< लूका 12 >
1 इसी समय वहां हज़ारों लोगों का इतना विशाल समूह इकट्ठा हो गया कि वे एक दूसरे पर गिर रहे थे. प्रभु येशु ने सबसे पहले अपने शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा, “फ़रीसियों के खमीर अर्थात् ढोंग से सावधान रहो.
ଇବେତାଂ ହେନି ମାନାୟ୍ ରୁଣ୍ଡା ଆଜ଼ି ହାରି ଜପି କ୍ଡୁସ୍ପ୍ପା ଆତାର୍; ହେ ପାଦ୍ନା ହେୱାନ୍ ପର୍ତୁମ୍ ଜାର୍ ଚେଲାରିଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍ ଲାଗାତାନ୍, “ପାରୁସିର୍ତି ହଇନି ଲାଗ୍ଦି କୁଟ୍ ବିସ୍ରେ ଜାଗ୍ରତ୍ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍ ।
2 ऐसा कुछ भी ढका नहीं, जिसे खोला न जाएगा या ऐसा कोई रहस्य नहीं, जिसे प्रकट न किया जाएगा.
ଇନାକା ଡ଼ୁକ୍ତାତ୍ନ୍ନା ହେଦାଂ ଚନ୍ଞ୍ଜାନାତ୍ ଆରି ୱିଜ଼ୁ ଡ଼ୁକ୍ତାକା ବିସ୍ରେ ହପ୍ୟାନାତ୍ ।
3 वे शब्द, जो तुमने अंधकार में कहे हैं, प्रकाश में सुने जाएंगे, जो कुछ तुमने भीतरी कमरे में कानों में कहा है, वह छत से प्रचार किया जाएगा.
ଇଚିସ୍ ଏପେଙ୍ଗ୍ ଇନା ଇନାକା ମାଜ୍ଗାତାଂ ଇନାଦେରା, ହେଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ଅଜଡ଼୍ ତାକେ ୱେନ୍ୟାଆନାତ୍, ଆରି ଇନାକା ଡ଼ୁକ୍ତି ବିତ୍ରେ କାଲେତାଂ ଇଚାଦେର୍ଣ୍ଣା, ହେଦାଂ ବାକ୍ରାତ ଜେଗନ୍ ଜପି ସୁଣାୟ୍ କିୟା ଆନାତ୍ ।”
4 “मेरे मित्रों, मेरी सुनो: उनसे भयभीत न हो, जो शरीर का तो नाश कर सकते हैं किंतु इसके बाद इससे अधिक और कुछ नहीं
“ମାତର୍ ନା ସାଙ୍ଗ ଜେ ଏପେଙ୍ଗ୍, ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଆନ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ଇମ୍ଣାକାର୍କି ଗାଗାଡ଼୍ତିଂ ଅହ୍ନାର୍, ମତର୍ ତା ପାଚେ ଆରେ ବେସି ନସ୍ଟ କିଦେଙ୍ଗ୍ ଆଡୁର୍, ହେୱାରିଂ ପାଣ୍ଡ୍ରୁ ଆମାଟ୍ ।
5 पर मैं तुम्हें समझाता हूं कि तुम्हारा किससे डरना सही है: उन्हीं से, जिन्हें शरीर का नाश करने के बाद नर्क में झोंकने का अधिकार है. सच मानो, तुम्हारा उन्हीं से डरना उचित है. (Geenna )
ମାତର୍ ଇନେରିଂ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆନାଦେର୍, ହେଦାଂ ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ୱେଚ୍ଚାନାଂ; ଅସ୍ତି ପାଚେ ନରକ୍ତ ତୁସିହିନି କାସି ଇନେର୍ତି ଆଦିକାର୍ ମାନାତ୍, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆଡୁ; ଆଁ ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ହାତ୍ପା ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆଡୁ ।” (Geenna )
6 क्या दो अस्सारिओन में पांच गौरैयां नहीं बेची जातीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलते.
“ପାଞ୍ଚ୍ଗଟା କଡିହାଡ଼ା ପଟିଂ ଇନାକା ଦୁଇ ଟାକା ଡାବୁକାଂ ପ୍ରୟାଆଉତ୍? ଆରି, ହେୱାଙ୍ଗ୍ ବିତ୍ରେତାଂ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍ ପା ଇସ୍ୱର୍ ବାଣାଆଉନ୍ ।
7 तुम्हारे सिर का तो एक-एक बाल गिना हुआ है. इसलिये भयभीत न हो. तुम्हारा दाम अनेक गौरैया से कहीं अधिक है.
ମାତର୍ ମି କାପ୍ଡ଼ାନି ୱିଜ଼ୁ ତେମୁଲ୍ ଗାଣା କିତ୍ତାନ୍ନା ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆମାଟ୍; ଏପେଙ୍ଗ୍ ବେସି କଡିହାଡ଼ା ପଟିଂତାଂ ଆଦିକ୍ ଗାଜା ।”
8 “मैं तुमसे कहता हूं कि जो कोई मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र उसे परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा,
“ଆରେ, ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ଇମ୍ଣି ମାନାୟାରିଂ ମୁମ୍ଦ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଏତୁ କିଦ୍ନାଦେର୍, ମାନାୟ୍ ମାଜ଼ି ପା ଇସ୍ୱର୍ ଦୁତ୍ର୍ ମୁମ୍ଦ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଏତୁ କିତାର୍;
9 किंतु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करता है, उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इनकार किया जाएगा.
ମାତର୍ ଜେ ଲକୁ ମୁମ୍ଦ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଏତୁ କିଦୁଦେର୍, ହେୱାନ୍ ଇସ୍ୱର୍ତି ଦୁତ୍ର୍ ମୁମ୍ଦ ମାନି କିୟା ଆଉଦେର୍ ।”
10 यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध एक भी शब्द कहता है, उसे तो क्षमा कर दिया जाएगा किंतु पवित्र आत्मा की निंदा बिलकुल क्षमा न की जाएगी.
“ଆରେ, ଇନେର୍ ମାନାୟ୍ ମାଜ଼ି ବିରତ୍ତାଂ କାତା ଇନାଦେର୍, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ କେମା ହିୟାନାତ୍; ମତର୍ ଜେ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍ ବିରୁତ୍ତାଂ ନିନ୍ଦା କାତା ଇନାର୍, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ କେମା ହିୟା ଆଉତ୍ ।”
11 “जब तुम उनके द्वारा सभागृहों, शासकों और अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किए जाओ तो इस विषय में कोई चिंता न करना कि अपने बचाव में तुम्हें क्या उत्तर देना है या क्या कहना है
“ଆରେ, ଏଚେକାଡ଼୍ଦ ହେୱାର୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ କୁଟୁମ୍ ଇଞ୍ଜ, ସାସନ୍ କିନାକାର୍ ଆରି ଆଦିକାର୍ ପାୟା ଆତି ମାନାୟାରିଂ ଲାଗେ ତାହିୱାନାର୍ ହେ ପାଦ୍ନା, ଏପେଙ୍ଗ୍ ଜାର୍ ପାକ୍ୟାତ ଇନେସ୍ କିଜ଼ି ଇନା କାତା ଉତର୍ ହିନାନ୍ ଇଞ୍ଜି ଇନାକା ଇନାଦେର୍, ହେୱାନ୍ ବିସ୍ରେ ଚିନ୍ତା କିମାଟ୍;
12 क्योंकि पवित्र आत्मा ही तुम पर प्रकट करेंगे कि उस समय तुम्हारा क्या कहना सही होगा.”
ଇନାକିଦେଂକି ଇନାକା ଇନ୍ୟା ଆନାତ୍, ହେଦାଂ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍ ହେପାଦ୍ନା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ହିକାଇକିଦ୍ନାନ୍ ।”
13 उपस्थित भीड़ में से किसी ने प्रभु येशु से कहा, “गुरुवर, मेरे भाई से कहिए कि वह मेरे साथ पिता की संपत्ति का बंटवारा कर ले.”
ମାନାୟାର୍ ବିତ୍ରେତାଂ ରୱାନ୍ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଚାନ୍, “ଏ ଗୁରୁ, ନା ଟଣ୍ଡେନିଂ ନା ଲାହାଙ୍ଗ୍ ଆବାତି ଦାନ୍ ବାଗ୍ କିଦେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜି ବଲ୍ ଇନା ।”
14 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “हे मानव! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?”
ମାତର୍ ହେୱାନ୍ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଚାନ୍, “ଏ ଟଣ୍ଡେନ୍, ଇନେନ୍ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ମି ଜପି ବିଚାର୍କିନାକାନ୍ ଆରି ବାଟା କିନାକାନ୍ ମାଦି କିଜ଼ି ବାଚିକିତାନ୍?”
15 तब प्रभु येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”
ଆରେ, ହେୱାନ୍ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍, “ଜାଗ୍ରତ୍, ୱିଜ଼ୁ ବାନି କଟିତାଂ ଜାର୍ ଜାର୍ତିଂ ଦେହା ଇଟାଟ୍, ଇନାକିଦେଂକି ରୱାନ୍ ମାନାୟ୍ତିଂ ଜିବୁନ୍ ତା ଦାନ୍ ଆଦିକ୍ ଜପି ମାନ୍କିଉନ୍ ।”
16 तब प्रभु येशु ने उनके सामने यह दृष्टांत प्रस्तुत किया: “किसी व्यक्ति की भूमि से अच्छी फसल उत्पन्न हुई.
ଆରେ, ଜିସୁ ହେୱେରିଂ ଇ ଉତର୍ମୁଡ଼୍ ଇଚାନ୍, “ରକାନ୍ ମାଜାନ୍ ମାନାୟ୍ତି ଜମିତାକେ ଆଦିକ୍ ପାଚି ଆତାତ୍ ।
17 उसने मन में विचार किया, ‘अब मैं क्या करूं? फसल रखने के लिए तो मेरे पास स्थान ही नहीं है.’
ହେବେ ହେୱାନ୍ ମାନ୍ତ ମାନ୍ତ ଏତ୍ କିଜ଼ି ଇଚାନ୍, ଇନାକା କିନାଙ୍ଗ୍? ଇନାକିଦେଂକି ନା ପାଚି ମଦାୟ୍ କିଜ଼ି ଇଟ୍ଦେଂ ଇଞ୍ଜି ବାହା ହିଲୁତ୍ ।
18 “फिर उसने विचार किया, ‘मैं ऐसा करता हूं: मैं इन बखारों को तोड़कर बड़े भंडार निर्मित करूंगा. तब मेरी सारी उपज तथा वस्तुओं का रख रखाव हो सकेगा.
ଆରି, ହେୱାନ୍ ଇଚାନ୍, ଇଦାଂ କିନାଙ୍ଗ୍; ନା ଟୁଣ୍ଡିଙ୍ଗ୍ ଡ୍ରିକ୍ଚି ଗାଜାଙ୍ଗ୍ ଗାଜାଙ୍ଗ୍ କିଜ଼ି ରଚ୍ନାଙ୍ଗ୍ ଆରି ହେ ୱିଜ଼ୁ ତାକେ ନା ତାସ୍ ଆରି ଜିନ୍ସୁପାତି ୱିଜ଼ୁ ମଦାୟ୍ କିଜ଼ି ଇଟ୍ନାଙ୍ଗ୍,
19 तब मैं स्वयं से कहूंगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनंद कर!”’
ଆରି, ଆନ୍ ନା ୱାସ୍କିତିଂ ଇନାଙ୍ଗ୍ ଏ, ଜିବୁନ୍, ଆଦିକ୍ ବାର୍ହୁ କାଜିଂ ନିନ୍ଦାଂ ଆଦିକ୍ ଜିନ୍ସୁ ରୁଣ୍ଡା ଆତାତ୍ନ୍ନା, ଜମା, ତିନ୍ଞ୍ଜି ଉଣ୍ଜି, ୱାରି କିୟା;
20 “किंतु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘अरे मूर्ख! आज ही रात तेरे प्राण तुझसे ले लिए जाएंगे; तब ये सब, जो तूने अपने लिए इकट्ठा कर रखा है, किसका होगा?’
ମତର୍ ଇସ୍ୱର୍ ହେୱାନିଂ ଇଚାନ୍, ଆଡ଼େ ନିର୍ବୁଦ୍ୟା, ନେଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍ ନାଣା ନି ୱାସ୍କି ନିବେ ତାଙ୍ଗ୍ ଅୟାନାତ୍; ହେବେତାଂ ଏନେଙ୍ଗ୍ ଇନା ଇନାକା ଜାର୍ କାଜିଂ ଜତନ୍ କିତାୟ୍ନା, ହେଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ଇନେର୍ତି ଆନାତ୍?”
21 “यही है उस व्यक्ति की स्थिति, जो मात्र अपने लिए इस प्रकार इकट्ठा करता है किंतु जो परमेश्वर की दृष्टि में धनवान नहीं है.”
ଇନେନ୍ ଜାର୍ କାଜିଂ ଦାନ୍ ରୁଣ୍ଡାୟ୍ କିନାନ୍, “ମାତର୍ ଇସ୍ୱର୍ ଆଗେ ହାଉକାର୍ ଆକାୟ୍, ହେଦାଂ କାଜିଂ ଇ ଲାକେ ଗିଟା ଆନାତ୍ ।”
22 इसके बाद अपने शिष्यों से उन्मुख हो प्रभु येशु ने कहा, “यही कारण है कि मैंने तुमसे कहा है, अपने जीवन के विषय में यह चिंता न करो कि हम क्या खाएंगे या अपने शरीर के विषय में कि हम क्या पहनेंगे.
ଜିସୁ ଜାର୍ ଚେଲାରିଂ ଇଚାନ୍, “ଇଦାଂ କାଜିଂ ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ଇନାକା ତିନାଦେର୍, ଇ ଲାକେ ମି ଜିବୁନ୍ କାଜିଂ ଆତିସ୍ ଇନାକା ଉସ୍ପାନାଦେର୍, ଇ ଲାକେ ମି ଗାଗାଡ଼୍ କାଜିଂ ପା ଚିନ୍ତା କିମାଟ୍ ।
23 जीवन भोजन से तथा शरीर वस्त्रों से बढ़कर है.
ଇନାକିଦେଂକି କାଦିତାଂ ଜିବୁନ୍ ଆରି ହେନ୍ଦ୍ରାତାଂ ଗାଗାଡ଼୍ ଗାଜା ।
24 कौवों पर विचार करो: वे न तो बोते हैं और न काटते हैं. उनके न तो खलिहान होते हैं और न भंडार; फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन प्रदान करते हैं. तुम्हारा दाम पक्षियों से कहीं अधिक बढ़कर है!
ପଟିଂ ବିସ୍ରେ ହୁଡ଼ାଟ୍, ହେୱେକ୍ ୱିତୁକ୍ କି ତ୍ରେସୁକ୍ପା, ଆରି ହେୱେକ୍ତି ଇଲ୍ କି ଟୁଣ୍ଡି ହିଲୁତ୍, ଆରେ ଇସ୍ୱର୍ ହେୱାକାଂ କାଦି ହିନାନ୍; ଏପେଙ୍ଗ୍ ପଟିଂତାଂ ଆଦିକ୍ ଗାଜା ।
25 तुममें से कौन है, जो चिंता के द्वारा अपनी आयु में एक पल भी बढ़ा पाया है?
ଆରେ, ମି ବିତ୍ରେପା ଇନେର୍ ଚିନ୍ତା କିଜ଼ି କିଜ଼ି ଜାର୍ ଆଁଇସ୍ ଲାମା କିଦେଙ୍ଗ୍ ଆଡ୍ନାନ୍?
26 जब तुम यह छोटा सा काम ही नहीं कर सकते तो भला अन्य विषयों के लिए चिंतित क्यों रहते हो?
ଆତିସ୍, ଏପେଙ୍ଗ୍ ଜଦି ୱିଜ଼ୁତାଙ୍ଗ୍ ହିରୁ କାମାୟ୍ କିଦେଙ୍ଗ୍ ପା ଆଡୁୟ୍, ଲାଗିଂ ବିନେ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ହେଦାଂ ଇନେକିଦେଂ ଚିନ୍ତା କିନାଦେରା?
27 “जंगली फूलों को देखो! वे न तो कताई करते हैं और न बुनाई; परंतु मैं कहता हूं कि राजा शलोमोन तक अपने सारे ऐश्वर्य में इनमें से एक के तुल्य भी सजे न थे.
ପୁଇକୁ ବିସ୍ରେ ବାବି କିଜ଼ି ହୁଡ଼ାଟ୍, ହେୱାଙ୍ଗ୍ ଇନେସ୍ ନୁଲ୍ ନାଟୁକ୍ କି ଡ଼ଚୁକ୍; ଆତିସ୍ପା ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗ୍, ସଲମନ୍ ପା ଜାର୍ ୱିଜ଼ୁ ହଲ୍ନାକାତ ଇୱାଙ୍ଗ୍ ବିତ୍ରେ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍ ଲାକେ ଉସ୍ପାୱାଦାଂ ମାଚାନ୍ ।
28 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, क्या वह तुम्हें और कितना अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमजोर है तुम्हारा विश्वास!
ମାତର୍ ଇମ୍ଣି କାଚ୍ରା ନେଜେଙ୍ଗ୍ ବାଡ଼୍ଦ ମାନାତ୍, ଆରି ୱିଗାଲିଙ୍ଗ୍ ହଲ୍ଦ ଦେହିୟା ଆନାତ୍, ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇନାୱାଡ଼ାଂ ଇସ୍ୱର୍ ଇ ଲାକେ ବେସ୍ ହିଦ୍ନାନ, ଲାଗିଂ, ହେ ଅଲପ୍ ପାର୍ତି କିନାଦେର୍, ହେୱାନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଏଚେକ୍ ଆଦିକ୍ ଲାକେ ହିଦୁନ୍ ।”
29 इस उधेड़-बुन में लगे न रहो कि तुम क्या खाओगे या क्या पियोगे और न ही इसकी कोई चिंता करो.
ଆରେ, ଇନାକା ତିନାକା ଆରି ଇନାକା ଉଣାକା, ହେଦାଂ ଏପେଙ୍ଗ୍ ଡେକ୍ଚି ବୁଲାଆମାଟ୍ କି ମାନ୍ ଦୁକ୍ କିମାଟ୍,
30 विश्व के सभी राष्ट्र इसी कार्य में लगे हैं. तुम्हारे पिता को पहले ही यह मालूम है कि तुम्हें इन वस्तुओं की ज़रूरत है.
ଇନାକିଦେଂକି ପୁର୍ତିନି ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍ ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ଡେକ୍ଚି ବୁଲା ଆନାର୍; ମାତର୍ ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ଜେ ମିଦାଙ୍ଗ୍ ଲଡ଼ା, ହେଦାଂ ମି ସାର୍ଗେନି ଆବା ପୁଞ୍ଜ୍ନାନ୍ ।
31 इनकी जगह परमेश्वर के राज्य की खोज करो और ये सभी वस्तुएं तुम्हारी हो जाएंगी.
ଆତିସ୍ ଏପେଙ୍ଗ୍ ଇସ୍ୱର୍ ରାଜି ଡେକାଟ୍, ଆରି ଇ ୱିଜ଼ୁ ବିସ୍ରେ ପା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ହିଦ୍ନାନ୍ ।
32 “तुम, जो संख्या में कम हो, भयभीत न होना क्योंकि तुम्हारे पिता तुम्हें राज्य देकर संतुष्ट हुए हैं.
“ଏ ହିରୁ ମାନ୍ଦା, ପାଣ୍ଡ୍ରା ଆମାଟ୍, ଇନେକିଦେଂ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ତା ରାଜି ହିଦ୍ନି କାଜିଂ ମି ଆବାତି ବେସି ୱାରି ଆନାତା ।
33 अपनी संपत्ति बेचकर प्राप्त धनराशि निर्धनों में बांट दो. अपने लिए ऐसा धन इकट्ठा करो, जो नष्ट नहीं किया जा सकता है—स्वर्ग में इकट्ठा किया धन; जहां न तो किसी चोर की पहुंच है और न ही विनाश करनेवाले कीड़ों की.
ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇନାକା ମାନାତ୍, ହେଦାଂ ପ୍ରସି ହିଲ୍ୱାକାରିଂ ଦାନ୍ ହିୟାଟ୍; ଇନାକା ନସ୍ଟ ଆଉତ୍ ଇ ଲାକେ ମଣା ଜାର୍ ଜାର୍ କାଜିଂ ଜାଲ୍ଦି କିୟାଟ୍, ଇମେତାକେ ଚର୍ ଲାଗେ ୱାଉନ୍ କି ପ୍ଡିକୁ ନସ୍ଟ କିଉକ୍, ଇ ଲାକେ ସାର୍ଗେନି ନସ୍ଟ ଆୱି ଦାନ୍ ଆର୍ଜା ଆଡ ।
34 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहीं तुम्हारा मन भी होगा.”
ଇନାକିଦେଂକି ଇମେତାକେ ମିଦାଙ୍ଗ୍ ଦାନ୍, ହେବେ ପା ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ମାନ୍ ।”
35 “हमेशा तैयार रहो तथा अपने दीप जलाए रखो,
“ମି ମେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍ ଗାଚ୍ୟା ଆଜ଼ି ମାନେତ୍ ଆରି ଅଜଡ଼୍ ଆଜ଼ି ମାନେତ୍;
36 उन सेवकों के समान, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा में हैं कि वह जब विवाहोत्सव से लौटकर आए और द्वार खटखटाए तो वे तुरंत उसके लिए द्वार खोल दें.
ଆରି, ମାପ୍ରୁ ବିବା ୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍ ଲେଉଟା ଆଜ଼ି ଦୁୱେର୍ତିଂ ଇଡ଼ିତିପାଚେ ଇମ୍ଣି ମାନାୟାର୍ ହେଦାଂ କାଜିଂ ସାଙ୍ଗେ ସାଙ୍ଗେ ଦୁୱେର୍ ଜେତ୍ତେଂ କାଜିଂ ମାନାର୍, ଏପେଙ୍ଗ୍ପା ହେୱାର୍ ଲାକେ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍ ।”
37 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी लौटने पर जागते पाएगा. सच तो यह है कि स्वामी ही सेवक के वस्त्र धारण कर उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा तथा स्वयं उन्हें भोजन परोसेगा.
ମାପ୍ରୁ ୱାଜ଼ି ଇମ୍ଣି ଆଡ଼ିୟାରିଂ ଜାଗ୍ରତ୍ ହୁଡ଼୍ନାନ୍, ହେୱାର୍ ଦନ୍ୟ, “ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ହାତ୍ପା ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ହେୱାନ୍ ନିଜେ ମେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍ ଗାଚ୍ଚି ହେୱାରିଂ ତିନି ବାହାତ କୁଚି କିଜ଼ି ଲାଗେ ହାଲ୍ଜି ହେବା କିତାର୍ ।
38 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी रात के दूसरे या तीसरे प्रहर में भी आकर जागते पाए.
ଆରି, ହେୱାନ୍ ମାଦିମାଦାନାଣା ଅଜଡ଼୍ ଆନିହିଙ୍ଗ୍ ପା ୱାଜ଼ି ହେୱେରିଂ ହେ ଲାକେ ହୁଡ଼୍ନାନ୍, ତା ଆତିସ୍ ହେ ହଲ୍ୟାର୍ ଦନ୍ୟ ।
39 किंतु तुम यह जान लो: यदि घर के स्वामी को यह मालूम हो कि चोर किस समय आएगा तो वह उसे अपने घर में घुसने ही न दे.
ମାତର୍ ଇଦାଂ ପୁଞ୍ଜି ମାନାଟ୍, ଇମ୍ଣି ସମୁତ ଚରେନ୍ ୱାନାନ୍ ଇଲ୍ ମୁଣିକା ଏଚେକାଡ଼୍ଦ ପୁନାନ୍, ତାଆତିସ୍ ହେୱାନ୍ ଜାର୍ ଇଞ୍ଜ ଚର୍ କିଦେଂ ହିଉନ୍ ।
40 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.”
ଏପେଙ୍ଗ୍ ପା ଜାଗ୍ରତ୍ ଆଜ଼ି ମାନାଟ୍, ଇନାକିଦେଂକି ଇମ୍ଣି ସମୁତ ଏପେଙ୍ଗ୍ ବାବି କିଜ଼ି ମାନ୍ଗୁଦେର୍, ହେ ସମୁତ ମାନାୟ୍ ମାଜ଼ି ୱାନାନ୍ ।”
41 पेतरॉस ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, आपका यह दृष्टांत मात्र हमारे लिए ही है या भीड़ के लिए भी?”
ହେବେତାଂ ପିତର୍ ଇଚାନ୍, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ଏନ୍ କେବଲ୍ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ କି ୱିଜ଼ାରିଂ ଇ ଉତର୍ମୁଡ଼୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାନା?”
42 प्रभु ने उत्तर दिया, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भंडारी कौन होगा जिसे स्वामी सभी सेवकों का प्रधान ठहराए कि वह अन्य सेवकों को निर्धारित समय पर भोज्य सामग्री दे दे.
ମାପ୍ରୁ ଉତର୍ ହିତାନ୍, “ଲାଗିଂ ଜାର୍ ଲକ୍ବାକ୍ତିଂ ସମାନ୍ ହିଦେଂ ଇଞ୍ଜି ମୁଣିକା ଇଲ୍ ଚାଲାୟ୍କିନା କାନିଂ ଦାଇତ୍ ହିଜ଼ି ମାଚାନ୍ ହେୱାନ୍ ସମାନ୍ ସମୁତ ବିନ୍ ହଲିୟାରିଙ୍ଗ୍ ପା ଚିଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍ ହିଜ଼ି ମାନ୍ୱାତାନ୍?
43 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए.
ମାପ୍ରୁ ୱାଜ଼ି ଜାର୍ତି ଇମ୍ଣି ଆଡ଼ିୟାଙ୍ଗ୍ ହେ ଲାକେ କିନାକା ହୁଡ଼୍ନାନ୍, ହେୱାନ୍ ଦନ୍ୟ ।
44 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी संपत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा.
ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ହାତ୍ପା ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ହେୱାନ୍ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଜାର୍ତି ୱିଜ଼ୁ ଦାନ୍ତିଙ୍ଗ୍ ଜପି ବାଚି କିଦ୍ନାନ୍ ।
45 किंतु यदि वह दास अपने मन में कहने लगे, ‘अभी तो मेरे स्वामी के लौटने में बहुत समय है’ और वह अन्य दास-दासियों की पिटाई करने लगे और खा-पीकर नशे में चूर हो जाए.
ମାତର୍ ଜଦି ହେ ଆଡ଼ିଏନ୍ ନା ମାପ୍ରୁ ୱାନାକା ବିଲମ୍ ମାନାତ୍ ଇଞ୍ଜି ମାନ୍ତ ମାନ୍ତ ଇଞ୍ଜି ହଲିୟା ଆଡ଼ିଏନ୍ଣିକାଂ ଅସ୍ତେଙ୍ଗ୍ ଆରି ତିନ୍ଞ୍ଜିଉଣ୍ଜି ଏକ୍ ଆଦେଂ ଆରାମ୍ କିତାର୍,
46 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसकी गिनती अविश्वासियों में कर देगा.
ତା ଆତିସ୍ ଇମ୍ଣି ଦିନ୍ ଆଡ଼ିୟା କାଜିଂ ମାଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍ ଆଡୁନ୍ ଆରି ଇମ୍ଣି ସମୁତ ହେୱାନ୍ ପୁଞ୍ଜି ମାନୁନ୍, ହେ ଦିନ୍ ଆରି ହେ ଡାଣ୍ଡ୍ତ ତା ମାପ୍ରୁ ୱାନାନ୍, ଆରେ ହେୱାନ୍ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ରିବାଗ୍ କିଜ଼ି ପାର୍ତି କିୱାକାର୍ ଲାହାଙ୍ଗ୍ ତା ବାଗ୍ତାକା ବାଚିକିନାର୍ ।”
47 “वह दास, जिसे अपने स्वामी की इच्छा का पूरा पता था किंतु वह न तो इसके लिए तैयार था और न उसने उसकी इच्छा के अनुसार व्यवहार ही किया, कठोर दंड पाएगा.
“ଆରେ, ଇମ୍ଣି ଆଡ଼ିୟା ଜାର୍ ମାପ୍ରୁ ମାନ୍ ପୁଞ୍ଜି ଜାଗ୍ରତ୍ ଆଜ଼ି ମାନୁନ୍ ଆୱିତିସ୍ ତା ଇଚାତାଂ କାମାୟ୍ କିଜ଼ି ମାନୁନ୍, ହେୱାନ୍ ବେସି ମାଡ୍ତାଙ୍ଗ୍ ମାଡ୍କିୟାଆନାନ୍;
48 किंतु वह, जिसे इसका पता ही न था और उसने दंड पाने योग्य अपराध किए, कम दंड पाएगा. हर एक से, जिसे बहुत ज्यादा दिया गया है उससे बहुत ज्यादा मात्रा में ही लिया जाएगा तथा जिसे अधिक मात्रा में सौंपा गया है, उससे अधिक का ही हिसाब लिया जाएगा.
ମାତର୍ ଇନେନ୍ ପୁନ୍ୱାଦାଂ ମାଡ୍ତିନି କାମାୟ୍ କିଜ଼ି ମାନାନ୍, ହେୱାନ୍ ଅଲପ୍ ମାଡ୍ତାଙ୍ଗ୍ ମାଡ୍କିୟାଆନାନ୍ । ଇନେରିଂ ବେସି ହିୟାଆତାତ୍ନା, ତା ତାକେଣ୍ଡାଂ ବେସି ଦାବା କିୟାନାତ୍ ଆରେ, ଲକୁ ଇନେନ୍ ତାକେ ବେସି ହେଲାୟ୍ କିୟାତାନ୍ନା, ତା ଲାଗାଂ ବେସି ଦାବା କିନାର୍ ।”
49 “मैं पृथ्वी पर आग बरसाने के लक्ष्य से आया हूं और कैसा उत्तम होता यदि यह इसी समय हो जाता!
“ଆନ୍ ପୁର୍ତିତ ନାଣି ଆହି କିଦେଙ୍ଗ୍ ୱାତାଂନା, ଆରେ ହେଦାଂ ଜଦି ଆସ୍ତାତେ ତାଆତିସ୍ ନା ଆରେ ଇନାକା ମାନ୍,
50 किंतु मेरे लिए बपतिस्मा की प्रक्रिया निर्धारित है और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, कैसी दुःखदायी है इसकी पीड़ा!
ମାତର୍ ନାଙ୍ଗ୍ ର ବାପ୍ତିସିମ୍ତ ବାପ୍ତିସିମ୍ ଆନାକା ମାନାତ୍, ଆରି ହେଦାଂ ୱିଜ଼୍ୱି ପାତେକ୍ ଆନ୍ ଇନେସ୍ ଦୁକ୍ ମାନ୍ତ ବାବିକିନାଙ୍ଗା ।
51 क्या विचार है तुम्हारा—क्या मैं पृथ्वी पर मेल-मिलाप के लिए आया हूं? नहीं! मेल-मिलाप नहीं, परंतु फूट के लिए.
ଆନ୍ ପୁର୍ତିତିଂ ସୁସ୍ତା ହିଦେଂ ୱାତାଂନା ଇଞ୍ଜି ଇନାକା ଏପେଙ୍ଗ୍ ଏତ୍ କିନାଦେରା? ଆକାୟ୍ ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, କୁଦାକୁଦା କିଦେଙ୍ଗ୍ ୱାତାଂନା ।
52 अब से पांच सदस्यों के परिवार में फूट पड़ जाएगी तीन के विरुद्ध दो और दो के विरुद्ध तीन.
ଇନାକିଦେଂକି ର ଇଞ୍ଜ ପାଞ୍ଚ୍ଜାଣ୍ ମାଚିସ୍ ରିୟାର୍ ବିରୁତ୍ତାଂ ତିନ୍ଜାଣ୍ ଆରି ତିନ୍ଜାଣ୍ତିଂ ବିରୁଦ୍ତ ରିୟାର୍ ବିନେ ବିନେ ଆନାର୍ ।
53 वे सब एक दूसरे के विरुद्ध होंगे—पिता पुत्र के और पुत्र पिता के; माता पुत्री के और पुत्री माता के; सास पुत्र-वधू के और पुत्र-वधू सास के.”
ମାଜ଼ି ବିରୁଦ୍ତ ଆବା, ଆବା ବିରୁଦ୍ତ ମାଜ଼ି, ଗାଡ଼୍ଚେ ବିରୁଦ୍ତ ଆୟା, ଆୟା ବିରୁଦ୍ତ ଗାଡ଼୍ଚେ, କଡ଼ିୟା ବିରୁଦ୍ତ ପଦାହି ଆରି ପଦାହି ବିରୁଦ୍ତ କଡ଼ିୟାଣିହି ବିନେ ଆନାତ୍ ।”
54 भीड़ को संबोधित करते हुए प्रभु येशु ने कहा, “जब तुम पश्चिम दिशा में बादल उठते देखते हो तो तुम तुरंत कहते हो, ‘बारिश होगी’ और बारिश होती है.
ଆରେ, ହେୱାନ୍ ମାନାୟାରିଂ ପା ଇଚାନ୍, ଡେବା ପାଡ଼୍କାନି ବାଦାଡ଼୍ ନିଙ୍ଗ୍ନାକା ହୁଡ଼୍ତିସ୍ ହେ ଦାପ୍ରେ ଏପେଙ୍ଗ୍ ଇନାଟ୍, ବାର୍ହା ୱାନାତ୍, ଆରେ ଏଲେଙ୍ଗ୍ ଲାକେ ଗିଟା ଆଦ୍ନାତ୍;
55 जब पवन दक्षिण दिशा से बहता है तुम कहते हो, ‘अब गर्मी पड़ेगी,’ और ऐसा ही हुआ करता है.
ଆରେ, ତିନିପାଡ଼୍କାନି ଦୁକା ୱାନାକା ହୁଡ଼୍ତିସ୍ ଏପେଙ୍ଗ୍ ଇନାଟ୍, ଗାଜା କାରା ୱାନାତ୍, ଆରେ ହେଦାଂ ଗିଟା ଆଦ୍ନାତ୍ ।
56 पाखंडियों! तुम धरती और आकाश की ओर देखकर तो भेद कर लेते हो किंतु इस युग का भेद क्यों नहीं कर सकते?
ଆଡ଼େ କାପ୍ଟିୟାର୍ କାଦେର୍, ଏପେଙ୍ଗ୍ ପୁର୍ତିତ ଆରେ ବାଦାଡ଼୍ତାଂ ହୁଡ଼୍ଜି ୱିଜ଼ୁ ବୁଜା ଆନାଦେରା, ମାତର୍ ଇ ଦିନ୍ତ ଚିନ୍ ହୁଡ଼୍ଜି ୱିଜ଼ୁ ଇନେସ୍ ବୁଜା ଆଉଦେରା?
57 “तुम स्वयं अपने लिए सही गलत का फैसला क्यों नहीं कर लेते?
“ଆରେ, ଜାର୍ ଜାର୍ ଇନେକିଦେଂ ନ୍ୟାୟ୍ ବିଚାର୍ କିଉଦେରା?
58 जब तुम अपने शत्रु के साथ न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत होने जा रहे हो, पूरा प्रयास करो कि मार्ग में ही तुम दोनों में मेल हो जाए अन्यथा वह तो तुम्हें घसीटकर न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत कर देगा, न्यायाधीश तुम्हें अधिकारी के हाथ सौंप देगा और अधिकारी तुम्हें जेल में डाल देगा.
ମି କୁର୍ଲିୟା ହୁକେ ସାସନ୍କିନାକାନ୍ କଚଣ୍ତ ହାନିହିଂ ହାସ୍ଦ ପା ତା ଲାହାଙ୍ଗ୍ ମୁକ୍ଡ଼ା ଆଦେଂ ଜାତୁନ୍ କିୟାଟ୍, ଏଚେକାଡ଼୍ଦ ହେୱାନ୍ ନିଂ ବିଚାର୍କାର୍ୟା କଚଣ୍ ଜେଲ୍ଜି ଅଦ୍ନାର୍, ଆରେ ବିଚାର୍ କିନାକାନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ମେଲ୍ୟାର୍ କେଇଦ ସର୍ପି କିଦ୍ନାର୍, ଆରେ ମେଲ୍ୟାର୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ତାନାଇଞ୍ଜ ବାର୍ତି କିଦ୍ନାର୍ ।
59 मैं तुमसे कहता हूं कि जब तक तुम एक-एक पैसा लौटा न दो बंदीगृह से छूट न पाओगे.”
ଆନ୍ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍ ଇଞ୍ଜ୍ନାଙ୍ଗା, ଏପେଙ୍ଗ୍ ହାରିହାରା ଡାବୁଙ୍ଗ୍ ହୁଜା ଆୱି ପାତେକ୍ ହେ ବାହାତାଂ ଇନେସ୍ ଆଜ଼ି ହସିୱାଦେଙ୍ଗ୍ ଆଡୁଦେର୍ ।”