< लूका 16 >
1 प्रभु येशु ने अपने शिष्यों को यह वृत्तांत भी सुनाया: “किसी धनी व्यक्ति का एक भंडारी था, जिसके विषय में उसे यह सूचना दी गई कि वह उसकी संपत्ति का दुरुपयोग कर रहा है.
ⲁ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲛⲉϥⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ϫⲉ ⲛⲉⲩⲛⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲣⲣⲙⲙⲁⲟ ⲉⲩⲛⲧⲁϥ ⲙⲙⲁⲩ ⲛⲟⲩⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲟⲥ ⲁⲩⲧⲁⲁϥ ⲇⲉ ⲛϣⲧⲟⲩⲏⲧ ϫⲉ ϥϫⲱⲱⲣⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲛⲉϥϩⲩⲡⲁⲣⲭⲟⲛⲧⲁ
2 इसलिये स्वामी ने उसे बुलाकर उससे पूछताछ की: ‘तुम्हारे विषय में मैं यह क्या सुन रहा हूं? अपने प्रबंधन का हिसाब दे दो क्योंकि अब तुम भंडारी के पद पर नहीं रह सकते.’
ⲃ̅ⲁϥⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟϥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲟⲩ ⲡⲉ ⲡⲁⲓ ⲉϯⲥⲱⲧⲙ ⲙⲙⲟϥ ⲉⲧⲃⲏⲧⲕ ⲁⲩⲡⲱⲡ ⲛⲁⲓ ⲛⲧⲉⲕⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲓⲁ ⲙⲙⲛϣϭⲟⲙ ⲅⲁⲣ ϫⲓⲛ ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲉⲧⲣⲉⲕⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲓ
3 “भंडारी मन में विचार करने लगा, ‘अब मैं क्या करूं? मालिक मुझ से भंडारी का पद छीन रहा है. मेरा शरीर इतना बलवान नहीं कि मैं भूमि खोदने का काम करूं और लज्जा के कारण मैं भीख भी न मांग सकूंगा.
ⲅ̅ⲡⲉϫⲉⲡⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲟⲥ ⲇⲉ ϩⲙ ⲡⲉϥϩⲏⲧ ϫⲉ ⲉⲓⲛⲁⲣⲟⲩ ϫⲉ ⲡⲁϫⲟⲉⲓⲥ ⲛⲁϥⲓ ⲛⲧⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲓⲁ ⲛⲧⲟⲟⲧ ⲙⲙⲛϣϭⲟⲙ ⲙⲙⲟⲓ ⲉϭⲣⲏ ⲁⲩⲱ ϯϣⲓⲡⲉ ⲉⲧⲱⲃⲁϩ
4 अब मेरे सामने क्या रास्ता बचा रह गया है, मैं समझ गया कि मेरे लिए क्या करना सही है कि मुझे पद से हटा दिए जाने के बाद भी लोगों की मित्रता मेरे साथ बनी रहे.’
ⲇ̅ⲁⲓⲉⲓⲙⲉ ϫⲉ ⲉⲓⲛⲁⲣⲟⲩ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲩϣⲁⲛϥⲓⲧ ϩⲛ ⲧⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲓⲁ ⲉⲩⲉϫⲓⲧ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲛⲉⲩⲏⲓ
5 “उसने अपने स्वामी के हर एक कर्ज़दार को बुलवाया. पहले कर्ज़दार से उसने प्रश्न किया, ‘तुम पर मेरे स्वामी का कितना कर्ज़ है?’
ⲉ̅ⲁϥⲙⲟⲩⲧⲉ ⲇⲉ ⲉⲡⲟⲩⲁ ⲡⲟⲩⲁ ⲛⲛⲉⲧⲉⲟⲩⲛⲧⲉ ⲡⲉϥϫⲟⲉⲓⲥ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲡⲉϫⲁϥ ⲙⲡϣⲟⲣⲡ ϫⲉ ⲟⲩⲛⲧⲉ ⲡⲁϫⲟⲉⲓⲥ ⲟⲩⲏⲣ ⲉⲣⲟⲕ
6 “‘3,000 लीटर तेल,’ उसने उत्तर दिया. “भंडारी ने उससे कहा, ‘लो, यह है तुम्हारा बही खाता. तुरंत बैठकर इसमें 1,500 लिख दो.’
ⲋ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ϣⲉ ⲃⲃⲁⲧⲟⲥ ⲛⲛⲉϩ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ϫⲓⲡⲉⲕⲥϩⲁⲓ ⲛⲅϩⲙⲟⲟⲥ ϭⲉⲡⲏ ⲛⲅⲥϩⲁⲓ ⲉⲧⲁⲓⲟⲩ
7 “तब उसने दूसरे को बुलाया उससे पूछा, ‘तुम पर कितना कर्ज़ है?’ “‘30 टन गेहूं.’ “भंडारी ने कहा, ‘अपना बही खाता लेकर उसमें 24 लिख दो.’
ⲍ̅ⲙⲙⲛⲛⲥⲱⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲕⲉⲟⲩⲁ ϫⲉ ⲛⲧⲟⲕ ⲟⲩⲛⲟⲩⲏⲣ ⲉⲣⲟⲕ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ϣⲉ ⲛⲕⲟⲣⲟⲥ ⲛⲥⲟⲩⲟ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ϫⲓⲡⲉⲕⲥϩⲁⲓ ⲛⲅⲥϩⲁⲓ ⲉϩⲙⲉⲛⲉ
8 “स्वामी ने इस ठग भंडारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की संतान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं! (aiōn )
ⲏ̅ⲁⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲉⲡⲁⲓⲛⲟⲩ ⲙⲡⲟⲓⲕⲟⲛⲟⲙⲟⲥ ⲙⲡϫⲓⲛϭⲟⲛⲥ ϫⲉ ⲁϥⲉⲓⲣⲉ ϩⲛ ⲟⲩⲙⲛⲧⲣⲙ ⲛϩⲏⲧ ϫⲉ ϩⲉⲛⲥⲁⲃⲉ ⲛⲉ ⲛϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲉⲓⲁⲓⲱⲛ ⲉϩⲟⲩⲉⲛϣⲏⲣⲉ ⲙⲡⲟⲩⲟⲓⲛ ⲉⲧⲉⲩⲅⲉⲛⲉⲁ (aiōn )
9 मैं तुमसे कहता हूं कि सांसारिक संपत्ति का उपयोग अपने मित्र बनाने के लिए करो कि जब यह संपत्ति न रहे तो अनंत काल के घर में तुम्हारा स्वागत हो. (aiōnios )
ⲑ̅ⲁⲛⲟⲕ ϩⲱ ϯϫⲱ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ ϫⲉ ⲕⲁϩⲉⲛϣⲃⲏⲣ ⲛⲏⲧⲛ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲁⲙⲙⲱⲛⲁⲥ ⲛⲧⲁⲇⲓⲕⲓⲁ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉϥϣⲁⲛⲱϫⲛ ⲉⲩⲉϫⲓⲧⲏⲩⲧⲛ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲛⲉⲥⲕⲏⲛⲏ ⲛϣⲁ ⲉⲛⲉϩ (aiōnios )
10 “वह, जो थोड़े में विश्वासयोग्य है, वह उस ज्यादा में भी विश्वासयोग्य होता है; वह, जो थोड़े में भ्रष्ट है, ज्यादा में भी भ्रष्ट होगा.
ⲓ̅ⲡⲡⲓⲥⲧⲟⲥ ϩⲛ ⲟⲩⲕⲟⲩⲓ ⲟⲩⲡⲓⲥⲧⲟⲥ ⲟⲛ ⲡⲉ ϩⲛ ⲟⲩⲛⲟϭ ⲁⲩⲱ ⲡⲁⲇⲓⲕⲟⲥ ϩⲛ ⲟⲩⲕⲟⲩⲓ ⲟⲩⲁⲇⲓⲕⲟⲥ ⲟⲛ ⲡⲉ ϩⲛ ⲟⲩⲛⲟϭ
11 इसलिये यदि तुम सांसारिक संपत्ति के प्रति विश्वासयोग्य न पाए गए तो तुम्हें सच्चा धन कौन सौंपेगा?
ⲓ̅ⲁ̅ⲉϣϫⲉ ⲙⲡⲉⲧⲛϣⲱⲡⲉ ϭⲉ ⲙⲡⲓⲥⲧⲟⲥ ϩⲙ ⲡⲁⲙⲙⲱⲛⲁⲥ ⲛⲁⲇⲓⲕⲟⲥ ⲛⲓⲙ ⲡⲉⲧⲛⲁⲧⲁⲛϩⲉⲧ ⲧⲏⲟⲩⲧⲛ ⲉⲡⲉⲧⲉϩⲱⲱϥ ⲡⲉ
12 यदि तुम किसी अन्य की संपत्ति के प्रति विश्वासयोग्य प्रमाणित न हुए तो कौन तुम्हें वह सौंपेगा, जो तुम्हारा ही है?
ⲓ̅ⲃ̅ⲁⲩⲱ ⲉϣϫⲉ ⲙⲡⲉⲧⲛⲣⲡⲓⲥⲧⲟⲥ ϩⲙ ⲡⲉⲧⲉⲙⲡⲱⲧⲛ ⲁⲛ ⲡⲉ ⲛⲓⲙ ⲡⲉⲧⲛⲁϯ ⲛⲏⲧⲛ ⲙⲡⲉⲧⲉⲡⲱⲧⲛ ⲡⲉ
13 “किसी भी दास के लिए दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मानकर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.”
ⲓ̅ⲅ̅ⲙⲙⲛϣϭⲟⲙ ⲗⲗⲁⲁⲩ ⲉⲣϩⲙϩⲁⲗ ⲛϫⲟⲉⲓⲥ ⲥⲛⲁⲩ ⲏ ⲅⲁⲣ ϥⲛⲁⲙⲉⲥⲧⲉⲟⲩⲁ ⲛϥⲙⲉⲣⲉⲟⲩⲁ ⲏ ⲛϥⲁⲛⲉⲭⲉⲟⲩⲁ ⲛϥⲕⲁⲧⲁⲫⲣⲟⲛⲓⲟⲩⲁ ⲙⲙⲛϣϭⲟⲙ ⲙⲙⲱⲧⲛ ⲉⲧⲣⲉⲧⲛⲣ ϩⲙϩⲁⲗ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲛⲙⲡⲁⲙⲙⲱⲛⲁⲥ
14 वे फ़रीसी, जिन्हें धन से लगाव था, ये सब सुनकर प्रभु येशु का उपहास करने लगे.
ⲓ̅ⲇ̅ⲁⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲥⲁⲓⲟⲥ ⲇⲉ ⲥⲱⲧⲙ ⲉⲛⲁⲓ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲉϩⲉⲛⲙⲁⲓϩⲟⲙⲛⲧ ⲛⲉ ⲁⲩⲕⲱⲙϣ ⲛⲥⲱϥ
15 उन्हें संबोधित करते हुए प्रभु येशु ने कहा, “तुम स्वयं को अन्यों के सामने नीतिमान प्रस्तुत करते हो किंतु परमेश्वर तुम्हारे हृदय को जानते हैं. वह, जो मनुष्यों के सामने महान है, परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है.
ⲓ̅ⲉ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛⲧⲱⲧⲛ ⲛⲉⲧⲧⲙⲁⲓⲟ ⲙⲙⲱⲧⲛ ⲙⲡⲉⲙⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲛⲣⲣⲱⲙⲉ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲇⲉ ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲛⲛⲉⲧⲛϩⲏⲧ ϫⲉ ⲧⲙⲛⲧϫⲁⲥⲓϩⲏⲧ ⲉⲧϩⲛⲣⲣⲱⲙⲉ ⲟⲩⲃⲟⲧⲉ ⲧⲉ ⲙⲡⲉⲙⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ
16 “व्यवस्था और भविष्यवाणियां बपतिस्मा देनेवाले योहन तक प्रभाव में थी. उसके बाद से परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया जा रहा है और हर एक इसमें प्रबलता से प्रवेश करता जा रहा है.
ⲓ̅ⲋ̅ⲡⲛⲟⲙⲟⲥ ⲙⲛ ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲛⲧⲁⲩⲡⲱϩ ϣⲁⲓⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ϫⲓⲛ ⲡⲉⲩⲟⲉⲓϣ ⲉⲧⲙⲙⲁⲩ ⲥⲉⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲍⲉ ⲛⲧⲙⲛⲧⲣⲣⲟ ⲙⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ϫⲓ ⲙⲙⲟϥ ⲛϭⲟⲛⲥ ⲉⲣⲟⲥ
17 स्वर्ग और पृथ्वी का खत्म हो जाना सरल है बजाय इसके कि व्यवस्था का एक भी बिंदु व्यर्थ प्रमाणित हो.
ⲓ̅ⲍ̅ⲥⲙⲟⲧⲛ ⲇⲉ ⲉⲧⲣⲉⲧⲡⲉ ⲛⲙⲡⲕⲁϩ ⲡⲁⲣⲁⲅⲉ ⲏ ⲉⲧⲣⲉⲟⲩϣⲱⲗϩ ⲛⲟⲩⲱⲧ ϩⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ ⲡⲛⲟⲙⲟⲥ
18 “वह, जो अपनी पत्नी से तलाक लेकर अन्य स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है; और वह पुरुष, जो उस त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, व्यभिचार करता है.”
ⲓ̅ⲏ̅ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲉⲧⲛⲁⲛⲉϫ ⲧⲉϥⲥϩⲓⲙⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛϥϩⲙⲟⲟⲥ ⲛⲙⲕⲉⲩⲉⲓ ϥⲟ ⲛⲛⲟⲉⲓⲕ ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲛⲁϩⲙⲟⲟⲥ ⲛⲙⲕⲉⲩⲉⲓ ⲉⲁⲡⲉⲥϩⲁⲓ ⲛⲟϫⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϥⲟ ⲛⲛⲟⲉⲓⲕ
19 प्रभु येशु ने आगे कहा, “एक धनवान व्यक्ति था, जो हमेशा कीमती तथा अच्छे वस्त्र ही पहनता था. उसकी जीवनशैली विलासिता से भरी थी.
ⲓ̅ⲑ̅ⲛⲉⲩⲛⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲇⲉ ⲣⲣⲙⲙⲁⲟ ⲉⲡⲉϥⲣⲁⲛ ⲡⲉ ⲛⲓⲛⲉⲩⲏ ⲉϣⲁϥϯ ϩⲓⲱⲱϥ ⲛⲟⲩϫⲏϭⲉ ⲛⲙⲟⲩϣⲛⲥ ⲉϥⲉⲩⲫⲣⲁⲛⲉ ⲙⲙⲏⲛⲉ ⲕⲁⲗⲱⲥ
20 उसके द्वार पर लाज़रॉस नामक एक गरीब व्यक्ति को, जिसका सारा शरीर घावों से भरा था, लाकर छोड़ दिया जाता था.
ⲕ̅ⲛⲉⲩⲛⲟⲩϩⲏⲕⲉ ⲇⲉ ⲉⲡⲉϥⲣⲁⲛ ⲡⲉ ⲗⲁⲍⲁⲣⲟⲥ ⲉϥⲛⲏϫ ϩⲛ ⲧⲉϥϩⲁⲓⲧ ⲉϥⲟ ⲛⲥⲁϣ
21 वह धनवान व्यक्ति की मेज़ से नीचे गिरे हुए टुकड़े को खाने के लिए तरसता रहता था; ऊपर से कुत्ते आ-आकर उसके घावों को चाटते रहते थे.
ⲕ̅ⲁ̅ⲉϥⲉⲡⲓⲑⲩⲙⲓ ⲉⲥⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲛⲉϣⲁⲩϩⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲧⲉⲧⲣⲁⲡⲉⲍⲁ ⲙⲡⲣⲙⲙⲁⲟ ⲁⲗⲗⲁ ⲛⲕⲉⲟⲩϩⲟⲟⲣ ϣⲁⲩⲉⲓ ⲛⲥⲉⲗⲱϫϩ ⲛⲛⲉϥⲥⲁϣ
22 “एक तय समय पर उस गरीब व्यक्ति की मृत्यु हुई और स्वर्गदूत उसे अब्राहाम के सामने ले गए. कुछ समय बाद धनी व्यक्ति की भी मृत्यु हुई और उसे भूमि में गाड़ दिया गया.
ⲕ̅ⲃ̅ⲁⲥϣⲱⲡⲉ ⲇⲉ ϩⲙ ⲡⲧⲣⲉⲡϩⲏⲕⲉ ⲙⲟⲩ ⲛⲥⲉϫⲓⲧϥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ ⲛⲛⲁⲅⲅⲉⲗⲟⲥ ⲉⲕⲟⲩⲛϥ ⲛⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁⲡⲕⲉⲣⲙⲙⲁⲟ ⲇⲉ ⲙⲟⲩ ⲁⲩⲧⲟⲙⲥϥ
23 अधोलोक की ताड़ना में पड़े हुए धनवान व्यक्ति ने दूर से ही अब्राहाम को देखा, जिनके सामने लाज़रॉस बैठा हुआ था. (Hadēs )
ⲕ̅ⲅ̅ⲁϥϥⲓⲁⲧϥ ⲇⲉ ⲉϩⲣⲁⲓ ϩⲛ ⲁⲙⲛⲧⲉ ⲉϥϣⲟⲟⲡ ϩⲛ ϩⲉⲛⲃⲁⲥⲁⲛⲟⲥ ⲁϥⲛⲁⲩ ⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲙⲡⲟⲩⲉ ⲁⲩⲱ ⲗⲁⲍⲁⲣⲟⲥ ϩⲛ ⲕⲟⲩⲛϥ (Hadēs )
24 उसने अब्राहाम को पुकारा और उनसे कहा, ‘पिता अब्राहाम, मुझ पर कृपा कीजिए और लाज़रॉस को मेरे पास भेज दीजिए कि वह अपनी उंगली का सिरा जल में डुबोकर उससे मेरी जीभ को ठंडक प्रदान करे क्योंकि मैं यहां इस आग की ताड़ना में पड़ा हुआ हूं.’
ⲕ̅ⲇ̅ⲁϥⲙⲟⲩⲧⲉ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ⲡⲓⲱⲧ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲛⲁ ⲛⲁⲓ ⲙⲁⲧⲛⲛⲉⲩ ⲗⲁⲍⲁⲣⲟⲥ ⲛϥⲥⲉⲡϩⲧⲏϥ ⲙⲡⲉϥⲧⲏⲏⲃⲉ ⲙⲙⲟⲟⲩ ⲛϥⲕⲃⲉⲡⲁⲗⲁⲥ ϫⲉ ϯⲙⲟⲕϩ ⲁⲛⲟⲕ ϩⲙ ⲡⲉⲓⲕⲱϩⲧ
25 “किंतु अब्राहाम ने उसे उत्तर दिया, ‘मेरे पुत्र, यह न भूलो कि अपने शारीरिक जीवन में तुमने अच्छी से अच्छी वस्तुएं प्राप्त की जबकि लाज़रॉस ने तुच्छ वस्तुएं, किंतु वह अब यहां सुख और संतोष में है;
ⲕ̅ⲉ̅ⲡⲉϫⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲇⲉ ϫⲉ ⲡⲁϣⲏⲣⲉ ⲁⲣⲓⲡⲙⲉⲉⲩⲉ ϫⲉ ⲁⲕϫⲓ ⲛⲛⲉⲕⲁⲅⲁⲑⲟⲛ ϩⲙ ⲡⲉⲕⲱⲛⲁϩ ⲁⲩⲱ ⲗⲁⲍⲁⲣⲟⲥ ϩⲱⲱϥ ϩⲛ ϩⲉⲛⲡⲉⲑⲟⲟⲩ ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲥⲉⲥⲟⲗⲥⲗ ⲙⲙⲟϥ ⲙⲡⲉⲓⲙⲁ ⲛⲧⲟⲕ ⲇⲉ ⲥⲉⲙⲟⲩⲕϩ ⲙⲙⲟⲕ
26 और फिर इन सबके अलावा तुम्हारे और हमारे बीच में एक बड़ी दरार बनायी गयी है, जिससे कि यहां से वहां जाने के इच्छुक वहां न जा सकें और न ही वहां से कोई यहां आ सके.’
ⲕ̅ⲋ̅ⲙⲛⲛⲥⲁ ⲛⲁⲓ ⲇⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲟⲩⲛⲟⲩⲛⲟϭ ⲛⲭⲁⲥⲙⲁ ⲧⲁϫⲣⲏⲟⲩ ϩⲛ ⲧⲉⲛⲙⲏⲧⲉ ϩⲓⲟⲩⲥⲟⲡ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲛⲉⲧⲟⲩⲱϣ ⲉϫⲓⲟⲟⲣ ⲙⲡⲉⲓⲙⲁ ϣⲁⲣⲱⲧⲛ ⲛⲛⲉⲩⲉϣϭⲙϭⲟⲙ ⲟⲩⲇⲉ ⲛⲛⲉⲩⲉϣϫⲓⲟⲟⲣ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲉ ⲧⲏⲟⲩⲧⲛ ⲛⲁⲛ
27 “इस पर उस धनवान व्यक्ति ने विनती की, ‘तो पिता, मेरी विनती है कि आप उसे मेरे परिजनों के पास भेज दें;
ⲕ̅ⲍ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ϫⲉ ϯⲥⲟⲡⲥ ⲛⲧⲟⲟⲩⲛ ⲙⲙⲟⲕ ⲡⲁⲓⲱⲧ ϫⲉ ⲉⲕⲉϫⲟⲟⲩϥ ⲉⲡⲏⲓ ⲙⲡⲁⲓⲱⲧ
28 वहां मेरे पांच भाई हैं—कि वह उन्हें सावधान कर दे, ऐसा न हो कि वे भी इस ताड़ना के स्थान में आ जाएं.’
ⲕ̅ⲏ̅ⲟⲩⲛϯϯⲟⲩ ⲅⲁⲣ ⲛⲥⲟⲛ ϫⲉ ⲉϥⲉⲣⲙⲛⲧⲣⲉ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛⲛⲉⲩⲉⲓ ϩⲱⲟⲩ ⲉⲡⲉⲓⲙⲁ ⲃⲃⲁⲥⲁⲛⲟⲥ
29 “अब्राहाम ने उत्तर दिया, ‘उनके पास मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के लेख हैं. सही होगा कि वे उनका पालन करें.’
ⲕ̅ⲑ̅ⲡⲉϫⲉⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲟⲩⲛⲧⲟⲩⲙⲱⲩⲥⲏⲥ ⲙⲙⲁⲩ ⲙⲛ ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲙⲁⲣⲟⲩⲥⲱⲧⲙ ⲛⲥⲱⲟⲩ
30 “‘नहीं पिता अब्राहाम,’ उसने विरोध करते हुए कहा, ‘वे मन तभी फिराएंगे जब कोई मृत व्यक्ति पुनर्जीवित होकर उनके पास जाएगा.’
ⲗ̅ⲛⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ⲙⲙⲟⲛ ⲡⲓⲱⲧ ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲣϣⲁⲛⲟⲩⲁ ⲃⲱⲕ ϣⲁⲣⲟⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ ⲥⲉⲛⲁⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ
31 “अब्राहाम ने इसके उत्तर में कहा, ‘जब वे मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के आदेशों का पालन नहीं करते तो वे किसी दोबारा जीवित हुए व्यक्ति का भी विश्वास न करेंगे.’”
ⲗ̅ⲁ̅ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲉϣϫⲉ ⲛⲥⲉⲛⲁⲥⲱⲧⲙ ⲁⲛ ⲛⲥⲁ ⲙⲱⲩⲥⲏⲥ ⲙⲛ ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲉⲓⲉ ⲉⲣϣⲁⲛⲟⲩⲁ ⲟⲛ ⲧⲱⲟⲩⲛ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ ⲛⲥⲉⲛⲁⲥⲱⲧⲙ ⲛⲥⲱϥ ⲁⲛ