< लूका 9 >

1 प्रभु येशु ने बारहों शिष्यों को बुलाकर उन्हें दुष्टात्माओं को निकालने तथा रोग दूर करने का सामर्थ्य और अधिकार प्रदान किया
耶穌召集了那十二人來,賜給他們制伏一切魔鬼,並治療疾病的能力和權柄,
2 तथा उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने तथा रोगियों को स्वस्थ करने के लिए भेज दिया.
派遺他們去宣講天主的國,並治好病人,
3 प्रभु येशु ने उन्हें निर्देश दिए, “यात्रा के लिए अपने साथ कुछ न रखना—न छड़ी, न झोला, न रोटी, न पैसा और न ही कोई बाहरी वस्त्र.
向他們說:「你們在路上什麼也不要帶:也不要帶棍杖,也不要帶食物,不要帶銀錢,不要帶兩件內衣。
4 तुम जिस किसी घर में मेहमान होकर रहो, नगर से विदा होने तक उसी घर के मेहमान बने रहना.
你們無論進了那一家,就住在那裡,直到從那裡離去。
5 यदि लोग तुम्हें स्वीकार न करें तब उस नगर से बाहर जाते हुए अपने पैरों की धूल झाड़ देना कि यह उनके विरुद्ध गवाही हो.”
人若不接受你們,你們要離開那城,拂去你們腳上的塵土,作為反對他們的證據。
6 वे चल दिए तथा सुसमाचार का प्रचार करते और रोगियों को स्वस्थ करते हुए सब जगह यात्रा करते रहे.
他們就出發,周遊各鄉村,宣傳喜訊,到處治病。
7 जो कुछ हो रहा था उसके विषय में हेरोदेस ने भी सुना और वह अत्यंत घबरा गया क्योंकि कुछ लोग कह रहे थे कि बपतिस्मा देनेवाले योहन मरे हुओं में से दोबारा जीवित हो गए हैं.
分封侯黑落德聽到發生的這一切事,猶豫不定,因為有些人說:「若翰從死者中復活了。」
8 कुछ अन्य कह रहे थे कि एलियाह प्रकट हुए हैं तथा कुछ अन्यों ने दावा किया कि प्राचीन काल के भविष्यद्वक्ताओं में से कोई दोबारा जीवित हो गया है
但另些人說:「是厄里亞出現了。」還有些人說:「是一位古先知復活了。」
9 किंतु हेरोदेस ने विरोध किया, “योहन का सिर तो स्वयं मैंने उड़वाया था, तब यह कौन है, जिसके विषय में मैं ये सब सुन रहा हूं?” इसलिये हेरोदेस प्रभु येशु से मिलने का प्रयास करने लगा.
黑落德且說:「若翰我已經斬首了;而這人到底是誰﹖關於他,我竟聽到了這樣的事! 」便想法看看他。
10 अपनी यात्रा से लौटकर प्रेरितों ने प्रभु येशु के सामने अपने-अपने कामों का बखान किया. तब प्रभु येशु उन्हें लेकर चुपचाप बैथसैदा नामक नगर चले गए.
宗徒們回來,把所行的一切,報告耶穌,祂遂帶著他們私自退往一座名叫貝特賽達的城去了。
11 किंतु लोगों को इसके विषय में मालूम हो गया और वे वहां पहुंच गए. प्रभु येशु ने सहर्ष उनका स्वागत किया और उन्हें परमेश्वर के राज्य के विषय में शिक्षा दी तथा उन रोगियों को चंगा किया, जिन्हें इसकी ज़रूरत थी.
群眾一知道,也跟隨祂去了;祂就迎接他們,給他們講論天主的國,並治好了那些急需治療的人。
12 जब दिन ढलने पर आया तब बारहों प्रेरितों ने प्रभु येशु के पास आकर उन्हें सुझाव दिया, “भीड़ को विदा कर दीजिए कि वे पास के गांवों में जाकर अपने ठहरने और भोजन की व्यवस्था कर सकें क्योंकि यह सुनसान जगह है.”
天將要黑的時候,那十二人前來對祂說:「請遣散群眾,他們往四周村莊田舍裏去投宿尋食,因為我們這裡,是在荒野地方。」
13 इस पर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “तुम्हीं करो इनके भोजन की व्यवस्था!” उन्होंने इसके उत्तर में कहा, “हमारे पास तो केवल पांच रोटियां तथा दो मछलियां ही हैं; हां, यदि हम जाकर इन सबके लिए भोजन मोल ले आएं तो यह संभव है.”
耶穌卻向他們說:「你們他們吃的吧! 」他們答說:「我們只有五個餅和兩條魚,除非我們親自去給這一切人購買食物。
14 इस भीड़ में पुरुष ही लगभग पांच हज़ार थे. प्रभु येशु ने शिष्यों को आदेश दिया, “इन्हें लगभग पचास-पचास के झुंड में बैठा दो.”
原來男人大約有五千。祂卻向自己的們徒說:「叫分組坐下,約五十人一夥。」
15 शिष्यों ने उन सबको भोजन के लिए बैठा दिया.
們徒就照樣做了,叫群人坐下。
16 पांचों रोटियां तथा दोनों मछलियां अपने हाथ में लेकर प्रभु येशु ने स्वर्ग की ओर दृष्टि करते हुए उनके लिए परमेश्वर को धन्यवाद किया तथा उन्हें तोड़-तोड़ कर शिष्यों को देते गए कि वे लोगों में इनको बांटते जाएं.
祂遂拿起那五個餅和兩條魚來,望著天祝福了,擘開遞給們徒,叫他們擺在群眾前。
17 सभी ने भरपेट खाया. शेष रह गए टुकड़े इकट्ठा करने पर बारह टोकरे भर गए.
眾人吃了,也都飽了;把他們所剩的碎塊,收集了十二筐。
18 एक समय, जब प्रभु येशु एकांत में प्रार्थना कर रहे थे तथा उनके शिष्य भी उनके साथ थे, प्रभु येशु ने शिष्यों से प्रश्न किया, “लोग क्या कहते हैं वे मेरे विषय में; कि मैं कौन हूं?”
有一天,耶穌獨自祈禱,們徒同祂在一起。祂問他們說:「眾人說我是誰﹖」
19 उन्होंने उत्तर दिया, “कुछ कहते हैं बपतिस्मा देनेवाला योहन; कुछ एलियाह; और कुछ अन्य कहते हैं पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से एक, जो दोबारा जीवित हो गया है.”
他們回答說:「有人說是洗者若翰;有人卻說是厄里亞;還有人說是古時的一位先知復活了。」
20 “मैं कौन हूं इस विषय में तुम्हारी धारणा क्या है?” प्रभु येशु ने प्रश्न किया. पेतरॉस ने उत्तर दिया, “परमेश्वर के मसीह.”
祂問他們說:「但你們說我是誰呢﹖」伯多祿回答說:「天主的受傅者。」
21 प्रभु येशु ने उन्हें कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे यह किसी से न कहें.
但耶穌嚴厲囑咐他們,不要把這事告訴人,說:
22 आगे प्रभु येशु ने प्रकट किया, “यह अवश्य है कि मनुष्य के पुत्र अनेक पीड़ाएं सहे, यहूदी प्रधानों, प्रधान पुरोहितों तथा व्यवस्था के शिक्षकों के द्वारा अस्वीकृत किया जाए; उसका वध किया जाए तथा तीसरे दिन उसे दोबारा जीवित किया जाए.”
「人子必須受許多苦,被長老、司祭長和經師們棄絕,並且要被殺;但第三天必要復活。」
23 तब प्रभु येशु ने उन सबसे कहा, “यदि कोई मेरे पीछे होना चाहे, (शिष्य होना चाहे) वह अपने अहम का त्याग कर प्रतिदिन अपना क्रूस उठाकर मेरे पीछे चले.
祂又對眾人說:「誰若願意跟隨我,該棄絕自己,天天背自己的十字架跟隨我。
24 क्योंकि जो कोई अपने जीवन को सुरक्षित रखना चाहता है, उसे खो देगा किंतु जो कोई मेरे हित में अपने प्राणों को त्यागने के लिए तत्पर है, वह अपने प्राणों को सुरक्षित रखेगा.
因為誰若願意救自己性命,必要喪失性命;但誰若因我的緣故喪失自己的性命,這人必能救得性命。
25 क्या लाभ है यदि कोई व्यक्ति सारे संसार पर अधिकार तो प्राप्‍त कर ले किंतु स्वयं को खो दे या उसका जीवन ले लिया जाए?
人縱然賺很了全世界,卻喪失了自己,或賠上自己,為他有什益處呢﹖
26 क्योंकि जो कोई मुझसे और मेरी शिक्षा से लज्जित होता है, मनुष्य का पुत्र भी, जब वह अपनी, अपने पिता की तथा पवित्र दूतों की महिमा में आएगा, उससे लज्जित होगा.
誰若因我和我的話為恥,將來人子在自己的光榮,和父及眾天使的光榮中降來時,也要以這人為恥。
27 “सच तो यह है कि यहां कुछ हैं, जो मृत्यु तब तक न चखेंगे जब तक वे परमेश्वर का राज्य देख न लें.”
我確實告訴你們:站在這裏的人中,就有幾個,在未嘗到死味以前,必要看見天主的國。
28 अपनी इस बात के लगभग आठ दिन बाद प्रभु येशु पेतरॉस, योहन तथा याकोब को साथ लेकर एक ऊंचे पर्वत शिखर पर प्रार्थना करने गए.
講了這些道理以後,大約過了八天,耶穌帶了伯多祿、若望和雅各伯上山去祈禱。
29 जब प्रभु येशु प्रार्थना कर रहे थे, उनके मुखमंडल का रूप बदल गया तथा उनके वस्त्र सफ़ेद और उजले हो गए.
正當祂祈禱時,祂的面容改變祂的衣服潔白發光。
30 दो व्यक्ति—मोशेह तथा एलियाह—उनके साथ बातें करते दिखाई दिए.
忽然,有二個人,即梅瑟和厄里亞,同祂談話。
31 वे भी स्वर्गीय तेज में थे. उनकी बातों का विषय था प्रभु येशु का जाना, जो येरूशलेम नगर में शीघ्र ही होने पर था.
他們出現在光耀中,談論耶穌的去世,即祂在耶路撒冷必要完成的事。
32 पेतरॉस तथा उसके साथी अत्यंत नींद में थे किंतु जब वे पूरी तरह जाग गए, उन्होंने प्रभु येशु को उनके स्वर्गीय तेज में उन दो व्यक्तियों के साथ देखा.
伯多祿和同祂在一起的,都昏昏欲睡。他們一醒,就看見祂的光耀和在祂旁待立的二個人。
33 जब वे पुरुष प्रभु येशु के पास से जाने लगे पेतरॉस प्रभु येशु से बोले, “प्रभु! हमारे लिए यहां होना कितना अच्छा है! हम यहां तीन मंडप बनाएं: एक आपके लिए, एक मोशेह के लिए तथा एक एलियाह के लिए.” स्वयं उन्हें अपनी इन कही हुई बातों का मतलब नहीं पता था.
那二人正要離開時,伯多祿對耶穌說:「老師,我們在這裡真好! 讓我們搭三個帳棚:一個為你,一個為梅瑟,一個為厄里亞。」他原來不知道說什麼了。
34 जब पेतरॉस यह कह ही रहे थे, एक बादल ने उन सबको ढांप लिया. बादल से घिर जाने पर वे भयभीत हो गए.
他說這話的時候,有一片雲彩遮蔽了他們。他們進入雲彩時,門徒就害怕起來。
35 बादल में से एक आवाज सुनाई दी: “यह मेरा पुत्र है—मेरा चुना हुआ. इसके आदेश का पालन करो.”
雲中有聲音說:「這是我的兒子,我所揀選的,你們要聽從祂! 」
36 आवाज समाप्‍त होने पर उन्होंने देखा कि प्रभु येशु अकेले हैं. जो कुछ उन्होंने देखा था, उन्होंने उस समय उसका वर्णन किसी से भी न किया. वे इस विषय में मौन बने रहे.
正有這聲音時,只見耶穌獨自一人。在那些日子,他們都守了秘密,把所見的事一點也沒有告訴任任何人。
37 अगले दिन जब वे पर्वत से नीचे आए, एक बड़ी भीड़ वहां इकट्ठा थी.
第二天,他們從山上下來,一大群人來迎接祂。
38 भीड़ में से एक व्यक्ति ने ऊंचे शब्द में पुकारकर कहा, “गुरुवर! आपसे मेरी विनती है कि आप मेरे पुत्र को स्वस्थ कर दें क्योंकि वह मेरी इकलौती संतान है.
看,從群眾中有一個人喊叫說:「師傅,求你憐視我的兒子,因為他是我的獨子;
39 एक दुष्टात्मा अक्सर उस पर प्रबल हो जाता है और वह सहसा चीखने लगता है. दुष्टात्मा उसे भूमि पर पटक देता है और मेरे पुत्र को ऐंठन प्रारंभ हो जाती है और उसके मुख से फेन निकलने लगता है. यह दुष्टात्मा कदाचित ही उसे छोड़कर जाता है—वह उसे नाश करने पर उतारू है.
魔鬼一抓住他,便使他突然狂叫,使他痙攣至於吐沬,叫他筋疲力盡了,還是不肯離開他。
40 मैंने आपके शिष्यों से विनती की थी कि वे उसे मेरे पुत्र में से निकाल दें किंतु वे असफल रहे.”
我求了你的們徒把魔鬼逐出,他們卻不能。」
41 “अरे ओ अविश्वासी और बिगड़ी हुई पीढ़ी!” प्रभु येशु ने कहा, “मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूंगा, कब तक धीरज रखूंगा? यहां लाओ अपने पुत्र को!”
耶穌回答說:「哎! 無信而敗壞的世代! 我同你們在一起,並容忍你們直到幾時呢﹖領你的兒子到我這裡來吧! 」
42 जब वह बालक पास आ ही रहा था, दुष्टात्मा ने उसे भूमि पर पटक दिया, जिससे उसके शरीर में ऐंठन प्रारंभ हो गई किंतु प्रभु येशु ने दुष्टात्मा को डांटा, बालक को स्वस्थ किया और उसे उसके पिता को सौंप दिया.
當他走過來時,魔鬼還把他摔倒,使他痙攣。耶穌一叱責邪魔,就治好了孩子,把他給了他的父親。
43 परमेश्वर का प्रताप देख सभी चकित रह गए. जब सब लोग इस घटना पर अचंभित हो रहे थे प्रभु येशु ने अपने शिष्यों से कहा,
群人都驚訝天主的偉大。當眾人驚奇耶穌所作的一切時,祂向自己的們徒說:
44 “जो कुछ मैं कह रहा हूं अत्यंत ध्यानपूर्वक सुनो और याद रखो: मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथों पकड़वाया जाने पर है.”
「你們應謹記這些話:人子將要被交於人手中。」
45 किंतु शिष्य इस बात का मतलब समझ न पाए. इस बात का मतलब उनसे छुपाकर रखा गया था. यही कारण था कि वे इसका मतलब समझ न पाए और उन्हें इसके विषय में प्रभु येशु से पूछने का साहस भी न हुआ.
但他們不明瞭這話,這話為他們還是蒙蔽著,不叫他們了解;他們又怕問祂這話的意思。
46 शिष्यों में इस विषय को लेकर विवाद छिड़ गया कि उनमें श्रेष्ठ कौन है.
他們心中起了一個思想:誰是他們中最大的。
47 यह जानते हुए कि शिष्य अपने मन में क्या सोच रहे हैं प्रभु येशु ने एक छोटे बालक को अपने पास खड़ा करके कहा,
耶穌看透了他們的心思,就領來一個小孩子,叫他立在自己身邊,
48 “जो कोई मेरे नाम में इस छोटे बालक को ग्रहण करता है, मुझे ग्रहण करता है, तथा जो कोई मुझे ग्रहण करता है, उन्हें ग्रहण करता है जिन्होंने मुझे भेजा है. वह, जो तुम्हारे मध्य छोटा है, वही है जो श्रेष्ठ है.”
對他們說:「誰若為了我的名字收留這個小孩子,就是收留我。誰若收留我,就是收留那派遺我來的;因為在你們眾人中最小的,這人才是最大的。」
49 योहन ने उन्हें सूचना दी, “प्रभु, हमने एक व्यक्ति को आपके नाम में दुष्टात्मा निकालते हुए देखा है. हमने उसे ऐसा करने से रोकने का प्रयत्न किया क्योंकि वह हममें से नहीं है.”
若望說:「老師,我們曾看見一個人,因你的名字驅魔,就禁止了他,因為他不與我們同夥。」
50 “मत रोको उसे!” प्रभु येशु ने कहा, “क्योंकि जो तुम्हारा विरोधी नहीं, वह तुम्हारे पक्ष में है.”
耶穌卻向他說:「不要禁止! 因為誰不反對你們,就是傾向你們。」
51 जब प्रभु येशु के स्वर्ग में उठा लिए जाने का निर्धारित समय पास आया, विचार दृढ़ करके प्रभु येशु ने अपने पांव येरूशलेम नगर की ओर बढ़ा दिए.
耶穌被接升天的日期,就快要來到,祂遂決面朝耶路撒冷走去,
52 उन्होंने अपने आगे संदेशवाहक भेज दिए. वे शमरिया प्रदेश के एक गांव में पहुंचे कि प्रभु येशु के आगमन की तैयारी करें
便打發使者在祂在前面走;他們去了,進了撒馬利亞的一個村莊,好為祂準備住宿。
53 किंतु वहां के निवासियों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया क्योंकि प्रभु येशु येरूशलेम नगर की ओर जा रहे थे.
人們卻不收留祂,因為祂是面朝耶路撒冷去的。
54 जब उनके दो शिष्यों—याकोब और योहन ने यह देखा तो उन्होंने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “प्रभु, यदि आप आज्ञा दें तो हम प्रार्थना करें कि आकाश से इन्हें नाश करने के लिए आग की बारिश हो जाए.”
雅各伯及若望兩個們徒見了,便說:「主,你願意我們叫火自天降下,焚毀他們嗎﹖」
55 पीछे मुड़कर प्रभु येशु ने उन्हें डांटा, “तुम नहीं समझ रहे कि तुम यह किस मतलब से कह रहे हो. मनुष्य का पुत्र इन्सानों के विनाश के लिए नहीं परंतु उनके उद्धार के लिए आया है!”
耶穌轉過身來責斥了他們。
56 और वे दूसरे नगर की ओर बढ़ गए.
他們遂又到別的村莊去了。
57 मार्ग में एक व्यक्ति ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए उनसे कहा, “आप जहां कहीं जाएंगे, मैं आपके साथ रहूंगा.”
他們正走的時侯,在路上有一個人對耶穌說:「你不論往那裏去,我要跟隨你。」
58 येशु ने उसके उत्तर में कहा, “लोमड़ियों के पास उनकी गुफाएं तथा आकाश के पक्षियों के पास उनके बसेरे होते हैं किंतु मनुष्य के पुत्र के पास तो सिर रखने तक का स्थान नहीं है!”
耶穌給他說:「狐狸有穴,天上的飛鳥有巢;但是人子卻沒有枕頭的地方。」
59 एक अन्य व्यक्ति से प्रभु येशु ने कहा, “आओ! मेरे पीछे हो लो.” उस व्यक्ति ने कहा, “प्रभु मुझे पहले अपने पिता की अंत्येष्टि की अनुमति दे दीजिए.”
又對另一人說:「你跟隨我吧! 」那人卻說:「主,請許我先去埋葬我父親。」
60 प्रभु येशु ने उससे कहा, “मरे हुओं को अपने मृत गाड़ने दो किंतु तुम जाकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करो.”
耶穌給他說:「任憑死人去埋葬自己的死人吧! 至於你,你要去宣揚天主的國。」
61 एक अन्य व्यक्ति ने प्रभु येशु से कहा, “प्रभु, मैं आपके साथ चलूंगा किंतु पहले मैं अपने परिजनों से विदा ले लूं.”
又有一個人說:「主,我要跟隨你,但是請許我先告別我的家人。」
62 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “ऐसा कोई भी व्यक्ति, जो हल चलाने को तत्पर हो, परंतु उसकी दृष्टि पीछे की ओर लगी हुई हो, परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं.”
耶穌對他說:「手扶著犁而往後看的,不適於天主的國。」

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