< लूका 12 >

1 इसी समय वहां हज़ारों लोगों का इतना विशाल समूह इकट्ठा हो गया कि वे एक दूसरे पर गिर रहे थे. प्रभु येशु ने सबसे पहले अपने शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा, “फ़रीसियों के खमीर अर्थात् ढोंग से सावधान रहो.
ଇ ବିତ୍ରେ ଗାଦା ଲକ୍‌ମଃନ୍ ରୁଣ୍ଡି ତାକାର୍‌ ତାକାର୍‌ ଉହ୍ରେ ମାଡା ଚଃଗା ଅଃଉତି ରିଲାୟ୍‌, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ଜିସୁ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲା, “ପାରୁସିମଃନାର୍‌ କମିର୍‌ ହର୍‌ ହେଟ୍‌କପଟ୍‌ ବିସୟେ ଜଃଗ୍ରାତ୍‌ ଅୟ୍‌ରିଆ ।
2 ऐसा कुछ भी ढका नहीं, जिसे खोला न जाएगा या ऐसा कोई रहस्य नहीं, जिसे प्रकट न किया जाएगा.
ମଃତର୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ନଃଡିସେ ଇରଃକମ୍‌ ଡାହି ଅୟ୍‌ଲାର୍‌ କାୟ୍‌ରି ନାୟ୍‌, ଆର୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ଜାଣା ନଃହେଳେ ଇରଃକମ୍‌ ଲୁକ୍‌ଲାର୍‌ କାୟ୍‌ରି ନାୟ୍‌ଁ,
3 वे शब्द, जो तुमने अंधकार में कहे हैं, प्रकाश में सुने जाएंगे, जो कुछ तुमने भीतरी कमरे में कानों में कहा है, वह छत से प्रचार किया जाएगा.
ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଜାୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ଅଃନ୍ଦାରେ କୟ୍‌ ଆଚାସ୍‌ ସେରି ସଃବୁ ସୁଣା ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ଆରେକ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି କାହାଟ୍‌ ଡାହ୍‌ଲା ବିତୁର୍‌ ବଃକ୍ରାୟ୍‌ ଲୁକ୍‌ଣେ କୟ୍‌ ଆଚାସ୍‌ ସେରି ଚାନି ଉହ୍ରେ ପର୍ଚାର୍‌ କଃରା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
4 “मेरे मित्रों, मेरी सुनो: उनसे भयभीत न हो, जो शरीर का तो नाश कर सकते हैं किंतु इसके बाद इससे अधिक और कुछ नहीं
“ମଃତର୍‌ ମର୍‌ ସଃଙ୍ଗୁଆଳି ଜେ ତୁମିମଃନ୍, ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ଜୁୟ୍‌ ଲକ୍‌ ତୁମାର୍‌ ଗଃଗାଳ୍‌କେ ମଃର୍ନେ ମାରେଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ତାର୍‌ହଃଚେ ଆର୍‌ କାୟ୍‌ରି କଃରୁ ନାହାରେ, ସେମଃନ୍‌କେ ଡିରା ନାୟ୍‌ ।
5 पर मैं तुम्हें समझाता हूं कि तुम्हारा किससे डरना सही है: उन्हीं से, जिन्हें शरीर का नाश करने के बाद नर्क में झोंकने का अधिकार है. सच मानो, तुम्हारा उन्हीं से डरना उचित है. (Geenna g1067)
ମଃତର୍‌ କାକେ ଡିରାସ୍‌, ସେରି ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିକେ ଜାଣାୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃର୍ନେ ମାର୍ଲା ହଃଚେ ନଃର୍କେ ହଃକାଉଁକେ ଜୁୟ୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଅଃଦିକାର୍‌ ଆଚେ ତାକ୍‌ ଡିରିକଃରି ରିଆ । ହେଁ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିକେ ସଃତ୍‌ କଃଉଁଲେ ତାକ୍‌ ଡିରା ।” (Geenna g1067)
6 क्या दो अस्सारिओन में पांच गौरैयां नहीं बेची जातीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलते.
“ହାଁଚ୍‌ଗଟ୍‌ ଜଃଟ୍ୟା ଚେଳେ କାୟ୍‌ ଜଳେକ୍‌ କାସୁ ଡାବୁୟ୍‌ ବିକା ନଃଉତି? ଆର୍‌ ସେମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟେକ୍‌ ହେଁ ଇସ୍ୱର୍‌ ନଃହାସ୍ରେ ।
7 तुम्हारे सिर का तो एक-एक बाल गिना हुआ है. इसलिये भयभीत न हो. तुम्हारा दाम अनेक गौरैया से कहीं अधिक है.
ମଃତର୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ମୁଣ୍ଡାର୍‌ ସଃର୍ନେ ବାଳ୍‌ ହେଁ ଗଃଣା ଅୟ୍‌ଆଚେ । ଡିରା ନାୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଗାଦେକ୍‌ ଗଃର୍‌ ଜଃଟ୍ୟା ଚେଳେ ହୁଣି ଅଃଦିକ୍‌ ବଃଡ୍ ।”
8 “मैं तुमसे कहता हूं कि जो कोई मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र उसे परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा,
“ଆର୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ଜୁୟ୍‌ମାନାୟ୍‌ ଲକାର୍‌ ମୁଏଁ ମକ୍‌ କ୍ରିସ୍ଟ ବଃଲି କୟ୍‌ଦ୍‌, ନଃରାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ହେଁ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଦୁତ୍‌ ମଃନାର୍‌ ମୁଏଁ ତାକେ ଜାଣି ଆଚି ବଃଲି କୟ୍‌ଦ୍‌ ।
9 किंतु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करता है, उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इनकार किया जाएगा.
ମଃତର୍‌ ଜୁୟ୍‌ମାନାୟ୍‌ ଲକାର୍‌ ମୁଏଁ ମକ୍‌ ନଃଜାଣି ବଃଲେଦ୍‌, ମୁଁୟ୍‌ ହେଁ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଦୁତ୍‌ମଃନାର୍‌ ମୁଏଁ ତାକ୍‌ ନଃଜାଣି ବଃଲିନ୍ଦ୍ ।”
10 यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध एक भी शब्द कहता है, उसे तो क्षमा कर दिया जाएगा किंतु पवित्र आत्मा की निंदा बिलकुल क्षमा न की जाएगी.
“ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ମାନାୟ୍‌ ନଃରାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ବିରଦେ କଃତା କୟ୍‌ଦ୍‌ ତାକ୍‌ କେମା ଦିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ମାନାୟ୍‌ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ବିରଦେ ଲିନ୍ଦା କଃତା କୟ୍‌ଦ୍‌ ତାକେ କେମା ଦିଆ ନୟ୍‌ ।”
11 “जब तुम उनके द्वारा सभागृहों, शासकों और अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किए जाओ तो इस विषय में कोई चिंता न करना कि अपने बचाव में तुम्हें क्या उत्तर देना है या क्या कहना है
“ଆର୍‌ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ସେମଃନ୍ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ପାର୍ତ୍‌ନା ଗଃରାର୍‌ ବଃଡ୍ ଲକ୍‌ ଆର୍‌ ଅଃଦିକାରି ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ଚଃମେ ଆଣ୍‌ତି, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗିନେ କଃନ୍‌କଃରି ଆର୍‌ କାୟ୍‌ ଉତୁର୍‌ ଦିଆସ୍‌ ଆର୍‌ କାୟ୍‌ରି କଃଉଆସ୍‌ ସେତାକ୍‌ ଚିତା କଃରା ନାୟ୍‌ ।
12 क्योंकि पवित्र आत्मा ही तुम पर प्रकट करेंगे कि उस समय तुम्हारा क्या कहना सही होगा.”
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ କାୟ୍‌ରି କଃଉଁକେ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ସେରି ପବିତ୍ର ଆତ୍ମା ସଃଡେବଃଳ୍‌ ତୁମିକେ ସିକାୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
13 उपस्थित भीड़ में से किसी ने प्रभु येशु से कहा, “गुरुवर, मेरे भाई से कहिए कि वह मेरे साथ पिता की संपत्ति का बंटवारा कर ले.”
ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟ୍‌ଲକ୍‌ ଜିସୁକେ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ଗୁରୁ, ମର୍‌ ବାୟ୍‌କ୍‌ ମର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ଦାଦି ଅଃର୍ଜ୍‌ଲା ଦଃନ୍ ବାଟା କଃରୁକେ କଃଉ ।”
14 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “हे मानव! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?”
ମଃତର୍‌ ଜିସୁ ତାକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ବାୟ୍‌, କେ ମକେ ତୁମିମଃନାର୍‌ ଉହ୍ରେ ବିଚାର୍‌ କଃରୁକେ ଆର୍‌ ବାଟା କଃରୁକେ ଅଃଦିକାର୍‌ ଦିଲାଆଚେ?”
15 तब प्रभु येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”
ଆରେକ୍‌ ସେ ସେମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ଜଃଗ୍ରାତ୍‌ ସଃବୁ ରଃକମ୍‌ ଲଃବ୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଦୁରିକ୍‌ ରିଆ, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଗଟ୍‌ ଲକାର୍‌ ଜିବନ୍ ତାର୍‌ ଦଃନ୍ ବିତ୍‌ ଉହ୍ରେ ବଃର୍ସା ନଃକେରେ ।”
16 तब प्रभु येशु ने उनके सामने यह दृष्टांत प्रस्तुत किया: “किसी व्यक्ति की भूमि से अच्छी फसल उत्पन्‍न हुई.
ଆର୍‌ ଜିସୁ ସେମଃନ୍‌କେ ଇ କଃତା କୟ୍‌ଲା, “ଗଟେକ୍‌ ମାଜନ୍ ଲକାର୍‌ ହଃଦାୟ୍‌ ବୁତେକ୍‌ ତାସ୍‌ ଅୟ୍‌ଲି,
17 उसने मन में विचार किया, ‘अब मैं क्या करूं? फसल रखने के लिए तो मेरे पास स्थान ही नहीं है.’
ସେତାକ୍‌ ସେ ମଃନେ ମଃନେ ଚିତା କଃରି କୟ୍‌ଲା, ‘କାୟ୍‌ କଃରିନ୍ଦ୍‌? କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତାସ୍‌ ରୁଣ୍ଡାୟ୍‌ କଃରି ସଃଙ୍ଗାଉଁକେ ଟାଣ୍ ନାୟ୍‌ ।’
18 “फिर उसने विचार किया, ‘मैं ऐसा करता हूं: मैं इन बखारों को तोड़कर बड़े भंडार निर्मित करूंगा. तब मेरी सारी उपज तथा वस्तुओं का रख रखाव हो सकेगा.
ଆରେକ୍‌ ସେ କୟ୍‌ଲା, ‘ଇରି କଃରିନ୍ଦ୍‌, ମର୍‌ ଗଃଦ୍ୟା ସଃବୁ ବଃସ୍ଳାୟ୍‌ନ୍ଦ୍ ଆର୍‌ ବଃଡ୍ ବଃଡ୍ କଃରି ବାନ୍ଦିନ୍ଦ୍‌ ଆର୍‌ ସେତି ମର୍‌ ଗଅଁ ସଃବୁ ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ନ୍ଦ୍ ।
19 तब मैं स्वयं से कहूंगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनंद कर!”’
ଆର୍‌ ମୁୟ୍‌ଁ ମର୍‌ ହଃରାଣ୍‌କେ କୟ୍‌ଦ୍‌, ରେ ହଃରାଣ୍, ବୁତେକ୍‌ ବଃର୍ସାର୍‌ ହାଁୟ୍‌ ତର୍‌ ଜଃବର୍‌ କାଦିକଣ୍ଡା ଆଚେ, ବିସାଉ, କାଆ, ଆର୍‌ ସଃର୍ଦାକଃର୍‌ ।’
20 “किंतु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘अरे मूर्ख! आज ही रात तेरे प्राण तुझसे ले लिए जाएंगे; तब ये सब, जो तूने अपने लिए इकट्ठा कर रखा है, किसका होगा?’
ମଃତର୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ତାକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, ‘ରେ ନିର୍ବୁଦିଆ ଆଜି ରାତି ତର୍‌ ହଃରାଣ୍‌ ତର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ନିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ସେତାକ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ରୁଣ୍ଡାୟ୍‌ ଆଚ୍‌ସି, ସେରି ସଃବୁ କାର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌?’”
21 “यही है उस व्यक्ति की स्थिति, जो मात्र अपने लिए इस प्रकार इकट्ठा करता है किंतु जो परमेश्वर की दृष्टि में धनवान नहीं है.”
“ଜେ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗିନେ ଦଃନ୍ ଅଃର୍ଜେଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଆକାୟ୍‌ ସେ ମାଜନ୍ ନାୟ୍‌, ତାକେ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
22 इसके बाद अपने शिष्यों से उन्मुख हो प्रभु येशु ने कहा, “यही कारण है कि मैंने तुमसे कहा है, अपने जीवन के विषय में यह चिंता न करो कि हम क्या खाएंगे या अपने शरीर के विषय में कि हम क्या पहनेंगे.
ଜିସୁ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ଇତାର୍‌ ଗିନେ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, କାୟ୍‌ରି କାଉଁନ୍ଦ୍‌ ଇରି କୟ୍‌ କଃରି, ତୁମିମଃନାର୍‌ ଜିବନ୍ ଗିନେ ଆରେକ୍‌ କାୟ୍‌ରି ହିନ୍ଦୁନ୍ଦ୍‌, ଇରି କୟ୍‌ କଃରି ତୁମିମଃନାର୍‌ ଗଃଗାଳ୍‌ ଗିନେ ହେଁ ଚିତା କଃରା ନାୟ୍‌ ।
23 जीवन भोजन से तथा शरीर वस्त्रों से बढ़कर है.
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ କାଦି ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଜିବନ୍ ଆର୍‌ ବଃସ୍ତର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଗଃଗାଳ୍‌ ବଃଡ୍ ।
24 कौवों पर विचार करो: वे न तो बोते हैं और न काटते हैं. उनके न तो खलिहान होते हैं और न भंडार; फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन प्रदान करते हैं. तुम्हारा दाम पक्षियों से कहीं अधिक बढ़कर है!
ଚେଳେମଃନାର୍‌ କଃତା ବାବି ଦଃକା, ସେମଃନ୍ ନଃବୁଣ୍‌ତି କି ନଃକାଟ୍‌ତି, ଆରେକ୍‌ ସେମଃନାର୍‌ ତାସ୍‌ ଗଃଦ୍ୟା ଗଃର୍‌ ନାୟ୍‌, ଆର୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ସେମଃନ୍‌କେ କାଦି ଦେଉଁଲା, ତୁମିମଃନ୍ ଚେଳେମଃନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି କଃତେକ୍‌ ଅଃଦିକ୍‌ ବଃଡ୍,
25 तुममें से कौन है, जो चिंता के द्वारा अपनी आयु में एक पल भी बढ़ा पाया है?
ଆରେକ୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ କେ ଚିତା କଃରି କଃରି ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଆୟ୍‌ଁସ୍‌ କଃଣ୍ଡେକ୍‌ ବାଡାଉଁ ହାରେ?
26 जब तुम यह छोटा सा काम ही नहीं कर सकते तो भला अन्य विषयों के लिए चिंतित क्यों रहते हो?
ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ସଃବ୍‌କେ ଗଟେକ୍‌ ସାନ୍ କାମ୍‌ ହେଁ କଃରୁ ନଃହାରାସ୍‌, ତଃବେ ବିନ୍ ସଃବୁ ବିସୟ୍‌ ଚିତା କାୟ୍‌ତାକ୍‌ କଃରୁଲାସ୍‌?
27 “जंगली फूलों को देखो! वे न तो कताई करते हैं और न बुनाई; परंतु मैं कहता हूं कि राजा शलोमोन तक अपने सारे ऐश्वर्य में इनमें से एक के तुल्य भी सजे न थे.
ବଃନ୍‌ ହୁଲ୍‌ମଃନାର୍‌ କଃତା ବାବି ଦଃକା, ସେରିମଃନ୍ କଃନ୍‌କଃରି ସୁତା ନଃକାଟ୍‌ତି କି ସେମଃନାର୍‌ ଗିନେ ବଃସ୍ତର୍‌ ନଃବୁଣ୍‌ତି, ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ସଲ୍‌ମନ୍ ରଃଜା ହେଁ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ସଃର୍ନେ ଦଃନ୍‌ ରଃୟ୍‌କଃରି, ଗଟେକ୍‌ ହୁଲ୍‌ ହର୍‌ ହେଁ ସୁନ୍ଦୁର୍‌ ବଃସ୍ତର୍‌ ହିନ୍ଦି ନଃରିଲା ।
28 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, क्या वह तुम्हें और कितना अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमजोर है तुम्हारा विश्वास!
ମଃତର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ରଃନ୍ ଆଜି ହଃଦାୟ୍‌ ଆଚେ ଆର୍‌ କାଲି ଚୁଲି ବିତ୍ରେ ହଃକା ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ତାକ୍‌ ଜଦି ଇସ୍ୱର୍‌ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ବେସ୍‌ ଦେଉଁଲା, ତଃବେ ଏ ଅଃଳକ୍‌ ବିସ୍ୱାସିମଃନ୍ ସେ ତୁମିକେ କଃତେକ୍‌ ଅଃଦିକ୍‌ ନଃଦେୟ୍‌ ।”
29 इस उधेड़-बुन में लगे न रहो कि तुम क्या खाओगे या क्या पियोगे और न ही इसकी कोई चिंता करो.
“ଆରେକ୍‌ କାୟ୍‌ରି କାହାସ୍‌ ଆର୍‌ କାୟ୍‌ରି ହିଉଆସ୍‌, ସେରିମଃନ୍‌ ଲଳି ବୁଲା ନାୟ୍‌ ଆର୍‌ ଚିତା ହେଁ କଃରା ନାୟ୍‌ ।
30 विश्व के सभी राष्ट्र इसी कार्य में लगे हैं. तुम्हारे पिता को पहले ही यह मालूम है कि तुम्हें इन वस्तुओं की ज़रूरत है.
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜଃଗତାର୍‌ ଅଜିଉଦି ଲକ୍‌ମଃନ୍ ଇରିମଃନ୍‌ ଲଳି ବୁଲ୍‌ତି, ମଃତର୍‌ ଇ ସଃବୁ ବିସୟ୍‌ ଜେ ତୁମିମଃନାର୍‌ ଲଳା ଆଚେ ସେରି ତୁମିମଃନାର୍‌ ସଃର୍ଗାର୍‌ ଉବାଦି ଜାଣେଦ୍‌ ।
31 इनकी जगह परमेश्वर के राज्य की खोज करो और ये सभी वस्तुएं तुम्हारी हो जाएंगी.
ମଃତର୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଲଳା, ଆର୍‌ ଇ ସଃବୁ ବିସୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ଦିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
32 “तुम, जो संख्या में कम हो, भयभीत न होना क्योंकि तुम्हारे पिता तुम्हें राज्य देकर संतुष्ट हुए हैं.
“ଏ ସାନ୍ ଦଃଳ୍‌, ଡିରା ନାୟ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ତାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଦେଉଁକେ ତୁମିମଃନାର୍‌ ସଃର୍ଗାର୍‌ ଉବାଦିର୍‌ ବଃଡେ ସଃର୍ଦା ।
33 अपनी संपत्ति बेचकर प्राप्‍त धनराशि निर्धनों में बांट दो. अपने लिए ऐसा धन इकट्ठा करो, जो नष्ट नहीं किया जा सकता है—स्वर्ग में इकट्ठा किया धन; जहां न तो किसी चोर की पहुंच है और न ही विनाश करनेवाले कीड़ों की.
ତୁମିମଃନାର୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ଆଚେ ସେରି ବିକିକଃରି କଃରି ଗଃରିବ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଦାନ୍‌ କଃରା, ଜାୟ୍‌ରି ନଃସ୍ଟ୍‌ ନଃହୟ୍‌ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ମଣା ଅଃହ୍‌ଣା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗିନେ ତିଆର୍‌ କଃରା, କୁୟ୍‌ତି ଚର୍‌ ଚଃମେ ନାସେ ଆର୍‌ ଅଳ୍‌ମା ନଃସ୍ଟ୍‌ ନଃକେରେ ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ସଃର୍ଗେ ନଃସ୍ଟ୍‌ ନଃଉତା ଦଃନ୍ ଅଃର୍ଜା;
34 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहीं तुम्हारा मन भी होगा.”
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜୁୟ୍‌ତି ତୁମାର୍‌ ଦଃନ୍‌, ସେତି ତୁମାର୍‌ ମଃନ୍‌ ।”
35 “हमेशा तैयार रहो तथा अपने दीप जलाए रखो,
“ତୁମିମଃନ୍‌ ଅଃଟାବିଳା ବାନ୍ଦି ଅୟ୍‌ରିଆ, ଆର୍‌ କୁପି କଃଚ୍‌ତି ରେଅ,
36 उन सेवकों के समान, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा में हैं कि वह जब विवाहोत्सव से लौटकर आए और द्वार खटखटाए तो वे तुरंत उसके लिए द्वार खोल दें.
ଆର୍‌ ମାପ୍ରୁ ବିବା ବଜି ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବାଉଳି ଆସି କଃହାଟେ ମାର୍ଲା ଦାହ୍ରେ ଜୁୟ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ତାର୍‌ ଗିନେ ତଃତ୍‌କାଣ୍ କଃହାଟ୍‌ ଉଗାଳୁକ୍‌ ଜାଗି ରେତି, ତୁମିମଃନ୍ ସେମଃନାର୍‌ ହର୍‌ ଅୟ୍‌ରିଆ ।
37 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी लौटने पर जागते पाएगा. सच तो यह है कि स्वामी ही सेवक के वस्त्र धारण कर उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा तथा स्वयं उन्हें भोजन परोसेगा.
ମାପ୍ରୁ ଆସି ଜୁୟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାକ୍‌ ଜଃଗ୍ରାତ୍‌ ରିଲାର୍‌ ଦଃକେଦ୍‌, ସେମଃନାର୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌, ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ସଃତ୍‌ କଃଉଁଲେ, ସେ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଅଃଟା ବାନ୍ଦି କଃରି ସେମଃନ୍‌କେ କାଉଁକେ ବଃସାୟ୍‌, ଚଃମେ ଜାୟ୍‌ ସେବା କଃରେଦ୍‌ ।
38 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी रात के दूसरे या तीसरे प्रहर में भी आकर जागते पाए.
ଆର୍‌ ସେ ଜଦି ମଃଜାରାତି କି କୁକ୍‌ଳାବାସେ ହେଁ ଆସି ସେମଃନ୍‌କେ ସେନ୍‌କାର୍‌ ଦଃକେଦ୍‌, ତଃବେ ସେ ଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା ମଃନାର୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌ ।
39 किंतु तुम यह जान लो: यदि घर के स्वामी को यह मालूम हो कि चोर किस समय आएगा तो वह उसे अपने घर में घुसने ही न दे.
ମଃତର୍‌ ଇରି ଜାଣିରିଆ କୁୟ୍‌ ବେଳାୟ୍‌ ଚର୍‌ ଆସେଦ୍‌ ଇରି ଗଃରାର୍‌ ସାଉକାର୍‌ ଜାଣି ରିଲେକ୍‌, ତାର୍‌ ଗଃରେ ସିନ୍ଦ୍ ମାରୁକ୍‌ ନଃଦିଲା ହୁଣି ।
40 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.”
ତୁମିମଃନ୍ ହେଁ ଜଃଗ୍ରାତ୍‌ ଅୟ୍‌ରିଆ, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ବେଳାୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ମଃନେ କଃରି ନଃରିଆସ୍‌ ସେ ବେଳାୟ୍‌ ନଃରାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ଆସେଦ୍‌ ।”
41 पेतरॉस ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, आपका यह दृष्टांत मात्र हमारे लिए ही है या भीड़ के लिए भी?”
ସେତାକ୍‌ ପିତର୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ମାପ୍ରୁ ତୁୟ୍‌ ଅଃମିମଃନ୍‌କ୍‌ ହଃକା ଇ କଃତା କଃଉଁଲିସ୍‌, କି ସଃବୁ ଲକ୍‌କେ କଃଉଁଲିସ୍‌?”
42 प्रभु ने उत्तर दिया, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भंडारी कौन होगा जिसे स्वामी सभी सेवकों का प्रधान ठहराए कि वह अन्य सेवकों को निर्धारित समय पर भोज्य सामग्री दे दे.
ଜିସୁ ମାପ୍ରୁ ଉତୁର୍‌ ଦିଲା, “ଇତାକ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗଃରାର୍‌ ଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାମଃନ୍‌କେ ସଃମାନ୍ ବେଳାୟ୍‌ ଟିକ୍‌ ଅୟ୍‌ରିଲା ହଃଳିବାତ୍ୟା ଦେଉଁକେ ସାଉକାର୍‌ ଜାକେ ସେମଃନାର୍‌ ଉହ୍ରେ ବାଚେଦ୍‌, ଇବାନ୍ୟା ସଃତ୍‌ ବୁଦିକାରି ଗୁମୁସ୍ତା କେ ଆଚେ?
43 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए.
ସାଉକାର୍‌ ଆସି ତାର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାକ୍‌ ସେରଃକମ୍‌ କାମ୍‌ କଃର୍ତି ରିଲାର୍‌ ଦଃକେଦ୍‌, ତଃବେ ସେ ଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାର୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌ ।
44 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी संपत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा.
ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ସଃତ୍‌ କଃଉଁଲେ, ସାଉକାର୍‌ ସେ ଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାକେ ତାର୍‌ ସଃବୁ ସଃମ୍ପତି ଉହ୍ରେ ଅଃଦିକାର୍‌ ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌ ।
45 किंतु यदि वह दास अपने मन में कहने लगे, ‘अभी तो मेरे स्वामी के लौटने में बहुत समय है’ और वह अन्य दास-दासियों की पिटाई करने लगे और खा-पीकर नशे में चूर हो जाए.
ମଃତର୍‌ ଜଦି ସେ ଗୁମୁସ୍ତା ମର୍‌ ସାଉକାର୍‌ ଆସ୍ତାର୍‌ ବିଲମ୍‌ ଆଚେ ବଃଲି ମଃନେ ମଃନେ କୟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା ଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳିମଃନ୍‌କେ ମାରୁକ୍‌ ଆର୍‌ କାଉଆ ହିଉଆ କଃରି ମାତୁକ୍‌ ମୁଳ୍ୟାୟ୍‌ଦ୍‌,
46 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसकी गिनती अविश्वासियों में कर देगा.
ସେବାନ୍ୟା ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ସେ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା ଜୁୟ୍‌ ଦିନ୍ ଜାଗି ନଃରେୟ୍‌ ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ବେଳା ସେ ଜାଣି ନଃରେୟ୍‌, ସେଦିନ୍ ଆର୍‌ ସେ ବେଳାୟ୍‌ ତାର୍‌ ସାଉକାର୍‌ ଆସେଦ୍‌, ସାଉକାର୍‌ ତାକ୍‌ ଜଃବର୍‌ ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ଦଃୟ୍‌, ହଟ୍‌କାର୍‌ ଲକାର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ତାର୍‌ ବାଗ୍ ସଃମାନ୍ କଃରେଦ୍‌ ।”
47 “वह दास, जिसे अपने स्वामी की इच्छा का पूरा पता था किंतु वह न तो इसके लिए तैयार था और न उसने उसकी इच्छा के अनुसार व्यवहार ही किया, कठोर दंड पाएगा.
“ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ସାଉକାରାର୍‌ ମଃନ୍ ଜାଣି ତିଆର୍‌ ଅୟ୍‌ ନଃରେୟ୍‌, କି ତାର୍‌ ମଃନ୍‌କେ ଗଃଲା ହର୍‌ କାମ୍‌ କଃରି ନଃରେୟ୍‌, ସେ ଜଃବର୍‌ ମାଡ୍‌କାୟ୍‌ଦ୍‌ ।
48 किंतु वह, जिसे इसका पता ही न था और उसने दंड पाने योग्य अपराध किए, कम दंड पाएगा. हर एक से, जिसे बहुत ज्यादा दिया गया है उससे बहुत ज्यादा मात्रा में ही लिया जाएगा तथा जिसे अधिक मात्रा में सौंपा गया है, उससे अधिक का ही हिसाब लिया जाएगा.
ମଃତର୍‌ ଜେ ନଃଜାଣି ମାଡ୍‌ କାତା ହାୟ୍‌ଟି କଃରି ରଃୟ୍‌ଦ୍‌ ସେ ଅଃଳକ୍‌ ମାଡ୍ କାୟ୍‌ଦ୍‌, ଜାକେ ବୁତେକ୍‌ ଦିଆ ଅୟ୍‌ଆଚେ ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବୁତେକ୍‌ ମାଗା ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ଆର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ଜାକେ ବୁତେକ୍‌ ଦଃୟ୍‌ ଆଚ୍‌ତି ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ବୁତେକ୍‌ ମାଗ୍‌ତି ।”
49 “मैं पृथ्वी पर आग बरसाने के लक्ष्य से आया हूं और कैसा उत्तम होता यदि यह इसी समय हो जाता!
“ମୁଁୟ୍‌ ହୁର୍ତିବିଏ ଜୟ୍‌ ଲାଗାଉଁକେ ଆସି ଆଚି, ସେରି ଜଦି ଲାଗ୍‌ଲିନି, ତଃବେ ମର୍‌ ଆର୍‌ କାୟ୍‌ ମଃନ୍ ଆଚେ?
50 किंतु मेरे लिए बपतिस्मा की प्रक्रिया निर्धारित है और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, कैसी दुःखदायी है इसकी पीड़ा!
ମଃତର୍‌ ମକ୍‌ ଗଟେକ୍‌ ବାପ୍ତିସମେ ବାପ୍ତିସମ୍‌ ନେଉଁକେ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ଆର୍‌ ସେରି ନଃଉତା ହଃତେକ୍‌ ମୁଁୟ୍‌ କଃନ୍‌କଃରି କଃସ୍ଟ୍‌ ହାଉଁଲେ ।
51 क्या विचार है तुम्हारा—क्या मैं पृथ्वी पर मेल-मिलाप के लिए आया हूं? नहीं! मेल-मिलाप नहीं, परंतु फूट के लिए.
ମୁଁୟ୍‌ ହୁର୍ତିବିଏ ସୁସ୍ତା ଦେଉଁକେ ଆସି ଆଚି ବଃଲି କାୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ମଃନେ କଃରୁଲାସ୍‌? ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ନାୟ୍‌, ମଃତର୍‌ ବେଗଳ୍‌ କଃରୁକେ ଆସିଆଚି ।
52 अब से पांच सदस्यों के परिवार में फूट पड़ जाएगी तीन के विरुद्ध दो और दो के विरुद्ध तीन.
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଆଜି ହଃତେକ୍‌ ଗଟେ ଗଃରେ ହାଁଚ୍ ଲକ୍‌ ରିଲେକ୍‌ ଦୁୟ୍‌ଲକ୍‌ ବିରଦେ ତିନିଲକ୍‌, ଆର୍‌ ତିନିଲକ୍‌ ବିରଦେ ଦୁୟ୍‌ଲକ୍‌ ବିନ୍ ବିନ୍ ଅଃଉତି ।
53 वे सब एक दूसरे के विरुद्ध होंगे—पिता पुत्र के और पुत्र पिता के; माता पुत्री के और पुत्री माता के; सास पुत्र-वधू के और पुत्र-वधू सास के.”
ହୟ୍‌ସି ବିରଦେ ଉବାସି, ଉବାସିର୍‌ ବିରଦେ ହୟ୍‌ସି, ଜିସି ବିରଦେ ଆୟ୍‌ସି, ଆୟ୍‌ସି ବିରଦେ ଜିସି, ବୁଆରି ବିରଦେ ସଃତୁର୍ସି, ସଃତୁର୍ସି ବିରଦେ ବୁଆର୍ସି ବିନ୍ ବିନ୍ ଅଃଉତି ।”
54 भीड़ को संबोधित करते हुए प्रभु येशु ने कहा, “जब तुम पश्चिम दिशा में बादल उठते देखते हो तो तुम तुरंत कहते हो, ‘बारिश होगी’ और बारिश होती है.
ଆରେକ୍‌ ଜିସୁ ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ହେଁ କୟ୍‌ଲା, “ବୁଡ୍‌ତି ଦିଗ୍ ବାଟ୍ୟା ମେଗ୍ ଉଟ୍‌ତାର୍‌ ଦଃକ୍‌ଲେକ୍‌, ସେଦାହ୍ରେ ତୁମିମଃନ୍ କଃଉଆସ୍‌, ବଃର୍ସା ମାରେଦ୍‌ ଆର୍‌ ସେବାନ୍ୟା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
55 जब पवन दक्षिण दिशा से बहता है तुम कहते हो, ‘अब गर्मी पड़ेगी,’ और ऐसा ही हुआ करता है.
ଆରେକ୍‌ ଦଃକିଣ୍ ଦିଗ୍ ବାଟ୍ୟା ବାଉ ଅଃଉତାର୍‌ ଦଃକ୍‌ଲେକ୍‌, ତୁମିମଃନ୍ କଃଉଆସ୍‌, ବଃଡେ କଃରା ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ଆର୍‌ ସେବାନ୍ୟା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
56 पाखंडियों! तुम धरती और आकाश की ओर देखकर तो भेद कर लेते हो किंतु इस युग का भेद क्यों नहीं कर सकते?
ରେ ହେଟ୍‌କପଟ୍ୟା, ତୁମିମଃନ୍ ହୁର୍ତିବି ଆର୍‌ ଅଃଗାସ୍‌ ଉହ୍ରେ ଚିନ୍ ସଃବୁ ଦଃକି ବୁଜୁ ହାରୁଲାସ୍‌, ମଃତର୍‌ ଇ କାଳାର୍‌ ଚିନ୍ ସଃବୁ କଃନ୍‌କଃରି ବୁଜୁ ନଃହାରୁଲାସ୍‌?”
57 “तुम स्वयं अपने लिए सही गलत का फैसला क्यों नहीं कर लेते?
“ଆର୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ନିଜେ ନିଜେ କାୟ୍‌ତାକ୍‌ ଟିକ୍‌ ବିଚାର୍‌ ନଃକେରୁଲାସ୍‌?
58 जब तुम अपने शत्रु के साथ न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत होने जा रहे हो, पूरा प्रयास करो कि मार्ग में ही तुम दोनों में मेल हो जाए अन्यथा वह तो तुम्हें घसीटकर न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत कर देगा, न्यायाधीश तुम्हें अधिकारी के हाथ सौंप देगा और अधिकारी तुम्हें जेल में डाल देगा.
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମାର୍‌ ବିରଦି ସଃଙ୍ଗ୍ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଅଃଦିକାରି ଚଃମେ ଜାତା ବଃଳ୍‌, ବାଟେ ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ମୁକ୍ତ୍ ଅଃଉଁକେ ରାଜିରାମା ଅଃଉଆ, ଚଃନେମଃନେ ସେ ତୁମିକେ ସେ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଅଃଦିକାରି ହାକ୍‌ ଜିକି ନଃୟ୍‌ଦ୍‌, ଆରେକ୍‌ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଅଃଦିକାରି ତୁମିକେ ସଃଇନ୍‌ମଃନାର୍‌ ଆତେ ସଃହ୍ରି ଦଃୟ୍‌ଦ୍‌ ଆର୍‌ ସଃଇନ୍‌ମଃନ୍‌ ତୁମିକେ ଜଃଇଲେ ହୁରାଉତି ।
59 मैं तुमसे कहता हूं कि जब तक तुम एक-एक पैसा लौटा न दो बंदीगृह से छूट न पाओगे.”
ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିକେ ସଃତ୍‌ କଃଉଁଲେ, ତୁମି ସଃରା ସଃରି ଗଟେକ୍‌ କାସୁ ହେଁ ନଃସୁଜ୍‌ତା ହଃତେକ୍‌ ସେ ଜଃଗାୟ୍‌ ହୁଣି କଃନ୍‌କଃରି ହେଁ ମୁକ୍‌ଳି ଆସୁ ନଃହାରାସ୍‌ ।”

< लूका 12 >