< लूका 12 >

1 इसी समय वहां हज़ारों लोगों का इतना विशाल समूह इकट्ठा हो गया कि वे एक दूसरे पर गिर रहे थे. प्रभु येशु ने सबसे पहले अपने शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा, “फ़रीसियों के खमीर अर्थात् ढोंग से सावधान रहो.
एत्रे मां हज़ारेईं मैन्हु अकोट्ठे भोइ जे, ते एक्की होरि उन्ढे खिरकते थिये त यीशुए सेब्भन करां पेइले अपने चेलन खड़े भोइतां ज़ोवं, “फरीसी लोकां केरे पाखंडेरे खमीरे यानी तैन केरे रीति रूवाज़न करां हुशार रेइयथ।
2 ऐसा कुछ भी ढका नहीं, जिसे खोला न जाएगा या ऐसा कोई रहस्य नहीं, जिसे प्रकट न किया जाएगा.
कोई चीज़ ओड़कोरी नईं ज़ै बांदी न भोए, ते न कोई चीज़ छ़पोरीए ज़ै ज़ानी न गाए।
3 वे शब्द, जो तुमने अंधकार में कहे हैं, प्रकाश में सुने जाएंगे, जो कुछ तुमने भीतरी कमरे में कानों में कहा है, वह छत से प्रचार किया जाएगा.
एल्हेरेलेइ ज़ैना गल्लां तुसेईं आंधरे मां ज़ोरिन तैना गल्लां लोई मां शुनोनिन, ते ज़ैना गल्लां तुसेईं अन्तर ज़ोरिन तैन केरू एलान लाए पुड़ भोनूए।
4 “मेरे मित्रों, मेरी सुनो: उनसे भयभीत न हो, जो शरीर का तो नाश कर सकते हैं किंतु इसके बाद इससे अधिक और कुछ नहीं
“दोस्तव अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तैन करां न डेरथ ज़ैना जानी नुकसान पुज़ातन तैसेरे बाद तैना किछ न केरि बटन।
5 पर मैं तुम्हें समझाता हूं कि तुम्हारा किससे डरना सही है: उन्हीं से, जिन्हें शरीर का नाश करने के बाद नर्क में झोंकने का अधिकार है. सच मानो, तुम्हारा उन्हीं से डरना उचित है. (Geenna g1067)
पन अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि केस करां डर्रू लोड़ते, ज़ैस जानी मारनेरे बाद तैसेरी आत्माई नरके मां छ़डनेरो अधिकारे, हाँ अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तैस करां डरा। (Geenna g1067)
6 क्या दो अस्सारिओन में पांच गौरैयां नहीं बेची जातीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलते.
कुन दूई पेंइसन मां पंच़ च़ड़ोली न बिकन? पन परमेशर तैन मरां केन्ची भी न बिसरे।
7 तुम्हारे सिर का तो एक-एक बाल गिना हुआ है. इसलिये भयभीत न हो. तुम्हारा दाम अनेक गौरैया से कहीं अधिक है.
बल्के तुश्शे दोग्गेरे सारे बाल गनोरेन डरा नन्ना तुस त काई च़ुड़ोलन करां भी जादे कीमती आथ।
8 “मैं तुमसे कहता हूं कि जो कोई मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र उसे परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा,
“अवं तुसन ज़ोताईं कि ज़ै कोई मैन्हु केरे सामने मेरो इकरार केरेलो, त अवं मैनेरू मट्ठू भी परमेशरेरे स्वर्गदूतां केरे सामने इकरार केरेलो
9 किंतु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करता है, उसका परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने इनकार किया जाएगा.
पन ज़ै मैन्हु केरे सामने मेरो इन्कार केरेलो त तैसेरो इन्कार परमेशरेरे स्वर्गदूतां केरे सामने कियो गालो।
10 यदि कोई मनुष्य के पुत्र के विरुद्ध एक भी शब्द कहता है, उसे तो क्षमा कर दिया जाएगा किंतु पवित्र आत्मा की निंदा बिलकुल क्षमा न की जाएगी.
“ज़ैना लोक मैनेरे मट्ठेरे खलाफ किछ ज़ोले तै तैस माफ़ केरेलो पन ज़ै पवित्र आत्मारी तुहीन केरेलो तैस माफ़ न केरेलो।
11 “जब तुम उनके द्वारा सभागृहों, शासकों और अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किए जाओ तो इस विषय में कोई चिंता न करना कि अपने बचाव में तुम्हें क्या उत्तर देना है या क्या कहना है
“ज़ैखन तैना तुसन प्रार्थना घरन मां ते बड़े-बड़े ते अधिकैरन कां नेले त फिक्र न केरथ कि अस कुन ज़ोम ते केन्च़रे जुवाब देम।
12 क्योंकि पवित्र आत्मा ही तुम पर प्रकट करेंगे कि उस समय तुम्हारा क्या कहना सही होगा.”
किजोकि पवित्र आत्मा तुसन तैस वक्ते ज़ोलो कि तुसेईं कुन ज़ोनूए।”
13 उपस्थित भीड़ में से किसी ने प्रभु येशु से कहा, “गुरुवर, मेरे भाई से कहिए कि वह मेरे साथ पिता की संपत्ति का बंटवारा कर ले.”
फिरी भीड़ी मरां केन्चे एक्के यीशु सेइं ज़ोवं, “हे गुरू जी मेरे ढ्लाए जो ज़ो, कि इश्शे बाजी केरि जेइदाती मरां मेरो हिस्सो मेरे हवाले केरे।”
14 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “हे मानव! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?”
यीशुए तैस जुवाब दित्तो, “अवं केनि तुश्शो हाकिम या बंटने बालो बनेवरोइं?”
15 तब प्रभु येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”
ते यीशुए तैन सेइं ज़ोवं, “हर किसमेरे लालच़े करां दूर भोइयथ ते न केन्चेरी जेइदाद केन्चेरी जानी करां जादे भोए।”
16 तब प्रभु येशु ने उनके सामने यह दृष्टांत प्रस्तुत किया: “किसी व्यक्ति की भूमि से अच्छी फसल उत्पन्‍न हुई.
तैखन यीशुए तैन अक मिसाल शुनाई, “केन्ची अमीरेरे ज़मीनी मां बड़ी फसल बनी।
17 उसने मन में विचार किया, ‘अब मैं क्या करूं? फसल रखने के लिए तो मेरे पास स्थान ही नहीं है.’
तै अपने दिले मां सोचतां ज़ोने लगो, कि अवं कुन केरि, मीं कां ठारे नईं कि ज़ैड़ी अवं अन्न रेख्खी सेखी?
18 “फिर उसने विचार किया, ‘मैं ऐसा करता हूं: मैं इन बखारों को तोड़कर बड़े भंडार निर्मित करूंगा. तब मेरी सारी उपज तथा वस्तुओं का रख रखाव हो सकेगा.
तैखन तैनी ज़ोवं कि, ‘अवं अक कम केरताईं, अपने पुराने कोठार पुटतां होरे बड्डे कोठार बनेइ ते अपनू सारू अन्न तैस मां रखेलो।
19 तब मैं स्वयं से कहूंगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनंद कर!”’
फिरी मीं अपने आपे सेइं ज़ोनूए कि, मीं कां त बड़े सालन तगर अन्न जम्हां भोरूए, मेरी जान आरामे सेइं खा ते एश केर।’
20 “किंतु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘अरे मूर्ख! आज ही रात तेरे प्राण तुझसे ले लिए जाएंगे; तब ये सब, जो तूने अपने लिए इकट्ठा कर रखा है, किसका होगा?’
पन परमेशरे तैस मैन्हु जो ज़ोवं, ‘हे बेवकूफ अज़े राती तू मरेलो, ते ज़ैन किछ तीं अपने लेइ जम्हां केरतां रखेरुए तैन केसेरू भोलू?’
21 “यही है उस व्यक्ति की स्थिति, जो मात्र अपने लिए इस प्रकार इकट्ठा करता है किंतु जो परमेश्वर की दृष्टि में धनवान नहीं है.”
एल्हेरेलेइ ज़ै अपने लेइ दौलत जम्हां केरते, पन परमेशरेरी नज़री मां तै अमीर न भोए एसेरो भी एरो हाल भोनोए।”
22 इसके बाद अपने शिष्यों से उन्मुख हो प्रभु येशु ने कहा, “यही कारण है कि मैंने तुमसे कहा है, अपने जीवन के विषय में यह चिंता न करो कि हम क्या खाएंगे या अपने शरीर के विषय में कि हम क्या पहनेंगे.
तैखन यीशुए अपने चेलन सेइं ज़ोवं, एल्हेरेलेइ तुस न अपने ज़िन्दगरी ज़रूरतरे लेइ फिक्र केरा, कि तुस कुन खाले, ते न अपने जानारी कि कुन लामेले।
23 जीवन भोजन से तथा शरीर वस्त्रों से बढ़कर है.
किजोकि प्राण रोट्टी करां ते जान लिगड़े करां बेधतां भोते।
24 कौवों पर विचार करो: वे न तो बोते हैं और न काटते हैं. उनके न तो खलिहान होते हैं और न भंडार; फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन प्रदान करते हैं. तुम्हारा दाम पक्षियों से कहीं अधिक बढ़कर है!
कांवां केरां तक्का, तैना न बेन ते न कटन ते न तैन कां गुदाम या कोठार भोन, तांभी परमेशर तैन खाने जो देते ते तुस त च़ुड़ोलन करां भी जादे कीमती आथ।
25 तुममें से कौन है, जो चिंता के द्वारा अपनी आयु में एक पल भी बढ़ा पाया है?
तुसन मां एरो कौन आए, ज़ै फिक्र केरतां अपनि उमर अक घड़ी भी बधैई सकते?
26 जब तुम यह छोटा सा काम ही नहीं कर सकते तो भला अन्य विषयों के लिए चिंतित क्यों रहते हो?
बस्सा, ज़ैखन तुस ए अक निकड़ी ज़ेरि गल भी न केरि बटथ, त बाकी बेड्डी चीज़ां केरि फिक्र किजो केरतथ?
27 “जंगली फूलों को देखो! वे न तो कताई करते हैं और न बुनाई; परंतु मैं कहता हूं कि राजा शलोमोन तक अपने सारे ऐश्वर्य में इनमें से एक के तुल्य भी सजे न थे.
सोसनेरे फूड़ू केरे तक्का कि तैना केन्च़रे बेडोतन? तैना न मेहनत केरन ते न कत्तन, फिरी भी अवं तुसन सेइं ज़ोताईं कि राज़ो सुलैमाने भी अपने सारे धन दौलतरे बावजूद भी तैन केरां ज़ेरां लिगड़ा न लां।
28 यदि परमेश्वर घास का श्रृंगार इस सीमा तक करते हैं, जिसका जीवन थोड़े समय का है और जो कल आग में झोंक दिया जाएगा, क्या वह तुम्हें और कितना अधिक सुशोभित न करेंगे? कैसा कमजोर है तुम्हारा विश्वास!
बस्सा ज़ैखन परमेशरे मैइदानेरो घास, ज़ै अज़ आए ते कालां लौवंने मां फुकनोए, एरी खूबसूरती देते, त हे घट विश्वासे बाले लोकव, कुन तै तुसन लिगड़ न देलो?
29 इस उधेड़-बुन में लगे न रहो कि तुम क्या खाओगे या क्या पियोगे और न ही इसकी कोई चिंता करो.
ते एस फिक्रे मां न रेइयथ, कुन खामेले, या कुन पीमेले, या कुन लामेले, ते न शक केरथ।
30 विश्व के सभी राष्ट्र इसी कार्य में लगे हैं. तुम्हारे पिता को पहले ही यह मालूम है कि तुम्हें इन वस्तुओं की ज़रूरत है.
किजोकि दुनियारी सैरी कौमां एस्से फिक्रे मां लेगोरी रेइचन, पन तुश्शो बाजी ज़ानते, कि तुसन कोनां-कोनां चीज़ां केरि ज़रूरत आए।
31 इनकी जगह परमेश्वर के राज्य की खोज करो और ये सभी वस्तुएं तुम्हारी हो जाएंगी.
पेइले परमेशरेरे राज़्ज़ेरे तलाश केरा, फिरी तुसन एना सैरी चीज़ां मैल्ली गैली।
32 “तुम, जो संख्या में कम हो, भयभीत न होना क्योंकि तुम्हारे पिता तुम्हें राज्य देकर संतुष्ट हुए हैं.
“तुस भैड्डां केरे निकड़े केन्नरे ज़ेरेथ, तुस कोन्ची गल्लरे लेइ न डरा, किजोकि तुश्शे बाजेरी खुशी एस्से मां आए, कि तै तुसन राज़ दे।
33 अपनी संपत्ति बेचकर प्राप्‍त धनराशि निर्धनों में बांट दो. अपने लिए ऐसा धन इकट्ठा करो, जो नष्ट नहीं किया जा सकता है—स्वर्ग में इकट्ठा किया धन; जहां न तो किसी चोर की पहुंच है और न ही विनाश करनेवाले कीड़ों की.
अपनू घरबार बेच़तां धर्मरथ देथ, ते एप्पू जो अक बेटुवो बनाथ, ज़ै पुरानो न भोए, स्वर्गे मां दौलत जम्हां केरा ज़ै कधे न मुक्के, ज़ैड़ी न च़ोर पुज़े ते न कीड़ो खाए।
34 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहीं तुम्हारा मन भी होगा.”
किजोकि ज़ैड़ी तेरी दौलत भोली, तैड़ी तेरो दिल भी लग्गेलो।
35 “हमेशा तैयार रहो तथा अपने दीप जलाए रखो,
“सेवा केरनेरे लेइ रोड़ेच़ारे कमर बेंद्धतां तियार भोथ, ते तुश्शे दीये सैरी राती बलते रान।
36 उन सेवकों के समान, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा में हैं कि वह जब विवाहोत्सव से लौटकर आए और द्वार खटखटाए तो वे तुरंत उसके लिए द्वार खोल दें.
तुस मेरे एजनेरे लेइ एन्च़रे तियार राथ, ज़ेन्च़रे मैन्हु केरे अपने मालिके, ज़ै ड्लाएरे धामी मरां वापस एजने बलगतन, कि ज़ैखन तै एज्जे ते दार गुड़कान त अस दार खोल्लम।
37 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी लौटने पर जागते पाएगा. सच तो यह है कि स्वामी ही सेवक के वस्त्र धारण कर उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा तथा स्वयं उन्हें भोजन परोसेगा.
तैना नौकर धन आन ज़ैना अपने मालिकेरे वापस एजने पुड़ बींझ़े मैलतन, अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं, कि तै एप्पू तैन रोड़ेच़ारे नौकरन लिगड़ां लेइतां तियार लाएलो, ते मालिक तैन सेइं खुश भोइतां एप्पू सेइं साथी रोट्टी खाने बिशालेलो ते तैन केरि सेवा केरेलो।
38 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी रात के दूसरे या तीसरे प्रहर में भी आकर जागते पाए.
अगर मालिक एध्धी राती या झ़ेझ़ेरेपार एइतां अपने नौकरन बींझ़े लाए त तैन नौकरां केरे लेइ केत्री रोड़ी गल्ले।
39 किंतु तुम यह जान लो: यदि घर के स्वामी को यह मालूम हो कि चोर किस समय आएगा तो वह उसे अपने घर में घुसने ही न दे.
पन याद रखा, अगर घरेरे मालिके, च़ोर एजनेरो पतो भोए त तै बींझ़ो राथो ते अपने घरे च़ोरी न देथो भोने।
40 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.”
बस्सा, तुस भी मेरे वापस एजनेरे लेइ तियार राथ, मैनेरू मट्ठू यानी अवं तैस वक्ते एज्जेलो ज़ेइस तुसन खियाल भी न भोलो।”
41 पेतरॉस ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, आपका यह दृष्टांत मात्र हमारे लिए ही है या भीड़ के लिए भी?”
पतरसे पुच़्छ़ू, “हे प्रभु ज़ै मिसाल तीं शुनाई तै सिर्फ इश्शे लेइए या सेब्भी केरे लेइए?”
42 प्रभु ने उत्तर दिया, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भंडारी कौन होगा जिसे स्वामी सभी सेवकों का प्रधान ठहराए कि वह अन्य सेवकों को निर्धारित समय पर भोज्य सामग्री दे दे.
प्रभुए ज़ोवं, “कौने ईमानदार अक्लमन्द नौकर ज़ेसेरो मालिक तैस अपने नौकरन पुड़ मुन्शी रखे ताके तैन केरि खूराक ठीक मौके पुड़ रोड़ेच़ारे बंटतो राए?
43 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए.
तै नौकर धने कि ज़ेसेरो मालिक एज्जे ते मालिक तैस रोड़ेच़ारे कम केरतू लाए।
44 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी संपत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा.
अवं तुसन सेइं सच़ ज़ोताईं कि तै अपने सारे घरबारेरी हेरगैशरो अधिकार तैसेरे सुपुर्द केरेलो।
45 किंतु यदि वह दास अपने मन में कहने लगे, ‘अभी तो मेरे स्वामी के लौटने में बहुत समय है’ और वह अन्य दास-दासियों की पिटाई करने लगे और खा-पीकर नशे में चूर हो जाए.
पन अगर तै नौकर अपने दिले मां ज़ोए कि मेरे मालिके एजने हेजू बड़ू च़िरे ते होरि नौकरन ते नौकरेनन मार धाड़ केरनि शुरू केरे ते खेइ पीतां नशे मां मसत भोइ गाए।
46 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसकी गिनती अविश्वासियों में कर देगा.
ते तैस नौकरेरो मालिक केन्ची एरे दिहाड़े एज्जे ज़ेइस तैस नौकरे एजनेरो पतो न भोए ते तै मालिक एज्जी गाए त तैस नौकरेरे टुक्ड़े-टुक्ड़े केरतां ते तैसेरी हालत बेइमाना केरि ज़ेरि भोली।
47 “वह दास, जिसे अपने स्वामी की इच्छा का पूरा पता था किंतु वह न तो इसके लिए तैयार था और न उसने उसकी इच्छा के अनुसार व्यवहार ही किया, कठोर दंड पाएगा.
हर तै नौकर ज़ै ज़ानते कि तैसेरे मालिकेरी कुन मर्ज़ी आए, कि तै कुन केरे, मगर तै अपने आपे कम केरनेरे लेइ तियार न केरे ते अपने मालिकेरी मर्ज़ी पूरी न केरे तैस पक्की मार बज़नीए।
48 किंतु वह, जिसे इसका पता ही न था और उसने दंड पाने योग्य अपराध किए, कम दंड पाएगा. हर एक से, जिसे बहुत ज्यादा दिया गया है उससे बहुत ज्यादा मात्रा में ही लिया जाएगा तथा जिसे अधिक मात्रा में सौंपा गया है, उससे अधिक का ही हिसाब लिया जाएगा.
पन अगर कोई नौकरे ज़ैस नईं पतो कि मेरे मालिकेरी कुन मर्ज़ी, कि अवं कुन केरि, ते तैन केरे ज़ैस सेइं तैस सज़ा मैल्ले, त तैस घट सज़ा मैलेली।”
49 “मैं पृथ्वी पर आग बरसाने के लक्ष्य से आया हूं और कैसा उत्तम होता यदि यह इसी समय हो जाता!
यीशुए ज़ोवं, “अवं धेरती पुड़ अग लांने ओरोईं ते अगर अग लग्गोरी भोथी त रोड़ू थियूं।
50 किंतु मेरे लिए बपतिस्मा की प्रक्रिया निर्धारित है और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, कैसी दुःखदायी है इसकी पीड़ा!
पन मीं बड़े जल्दी दुःख झ़ैल्लनोए, ते अवं बड़ो परेशानईं ज़ां तगर दुख न झ़ेल्ली।
51 क्या विचार है तुम्हारा—क्या मैं पृथ्वी पर मेल-मिलाप के लिए आया हूं? नहीं! मेल-मिलाप नहीं, परंतु फूट के लिए.
कुन तुस एन सोचतथ कि अवं धेरती पुड़ मेल कराने लेइ ओरोईं? नईं! अवं तुसन सेइं ज़ोताईं, कि अलग केरने ओरोईं।
52 अब से पांच सदस्यों के परिवार में फूट पड़ जाएगी तीन के विरुद्ध दो और दो के विरुद्ध तीन.
अज़्ज़ेरे बाद अगर एक्की घरे मां पंच़ मैन्हु भोले त तैना एप्पू मांमेइं बेंटोले, ट्लाई ज़ैना मीं पुड़ विश्वास न केरन तैना दुइयां केरे खलाफ भोले, ते दूई, ट्लेइयां केरे खलाफ भोले।
53 वे सब एक दूसरे के विरुद्ध होंगे—पिता पुत्र के और पुत्र पिता के; माता पुत्री के और पुत्री माता के; सास पुत्र-वधू के और पुत्र-वधू सास के.”
बाजी मट्ठेरे खलाफ भोलो ते मट्ठू बाजेरे खलाफ भोलू, हैई कुइयरे खलाफ ते कुई हैईयरे खलाफ ते शिख नुशारे ते नुश शिखारे खलाफ भोनीए।”
54 भीड़ को संबोधित करते हुए प्रभु येशु ने कहा, “जब तुम पश्चिम दिशा में बादल उठते देखते हो तो तुम तुरंत कहते हो, ‘बारिश होगी’ और बारिश होती है.
फिरी यीशुए बड़े मैनन् मां ज़ोवं, “कि ज़ैखन तुस बिदलार डुबते पासेरां च़लती लातथ त तुस ज़ोतथ कि झ़ड़ी एजने बालीए ते तैन्ने भोते।
55 जब पवन दक्षिण दिशा से बहता है तुम कहते हो, ‘अब गर्मी पड़ेगी,’ और ऐसा ही हुआ करता है.
ते दक्षिणेरे पासेरां हवा च़ली त तुस ज़ोतथ गर्मी भोरीए ते तैन्ने भोते।
56 पाखंडियों! तुम धरती और आकाश की ओर देखकर तो भेद कर लेते हो किंतु इस युग का भेद क्यों नहीं कर सकते?
हे पाखंडी लोकव, तुस धरती ते अम्बरेरो हाल हेरतां मौसमेरो अंदाज़ो केरनो ज़ानतथ, पन इन न ज़ैनी बटथ कि, परमेशर कुन चाते?
57 “तुम स्वयं अपने लिए सही गलत का फैसला क्यों नहीं कर लेते?
“तुस एप्पू फैसलो केरा कि, तुश्शे लेइ कुन रोड़ूए।
58 जब तुम अपने शत्रु के साथ न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत होने जा रहे हो, पूरा प्रयास करो कि मार्ग में ही तुम दोनों में मेल हो जाए अन्यथा वह तो तुम्हें घसीटकर न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत कर देगा, न्यायाधीश तुम्हें अधिकारी के हाथ सौंप देगा और अधिकारी तुम्हें जेल में डाल देगा.
ज़ैखन तू लीडरे सेइं साथी हाकिमे कां गाथ त बत्ते मां तैस सेइं फैसलो की न केरस, एरू न भोए तै तीं हाकिमे कां ने ते हाकिम सिपाहीएरे हवाले केरे, ते तू कैद भोइ गास।
59 मैं तुमसे कहता हूं कि जब तक तुम एक-एक पैसा लौटा न दो बंदीगृह से छूट न पाओगे.”
अवं तुसन सेइं ज़ोताईं कि ज़ां तगर तू पाई-पाई न देले त तांतगर तैट्ठां छुट्टी न सकेलो।”

< लूका 12 >