< मरकुस 13 >

1 जब मसीह येशु मंदिर से बाहर निकल रहे थे, उनके एक शिष्य ने उनका ध्यान मंदिर परिसर की ओर खींचते हुए कहा, “देखिए, गुरुवर, कितने विशाल हैं ये पत्थर और कितने बड़े हैं ये भवन!”
ⲁ̅ⲁⲩⲱ`ⲉϥⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲉⲣⲡⲉ ⲡⲉϫⲉⲟⲩⲁ ⲛⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ϫⲉ ⲡⲥⲁϩ ⲁⲛⲁⲩ ⲉⲛⲉⲓ̈ⲱⲛⲉ ϫⲉ ϩⲉⲛⲁϣ ⲛ̅ϩⲉ ⲛⲉ. ⲙⲛ̅ⲛⲉⲓ̈ⲕⲉⲕⲱⲧ
2 मसीह येशु ने उससे कहा, “तुम्हें ये भवन बड़े लग रहे हैं! सच तो यह है कि एक दिन इन भवनों का एक भी पत्थर दूसरे पर रखा न दिखेगा—हर एक पत्थर भूमि पर होगा.”
ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲓ̅ⲥ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲛⲅ̅ⲛⲁⲩ ⲁⲛ ⲉⲛⲉⲓ̈ⲛⲟϭ ⲛ̅ⲕⲱⲧ ⲛ̅ⲛⲉⲩⲕⲱ ⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ⲙⲁ ⲛ̅ⲟⲩⲱⲛⲉ ⲉϫⲛ̅ⲟⲩⲱⲛⲉ ⲉⲙⲡⲟⲩⲃⲟⲗⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ.
3 मसीह येशु ज़ैतून पर्वत पर मंदिर की ओर मुख किए हुए बैठे थे. एकांत पाकर पेतरॉस, याकोब, योहन तथा आन्द्रेयास ने मसीह येशु से यह प्रश्न किया,
ⲅ̅ⲁⲩⲱ ⲉϥϩⲙⲟⲟⲥ ϩⲓϫⲛ̅ⲡⲧⲟⲟⲩ ⲛⲛ̅ϫⲟⲉⲓⲧ ⲙ̅ⲡⲉⲙⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲡⲉⲣⲡⲉ. ⲁϥϫⲛⲟⲩϥ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉⲧⲣⲟⲥ ⲛⲙ̅ⲓ̈ⲁⲕⲱⲃⲟⲥ ⲛⲙ̅ⲓ̈ⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲙⲛ̅ⲁⲛⲇⲣⲉⲁⲥ ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ
4 “हमको यह बताइए कि यह कब घटित होगा तथा इन सबके निष्पादन (पूरा किया जाना) के समय का लक्षण क्या होगा?”
ⲇ̅ϫⲉ ⲁϫⲓⲥ ⲛⲁⲛ ϫⲉ ⲉⲣⲉⲛⲁⲓ̈ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲧⲛⲁⲩ. ⲁⲩⲱ ⲟⲩ ⲡⲉ ⲡⲙⲁⲉⲓⲛ ⲉⲣϣⲁⲛⲛⲁⲓ̈ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲛⲟⲩ ⲉϫⲱⲕ ⲉⲃⲟⲗ.
5 तब मसीह येशु ने यह वर्णन करना प्रारंभ किया: “इस विषय में सावधान रहना कि कोई तुम्हें भरमाने न पाए
ⲉ̅ⲓ̅ⲥ̅ ⲇⲉ ⲁϥⲁⲣⲭⲓ ⲛ̅ϫⲟⲟⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ϯϩⲧⲏⲧⲛ̅ ⲙⲏⲡⲱⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲗⲁⲁⲩ ⲡⲗⲁⲛⲁ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅
6 क्योंकि मेरे नाम में अनेक यह दावा करते आएंगे, ‘मैं ही मसीह हूं’ और इसके द्वारा अनेकों को भरमा देंगे.
ⲋ̅ⲟⲩⲛ̅ϩⲁϩ ⲅⲁⲣ ⲛⲁⲉⲓ ϩⲙ̅ⲡⲁⲣⲁⲛ ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲥⲉⲛⲁⲡⲗⲁⲛⲁ ⲛ̅ⲟⲩⲙⲏⲏϣⲉ
7 तुम युद्धों के विषय में तो सुनोगे ही साथ ही उनके विषय में उड़ते-उड़ते समाचार भी. ध्यान रहे कि तुम इससे घबरा न जाओ क्योंकि इनका होना अवश्य है—किंतु इसे ही अंत न समझ लेना.
ⲍ̅ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛⲥⲱⲧⲙ̅ ⲇⲉ ⲉϩⲉⲛⲡⲟⲗⲉⲙⲟⲥ ⲛⲙ̅ϩⲉⲛϩⲣⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲗⲉⲙⲟⲥ ⲙ̅ⲡⲣ̅ϣⲧⲟⲣⲧⲣ̅ ⲥⲉⲛⲁϫⲡⲓϣⲱⲡⲉ ⲁⲗⲗⲁ ⲙ̅ⲡⲁⲧⲉⲑⲁⲏ ⲛⲟⲩ ⲉϣⲱⲡⲉ.
8 राष्ट्र-राष्ट्र के तथा, राज्य-राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा. हर जगह अकाल पड़ेंगे तथा भूकंप आएंगे, किंतु ये सब घटनाएं प्रसववेदना का प्रारंभ मात्र होंगी.
ⲏ̅ⲟⲩⲛⲟⲩϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲛⲁⲧⲱⲟⲩⲛ ⲉϫⲛ̅ⲟⲩϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲉϫⲛ̅ⲟⲩⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲛ̅ϩⲉⲛϩⲉⲃⲱⲱⲛ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ. ⲛⲁⲓ̈ ⲇⲉ ⲧⲁⲣⲭⲏ ⲧⲉ ⲛⲛ̅ⲛⲁⲁⲕⲉ.
9 “फिर भी चौकस रहना. वे तुम्हें पकड़कर न्यायालय को सौंप देंगे, यहूदी सभागृहों में तुम्हें कोड़े लगाए जाएंगे, मेरे लिए तुम्हें शासकों तथा राजाओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा कि तुम उनके सामने मेरे गवाह हो जाओ.
ⲑ̅ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲇⲉ ϯϩⲧⲏⲧⲛ̅ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅. ⲥⲉⲛⲁⲡⲁⲣⲁⲇⲓⲇⲟⲩ ⲅⲁⲣ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲉⲛⲥⲩⲛϩⲉⲇⲣⲓⲟⲛ ⲛ̅ⲥⲉϩⲓⲟⲩⲉ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ϩⲛ̅ⲛ̅ⲥⲩⲛⲁⲅⲱⲅⲏ ⲛ̅ⲥⲉϫⲓⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲉⲛϩⲏⲅⲉⲙⲱⲛ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲣⲣⲱⲟⲩ ⲉⲧⲃⲏⲏⲧ ⲉⲩⲙⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ ⲛⲁⲩ ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲕⲉϩⲉⲑⲛⲟⲥ.
10 यह ज़रूरी है कि इसके पहले सभी राष्ट्रों में सुसमाचार का प्रचार किया जाए.
ⲓ̅ⲁⲩⲱ ⲥⲉⲛⲁϫⲡⲓⲕⲏⲡⲩⲥⲥⲉ ⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ⲙ̅ⲡⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲟⲛ
11 जब तुम बंदी बनाए जाओ और तुम पर मुकद्दमा चलाया जाए तो यह चिंता न करना कि तुम्हें वहां क्या कहना है. तुम वही कहोगे, जो कुछ तुम्हें वहां उसी समय बताया जाएगा क्योंकि वहां तुम नहीं परंतु पवित्र आत्मा अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे होंगे.
ⲓ̅ⲁ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲩϣⲁⲛϫⲓⲧⲏⲛⲟⲩ ⲉⲡⲁⲣⲁⲇⲓⲇⲟⲩ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲙ̅ⲡⲣ̅ϥⲓⲣⲟⲟⲩϣ ϫⲉ ⲟⲩ ⲡⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲛⲁϫⲟⲟϥ ⲁⲗⲗⲁ ⲡⲉⲧⲟⲩⲛⲁⲧⲁⲁϥ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲧⲁⲡⲣⲟ ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲡⲁⲓ̈ ⲡⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲛⲁϫⲟⲟϥ ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲅⲁⲣ ⲁⲛ ⲛⲉⲧϣⲁϫⲉ ⲁⲗⲗⲁ ⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲡⲉ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ.
12 “भाई अपने भाई को तथा पिता अपनी संतान को हत्या के लिए पकड़वाएगा. बालक अपने माता-पिता के विरुद्ध हो जाएंगे और उनकी हत्या का कारण बन जाएंगे.
ⲓ̅ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲛ̅ⲟⲩⲥⲟⲛ ⲛⲁⲡⲁⲣⲁⲇⲓⲇⲟⲩ ⲛ̅ⲟⲩⲥⲟⲛ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲡⲙⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲉⲓⲱⲧ ϥⲛⲁⲡⲁⲣⲁⲇⲓⲇⲟⲩ ⲛ̅ⲟⲩϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ϣⲏⲣⲉ ⲛⲁⲧⲱⲟⲩⲛ ⲉϫⲛ̅ⲛⲉⲩⲉ͡ⲓⲟⲧⲉ ⲛ̅ⲥⲉⲙⲟⲟⲩⲧⲟⲩ
13 मेरे कारण सभी तुमसे घृणा करेंगे किंतु उद्धार वही पाएगा, जो अंत तक धीरज धरेगा तथा स्थिर रहेगा.
ⲓ̅ⲅ̅ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲱⲡⲉ ⲉⲣⲉⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲙⲟⲥⲧⲉ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲣⲁⲛ ⲡⲉⲧⲛⲁϩⲩⲡⲟⲙⲓⲛⲉ ⲇⲉ ϣⲁⲃⲟⲗ ⲡⲁⲓ̈ ⲡⲉⲧⲛⲁⲟⲩϫⲁⲉⲓ.
14 “उस समय, जब तुम उस विनाशकारी घृणित वस्तु को ऐसे स्थान में खड़ी दिखे, जो उसका निर्धारित स्थान नहीं है—पाठक इसे समझ ले—तब वे, जो यहूदिया प्रदेश में हों पर्वतों पर भागकर जाएं.
ⲓ̅ⲇ̅ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛⲛⲁⲩ ⲇⲉ ⲉⲧⲃⲟⲧⲉ ⲙ̅ⲡϣⲱϥ ⲉⲥⲁϩⲉⲣⲁⲧⲥ̅ ⲙ̅ⲡⲙⲁ ⲉⲧⲉⲛϣϣⲉ ⲁⲛ. ⲡⲉⲧⲱϣ ⲙⲁⲣⲉϥⲛⲟⲓ̈ ⲧⲟⲧⲉ ⲛⲉⲧϩⲛ̅ϯⲟⲩⲇⲁⲓⲁ ⲙⲁⲣⲟⲩⲡⲱⲧ ⲉⲛⲧⲟⲩⲓ̈ⲏ
15 वह, जो घर की छत पर हो, घर में से सामान लेने नीचे न आए.
ⲓ̅ⲉ̅ⲡⲉⲧϩⲓϫⲉⲛⲉⲡⲱⲣ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲧⲣⲉϥⲉⲓ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧ ⲟⲩⲇⲉ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲧⲣⲉϥⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉϥⲓⲗⲁⲁⲩ ϩⲙ̅ⲡⲉϥⲏⲉⲓ.
16 वह, जो खेत में हो, अपना कपड़ा लेने पीछे न लौटे.
ⲓ̅ⲋ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧϩⲛ̅ⲧⲥⲱϣⲉ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲧⲣⲉϥⲕⲟⲧϥ̅ ⲉⲡⲁϩⲟⲩ ⲉϥⲓⲡⲉϥϩⲟⲓ̈ⲧⲉ.
17 दयनीय होगी गर्भवती और शिशुओं को दूध पिलाती स्त्रियों की स्थिति!
ⲓ̅ⲍ̅ⲟⲩⲟⲓ̈ ⲇⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲉⲉⲧ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲧⲧⲥⲛⲕⲟ ϩⲛ̅ⲛⲉϩⲟⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ.
18 प्रार्थना करते रहो, ऐसा न हो कि तुम्हें जाड़े में भागना पड़े
ⲓ̅ⲏ̅ϣⲗⲏⲗ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲛⲛⲉⲡⲉⲧⲛ̅ⲡⲱⲧ ϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲡⲣⲱ.
19 क्योंकि वह महाक्लेश काल होगा—ऐसा कि जो न तो सृष्टि के प्रारंभ से आज तक देखा गया, न ही इसके बाद दोबारा देखा जाएगा.
ⲓ̅ⲑ̅ⲥⲉⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ϭⲓⲛⲉϩⲟⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲛ̅ⲟⲩⲑⲗⲓⲯⲓⲥ ⲧⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲙ̅ⲡⲉⲟⲩⲟⲛ ⲛ̅ⲧⲉⲥϭⲟⲧ ϣⲱⲡⲉ ϫⲓⲛⲧⲁⲣⲭⲏ ⲙ̅ⲡⲥⲱⲛⲧ ⲛ̅ⲧⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲥⲟⲛⲧϥ̅ ϣⲁϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲛⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲙⲛ̅ⲟⲩⲟⲛ ⲛ̅ⲧⲉⲥϭⲟⲧ ⲛⲁϣⲱⲡⲉ
20 “यदि प्रभु द्वारा इसकी काल-अवधि घटाई न जाती, तो कोई भी जीवित न रहता. कुछ चुने हुए विशेष लोगों के लिए यह अवधि घटा दी जाएगी.
ⲕ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲛⲉⲙ̅ⲡⲉⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲧⲥⲃ̅ⲕⲉϩⲟⲟⲩ ⲛⲉⲙ̅ⲙⲛ̅ⲗⲁⲁⲩ ⲛ̅ⲥⲁⲣⲝ̅ ⲛⲁⲱⲛϩ. ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲧⲃⲉⲛ̅ⲥⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ⲧⲁϥⲥⲟⲧⲡⲟⲩ ⲁϥⲧⲥⲃ̅ⲕⲉⲛⲉϩⲟⲟⲩ
21 उस समय यदि कोई आकर तुम्हें सूचित करे, ‘सुनो-सुनो, मसीह यहां हैं,’ या ‘वह वहां हैं,’ तो विश्वास न करना,
ⲕ̅ⲁ̅ⲁⲩⲱ ⲉⲣϣⲁⲛⲗⲁⲁⲩ ϫⲟⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲉⲓⲥⲡⲉⲭ̅ⲥ̅ ⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ⲙⲁ. ⲁⲩⲱ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ϥϩⲛ̅ⲡⲓⲙⲁ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ
22 क्योंकि अनेक झूठे मसीह तथा अनेक झूठे भविष्यवक्ता उठ खड़े होंगे. वे प्रभावशाली चमत्कार चिह्न दिखाएंगे तथा अद्भुत काम करेंगे कि यदि संभव हुआ तो परमेश्वर द्वारा चुने हुओं को भी भटका दें.
ⲕ̅ⲃ̅ⲥⲉⲛⲁⲧⲱⲟⲩⲛⲟⲩ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ϭⲓϩⲉⲛⲭⲣⲓⲥⲧⲟⲥ ⲛ̅ⲛⲟⲩϫ. ⲛⲙ̅ϩⲉⲛⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲛ̅ⲛⲟⲩϫ. ⲛ̅ⲥⲉϯ ⲛ̅ϩⲉⲛⲙⲁⲓ̈ⲛ ⲛⲙ̅ϩⲉⲛϣⲡⲏⲣⲉ. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲉⲩⲛ̅ϭⲟⲙʾ ⲉⲡⲗⲁⲛⲁ ⲛ̅ⲛ̅ⲥⲱⲧⲡ̅
23 सावधान रहना, मैंने समय से पूर्व ही तुम्हें इसकी चेतावनी दे दी है.
ⲕ̅ⲅ̅ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲇⲉ ϯϩⲧⲏⲧⲛ̅ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ⲁⲓ̈ϣⲣⲡ̅ϫⲱ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ⲛ̅ϩⲱⲃ ⲛⲓⲙ.
24 “उन दिनों में क्लेश के तुरंत बाद, “‘सूर्य अंधेरा हो जाएगा, और चंद्रमा प्रकाश न देगा;
ⲕ̅ⲇ̅ⲁⲗⲗⲁ ϩⲛ̅ⲛⲉϩⲟⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲥⲁⲧⲉⲑⲗⲓⲯⲓⲥ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲡⲣⲏ ⲛⲁⲣⲉⲃⲏ. ⲁⲩⲱ ⲡⲟⲟϩ ⲛϥ̅ⲛⲁϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ̈ⲛ ⲁⲛ.
25 तथा आकाश से तारे नीचे गिरने लगेंगे. आकाशमंडल की शक्तियां हिलायी जाएंगी.’
ⲕ̅ⲉ̅ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲥⲓⲟⲩ ⲥⲉⲛⲁϩⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲧⲡⲉ ⲁⲩⲱ ⲛ̅ϭⲟⲙ ⲉⲧϩⲛ̅ⲙ̅ⲡⲏⲩⲉ ⲥⲉⲛⲁⲛⲟⲓ̈ⲛ
26 “तब आकाश में मनुष्य के पुत्र का चिह्न प्रकट होगा, और वे मनुष्य के पुत्र को आकाश में बादलों पर सामर्थ्य और प्रताप के साथ आता हुआ देखेंगे.
ⲕ̅ⲋ̅ⲁⲩⲱ ⲧⲟⲧⲉ ⲥⲉⲛⲁⲛⲁⲩ ⲉⲡϣⲏⲣⲉ ⲙ̅ⲡⲣⲱⲙⲉ ⲉϥⲛⲏⲩ ϩⲛ̅ⲟⲩⲕⲗⲟⲟⲗⲉ ⲛⲙ̅ⲟⲩⲛⲟϭ ⲛ̅ϭⲟⲙ ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲉⲟⲟⲩ.
27 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, जो चारों दिशाओं से, पृथ्वी के एक छोर से आकाश के दूसरे छोर तक जाकर उनके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे.
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ⲧⲟⲧⲉ ϥⲛⲁϫⲉⲩⲛⲉϥⲁⲅⲅⲉⲗⲟⲥ ⲛϥ̅ⲥⲱⲟⲩϩ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲛⲉϥⲥⲱⲧⲡ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲉϥⲧⲟⲩⲧⲏⲩ. ϫⲓⲛϫⲱϥ ⲙ̅ⲡⲕⲁϩ ϣⲁϫⲱⲥ ⲛ̅ⲧⲡⲉ.
28 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो: जब उसमें कोंपलें फूटने लगती और पत्तियां निकलने लगती हैं तो तुम जान लेते हो कि गर्मी का समय पास है.
ⲕ̅ⲏ̅ⲉⲃⲟⲗ ⲇⲉ ⲛⲧ̅ⲃⲱ ⲛ̅ⲕⲛ̅ⲧⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲉⲉ͡ⲓⲙⲉ ⲉⲧⲡⲁⲣⲁⲃⲟⲗⲏ. ⲉⲣϣⲁⲛⲡⲉⲥⲕⲗⲁⲇⲟⲥ ⲏⲇⲏ ⲗⲱⲕ ⲛ̅ⲧⲉⲛⲉⲥϭⲱⲃⲉ ϯⲟⲩⲱ ⲛ̅ϣⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲉ͡ⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲁⲡϣⲱⲙ ϩⲱⲛ ⲉϩⲟⲩⲛ.
29 इसी प्रकार तुम जब भी इन सभी घटनाओं को देखो तो समझ लेना कि वह पास है—द्वार पर ही है.
ⲕ̅ⲑ̅ⲧⲁⲓ̈ ϩⲱⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲧⲉ ⲧⲉⲧⲛ̅ϩⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛⲛⲁⲩ ⲉⲛⲁⲓ̈ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲉⲩⲛⲁϣⲱⲡⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲛⲁⲓ̈ⲙⲉ ϫⲉ ⲁϥϩⲱⲛ ⲉϩⲟⲩⲛ ϩⲓⲣⲛ̅ⲣ̅ⲣⲟ.
30 सच्चाई तो यह है कि इन घटनाओं के हुए बिना इस युग का अंत नहीं होगा.
ⲗ̅ϩⲁⲙⲏⲛ ϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲉⲓ̈ⲅⲉⲛⲉⲁ ⲗⲟ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ϣⲁⲛⲧⲉⲛⲁⲓ̈ ⲧⲏⲣⲟⲩ ϣⲱⲡⲉ.
31 आकाश तथा पृथ्वी खत्म हो जाएंगे किंतु मेरे कहे हुए शब्द कभी नहीं.
ⲗ̅ⲁ̅ⲧⲡⲉ ⲛⲙ̅ⲡⲕⲁϩ ⲥⲉⲛⲁⲗⲟ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲛⲁϣⲁϫⲉ ⲇⲉ ⲛ̅ⲥⲉⲛⲁⲗⲟ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲁⲛ.
32 “वैसे उस दिन तथा उस समय के विषय में किसी को भी मालूम नहीं है—न स्वर्गदूतों को और न ही पुत्र को—परंतु मात्र पिता को ही यह मालूम है.”
ⲗ̅ⲃ̅ⲉⲧⲃⲉⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲏ̑ ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲙⲛ̅ⲗⲁⲁⲩ ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲟⲩⲇⲉ ⲛⲁⲅⲅⲉⲗⲟⲥ ϩⲛ̅ⲧⲡⲉ. ⲟⲩⲇⲉ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲥⲁⲡⲉⲓⲱⲧ ⲙ̅ⲙⲁⲩⲁⲁϥ.
33 अब इसलिये कि तुम्हें उस विशेष क्षण के घटित होने के विषय में कुछ भी मालूम नहीं है, सावधान रहो, सतर्क रहो.
ⲗ̅ⲅ̅ϯϩⲧⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲣⲟⲉⲓⲥ ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲗⲏⲗ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲅⲁⲣ ⲁⲛ ϫⲉ ⲁϣ ⲡⲉ ⲡⲉⲩⲟⲉⲓϣ.
34 यह स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी उस व्यक्ति की, जो अपनी सारी गृहस्थी अपने दासों को सौंपकर दूर यात्रा पर निकल पड़ा. उसने हर एक दास को भिन्‍न-भिन्‍न ज़िम्मेदारी सौंपी और द्वारपाल को भी सावधान रहने की आज्ञा दी.
ⲗ̅ⲇ̅ⲛ̅ⲑⲉ ⲛ̅ⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲉϥⲛⲁⲁⲡⲟⲇⲏⲙⲉⲓ ⲉⲁϥⲕⲁⲡⲉϥⲏⲉⲓ ⲁⲩⲱ ⲁϥϯ ⲛ̅ⲧⲉⲝⲟⲩⲥⲓⲁ ⲛ̅ⲛⲉϥϩⲙ̅ϩⲁⲗ ⲡⲟⲩⲁ ⲡⲟⲩⲁ ⲉⲁϥϯ ⲛⲁϥ ⲙ̅ⲡⲉϥϩⲱⲃ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲙⲛⲟⲩⲧ ⲁϥϩⲱⲛ ⲉⲧⲟⲟⲧϥ̅ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥⲉⲣⲟⲉⲓⲥ
35 “इसी प्रकार तुम भी सावधान रहो क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि घर का स्वामी लौटकर कब आएगा—शाम को, आधी रात या भोर को मुर्गे की बांग के समय.
ⲗ̅ⲉ̅ⲣⲟⲉⲓⲥ ϭⲉ ϩⲱⲧⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲅⲁⲣ ⲁⲛ ϫⲉ ⲉⲣⲉⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲏⲓ̈ ⲛⲏⲩ ⲛ̅ⲁϣ ⲛ̅ⲛⲁⲩ. ⲏ ⲣ̅ⲣⲟⲩϩⲉ ⲏ ϩⲛ̅ⲧⲡⲁϣⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲩϣⲏ. ⲏ ⲙ̅ⲡⲛⲁⲩ ⲉⲣⲉⲡⲁⲗⲉⲕⲧⲱⲣ ⲛⲁⲙⲟⲩⲧⲉ. ⲏ ⲙ̅ⲡⲛⲁⲩ ⲛ̅ϩⲧⲟⲟⲩⲉ
36 ऐसा न हो कि उसका आना अचानक हो और तुम गहरी नींद में पाए जाओ.
ⲗ̅ⲋ̅ⲙⲏⲡⲱⲥ ⲛϥ̅ⲉ͡ⲓ ϩⲛ̅ⲟⲩϣⲥⲛⲉ ⲛϥϩⲉ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲟⲃϣ̅.
37 जो मैं तुमसे कह रहा हूं, वह सभी से संबंधित है: सावधान रहो.”
ⲗ̅ⲍ̅ⲡⲉϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛ̅ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ϫⲉ ⲣⲟⲉⲓⲥ·

< मरकुस 13 >