< लूका 8 >
1 इसके बाद शीघ्र ही प्रभु येशु परमेश्वर के राज्य की घोषणा तथा प्रचार करते हुए नगर-नगर और गांव-गांव फिरने लगे. बारहों शिष्य उनके साथ साथ थे.
ଆର୍ ଅଃଳକ୍ ବେଳ୍ ହଃଚେ, ଜିସୁ ଗଃଳେ ଗଃଳେ ଆର୍ ଗାଉଁ ଗାଉଁ ବୁଲି ମାପ୍ରୁର୍ ରାଇଜାର୍ ନିକ କବୁର୍ ପର୍ଚାର୍ କଃରୁକେ ଦଃର୍ଲା । ଆର୍ ବାର ଗଟ୍ ଚେଲା ତାର୍ ସଃଙ୍ଗେ ରିଲାୟ୍ ।
2 इनके अतिरिक्त कुछ वे स्त्रियां भी उनके साथ यात्रा कर रही थी, जिन्हें रोगों और दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया गया था: मगदालावासी मरियम, जिसमें से सात दुष्टात्मा निकाले गए थे,
ଆର୍ ଜୁୟ୍ ମାୟ୍ଜିମଃନ୍ ବୁତ୍ଆତ୍ମା, ଆର୍ ରଗେ ହୁଣି ଉଜ୍ କଃରାୟ୍ ଅୟ୍ରିଲାୟ୍, ସେମଃନ୍ ହେଁ ତାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ରିଲାୟ୍, ମରିୟମ୍ ଜାକେ ମଗ୍ଦଲିନି ମରିୟମ୍ ବଃଲି କଃଉତି, ଜାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ସାତ୍ ବୁତ୍ ବାରାୟ୍ ଜାୟ୍ରିଲାୟ୍;
3 हेरोदेस के भंडारी कूज़ा की पत्नी योहान्ना, सूज़न्ना तथा अन्य स्त्रियां. ये वे स्त्रियां थी, जो अपनी संपत्ति से इनकी सहायता कर रही थी.
ହେରଦାର୍ ଗୁମୁସ୍ତା କୁଜାର୍ ଡକୁର୍ସି, ଜହନା, ସସନା, ଆରେକ୍ କଃତେକ୍ ମାୟ୍ଜିମଃନ୍ ତାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ରଃୟ୍ ଅଃହ୍ଣା ଅଃହ୍ଣାର୍ ଦଃନ୍ ବିତ୍ ଦଃୟ୍, ଜିସୁର୍ ଆର୍ ଚେଲାମଃନାର୍ ସେବା କଃର୍ତି ରିଲାୟ୍ ।
4 जब नगर-नगर से बड़ी भीड़ इकट्ठा हो रही थी और लोग प्रभु येशु के पास आ रहे थे, प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा शिक्षा दी.
ଗାଦେକ୍ ଲକ୍ ରୁଣ୍ଡ୍ଲାକ୍, ଆର୍ ଗଃଳ୍ମଃନ୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଲକ୍ମଃନ୍ ତାର୍ ତଃୟ୍ ଆୟ୍ଲାକ୍, ଜିସୁ ଇ କଃତା କୟ୍ଲା,
5 “एक किसान बीज बोने के लिए निकला. बीज बोने में कुछ बीज तो मार्ग के किनारे गिरे, पैरों के नीचे कुचले गए तथा आकाश के पक्षियों ने उन्हें चुग लिया.
“ଗଟେକ୍ ବିଆନ୍ ବୁଣ୍ତା ଲକ୍ ଅଃହ୍ଣାର୍ ବିଆନ୍ ଦଃରି ବୁଣୁକ୍ ବାରାୟ୍ଲା, ସେ ବୁଣ୍ତା ବଃଳ୍ କଃତେକ୍ ବିଆନ୍ ବାଟେ ଅଦୁର୍ଲି ଆର୍ ହାଦ୍ ତଃଳେ ମାଡାଚଃଗା ଅୟ୍ଲି, ଆରେକ୍ ଅଃଗାସ୍ ଉହ୍ରାର୍ ଚେଳେମଃନ୍ ସେରିସଃବୁ କାୟ୍ଲାୟ୍ ।
6 कुछ पथरीली भूमि पर जा पड़े, वे अंकुरित तो हुए परंतु नमी न होने के कारण मुरझा गए.
ଆରେକ୍ କଃତେକ୍ ଚଃଚ୍ରା ଉହ୍ରାର୍ ବୁୟେଁ ଅଦୁର୍ଲି, ଆରେକ୍ ଗଃଜା ଅୟ୍ ରଃସ୍ ନଃହାୟ୍ଲାକେ ସୁକି ଗଃଲି,
7 कुछ बीज कंटीली झाड़ियों में जा पड़े और झाड़ियों ने उनके साथ बड़े होते हुए उन्हें दबा दिया.
ଆର୍ କଃତେକ୍ ବିଆନ୍ କାଟା ବୁଟା ବିତ୍ରେ ଅଦୁର୍ଲି, ଆରେକ୍ କାଟା ଗଃଚ୍ମଃନ୍ ବାଡି ସେ ସଃବ୍କେ ଡାହି ହଃକାୟ୍ଲି;
8 कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे, बड़े हुए और फल लाए—जितना बोया गया था उससे सौ गुणा.” जब प्रभु येशु यह दृष्टांत सुना चुके तो उन्होंने ऊंचे शब्द में कहा, “जिसके सुनने के कान हों वह सुन ले.”
ବିନ୍ କଃତେକ୍ ନିକ ବୁୟେଁ ଅଦୁର୍ଲି, ଆର୍ ବାଡି ସଏ ଗୁଣ୍ ହଃଳ୍ ହଃଳ୍ଲି ।” ଜିସୁ ଇରି କୟ୍ କୟ୍ ବଃଡ୍ ଟଣ୍ଡ୍ କଃରି କୟ୍ଲା, “ଜାର୍ ସୁଣୁକ୍ କାନ୍ ଆଚେ ସେ ସୁଣ ।”
9 उनके शिष्यों ने उनसे प्रश्न किया, “इस दृष्टांत का अर्थ क्या है?”
ଜିସୁର୍ ଚେଲାମଃନ୍ ଇ କଃତାର୍ ବାବ୍ କାୟ୍ରି ବଃଲି ହଃଚାର୍ଲାୟ୍ ।
10 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हें तो परमेश्वर के राज्य का भेद जानने की क्षमता प्रदान की गई है किंतु अन्यों के लिए मुझे दृष्टान्तों का प्रयोग करना पड़ता हैं जिससे कि, “‘वे देखते हुए भी न देखें; और सुनते हुए भी न समझें.’
ସେତାକ୍ ଜିସୁ କୟ୍ଲା, “ମାପ୍ରୁ ରାଇଜାର୍ ବୁଜୁ ନଃହାର୍ତା କଃତା ଜାଣୁକେ ତୁମିମଃନ୍କେ ଗ୍ୟାନ୍ ଦିଆ ଅୟ୍ଆଚେ, ମଃତର୍ ବିନ୍ ଲକ୍ମଃନ୍କେ କଃତା କୟ୍ ବୁଜାଉଁକେ ଅୟ୍ଦ୍, ଜଃନ୍କଃରି ସେମଃନ୍ ଦଃକୁ ଦଃକୁ ନଃଦେକ୍ତି ଆର୍ ସୁଣୁ ସୁଣୁ ନଃବୁଜ୍ତି ।”
11 “इस दृष्टांत का अर्थ यह है: बीज परमेश्वर का वचन है.
“ବିଆନ୍ ବୁଣୁର୍ ବାବ୍ ଅୟ୍ଲି, ବିଆନ୍ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା
12 मार्ग के किनारे की भूमि वे लोग हैं, जो वचन सुनते तो हैं किंतु शैतान आता है और उनके मन से वचन उठा ले जाता है कि वे विश्वास करके उद्धार प्राप्त न कर सकें
ଆର୍ ବାଟ ଲଃଗେ ରିଲା ବିଆନ୍ ଇବାନ୍ୟା ଲକ୍କେ ବୁଜାୟ୍ଦ୍, ଜୁୟ୍ମଃନ୍ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ସୁଣ୍ତି, ତାର୍ହଃଚେ ସୟ୍ତାନ୍ ଆସି, ସେମଃନ୍ ଜଃନ୍କଃରି ବିସ୍ୱାସ୍କଃରି ହାହେହୁଣି ମୁକ୍ତି ହାୟ୍ ବଚୁ ନଃହାର୍ତି, ଇତାକ୍ ସୟ୍ତାନ୍ ଆସେଦ୍ ଆର୍ ସେମଃନାର୍ ମଃନ୍ ବିତ୍ରେ ହୁଣି ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ଚରି ନଃୟ୍ଦ୍ ।
13 पथरीली भूमि वे लोग हैं, जो परमेश्वर के वचन को सुनने पर खुशी से स्वीकारते हैं किंतु उनमें जड़ न होने के कारण वे विश्वास में थोड़े समय के लिए ही स्थिर रह पाते हैं. कठिन परिस्थितियों में घिरने पर वे विश्वास से दूर हो जाते हैं.
ଆର୍ ଚଃଚ୍ରା ବୁୟାଁୟ୍ ବିଆନ୍ ଇବାନ୍ୟା ଲକ୍କେ ବୁଜାୟ୍ଦ୍, ଜୁୟ୍ମଃନ୍ ବଃଚନ୍ ସୁଣି ବଃଡେ ସଃର୍ଦାୟ୍ ମଃନେ ଦଃର୍ତି, ମଃତର୍ ସେମଃନାର୍ ଚେର୍ ବିତ୍ରେ ଜାୟ୍ ନଃରିଲାକ୍, ସେମଃନ୍ ଚଃନେକାର୍ ଗିନେ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତାକ୍ ବିସ୍ୱାସ୍ କଃର୍ତି ଆର୍ ପରିକ୍ୟା ବଃଳ୍ ଦଃର୍ମ୍ ଚାଡ୍ତି ।
14 वह भूमि जहां बीज कंटीली झाड़ियों के मध्य गिरा, वे लोग हैं, जो सुनते तो हैं किंतु जब वे जीवनपथ पर आगे बढ़ते हैं, जीवन की चिंताएं, धन तथा विलासिता उनका दमन कर देती हैं और वे मजबूत हो ही नहीं पाते.
ଆର୍ କାଟା ଗଃଚ୍ ବିତ୍ରେ ଅଦ୍ରି ରିଲା ବିଆନ୍ ଇବାନ୍ୟା ଲକ୍କେ ବୁଜାୟ୍ଦ୍, ଜୁୟ୍ମଃନ୍ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ସୁଣ୍ତି, ମଃତର୍ ସଂସାର୍ ଚିତା, ଦଃନ୍ ଆର୍ ସୁକ୍ ଲଳି ସଃବୁ ଦିନାର୍ ଜିବନ୍ କାଟୁ କାଟୁ ତଃଳେ ଚାହି ଅୟ୍ଜାତି, ଆର୍ ହଃଳ୍ ଦଃରୁନାହାର୍ତି ।
15 इसके विपरीत उत्तम भूमि वे लोग हैं, जो भले और निष्कपट हृदय से वचन सुनते हैं और उसे दृढतापूर्वक थामे रहते हैं तथा निरंतर फल लाते हैं.
ଆର୍ ନିକ ବୁୟେଁ ଅଦ୍ରି ରିଲା ବିଆନ୍ ଇବାନ୍ୟା ଲକ୍କେ ବୁଜାୟ୍ଦ୍, ଜୁୟ୍ମଃନ୍ ନିକକଃରି ଆର୍ ନିର୍ମାୟା ମଃନେ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ସୁଣି ଗଃର୍ବ୍ବିତ୍ରେ ଦଃର୍ତି ଆର୍ ସଃମ୍ବାଳି ରଃୟ୍ ହଃଳ୍ ହଃଳ୍ତି ।”
16 “कोई भी दीपक को जलाकर न तो उसे बर्तन से ढांकता है और न ही उसे पलंग के नीचे रखता है परंतु उसे दीवट पर रखता है कि कमरे में प्रवेश करने पर लोग देख सकें.
“କେହେଁ କୁପି ଲାଗାୟ୍ ମାଣ୍ ତଃଳେ ଡାହି ନଃସେଙ୍ଗାୟ୍ ଆର୍ କଃଟ୍ ତଃଳେ ନଃସେଙ୍ଗାୟ୍, ମଃତର୍ ଦିହ୍ରୁକା ଉହ୍ରେ ସଃଙ୍ଗାୟ୍ଦ୍, ଜଃନ୍କଃରି ବିତ୍ରେ ହୁର୍ତା ଲକ୍ମଃନ୍ ଉଜାଳ୍ ଦଃକ୍ତି ।”
17 ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है जिसे प्रकट न किया जाएगा तथा ऐसा कोई रहस्य नहीं जिसे उजागर कर सामने न लाया जाएगा.
“କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ଜାୟ୍ରି ହଃଦାୟ୍ ନଃଡିସେ ଇବାନ୍ୟା ଲୁକ୍ଲାର୍ କାୟ୍ରି ହେଁ ନାୟ୍, ଆର୍ ଜାୟ୍ରି ଜାଣା ଜାୟ୍ ହଃଦାୟ୍ ଜାଣା ନଃହୟ୍, ଇବାନ୍ୟା ଲୁକ୍ଲାର୍ କାୟ୍ରି ନାୟ୍ ।”
18 इसलिये इसका विशेष ध्यान रखो कि तुम कैसे सुनते हो. जिस किसी के पास है, उसे और भी दिया जाएगा तथा जिस किसी के पास नहीं है, उसके पास से वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके विचार से उसका है.”
“ବଃଲେକ୍ କଃନ୍କଃରି ସୁଣୁଲାସ୍ ସେତାକ୍ ଜଃଗ୍ରାତ୍, ବଃଲେକ୍ ଜାର୍ ଆଚେ ତାକ୍ ଦିଆ ଅୟ୍ଦ୍ ଆର୍ ଜାର୍ ନାୟ୍ ସେ ଜାୟ୍ରି ନିଜାର୍ ଆଚେ ବଃଲି ମଃନେକଃରେଦ୍, ସେରି ହେଁ ତାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ନିଆ ଅୟ୍ଦ୍ ।”
19 तब प्रभु येशु की माता और उनके भाई उनसे भेंट करने वहां आए किंतु लोगों की भीड़ के कारण वे उनके पास पहुंचने में असमर्थ रहे.
ଜିସୁର୍ ଆୟ୍ସି ଆର୍ ବାୟ୍ସିମଃନ୍ ତାର୍ ଚଃମେ ଆୟ୍ଲାୟ୍, ମଃତର୍ ଲକ୍ମଃନ୍ଦା ଗିନେ ତାକେ ବେଟ୍ ଅଃଉଁ ନଃହାର୍ତି ରିଲାୟ୍ ।
20 किसी ने प्रभु येशु को सूचना दी, “आपकी माता तथा भाई बाहर खड़े हैं—वे आपसे भेंट करना चाह रहे हैं.”
କେ ଅଲେ ଜିସୁକେ ଇ କବୁର୍ ଦିଲାୟ୍, “ତର୍ ଆୟ୍ଦି ଆର୍ ବାୟ୍ଦିମଃନ୍ ତର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ବେଟ୍ ଅଃଉଁକେ ମଃନ୍ କଃରି ହଃଦାୟ୍ ଟିଆ ଅୟ୍ ଆଚ୍ତି ।”
21 प्रभु येशु ने कहा, “मेरी माता और भाई वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते तथा उसका पालन करते हैं.”
ମଃତର୍ ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ କୟ୍ଲା, “ଜୁୟ୍ମଃନ୍ ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ସୁଣ୍ତି ଆର୍ ମାନ୍ତି ସେମଃନ୍ ମର୍ ଆୟା ଆର୍ ବାୟ୍ମଃନ୍ ।”
22 एक दिन प्रभु येशु ने शिष्यों से कहा, “आओ, हम झील की दूसरी ओर चलें.” इसलिये वे सब नाव में बैठकर चल दिए.
ସଃଡେବଃଳ୍ ଗଟ୍ଦିନ୍ ଜିସୁ ଆର୍ ତାର୍ ଚେଲାମଃନ୍ ଗଟେକ୍ ଡଙ୍ଗାୟ୍ ଚଃଗ୍ଲାୟ୍ ଆର୍ ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ କୟ୍ଲା, “ଆସା ସଃମ୍ନ୍ଦାର୍ ସେହାଟି ଜୁଆଁ,” ସେତାକ୍ ସେମଃନ୍ ଡଙ୍ଗା ମେଲ୍ଲାୟ୍ ।
23 जब वे नाव खे रहे थे प्रभु येशु सो गए. उसी समय झील पर प्रचंड बवंडर उठा, यहां तक कि नाव में जल भरने लगा और उनका जीवन खतरे में पड़ गया.
ମଃତର୍ ସେମଃନ୍ ଡଙ୍ଗା ଗାଟି ଜାତା ବଃଳ୍ ଜିସୁ ସୟ୍ ରିଲା, ସଃଡେବଃଳ୍ ସଃମନ୍ଦେ ବାଉହାଣି ଆୟ୍ଲି ଆର୍ ସେମଃନାର୍ ଡଙ୍ଗାୟ୍ ହାଣି ହୁରୁକ୍ ଦଃର୍ଲି ଆର୍ ସେମଃନ୍ ବଃଡେ ଜଃଞ୍ଜାଳେ ହଃଳ୍ଲାୟ୍ ।
24 शिष्यों ने जाकर प्रभु येशु को जगाते हुए कहा, “स्वामी! स्वामी! हम नाश हुए जा रहे हैं!” प्रभु येशु उठे. और बवंडर और तेज लहरों को डांटा; बवंडर थम गया तथा तेज लहरें शांत हो गईं.
ସେତାକ୍ ଚେଲାମଃନ୍ ଜିସୁର୍ ଚଃମେ ଆୟ୍ଲାୟ୍ ଆର୍ ତାକେ ଉଟାୟ୍ କୟ୍ଲାୟ୍, “ଏ ଗୁରୁ, ଏ ଗୁରୁ, ଅଃମିମଃନ୍ ମଃଲୁ,” ଇତାକ୍ ସେ ଉଟି ବାଉ ଆର୍ ଉଲାଳ୍କେ ଦଃମ୍କାୟ୍ଲା, ଆର୍ ସେ ସଃବୁ ତୁନ୍ହାଳ୍ଲି ଆର୍ ତିର୍ ଅୟ୍ଲି ।
25 “कहां है तुम्हारा विश्वास?” प्रभु येशु ने अपने शिष्यों से प्रश्न किया. भय और अचंभे में वे एक दूसरे से पूछने लगे, “कौन हैं यह, जो बवंडर और लहरों तक को आदेश देते हैं और वे भी उनके आदेशों का पालन करती हैं!”
ଆରେକ୍ ସେ ସେମଃନ୍କେ କୟ୍ଲା, “ତୁମିମଃନାର୍ ବିସ୍ୱାସ୍ କଃୟ୍?” ମଃତର୍ ସେମଃନ୍ ଡିରି ଜାୟ୍ କାବା ଅୟ୍ ତାକାର୍ ତାକାର୍ ବିତ୍ରେ କଃଉଆକଇ ଅଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍, “ତଃବେ ଏ କେ ଜେ ସେ ବାଉହାଣିକେ ହେଁ ଆଦେସ୍ ଦିଲେକ୍ ସେମଃନ୍ ତାର୍ ବଲ୍ ମାନୁଲାୟ୍ ।”
26 इसके बाद वे गिरासेन प्रदेश में आए, जो गलील झील के दूसरी ओर है.
ତାର୍ହଃଚେ ଜିସୁ ଆର୍ ତାର୍ ଚେଲାମଃନ୍ ଗାଲିଲି ମୁଁଆଟିର୍ ଗରାସିୟମଃନାର୍ ହଲି ତଃୟ୍ ହଚ୍ଲାୟ୍,
27 जब प्रभु येशु तट पर उतरे, उनकी भेंट एक ऐसे व्यक्ति से हो गई, जिसमें अनेक दुष्टात्मा समाये हुए थे. दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति उनके पास आ गया. यह व्यक्ति लंबे समय से कपड़े न पहनता था. वह मकान में नहीं परंतु कब्रों की गुफाओं में रहता था.
ଜିସୁ ଡଙ୍ଗାୟ୍ ହୁଣି ବାରାୟ୍ କଃଣ୍ଡାୟ୍ ଉତୁର୍ଲାକ୍, ସେ ଗଃଳାର୍ ଗଟେକ୍ ବୁତ୍ ଡଃସିରିଲା ଲକ୍ ତାକ୍ ବେଟ୍ ଅୟ୍ଲା, ସେ କଃତେକ୍ କାଳ୍ ହଃତେକ୍ ହଃଚ୍ୟା ନଃହିନ୍ଦି ଗଃରେ ନଃରେୟ୍ ମଃସ୍ଣେ ରେତିରିଲା ।
28 प्रभु येशु पर दृष्टि पड़ते ही वह चिल्लाता हुआ उनके चरणों में जा गिरा और अत्यंत ऊंचे शब्द में चिल्लाया, “येशु! परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र! मेरा और आपका एक दूसरे से क्या लेना देना? आपसे मेरी विनती है कि आप मुझे कष्ट न दें,”
ସେ ଜିସୁକେ ଦଃକି କିର୍କିରି କଃରି ତାର୍ ଗଡ୍ ତଃଳେ ଡୁଳି ବଃଡ୍ ଟଣ୍ଡ୍ କଃରି କୟ୍ଲା, “ଏ ସଃବ୍କେ ଉହ୍ରାର୍ ଇସ୍ୱରାର୍ ହୟ୍ସି ଜିସୁ, ତର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ମର୍ କାୟ୍ରି ଆଚେ? ମୁଁୟ୍ ତକେ ଗଃଉଆରି କଃରୁଲେ ମକେ ଡଃଣ୍ଡ୍ ଦେନାୟ୍,”
29 क्योंकि प्रभु येशु दुष्टात्मा को उस व्यक्ति में से निकल जाने की आज्ञा दे चुके थे. समय समय पर दुष्टात्मा उस व्यक्ति पर प्रबल हो जाया करता था तथा लोग उसे सांकलों और बेड़ियों में बांधकर पहरे में रखते थे, फिर भी वह दुष्टात्मा बेड़ियां तोड़ उसे सुनसान स्थान में ले जाता था.
କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ଜିସୁ ବିଟାଳ୍ ବୁତ୍ ଆତ୍ମାକେ ସେମାନାୟ୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ବାରାୟ୍ ଜଃଉଁକେ ଆଦେସ୍ ଦେଉଁକ୍ ଜାତିରିଲା, ସେ ବୁତ୍ ଆତ୍ମା କଃତେକ୍ ତର୍ ତାକ୍ ଡଃସି ରିଲି, ଆରେକ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ ତାକ୍ ସିକ୍ଳି ସଃଙ୍ଗ୍ ବାନ୍ଦି ରେତିରିଲାୟ୍, ମଃତର୍ ସେ ବାନ୍ଦୁଣ୍ ସଃବୁ ଚିଡାୟ୍ କଃରି ବୁତ୍ ତାକ୍ ସୁକ୍ଲା ବଃଟାୟ୍ ନେତିରିଲି ।
30 प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “क्या नाम है तुम्हारा?” “विशाल सेना,” उसने उत्तर दिया क्योंकि अनेक दुष्टात्मा उसमें समाए हुए थे.
ଜିସୁ ତାକ୍ ହଃଚାର୍ଲା, “ତର୍ ନାଉଁ କାୟ୍ରି?” ସେ କୟ୍ଲା, “ବାହିନି, ବଃଲେକ୍ ବୁତେକ୍,” ତାକ୍ ବୁତେକ୍ ବୁତ୍ ତାର୍ ବିତ୍ରେ ହୁରି ରିଲାୟ୍ ।
31 दुष्टात्मा-गण प्रभु येशु से निरंतर विनती कर रहे थे कि वह उन्हें पाताल में न भेजें. (Abyssos )
ଆରେକ୍ ଜିସୁ ଜଃନ୍କଃରି ସେମଃନ୍କେ ହଃତାଳେ ଜଃଉଁକେ ଆଦେସ୍ ନଃଦେୟ୍, ଇତାକ୍ ସେମଃନ୍ ଜିସୁକେ ଗଃଉଆରି କଃରୁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍ । (Abyssos )
32 वहीं पहाड़ी के ढाल पर सूअरों का एक विशाल समूह चर रहा था. दुष्टात्माओं ने प्रभु येशु से विनती की कि वह उन्हें सूअरों में जाने की अनुमति दे दें. प्रभु येशु ने उन्हें अनुमति दे दी.
ସେତି ଡଙ୍ଗୁର୍ କଃଳ୍କାୟ୍ ଗଟେକ୍ ଗୁସ୍ରା ମଃନ୍ଦା ଚଃର୍ତି ରିଲାୟ୍, ଆରେକ୍ ସେ ଜଃନ୍କଃରି ସେମଃନ୍କେ ସେ ଗୁସ୍ରାମଃନାର୍ ବିତ୍ରେ ହୁରୁକ୍ ଆଦେସ୍ ଦଃୟ୍ଦ୍ ଇତାକ୍ ସେମଃନ୍ ଜିସୁକେ ଗଃଉଆରି କଃଲାୟ୍ ।
33 जब दुष्टात्मा उस व्यक्ति में से बाहर आए, उन्होंने तुरंत जाकर सूअरों में प्रवेश किया और सूअर ढाल से झपटकर दौड़ते हुए झील में जा डूबे.
ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ ଆଦେସ୍ ଦିଲାକ୍, ବୁତ୍ମଃନ୍ ସେ ମାନାୟ୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ବାର୍ ଅୟ୍ ଗୁସ୍ରାମଃନାର୍ ବିତ୍ରେ ହୁର୍ଲାୟ୍, ସେତାକ୍ ସେ ଗୁସ୍ରା ମଃନ୍ଦା ସଃଙ୍ଗେ ସଃଙ୍ଗେ ଡଙ୍ଗୁର୍ ଉହ୍ରେ ହୁଣି ଦଃବ୍ଳି ଜାୟ୍ ସଃମ୍ନ୍ଦେ ଅଦ୍ରି ବୁଡି ମଃଲାୟ୍ ।
34 इन सूअरों के चरवाहे यह देख दौड़कर गए और नगर तथा उस प्रदेश में सब जगह इस घटना के विषय में बताने लगे.
ଗୁସ୍ରା ଚଃରାଉତା ଲକ୍ମଃନ୍ ସେ ଗଃଟ୍ଣା ଦଃକି ହଃଳାୟ୍ ଜାୟ୍ ଗଃଳେ ଆର୍ ଗାଉଁଏମଃନ୍ ଜାଣାୟ୍ଲାୟ୍ ।
35 लोग वहां यह देखने आने लगे कि क्या हुआ है. तब वे प्रभु येशु के पास आए. वहां उन्होंने देखा कि वह व्यक्ति, जो पहले दुष्टात्मा से पीड़ित था, वस्त्र धारण किए हुए, पूरी तरह स्वस्थ और सचेत प्रभु येशु के चरणों में बैठा हुआ है. यह देख वे हैरान रह गए.
ସେତାକ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ ସେ ଗଃଟ୍ଣା ଦଃକୁକ୍ ବାରାୟ୍ ଆୟ୍ଲାୟ୍, ଆରେକ୍ ଜିସୁର୍ ଚଃମେ ଆୟ୍ଲାୟ୍, ଆର୍ ଜୁୟ୍ ମାନାୟ୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ବୁତ୍ମଃନ୍ ବାରାୟ୍ ଜାୟ୍ରିଲାୟ୍, ତାକେ ହଃଚ୍ୟା ହିନ୍ଦି ନିକ ମଃନେ ଜିସୁର୍ ହାଦ୍ ତଃଳେ ବଃସି ରିଲାର୍ ଦଃକି ଡିରି ଗଃଲାୟ୍ ।
36 जिन्होंने यह सब देखा, उन्होंने जाकर अन्यों को सूचित किया कि यह दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार दुष्टात्मा से मुक्त हुआ है.
ଆର୍ ଜୁୟ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ ଦଃକିରିଲାୟ୍ ସେମଃନ୍ ସେ ବୁତ୍ ଡଃସ୍ଲାର୍ ଲକ୍ କଃନ୍କଃରି ଉଜ୍ ଅୟ୍ଲା, ସେରି ସଃବୁ ଲକ୍ମଃନ୍କେ ଜାଣାୟ୍ଲାୟ୍ ।
37 तब गिरासेन प्रदेश तथा पास के क्षेत्रों के सभी निवासियों ने प्रभु येशु को वहां से दूर चले जाने को कहा क्योंकि वे अत्यंत भयभीत हो गए थे. इसलिये प्रभु येशु नाव द्वारा वहां से चले गए.
ସେତାକ୍ ଗରାସିୟ୍ ମଃନାର୍ ହଲିର୍ ଚାରିବାଟ୍ ରିଲା ସଃବୁ ଲକ୍ ସେମଃନାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଜଃଉଁକେ ଜିସୁକେ ଗଃଉଆରି କଃଲାୟ୍, କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ସେମଃନ୍ ବଃଡେ ଡିରି ଜାୟ୍ ରିଲାୟ୍, ଆର୍ ସେ ଗଟେକ୍ ଡଙ୍ଗାୟ୍ ଚଃଗି ବାଉଳିଗଃଲା ।
38 वह व्यक्ति जिसमें से दुष्टात्मा निकाला गया था उसने प्रभु येशु से विनती की कि वह उसे अपने साथ ले लें किंतु प्रभु येशु ने उसे यह कहते हुए विदा किया,
ମଃତର୍ ଜୁୟ୍ ଲକ୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ବୁତ୍ମଃନ୍ ବାରାୟ୍ ଜାୟ୍ ରିଲାୟ୍ ସେ ଜିସୁର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ରେଉଁକ୍ ଗଃଉଆରି କଃରୁକେ ଦଃର୍ଲା ।
39 “अपने परिजनों में लौट जाओ तथा इन बड़े-बड़े कामों का वर्णन करो, जो परमेश्वर ने तुम्हारे लिए किए हैं.” इसलिये वह लौटकर सभी नगर में यह वर्णन करने लगा कि प्रभु येशु ने उसके लिए कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं.
ମଃତର୍ ସେ ତାକେ ହଃଟାୟ୍ କଃରି କୟ୍ଲା, “ତୁୟ୍ ଗଃରେ ବାଉଳି ଜା, ଆର୍ ଇସ୍ୱର୍ ତର୍ ଗିନେ ଜାୟ୍ ଜାୟ୍ରି କଃରିଆଚେ ସେରିମଃନ୍ ପର୍ଚାର୍ କଃର୍,” ସେତାକ୍ ସେ ଗଃଲା ଆର୍ ଜିସୁ ତାର୍ଗିନେ ଜାୟ୍ ଜାୟ୍ରି କଃରିରିଲା ଗଃଳ୍ଜାକ କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲା ।
40 जब प्रभु येशु झील की दूसरी ओर पहुंचे, वहां इंतजार करती भीड़ ने उनका स्वागत किया.
ଜଃଡେବଃଳ୍ ଜିସୁ ସଃମ୍ନ୍ଦାର୍ ଇହାଟି ଆୟ୍ଲା, ଲକ୍ମଃନ୍ ତାକ୍ ସଃର୍ଦାମଃନେ ବେଟ୍ ଅୟ୍ଲାୟ୍, ବଃଲେକ୍ ସଃବୁ ଲକ୍ ତାକ୍ ଜାଗି ରିଲାୟ୍ ।
41 जाइरूस नामक एक व्यक्ति, जो यहूदी सभागृह का प्रधान था, उनसे भेंट करने आया. उसने प्रभु येशु के चरणों पर गिरकर उनसे विनती की कि वह उसके साथ उसके घर जाएं
ଆର୍ ଦଃକା ଜାଇରସ୍ ନାଉଁଆର୍ ଗଟେକ୍ ଲକ୍ ଆୟ୍ଲା, ସେ ପାର୍ତ୍ନା ଗଃରାର୍ ମୁଳିକା ଲକ୍ ରିଲା, ସେ ଜିସୁର୍ ଗଡ୍ ତଃଳେ ଡୁଳି, ଅଃହ୍ଣାର୍ ଗଃରେ ଜଃଉଁକେ ଗଃଉଆରି କଃଲା ।
42 क्योंकि उसकी एकमात्र बेटी, जो लगभग बारह वर्ष की थी, मरने पर थी. जब प्रभु येशु वहां जा रहे थे, मार्ग में वह भीड़ में दबे जा रहे थे.
ବଃଲେକ୍ ତାର୍ ବାର ବଃର୍ସାର୍ ଗଟେକ୍ ବଃଲି ଜିସି ରିଲି, ଆର୍ ସେ ମଃରୁକ୍ କଃଣ୍ଡେକ୍ ରିଲି, ମଃତର୍ ଜିସୁ ଜାତାବଃଳ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ ତାର୍ ଉହ୍ରେ ମାଡାଚଃଗା ଅଃଉତି ରିଲାୟ୍ ।
43 वहां बारह वर्ष से लहूस्राव-पीड़ित एक स्त्री थी. उसने अपनी सारी जीविका वैद्यों पर खर्च कर दी थी, पर वह किसी भी इलाज से स्वस्थ न हो पाई थी.
ସଃଡେବଃଳ୍ ବାର ବଃର୍ସ୍ ହଃତେକ୍ ଗଃଗାଳ୍ଜାତା ରଗ୍ ଦଃରି ଜିବନ୍ କାଟ୍ତାର୍ ଗଟେକ୍ ମାୟ୍ଜି ଜେ କି ନିଜାର୍ ଦଃନ୍ବିତ୍ ସଃରାୟ୍କଃରି ହେଁ କାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଉଜ୍ ଅଃଉଁ ନାହାର୍ତି ରିଲି ।
44 इस स्त्री ने पीछे से आकर येशु के वस्त्र के छोर को छुआ, और उसी क्षण उसका लहू बहना बंद हो गया.
ସେ ହଃଚ୍ବାଟ୍ୟା ଆସି ଜିସୁର୍ ହଃଚ୍ୟାର୍ ଆଚଳ୍ ଚୁୟ୍ଲି, ସେଦାହ୍ରେ ତାର୍ ଗଃଗାଳାର୍ ଗଃଗାଳ୍ ଜାତାର୍ ତେବଃଲି ।
45 “किसने मुझे छुआ है?” प्रभु येशु ने पूछा. जब सभी इससे इनकार कर रहे थे, पेतरॉस ने उनसे कहा, “स्वामी! यह बढ़ती हुई भीड़ आप पर गिरी जा रही है.”
ସେତାକ୍ ଜିସୁ କୟ୍ଲା, “କେ ମକ୍ ଚୁୟ୍ଲା?” ମଃତର୍ ସଃବୁ ଲକ୍ ନାୟ୍ ବଃଲ୍ଲାକ୍, ପିତର୍ କୟ୍ଲା, “ଏ ଗୁରୁ, ଲକ୍ମଃନ୍ ଟେଲା ଟେଲି ଅୟ୍ ତର୍ଉହ୍ରେ ମାଡା ଚଃଗା ଅଃଉଁଲାୟ୍ ।”
46 किंतु प्रभु येशु ने उनसे कहा, “किसी ने तो मुझे छुआ है क्योंकि मुझे यह पता चला है कि मुझमें से सामर्थ्य निकली है.”
ମଃତର୍ ଜିସୁ କୟ୍ଲା, “କେ ଅଲେ ମକ୍ ଚୁୟ୍ଲା, କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ମର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ସଃକ୍ତି ବାର୍ଲି ବଃଲି ମୁଁୟ୍ ଜାଣ୍ଲେ ।”
47 जब उस स्त्री ने यह समझ लिया कि उसका छुपा रहना असंभव है, भय से कांपती हुई सामने आई और प्रभु येशु के चरणों में गिर पड़ी. उसने सभी उपस्थित भीड़ के सामने यह स्वीकार किया कि उसने प्रभु येशु को क्यों छुआ था तथा कैसे वह तत्काल रोग से चंगी हो गई.
ସଃଡେବଃଳ୍ ସେ ମାୟ୍ଜି ଦଃକ୍ଲି ଜେ, ସେ ଲୁକି ରେଉଁ ନଃହାର୍ଲି, ସଃଡେବଃଳ୍ ସେ ତଃର୍ତଃରି ଜିସୁର୍ ଗଡ୍ ତଃଳେ ଡୁଳ୍ଲି ଆର୍ କାୟ୍ତାକ୍ ତାକ୍ ଚୁୟ୍ଲି ଆରେକ୍ କଃନ୍କଃରି ସେଦାହ୍ରେ ଉଜ୍ ଅୟ୍ଲି ସେରିସଃବୁ ଲକ୍ମଃନାର୍ ମୁୟେଁ କୟ୍ଲି ।
48 इस पर प्रभु येशु ने उससे कहा, “बेटी! तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ किया है. परमेश्वर की शांति में लौट जाओ.”
ସେତାକ୍ ଜିସୁ ତାକେ କୟ୍ଲା, “ଜିଇ, ତର୍ ବିସ୍ୱାସ୍ ତକେ ଉଜ୍ କଃଲି ଆଚେ, ସୁସ୍ତା ଅୟ୍ ଜାଆ ।”
49 जब प्रभु येशु यह कह ही रहे थे, यहूदी सभागृह प्रधान जाइरूस के घर से किसी व्यक्ति ने आकर सूचना दी, “आपकी पुत्री की मृत्यु हो चुकी है, अब गुरुवर को कष्ट न दीजिए.”
ଜିସୁ ଇ କଃତା କଃଉତା ବଃଳ୍, ପାର୍ତ୍ନାଗଃରାର୍ ମୁଳିକାର୍ ଗଃରେହୁଣି ଗଟ୍ ଲକ୍ ଆସି ତାକେ କୟ୍ଲା, “ତର୍ ଜିଦି ମଃଲିନି, ଗୁରୁକ୍ ଆରେକ୍ କଃସ୍ଟ୍ ଦେସ୍ନାୟ୍ ।”
50 यह सुन प्रभु येशु ने जाइरूस को संबोधित कर कहा, “डरो मत! केवल विश्वास करो और वह स्वस्थ हो जाएगी.”
ମଃତର୍ ଜିସୁ ଇରି ସୁଣି ଜାଇରସ୍କେ କୟ୍ଲା, “ଡିରା ନାୟ୍, ମଃତର୍ ବିସ୍ୱାସ୍ କଃର୍ ଆର୍ ସେ ବଚେଦ୍ ।”
51 जब वे जाइरूस के घर पर पहुंचे, प्रभु येशु ने पेतरॉस, योहन और याकोब तथा कन्या के माता-पिता के अतिरिक्त अन्य किसी को अपने साथ भीतर आने की अनुमति नहीं दी.
ଆର୍ ଜିସୁ ଗଃରେ ଆସି, ପିତର୍, ଜହନ୍ ଆର୍ ଜାକୁବକ୍ ଆରେକ୍ ହିଲାର୍ ଉବାସି ଆୟ୍ସିକ୍ ଚାଡି, କାକେ ହେଁ ସଃଙ୍ଗେ ଜଃଉଁକେ ନଃଦିଲା ।
52 उस समय सभी उस बालिका के लिए रो-रोकर शोक प्रकट कर रहे थे. “बंद करो यह रोना-चिल्लाना!” प्रभु येशु ने आज्ञा दी, “उसकी मृत्यु नहीं हुई है—वह सिर्फ सो रही है.”
ମଃତର୍ ସଃବୁ ଲକ୍ ପାର୍ତ୍ନା ଗଃରାର୍ ମୁଳିକାର୍ ଜିସି ମଃଲାକ୍ ଉରେ ମାରିଅୟ୍ କାନ୍ଦ୍ତି ରିଲାୟ୍, ସେତାକ୍ ଜିସୁ କୟ୍ଲା, “କାନ୍ଦା ନାୟ୍, ସେ ନଃମେରେ ମଃତର୍ ସଇ ଆଚେ ।”
53 इस पर वे प्रभु येशु पर हंसने लगे क्योंकि वे जानते थे कि बालिका की मृत्यु हो चुकी है.
ମଃତର୍ ସେ ମଃରି ଆଚେ ବଃଲି ଜାଣିରିଲାକ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ ଜିସୁକେ ଗେଙ୍ଗ୍ରାଉଁକ୍ ଦଃର୍ଲାୟ୍ ।
54 प्रभु येशु ने बालिका का हाथ पकड़कर कहा, “बेटी, उठो!”
ମଃତର୍ ଜିସୁ ଟକିର୍ ଆତେ ଦଃରି କୟ୍ଲା, “ଏ ନୁନି ହିଲା ଉଟ୍ ।”
55 उसके प्राण उसमें लौट आए और वह तुरंत खड़ी हो गई. प्रभु येशु ने उनसे कहा कि बालिका को खाने के लिए कुछ दिया जाए.
ସେତାକ୍ ତାର୍ ଆତ୍ମା ବାଉଳି ଆୟ୍ଲି ଆର୍ ସେ ସେଦାହ୍ରେ ଉଟ୍ଲି, ଆରେକ୍ ଜିସୁ ତାକ୍ କାୟ୍ରି କଃଣ୍ଡେକ୍ କାଉଁକେ ଦେଉଁକେ କୟ୍ଲା ।
56 उसके माता-पिता चकित रह गए किंतु प्रभु येशु ने उन्हें निर्देश दिया कि जो कुछ हुआ है, उसकी चर्चा किसी से न करें.
ଇତାକ୍ ତାର୍ ଉବାସି ଆୟ୍ସି କାବା ଅୟ୍ଲାୟ୍, ମଃତର୍ ସେ ଗଃଟ୍ଣାର୍ କଃତା କାକେ ହେଁ କଃଉଆ ନାୟ୍ ବଃଲି ସେମଃନ୍କେ କୟ୍ଲା ।