϥⲁⲣⲭⲉⲓ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲉϫⲟⲟⲥ ⲛⲙⲙⲏⲏϣⲉ ⲉⲧⲃⲉⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ. ϫⲉ ⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲧⲉⲣⲏⲙⲟⲥ ⲉⲛⲁⲩ ⲉⲟⲩ. ⲉⲩⲕⲁϣ ⲉⲣⲉⲡⲧⲏⲩ ⲕⲓⲙ ⲉⲣⲟϥ.
8 यदि यह नहीं तो फिर क्या देखने गए थे? कीमती वस्त्र धारण किए हुए किसी व्यक्ति को? जो ऐसे वस्त्र धारण करते हैं उनका निवास तो राजमहलों में होता है.
ⲏ̅ⲁⲗⲗⲁ ⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲛⲁⲩ ⲉⲟⲩ. ⲉⲩⲣⲱⲙⲉ ⲉⲣⲉϩⲉⲛϩⲃⲥⲱ ⲉⲩϭⲏⲛ ⲧⲟ ϩⲓⲱⲱϥ. ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲛⲉⲧⲫⲟⲣⲉⲓ ⲛⲛϩⲃⲥⲱ ⲉⲩϭⲏⲛ ⲥⲉϩⲛⲛⲏⲓ ⲛⲛⲣⲣⲱⲟⲩ.
9 तुम क्यों गए थे? किसी भविष्यवक्ता से भेंट करने? हां! मैं तुम्हें बता रहा हूं कि यह वह हैं, जो भविष्यवक्ता से भी बढ़कर हैं
ⲑ̅ⲁⲗⲗⲁ ⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲛⲁⲩ ⲉⲟⲩ. ⲉⲩⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ. ⲉϩⲉ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ. ϫⲉ ⲟⲩϩⲟⲩⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲡⲉ.
10 यह वह हैं जिनके विषय में लिखा गया है: “‘मैं अपना दूत तुम्हारे आगे भेज रहा हूं, जो तुम्हारे आगे-आगे जाकर तुम्हारे लिए मार्ग तैयार करेगा.’
ⲓ̅ⲡⲁⲓ ⲅⲁⲣ ⲡⲉⲧⲥⲏϩ ⲉⲧⲃⲏⲏⲧϥ. ϫⲉ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯⲛⲁⲧ(ⲛ)ⲛⲟⲟⲩ ⲙⲡⲁⲁⲅⲅⲉⲗⲟⲥ ϩⲁⲧⲉⲕϩⲏ. ⲡⲁⲓ ⲉⲧⲛⲁⲥⲟϥⲧⲉ ⲛⲧⲉⲕϩⲓⲏ ⲙⲡⲉⲕⲙⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ.
11 सच तो यह है कि आज तक जितने भी मनुष्य हुए हैं उनमें से एक भी बपतिस्मा देनेवाले योहन से बढ़कर नहीं. फिर भी स्वर्ग-राज्य में छोटे से छोटा भी योहन से बढ़कर है.
ⲓ̅ⲁ̅ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ. ϫⲉ ⲙⲡⲉϥⲧⲱⲟⲩⲛ ϩⲙⲡⲉϫⲡⲟ ⲛⲛⲉϩⲓⲟⲙⲉ ⲛϭⲓⲡⲉⲧⲟ ⲛⲛⲟϭ ⲉⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲡⲃⲁⲡⲧⲓⲥⲧⲏⲥ. ⲡⲕⲟⲩⲓ ⲇⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲟⲩⲛⲟϭ ⲉⲣⲟϥ ⲡⲉ ϩⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲛⲙⲡⲏⲩⲉ.
12 बपतिस्मा देनेवाले योहन के समय से लेकर अब तक स्वर्ग-राज्य प्रबलतापूर्वक फैल रहा है और आकांक्षी-उत्साही व्यक्ति इस पर अधिकार कर रहे हैं.
ⲓ̅ⲃ̅ϫⲓⲛⲛⲉϩⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲛⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲡⲃⲁⲡⲧⲓⲥⲧⲏⲥ ϣⲁⲉϩⲣⲁⲓ ⲉⲧⲉⲛⲟⲩ ⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲛⲙⲡⲏⲩⲉ ⲥⲉϫⲓ ⲙⲙⲟⲥ ⲛϭⲟⲛⲥ. ⲁⲩⲱ ⲛⲣⲉϥϫⲓ ⲛϭⲟⲛⲥ ⲧⲱⲣⲡ ⲙⲙⲟⲥ.
13 भविष्यद्वक्ताओं तथा व्यवस्था की भविष्यवाणी योहन तक ही थी.
ⲓ̅ⲅ̅ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲅⲁⲣ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲡⲛⲟⲙⲟⲥ ⲛⲧⲁⲩⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲉⲩⲉ ϣⲁⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ.
14 यदि तुम इस सच में विश्वास कर सको तो सुनो: योहन ही वह एलियाह हैं जिनका दोबारा आगमन होना था.
ⲓ̅ⲇ̅ⲁⲩⲱ ⲉϣϫⲉⲧⲉⲧⲛⲟⲩⲉϣϫⲓⲧϥ ⲛⲧⲟϥ ⲡⲉ ϩⲏⲗⲓⲁⲥ ⲡⲉⲧⲛⲏⲩ.
15 जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.
ⲓ̅ⲉ̅ⲡⲉⲧⲉⲟⲩⲛⲧϥⲙⲁⲁϫⲉ ⲙⲙⲁⲩ ⲉⲥⲱⲧⲙ ⲙⲁⲣⲉϥⲥⲱⲧⲙ.
16 “इस पीढ़ी की तुलना मैं किससे करूं? यह बाजारों में बैठे हुए उन बालकों के समान है, जो पुकारते हुए अन्यों से कह रहे हैं:
ⲓ̅ⲋ̅ⲧⲉⲓⲅⲉⲛⲉⲁ ⲇⲉ ⲉⲓⲛⲁⲧⲛⲧⲱⲛⲥ ⲉⲛⲓⲙ. ⲉⲥⲧⲛⲧⲱⲛ ⲉϩⲉⲛϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ ⲉⲩϩⲙⲟⲟⲥ ϩⲛⲛⲁⲅⲟⲣⲁ. ⲛⲁⲓ ⲉⲧⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲛⲉⲩϣⲃⲉⲉⲣ
17 “‘जब हमने तुम्हारे लिए बांसुरी बजाई, तुम न नाचे; हमने शोक गीत भी गाए, फिर भी तुम न रोए.’
ⲓ̅ⲍ̅ⲉⲩϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲁⲛϫⲱ ⲉⲣⲱⲧⲛ ⲙⲡⲉⲧⲛϭⲟⲥϭⲥ. ⲁⲛⲧⲟⲉⲓⲧ ⲙⲡⲉⲧⲛⲛⲉϩⲡⲉ.
18 योहन रोटी नहीं खाते, और दाखरस नहीं पीते थे. इसलिये लोगों ने घोषणा की, ‘उसमें दुष्टात्मा है.’
ⲓ̅ⲏ̅ⲁϥⲉⲓ ⲅⲁⲣ ⲛϭⲓⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲉⲛϥⲟⲩⲱⲙ ⲁⲛ ⲟⲩⲇⲉ ⲛϥⲥⲱ ⲁⲛ. ⲡⲉϫⲁⲩ ϫⲉ ⲟⲩⲛⲟⲩⲇⲁⲓⲙⲱⲛⲓⲟⲛ ϩⲓⲱⲱϥ.
19 मनुष्य का पुत्र खाते-पीते आया, और उन्होंने घोषित कर दिया, ‘अरे, वह तो पेटू और पियक्कड़ है; वह तो चुंगी लेनेवालों और अपराधी व्यक्तियों का मित्र है!’ बुद्धि अपने कामों से सही साबित होती है.”
ⲓ̅ⲑ̅ⲁϥⲉⲓ ⲛϭⲓⲡϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲣⲱⲙⲉ ⲉϥⲟⲩⲱⲙ ⲁⲩⲱ ⲉϥⲥⲱ. ⲡⲉϫⲁⲩ ϫⲉ ⲉⲓⲥⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲛⲣⲉϥⲟⲩⲱⲙ ⲁⲩⲱ ⲛⲣⲉϥⲥⲉⲏⲣⲡ ⲛϣⲃⲏⲣⲧⲉⲗⲱⲛⲏⲥ ϩⲓⲣⲉϥⲣⲛⲟⲃⲉ. ⲁⲩⲱ ⲁⲥⲧⲙⲁⲓⲟ ⲛϭⲓⲧⲥⲟⲫⲓⲁ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛⲛⲉⲥϩⲃⲏⲩⲉ.
20 येशु ने अधिकांश अद्भुत काम इन्हीं नगरों में किए थे; फिर भी इन नगरों ने पश्चाताप नहीं किया था, इसलिये येशु इन नगरों को धिक्कारने लगे.
ⲕ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲁϥⲁⲣⲭⲉⲓ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲛⲛⲟϭⲛⲉϭ ⲛⲙⲡⲟⲗⲓⲥ. ⲛⲁⲓ ⲛⲧⲁⲡⲉϩⲟⲩⲟ ⲛⲛⲉϥϭⲟⲙ ϣⲱⲡⲉ ϩⲣⲁⲓ ⲛϩⲏⲧⲟⲩ ϫⲉ ⲙⲡⲟⲩⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ.
21 “धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, सिर पर राख डाल कब के पश्चाताप कर चुके होते!
ⲕ̅ⲁ̅ϫⲉ ⲟⲩⲟⲓ ⲛⲏ ⲭⲟⲣⲁⲍⲉⲓⲛ. ⲟⲩⲟⲓ ⲛⲏ ⲃⲏⲇⲥⲁⲓⲇⲁ. ϫⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲛϭⲟⲙ ⲛⲧⲁⲩϣⲱⲡⲉ ⲛϩⲏⲧⲧⲏⲩⲧⲛ ϣⲱⲡⲉ ϩⲛⲧⲩⲣⲟⲥ ⲙⲛⲥⲓⲇⲱⲛ ⲉϣϫⲡⲉ ⲁⲩⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲉⲓ ϩⲛⲟⲩϭⲟⲟⲩⲛⲉ ⲙⲛⲟⲩⲕⲣⲙⲉⲥ.
22 फिर भी मैं कहता हूं, सुनो: न्याय-दिवस पर सोर और सीदोन नगरों का दंड तेरे दंड से अधिक सहने योग्य होगा.
ⲕ̅ⲃ̅ⲡⲗⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ. ϫⲉ ⲟⲩⲛ(ⲟⲩ)ⲙⲧⲟⲛ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲛⲧⲩⲣⲟⲥ ⲙⲛⲥⲓⲇⲱⲛ ⲙⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲛⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲉϩⲟⲩⲉⲉⲣⲱⲧⲛ.
23 और कफ़रनहूम, तू! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा क्योंकि जो अद्भुत काम तुझमें किए गए, यदि वे ही सोदोम नगर में किए गए होते तो वह आज भी बना होता. (Hadēs )
ⲕ̅ⲅ̅ⲛⲧⲟ ϩⲱⲱⲧⲉ ⲕⲁⲫⲁⲣⲛⲁⲟⲩⲙ ⲙⲏ ⲧⲉⲛⲁϫⲓⲥⲉ ϣⲁⲉϩⲣⲁⲓ ⲉⲧⲡⲉ. ⲧⲉⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ϣⲁⲁⲙⲛⲧⲉ ϫⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲛϭⲟⲙ ⲛⲧⲁⲩϣⲱⲡⲉ ϩⲣⲁⲓ ⲛϩⲏⲧⲉ ϣⲱⲡⲉ ϩⲛⲥⲟⲇⲟⲙⲁ ⲙⲛⲅⲟⲙⲟⲣⲣⲁ ⲛⲉⲩⲛⲁϭⲱ ⲡⲉ ϣⲁⲡⲟⲟⲩ ⲛϩⲟⲟⲩ. (Hadēs )
24 फिर भी आज जो मैं कह रहा हूं उसे याद रख: न्याय-दिवस पर सोदोम नगर का दंड तेरे दंड से अधिक सहने योग्य होगा.”
ⲕ̅ⲇ̅ⲡⲗⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ. ϫⲉ ⲟⲩⲛⲟⲩⲙⲧⲟⲛ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲙⲡⲕⲁϩ ⲛⲥⲟⲇⲟⲙⲁ ⲙⲛⲅⲟⲙⲟⲣⲣⲁ ⲙⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲛⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲉϩⲟⲩⲉⲉⲣⲟ.
25 यह वह अवसर था जब येशु ने इस प्रकार कहा: “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था.
ⲕ̅ⲉ̅ϩⲙⲡⲉⲩⲟⲉⲓϣ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲁϥⲟⲩⲱϣⲃ ⲛϭⲓⲓ̅ⲥ̅ ⲉϥϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ. ϫⲉ ϯⲉⲝⲟⲙⲟⲗⲟⲅⲉⲓ ⲛⲁⲕ ⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛⲧⲡⲉ ⲙⲛⲡⲕⲁϩ. ϫⲉ ⲛⲁⲓ ⲁⲕϩⲟⲡⲟⲩ ⲉⲛⲥⲟⲫⲟⲥ ⲙⲛⲛⲥⲁⲃⲉⲉⲩ ⲁⲕϭⲟⲗⲡⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲛϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ.
26 सच है, पिता, क्योंकि इसी में आपको परम संतोष था.
ⲕ̅ⲋ̅ⲁϩⲉ ⲡⲁⲉⲓⲱⲧ ϫⲉ ⲛⲧⲁⲥⲣⲁⲛⲁⲕ ⲛⲧⲉⲓϩⲉ ⲙⲡⲉⲕⲙⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ.
27 “मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई पुत्र को नहीं जानता और न ही कोई पिता को जानता है, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें.
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩϯ ⲛⲁⲓ ⲙⲡⲧⲏⲣϥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧϥ ⲙⲡⲁⲉⲓⲱⲧ. ⲁⲩⲱ ⲙⲛⲗⲁⲁⲩ ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲡϣⲏⲣⲉ ⲉⲓⲙⲏⲧⲓ ⲡⲉⲓⲱⲧ. ⲟⲩⲇⲉ ⲙⲛⲗⲁⲁⲩ ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙⲡⲉⲓⲱⲧ ⲉⲓⲙⲏⲧⲉⲓ ⲡϣⲏⲣⲉ. ⲙⲛⲡⲉⲧⲉⲣⲉⲡϣⲏⲣⲉ ⲛⲁⲟⲩⲱϣ ⲉⲟⲩⲱϣ ⲉⲩⲱⲛϩ ⲛⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ.
28 “तुम सभी, जो थके हुए तथा भारी बोझ से दबे हो, मेरे पास आओ, तुम्हें विश्राम मैं दूंगा.
ⲕ̅ⲏ̅ⲁⲙⲏⲓⲧⲛ ϣⲁⲣⲟⲓ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲉⲧϩⲟⲥⲉ ⲁⲩⲱ ⲉⲧⲟⲧⲡ. ⲁⲩⲱ ⲁⲛⲟⲕ ϯⲛⲁϯⲙⲧⲟⲛ ⲛⲏⲧⲛ.
29 मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सीखो क्योंकि मैं दीन और हृदय से नम्र हूं और तुम्हें मन में विश्राम प्राप्त होगा
ⲕ̅ⲑ̅ϥⲓ ⲙⲡⲁⲛⲁϩⲃ ⲉϩⲣⲁⲓ ⲉϫⲛⲧⲏⲩⲧⲛ. ⲛⲧⲉⲧⲛⲉⲓⲙⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϩⲏⲧ ϫⲉ ⲁⲛⲅⲟⲩⲣⲙⲣⲁϣ ⲁⲩⲱ ϯⲑⲃⲃⲓⲏⲩ ϩⲙⲡⲁϩⲏⲧ. ⲧⲁⲣⲉⲧⲉⲧⲛϩⲉ ⲉⲩⲙⲧⲟⲛ ⲛⲛⲉⲯⲩⲭⲏ.
30 क्योंकि सहज है मेरा जूआ और हल्का है मेरा बोझ.”
ⲗ̅ⲡⲁⲛⲁϩⲃ ⲅⲁⲣ ⲛⲁϩⲗⲱϭϥ ⲁⲩⲱ ⲥⲁⲥⲱⲟⲩ ⲛϭⲓⲧⲁⲉⲧⲡⲱ.