< मरकुस 11 >

1 जब वे येरूशलेम के पास ज़ैतून पर्वत के समीप बैथनियाह तथा बैथफ़गे गांव के पास पहुंचे, मसीह येशु ने अपने दो शिष्यों को यह आज्ञा देकर भेजा,
ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଜିତବୁରନ୍‌ ଆ ତୟ୍‌ତୟ୍‌ ବେତ୍‌ପାଗିନ୍‌ ଡ ବେତନିଆନ୍‌ ଅଡ଼ୋଏଞ୍ଜି, ତିଆଡିଡ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ବାଗୁନେ ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ରେ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି,
2 “इस गांव में जाओ. वहां प्रवेश करने पर तुम्हें एक गधी का बच्चा बंधा हुआ दिखाई देगा, जिस पर अब तक कोई नहीं बैठा है. उसे खोलकर मेरे पास ले आओ.
“ମୁକ୍କାଗଡ୍‌ବେନ୍‌ ତି ଆ ସାଇ ଇୟ୍‌ବା, ତେତ୍ତେ ଏଗନେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ଆନା ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ତଙ୍କୁମେ, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଅନ୍‌ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ଆତବାଡନ୍‌ ଇୟ୍‌ତେ ଏଗିଜେ, ତିଆତେ ପଡ୍ଡଙ୍‌ଲେ ପାଙାୟ୍‌ବା ।
3 यदि कोई तुमसे यह पूछे, ‘यह क्या कर रहे हो?’ तो तुम यह उत्तर देना, ‘प्रभु को इसकी ज़रूरत है, वह शीघ्र ही इसे लौटा देंगे.’”
ଆରି, ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆମ୍ୱେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇନିବା ଏପଡ୍ଡଙ୍‌ତେ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ରବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଇୟ୍‌ ବର୍ନାବା, ଆନିନ୍‌ ଆରି ଅନ୍ନବ୍‌ଡିଙ୍‌ଲନ୍‌ ତିଆତେ ତେନ୍ନେ ଲଆପ୍ପାୟ୍‌ତାୟ୍‌ ।”
4 वे चले गए. उन्होंने गली में द्वार के पास गधी का एक बच्‍चे को बंधे देखा. उन्होंने उसे खोल लिया.
ଆନିଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ଗରନ୍ନେନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ଆ ଡାଣ୍ଡଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଅନ୍‌ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ଆତବାଡନ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ତିଆତେ ଇୟ୍‌ଲେ ପଡ୍ଡଙେଞ୍ଜି,
5 वहां खड़े हुए कुछ व्यक्तियों ने यह देख उनसे पूछा, “क्यों खोल रहे हो इसे?”
ସିଲତ୍ତେ ତେତ୍ତେ ତନଙ୍‌ଲେ ଆଡ୍ରକୋଲଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆଅନ୍‌ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ପଡ୍ଡଙ୍‌ଲେ ଇନି ଏଏଙ୍ଗାତେ?”
6 उन्होंने उन्हें वही उत्तर दिया जैसा मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया था और उन लोगों ने उन्हें जाने दिया.
ଜିସୁନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ରେ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ପାଙ୍‌ବା ଗାମ୍‌ଲାଜି ।
7 वे गधी के उस बच्‍चे को मसीह येशु के पास ले आए. उन्होंने अपने वस्त्र उस पर बिछा दिए और मसीह येशु उस पर बैठ गए.
ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଆଅନ୍‌ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ଆନିଞ୍ଜି ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆ ସିନ୍‌ରିଞ୍ଜି ବେଲେଞ୍ଜି, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଗୋଡୋଁୟନ୍‌ ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ତଙ୍କୁମେନ୍‌ ।
8 अनेकों ने मार्ग पर अपने वस्त्र बिछा दिए और कुछ ने नए पत्तों से लदी हुई डालियां, जो वे मैदान से काटकर लाए थे.
ଆରି ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ରୋତ୍ତଲୋଙନ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆ ସିନ୍‌ରି ବେଲେଞ୍ଜି ଆରି ଲାଙ୍‌ଲେଡ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି କୋତ୍ତାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅଲାନ୍‌ ଡେୟ୍‌ଲେ ପାଙ୍‌ଲେ ରୋତ୍ତଲୋଙନ୍‌ ବେଲେଞ୍ଜି ।
9 वे सब लोग, जो मसीह येशु के आगे-आगे तथा पीछे-पीछे चल रहे थे, नारे लगा रहे थे, “होशान्‍ना!” “धन्य हैं वह जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.”
ଆରି, ଆମ୍ମୁଙ୍‌ଗଡ୍‌ ତିକ୍କିଗଡ୍‌ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ସୋଡ଼ା ସର୍ରଙନ୍‌ ବାତ୍ତେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଓସାନ୍ନା! ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆ ଆଞୁମ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆନା ଜିର୍ତାୟ୍‌, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆସିର୍ବାଦଏତୋ!
10 “धन्य है हमारे कुलपिता दावीद का आगामी राज्य.” “सबसे ऊंचे स्वर्ग में होशान्‍ना!”
ଆପେୟ୍‌ଲେନ୍‌ ଦାଉଦନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆଜିର୍ତାଞନ୍‌ଆତେ ପ୍ରବୁନ୍‌ ଆସିର୍ବାଦଏତୋ! ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଓସାନ୍ନା!”
11 येरूशलेम नगर में प्रवेश करने पर मसीह येशु मंदिर में आए और वहां का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बारहों के साथ बैथनियाह नगर की ओर चलना शुरू किया क्योंकि शाम हो गयी थी.
ତିକ୍କି ଜିସୁନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଜିର୍ରେ ସରେବାସିଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଗନେ, ଆରି ଏର୍ରେ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆଙାଙ୍‌ଡାଲେ ଆସ୍ରାଲ୍ଲୁମେନ୍‌ ବାରଜଣ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ବେତନିଆନ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି ।
12 दूसरे दिन जब वे बैथनियाह से चले तो मसीह येशु को भूख लगी.
ଆବାର୍ତାନ୍‌, ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ବେତନିଆନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଆୟର୍ରନାଞଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଡୋଲେଜେନ୍‌;
13 दूर ही से उन्हें अंजीर का एक हरा-भरा पेड़ दिखाई दिया. वह उस पेड़ के पास आए कि कदाचित उन्हें उसमें कुछ मिल जाए किंतु वहां उन्हें पत्तियों के अतिरिक्त कुछ भी न मिला क्योंकि उसमें फल लगने का समय अभी नहीं आया था.
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌, ଅଲାନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଲୁଆନୁବନ୍‌ ସଙାୟ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ, ଅସମୟ୍‌ ତେତ୍ତେ ଆଜନ୍‌ ଇୟ୍‌ତେ ଞାଙ୍‌ନାୟ୍‌ ଜାଆରୋ ଗାମ୍‌ଲେ, ଆସାଡାଲନ୍‌ ଲୁଆନୁବନ୍‌ ଇୟେନ୍‌ । ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ତେତ୍ତେ ଜିର୍ରେ ଆ ଅଲାନ୍‌ ତୁମ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଞାଙେ, ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆରି ଅଃନ୍ନିୟ୍‌ଞାଙ୍‌ଲୋ, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଲୁଆନୁବନ୍‌ ଆରଜତେନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନା ତଡ୍‌ ।
14 उस पेड़ से मसीह येशु ने कहा, “अब तुझसे कभी भी कोई फल न खाए!” शिष्य यह सुन रहे थे. (aiōn g165)
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଲୁଆନୁବନ୍‌ ସୟ୍‌ପଲେ ବର୍ରନେ, “ଆରି ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ ଜା ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଅମଙ୍‌ନମ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅଜନ୍‌ ଜୋମ୍‌ଡଙେ ତଡ୍‌ ।” ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି କେନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି । (aiōn g165)
15 वे येरूशलेम पहुंचे और मसीह येशु ने मंदिर में जाकर उन सभी को मंदिर से बाहर निकाल दिया, जो वहां लेनदेन कर रहे थे. साथ ही येशु ने साहूकारों की चौकियां उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के आसनों को पलट दिया.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ସରେବାସିଙନ୍‌ ଗନ୍‌ଲନ୍‌ ତେତ୍ତେ, ଜନ୍ତୁଞ୍ଜି ଅନମଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତମ୍‌ତମ୍‌ନେମରଞ୍ଜି, ଞିଞିନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅମ୍‌ଡୁଙେଞ୍ଜି, ଆରି ବାର୍‌ବାର୍‌ଡାବ୍‌ମରଞ୍ଜି ଆ ମେଜ ଡ କୁକ୍କୁର୍‌ ବେପାରମରଞ୍ଜି ଆ କୁର୍ସି ସବ୍‌ଡିଡାଜେନ୍‌ ।
16 मसीह येशु ने किसी को भी मंदिर में बेचने का सामान लेकर आने जाने की अनुमति न दी.
ଆରି ଆନିନ୍‌, ସରେବାସିଙନ୍‌ ଆ ଡୁଆରାଗଡ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ଜା ତରମ୍‌ତମଞ୍ଜି ପନାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃନ୍ନବ୍‌ଜିର୍‌ଜିର୍ରୋ,
17 वहां शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने कहा, “क्या पवित्र शास्त्र में तुमने यह नहीं पढ़ा: ‘सारे राष्ट्रों के लिए मेरा भवन प्रार्थना का भवन होगा’? और यहां तुमने इसे डाकुओं की ‘गुफ़ा बना रखा है.’”
ଆରି ଆନିନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲେ ବର୍ରନେ, “ସାସ୍ତ୍ରଲୋଙନ୍‌ ଏନ୍ନେଲେ ଆଇଡିଡନ୍‌ ଡକୋ, ‘ଅସିଂଞେନ୍‌ ପୁର୍ତିନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ଜାତିନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆସନ୍‌ ପାର୍ତନାସିଂ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ନେନ୍‌ ଡେତେ ।’ ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ତିଆତେ ରାଉମରଞ୍ଜି ଆ ଡଲ୍ଲି ଏଏମ୍ମେଏନ୍‌ ।”
18 इस घटना के विषय में मालूम होने पर प्रधान पुरोहित तथा शास्त्री मसीह येशु की हत्या की युक्ति खोजने लगे. उन्हें भीड़ का भय था क्योंकि मसीह येशु की शिक्षा से भीड़ प्रभावित थी.
ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି କେନ୍‌ଆତେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲ୍‌ଡେନ୍‌ ରବ୍ବୁବୋ ଗାମ୍‌ଲେ ତଙରନ୍‌ ସାଜେଞ୍ଜି, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆ ଞନଙନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ସାନ୍ନି ଆଡ୍ରେଏଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବତଙେଞ୍ଜି ।
19 संध्या होने पर मसीह येशु तथा उनके शिष्य नगर के बाहर चले जाते थे.
ଆରି, ଆସ୍ରାଲ୍ଲୁମେନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଗଡ଼ାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି ।
20 प्रातःकाल, जब वे वहां से आ रहे थे, उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ से सूखा हुआ पाया.
ଡୋତାନ୍‌, ତି ଆ ତଙର୍‌ଗଡ୍‌ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌, ଆନିଞ୍ଜି ଲୁଆନୁବନ୍‌ ଆଜଡନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆସର୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଗିଜେଜି ।
21 पेतरॉस ने याद करते हुए कहा, “रब्बी देखिए! जिस पेड़ को आपने शाप दिया था, वह सूख गया है.”
ତିଆସନ୍‌ ପିତ୍ରନ୍‌ ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ମନ୍ନେଡାଲେ ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଏ ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଗିଜା, ଆମନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଲୁଆନୁବ୍‌ ସୟ୍‌ପଏନ୍‌, ତିଆତେ ଅସରେନ୍‌ନି ।”
22 इसके उत्तर में मसीह येशु ने कहा, “परमेश्वर में विश्वास रखो,
ଜିସୁନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଡର୍ନାବା ।
23 मैं तुम पर एक अटल सत्य प्रकट कर रहा हूं: यदि तुम्हें विश्वास हो—संदेह तनिक भर भी न हो—तो तुम न केवल वह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ के साथ किया गया परंतु तुम यदि इस पर्वत को भी आज्ञा दोगे, ‘उखड़ जा और समुद्र में जा गिर!’ तो यह भी हो जाएगा.
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆନାଜନଙ୍‌ କେନ୍‌ ବରୁନ୍‌, ଆମନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ ଗଲୋଅମ୍‌ତୋ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ତେ, ଆରି ଆ ଉଗର୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଏର୍‌ଡାଲ୍‌ଗଡ୍‌ଲେ, ଅଙ୍ଗାତେ ବର୍ତନାୟ୍‌, ତିଆତେ ଗଡେଲ୍‌ତେ ଗାମ୍‌ଲେ ଡର୍ତନେ, ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତିଆତେ ଗଡେଲ୍‌ତେ ।
24 इसलिये तुमसे मुझे यह कहना है: प्रार्थना में विश्वास से तुम जो भी विनती करोगे, उनके लिए यह विश्वास कर लो कि वे तुम्हें प्राप्‍त हो गई हैं, तो वे तुम्हें प्रदान की जाएंगी.
ତିଆସନ୍‌, ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗା ଅଙ୍ଗାତେ ଏପାର୍ତନାତନ୍‌ ଆରି ଏବେଡ୍‌ତେ, ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଏଞାଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଡର୍ନାବା, ସିଲତ୍ତେ ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଏଞାଙ୍‌ତେ ।
25 इसी प्रकार, जब तुम प्रार्थना करो और तुम्हारे हृदय में किसी के विरुद्ध कुछ हो, उसे क्षमा कर दो, जिससे तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे पाप क्षमा कर दें. [
ଆରି, ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏଡୋତନ୍‌, ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଡକୋଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କେମାବା, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ଇର୍ସେବେନ୍‌ କେମାତବେନ୍‌ ।”
26 किंतु यदि तुम क्षमा नहीं करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे पाप क्षमा न करेंगे.]”
“ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଃକ୍କେମାଲୋ ଡେନ୍‌, ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରକୋତନେନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ବେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଇର୍ସେବେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅଃକ୍କେମାବେନ୍‌ ।”
27 इसके बाद वे दोबारा येरूशलेम नगर आए. जब मसीह येशु मंदिर परिसर में टहल रहे थे, प्रधान पुरोहित, शास्त्री तथा प्रवर (नेतागण) उनके पास आए
ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆରି ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଜିର୍ରାଜି; ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ସରେବାସିଙନ୍‌ ଆବ୍ରୁଲ୍ଲେଏନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ସୋଡ଼ା ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି, ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଡ ପାପୁର୍‌ମରଞ୍ଜି ଆମଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି,
28 और उनसे प्रश्न करने लगे, “किस अधिकार से तुम यह सब कर रहे हो? कौन है वह, जिसने तुम्हें यह सब करने का अधिकार दिया है?”
“ଆମନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଆ ସନୋଡ଼ାନେନ୍‌ ବାତ୍ତେ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଲୁମ୍‌ତେ? ଆରି କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଲନୁମନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନା ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ସୋଡ଼ାନେନ୍‌ ତିୟ୍‌ଲମ୍‌?”
29 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “आप लोगों से मैं भी एक प्रश्न करूंगा. जब आप मुझे उसका उत्तर देंगे तब मैं भी आपके इस प्रश्न का उत्तर दूंगा कि मैं किस अधिकार से यह सब कर रहा हूं.
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ଞେନ୍‌ ଜାଲଙିଁୟ୍‌ବା, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଆ ସନୋଡ଼ାନେ ବାତ୍ତେ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଲୁମ୍‌ତାୟ୍‌, ତିଆତେ ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌ ।
30 यह बताइए कि योहन का बपतिस्मा परमेश्वर की ओर से था या मनुष्यों की ओर से?”
ଜନନ୍‌ ଆ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡା ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅଡ଼େ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡେଏନ୍‌? ଞେନ୍‌ ଜାଲଙିଁୟ୍‌ବା ।”
31 वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “यदि हम यह कहते हैं कि वह परमेश्वर की ओर से था तो यह कहेगा, ‘तब आप लोगों ने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ କଡାଡ଼ିଡାଲନ୍‌ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଏଗାମ୍‌ଲାୟ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଗାମ୍‌ତେ, ‘ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଇନିଜି ବର୍ରନେ ତିଆତେ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଇନିବା ଏଃଡ୍ଡର୍ରନେ?’
32 और यदि हम यह कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’” वस्तुतः यह कहने में उन्हें जनसाधारण का भय था क्योंकि जनसाधारण योहन को भविष्यवक्ता मानता था.
ଅଡ଼େ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ନେବୋ ପଙ୍‌?” ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବତଙେଞ୍ଜି, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍‌ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମର୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ମାନ୍ନେଏଞ୍ଜି । ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଏନ୍ନେଲେ ବର୍ନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅଃନ୍ନୋମଙ୍‌ଲଜି ।
33 उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते.” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “ठीक है, मैं भी तुम्हें यह नहीं बताता कि मैं ये सब किस अधिकार से कर रहा हूं.”
ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଜନା ତଡ୍‌ ।” ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଆ ସନୋଡ଼ାନେ ବାତ୍ତେ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଲୁମ୍‌ତାୟ୍‌, ତିଆତେ ଞେନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅଃବ୍ବର୍ବେନ୍‌ ।”

< मरकुस 11 >