< मरकुस 9 >
1 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: यहां उपस्थित व्यक्तियों में कुछ ऐसे हैं, जो मृत्यु तब तक न चखेंगे, जब तक वे परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य के साथ आया हुआ न देख लें.”
तैखन यीशुए तैन सेइं ज़ोवं, “अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोतईं कि ज़ैना इड़ी खड़े आन, तैन मरां किछ मैन्हु एरे आन कि ज़ांतगर तैना परमेशरेरे राज़्ज़ेरी शक्ति न हेरेले, तांतगर तैना न मरेले।”
2 छः दिन बाद मसीह येशु केवल पेतरॉस, याकोब तथा योहन को एक ऊंचे पर्वत पर ले गए कि उन्हें वहां एकांत मिल सके. वहां उन्हीं के सामने मसीह येशु का रूपान्तरण हुआ.
शेइ दिहाड़ना बाद, यीशु अपने चेले पतरस, याकूब त कने यूहन्ना सेइं साथी एक्की पहाड़े पुड़ च़ढ़ो, ज़ेड़ी कोई भी न थियो। तैड़ी तैन केरे सामने यीशुएरी शकल बेदलोई जेई।
3 उनके वस्त्र उज्जवल तथा इतने अधिक सफ़ेद हो गए कि पृथ्वी पर कोई भी किसी भी रीति से इतनी उज्जवल सफेदी नहीं ला सकता.
तैसेरां लिगड़ां हियूंवेरां ज़ेरां बड़ां चमकने लग्गां कि एत्रे छ़ित्तां भुआं कि धेरती पुड़ कोई भी लिगड़ां धोनेबालो एरां ज़ेरां छ़ित्तां न केरि सके।
4 उन्हें वहां मोशेह के साथ एलियाह दिखाई दिए. वे मसीह येशु के साथ बातें कर रहे थे.
तैखन तैड़ी मूसा नबी त कने एलिय्याह भी यीशु सेइं साथी लेइहोए। ते तैना यीशु सेइं गल्लां केरने लग्गे।
5 यह देख पेतरॉस बोल उठे, “रब्बी! हमारा यहां होना कितना सुखद है! हम यहां तीन मंडप बनाएं—एक आपके लिए, एक मोशेह के लिए तथा एक एलियाह के लिए.”
ज़ैखन पतरसे एन हेरू, त तैनी यीशु सेइं ज़ोवं, “हे गुरू, इश्शू इड़ी रानू रोड़ू आए! एल्हेरेलेइ, अस ट्लाई डेरे बनाम, अक तेरे लेइ, अक मूसेरे लेइ, त कने अक एलिय्याहेरे लेइ।”
6 पेतरॉस को यह मालूम ही न था कि वह क्या कहे जा रहे हैं—इतने अत्यधिक भयभीत हो गए थे शिष्य!
पतरसे एन्च़रां एल्हेरेलेइ ज़ोवं किजोकि तैस पतो न थियो कि कुन ज़ोईं, किजोकि तै त कने होरे दूई चेले भी बड़े डेरि जोरे थिये।
7 तभी एक बादल ने वहां अचानक प्रकट होकर उन्हें ढक लिया और उसमें से निकला एक शब्द सुनाई दिया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परम प्रिय—जो वह कहता है, उस पर ध्यान दो!”
तैखन तैड़ी तैन पुड़ बिदलार आई ते तैस बिदलारी मरां परमेशरेरी आवाज़ आई, “एन मेरू ट्लारू मट्ठू आए। ध्याने सेइं एसेरी गल शुना!”
8 तभी उन्होंने देखा कि मसीह येशु के अतिरिक्त वहां कोई भी न था.
अकदम, ज़ैखन यीशुएरे चेलेईं च़ेव्रे पासन तक्कू, त यीशुएरे अलावा तैड़ी तैन कोई भी न लेइहोव।
9 पर्वत से नीचे उतरते हुए मसीह येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से जीवित न हो जाए, तब तक जो उन्होंने देखा है उसकी चर्चा किसी से न करें.
पहाड़े पुड़ेरां ओस्ते-ओस्ते यीशुए अपने चेलन हुक्म दित्तो कि, “ज़ांतगर मैनेरू मट्ठू, यानी अवं, मेरतां ज़ींतो न भोईं, तांतगर ज़ैन किछ तुसेईं पहाड़े पुड़ लावरूए, तैन केन्ची सेइं न ज़ोइयथ।”
10 इस घटना को उन्होंने अपने तक ही सीमित रखा. हां, वे इस विषय पर विचार-विमर्श अवश्य करते रहे कि मरे हुओं में से जीवित होने का मतलब क्या हो सकता है.
तैनेईं तैन केन्ची सेइं न ज़ोवं, ते तैना एप्पू मांमेइं गलबात केरने लग्गे कि, “मेरतां ज़ींतो भोनेरो कुन मतलब भोइ सकते।”
11 शिष्यों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “क्या कारण है कि शास्त्री कहते हैं कि पहले एलियाह का आना अवश्य है?”
तैखन तैनेईं यीशुए पुच़्छ़ू, “शास्त्री लोक किजो ज़ोतन कि मसीहेरे एजनेरां पेइले एलिय्याह नेबेरू दुनियाई मां एजनू ज़रूरी आए?”
12 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “सच है. एलियाह ही पहले आएगा तथा सब कुछ व्यवस्थित करेगा. अब यह बताओ: पवित्र शास्त्र में मनुष्य के पुत्र के विषय में यह वर्णन क्यों है कि उसे अनेक यातनाएं दी जाएंगी तथा उसे तुच्छ समझा जाएगा?
यीशुए तैन जुवाब दित्तो, “ते तै सच़्च़ी गल आए कि मसीहेरे एजने केरां पेइले एलिय्याह एजतां सैरी गल्लां ठीक केरनिन। पन परमेशरेरी किताबी मां मैनेरे मट्ठेरे बारे मां, यानी मेरे बारे मां एन किजो लिखोरूए कि, ‘मीं बड़े दुख झ़ल्लनेन त लोक मीं निकम्मो समझ़ेले?’
13 सुनो! वास्तव में एलियाह आ चुके है और उन्होंने उनके साथ मनमाना व्यवहार किया—ठीक जैसा कि वर्णन किया गया था.”
पन अवं तुसन सेइं ज़ोतईं कि ‘एलिय्याह’ त पेइले ओरोए, (यूहन्ना, एलिय्याहरे जगाई अव) त ज़ेन्च़रां तैसेरे बारे मां परमेशरेरी किताबी मां लिखोरू थियूं, तेन्च़रां तैनेईं तैस सेइं कियूं, यानी ज़ेन्च़रां तैना चाते थिये, तेन्च़रां तैनेईं तैस सेइं बुरू कियूं।”
14 जब ये तीन लौटकर शेष शिष्यों के पास आए तो देखा कि एक बड़ी भीड़ उन शिष्यों के चारों ओर जमा हो गई है और शास्त्री वाद-विवाद किए जा रहे थे.
तैल्ला पत्ती, यीशु त तैसेरे ट्लाई चेले पहाड़े पुड़ेरां ओस्तां, होरि चेलन कां पुज़्ज़े, ज़ैना बुन थिये। तैड़ी एजतां यीशुए तैन चेलन केरे च़ेव्रे पासन मैन्हु केरि बड़ी भीड़ लाई। शास्त्री तैन चेलन सेइं बेंस केरि राओरे थिये।
15 मसीह येशु को देखते ही भीड़ को आश्चर्य हुआ और वह नमस्कार करने उनकी ओर दौड़ पड़ी.
यीशु लेइतां सारे लोक बड़े हैरान भोए। तैना तैसेरे पासे दौड़तां आए ते तैस जो नमस्कार कियूं।
16 मसीह येशु ने शिष्यों से पूछा, “किस विषय पर उनसे वाद-विवाद कर रहे थे तुम?”
तैखन यीशुए तैन पुच़्छ़ू, “मेरे चेलन सेइं कुन बेंस केरि राओरेथ?”
17 भीड़ में से एक व्यक्ति ने उनसे कहा, “गुरुवर, मैं अपने पुत्र को आपके पास लाया था. उसमें समाई हुई आत्मा ने उसे गूंगा बना दिया है.
मैन्हु केरि भीड़ी मरां एक्की मैने यीशु जुवाब दित्तो, “हे उस्ताद, मीं अपनू मट्ठू तीं कां आनेरू थियूं, ताके तैन ठीक भोए। किजोकि तैस पुड़ भूतेरो सायो आए, ते तैस गल केरने न दे।
18 जब यह दुष्टात्मा उस पर प्रबल होती है, उसे भूमि पर पटक देती है. उसके मुंह से फेन निकलने लगता है, वह दांत पीसने लगता है तथा उसका शरीर ऐंठ जाता है. मैंने आपके शिष्यों से इसे निकालने की विनती की थी किंतु वे असफल रहे.”
कोन्ची भी ठैरी तैन भूत मेरे मट्ठे ट्लाते, ते ज़मीनी पुड़ बिछ़ोड़ते। तैखन तैसेरे ऐशी मरां शैम्फ़ एच्चे ते तैन दंत कटते ते ठठमुकर भोइ गाते। मीं तेरे चेलन सेइं ज़ोरू थियूं कि, ‘मेरे मट्ठे पुड़ेरां भूतेरो सायो केड्डी देथ।’ पन तैना केड्डी न सके!”
19 मसीह येशु ने भीड़ से कहा, “अरे ओ अविश्वासी और बिगड़ी हुई पीढ़ी!” प्रभु येशु ने कहा, “मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूंगा, कब तक धीरज रखूंगा? यहां लाओ बालक को!”
एन गल्लां शुन्तां यीशुए तैन जुवाब दित्तो, “हे गैर विश्वासी मैनाव! अवं केइस तगर तुसन सेइं साथी रालो? त केइस तगर अवं तुश्शो अविश्वास झ़ैल्ललो? तैस मट्ठे मीं कां आनां!”
20 लोग बालक को उनके पास ले आए. मसीह येशु पर दृष्टि पड़ते ही दुष्टात्मा ने बालक में ऐंठन उत्पन्न कर दी. वह भूमि पर गिरकर लोटने लगा और उसके मुंह से फेन आने लगा.
तैखन तैनेईं तैन मट्ठू यीशु कां आनू। ज़ैखन तैनी भूते यीशु लाव, त तैनी अकदम तैन मट्ठू मरोड़ू, ते मट्ठू तल्ले बिछ़ड़ू। ते तैसेरी ऐशी मरां शैम्फ़ निस्ने लग्गी त तैन ड्लेडने लग्गू।
21 मसीह येशु ने बालक के पिता से पूछा, “यह सब कब से हो रहा है?” “बचपन से,” उसने उत्तर दिया.
यीशुए तैसेरे बाजी पुच़्छ़ू, “एसेरी ए हालत केइसेरी देंती आए?” तैसेरे बाजे ज़ोवं, “बचपनेरी देंती।
22 “इस दुष्टात्मा ने उसे हमेशा जल और आग दोनों ही में फेंककर नाश करने की कोशिश की है. यदि आपके लिए कुछ संभव है, हम पर दया कर हमारी सहायता कीजिए!”
एस मारनेरे लेइ एन भूत बड़े बार कधी अग्गी मां ते कधी पैनी मां बिछ़ोड़तू राते, पन अगर तू किछ केरि सकतस, त असन पुड़ तरस खेइतां इश्शी मद्दत केर!”
23 “यदि आपके लिए!” मसीह येशु ने कहा, “सब कुछ संभव है उसके लिए, जो विश्वास करता है.”
यीशुए तैस मट्ठेरे बाजी सेइं ज़ोवं, “तू ए को गल केरतस! अगर तू विश्वास केरस, त एन भोइ सकते। किजोकि मीं पुड़ विश्वास केरनेबालां केरे लेइ सब किछ भोइ सकते।”
24 ऊंचे शब्द में बालक के पिता ने कहा, “मैं विश्वास करता हूं. मेरे अविश्वास को दूर करने में मेरी सहायता कीजिए.”
तैस मट्ठेरे बाजे अकदम ज़ोरे सेइं लेरां देइतां ज़ोवं, “हे प्रभु, अवं विश्वास केरतईं, मेरी मद्दत केर कि अवं शक न केरि।”
25 जब मसीह येशु ने देखा कि और अधिक लोग बड़ी शीघ्रतापूर्वक वहां इकट्ठा होते जा रहे हैं, उन्होंने दुष्टात्मा को डांटते हुए कहा, “ओ गूंगे और बहिरे दुष्टात्मा, मेरा आदेश है कि इसमें से बाहर निकल जा और इसमें फिर कभी प्रवेश न करना.”
ज़ैखन यीशुए हेरू कि बड़े लोक दौड़तां अकोट्ठे भोने लग्गोरेन, त तैनी भूत एन ज़ोइतां डांटू, “हे भूता, ज़ै एस मट्ठे टोव्नू त लट्टू बनातस। अवं तीं हुक्म देताईं, एस मट्ठे मरां निस्सी गा, ते एसमां फिरी कधी भी न एज्जां!”
26 उस बालक को और भी अधिक भयावह ऐंठन में डालकर चिल्लाते हुए वह दुष्टात्मा उसमें से निकल गया. वह बालक ऐसा हो गया मानो उसके प्राण ही निकल गए हों. कुछ तो यहां तक कहने लगे, “इसकी मृत्यु हो गई है.”
तैखन तैनी भूते चिन्डां मारी त तैन मट्ठू मरोड़ू, फिरी तैन तैस मट्ठे मरां निस्सी जेव। त मट्ठू मरू ज़ेरू भोइ ज़ोवं, इड़ी तगर कि बड़े लोक ज़ोने लग्गे कि मट्ठू मेरि ज़ोवं।
27 किंतु मसीह येशु ने बालक का हाथ पकड़ उसे उठाया और वह खड़ा हो गया.
पन यीशुए मट्ठेरो हथ ट्लेइतां खड़ू कियूं। ते मट्ठू ठीक भोइतां खड़ू भोवं।
28 जब मसीह येशु ने उस घर में प्रवेश किया एकांत पाकर शिष्यों ने उनसे पूछा, “हम उस दुष्टात्मा को क्यों नहीं निकाल सके?”
तैल्ला पत्ती, यीशु ते तैसेरे चेले घरे जो जे। ज़ैखन तै अकैल्लो थियो तैखन तैसेरे चेलेईं तैस पुच़्छ़ू, “अस तैस मट्ठे मरां भूतेरो सायो की न केड्डी सके?”
29 येशु ने उत्तर दिया, “सिवाय प्रार्थना के इस वर्ग निकाला ही नहीं जा सकता.”
यीशुए तैन सेइं ज़ोवं, “बगैर प्रार्थनारे (त कने बगैर बरत रखनेरे) अलावा, होरि केन्ची तरीके सेइं, तुस एरे ज़ेरे भूतेरो सायो न केड्डी सकतथ।”
30 वहां से निकलकर उन्होंने गलील प्रदेश का मार्ग लिया. मसीह येशु नहीं चाहते थे कि किसी को भी इस यात्रा के विषय में मालूम हो.
तैल्ला पत्ती, यीशु त तैसेरे चेले तैट्ठां निस्तां गलील इलाके मांमेइं च़ेलि राओरे थिये। यीशु न चातो थियो कि कोई तैसेरे बारे मां ज़ाने कि तै तैड़ी ओरोए,
31 इसलिये कि मसीह येशु अपने शिष्यों को यह शिक्षा दे रहे थे, “मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथों पकड़वा दिया जाएगा. वे उसकी हत्या कर देंगे. तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से जीवित हो जाएगा.”
किजोकि तैखन तै अपने चेलन शिक्षा देतो ते तैन सेइं ज़ोतो थियो कि, “मेरे दुश्मनेईं मैनेरू मट्ठू, यानी अवं कैद केरनोईं। त तैनेईं अवं मारनोईं, पन मारनेरां ट्लेइयोवं दिहाड़े अवं मुड़दन मरां फिरी ज़ींतो भोनोईं।”
32 किंतु यह विषय शिष्यों की समझ से परे रहा तथा वे इसका अर्थ पूछने में डर भी रहे थे.
पन यीशुएरी ए गल चेलां केरि समझ़ी मां न आई, ते तैना एस गल्लारो मतलब पुछ़ने केरां भी डरते थिये।
33 कफ़रनहूम नगर पहुंचकर जब उन्होंने घर में प्रवेश किया मसीह येशु ने शिष्यों से पूछा, “मार्ग में तुम किस विषय पर विचार-विमर्श कर रहे थे?”
तैल्ला पत्ती, यीशु ते तैसेरे चेले कफरनहूम नगरे मां आए। तैना तैड़ी एक्की घरे मां जे। तैखन यीशुए अपने चेलन पुच़्छ़ू, “बत्तां च़लते-च़लते तुस एप्पू मांमेइं कोस गल्लारे बारे मां बेंस केरि राओरे थिये?”
34 शिष्य मौन बने रहे क्योंकि मार्ग में उनके विचार-विमर्श का विषय था उनमें बड़ा कौन है.
तैना सब शरमेइतां च़ुप राए, किजोकि तैनेईं बत्तां एप्पू मांमेइं एसेरे बारे मां बेंस कियोरी थी कि असन मां बड्डो मैन्हु कौन आए।
35 मसीह येशु ने बैठते हुए बारहों को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “यदि किसी की इच्छा बड़ा बनने की है, वह छोटा हो जाए और सबका सेवक बने.”
तैखन यीशुए तल्ले बिश्तां अपने 12 चेले कुजाए ते तैन सेइं ज़ोवं, “अगर कोई परमेशरेरी नज़री मां बड्डो बन्नू चाते, त तै सेब्भन केरां निकड़ो बने, ते कने सेब्भी मैन्हु केरो सेवक बने।”
36 उन्होंने एक बालक को उनके मध्य खड़ा किया और फिर उसे गोद में लेकर शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा,
तैखन यीशुए अक निकड़ो बच्चो हथ्थन मां ट्लेइतां, तैन केरे मझ़ाटे खड़ो कियो। तैनी तै बच्चो अपने कुम्मे मां रेखतां अपने चेलन सेइं ज़ोवं,
37 “जो कोई ऐसे बालक को मेरे नाम में स्वीकार करता है, मुझे स्वीकार करता है तथा जो कोई मुझे स्वीकार करता है, वह मुझे नहीं परंतु मेरे भेजनेवाले को स्वीकार करता है.”
“ज़ैना लोक मीं सेइं प्यार केरनेरे वजाई सेइं एरे ज़ेरे बच्चन मरां अक भी कबूल केरतन, तैना मीं कबूल केरतन। ज़ैना मीं कबूल केरतन, तैना सिर्फ मीं नईं, पन तैना परमेशरे भी कबूल केरतन, ज़ैनी अवं इड़ी भेज़ोरोईं।”
38 योहन ने मसीह येशु को सूचना दी, “गुरुवर, हमने एक व्यक्ति को आपके नाम में दुष्टात्मा निकालते हुए देखा है. हमने उसे रोकने का प्रयास किया क्योंकि वह हममें से नहीं है.”
तैखन यूहन्ने यीशु सेइं ज़ोवं, “हे गुरू, असेईं अक मैन्हु लाव, ज़ै तेरू नंव घिन्तां लोकन मरां भूतेरो सायो केड्डी राओरो थियो। एल्हेरेलेइ, असेईं तै मैन्हु ठाको, किजोकि तै असन सेइं साथी तीं पत्ती नईं च़ले।”
39 “मत रोको उसे!” मसीह येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “कोई भी, जो मेरे नाम में अद्भुत काम करता है, दूसरे ही क्षण मेरी निंदा नहीं कर सकता
पन यीशुए जुवाब दित्तो, “तैस न ठाका, किजोकि अगर कोई मेरे नंव घिन्तां चमत्कारेरां कम्मां केरे, त तै मेरे बारे मां लूशी बुरी गल्लां न ज़ोए।
40 क्योंकि वह व्यक्ति, जो हमारे विरुद्ध नहीं है, हमारे पक्ष में ही है.
किजोकि ज़ैना इश्शे खलाफ कम न केरन, तैना इश्शे पासेन।
41 यदि कोई तुम्हें एक कटोरा जल इसलिये पिलाता है कि तुम मसीह के शिष्य हो तो मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; वह अपना प्रतिफल न खोएगा.
अगर कोई मेरे नंव्वे सेइं तुश्शी मद्दत केरे, अक गिलास पानी भी तुसन पियाए, कि मसीहेरे आथ, त अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोतां कि तै मैन्हु परमेशरे केरां अपनो फल ज़रूर हासिल केरेलो।
42 “और यदि कोई इन मासूम बालकों के, जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा है, पतन का कारण बने, उसके लिए सही यही होगा कि उसके गले में चक्की का पाट बांध उसे समुद्र में फेंक दिया जाए.
“ज़ै कोई इन निकड़े बच्चन मरां ज़ैना मीं पुड़ विश्वास केरतन, केन्ची भी पाप करवाए, त तैस मैनेरे लेइ एन रोड़ू आए कि ढ्लाटेरो अक बड्डो ढ्लेइटोल तैसेरे गल्ले सेइं बेंधतां समुन्द्रे मां शारो गाए।
43 यदि तुम्हारा हाथ तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यह होगा कि तुम एक विकलांग के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों हाथों के होते हुए नर्क में जाओ, जहां आग कभी नहीं बुझती, [ (Geenna )
अगर तेरो हथ तीं पाप केरनेरे लेइ ठोकर खुवाए, त तैस केट्टी छ़ड। किजोकि तेरे लेइ दूई हथ भोंते सांते सज़ा मैलनेरे लेइ नरकेरी अग्गी मां गाने केरां एन रोड़ू आए, कि तू डोण्डो भोइतां हमेशारी ज़िन्दगी मां दाखल भोस। किजोकि नरकेरी अग कधी भी न हिश्शे। (Geenna )
44 जहां उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती].
तैड़ी तैन केरे कीड़े, ज़ैना तैन खातन न मरन ते कने अग भी न हिश्शे।
45 यदि तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर का कारण हो जाता है उसे काट फेंको. तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दो पांवों के होते हुए नर्क में फेंके जाओ, [ (Geenna )
त अगर तेरो पाव तीं पाप केरनेरे लेइ ठोकर खुवाए, त तैस केट्टी छ़ड। किजोकि तेरे लेइ दूई पाव भोंते सांते सज़ा मैलनेरे लेइ नरकेरी अग्गी मां गाने केरां एन रोड़ू आए, कि तू टोंटो भोइतां हमेशारी ज़िन्दगी मां दाखल भोस। किजोकि नरकेरी अग कधी भी न हिश्शे। (Geenna )
46 जहां उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती].
तैड़ी तैन केरे कीड़े, यानी ज़ैना तैन खातन न मरन त अग भी न हिश्शे।
47 यदि तुम्हारी आंख तुम्हारे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे निकाल फेंको! तुम्हारे लिए सही यही होगा कि तुम एक आंख के साथ परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करो, बजाय इसके कि तुम दोनों आंखों के साथ नर्क में फेंके जाओ, (Geenna )
अगर तेरी अछ़ तीं पाप केरनेरे लेइ ठोकर खुवाए, त तैस केड्डी छ़ड। किजोकि तेरे लेइ दूई एछ़्छ़ी भोंते सांते नरकेरी अग्गी मां छ़ड्डे गाने केरां एन रोड़ू आए, कि एक्की अछ़्छ़ी सेइं तू परमेशरेरे राज़्ज़े मां दाखल भोस। (Geenna )
48 जहां “‘उनका कीड़ा कभी नहीं मरता, जहां आग कभी नहीं बुझती.’
नरके मां तैन केरे कीड़े, ज़ैना तैन खातन न मरन त अग भी न हिश्शे।
49 हर एक व्यक्ति आग द्वारा नमकीन किया जाएगा.
ज़ेन्च़रां हर बलिदाने मां लून छ़डनू ज़रूरी आए, तेन्च़रां परमेशर हर एक्की मैनेरी अज़मैइश घिन्नलो, ज़ै बड़ी दुखे बाली भोनी आए, ज़ेन्च़रां कि अग्गी मांमेइं निसनूए।
50 “नमक एक आवश्यक वस्तु है, किंतु यदि नमक अपना खारापन खो बैठे तो किस वस्तु से उसका खारापन वापस कर सकोगे? तुम स्वयं में नमक तथा आपस में मेल-मिलाप बनाए रखो.”
लून त रोड़ू आए, पन अगर लूनेरो स्वाद च़ेलि गाए, त फिरी दुबारां केन्च़रे तैसेरो स्वाद वापस आनेले? तेन्च़रां तुस भी एप्पू मां लून रखा, यानी परमेशरेरो हुक्म मन्ना, त एप्पू मांमेइं मेल मिलापे सेइं राथ।”