< लूका 15 >

1 सभी चुंगी लेनेवाले और पापी लोग प्रभु येशु के प्रवचन सुनने उनके पास आए
ବମିୟ୍‌ତା, ପାନୁବେଡ୍‌ମରଞ୍ଜି ଡ ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଅନମ୍‌ଡଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାଜି ।
2 किंतु फ़रीसी और शास्त्री बड़बड़ाने लगे, “यह व्यक्ति पापियों से मित्रता रखते हुए उनके साथ संगति करता है.”
ସିଲତ୍ତେ ପାରୁସିଞ୍ଜି ଡ ସାସ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି ଡୋସେଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଇର୍ସେମରଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ମାୟ୍‌ତନେ ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଗାଗାତନେ ।”
3 इसलिये प्रभु येशु ने उनके सामने यह दृष्टांत प्रस्तुत किया:
ତିଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଅନବ୍‌ଜଙ୍‌ବରନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି,
4 “तुममें से ऐसा कौन होगा, जिसके पास सौ भेड़ें हों और उनमें से एक खो जाए तो वह निन्यानवे को बंजर भूमि में छोड़कर उस खोई हुई को तब तक खोजता न रहेगा, जब तक वह मिल न जाए?
“ଅମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଆନା ଡକୋ, ଆମଙନ୍‌ ବସଅ ମେଣ୍ଡାନ୍‌ ଡକୋତେ, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଡ଼ଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଅନେସ୍ୱତଆତେ ପଡ଼ିଆଲୋଙନ୍‌ ଅମ୍‌ରେଙ୍‌ଡାଲେ ତି ଆରାଡ଼ଏନ୍‌ ଆ ମେଣ୍ଡା ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଞାଙେନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଅଃନ୍ନେସାଜେ ପଙ୍‌?
5 और जब वह उसे मिल जाती है, उसे आनंदपूर्वक कंधों पर लाद लेता है.
ଆରି ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଞାଙେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ସର୍ଡାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ଆ ତାରଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ବୋୟ୍‌ଲେ ଅସିଙନ୍‌ ପାଙ୍‌ତାୟ୍‌ ।
6 घर लौटने पर वह अपने मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठा कर कहता है, ‘मेरे आनंद में सम्मिलित हो जाओ क्योंकि मुझे मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है!’
ଆରି ଆ ଗଡ଼ିଞ୍ଜି ଡ ତୟ୍‌ଲିସିଂମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଲେ ଅବ୍‌ରୁକ୍କୁଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତଜି, ‘ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ସର୍ଡାନାବା, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ମେଣ୍ଡାଞେନ୍‌ ଆରାଡ଼ଏନ୍‌ଆତେ ଞେନ୍‌ ଞାଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ।’
7 यह बात याद रखो: पश्चाताप करते हुए एक पापी के लिए उन निन्यानवे धर्मियों की तुलना में स्वर्ग में कहीं अधिक आनंद मनाया जाता है, जिन्हें मन फिराने की ज़रूरत नहीं है.”
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଆନାଜି ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ ତଡ୍‌, କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଅନେସ୍ୱତ ଡରମ୍ମମରଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌, ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆନା ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିତନେ, କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଇର୍ସେମରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ରୁଆଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ସର୍ଡାନ୍‌ ଡେତେ ।”
8 “या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिसके पास चांदी के दस सिक्‍के हों और उनमें से एक खो जाए तो वह घर में रोशनी कर घर को बुहारते हुए उस सिक्‍के को तब तक खोजती न रहेगी जब तक वह मिल नहीं जाता?
“ଇଜ୍ଜାନ୍‌ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଆଇବୟ୍‌ ଡକୋ, ଆମଙନ୍‌ ଦସଟା ଗୁଣ୍ଡାଡାବନ୍‌ ଡକୋତେ, ଆରି ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆଡ଼ଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ପିଙ୍କନ୍‌ ତର୍ରେ ଅସିଙନ୍‌ ଜଜଡାଲେ ତିଆତେ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଞାଙେନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଜୁବାୟ୍‌ଡାଲେ ଅଃସାଜେ ପଙ୍‌?
9 सिक्का मिलने पर वह अपनी पड़ोसिनों और सहेलियों से कहती है, ‘मेरे आनंद में शामिल हो जाओ क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्का मिल गया है.’
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଞାଙେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆ ଗଡ଼ିଞ୍ଜି ଡ ତୟ୍‌ଲିସିଂମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓଡ୍ଡେଲେ ଅବ୍‌ରୁକ୍କୁଲନ୍‌ ବର୍ତନେ, ‘ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ସର୍ଡାନାବା, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଗୁଣ୍ଡାଡାବ୍‌ଞେନ୍‌ ଆରାଡ଼ଏନ୍‌ଆତେ ଞେନ୍‌ ଞାଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ।’
10 मैं तुमसे कहता हूं कि स्वर्ग में इसी प्रकार परमेश्वर के दूतों के सामने उस पापी के लिए आनंद मनाया जाता है, जिसने मन फिराया है.”
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଆନା ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିତନେ, କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଇର୍ସେମରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ପାଙ୍‌ଲଙ୍‌ବର୍‌ମର୍‌ଜି ସର୍ଡାତଞ୍ଜି ।”
11 प्रभु येशु ने आगे कहा, “किसी व्यक्ति के दो पुत्र थे.
ଜିସୁନ୍‌ ଆରି ବର୍ରନେ, “ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ଜି ବାଗୁ ଡକୋଏଞ୍ଜି ।
12 छोटे पुत्र ने पिता से विनती की, ‘पिताजी, संपत्ति में से मेरा भाग मुझे दे दीजिए.’ इसलिये पिता ने दोनों पुत्रों में अपनी संपत्ति बांट दी.
ଆ ସନ୍ନା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ଆପେୟ୍‌, ଅଙ୍ଗା ଆନର୍ଜେଜି ବନ୍ତାଲୋଙ୍‌ଞେନ୍‌ ପଡ଼େତେ ତିଆତେ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିୟିଁୟ୍‌ ।’ ସିଲତ୍ତେ ଆପେୟନ୍‌ ଅନର୍ଜେଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବନ୍ତାଏଞ୍ଜି ।
13 “शीघ्र ही छोटे पुत्र ने अपने भाग में आई सारी संपत्ति ली और एक दूर देश की ओर चला गया. वहां उसने अपना सारा धन मनमानी जीवनशैली में उड़ा दिया.
ଅସୋୟ୍‌ ଡିନ୍ନା ଆ ତିକ୍କି ସନ୍ନା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅବ୍‌ରୁକ୍କୁଡାଲେ ତମେନ୍‌ କି ସଙାୟ୍‌ ଡେସାନ୍‌ ଜିରେନ୍‌, ଆରି ତେତ୍ତେ ପରାନ୍‌ସାତ୍ତିନ୍‌ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଲୁମ୍‌ଲେ ଆ ଡାବ୍ବୋନ୍‌ କର୍ସଆଜେନ୍‌ ।
14 और अब, जब उसका सब कुछ समाप्‍त हो गया था, सारे देश में भीषण अकाल पड़ा किंतु उसके पास अब कुछ भी बाकी न रह गया था.
ବନ୍‌ଡ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆକ୍ରର୍ସଏନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ତି ଆ ଡେସାଲୋଙ୍‌ କାନ୍ତାରାନ୍‌ ଆରଡ଼ୋଲାଞନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ସନାୟ୍‌ସାୟ୍‌ଡାଏନ୍‌ ।
15 इसलिये वह उसी देश के एक नागरिक के यहां चला गया जिसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने भेज दिया.
ତିଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ତି ଆ ଡେସାଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ ଡକୋନେ, ଆରି ତି ଆ ମନ୍‌ରା ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କିମ୍ୱୋନଞ୍ଜି ତୁର୍‌ତୁରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ପଡ଼ିଆନ୍‌ ଆପ୍ପାୟେନ୍‌;
16 वह सूअरों के चारे से ही अपना पेट भरने के लिए तरस जाता था. कोई भी उसे खाने के लिए कुछ नहीं देता था.
ଆରି, କିମ୍ୱୋନଞ୍ଜି ଅଙ୍ଗା ଜାୟ୍‌ତକୋର୍‌ ଜୋମେଞ୍ଜି, ତିଆତେ ଜୋମ୍‌ଲେ ଆ କିମ୍ପୋଙନ୍‌ ଅନବ୍‌ବୋଓନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଲଡଜେନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଆନ୍ନିଙ୍‌ଜା ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଅଃତ୍ତିୟ୍‌ଲଜି ।
17 “अपनी परिस्थिति के बारे में होश में आने पर वह विचार करने लगा: ‘मेरे पिता के कितने ही सेवकों को अधिक मात्रा में भोजन उपलब्ध है और यहां मैं भूखा मर रहा हूं!
ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଆୟ୍‌ତନଡମ୍‌ଲନ୍‌ ବର୍ରନେ, ‘ଆପେୟ୍‌ଞେନ୍‌ ଆ କମ୍ୱାରିମର୍‌ଜି ଆ ଜନୋମ୍‌ଜୋମ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗାତି ଲାଗାତେ, ବନ୍‌ଡ ଞେନ୍‌ ତେନ୍ନେ ଡୋଲେଜନ୍‌ ବାତ୍ତେ ରବୁତିଁୟ୍‌ ।
18 मैं लौटकर अपने पिता के पास जाऊंगा और उनसे कहूंगा: पिताजी! मैंने वे जो स्वर्ग में हैं, उनके विरुद्ध तथा आपके विरुद्ध पाप किया है.
ଞେନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ଆପେୟ୍‌ଞେନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ତେ ଆରି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବର୍ନାୟ୍‌, ଆପେୟ୍‌, ଞେନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଡ ଗନିୟ୍‌ଗିୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ ଇର୍ସେନ୍‌ ଲୁମ୍‌ଲାୟ୍‌;
19 इसके बाद मैं इस योग्य नहीं रह गया कि आपका पुत्र कहलाऊं. अब आप मुझे अपने यहां मज़दूर ही रख लीजिए.’
ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ନମ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଅନୋଡ୍ଡେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆରି ଜିଞ୍ଜିନ୍‌ ତଡ୍‌; ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ କମ୍ୱାରିନମ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଡକ୍କୋଇଂ ।’
20 इसलिये वह उठकर अपने पिता के पास लौट गया. “वह दूर ही था कि पिता ने उसे देख लिया और वह दया से भर गया. वह दौड़कर अपने पुत्र के पास गया और उसे गले लगाकर चूमता रहा.
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଡୋଲନ୍‌ ଆପେୟନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।” “ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ସଙାୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଆଡ୍ରକୋଏନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ମା ଆପେୟନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ଆର୍ଗୁଡ଼ିଡାଏନ୍‌ ଆରି ଇର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ କୋଣ୍ଡୋଡାଲେ ଜୋର୍ଜୋରେ ।
21 “पुत्र ने पिता से कहा, ‘पिताजी! मैंने स्वर्ग के विरुद्ध तथा आपके प्रति पाप किया है, मैं अब इस योग्य नहीं रहा कि मैं आपका पुत्र कहलाऊं.’
ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ଆପେୟ୍‌, ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ ଡ ଗନିୟ୍‌ଗିୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ନମ୍‌ ଞେନ୍‌ ଇର୍ସେନ୍‌ ଲୁମ୍‌ଲାୟ୍‌, ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ନମ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଅନୋଡ୍ଡେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆରି ଜିଞ୍ଜିନ୍‌ ତଡ୍‌ ।’
22 “किंतु पिता ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, ‘बिना देर किए सबसे अच्छे वस्त्र लाकर इसे पहनाओ और इसकी उंगली में अंगूठी और पांवों में जूतियां भी पहनाओ;
ବନ୍‌ଡ ଆପେୟନ୍‌ ଆ କମ୍ୱାରିମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ‘ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ମନଙ୍‌ ଅଙ୍ଗିନ୍‌ ଲପାଙ୍‌ଲେ କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ରବା, କେନ୍‌ ଆ ଅଣ୍ଡେର୍‌ସିଲୋଙନ୍‌ ଏନ୍‌ସିନ୍‌ ଡ ତାଲ୍‌ଜଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ପାଣ୍ଡୋୟନ୍‌ ଅବ୍‌ରବା,
23 जाकर एक सबसे अच्छे बछड़े से भोजन तैयार करो. चलो, हम सब आनंद मनाएं
ଆରି ଅବୟ୍‌ ଜେଲ୍‌ଜେଲ୍‌ ଜନ୍ତୁନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ରବ୍ବୁବା, ୟବା, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଗାଲେ ଜୋମ୍‌ଲେ ଏସର୍ଡାନେବା ।
24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, अब जीवित हो गया है; यह खो गया था किंतु अब मिल गया है.’ इसलिये वे सभी आनंद से भर गए.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ଞେନ୍‌ ରବୁଏନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଅମେଙେନ୍‌, ଆଡ଼ଏନ୍‌ ବନ୍‌ଡ ଆରି ଞାଙ୍‌ଲାୟ୍‌ ।’ ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ସର୍ଡାଲଞ୍ଜି ।”
25 “उस समय बड़ा बेटा अपने खेतों में काम कर रहा था. जब वह लौटकर घर आ रहा था, पास आने पर उसे संगीत और नाचने की आवाज सुनाई दी.
“ତିଆଡିଡ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ କୋତ୍ତାନ୍‌ ଡକୋଲାୟ୍‌ । ଆନିନ୍‌ ଅସିଙନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ଆତ୍ରୁଙ୍‌ଲାଞନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଡେବ୍‌ତୁଙନ୍‌ ଡ ତଙ୍‌ସେଙନ୍‌ ଆ ସନଡ୍ଡା ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ,
26 उसने एक सेवक को बुलाकर उससे पूछा, ‘यह सब क्या हो रहा है?’
କମ୍ୱାରିମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ବରେନ୍‌, ‘କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଇନି?’
27 ‘आपका भाई लौट आया है,’ उस सेवक ने उत्तर दिया, ‘और आपके पिता ने सबसे अच्छा बछड़ा लेकर भोज तैयार करवाया है क्योंकि उनका पुत्र उन्हें सकुशल और सुरक्षित मिल गया है.’
କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, ‘ବୋଞାଙ୍‌ନମ୍‌ ୟର୍ରନାୟ୍‌, ଆରି ଆପେୟ୍‌ନମ୍‌ ବୋଞାଙ୍‌ନମ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆସୁକ୍କା ଆଞ୍ରାଙେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଜେଲ୍‌ଜେଲ୍‌ ଜନ୍ତୁନ୍‌ ରବ୍ବୁଏନ୍‌ ।’
28 “गुस्से में बड़े भाई ने घर के भीतर तक जाना न चाहा. इसलिये उसके पिता ने ही बाहर आकर उससे विनती की.
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ବରାବ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଅମ୍ମସିଙନ୍‌ ଜନିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅଃଲ୍ଲଡୟ୍‌ଲୋ; ବନ୍‌ଡ ଆପେୟନ୍‌ ଡୁଆରାନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ମବ୍‌ଲଞେ ।
29 उसने अपने पिता को उत्तर दिया, ‘देखिए, इन सभी वर्षों में मैं दास जैसे आपकी सेवा करता रहा हूं और कभी भी आपकी आज्ञा नहीं टाली फिर भी आपने कभी मुझे एक मेमना तक न दिया कि मैं अपने मित्रों के साथ मिलकर आनंद मना सकूं.
ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ଆପେୟନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେନ୍‌, ‘ଗିଜା, ଡିୟ୍‌ନେ ବର୍ସେଙ୍‌ ଡେଲୋ ଞେନ୍‌ କମ୍ୱାରିନମ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ କାବ୍ବାଡ଼ାତନାୟ୍‌, ଆରି ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ ଓୟ୍‌ଲେ ବର୍ନେନମ୍‌ ଅଃନ୍ନାଲ୍ଲେଲାୟ୍‌, ଡେଲୋଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ଗଡ଼ିଞେଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ସର୍ଡାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆଙ୍ଗିୟ୍‌ ଓୟ୍‌ଲେ ଆମନ୍‌ ବୋଡ୍ଡାମେଡ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ତିୟିଁୟ୍‌ ।
30 किंतु जब आपका यह पुत्र, जिसने आपकी संपत्ति वेश्याओं पर उड़ा दी, घर लौट आया, तो आपने उसके लिए सबसे अच्छे बछड़े का भोजन बनवाया है!’
ବନ୍‌ଡ କେନ୍‌ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ନମ୍‌ ଅଙ୍ଗାତେ ଜୁଣ୍ଡଡ଼ିବଜଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ଅନର୍ଜେନମ୍‌ଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ କର୍ସଆଜେନ୍‌, ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ଆନିନ୍‌ ୟର୍ରନାୟ୍‌, ତିଆଡିଡ୍‌ ଆମନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଜେଲ୍‌ଜେଲ୍‌ ଜନ୍ତୁନ୍‌ ରବ୍ବୁଏନ୍‌ ।’
31 “‘मेरे पुत्र!’ पिता ने कहा, ‘तुम तो सदा से ही मेरे साथ हो. वह सब, जो मेरा है, तुम्हारा ही है.
ସିଲତ୍ତେ ଆପେୟନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, ‘ଏ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌, ଆମନ୍‌ ଡିତାନ୍‌ ଞେନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଡକୋତନେ, ଆରି ଅଙ୍ଗାତେ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆତେ, ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆତେ;
32 हमारे लिए आनंद मनाना और हर्षित होना सही ही है क्योंकि तुम्हारा यह भाई, जो मर गया था, अब जीवित हो गया है; वह, जो खो गया था, अब मिल गया है.’”
ବନ୍‌ଡ କେନ୍‌ ବୋଞାଙ୍‌ନମ୍‌ ରବୁଏନ୍‌ବନ୍‌ ଆରି ଅମେଙେନ୍‌, ଆଡ଼ଏନ୍‌ ବନ୍‌ ଆରି ଞାଙ୍‌ଲବୋ, ତିଆସନ୍‌ ମଅଁୟ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଏସର୍ଡାନେବା ।’”

< लूका 15 >