< लूका 7 >
1 लोगों को ऊपर लिखी शिक्षा देने के बाद प्रभु येशु कफ़रनहूम नगर लौट गए.
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏍᏆᏛ ᏂᎦᏛ ᎦᏬᏂᏍᎬ ᎠᎾᏛᎩᏍᎬ ᏴᏫ, ᎨᏆᏂ ᏭᏴᎴᎢ.
2 वहां एक शताधिपति का एक अत्यंत प्रिय सेवक रोग से बिस्तर पर था. रोग के कारण वह लगभग मरने पर था.
ᎩᎶᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏍᎪᎯᏧᏈ ᎠᏂᏯᏫᏍᎩ ᏗᏖᏂᏙᎯ ᎤᏅᏏᏓᏍᏗ, ᎣᏍᏛ ᎤᏰᎸᎯ, ᎤᏢᎨᎢ, ᎠᎴ ᎤᏲᎱᏏᏕᎾ ᎨᏎᎢ.
3 प्रभु येशु के विषय में मालूम होने पर सेनापति ने कुछ वरिष्ठ यहूदियों को प्रभु येशु के पास इस विनती के साथ भेजा, कि वह आकर उसके सेवक को चंगा करें.
ᏥᏌᏃ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬ ᎤᏛᎦᏅ, ᏚᏅᏎ ᏤᏙᎲ ᏗᏂᎳᏫᎩ ᎠᏂᏧᏏ ᏧᎾᏤᎵᎦ, ᏭᏔᏲᏎᎮ ᏅᏓᏳᏪᏅᏍᏗᏱ ᎤᏅᏬᏗᏱ ᎤᏅᏏᏗᏍᏗ.
4 उन्होंने प्रभु येशु के पास आकर उनसे विनती कर कहा, “यह सेनापति निश्चय ही आपकी इस दया का पात्र है
ᏥᏌᏃ ᎬᏩᎷᏤᎸ, ᎤᏣᏘ ᎬᏩᏍᏗ ᏰᏔᏁᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᎤᏓᏅᏘᏳ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏅᏘᏯᏛᏁᎵ;
5 क्योंकि उसे हमारी जनता से प्रेम है तथा उसने हमारे लिए सभागृह भी बनाया है.”
ᎤᎨᏳᎯᏳᏰᏃ ᎢᎩᏠᏱ ᎨᏒ ᏴᏫ, ᎠᎴ ᎢᎦᏁᏍᎨᎸ ᏗᎩᎳᏫᎢᏍᏗᏱ.
6 इसलिये प्रभु येशु उनके साथ चले गए. प्रभु येशु उसके घर के पास पहुंचे ही थे कि शताधिपति ने अपने मित्रों के द्वारा उन्हें संदेश भेजा, “प्रभु! आप कष्ट न कीजिए. मैं इस योग्य नहीं हूं कि आप मेरे घर पधारें.
ᏥᏌᏃ ᏚᏍᏓᏩᏛᏎᎢ. ᎿᎭᏉᏃ ᎾᎥᏉ ᎤᎷᎴ ᏗᏓᏁᎸ, ᎠᏍᎪᎯᏧᏈ ᎠᏂᏯᏫᏍᎩ ᏗᏘᏂᏙᎯ ᏙᏧᏅᏎ ᏧᎵᎢ ᏂᏙᏓᎬᏩᏠᎯᏍᏗᏱ, ᎯᎠ ᏅᏧᏪᏎᎴᎢ; ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᏞᏍᏗ ᏨᏒ ᏣᏓᏕᏯᏙᏔᏅᎩ; ᎥᏝᏰᏃ ᏰᎵ ᏱᏂᎪᎯ ᏣᏴᏍᏗᏱ ᏥᏁᎸᎢ ᏥᎾᏆᏍᏗᏉ;
7 अपनी इसी अयोग्यता को ध्यान में रखते हुए मैं स्वयं आपसे भेंट करने नहीं आया. आप मात्र वचन कह दीजिए और मेरा सेवक स्वस्थ हो जाएगा.
ᎥᏝ ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏰᎵ ᏂᎪᎢ ᏱᏇᎵᏎ ᏫᎬᎷᏤᏗᏱ; ᎯᏁᎩᏉᏍᎩᏂ, ᏥᏅᏏᏓᏍᏗᏃ ᏧᏳᏗᏩᏏ.
8 मैं स्वयं बड़े अधिकारियों के अधीन नियुक्त हूं और सैनिक मेरे अधिकार में हैं. मैं किसी को आदेश देता हूं, ‘जाओ!’ तो वह जाता है और किसी को आदेश देता हूं, ‘इधर आओ!’ तो वह आता है. अपने सेवक से कहता हूं, ‘यह करो!’ तो वह वही करता है.”
ᎠᏴᏰᏃ ᎾᏍᏉ ᏗᏆᏓᏁᎶᏗᏉ, ᎠᎴ ᏗᎩᎧᎭ ᎠᏂᏯᏫᏍᎩ ᎠᎴ ᎠᏴ ᏕᎬᏆᏁᎶᏙᎢ, ᎩᎶᏃ ᎮᎾ ᏥᏲᏏ, ᎡᎪᎢ; ᏅᏩᏓᎴᏃ ᎡᎮᎾ ᏥᏲᏏ, ᏗᎡᎪᎢ; ᏥᏅᏏᏓᏍᏗᏃ ᎯᎠ ᎿᎭᏛᎦ ᏥᏲᏏ, ᎾᏍᎩ ᎾᏛᏁᎰᎢ.
9 यह सुनकर प्रभु येशु अत्यंत चकित हुए और मुड़कर पीछे आ रही भीड़ को संबोधित कर बोले, “मैं यह बताना सही समझता हूं कि मुझे इस्राएलियों तक में ऐसा दृढ़ विश्वास देखने को नहीं मिला.”
ᏥᏌᏃ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎤᏛᎦᏅ, ᎤᏍᏆᏂᎪᏎᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᎦᏔᎲᏎᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎵ ᏴᏫ ᎾᏍᎩ ᏅᏓᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏛ; ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᎥᏝ ᎾᏍᏉ ᎢᏏᎵ ᎠᏁᎲ ᎾᏍᎩ ᎢᎦᎢ ᎪᎯᏳᏗ ᎨᏒ ᏯᎩᏩᏛᎲ.
10 वे, जो सेनापति द्वारा प्रभु येशु के पास भेजे गए थे, जब घर लौटे तो यह पाया कि वह सेवक स्वस्थ हो चुका था.
ᎾᏍᎩᏃ Ꮎ ᏅᏓᎨᏥᏅᏏᏛ, ᏫᎤᏂᎷᏨ ᏗᏓᏁᎸ, ᎠᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᎤᏢᏨᎯ ᎤᏂᏩᏛᎮ ᎤᏗᏩᏒᎯ ᎢᎨᏎᎢ.
11 इसके कुछ ही समय बाद प्रभु येशु नाइन नामक एक नगर को गए. एक बड़ी भीड़ और उनके शिष्य उनके साथ थे.
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁ ᎤᎩᏨᏛ, ᎾᏍᎩ ᏗᎦᏚᎲ ᎾᏱᏂ ᏧᏙᎢᏛ ᏭᏴᎴᎢ; ᏰᎵᏃ ᎠᏂᎪᏗᏳ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᏴᏫ.
12 जब वह नगर द्वार पर पहुंचे, एक मृत व्यक्ति अंतिम संस्कार के लिए बाहर लाया जा रहा था—अपनी माता का एकलौता पुत्र और वह स्वयं विधवा थी; और उसके साथ नगर की एक बड़ी भीड़ थी.
ᎿᎭᏉᏃ ᎦᎶᎯᏍᏗᏱ ᎪᏢᏒ ᎦᏚᎲ ᎾᎥ ᎤᎷᏨ, ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏲᎱᏒᎯ ᎠᏂᏄᎪᏫᏍᎨ ᎠᏂᏂᏎᎢ, ᎤᏩᏒᎯᏳ ᎤᏪᏥ ᎨᏎ ᎤᏥ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏬᏑᎶᏨᎯ ᎨᏎᎢ; ᎤᏂᏣᏖᏃ ᏴᏫ ᎦᏚᎲ ᎠᏁᎯ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏎᎢ.
13 उसे देख प्रभु येशु करुणा से भर उठे. उन्होंने उससे कहा, “रोओ मत!”
ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎤᎪᎲ ᎤᏪᏙᎵᏤᎢ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏞᏍᏗ ᏗᏣᏠᏱᎸᎩ.
14 तब उन्होंने जाकर उस अर्थी को स्पर्श किया. यह देख वे, जिन्होंने उसे उठाया हुआ था, रुक गए. तब प्रभु येशु ने कहा, “युवक! मैं तुमसे कहता हूं, उठ जाओ!”
ᎤᎷᏨᏃ ᎤᏏᏔᏕ ᎠᏥᏢᏛᎢ, ᎬᏩᏁᎩᏃ ᎤᎾᎴᎾᏫᏍᏔᏁᎢ. ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ; ᎯᏫᏅ, ᎭᏗᏛ, ᎬᏲᏎᎭ.
15 मृतक उठ बैठा और वार्तालाप करने लगा. प्रभु येशु ने माता को उसका जीवित पुत्र सौंप दिया.
ᎤᏲᎱᏒᎯᏃ ᎤᏗᏛᎮ ᎤᏪᏁᎢ, ᎠᎴ ᎤᎴᏅᎮ ᎤᏬᏂᏎᎢ; ᎤᏥᏃ ᎤᏪᎧᏁᎴᎢ.
16 वे सभी श्रद्धा में परमेश्वर का धन्यवाद करने लगे. वे कह रहे थे, “हमारे मध्य एक तेजस्वी भविष्यवक्ता का आगमन हुआ है. परमेश्वर ने अपनी प्रजा की सुधि ली है.”
ᏂᎦᏛᏃ ᎤᏂᎾᏰᏎᎢ; ᎠᎴ ᎤᏂᎸᏉᏔᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᎠᏥᎸᏉᏗ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎦᎾᏄᎪᎩ ᎢᏕᎲᎢ; ᎠᎴ ᎯᎠ; ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏓᏩᏛᎯᎦ ᏧᏤᎵ ᏴᏫ.
17 प्रभु येशु के विषय में यह समाचार यहूदिया प्रदेश तथा पास के क्षेत्रों में फैल गया.
ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬ ᏧᏗᏱ ᏂᎬᎾᏛ ᏚᏰᎵᏏᏙᎴᎢ, ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎬᏩᏚᏫᏛ ᎨᏒᎢ.
18 योहन के शिष्यों ने उन्हें इस विषय में सूचना दी.
ᏣᏂᏃ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᏛ ᎬᏩᏃᏁᎴᎢ.
19 योहन ने अपने दो शिष्यों को प्रभु के पास इस प्रश्न के साथ भेजा, “क्या आप वही हैं जिनके आगमन की प्रतीक्षा की जा रही है, या हम किसी अन्य की प्रतीक्षा करें?”
ᏣᏂᏃ ᎠᏂᏔᎵ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᏫᏚᏯᏅᎮ ᏥᏌ ᏤᏙᎲ ᏚᏅᏎ ᎯᎠ ᏫᏄᏪᏎᎢ; ᏂᎯᏍᎪ ᎤᎷᎯᏍᏗ ᏥᎩ? ᏥᎪᎨ ᏅᏩᏓᎴ ᎣᏥᎦᏕᏃᎮᏍᏗ?
20 जब वे दोनों प्रभु येशु के पास पहुंचे उन्होंने कहा, “बपतिस्मा देनेवाले योहन ने हमें आपके पास यह पूछने भेजा है, ‘क्या आप वही हैं, जिनके आगमन की प्रतीक्षा की जा रही है, या हम किसी अन्य की प्रतीक्षा करें?’”
ᎠᏂᏍᎦᏯᏃ ᎬᏩᎷᏤᎸ, ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ; ᏣᏂ ᏗᏓᏬᏍᎩ ᏦᎩᏂᏅᏒ ᎢᏍᏛᎷᏤᏗᏱ, ᎯᎠ ᏅᏗᎦᏪᎭ; ᏂᎯᏍᎪ ᎤᎷᎯᏍᏗ ᏥᎨᏒᎩ? ᏥᎪᎨ ᏅᏩᏓᎴ ᎣᏥᎦᏖᏃᎮᏍᏗ?
21 ठीक उसी समय प्रभु येशु अनेकों को स्वस्थ कर रहे थे, जो रोगी, पीड़ित और दुष्टात्मा के सताए हुए थे. वह अनेक अंधों को भी दृष्टि प्रदान कर रहे थे.
ᎾᎯᏳᏉᏃ ᏚᏅᏩᏁ ᎤᏂᏣᏘ ᏚᏂᏢᎬ ᎠᎴ ᎥᏳᎩ ᏚᏂᏱᎵᏙᎲ, ᎠᎴ ᎤᏂᏲᏗᏓᏅᏙ ᎬᏩᏂᏱᎵᏙᎲᎢ; ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᏗᏂᎨᏫ ᎬᏩᏂᎪᏩᏛᏗ ᏄᏩᏁᎴᎢ.
22 इसलिये प्रभु येशु ने उन दूतों उत्तर दिया, “तुमने जो कुछ सुना और देखा है उसकी सूचना योहन को दे दो: अंधे दृष्टि पा रहे हैं, अपंग चल रहे हैं, कोढ़ी शुद्ध होते जा रहे हैं, बहरे सुनने लगे हैं, मृतक जीवित किए जा रहे हैं तथा कंगालों में सुसमाचार का प्रचार किया जा रहा है.
ᎿᎭᏉᏃ ᏥᏌ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᏥᏍᏕᎾ ᎠᎴ ᏣᏂ ᏪᏍᏗᏃᎲᏏ ᏄᏍᏛ ᎢᏍᏗᎪᎲ ᎠᎴ ᏄᏍᏛ ᎢᏍᏓᏛᎦᏅᎢ; ᎾᏍᎩ ᏗᏂᎨᏫ ᎠᏂᎪᏩᏘᏍᎬᎢ, ᏗᏂᏲᎤᎵ ᎠᏁᏙᎲᎢ, ᎠᏓᏰᏍᎩ ᏧᏂᏢᎩ ᎨᏥᏅᎦᎵᏍᎬᎢ, ᏧᏂᎵᎡᏅ ᎠᎾᏛᎩᏍᎬᎢ, ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ ᏕᎨᎦᎴᏗᏍᎬᎢ, ᎤᏲᏃ ᎢᏳᎾᏛᎿᎭᏕᎩ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎨᎦᎵᏥᏙᏁᎲᎢ.
23 धन्य है वह, जिसका विश्वास मुझ पर से नहीं उठता.”
ᎠᎴ ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎵᏍᏓᏁᏗ ᎩᎶ ᎠᏴ ᏂᏗᏥᏲᏕᏍᏗᏍᎬᎾ ᎢᎨᏎᏍᏗ.
24 योहन का संदेश लानेवालों के विदा होने के बाद प्रभु येशु ने भीड़ से योहन के विषय में कहना प्रारंभ किया, “तुम्हारी आशा बंजर भूमि में क्या देखने की थी? हवा में हिलते हुए सरकंडे को?
ᎿᎭᏉᏃ ᏣᏂ ᏂᏙᏓᏳᏅᏏᏛ ᎢᎤᏁᏅ, ᎤᎴᏅᎮ ᏣᏂ ᏚᏁᎢᏍᏓᏁᎴ ᏴᏫ; ᎦᏙ ᎢᏣᎦᏔᏅᏎ ᎢᎾᎨᎢ? ᏩᏐᎾᏍᎪ ᎤᏃᎴ ᎤᏖᎸᎮᏍᎬᎢ?
25 यदि यह नहीं तो फिर क्या देखने गए थे? कीमती वस्त्र धारण किए हुए किसी व्यक्ति को? जो ऐसे वस्त्र धारण करते हैं उनका निवास तो राजमहलों में होता है.
ᎦᏙᎨ ᎢᏣᎦᏔᏅᏎᎢ? ᎠᏍᎦᏯᏍᎪ ᏗᏬᏍᎩᎵ ᏧᏄᏩᎢ? ᎬᏂᏳᏉ ᏧᏬᏚᎯ ᏧᎾᏄᏩᎢ ᎠᎴ ᎣᏍᏛ ᏗᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎩ ᎤᏂᎬᏫᏳᎯ ᏓᏂᏁᎸ ᎠᏁᎰᎢ.
26 तुम क्यों गए थे? किसी भविष्यवक्ता से भेंट करने? हां! मैं तुम्हें बता रहा हूं कि यह वह हैं, जो भविष्यवक्ता से भी बढ़कर हैं
ᎦᏙᎨ ᎢᏣᎦᏔᏅᏎᎢ? ᎠᏙᎴᎰᏍᎩᏍᎪ? ᎥᎥ, ᎢᏨᏲᏎᎭ, ᎠᎴ ᎤᏟ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎡᏍᎦᏉ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ.
27 यह वही हैं, जिनके विषय में लिखा गया है: “‘मैं अपना दूत तुम्हारे आगे भेज रहा हूं, जो तुम्हारे आगे-आगे चलकर तुम्हारे लिए मार्ग तैयार करेगा.’
ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ ᎯᎠ ᎠᏥᏃᎮᏍᎬ ᎯᎠ ᏥᏂᎬᏅ ᏥᎪᏪᎳ; ᎬᏂᏳᏉ ᏥᏅᎵ ᏥᏅᏏᏓᏍᏗ ᏣᎧᏛ ᎢᎬᏱᏗᏢ, ᎾᏍᎩ ᏓᏣᏛᏅᎢᏍᏓᏁᎵ ᏣᎶᎯᏍᏗᏱ ᎢᎬᏱᏗᏢ.
28 सच तो यह है कि आज तक जितने भी मनुष्य हुए हैं उनमें से एक भी (बपतिस्मा देनेवाले) योहन से बढ़कर नहीं. फिर भी, परमेश्वर के राज्य में छोटे से छोटा भी योहन से बढ़कर है.”
ᎯᎠᏰᏃ ᏂᏨᏪᏎᎭ; ᎠᏂᎨᏴ ᎬᏩᏂᎾᏄᎪᏫᏒᎯ ᏥᎩ ᎥᏝ ᏳᏜᏓᏍᏗ ᎩᎶ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎤᏟ ᎢᏯᏥᎷᏉᏗ ᎡᏍᎦᏉ ᏣᏂ ᏗᏓᏬᏍᎩ; ᎠᏎᏃ ᎤᏍᏗᎧᏂ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᎨᎳ ᎤᏟ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎡᏍᎦᏉ ᏣᏂ.
29 जब सभी लोगों ने, यहां तक कि चुंगी लेनेवालों ने, प्रभु येशु के वचन, सुने तो उन्होंने योहन का बपतिस्मा लेने के द्वारा यह स्वीकार किया कि परमेश्वर की योजना सही है.
ᏂᎦᏛᏃ ᏴᏫ ᎤᎾᏛᎦᏅᎯ, ᎠᎴ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ, ᎤᏂᎸᏉᏔᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ, ᏗᎨᎦᎧᏍᏔᏅᎯᏰᏃ ᎨᏎ ᏣᏂ ᏧᏓᏬᏍᏙᏗ ᎨᏒᎢ.
30 किंतु फ़रीसियों और शास्त्रियों ने बपतिस्मा न लेकर उनके लिए तय परमेश्वर के उद्देश्य को अस्वीकार कर दिया.
ᎠᏂᏆᎵᏏᏍᎩᏂ ᎠᎴ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᏃᏏᏏᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏚᏓᏅᏖᎮᎸᎢ ᎤᏂᏲᎢᏎᎴ ᎤᏅᏒ ᎤᎾᏓᏡᏔᏁᎢ, ᏂᏗᎨᎦᏬᎥᎾ ᎨᏒᎢ.
31 प्रभु येशु ने आगे कहा, “इस पीढ़ी के लोगों की तुलना मैं किससे करूं? किसके समान हैं ये?
ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎦᏙᎨᏙᏓᎦᏥᏯᏟᎶᏍᏔᏂ ᏴᏫ ᎪᎯ ᏣᏁᎭ? ᎠᎴ ᎦᏙ ᏓᎾᏤᎸ?
32 ये बाजार में बैठे हुए उन बालकों के समान हैं, जो एक दूसरे से पुकार-पुकारकर कह रहे हैं: “‘हमने तुम्हारे लिए बांसुरी बजाई, किंतु तुम नहीं नाचे, हमने तुम्हारे लिए शोक गीत भी गाया, फिर भी तुम न रोए.’
ᏗᏂᏲᎵᏉ ᎾᏍᎩᏯ ᎦᏃᏙᏗᏱ ᏣᏂᏃᎢ, ᎠᎴ ᏥᏫᏓᎾᏓᏯᏂᏍᎪᎢ, ᎯᎠ ᏥᏫᎾᏂᏪᏍᎪᎢ; ᎠᏤᎷᎩ ᎣᎬᏔᏅ ᏕᏨᏃᎩᎡᎸ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏱᏣᎵᏍᎩᏎᎢ; ᏙᏥᏴᎬ ᎢᏣᏛᎪᏗ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏱᏗᏣᏠᏱᎴᎢ.
33 बपतिस्मा देनेवाले योहन रोटी नहीं खाते थे और दाखरस का सेवन भी नहीं करते थे इसलिये तुमने घोषित कर दिया, ‘उसमें दुष्टात्मा का वास है.’
ᏣᏂᏰᏃ ᏗᏓᏬᏍᎩ ᎤᎷᏨᎩ ᎥᏝ ᎦᏚ ᏯᎩᏍᎨᎢ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏯᏗᏔᏍᎨᎢ; ᎯᎠᏃ ᏂᏥᏪᏎ; ᎠᏍᎩᎾ ᎤᏯᎠ.
34 मनुष्य के पुत्र का खान-पान सामान्य है और तुम घोषणा करते हैं, ‘अरे, वह तो पेटू और पियक्कड़ है; वह तो चुंगी लेनेवालों और अपराधी व्यक्तियों का मित्र है!’ बुद्धि अपनी संतान द्वारा साबित हुई है
ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᎷᏨ ᎠᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎦ ᎠᎴ ᎠᏗᏔᏍᎦ; ᎯᎠᏃ ᏂᏥᏪᎭ; ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᎬᎥᏍᎩ ᎠᎵᏍᏓᏴᏗ ᎠᎴ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎠᏗᏔᏍᎩ, ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾ ᎤᎾᎵᎢ.
35 फिर भी ज्ञान की सच्चाई उसकी सभी संतानों द्वारा प्रकट की गई है.”
ᎠᏎᏃ ᎠᎦᏔᎾᎢ ᏧᏪᏥ ᏂᎦᏛ ᎣᏏᏳ ᎢᎬᏩᏰᎸᎭ
36 एक फ़रीसी ने प्रभु येशु को भोज पर आमंत्रित किया. प्रभु येशु आमंत्रण स्वीकार कर वहां गए और भोजन के लिए बैठ गए.
ᎩᎶᏃ ᎢᏳᏍᏗ ᎠᏆᎵᏏ ᎤᏔᏲᏎᎴ ᎤᎵᏍᏓᏴᎾᏁᏗᏱ ᏭᏴᎴᏃ ᎠᏆᎵᏏ ᎦᏁᎸᎢ, ᎠᎴ ᎤᎵᎩᏳᏍᏓᏅᏁ ᎠᎵᏍᏓᏴᏗᏱ.
37 नगर की एक पापिन स्त्री, यह मालूम होने पर कि प्रभु येशु वहां आमंत्रित हैं, संगमरमर के बर्तन में इत्र लेकर आई
ᎬᏂᏳᏉᏃ ᎠᎨᏴ ᎾᎿᎭᎦᏚᎲ ᎡᎯ, ᎠᏍᎦᎾᎢ, ᎤᏙᎴᎰᏒ ᏥᏌ ᎠᏆᎵᏏ ᎦᏁᎸ ᎦᏅᎬ ᎠᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬᎢ, ᎤᏲᎴ ᎫᎫ ᏅᏯ ᎤᏁᎬ ᎪᏢᏔᏅᎯ ᎠᏟᏍᏕ ᎠᏠᏁᏗ,
38 और उनके चरणों के पास रोती हुई खड़ी हो गई. उसके आंसुओं से उनके पांव भीगने लगे. तब उसने प्रभु के पावों को अपने बालों से पोंछा, उनके पावों को चूमा तथा उस इत्र को उनके पावों पर उंडेल दिया.
ᎠᎴ ᎤᎴᏁ ᏚᏜᏓᏌᏛ ᎣᏂᏗᏢ ᏓᏠᏱᎮᎢ, ᎠᎴ ᎤᎴᏅᎮ ᏧᎳᏏᏕᏂ ᏚᏬᏑᎴᏔᏁ ᏧᎦᏌᏬᎸᎯ, ᎠᎴ ᏚᎧᏲᏙᏔᏁ ᎤᏍᏗᏰᎬᎢ, ᎠᎴ ᏚᏚᏣᎳᏁ ᏧᎳᏏᏕᏂ, ᎠᎴ ᏚᎶᏁᏔᏁ ᎠᏠᏁᏗ.
39 जब उस फ़रीसी ने, जिसने प्रभु येशु को आमंत्रित किया था, यह देखा तो मन में विचार करने लगा, “यदि यह व्यक्ति वास्तव में भविष्यवक्ता होता तो अवश्य जान जाता कि जो स्त्री उसे छू रही है, वह कौन है—एक पापी स्त्री!”
ᎠᏆᎵᏏᏃ ᎾᏍᎩ ᏭᏯᏅᏛ ᎤᎪᎲ, ᎤᏁᏤ ᏧᏓᏅᏛ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᎯᎠ ᎠᏍᎦᏯ ᎢᏳᏃ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᏱᎨᏎ ᏳᏙᎴᎰᏎ ᎾᏍᎩ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎢᏳᏍᏗᏉ ᎨᏒ ᎯᎠ ᎠᎨᏴ ᏧᏃᏟᏍᏗᎭ, ᎠᏍᎦᎾᏰᏃ.
40 प्रभु येशु ने उस फ़रीसी को कहा, “शिमओन, मुझे तुमसे कुछ कहना है.” “कहिए, गुरुवर,” उसने कहा.
ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏌᏩᏂ, ᎠᎩᎭ ᎪᎱᏍᏗ ᎬᏲᏎᏗ. ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ; ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ, ᏂᏫᎪᎦ.
41 प्रभु येशु ने कहा, “एक साहूकार के दो कर्ज़दार थे—एक पांच सौ दीनार का तथा दूसरा पचास का.
ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᎮ ᏧᏓᏚᎩ, ᎾᏍᎩ ᎠᏂᏔᎵ ᏧᏚᎩ ᎠᏁᎮᎢ; ᏏᏴᏫ ᎯᏍᎩᏧᏈ ᎠᏂᎩᏏ ᏧᎾᎬᏩᎶᏗ ᎠᏥᏚᎨᎢ, ᏐᎢᏃ ᎯᏍᎦᏍᎪᎯ.
42 दोनों ही कर्ज़ चुकाने में असमर्थ थे इसलिये उस साहूकार ने दोनों ही के कर्ज़ क्षमा कर दिए. यह बताओ, दोनों में से कौन उस साहूकार से अधिक प्रेम करेगा?”
ᎪᎱᏍᏗᏃ ᏄᏂᎲᎾ ᎨᏒ ᎤᎾᎫᏴᏙᏗ, ᏚᏲᏎᏉ ᎢᏧᎳ. ᎾᏍᎩᏃ ᏍᎩᏃᎲᏏ, ᎦᎪ ᎾᏍᎩ ᎤᏟ ᏄᏓᎨᏳᏎᏍᏗ?
43 शिमओन ने उत्तर दिया, “मेरे विचार से वह, जिसकी बड़ी राशि क्षमा की गई.” “तुमने सही उत्तर दिया,” प्रभु येशु ने कहा.
ᏌᏩᏂ ᏧᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎠᏎᎨᎵ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᏟ ᎢᎦᎢ ᏗᎬᏩᏲᎯᏎᎸᎯ. ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏚᏳᎪᏛ ᏕᎱᎪᏓ.
44 तब उस स्त्री से उन्मुख होकर प्रभु येशु ने शिमओन से कहा, “इस स्त्री की ओर देखो. मैं तुम्हारे घर आया, तुमने तो मुझे पांव धोने के लिए भी जल न दिया किंतु इसने अपने आंसुओं से मेरे पांव भिगो दिए और अपने केशों से उन्हें पोंछ दिया.
ᎠᎨᏴᏃ ᎦᏙᎬ ᎢᏗᏢ ᏭᎦᏔᎲᏍᏔᏅ ᎯᎠ ᎾᏥᏪᏎᎴ ᏌᏩᏂ; ᎯᎪᏩᏘᏍᎪ ᎯᎠ ᎠᎨᏴ? ᎯᏁᎸ ᎠᎩᏴᎸᎩ, ᎠᎹ ᎥᏝ ᏱᏍᎩᏁᏁᎴ ᏗᏉᏑᎴᏗ ᏗᏆᎳᏏᏕᏂ; ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ Ꮎ ᏓᏉᏑᎵᏏ ᏗᏆᎳᏏᏕᏂ ᏧᎦᏌᏬᎸᎯ ᎬᏓ, ᎠᎴ ᏓᎩᎧᏲᏙᏓᏏ ᎤᏍᏘᏰᎬᎢ.
45 तुमने चुंबन से मेरा स्वागत नहीं किया किंतु यह स्त्री मेरे पांवों को चूमती रही.
ᎥᏝ ᏱᏍᏆᏔᏪᏙᏁᎢ; ᎯᎠᏍᎩᏂ ᎠᎨᏴ, ᎠᎩᏴᎵᎸ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ, ᎥᏝ ᏳᏑᎵᎪᏨ ᏓᏆᏚᏣᎳᏁᎲ ᏗᏆᎳᏏᏕᏂ.
46 तुमने मेरे सिर पर तेल नहीं मला किंतु इसने मेरे पांवों पर इत्र उंडेल दिया है.
ᏥᏍᎪᎵ ᎥᏝ ᏱᏍᎩᎶᏁᏔᏁ ᎪᎢ; ᎯᎠᏍᎩᏂ ᎠᎨᏴ ᎠᏠᏁᏗ ᏚᎶᏁᏔᏅ ᏗᏆᎳᏏᏕᏂ.
47 मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि यह मुझसे इतना अधिक प्रेम इसलिये करती है कि इसके बहुत पाप क्षमा कर दिए गए हैं; किंतु वह, जिसके थोड़े ही पाप क्षमा किए गए हैं, प्रेम भी थोड़ा ही करता है.”
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎯᎠ ᏂᎬᏪᏎᎭ; ᎤᏍᎦᏅᏨ, ᎾᏍᎩ ᏧᏈᏯ ᏥᎩ, ᎠᏥᏙᎵᎩ, ᎤᏣᏘᏰᏃ ᎤᏓᎨᏳᏎᎢ; ᎩᎶᏍᎩᏂ ᎤᏍᏗ ᎠᏥᏙᎵᏨᎯ, ᎾᏍᎩ ᎤᏍᏗ ᎤᏓᎨᏳᏐᎢ.
48 तब प्रभु येशु ने उस स्त्री से कहा, “तुम्हारे पाप क्षमा कर दिए गए हैं.”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴ ᎠᎨᏴ; ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ.
49 आमंत्रित अतिथि आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “कौन है यह, जो पाप भी क्षमा करता है?”
ᎾᏍᎩᏃ Ꮎ ᎢᏧᎳᎭ ᎠᏂᏂᏜᏓᎢ ᎠᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬ ᎤᎾᎴᏅᎮ ᏙᏧᎾᏓᏅᏛ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ; ᎦᎪ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ, ᎠᏍᎦᏅᏨ ᎾᏍᏉ ᏥᏕᎦᏙᎵᎦ?
50 प्रभु येशु ने उस स्त्री से कहा, “तुम्हारा विश्वास ही तुम्हारे उद्धार का कारण है. शांति में विदा हो जाओ.”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴ ᎠᎨᏴ, ᏦᎯᏳᏒ ᏣᏍᏕᎸ; ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᏥᎮᎾ.