< लूका 16 >

1 प्रभु येशु ने अपने शिष्यों को यह वृत्तांत भी सुनाया: “किसी धनी व्यक्ति का एक भंडारी था, जिसके विषय में उसे यह सूचना दी गई कि वह उसकी संपत्ति का दुरुपयोग कर रहा है.
Ἔλεγε δὲ καὶ πρὸς τοὺς μαθητὰς αὐτοῦ, Ἄνθρωπός τις ἦν πλούσιος, ὃς εἶχεν οἰκονόμον· καὶ οὗτος διεβλήθη αὐτῷ ὡς διασκορπίζων τὰ ὑπάρχοντα αὐτοῦ.
2 इसलिये स्वामी ने उसे बुलाकर उससे पूछताछ की: ‘तुम्हारे विषय में मैं यह क्या सुन रहा हूं? अपने प्रबंधन का हिसाब दे दो क्योंकि अब तुम भंडारी के पद पर नहीं रह सकते.’
Καὶ φωνήσας αὐτὸν εἶπεν αὐτῷ, Τί τοῦτο ἀκούω περὶ σοῦ; Ἀπόδος τὸν λόγον τῆς οἰκονομίας σου· οὐ γὰρ δυνήσῃ ἔτι οἰκονομεῖν.
3 “भंडारी मन में विचार करने लगा, ‘अब मैं क्या करूं? मालिक मुझ से भंडारी का पद छीन रहा है. मेरा शरीर इतना बलवान नहीं कि मैं भूमि खोदने का काम करूं और लज्जा के कारण मैं भीख भी न मांग सकूंगा.
Εἶπε δὲ ἐν ἑαυτῷ ὁ οἰκονόμος, Τί ποιήσω, ὅτι ὁ κύριός μου ἀφαιρεῖται τὴν οἰκονομίαν ἀπ᾽ ἐμοῦ; Σκάπτειν οὐκ ἰσχύω, ἐπαιτεῖν αἰσχύνομαι.
4 अब मेरे सामने क्या रास्ता बचा रह गया है, मैं समझ गया कि मेरे लिए क्या करना सही है कि मुझे पद से हटा दिए जाने के बाद भी लोगों की मित्रता मेरे साथ बनी रहे.’
Ἔγνων τί ποιήσω, ἵνα, ὅταν μετασταθῶ τῆς οἰκονομίας, δέξωνταί με εἰς τοὺς οἴκους αὐτῶν.
5 “उसने अपने स्वामी के हर एक कर्ज़दार को बुलवाया. पहले कर्ज़दार से उसने प्रश्न किया, ‘तुम पर मेरे स्वामी का कितना कर्ज़ है?’
Καὶ προσκαλεσάμενος ἕνα ἕκαστον τῶν χρεωφειλετῶν τοῦ κυρίου ἑαυτοῦ, ἔλεγε τῷ πρώτῳ, Πόσον ὀφείλεις τῷ κυρίῳ μου;
6 “‘3,000 लीटर तेल,’ उसने उत्तर दिया. “भंडारी ने उससे कहा, ‘लो, यह है तुम्हारा बही खाता. तुरंत बैठकर इसमें 1,500 लिख दो.’
Ὁ δὲ εἶπεν, Ἑκατὸν βάτους ἐλαίου. Καὶ εἶπεν αὐτῷ, Δέξαι σου τὸ γράμμα, καὶ καθίσας ταχέως γράψον πεντήκοντα.
7 “तब उसने दूसरे को बुलाया उससे पूछा, ‘तुम पर कितना कर्ज़ है?’ “‘30 टन गेहूं.’ “भंडारी ने कहा, ‘अपना बही खाता लेकर उसमें 24 लिख दो.’
Ἔπειτα ἑτέρῳ εἶπε, Σὺ δὲ πόσον ὀφείλεις; Ὁ δὲ εἶπεν, Ἑκατὸν κόρους σίτου. Καὶ λέγει αὐτῷ, Δέξαι σου τὸ γράμμα, καὶ γράψον ὀγδοήκοντα.
8 “स्वामी ने इस ठग भंडारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की संतान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं! (aiōn g165)
Καὶ ἐπῄνεσεν ὁ κύριος τὸν οἰκονόμον τῆς ἀδικίας ὅτι φρονίμως ἐποίησεν· ὅτι οἱ υἱοὶ τοῦ αἰῶνος τούτου φρονιμώτεροι ὑπὲρ τοὺς υἱοὺς τοῦ φωτὸς εἰς τὴν γενεὰν τὴν ἑαυτῶν εἰσι. (aiōn g165)
9 मैं तुमसे कहता हूं कि सांसारिक संपत्ति का उपयोग अपने मित्र बनाने के लिए करो कि जब यह संपत्ति न रहे तो अनंत काल के घर में तुम्हारा स्वागत हो. (aiōnios g166)
Κἀγὼ ὑμῖν λέγω, Ποιήσατε ἑαυτοῖς φίλους ἐκ τοῦ μαμωνᾶ τῆς ἀδικίας, ἵνα, ὅταν ἐκλίπητε, δέξωνται ὑμᾶς εἰς τὰς αἰωνίους σκηνάς. (aiōnios g166)
10 “वह, जो थोड़े में विश्वासयोग्य है, वह उस ज्यादा में भी विश्वासयोग्य होता है; वह, जो थोड़े में भ्रष्‍ट है, ज्यादा में भी भ्रष्‍ट होगा.
Ὁ πιστὸς ἐν ἐλαχίστῳ καὶ ἐν πολλῷ πιστός ἐστι, καὶ ὁ ἐν ἐλαχίστῳ ἄδικος καὶ ἐν πολλῷ ἄδικός ἐστιν.
11 इसलिये यदि तुम सांसारिक संपत्ति के प्रति विश्वासयोग्य न पाए गए तो तुम्हें सच्चा धन कौन सौंपेगा?
Εἰ οὖν ἐν τῷ ἀδίκῳ μαμωνᾷ πιστοὶ οὐκ ἐγένεσθε, τὸ ἀληθινὸν τίς ὑμῖν πιστεύσει;
12 यदि तुम किसी अन्य की संपत्ति के प्रति विश्वासयोग्य प्रमाणित न हुए तो कौन तुम्हें वह सौंपेगा, जो तुम्हारा ही है?
Καὶ εἰ ἐν τῷ ἀλλοτρίῳ πιστοὶ οὐκ ἐγένεσθε, τὸ ὑμέτερον τίς ὑμῖν δώσει;
13 “किसी भी दास के लिए दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मानकर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.”
Οὐδεὶς οἰκέτης δύναται δυσὶ κυρίοις δουλεύειν· ἢ γὰρ τὸν ἕνα μισήσει, καὶ τὸν ἕτερον ἀγαπήσει· ἢ ἑνὸς ἀνθέξεται, καὶ τοῦ ἑτέρου καταφρονήσει. Οὐ δύνασθε Θεῷ δουλεύειν καὶ μαμωνᾷ.
14 वे फ़रीसी, जिन्हें धन से लगाव था, ये सब सुनकर प्रभु येशु का उपहास करने लगे.
Ἤκουον δὲ ταῦτα πάντα καὶ οἱ Φαρισαῖοι φιλάργυροι ὑπάρχοντες, καὶ ἐξεμυκτήριζον αὐτόν.
15 उन्हें संबोधित करते हुए प्रभु येशु ने कहा, “तुम स्वयं को अन्यों के सामने नीतिमान प्रस्तुत करते हो किंतु परमेश्वर तुम्हारे हृदय को जानते हैं. वह, जो मनुष्यों के सामने महान है, परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है.
Καὶ εἶπεν αὐτοῖς, Ὑμεῖς ἐστε οἱ δικαιοῦντες ἑαυτοὺς ἐνώπιον τῶν ἀνθρώπων, ὁ δὲ Θεὸς γινώσκει τὰς καρδίας ὑμῶν· ὅτι τὸ ἐν ἀνθρώποις ὑψηλὸν βδέλυγμα ἐνώπιον τοῦ Θεοῦ.
16 “व्यवस्था और भविष्यवाणियां बपतिस्मा देनेवाले योहन तक प्रभाव में थी. उसके बाद से परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया जा रहा है और हर एक इसमें प्रबलता से प्रवेश करता जा रहा है.
Ὁ νόμος καὶ οἱ προφῆται ἕως Ἰωάννου· ἀπὸ τότε ἡ βασιλεία τοῦ Θεοῦ εὐαγγελίζεται, καὶ πᾶς εἰς αὐτὴν βιάζεται.
17 स्वर्ग और पृथ्वी का खत्म हो जाना सरल है बजाय इसके कि व्यवस्था का एक भी बिंदु व्यर्थ प्रमाणित हो.
Εὐκοπώτερον δέ ἐστι τὸν οὐρανὸν καὶ τὴν γῆν παρελθεῖν, ἢ τοῦ νόμου μίαν κεραίαν πεσεῖν.
18 “वह, जो अपनी पत्नी से तलाक लेकर अन्य स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है; और वह पुरुष, जो उस त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है.”
Πᾶς ὁ ἀπολύων τὴν γυναῖκα αὐτοῦ καὶ γαμῶν ἑτέραν μοιχεύει· καὶ πᾶς ὁ ἀπολελυμένην ἀπὸ ἀνδρὸς γαμῶν μοιχεύει.
19 प्रभु येशु ने आगे कहा, “एक धनवान व्यक्ति था, जो हमेशा कीमती तथा अच्छे वस्त्र ही पहनता था. उसकी जीवनशैली विलासिता से भरी थी.
Ἄνθρωπος δέ τις ἦν πλούσιος, καὶ ἐνεδιδύσκετο πορφύραν καὶ βύσσον, εὐφραινόμενος καθ᾽ ἡμέραν λαμπρῶς.
20 उसके द्वार पर लाज़रॉस नामक एक गरीब व्यक्ति को, जिसका सारा शरीर घावों से भरा था, लाकर छोड़ दिया जाता था.
Πτωχὸς δέ τις ἦν ὀνόματι Λάζαρος, ὃς ἐβέβλητο πρὸς τὸν πυλῶνα αὐτοῦ ἡλκωμένος
21 वह धनवान व्यक्ति की मेज़ से नीचे गिरे हुए टुकड़े को खाने के लिए तरसता रहता था; ऊपर से कुत्ते आ-आकर उसके घावों को चाटते रहते थे.
καὶ ἐπιθυμῶν χορτασθῆναι ἀπὸ τῶν ψιχίων τῶν πιπτόντων ἀπὸ τῆς τραπέζης τοῦ πλουσίου· ἀλλὰ καὶ οἱ κύνες ἐρχόμενοι ἀπέλειχον τὰ ἕλκη αὐτοῦ.
22 “एक तय समय पर उस गरीब व्यक्ति की मृत्यु हुई और स्वर्गदूत उसे अब्राहाम के सामने ले गए. कुछ समय बाद धनी व्यक्ति की भी मृत्यु हुई और उसे भूमि में गाड़ दिया गया.
Ἐγένετο δὲ ἀποθανεῖν τὸν πτωχόν, καὶ ἀπενεχθῆναι αὐτὸν ὑπὸ τῶν ἀγγέλων εἰς τὸν κόλπον Ἀβραάμ· ἀπέθανε δὲ καὶ ὁ πλούσιος, καὶ ἐτάφη.
23 अधोलोक की ताड़ना में पड़े हुए धनवान व्यक्ति ने दूर से ही अब्राहाम को देखा, जिनके सामने लाज़रॉस बैठा हुआ था. (Hadēs g86)
Καὶ ἐν τῷ ᾍδῃ ἐπάρας τοὺς ὀφθαλμοὺς αὐτοῦ, ὑπάρχων ἐν βασάνοις, ὁρᾷ τὸν Ἀβραὰμ ἀπὸ μακρόθεν, καὶ Λάζαρον ἐν τοῖς κόλποις αὐτοῦ. (Hadēs g86)
24 उसने अब्राहाम को पुकारा और उनसे कहा, ‘पिता अब्राहाम, मुझ पर कृपा कीजिए और लाज़रॉस को मेरे पास भेज दीजिए कि वह अपनी उंगली का सिरा जल में डुबोकर उससे मेरी जीभ को ठंडक प्रदान करे क्योंकि मैं यहां इस आग की ताड़ना में पड़ा हुआ हूं.’
Καὶ αὐτὸς φωνήσας εἶπε, Πάτερ Ἀβραάμ, ἐλέησόν με, καὶ πέμψον Λάζαρον, ἵνα βάψῃ τὸ ἄκρον τοῦ δακτύλου αὐτοῦ ὕδατος, καὶ καταψύξῃ τὴν γλῶσσάν μου· ὅτι ὀδυνῶμαι ἐν τῇ φλογὶ ταύτῃ.
25 “किंतु अब्राहाम ने उसे उत्तर दिया, ‘मेरे पुत्र, यह न भूलो कि अपने शारीरिक जीवन में तुमने अच्छी से अच्छी वस्तुएं प्राप्‍त की जबकि लाज़रॉस ने तुच्छ वस्तुएं, किंतु वह अब यहां सुख और संतोष में है;
Εἶπε δὲ Ἀβραάμ, Τέκνον, μνήσθητι ὅτι ἀπέλαβες σὺ τὰ ἀγαθά σου ἐν τῇ ζωῇ σου, καὶ Λάζαρος ὁμοίως τὰ κακά· νῦν δὲ ὧδε παρακαλεῖται, σὺ δὲ ὀδυνᾶσαι.
26 और फिर इन सबके अलावा तुम्हारे और हमारे बीच में एक बड़ी दरार बनायी गयी है, जिससे कि यहां से वहां जाने के इच्छुक वहां न जा सकें और न ही वहां से कोई यहां आ सके.’
Καὶ ἐπὶ πᾶσι τούτοις, μεταξὺ ἡμῶν καὶ ὑμῶν χάσμα μέγα ἐστήρικται, ὅπως οἱ θέλοντες διαβῆναι ἔνθεν πρὸς ὑμᾶς μὴ δύνωνται, μηδὲ οἱ ἐκεῖθεν πρὸς ἡμᾶς διαπερῶσιν.
27 “इस पर उस धनवान व्यक्ति ने विनती की, ‘तो पिता, मेरी विनती है कि आप उसे मेरे परिजनों के पास भेज दें;
Εἶπε δέ, Ἐρωτῶ οὖν σε, πάτερ, ἵνα πέμψῃς αὐτὸν εἰς τὸν οἶκον τοῦ πατρός μου,
28 वहां मेरे पांच भाई हैं—कि वह उन्हें सावधान कर दे, ऐसा न हो कि वे भी इस ताड़ना के स्थान में आ जाएं.’
ἔχω γὰρ πέντε ἀδελφούς, ὅπως διαμαρτύρηται αὐτοῖς, ἵνα μὴ καὶ αὐτοὶ ἔλθωσιν εἰς τὸν τόπον τοῦτον τῆς βασάνου.
29 “अब्राहाम ने उत्तर दिया, ‘उनके पास मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के लेख हैं. सही होगा कि वे उनका पालन करें.’
Λέγει αὐτῷ Ἀβραάμ, Ἔχουσι Μωσέα καὶ τοὺς προφήτας· ἀκουσάτωσαν αὐτῶν.
30 “‘नहीं पिता अब्राहाम,’ उसने विरोध करते हुए कहा, ‘वे मन तभी फिराएंगे जब कोई मृत व्यक्ति पुनर्जीवित होकर उनके पास जाएगा.’
Ὁ δὲ εἶπεν, Οὐχί, πάτερ Ἀβραάμ· ἀλλ᾽ ἐάν τις ἀπὸ νεκρῶν πορευθῇ πρὸς αὐτούς, μετανοήσουσιν.
31 “अब्राहाम ने इसके उत्तर में कहा, ‘जब वे मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के आदेशों का पालन नहीं करते तो वे किसी दोबारा जीवित हुए व्यक्ति का भी विश्वास न करेंगे.’”
Εἶπε δὲ αὐτῷ, Εἰ Μωσέως καὶ τῶν προφητῶν οὐκ ἀκούουσιν, οὐδέ, ἐάν τις ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ, πεισθήσονται.

< लूका 16 >