< लूका 10 >

1 इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर व्यक्तियों को चुनकर उन्हें दो-दो करके उन नगरों और स्थानों पर अपने आगे भेज दिया, जहां वह स्वयं जाने पर थे.
ཏཏཿ པརཾ པྲབྷུརཔརཱན྄ སཔྟཏིཤིཥྱཱན྄ ནིཡུཛྱ སྭཡཾ ཡཱནི ནགརཱཎི ཡཱནི སྠཱནཱནི ཙ གམིཥྱཏི ཏཱནི ནགརཱཎི ཏཱནི སྠཱནཱནི ཙ པྲཏི དྭཽ དྭཽ ཛནཽ པྲཧིཏཝཱན྄།
2 प्रभु येशु ने उनसे कहा, “उपज तो बहुत है किंतु मज़दूर कम, इसलिये उपज के स्वामी से विनती करो कि इस उपज के लिए मज़दूर भेज दें.”
ཏེབྷྱཿ ཀཐཡཱམཱས ཙ ཤསྱཱནི བཧཱུནཱིཏི སཏྱཾ ཀིནྟུ ཚེདཀཱ ཨལྤེ; ཏསྨཱདྡྷེཏོཿ ཤསྱཀྵེཏྲེ ཚེདཀཱན྄ ཨཔརཱནཔི པྲེཥཡིཏུཾ ཀྵེཏྲསྭཱམིནཾ པྲཱརྠཡདྷྭཾ།
3 जाओ! मैं तुम्हें भेज रहा हूं. तुम भेड़ियों के मध्य मेमनों के समान हो.
ཡཱུཡཾ ཡཱཏ, པཤྱཏ, ཝྲྀཀཱཎཱཾ མདྷྱེ མེཥཤཱཝཀཱནིཝ ཡུཥྨཱན྄ པྲཧིཎོམི།
4 अपने साथ न तो धन, न झोला और न ही जूतियां ले जाना. मार्ग में किसी का कुशल मंगल पूछने में भी समय खर्च न करना.
ཡཱུཡཾ ཀྵུདྲཾ མཧད྄ ཝཱ ཝསནསམྤུཊཀཾ པཱདུཀཱཤྩ མཱ གྲྀཧླཱིཏ, མཱརྒམདྷྱེ ཀམཔི མཱ ནམཏ ཙ།
5 “जिस किसी घर में प्रवेश करो, तुम्हारे सबसे पहले शब्द हों, ‘इस घर में शांति बनी रहे.’
ཨཔརཉྩ ཡཱུཡཾ ཡད྄ ཡཏ྄ ནིཝེཤནཾ པྲཝིཤཐ ཏཏྲ ནིཝེཤནསྱཱསྱ མངྒལཾ བྷཱུཡཱདིཏི ཝཱཀྱཾ པྲཐམཾ ཝདཏ།
6 यदि परिवार-प्रधान शांति प्रिय व्यक्ति है, तुम्हारी शांति उस पर बनी रहेगी. यदि वह ऐसा नहीं है तो तुम्हारी शांति तुम्हारे ही पास लौट आएगी.
ཏསྨཱཏ྄ ཏསྨིན྄ ནིཝེཤནེ ཡདི མངྒལཔཱཏྲཾ སྠཱསྱཏི ཏརྷི ཏནྨངྒལཾ ཏསྱ བྷཝིཥྱཏི, ནོཙེཏ྄ ཡུཥྨཱན྄ པྲཏི པརཱཝརྟྟིཥྱཏེ།
7 उसी घर के मेहमान बने रहना. भोजन और पीने के लिए जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे स्वीकार करना क्योंकि सेवक अपने वेतन का अधिकारी है. एक घर से निकलकर दूसरे घर में मेहमान न बनना.
ཨཔརཉྩ ཏེ ཡཏྐིཉྩིད྄ དཱསྱནྟི ཏདེཝ བྷུཀྟྭཱ པཱིཏྭཱ ཏསྨིནྣིཝེཤནེ སྠཱསྱཐ; ཡཏཿ ཀརྨྨཀཱརཱི ཛནོ བྷྲྀཏིམ྄ ཨརྷཏི; གྲྀཧཱད྄ གྲྀཧཾ མཱ ཡཱསྱཐ།
8 “जब तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां लोग तुम्हें सहर्ष स्वीकार करें, तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे खाओ.
ཨནྱཙྩ ཡུཥྨཱསུ ཀིམཔི ནགརཾ པྲཝིཥྚེཥུ ལོཀཱ ཡདི ཡུཥྨཱཀམ྄ ཨཱཏིཐྱཾ ཀརིཥྱནྟི, ཏརྷི ཡཏ྄ ཁཱདྱམ྄ ཨུཔསྠཱསྱནྟི ཏདེཝ ཁཱདིཥྱཐ།
9 वहां जो बीमार हैं, उन्हें चंगा करना और उन्हें सूचित करना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है.’
ཏནྣགརསྠཱན྄ རོགིཎཿ སྭསྠཱན྄ ཀརིཥྱཐ, ཨཱིཤྭརཱིཡཾ རཱཛྱཾ ཡུཥྨཱཀམ྄ ཨནྟིཀམ྄ ཨཱགམཏ྄ ཀཐཱམེཏཱཉྩ པྲཙཱརཡིཥྱཐ།
10 किंतु यदि तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां नगरवासियों द्वारा स्वीकार न किए जाओ तो उस नगर की गलियों में जाकर यह घोषणा करो,
ཀིནྟུ ཀིམཔི པུརཾ ཡུཥྨཱསུ པྲཝིཥྚེཥུ ལོཀཱ ཡདི ཡུཥྨཱཀམ྄ ཨཱཏིཐྱཾ ན ཀརིཥྱནྟི, ཏརྷི ཏསྱ ནགརསྱ པནྠཱནཾ གཏྭཱ ཀཐཱམེཏཱཾ ཝདིཥྱཐ,
11 ‘तुम्हारे नगर की धूल तक, जो हमारे पांवों में लगी है, उसे हम तुम्हारे सामने एक चेतावनी के लिए झाड़ रहे हैं; परंतु यह जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है.’
ཡུཥྨཱཀཾ ནགརཱིཡཱ ཡཱ དྷཱུལྱོ྅སྨཱསུ སམལགན྄ ཏཱ ཨཔི ཡུཥྨཱཀཾ པྲཱཏིཀཱུལྱེན སཱཀྵྱཱརྠཾ སམྤཱཏཡཱམཿ; ཏཐཱཔཱིཤྭརརཱཛྱཾ ཡུཥྨཱཀཾ སམཱིཔམ྄ ཨཱགཏམ྄ ཨིཏི ནིཤྩིཏཾ ཛཱནཱིཏ།
12 सच मानो, न्याय के दिन पर सोदोम नगर के लिए तय किया गया दंड उस नगर के लिए तय किए दंड की तुलना में सहने योग्य होगा.
ཨཧཾ ཡུཥྨབྷྱཾ ཡཐཱརྠཾ ཀཐཡཱམི, ཝིཙཱརདིནེ ཏསྱ ནགརསྱ དཤཱཏཿ སིདོམོ དཤཱ སཧྱཱ བྷཝིཥྱཏི།
13 “धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, राख में बैठकर, कब के पश्चाताप कर चुके होते! पश्चाताप कर चुके होते.
ཧཱ ཧཱ ཀོརཱསཱིན྄ ནགར, ཧཱ ཧཱ བཻཏྶཻདཱནགར ཡུཝཡོརྨདྷྱེ ཡཱདྲྀཤཱནི ཨཱཤྩཪྻྱཱཎི ཀརྨྨཱཎྱཀྲིཡནྟ, ཏཱནི ཀརྨྨཱཎི ཡདི སོརསཱིདོནོ རྣགརཡོརཀཱརིཥྱནྟ, ཏདཱ ཨིཏོ བཧུདིནཔཱུཪྻྭཾ ཏནྣིཝཱསིནཿ ཤཎཝསྟྲཱཎི པརིདྷཱཡ གཱཏྲེཥུ བྷསྨ ཝིལིཔྱ སམུཔཝིཤྱ སམཁེཏྶྱནྟ།
14 किंतु तुम दोनों नगरों की तुलना में सोर और सीदोन नगरों का दंड सहने योग्य होगा.
ཨཏོ ཝིཙཱརདིཝསེ ཡུཥྨཱཀཾ དཤཱཏཿ སོརསཱིདོནྣིཝཱསིནཱཾ དཤཱ སཧྱཱ བྷཝིཥྱཏི།
15 और कफ़रनहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा. (Hadēs g86)
ཧེ ཀཕརྣཱཧཱུམ྄, ཏྭཾ སྭརྒཾ ཡཱཝད྄ ཨུནྣཏཱ ཀིནྟུ ནརཀཾ ཡཱཝཏ྄ ནྱགྦྷཝིཥྱསི། (Hadēs g86)
16 “वह, जो तुम्हारी शिक्षा को सुनता है, मेरी शिक्षा को सुनता है; वह, जो तुम्हें अस्वीकार करता है, मुझे अस्वीकार करता है किंतु वह, जो मुझे अस्वीकार करता है, उन्हें अस्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है.”
ཡོ ཛནོ ཡུཥྨཱཀཾ ཝཱཀྱཾ གྲྀཧླཱཏི ས མམཻཝ ཝཱཀྱཾ གྲྀཧླཱཏི; ཀིཉྩ ཡོ ཛནོ ཡུཥྨཱཀམ྄ ཨཝཛྙཱཾ ཀརོཏི ས མམཻཝཱཝཛྙཱཾ ཀརོཏི; ཡོ ཛནོ མམཱཝཛྙཱཾ ཀརོཏི ཙ ས མཏྤྲེརཀསྱཻཝཱཝཛྙཱཾ ཀརོཏི།
17 वे बहत्तर बहुत उत्साह से भरकर लौटे और कहने लगे, “प्रभु! आपके नाम में तो दुष्टात्मा भी हमारे सामने समर्पण कर देते हैं!”
ཨཐ ཏེ སཔྟཏིཤིཥྱཱ ཨཱནནྡེན པྲཏྱཱགཏྱ ཀཐཡཱམཱསུཿ, ཧེ པྲབྷོ བྷཝཏོ ནཱམྣཱ བྷཱུཏཱ ཨཔྱསྨཱཀཾ ཝཤཱིབྷཝནྟི།
18 इस पर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “मैं शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरते देख रहा था.
ཏདཱནཱིཾ ས ཏཱན྄ ཛགཱད, ཝིདྱུཏམིཝ སྭརྒཱཏ྄ པཏནྟཾ ཤཻཏཱནམ྄ ཨདརྴམ྄།
19 मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रौंदने तथा शत्रु के सभी सामर्थ्य का नाश करने का अधिकार दिया है इसलिये किसी भी रीति से तुम्हारी हानि न होगी.
པཤྱཏ སརྤཱན྄ ཝྲྀཤྩིཀཱན྄ རིཔོཿ སཪྻྭཔརཱཀྲམཱཾཤྩ པདཏལཻ རྡལཡིཏུཾ ཡུཥྨབྷྱཾ ཤཀྟིཾ དདཱམི ཏསྨཱད྄ ཡུཥྨཱཀཾ ཀཱཔི ཧཱནི རྣ བྷཝིཥྱཏི།
20 फिर भी, तुम्हारे लिए आनंद का विषय यह न हो कि दुष्टात्मा तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करते हैं परंतु यह कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में लिखे जा चुके हैं.”
བྷཱུཏཱ ཡུཥྨཱཀཾ ཝཤཱིབྷཝནྟི, ཨེཏནྣིམིཏྟཏ྄ མཱ སམུལླསཏ, སྭརྒེ ཡུཥྨཱཀཾ ནཱམཱནི ལིཁིཏཱནི སནྟཱིཏི ནིམིཏྟཾ སམུལླསཏ།
21 प्रभु येशु पवित्र आत्मा के आनंद से भरकर कहने लगे, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था.
ཏདྒྷཊིཀཱཡཱཾ ཡཱིཤུ རྨནསི ཛཱཏཱཧླཱདཿ ཀཐཡཱམཱས ཧེ སྭརྒཔྲྀཐིཝྱོརེཀཱདྷིཔཏེ པིཏསྟྭཾ ཛྙཱནཝཏཱཾ ཝིདུཥཱཉྩ ལོཀཱནཱཾ པུརསྟཱཏ྄ སཪྻྭམེཏད྄ ཨཔྲཀཱཤྱ བཱལཀཱནཱཾ པུརསྟཱཏ྄ པྲཱཀཱཤཡ ཨེཏསྨཱདྡྷེཏོསྟྭཱཾ དྷནྱཾ ཝདཱམི, ཧེ པིཏརིཏྠཾ བྷཝཏུ ཡད྄ ཨེཏདེཝ ཏཝ གོཙར ཨུཏྟམམ྄།
22 “मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई नहीं जानता कि पिता कौन हैं, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें.”
པིཏྲཱ སཪྻྭཱཎི མཡི སམརྤིཏཱནི པིཏརཾ ཝིནཱ ཀོཔི པུཏྲཾ ན ཛཱནཱཏི ཀིཉྩ པུཏྲཾ ཝིནཱ ཡསྨཻ ཛནཱཡ པུཏྲསྟཾ པྲཀཱཤིཏཝཱན྄ ཏཉྩ ཝིནཱ ཀོཔི པིཏརཾ ན ཛཱནཱཏི།
23 तब प्रभु येशु ने अपने शिष्यों की ओर उन्मुख हो उनसे व्यक्तिगत रूप से कहा, “धन्य हैं वे आंख, जो वह देख रही हैं, जो तुम देख रहे हो
ཏཔཿ པརཾ ས ཤིཥྱཱན྄ པྲཏི པརཱཝྲྀཏྱ གུཔྟཾ ཛགཱད, ཡཱུཡམེཏཱནི སཪྻྭཱཎི པཤྱཐ ཏཏོ ཡུཥྨཱཀཾ ཙཀྵཱུཾཥི དྷནྱཱནི།
24 क्योंकि सच मानो, अनेक भविष्यवक्ता और राजा वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.”
ཡུཥྨཱནཧཾ ཝདཱམི, ཡཱུཡཾ ཡཱནི སཪྻྭཱཎི པཤྱཐ ཏཱནི བཧཝོ བྷཝིཥྱདྭཱདིནོ བྷཱུཔཏཡཤྩ དྲཥྚུམིཙྪནྟོཔི དྲཥྚུཾ ན པྲཱཔྣུཝན྄, ཡུཥྨཱབྷི ཪྻཱ ཡཱཿ ཀཐཱཤྩ ཤྲཱུཡནྟེ ཏཱཿ ཤྲོཏུམིཙྪནྟོཔི ཤྲོཏུཾ ནཱལབྷནྟ།
25 एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios g166)
ཨནནྟརམ྄ ཨེཀོ ཝྱཝསྠཱཔཀ ཨུཏྠཱཡ ཏཾ པརཱིཀྵིཏུཾ པཔྲཙྪ, ཧེ ཨུཔདེཤཀ ཨནནྟཱཡུཥཿ པྲཱཔྟཡེ མཡཱ ཀིཾ ཀརཎཱིཡཾ? (aiōnios g166)
26 प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “व्यवस्था में क्या लिखा है, इसके विषय में तुम्हारा विश्लेषण क्या है?”
ཡཱིཤུཿ པྲཏྱུཝཱཙ, ཨཏྲཱརྠེ ཝྱཝསྠཱཡཱཾ ཀིཾ ལིཁིཏམསྟི? ཏྭཾ ཀཱིདྲྀཀ྄ པཋསི?
27 उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “‘प्रभु, अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण, अपनी सारी शक्ति तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो तथा अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम.’”
ཏཏཿ སོཝདཏ྄, ཏྭཾ སཪྻྭཱནྟཿཀརཎཻཿ སཪྻྭཔྲཱཎཻཿ སཪྻྭཤཀྟིབྷིཿ སཪྻྭཙིཏྟཻཤྩ པྲབྷཽ པརམེཤྭརེ པྲེམ ཀུརུ, སམཱིཔཝཱསིནི སྭཝཏ྄ པྲེམ ཀུརུ ཙ།
28 प्रभु येशु ने उससे कहा, “तुम्हारा उत्तर बिलकुल सही है. यही करने से तुम जीवित रहोगे.”
ཏདཱ ས ཀཐཡཱམཱས, ཏྭཾ ཡཐཱརྠཾ པྲཏྱཝོཙཿ, ཨིཏྠམ྄ ཨཱཙར ཏེནཻཝ ཛཱིཝིཥྱསི།
29 स्वयं को संगत प्रमाणित करने के उद्देश्य से उसने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “तो यह बताइए कौन है मेरा पड़ोसी?”
ཀིནྟུ ས ཛནཿ སྭཾ ནིརྡྡོཥཾ ཛྙཱཔཡིཏུཾ ཡཱིཤུཾ པཔྲཙྪ, མམ སམཱིཔཝཱསཱི ཀཿ? ཏཏོ ཡཱིཤུཿ པྲཏྱུཝཱཙ,
30 प्रभु येशु ने उत्तर दिया. “येरूशलेम नगर से एक व्यक्ति येरीख़ो नगर जा रहा था कि डाकुओं ने उसे घेर लिया, उसके वस्त्र छीन लिए, उसकी पिटाई की और उसे अधमरी हालत में छोड़कर भाग गए.
ཨེཀོ ཛནོ ཡིརཱུཤཱལམྤུརཱད྄ ཡིརཱིཧོཔུརཾ ཡཱཏི, ཨེཏརྷི དསྱཱུནཱཾ ཀརེཥུ པཏིཏེ ཏེ ཏསྱ ཝསྟྲཱདིཀཾ ཧྲྀཏཝནྟཿ ཏམཱཧཏྱ མྲྀཏཔྲཱཡཾ ཀྲྀཏྭཱ ཏྱཀྟྭཱ ཡཡུཿ།
31 संयोग से एक पुरोहित उसी मार्ग से जा रहा था. जब उसने उस व्यक्ति को देखा, वह मार्ग के दूसरी ओर से आगे बढ़ गया.
ཨཀསྨཱད྄ ཨེཀོ ཡཱཛཀསྟེན མཱརྒེཎ གཙྪན྄ ཏཾ དྲྀཥྚྭཱ མཱརྒཱནྱཔཱརྴྭེན ཛགཱམ།
32 इसी प्रकार एक लेवी भी उसी स्थान पर आया, उसकी दृष्टि उस पर पड़ी तो वह भी दूसरी ओर से होता हुआ चला गया.
ཨིཏྠམ྄ ཨེཀོ ལེཝཱིཡསྟཏྶྠཱནཾ པྲཱཔྱ ཏསྱཱནྟིཀཾ གཏྭཱ ཏཾ ཝིལོཀྱཱནྱེན པཱརྴྭེན ཛགཱམ།
33 एक शमरियावासी भी उसी मार्ग से यात्रा करते हुए उस जगह पर आ पहुंचा. जब उसकी दृष्टि उस घायल व्यक्ति पर पड़ी, वह दया से भर गया.
ཀིནྟྭེཀཿ ཤོམིརོཎཱིཡོ གཙྪན྄ ཏཏྶྠཱནཾ པྲཱཔྱ ཏཾ དྲྀཥྚྭཱདཡཏ།
34 वह उसके पास गया और उसके घावों पर तेल और दाखरस लगाकर पट्टी बांधी. तब वह घायल व्यक्ति को अपने वाहक पशु पर बैठाकर एक यात्री निवास में ले गया तथा उसकी सेवा टहल की.
ཏསྱཱནྟིཀཾ གཏྭཱ ཏསྱ ཀྵཏེཥུ ཏཻལཾ དྲཱཀྵཱརསཉྩ པྲཀྵིཔྱ ཀྵཏཱནི བདྡྷྭཱ ནིཛཝཱཧནོཔརི ཏམུཔཝེཤྱ པྲཝཱསཱིཡགྲྀཧམ྄ ཨཱནཱིཡ ཏཾ སིཥེཝེ།
35 अगले दिन उसने दो दीनार यात्री निवास के स्वामी को देते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति की सेवा टहल कीजिए. इसके अतिरिक्त जो भी लागत होगा वह मैं लौटने पर चुका दूंगा.’
པརསྨིན྄ དིཝསེ ནིཛགམནཀཱལེ དྭཽ མུདྲཱཔཱདཽ ཏདྒྲྀཧསྭཱམིནེ དཏྟྭཱཝདཏ྄ ཛནམེནཾ སེཝསྭ ཏཏྲ ཡོ྅དྷིཀོ ཝྱཡོ བྷཝིཥྱཏི ཏམཧཾ པུནརཱགམནཀཱལེ པརིཤོཏྶྱཱམི།
36 “यह बताओ तुम्हारे विचार से इन तीनों व्यक्तियों में से कौन उन डाकुओं द्वारा घायल व्यक्ति का पड़ोसी है?”
ཨེཥཱཾ ཏྲཡཱཎཱཾ མདྷྱེ ཏསྱ དསྱུཧསྟཔཏིཏསྱ ཛནསྱ སམཱིཔཝཱསཱི ཀཿ? ཏྭཡཱ ཀིཾ བུདྷྱཏེ?
37 वकील ने उत्तर दिया, “वही, जिसने उसके प्रति करुणाभाव का परिचय दिया.” प्रभु येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा स्वभाव भी ऐसा ही हो.”
ཏཏཿ ས ཝྱཝསྠཱཔཀཿ ཀཐཡཱམཱས ཡསྟསྨིན྄ དཡཱཾ ཙཀཱར། ཏདཱ ཡཱིཤུཿ ཀཐཡཱམཱས ཏྭམཔི གཏྭཱ ཏཐཱཙར།
38 प्रभु येशु और उनके शिष्य यात्रा करते हुए एक गांव में पहुंचे, जहां मार्था नामक एक स्त्री ने उन्हें अपने घर में आमंत्रित किया.
ཏཏཿ པརཾ ཏེ གཙྪནྟ ཨེཀཾ གྲཱམཾ པྲཝིཝིཤུཿ; ཏདཱ མརྠཱནཱམཱ སྟྲཱི སྭགྲྀཧེ ཏསྱཱཏིཐྱཾ ཙཀཱར།
39 उसकी एक बहन थी, जिसका नाम मरियम था. वह प्रभु के चरणों में बैठकर उनके प्रवचन सुनने लगी
ཏསྨཱཏ྄ མརིཡམ྄ ནཱམདྷེཡཱ ཏསྱཱ བྷགིནཱི ཡཱིཤོཿ པདསམཱིཔ ཨུཝཝིཤྱ ཏསྱོཔདེཤཀཐཱཾ ཤྲོཏུམཱརེབྷེ།
40 किंतु मार्था विभिन्‍न तैयारियों में उलझी रही. वह प्रभु येशु के पास आई और उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आपको इसका लेश मात्र भी ध्यान नहीं कि मेरी बहन ने अतिथि-सत्कार का सारा बोझ मुझ अकेली पर ही छोड़ दिया है? आप उससे कहें कि वह मेरी सहायता करे.”
ཀིནྟུ མརྠཱ ནཱནཱཔརིཙཪྻྱཱཡཱཾ ཝྱགྲཱ བབྷཱུཝ ཏསྨཱདྡྷེཏོསྟསྱ སམཱིཔམཱགཏྱ བབྷཱཥེ; ཧེ པྲབྷོ མམ བྷགིནཱི ཀེཝལཾ མམོཔརི སཪྻྭཀརྨྨཎཱཾ བྷཱརམ྄ ཨརྤིཏཝཏཱི ཏཏྲ བྷཝཏཱ ཀིཉྩིདཔི ན མནོ ནིདྷཱིཡཏེ ཀིམ྄? མམ སཱཧཱཡྻཾ ཀརྟྟུཾ བྷཝཱན྄ ཏཱམཱདིཤཏུ།
41 “मार्था, मार्था,” प्रभु ने कहा, “तुम अनेक विषयों की चिंता करती और घबरा जाती हो
ཏཏོ ཡཱིཤུཿ པྲཏྱུཝཱཙ ཧེ མརྠེ ཧེ མརྠེ, ཏྭཾ ནཱནཱཀཱཪྻྱེཥུ ཙིནྟིཏཝཏཱི ཝྱགྲཱ ཙཱསི,
42 किंतु ज़रूरत तो कुछ ही की है—वास्तव में एक ही की. मरियम ने उसी उत्तम भाग को चुना है, जो उससे कभी अलग न किया जाएगा.”
ཀིནྟུ པྲཡོཛནཱིཡམ྄ ཨེཀམཱཏྲམ྄ ཨཱསྟེ། ཨཔརཉྩ ཡམུཏྟམཾ བྷཱགཾ ཀོཔི ཧརྟྟུཾ ན ཤཀྣོཏི སཨེཝ མརིཡམཱ ཝྲྀཏཿ།

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