< मरकुस 16 >

1 शब्बाथ समाप्‍त होते ही मगदालावासी मरियम, याकोब की माता मरियम तथा शालोमे ने मसीह येशु के शरीर को तेल से अभिषेक के उद्देश्य से सुगंध द्रव्य मोल लिए.
शब्बाथ दिन सरानंतर मग्दालीया मरीया, याकोबनी माय मरीया अनी सलोमे यासनी येशुना शरिरले लावाकरता सुगंधी द्रव्ये ईकत लिधात;
2 सप्‍ताह के पहले दिन भोर के समय जब सूर्य उदय हो ही रहा था, वे कब्र की गुफ़ा पर आ गईं.
अनी रविवारना दिन सकायले सुर्य उगाना येळले कबरजोडे गयात.
3 वे आपस में यह विचार कर रही थी, “कब्र के द्वार पर से हमारे लिए पत्थर कौन हटाएगा?”
“कबरना तोंडवरली धोंड आपलाकरता कोण लोटी?” अस त्या एकमेकसले सांगी राहिंत्यात.
4 किंतु जब उन्होंने कब्र की ओर दृष्टि की तो पाया कि कब्र द्वार पर से पत्थर लुढ़का हुआ था, जबकि वह बहुत बड़ा था.
पण तठे जावानंतर त्यासनी दखं की, ती भलती मोठी धोंड कबरना दारना एकबाजुले लोटेल शे;
5 कब्र में प्रवेश करने पर उन्होंने दायीं ओर एक युवा व्यक्ति को बैठे हुए देखा, जो उज्जवल, सफ़ेद वस्त्रों में था. वे हैरान रह गईं.
मंग कबरमा जावानंतर धवळा शुभ्र कपडा घालेल एक तरूणले म्हणजे स्वर्गदूतले उजवा बाजुले बशेल दखीसन त्या घाबरन्यात.
6 उस व्यक्ति ने उन्हें बुलाकर कहा, “आश्चर्य मत कीजिए. आप यहां नाज़रेथवासी येशु को, जिन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था, खोज रही हैं. वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. वह यहां नहीं है. यह देखिए, यही है वह जगह, जहां उन्हें रखा गया था.
तो त्यासले बोलना, “घाबरू नका, क्रुसखांबवर खियेल नासरेथ गावना येशुना शोध तुम्हीन करी राहिनात; तो आठे नही, तो उठेल शे; त्याले ठेयल व्हतं ती हाई जागा दखा.
7 मगर अब उनके शिष्यों और पेतरॉस को यह सूचना दे दीजिए कि वह उनके पहले ही गलील प्रदेश पहुंच जाएंगे. उनसे आपकी भेंट वहीं होगी—ठीक वैसा ही जैसा उन्होंने कहा था.”
आते तुम्हीन जा, त्याना शिष्यसले अनी पेत्रले सांगा की, तुमना पहिलेच तो गालीलमा जाई राहीना; त्यानी तुमले सांगेल प्रमाणे तो तुमले तठे दखाई.”
8 कांपते हुए तथा भौंचक्का वे बाहर आईं और कब्र की गुफ़ा से भागीं. डर के कारण उन्होंने किसी से कुछ न कहा.
मंग त्यासना थरकाप व्हयना अनी कावऱ्या बावऱ्या व्हईसन त्या कबरपाईन पळण्यात; त्यासनी कोणलेच काही सांगं नही; कारण त्या दुःखी अनी घाबरी जायेल व्हत्यात.
9 (note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) जब सप्‍ताह के पहले दिन तड़के मसीह येशु जीवित हुए, उन्होंने सबसे पहले स्वयं को मगदालावासी मरियम पर प्रकट किया, जिसमें से उन्होंने सात दुष्टात्माओं को निकाला था.
(note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) रविवारना पहाटले येशु जिवत व्हवानंतर, ज्या मरीया मग्दालीया मातीन त्यानी सात दुष्ट आत्मा काढेल व्हतात तिले तो पहिले दखायना.
10 उसने जाकर विलाप तथा रोते हुए अपने साथियों को इसका समाचार दिया.
पहिले येशुसंगे ज्या लोके व्हतात, त्यानाकरता ज्या शोक करी राहींतात अनी रडी राहींतात त्यासले जाईसन तिनी हाई बातमी सांगी.
11 उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया कि मसीह येशु अब जीवित हैं तथा मरियम ने उन्हें देखा है.
आते येशु जिवत शे अनी तिले तो दखायना, जवय हाई त्यासनी ऐकं तवय त्यासनी तिनावर ईश्वास ठेवा नही.
12 इसके बाद मसीह येशु दो अन्यों पर भी, जब वे अपने गांव की ओर जा रहे थे, प्रकट हुए.
त्यानंतर त्यामाधला दोनजण बाहेर गाव जाई राहींतात त्यासले येशु दुसरा रूपमा दखायना.
13 इन्होंने जाकर अन्यों को भी इस विषय में बताया किंतु उन्होंने भी इस पर विश्वास न किया.
त्यासनी जाईन बाकीनासले सांगं पण त्यासनी त्यासनावर ईश्वास ठेया नही.
14 तब वह ग्यारह शिष्यों पर भी प्रकट हुए. वे सब चौकी पर बैठे हुए थे. उन्होंने शिष्यों के अविश्वास तथा मन की कठोरता की उल्लाहना की क्योंकि उन्होंने उनके जीवित होने के बाद देखनेवालों का विश्वास नहीं किया था.
नंतर अकरा शिष्य जेवाले बशेल व्हतात. त्यासले पण येशु दखायना अनी त्यानी त्यासना अईश्वास अनी कठीण मन यामुये त्यासले दटाडं कारण ज्यासनी त्याले जिवत व्हयेल दखेल व्हतं, त्यासनावर त्यासनी ईश्वास ठेया नही म्हणीन.
15 मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया, “सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि में सुसमाचार का प्रचार करो.
त्यानी त्यासले सांगं की, “सर्व जगमा जाईसन सर्वा लोकसले शुभवर्तमानना प्रचार करा.
16 वह, जिसने विश्वास किया है तथा जिसका बपतिस्मा हो चुका है, बचा रहेगा; किंतु वह, जिसने विश्वास नहीं किया है, दंडित होगा.
जो ईश्वास धरी अनी बाप्तिस्मा ली त्यानं तारण व्हई; जो ईश्वास धराव नही त्याना न्याय व्हई अनी तो दोषी ठराई जाई.
17 जिन्होंने विश्वास किया है, उन्हें ये अद्भुत चमत्कार चिह्न दिखाने की क्षमता प्रदान की जाएगी: मेरे नाम में वे दुष्टात्माओं को निकालेंगे, वे अन्य भाषाओं में बातें करेंगे,
अनी ज्या ईश्वास धरतीन त्यासनामा ह्या चिन्ह दखाईतीन; त्या मना नावतीन दुष्ट आत्मा काढतीन; नव्या नव्या भाषा बोलतीन;
18 वे सांपों को अपने हाथों में ले लेंगे, घातक विष पी लेने पर भी उनकी कोई हानि न होगी और वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और वे स्वस्थ हो जाएंगे.”
जर त्या साप उचलतीन अनी विष पितीन तरी त्यासले काहीच व्हवाव नही; त्यासनी आजारीसवर हात ठेवात म्हणजे त्या बरा व्हतीन.”
19 प्रभु येशु जब उनसे यह कह चुके, वह स्वर्ग में उठा लिए गए. वहां वह परमेश्वर की दायीं ओर बैठ गए.
मंग प्रभु येशुनं त्यासनासंगे बोलनं व्हवानंतर तो स्वर्गमा उचलाई गया अनी देवना उजवी बाजुले बसना.
20 शिष्य लौट गए तथा सभी जगह इसकी घोषणा की. प्रभु उनके साथ सक्रिय थे तथा वह अपनी प्रतिज्ञा की सच्चाई अद्भुत चमत्कारों के द्वारा करते रहे.
मंग त्यासनी जाईन सर्वीकडे प्रचार करा, प्रभु त्यासनासंगे कामकरी राहींता अनी ज्या चमत्कार व्हई राहींतात, त्यावरतीन शिष्यसनी सांगेल वचन सत्य शे अनी प्रभु त्यासनासंगे शे यानी खात्री पटी राहींती. आमेन.

< मरकुस 16 >