< मरकुस 8 >
1 इन्हीं दिनों की घटना है कि एक बार फिर वहां एक बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गयी. उनके पास खाने को कुछ न था. मसीह येशु ने अपने शिष्यों को बुलाकर उनसे कहा,
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଗୋଗୋୟ୍ନେଡମ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ରୁକ୍କୁଲଞ୍ଜି, ଆରି ଆମଙଞ୍ଜି ଜନୋମ୍ଜୋମନ୍ ଇନ୍ନିଙ୍ତଡନ୍ ଆସନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେଞ୍ଜି,
2 “इनके लिए मेरे हृदय में करुणा उमड़ रही है, क्योंकि ये सब तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं. इनके पास अब कुछ भी भोजन सामग्री नहीं है.
“ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଗିୟ୍ଲେ ଞେନ୍ ଇର୍ସୋୟମ୍ଡାତିଁୟ୍, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ କେନ୍ଆନିଞ୍ଜି ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଡେଏନ୍ନି ଞେନ୍ ସରିନ୍ ଡକୋଜି ଆରି କେନ୍ ଆମଙଞ୍ଜି ଇନ୍ନିଙ୍ ଜନୋମ୍ଜୋମ୍ ତଡ୍ ।
3 यदि मैं इन्हें भूखा ही घर भेज दूं, वे मार्ग में ही मूर्च्छित हो जाएंगे. इनमें से कुछ तो अत्यंत दूर से आए हैं.”
ଞେନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଡୋଲେଜନ୍ ଆସିଙଞ୍ଜି ଆପ୍ପାୟ୍ଲାଜି ଡେନ୍, ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ତଙରନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ଇୟ୍ତେ ରାଇଡେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଲାଙ୍ଲେନ୍ନେ ସଙାୟ୍ ସିଲଡ୍ ଜିର୍ରାଜି ।”
4 शिष्यों ने कहा, “इस दूर स्थान में सब की तृप्ति के लिए भोजन का प्रबंध कौन कर पायेगा?”
ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ତେନ୍ନେ କେନ୍ ଆରିଙ୍ରିଙ୍ଲୋଙନ୍ ଆନା ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍ ସିଲଡ୍ ରୁଟିନ୍ ପାଙ୍ଲେ କେନ୍ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅବ୍ବୋଓଲେ ରପ୍ତିଏଜି?”
5 मसीह येशु ने उनसे पूछा, “कितनी रोटियां हैं तुम्हारे पास?” “सात,” उन्होंने उत्तर दिया.
ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍ବେନ୍ ଡିଅଙ୍ଗା ରୁଟିନ୍ ଡକୋ?” ଆନିଞ୍ଜି ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ସାତଟା ।”
6 मसीह येशु ने भीड़ को भूमि पर बैठ जाने की आज्ञा दी; फिर सातों रोटियां लीं, उनके लिए धन्यवाद प्रकट कर उन्हें तोड़ा और उन्हें बांटने के लिए शिष्यों को देते गए. शिष्य उन्हें भीड़ में बांटते गए.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଲବଲୋଙନ୍ ତନଙ୍କୁମନ୍ ଆସନ୍ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି, ଆନିନ୍ ତି ସାତଟା ରୁଟିନ୍ ପାଙ୍ଲେ ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ସନେନ୍ସେନନ୍ ତିୟ୍ଲେ, ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ରେବ୍ଲେ ବନନ୍ତାନ୍ ଆସନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ତିୟେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ତିଆତେ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବନ୍ତାଏଞ୍ଜି ।
7 उनके पास कुछ छोटी मछलियां भी थी. उन पर धन्यवाद करते हुए मसीह येशु ने उन्हें भी बांटने की आज्ञा दी.
ଆରି, ଆମଙଞ୍ଜି ଅସୋୟ୍ ସନ୍ନାରା ଅୟନ୍ ଡକୋଏନ୍, ତିଆତେଜି ଆସନ୍ ନିୟ୍ ଆନିନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ସନେନ୍ସେନନ୍ ତିୟ୍ଲୋଙ୍ ତିୟ୍ଲେ ବନନ୍ତାନ୍ ଆସନ୍ ବରେଞ୍ଜି ।
8 लोग खाकर तृप्त हुए. शिष्यों ने तोड़ी गई रोटियों के शेष टुकड़ों को इकट्ठा कर सात बड़े टोकरे भर लिए.
ଆନିଞ୍ଜି ଜୋମେଞ୍ଜି କି ଅବୋଏଞ୍ଜି ଆରି ଆଲଗା ରୁଟିନ୍ ସାତ ଗୁରୁଲ୍ଲି ବବ୍ରିୟ୍ଲେ ଡକ୍କୋଏଞ୍ଜି ।
9 इस भीड़ में लगभग चार हज़ार लोग थे. तब मसीह येशु ने उन्हें विदा किया.
ତେତ୍ତେ ଉଞ୍ଜି ଅଜାର ଡେତେ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଡକୋଏଞ୍ଜି ।
10 इसके बाद मसीह येशु बिना देर किए अपने शिष्यों के साथ नाव पर सवार होकर दालमनूथा क्षेत्र में आ गए.
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆପ୍ପାୟ୍ଡାଲେ ସିଲତ୍ତେମା ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଆନିନ୍ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍ ଡାୟ୍ଲେ ଦଲ୍ମନୁଆରେଙନ୍ ଜିର୍ରାଜି ।
11 फ़रीसियों ने आकर उनसे विवाद प्रारंभ कर दिया. उन्होंने यह परखने के लिए कि मसीह येशु परमेश्वर-पुत्र हैं, स्वर्ग का कोई चमत्कार चिह्न की मांग की.
ତିକ୍କି ପାରୁସିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍ ସରିନ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ଅଲ୍ଡୁଲ୍ବାଞେଜି ଆରି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ମନାଲ୍ମାଲନ୍ ଆସନ୍ ରୁଆଙନ୍ ସିଲଡ୍ ଅବୟ୍ ଅରମ୍ମଡନ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ ବେଡେଜି ।
12 मसीह येशु ने अपने अंदर में गहरी पीड़ा में कराहते हुए उन्हें उत्तर दिया, “यह पीढ़ी चमत्कार चिह्न क्यों चाहती है? सच तो यह है कि इस पीढ़ी को कोई भी चमत्कार चिह्न नहीं दिया जाएगा.”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆକ୍ରାନ୍ ଆରୁୟମ୍ଡାଲନ୍ ବର୍ରନେ, “ନମିଜି ଆ ମନ୍ରାଜି ଇନିବା ଅରମ୍ମଡନ୍ ସାୟ୍ତଜି? ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ବର୍ତବେନ୍, ନମିଜି ଆ ମନ୍ରାଜିଆଡଙ୍ ଇନ୍ନିଙ୍ ଅରମ୍ମଡନ୍ ତନିୟନ୍ ଅଃଡ୍ଡେଏ ।”
13 उन्हें छोड़कर मसीह येशु नाव पर सवार होकर दूसरी ओर चले गए.
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଆନିନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ଆରି ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍ ଡାୟ୍ଲେ ସମେଁୟ୍ଣ୍ଡ୍ରାନ୍ ଆ ଅଡିଗଡ୍ ଜିରେନ୍ ।
14 शिष्य अपने साथ भोजन रखना भूल गए थे—उनके पास नाव में मात्र एक रोटी थी.
ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ରୁଟିନ୍ ଆପନାଙ୍ ଆସନ୍ କରୋଡାଏଞ୍ଜି, ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍ ଆମଙଞ୍ଜି ଆବୟନ୍ ତୁମ୍ ରୁଟିନ୍ ଡକୋଏନ୍ ।
15 मसीह येशु ने शिष्यों को चेतावनी देते हुए कहा, “फ़रीसियों के खमीर से तथा हेरोदेस के खमीर से सावधान रहना.”
ତିଆସନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆକ୍ରାନ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଆବ୍ବୟ୍ଡମ୍ନାବା, କମିରନ୍ ଅନ୍ତମ୍, ପାରୁସିଞ୍ଜି ଡ ଏରୋଦନ୍ ଆ କଣ୍ଡାୟ୍ ଞନଙ୍ ସିଲଡ୍ ଗିୟ୍ଡମ୍ନାବା ।”
16 इस पर वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “वह यह इसलिये कह रहे हैं कि हमने अपने साथ रोटियां नहीं रखीं.”
ସିଲତ୍ତେ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍ କଡାଡ଼ିଲଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍ଲେନ୍ ରୁଟିନ୍ ଅବୟ୍ ତଡ୍, ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ତନେ ।”
17 उनकी स्थिति समझते हुए मसीह येशु ने उनसे कहा, “रोटी के न होने के विषय में वाद-विवाद क्यों किए जा रहे हो? क्या अब भी तुम्हें कुछ समझ नहीं आ रहा? क्या तुम्हारा हृदय कठोर हो गया है?
ଜିସୁନ୍ ତିଆତେ ଜନାଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍ବେନ୍ ରୁଟି ଅବୟ୍ ତଡ୍ ଗାମ୍ଲେ ଇନିବା ତର୍ଡମ୍ ଏକଡାଡ଼ିତନ୍? ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନି ନମିନ୍ତାନ୍ ଅଃଜ୍ଜନାବେନ୍ କି ଅଃଗନ୍ଲୁଡ୍ବେନ୍ ପଙ୍? ଉଗର୍ବେନ୍ ଇନି ଆ କବୁଙ୍ ପଙ୍?
18 आंखें होते हुए भी तुम्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा और कानों के होते हुए भी तुम कुछ सुन नहीं पा रहे? तुम्हें कुछ भी याद नहीं रहा!
ଅମଡନ୍ ଡକୋନ୍ ଡକୋନ୍ ଏଃଗିଜେ ପଙ୍? ଆରି, ଅଲୁଡନ୍ ଡକୋନ୍ ଡକୋନ୍ ଏଃନ୍ନମ୍ଡଙେ ପଙ୍? ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍ନେଲେ ଏଃର୍ରପ୍ତିଏ ପଙ୍?”
19 जब मैंने पांच हज़ार व्यक्तियों के लिए पांच रोटियां परोसीं तुमने टुकड़ों से भरे कितने टोकरे इकट्ठा किए थे?” “बारह,” उन्होंने उत्तर दिया.
“ଞେନ୍ ଆଙ୍ଗା, ମନ୍ଲୟ୍ ରୁଟିନ୍ ରେବ୍ଲେ ମନ୍ଲୟ୍ ଅଜାର ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଗାଗାନେନ୍ ତିୟ୍ଲାଜି, ତିଆଡିଡ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡିଅଙ୍ଗା ଗୁରୁଲ୍ଲିଲୋଙ୍ ଆରେବ୍ରେବ୍ ରୁଟିନ୍ ଏବବ୍ରିଜେନ୍, ତିଆତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି କରୋଡାଲବେନ୍ ପଙ୍?” ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ବାର ଗୁରୁଲ୍ଲି ।”
20 “जब मैंने चार हज़ार के लिए सात रोटियां परोसीं तब तुमने टुकड़ों से भरे कितने टोकरे इकट्ठा किए थे?” “सात,” उन्होंने उत्तर दिया.
“ଆରି, ଞେନ୍ ଆଙ୍ଗା, ସାତଟା ରୁଟିନ୍ ରେବ୍ଲେ, ଉଞ୍ଜି ଅଜାର ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବନ୍ତାଲାୟ୍, ତିଆଡିଡ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଡିଅଙ୍ଗା ଗୁରୁଲ୍ଲିଲୋଙ୍ ଆରେବ୍ରେବ୍ ରୁଟିନ୍ ଏବବ୍ରିଜେନ୍?” ଆନିଞ୍ଜି ଗାମେଞ୍ଜି “ସାତ ଗୁରୁଲ୍ଲି ।”
21 तब मसीह येशु ने उनसे पूछा, “क्या अब भी तुम्हारी समझ में नहीं आया?”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନି ନମିନ୍ତାନ୍ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍ ଗନ୍ଲୁଡ୍ବେନ୍ ପଙ୍?”
22 वे बैथसैदा नगर आए. वहां लोग एक अंधे व्यक्ति को उनके पास लाए और उनसे विनती की कि वह उसका स्पर्श करें.
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ଡ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ବେତ୍ସାଇଦାନ୍ ଜିର୍ରାଜି । ଆରି, ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଅବୟ୍ କାଡ଼ୁମରନ୍ଆଡଙ୍ ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ ଓରୋଙ୍ଡାଲେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ସୁଙେଡାଲେ ମନବ୍ନଙନ୍ ଆସନ୍ ଆମଙନ୍ ଇୟ୍ଲାୟ୍ କାକୁର୍ତିନେଜି ।
23 मसीह येशु उस अंधे का हाथ पकड़ उसे गांव के बाहर ले गए. वहां उन्होंने उस व्यक्ति की आंखों पर थूका और उस पर हाथ रखते हुए उससे पूछा, “क्या तुम्हें कुछ दिखाई दे रहा है?”
ତିଆସନ୍ ଆନିନ୍ କାଡ଼ୁମରନ୍ ଆସି ଞମ୍ଲେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ସାଇନ୍ ସିଲଡ୍ ଅମ୍ଡୁଙ୍ଲେ ଓରୋଙେନ୍, ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଆମଡ୍ଲୋଙନ୍ ବିଜଲେନ୍ କି ଆ ଡଅଙ୍ଲୋଙନ୍ ଆସିନ୍ ଡକ୍କୋଡାଲେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଆମନ୍ ଇନ୍ନିଙ୍ ଗିୟ୍ତେ ପଙ୍?”
24 उसने ऊपर दृष्टि करते हुए कहा, “मुझे लोग दिख रहे हैं परंतु वे ऐसे दिख रहे हैं जैसे चलते फिरते पेड़.”
ଆନିନ୍ ଆଙାଙ୍ଡାଲନ୍ ବର୍ରନେ, “ଞେନ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଗିୟ୍ତାଜି ବନ୍ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଅରାନୁବଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍ ଗିୟ୍ତାଡାଲେ ଆତ୍ରଙିୟ୍ତନେଞ୍ଜି ଞେନ୍ ଗିୟ୍ତାଜି ।”
25 मसीह येशु ने दोबारा उस पर अपने हाथ रखे और उसकी ओर एकटक देखा और उसे दृष्टि प्राप्त हो गई—उसे सब कुछ साफ़-साफ़ दिखाई देने लगा.
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆରି ଆମଡ୍ଲୋଙନ୍ ଆସିନ୍ ଡକ୍କୋଏନ୍, ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍ ରେୟ୍ଲଙ୍ ଗିଜେନ୍ ଆରି ମନଙ୍ଡାଲେ ଆବଗନିଜନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଗିଜେନ୍ ।
26 मसीह येशु ने उसे उसके घर भेजते हुए कहा, “अब इस गांव में कभी न आना.”
ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଆପ୍ପାୟ୍ଡାଲେ ବରେନ୍, “କେନ୍ ଆ ସାଇ ଇୟ୍ଡଙ୍ଗନେ, ଅସିଂନମ୍ ଜିରା ।”
27 मसीह येशु अपने शिष्यों के साथ कयसरिया प्रांत के फ़िलिप्पॉय नगर के पास के गांवों की यात्रा कर रहे थे. मार्ग में उन्होंने अपने शिष्यों से यह प्रश्न किया, “मैं कौन हूं इस विषय में लोगों का क्या मत है?”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଡ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି କାଇସରିଆ ପିଲିପିରେଙନ୍ ଆ ସାଇରେଙ୍ ଜିରେଞ୍ଜି, ଆରି ତଙର୍ଲୋଙନ୍ ଆନିନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍ ଆନା ଗାମ୍ଲେ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଇନି ଗାମ୍ତଜି?”
28 उन्होंने उत्तर दिया, “कुछ के लिए बपतिस्मा देनेवाले योहन, कुछ के लिए एलियाह तथा कुछ के लिए आप भविष्यद्वक्ताओं में से एक हैं.”
ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ତବ୍ବୁବ୍ଡାମର୍ ଜନନ୍,” ଆରି ଲାଙ୍ଲେନ୍ନେ “ଏଲିଅ, ବନ୍ଡ ଲାଙ୍ଲେନ୍ନେ ଗାମ୍ତଜି, ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍ଲୋଙ୍ ସିଲଡ୍ ଅବୟ୍ନେ ।”
29 “तुम्हारा अपना मत क्या है?” मसीह येशु ने उनसे आगे प्रश्न किया. पेतरॉस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं.”
ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ବନ୍ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି, ଞେନ୍ ଆନା ଏଗାମ୍ତିଁୟ୍?” ପିତ୍ରନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଜାଲଙେନ୍, “ଆମନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆରାପ୍ପାୟ୍ଲମନ୍ ଆ କ୍ରିସ୍ଟ ।”
30 मसीह येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि वे किसी से भी उनकी चर्चा न करें.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆକ୍ରାନ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଆନ୍ନିଙ୍ ଆମଙ୍ ବର୍ନେଞେନ୍ ଇନ୍ନିଙ୍ ଏବର୍ଡଙ୍ନେ ।”
31 तब मसीह येशु उन्हें यह समझाने लगे कि यह अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र अनेक यातनाएं सहे, पुरनियों, प्रधान पुरोहितों तथा विधान के शिक्षकों द्वारा तुच्छ घोषित किया जाए, उसकी हत्या कर दी जाए और तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से जीवित हो जाए.
ଆରି, ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଞନଙନ୍ ତନିୟନ୍ ଆସନ୍ ଉଲନେ, “ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଗୋଗୋୟ୍ ପରାନ୍ଡଣ୍ଡନ୍ ଡେତେ ଆରି ପାପୁର୍ମରଞ୍ଜି, ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବାସ୍ସେତଜି ଆରି ରବ୍ବୁତଜି ବନ୍ଡ ୟାଗି ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ଆନିନ୍ ୟର୍ମେଙ୍ଲେ ଡୋତନେ ।”
32 यह सब उन्होंने अत्यंत स्पष्ट रूप से कहा. उनके इस कथन पर पेतरॉस उन्हें अलग ले जाकर डांटने लगे.
କେନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଆନିନ୍ ରେୟ୍ଲଙ୍ ବର୍ରନେ । ସିଲତ୍ତେ ପିତ୍ରନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ବ ଅନେଙ୍ ଓରୋଙ୍ଡାଲେ ଇୟ୍ଲେ କଞେ ।
33 किंतु मसीह येशु पीछे मुड़े और अपने शिष्यों को देखकर उन्होंने पेतरॉस को डांटा, “दूर हो जा मेरी दृष्टि से, शैतान! तेरा मन परमेश्वर संबंधी विषयों में नहीं परंतु मनुष्य संबंधी विषयों में लगा हुआ है.”
ବନ୍ଡ ଜିସୁନ୍ ଆୟର୍ଗୁଡ଼ିଃଲନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଗିୟ୍ଲେ, ପିତ୍ରନ୍ଆଡଙ୍ କଁୟ୍ଲେ ବରେନ୍, “ସନୁମ୍, ମୁକ୍କାବାଞେନ୍ ସିଲଡ୍ ସବ୍ଙାୟ୍ନା, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଆମନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଏର୍ନିଃୟମନ୍ ମନ୍ରାନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଇୟମ୍ତେ ।”
34 तब उन्होंने भीड़ के साथ अपने शिष्यों को भी अपने पास बुलाया और उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपना इनकार कर अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले.
ସିଲଡ୍ଲ୍ଲନ୍ ଜିସୁନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେଞ୍ଜି, “ଆନା ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସନଣ୍ଡୋଙନ୍ ଆସନ୍ ଲଡୟ୍ତେ, ତି ଆ ମନ୍ରା, ଆନିନ୍ଡମ୍ ମୁର୍ସେଡମ୍ନେତୋ, ଆରି ଆଅକ୍କାଡଙନ୍ ବୋୟ୍ଲେ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସଣ୍ଡୋଙିୟ୍ତୋ ।
35 इसलिये कि जो कोई अपने जीवन की रक्षा करना चाहता है, वह उसे गंवा देगा तथा जो कोई मेरे तथा सुसमाचार के लिए अपने प्राण गंवा देता है, उसे सुरक्षित पाएगा.
ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଆ ପରାନ୍ନାନ୍ ଡୋବ୍ଡୋବନ୍ ସାୟ୍ତେ, ଆନିନ୍ ତିଆତେ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍ତେ, ବନ୍ଡ ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଞେନ୍ ଆସନ୍ ଆରି ମନଙ୍ବରନ୍ ଆସନ୍ ଆ ପରାନ୍ନାନ୍ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍ତେ, ଆନିନ୍ ତିଆତେ ଡୋବ୍ତେ ।
36 भला इसका क्या लाभ कि कोई व्यक्ति पूरा संसार तो प्राप्त करे किंतु अपना प्राण खो दे?
ଆରି ମନ୍ରାନ୍ ପୁର୍ତିନ୍ଆତେଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଞାଙ୍ଲୋଙ୍ ଞାଙ୍ଲେ, ଆ ପରାନ୍ନାନ୍ ଅବ୍ବଡ଼ଜେନ୍ ଡେନ୍, ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଆସନ୍ ଇନି ଆ ଲାବ?
37 या किस वस्तु से मनुष्य अपने प्राण का अदला-बदली कर सकता है?
ଆରି ମନ୍ରାନ୍, ଆ ପରାନ୍ନାନ୍ ଞନାଙନ୍ ଆସନ୍ ଆ ପାଲ୍ତେଙନ୍ ଇନି ତିୟ୍ଲେ ରପ୍ତିଏ?
38 जो कोई इस अविश्वासी तथा पापमय युग में मुझे तथा मेरे वचन को लज्जा का विषय समझता है, मनुष्य का पुत्र भी, जब वह अपने पिता की महिमा में पवित्र स्वर्गदूतों के साथ आएगा, उसे स्वीकार करने में लज्जा का अनुभव करेगा.”
ତିଆସନ୍ ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା କେନ୍ ନମି ଆ ଜୋଗା ଡାରିନେମରଞ୍ଜି ଡ ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍, ଞେନ୍ ଆସନ୍ ଆରି ବର୍ନେଞେନ୍ ଆସନ୍ ଗବ୍ରୟ୍ତନେ, ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍ ମଡ଼ିର୍ ପାଙ୍ଲଙ୍ବର୍ମରଞ୍ଜି ସରିନ୍ ଆପେୟନ୍ ଆ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍ ବାତ୍ତେ ଜିର୍ତାୟ୍, ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଆନିନ୍ ନିୟ୍ ଆନିନ୍ ଆସନ୍ ଇୟ୍ତାୟ୍ ଗବ୍ରୟ୍ତନେ ।”