< मरकुस 7 >

1 येरूशलेम नगर से फ़रीसियों तथा कुछ शास्त्रियों ने आकर मसीह येशु को घेर लिया.
ᏕᎬᏩᎳᏫᏦᎴᏃ ᎠᏂᏆᎵᏏ, ᎠᎴ ᎩᎶ ᎢᏳᎾᏍᎩ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ, ᏥᎷᏏᎵᎻ ᏅᏓᏳᏂᎶᏒᎯ.
2 उन्होंने देखा कि मसीह येशु के कुछ शिष्य सांस्कारिक रूप से अशुद्ध हाथों से (बिना धोए हुए हाथों से) भोजन कर रहे हैं.
ᏚᏂᎪᎲᏃ ᎢᎦᏛ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎦᏚ ᎠᏂᎩᏍᎬ ᏗᎦᏓᎭ ᏧᏃᏰᏂ ᎬᏗ, ( ᎾᏍᎩ ᏂᏚᎾᏑᎴᎲᎾ ᎦᏛᎦ, ) ᎤᏂᏐᏅᏤᎴᎢ.
3 फ़रीसी और सभी यहूदी हाथों को भली-भांति धोए बिना भोजन नहीं करते. ऐसा करते हुए वे पूर्वजों से चली आ रही प्रथाओं का पालन करते थे.
ᎠᏂᏆᎵᏏᏰᏃ, ᎠᎴ ᎾᏂᎥᏉ ᎠᏂᏧᏏ, ᎢᏳᏃ ᎣᏍᏛ ᏂᏚᎾᏑᎴᎲᎾ ᏱᎩ, ᎥᏝ ᏱᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎪᎢ, ᏓᏂᎧᎿᎭᏩᏕᎪ ᏄᏂᏪᏒ ᎡᏘ ᎤᎾᏕᏅᎯ.
4 बाजार से लौटने पर वे स्वयं को पारम्परिक रीति से शुद्ध किए बिना भोजन नहीं करते थे. वे चली आ रही अन्य अनेक प्रथाओं का पालन करते चले आए थे जैसे, कटोरों, घड़ों तथा पकाने के तांबे के बर्तनों का धोना.
ᎠᎴ ᎦᏃᏙᏗᏱ ᏛᏂᎶᎯ, ᎢᏳᏃ ᏂᏚᎾᏑᎴᎲᎾ ᏱᎩ, ᎥᏝ ᏴᎬᎾᎵᏍᏓᏴᎲᎦ. ᎠᎴ ᎤᏣᏔ ᏄᏓᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏧᏂᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏄᏅᏁᎸ, ᎾᏍᎩ ᏧᎵᏍᏈᏗ ᏗᎫᎯᎶᎥᎢ ᎠᎴ ᏗᏖᎵᏙ, ᎠᎴ ᎥᏣᏱᏗᎪᏢᏔᏅᎯ ᏗᏖᎵᏙ, ᎠᎴ ᏗᏂᏢᏗᏱ.
5 फ़रीसियों तथा शास्त्रियों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “तुम्हारे शिष्य पूर्वजों से चली आ रही प्रथाओं का पालन क्यों नहीं करते? वे अशुद्ध हाथों से भोजन करते हैं.”
ᎿᎭᏉᏃ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎠᎴ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ ᎢᎬᏩᏛᏛᏁ ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙᏃ ᎨᏣᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎥᏝ ᏱᏓᏂᎧᎿᎭᏩᏕᎦ ᎡᏘ ᎤᎾᏕᏅᎯ ᎤᏂᏁᏨᎢ, ᎾᏍᎩ ᏂᏚᎾᏑᎴᎲᎾᏉ ᏣᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎦ?
6 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम पाखंडियों के लिए भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी ठीक ही है: “‘ये लोग मात्र अपने होंठों से मेरा सम्मान करते हैं, किंतु उनके हृदय मुझसे बहुत दूर हैं.
ᏚᏁᏤᎸᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎢᏌᏯ ᏰᎵᏉ ᏄᏪᏒ ᎤᏙᎴᎰᏒ ᏂᎯ ᎢᏣᏠᎾᏍᏗ ᎢᏥᏁᎢᏍᏗᏍᎬᎢ, ᎯᎠ ᏥᏂᎬᏅ ᏥᎪᏪᎳ, ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏴᏫ ᎬᎩᎸᏉᏗᎭ ᏚᏂᎭᏁᎦᎸ ᏓᏅᏗᎭ, ᏧᏂᎾᏫᏍᎩᏂ ᎢᏅᎯᏳ ᏂᏚᏅᎿᎭᏕᎦ ᎠᏴ ᎾᏆᏛᏅᎢ.
7 मेरे प्रति उनकी उपासना व्यर्थ है. उनकी शिक्षाएं मात्र मनुष्य के मस्तिष्क की उपज हैं.’
ᎠᏎᏃ, ᎠᏎᏉᏉ ᎬᎩᎸᏉᏗᎭ ᏥᏓᎾᏕᏲᎲᏍᎦ ᏓᎾᏕᏲᎲᏍᎬ ᏴᏫᏉ ᎤᏂᏁᏨᎯ.
8 आप लोग मनुष्यों की परंपराओं का तो पालन करते जाते हैं किंतु परमेश्वर की आज्ञा को टालते जाते हैं.”
ᎢᏴᏛᏰᏃ ᏂᏨᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏁᏨᎯ, ᏴᏫ ᎤᏂᏁᏨ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏂᏨᏁᎭ, ᎾᏍᎩ ᏗᏖᎵᏙ ᎠᎴ ᏧᎵᏍᏈᏗ ᏗᎫᎯᎶᎥᎢ; ᎠᎴ ᎤᏣᏔ ᏄᏓᎴᎭ ᎾᏍᎩᏯ ᎤᏠᏱ ᏕᏥᎸᏫᏍᏓᏁᎰᎢ.
9 मसीह येशु ने उनसे यह भी कहा, “आप लोग कितनी सुविधापूर्वक परंपराओं का पालन करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा को टाल देते हैं!
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎣᏏᏉ ᏂᏣᏛᏁᎭ ᏥᏥᏲᎢᏎᎭ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏁᏨ, ᎾᏍᎩ ᎢᏣᏤᎵ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᎢᏥᏍᏆᏂᎪᏙᏗᏱ.
10 मोशेह की आज्ञा है, ‘अपने माता-पिता का सम्मान करो और वह, जो माता या पिता के प्रति बुरे शब्द बोले, उसे मृत्यु दंड दिया जाए.’
ᎼᏏᏰᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎯᎸᏉᏕᏍᏗ ᏣᏙᏓ ᎠᎴ ᏣᏥ; ᎠᎴ, ᎩᎶ ᎠᏍᎩ ᏅᏗᏍᎨᏍᏗ ᎤᏙᏓ ᎠᎴ ᎤᏥ, ᎠᏎ ᎤᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
11 किंतु आपका कहना है, ‘यदि कोई व्यक्ति अपने पिता या माता से इस प्रकार कहे, मेरी संपत्ति में से जो कुछ आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हो सकता था, वह कोरबान है अर्थात् परमेश्वर को समर्पित,’
ᏂᎯᏍᎩᏂ ᎯᎠ ᏂᏥᏪᎭ, ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏎᎮᏍᏗ ᎤᏙᏓ ᎠᎴ ᎤᏥ, ᎪᏆᏂ, ( ᎾᏍᎩ ᎦᏛᎬ, ᎠᏆᎵᏍᎪᎸᏔᏅᎯ, ) ᏂᎦᎥ ᎨᏣᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎨᏒ ᎠᏴ ᎬᏍᏕᎵᏍᎬᎢ; [ ᎾᏍᎩ ᎤᏚᏓᎴᏛ ᎨᏎᏍᏗ.]
12 इसके द्वारा आप उसे अपने पिता और अपनी माता के लिए कुछ भी करने नहीं देते.
ᎠᎴ ᎥᏝ ᎿᎭᏉ ᎤᏁᎳᎩ ᎪᎱᏍᏗ ᏫᏓᏛᏂᏏ ᎤᏙᏓ ᎠᎴ ᎤᏥ ᏰᏤᎵᏎᎰᎢ;
13 अपनी इस प्रथा के द्वारा, जो पूर्वजों से चली आई है, आप परमेश्वर के वचन को टाल देते हैं. आप ऐसे ही अनेक काम किया करते हैं.”
ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵ ᎧᏃᎮᏛ ᎠᏎᏉ ᏂᏨᏁᎰ ᎢᏨᏗᏍᎪ ᏂᎯ ᎢᏥᏁᏨᎢ; ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᎢᏳᏓᎴᎩ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗᏓᏂ ᏂᏣᏛᏁᎰᎢ.
14 इसके बाद मसीह येशु ने भीड़ को दोबारा अपने पास बुलाकर उसे संबोधित करते हुए कहा, “तुम सब मेरी सुनो और समझो:
ᏂᎦᏛᏃ ᏴᏫ ᏫᏚᏯᏅᎲ, ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏍᎩᏯᏛᏓᏍᏓᏏ ᏂᏥᎥᎢ, ᎠᎴ ᎢᏦᎵᎩ;
15 ऐसी कोई वस्तु नहीं, जो मनुष्य में बाहर से प्रवेश कर उसे अशुद्ध कर सके. मनुष्य को अशुद्ध तो वह करता है, जो उसके भीतर से बाहर निकल आता है. [
ᎥᏝᏃ ᎪᎱᏍᏗ ᏴᏫᎯ ᏙᏱᏗᏢ ᎡᎯ, ᎤᏴᎭ, ᎾᏍᎩ ᎦᏓᎭ ᏱᏄᏩᏁᎰᎢ; ᎾᏍᎩᏂ ᏅᏓᏳᏄᎪᏨᎯ, ᎾᏍᎩ ᎦᏓᎭ ᏄᏩᏁᎰ ᏴᏫ.
16 जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.]”
ᎩᎶ ᏕᎦᎵᎷᎨᏍᏗ ᎤᏛᎪᏗᏱ, ᎾᏍᎩ ᏩᏛᎬᎦ.
17 जब भीड़ से विदा ले वह घर में आ गए, उनके शिष्यों ने उनसे इस दृष्टांत के विषय में प्रश्न किया.
ᎦᎵᏦᏕᏃ ᏭᏴᎸ ᏚᏓᏅᎡᎸ ᏴᏫ, ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎬᏩᏛᏛᏁ ᏓᏟᎶᏍᏛ ᎤᎬᏩᎵ.
18 इसके उत्तर में मसीह येशु ने कहा, “क्या तुममें भी बुद्धि का इतना अभाव है? क्या तुम्हें समझ नहीं आया कि जो कुछ मनुष्य में बाहर से प्रवेश करता है, उसे अशुद्ध नहीं कर सकता
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎾᏍᏉᏍᎪ ᏂᎯ ᎾᏍᎩ ᎢᎦᎢ ᏂᏦᎵᎬᎾ ᎢᎩ? ᏝᏍᎪ ᏱᏥᎪᏩᏘᎭ, ᎾᏍᎩ ᎪᎱᏍᏗ ᏙᏱᏗᏢ ᎡᎯ ᎾᏍᎩ ᏳᏴᎯᎭ ᏴᏫ ᎦᏓᎭ ᎢᎬᏩᏁᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ;
19 क्योंकि वह उसके हृदय में नहीं, परंतु उसके पेट में जाता है और बाहर निकल जाता है!” इस प्रकार मसीह येशु ने सभी प्रकार के भोजन को स्वच्छ घोषित कर दिया.
ᎾᏍᎩ ᎤᎾᏫᏱ ᏫᎾᏴᎯᎲᎾ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ, ᎤᏍᏉᎵᏱᏉᏍᎩᏂ, ᎠᎴ ᏫᎦᎶᎯᏍᏗᏍᎬᏉ, ᎾᏍᎩᏃ ᎦᏅᎦᎵᏍᎬ ᏂᎦᎥ ᎠᎵᏍᏓᏴᏗ?
20 “जो मनुष्य में से बाहर आता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है.
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ, ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏴᏫᎯ ᎤᏄᎪᏨᎯ ᎾᏍᎩ ᎦᏓᎭ ᏄᏩᏁᎰ ᏴᏫ.
21 मनुष्य के भीतर से—मनुष्य के हृदय ही से—बुरे विचार बाहर आते हैं, जो उसे चोरी, हत्या, व्यभिचार,
ᎭᏫᏂᏰᏃ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ, ᏴᏫ ᎤᎾᏫᏱ, ᏗᏓᎴᎲᏍᎦ ᎤᏲ ᎠᏓᏅᏖᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᏓᏲᏁᏗ ᎨᏒᎢ, ᎤᏕᎵᏛ ᏗᏂᏏᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᏓᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ,
22 लोभ, दुराचारिता, छल-कपट, कामुकता, जलन, निंदा, अहंकार तथा मूर्खता की ओर लगा देते हैं.
ᎦᏃᏍᎩᏛ ᎨᏒᎢ, ᏧᎬᏩᎶᏗ ᎠᎬᎥᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ, ᎤᏲ ᎢᏯᏛᏁᏗ ᎨᏒᎢ, ᎦᎶᏄᎮᏛ ᎨᏒᎢ, ᎠᎵᏐᏢᎢᏍᏙᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᏛᏳᎨᏗ ᎨᏒᎢ, ᎠᏓᏐᏢᎢᏍᏙᏗᏱ, ᎠᏢᏉᏙᏗᏱ, ᎠᎵᏍᎦᎿᎭᏫᏍᏗ ᎨᏒᎢ.
23 ये सभी अवगुण मनुष्य के अंदर से बाहर आते तथा उसे अशुद्ध करते हैं.”
ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏂᎦᏛ ᎤᏲᎢ ᎭᏫᏂ ᏗᏓᎴᎲᏍᎪᎢ, ᎠᎴ ᎦᏓᎭ ᏄᏩᏁᎰ ᏴᏫ.
24 मसीह येशु वहां से निकलकर सोर प्रदेश में चले गए, जहां वह एक घर में ठहरे हुए थे और नहीं चाहते थे कि भीड़ को उनके विषय में कुछ मालूम हो किंतु उनका वहां आना छिप न सका.
ᎾᎿᎭᏃ ᏚᎴᏅ, ᏔᏯ ᎠᎴ ᏌᏙᏂ ᎠᏍᏛ ᏭᎷᏤᎢ, ᎠᎴ ᎠᏓᏁᎸ ᏭᏴᎸ, ᎥᏝ ᏳᏚᎵᏍᎨ ᎩᎶ ᎤᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ; ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎬᏩᏗᏍᎦᎶᏗ ᏱᎨᏎᎢ.
25 उनके विषय में सुनकर एक स्त्री उनसे भेंट करने वहां आई जिसकी पुत्री दुष्टात्मा से पीड़ित थी. वहां प्रवेश करते ही वह मसीह येशु के चरणों पर जा गिरी.
ᎩᎶᏰᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᎨᏴ ᎾᏍᎩ ᎤᏪᏥ ᎠᏛᏄᏣ ᎦᏓᎭ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏯᎢ, ᎤᏛᎦᏅ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬᎢ, ᎤᎷᏤ ᎠᎴ ᏚᎳᏍᎬ ᎤᏓᏅᏁᎢ:
26 वह स्त्री यूनानी थी—सुरोफ़ॉयनिकी जाति की. वह मसीह येशु से विनती करती रही कि वह उसकी पुत्री में से दुष्टात्मा को निकाल दें.
( ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᎨᏴ ᎠᎪᎢ ᎨᏎᎢ, ᎠᏌᎶᏈᏂᏏ ᎨᏎᎢ; ) ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏍᏗᏰᏔᏁ ᎾᏍᎩ ᎤᏪᏥ ᎠᏛᏄᏣ ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏄᎪᏫᏎᏗᏱ.
27 मसीह येशु ने उससे कहा, “पहले बालकों को तो तृप्‍त हो जाने दो! बालकों को परोसा भोजन उनसे लेकर कुत्तों को देना सही नहीं!”
ᎠᏎᏃ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏂᎤᏪᏎᎴᎢ, ᎢᎬᏱ ᏗᏂᏲᎵ ᏫᏓᏃᎸᎯ; ᎥᏝᏰᏃ ᎣᏏᏳ ᏱᎩ, ᏗᏂᏲᎵ ᏧᎾᏤᎵ ᎦᏚ ᏗᎩᎡᏗᏱ, ᎠᎴ ᎩᎵ ᏫᏓᏗᏁᏗᏱ.
28 किंतु इसके उत्तर में उस स्त्री ने कहा, “सच है प्रभु, किंतु कुत्ते भी तो बालकों की मेज़ पर से गिरे टुकड़ों से अपना पेट भर लेते हैं.”
ᎾᏍᎩᏃ ᎤᏁᏤ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎤᏙᎯᏳᎯ, ᏣᎬᏫᏳᎯ; ᎠᏎᏃ ᎩᎵ ᎦᏍᎩᎸ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᏗᏂᏲᎵ ᎤᏂᏅᎪᎠᎯᏎᎸᎯ ᎦᏚ ᎠᎾᎵᏍᏓᏴᏗᏍᎪᎢ.
29 मसीह येशु ने उससे कहा, “तुम्हारे इस उत्तर का परिणाम यह है कि दुष्टात्मा तुम्हारी पुत्री को छोड़कर जा चुकी है. घर लौट जाओ.”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏂᏫ ᏫᏂᎦᎵᏍᏙᏓ, ᏥᎮᎾ; ᎠᏍᎩᎾ ᏤᏥᏱ ᎠᏯᎥ ᎤᏄᎪᎩ.
30 घर पहुंचकर उसने अपनी पुत्री को बिछौने पर लेटा हुआ पाया. दुष्टात्मा उसे छोड़कर जा चुकी थी.
ᎾᏍᎩᏃ ᏧᏪᏅᏒ ᏫᎤᎷᏨ, ᎤᏙᎴᎰᏎ ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏄᎪᏨᎢ, ᎤᏪᏥᏃ ᎠᏤᏍᏙᎩᎯ ᎦᏅᎬᎢ.
31 तब वह सोर के क्षेत्र से निकलकर सीदोन क्षेत्र से होते हुए गलील झील के पास आए, जो देकापोलिस अंचल में था.
ᎠᎴ ᏔᎵᏁ ᏔᏯ ᎠᎴ ᏌᏙᏂ ᎠᏍᏛ ᎤᏂᎩᏒ ᎨᎵᎵ ᎥᏓᎸ ᏭᎷᏤᎢ, ᎠᏰᎵ ᎤᎶᏎ ᎠᏍᎪᎯ-ᏗᎦᏚᎩᏱ ᏍᎦᏚᎩ ᎨᏒᎢ.
32 लोग उनके पास एक ऐसे व्यक्ति को लाए जो बहिरा था तथा बड़ी कठिनाई से बोल पाता था. लोगों ने मसीह येशु से उस व्यक्ति पर हाथ रखने की विनती की.
ᎢᎬᏩᏘᏃᎮᎴᏃ ᎩᎶ ᏧᎵᎡᎾ, ᎠᎴ ᎦᏂᎳ ᎦᏬᏂᏍᎩ; ᎠᎴ ᎢᎬᏩᏍᏗᏰᏔᏁ ᎾᏍᎩ ᎤᏏᏔᏗᏍᏗᏱ.
33 मसीह येशु उस व्यक्ति को भीड़ से दूर एकांत में ले गए. वहां उन्होंने उसके कानों में अपनी उंगलियां डालीं. इसके बाद अपनी लार उसकी जीभ पर लगाई.
ᎢᏴᏛᏃ ᏭᏘᏅᏍᏔᏅ ᎤᏓᏰᎵᎸ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᏁᏙᎲᎢ, ᏕᎦᏰᏌᏛ ᏗᎦᎴᏂ ᏚᏐᎾᏕᎢ, ᎠᎴ ᏚᎵᏥᏍᏇᎢ, ᎠᎴ ᎦᏃᎪ ᎤᏒᏂᎴᎢ;
34 तब एक गहरी आह भरते हुए स्वर्ग की ओर दृष्टि उठाकर उन्होंने उस व्यक्ति को संबोधित कर कहा, “एफ़्फ़ाथा!” (अर्थात् खुल जा!)
ᎦᎸᎳᏗᏃ ᏫᏚᎧᎿᎭᏅ ᎤᎵᏰᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᎡᏇᏓ, ᎾᏍᎩ ᎦᏛᎬ ᎭᎵᏍᏚᎢ.
35 उस व्यक्ति के कान खुल गए, उसकी जीभ की रुकावट भी जाती रही और वह सामान्य रूप से बातें करने लगा.
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏗᎦᎴᏂ ᏚᎵᏍᏚᎢᏎᎢ, ᎠᎴ ᎦᏃᎪ ᎤᎸᏍᏓᏁᎸᎯ ᏚᎵᎧᏁᏴᎮ, ᎠᎴ ᎣᏍᏛ ᎤᏬᏂᏎᎢ.
36 मसीह येशु ने लोगों को आज्ञा दी कि वे इसके विषय में किसी से न कहें किंतु मसीह येशु जितना रोकते थे, वे उतना ही अधिक प्रचार करते जाते थे.
ᏚᏅᏍᏓᏕᎴᏃ ᎩᎶ ᎤᏂᏃᏁᏗᏱ; ᎠᏎᏃ ᏕᎦᏅᏍᏓᏗᏏ ᎤᏟᏉ ᎢᎦᎢ ᏓᏂᏰᎵᎯᏍᏗᏍᎨᎢ;
37 लोग आश्चर्य से भरकर कहा करते थे, “वह जो कुछ करते हैं, भला ही करते हैं—यहां तक कि वह बहिरे को सुनने की तथा गूंगे को बोलने की शक्ति प्रदान करते हैं.”
ᎠᎴ ᎤᎶᏒᏍᏔᏅᎯ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ, ᏂᎦᏛ ᎣᏏᏳ ᏕᎤᎸᏫᏍᏓᏏ; ᎤᎾᏛᎪᏗᏱ ᏂᏕᎬᏁ ᏧᏂᎵᎡᎾ, ᏧᏅᎨᏫᏃ ᎤᏂᏬᏂᎯᏍᏗᏱ.

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