< लूका 1 >
1 अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी.
Ἐπειδήπερ πολλοὶ ἐπεχείρησαν ἀνατάξασθαι διήγησιν περὶ τῶν πεπληροφορημένων ἐν ἡμῖν πραγμάτων,
2 ये सबूत हमें उनसे प्राप्त हुए हैं, जो प्रारंभ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे.
καθὼς παρέδοσαν ἡμῖν οἱ ἀπ᾽ ἀρχῆς αὐτόπται καὶ ὑπηρέται γενόμενοι τοῦ λόγου,
3 मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिये परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूं
ἔδοξε κἀμοί, παρηκολουθηκότι ἄνωθεν πᾶσιν ἀκριβῶς, καθεξῆς σοι γράψαι, κράτιστε Θεόφιλε,
4 कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.
ἵνα ἐπιγνῷς περὶ ὧν κατηχήθης λόγων τὴν ἀσφάλειαν.
5 यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबीयाह दल के एक पुरोहित थे, जिनका नाम ज़करयाह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थी.
Ἐγένετο ἐν ταῖς ἡμέραις Ἡρῴδου τοῦ βασιλέως τῆς Ἰουδαίας ἱερεύς τις ὀνόματι Ζαχαρίας, ἐξ ἐφημερίας Ἀβιά· καὶ ἡ γυνὴ αὐτοῦ ἐκ τῶν θυγατέρων Ἀαρών, καὶ τὸ ὄνομα αὐτῆς Ἐλισάβετ.
6 वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
Ἦσαν δὲ δίκαιοι ἀμφότεροι ἐνώπιον τοῦ Θεοῦ, πορευόμενοι ἐν πάσαις ταῖς ἐντολαῖς καὶ δικαιώμασι τοῦ Κυρίου ἄμεμπτοι.
7 उनकी कोई संतान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बांझ थी और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.
Καὶ οὐκ ἦν αὐτοῖς τέκνον, καθότι ἡ Ἐλισάβετ ἦν στεῖρα, καὶ ἀμφότεροι προβεβηκότες ἐν ταῖς ἡμέραις αὐτῶν ἦσαν.
8 अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़करयाह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी पुरोहित सेवा भेंट कर रहे थे,
Ἐγένετο δὲ ἐν τῷ ἱερατεύειν αὐτὸν ἐν τῇ τάξει τῆς ἐφημερίας αὐτοῦ ἔναντι τοῦ Θεοῦ,
9 उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मंदिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था.
κατὰ τὸ ἔθος τῆς ἱερατείας, ἔλαχε τοῦ θυμιᾶσαι εἰσελθὼν εἰς τὸν ναὸν τοῦ Κυρίου.
10 धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर रहा था.
Καὶ πᾶν τὸ πλῆθος ἦν τοῦ λαοῦ προσευχόμενον ἔξω τῇ ὥρᾳ τοῦ θυμιάματος.
11 तभी ज़करयाह के सामने प्रभु का एक दूत प्रकट हुआ, जो धूप वेदी की दायीं ओर खड़ा था.
Ὤφθη δὲ αὐτῷ ἄγγελος Κυρίου, ἑστὼς ἐκ δεξιῶν τοῦ θυσιαστηρίου τοῦ θυμιάματος.
12 स्वर्गदूत को देख ज़करयाह चौंक पड़े और भयभीत हो गए
Καὶ ἐταράχθη Ζαχαρίας ἰδών, καὶ φόβος ἐπέπεσεν ἐπ᾽ αὐτόν.
13 किंतु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़करयाह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना.
Εἶπε δὲ πρὸς αὐτὸν ὁ ἄγγελος, Μὴ φοβοῦ, Ζαχαρία· διότι εἰσηκούσθη ἡ δέησίς σου, καὶ ἡ γυνή σου Ἐλισάβετ γεννήσει υἱόν σοι, καὶ καλέσεις τὸ ὄνομα αὐτοῦ Ἰωάννην.
14 तुम आनंदित और प्रसन्न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनंद मनाएंगे.
Καὶ ἔσται χαρά σοι καὶ ἀγαλλίασις, καὶ πολλοὶ ἐπὶ τῇ γεννήσει αὐτοῦ χαρήσονται.
15 यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाखरस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से भरा हुआ होगा.
Ἔσται γὰρ μέγας ἐνώπιον τοῦ Κυρίου, καὶ οἶνον καὶ σίκερα οὐ μὴ πίῃ, καὶ Πνεύματος Ἁγίου πλησθήσεται ἔτι ἐκ κοιλίας μητρὸς αὐτοῦ.
16 वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा.
Καὶ πολλοὺς τῶν υἱῶν Ἰσραὴλ ἐπιστρέψει ἐπὶ Κύριον τὸν Θεὸν αὐτῶν·
17 वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ्य में प्रभु के आगे चलनेवाला बनकर पिताओं के हृदय संतानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”
καὶ αὐτὸς προελεύσεται ἐνώπιον αὐτοῦ ἐν πνεύματι καὶ δυνάμει Ἠλίου, ἐπιστρέψαι καρδίας πατέρων ἐπὶ τέκνα, καὶ ἀπειθεῖς ἐν φρονήσει δικαίων, ἑτοιμάσαι Κυρίῳ λαὸν κατεσκευασμένον.
18 ज़करयाह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूं—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढल चुकी है?”
Καὶ εἶπε Ζαχαρίας πρὸς τὸν ἄγγελον, Κατὰ τί γνώσομαι τοῦτο; Ἐγὼ γάρ εἰμι πρεσβύτης, καὶ ἡ γυνή μου προβεβηκυῖα ἐν ταῖς ἡμέραις αὐτῆς.
19 स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूं. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूं. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है.
Καὶ ἀποκριθεὶς ὁ ἄγγελος εἶπεν αὐτῷ, Ἐγώ εἰμι Γαβριὴλ ὁ παρεστηκὼς ἐνώπιον τοῦ Θεοῦ· καὶ ἀπεστάλην λαλῆσαι πρός σε, καὶ εὐαγγελίσασθαί σοι ταῦτα.
20 और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूंगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”
Καὶ ἰδού, ἔσῃ σιωπῶν καὶ μὴ δυνάμενος λαλῆσαι, ἄχρι ἧς ἡμέρας γένηται ταῦτα, ἀνθ᾽ ὧν οὐκ ἐπίστευσας τοῖς λόγοις μου, οἵτινες πληρωθήσονται εἰς τὸν καιρὸν αὐτῶν.
21 बाहर ज़करयाह का इंतजार कर रहे लोग असमंजस में पड़ गए कि उन्हें मंदिर में इतनी देर क्यों हो रही है.
Καὶ ἦν ὁ λαὸς προσδοκῶν τὸν Ζαχαρίαν· καὶ ἐθαύμαζον ἐν τῷ χρονίζειν αὐτὸν ἐν τῷ ναῷ.
22 जब ज़करयाह बाहर आए, वह उनसे बातें करने में असमर्थ रहे. इसलिये वे समझ गए कि ज़करयाह को मंदिर में कोई दर्शन प्राप्त हुआ है. वह उनसे संकेतों द्वारा बातचीत करते रहे और मौन बने रहे.
Ἐξελθὼν δὲ οὐκ ἠδύνατο λαλῆσαι αὐτοῖς· καὶ ἐπέγνωσαν ὅτι ὀπτασίαν ἑώρακεν ἐν τῷ ναῷ· καὶ αὐτὸς ἦν διανεύων αὐτοῖς, καὶ διέμενε κωφός.
23 अपने पुरोहित सेवाकाल की समाप्ति पर ज़करयाह घर लौट गए.
Καὶ ἐγένετο, ὡς ἐπλήσθησαν αἱ ἡμέραι τῆς λειτουργίας αὐτοῦ, ἀπῆλθεν εἰς τὸν οἶκον αὐτοῦ.
24 उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ ने गर्भधारण किया और यह कहते हुए पांच माह तक अकेले में रहीं,
Μετὰ δὲ ταύτας τὰς ἡμέρας συνέλαβεν Ἐλισάβετ ἡ γυνὴ αὐτοῦ, καὶ περιέκρυβεν ἑαυτὴν μῆνας πέντε, λέγουσα
25 “प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
ὅτι Οὕτω μοι πεποίηκεν ὁ Κύριος ἐν ἡμέραις αἷς ἐπεῖδεν ἀφελεῖν τὸ ὄνειδός μου ἐν ἀνθρώποις.
26 छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में
Ἐν δὲ τῷ μηνὶ τῷ ἕκτῳ ἀπεστάλη ὁ ἄγγελος Γαβριὴλ ὑπὸ τοῦ Θεοῦ εἰς πόλιν τῆς Γαλιλαίας, ᾗ ὄνομα Ναζαρέτ,
27 एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.
πρὸς παρθένον μεμνηστευμένην ἀνδρί, ᾧ ὄνομα Ἰωσήφ, ἐξ οἴκου Δαυίδ· καὶ τὸ ὄνομα τῆς παρθένου Μαριάμ.
28 मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”
Καὶ εἰσελθὼν ὁ ἄγγελος πρὸς αὐτὴν εἶπε, Χαῖρε, κεχαριτωμένη· ὁ Κύριος μετὰ σοῦ, εὐλογημένη σὺ ἐν γυναιξίν.
29 इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.
Ἡ δὲ ἰδοῦσα διεταράχθη ἐπὶ τῷ λόγῳ αὐτοῦ, καὶ διελογίζετο ποταπὸς εἴη ὁ ἀσπασμὸς οὗτος.
30 स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.
Καὶ εἶπεν ὁ ἄγγελος αὐτῇ, Μὴ φοβοῦ, Μαριάμ· εὗρες γὰρ χάριν παρὰ τῷ Θεῷ.
31 सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.
Καὶ ἰδού, συλλήψῃ ἐν γαστρί, καὶ τέξῃ υἱόν, καὶ καλέσεις τὸ ὄνομα αὐτοῦ Ἰησοῦν.
32 वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे,
Οὗτος ἔσται μέγας, καὶ υἱὸς ὑψίστου κληθήσεται· καὶ δώσει αὐτῷ Κύριος ὁ Θεὸς τὸν θρόνον Δαυὶδ τοῦ πατρὸς αὐτοῦ,
33 वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn )
καὶ βασιλεύσει ἐπὶ τὸν οἶκον Ἰακὼβ εἰς τοὺς αἰῶνας, καὶ τῆς βασιλείας αὐτοῦ οὐκ ἔσται τέλος. (aiōn )
34 मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे संभव होगा क्योंकि मैं तो कुंवारी हूं?”
Εἶπε δὲ Μαριὰμ πρὸς τὸν ἄγγελον, Πῶς ἔσται τοῦτο, ἐπεὶ ἄνδρα οὐ γινώσκω;
35 स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेंगे तथा परम प्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिये जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएंगे.
Καὶ ἀποκριθεὶς ὁ ἄγγελος εἶπεν αὐτῇ, Πνεῦμα Ἅγιον ἐπελεύσεται ἐπὶ σέ, καὶ δύναμις ὑψίστου ἐπισκιάσει σοι· διὸ καὶ τὸ γεννώμενον ἅγιον κληθήσεται υἱὸς Θεοῦ.
36 और यह भी सुनिए आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बांझ कहलाती थी, उन्हें छः माह का गर्भ है.
Καὶ ἰδού, Ἐλισάβετ ἡ συγγενής σου, καὶ αὐτὴ συνειληφυῖα υἱὸν ἐν γήρει αὐτῆς· καὶ οὗτος μὴν ἕκτος ἐστὶν αὐτῇ τῇ καλουμένῃ στείρᾳ.
37 परमेश्वर के लिए असंभव कुछ भी नहीं.”
Ὅτι οὐκ ἀδυνατήσει παρὰ τῷ Θεῷ πᾶν ῥῆμα.
38 मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.
Εἶπε δὲ Μαριάμ, Ἰδού, ἡ δούλη Κυρίου· γένοιτό μοι κατὰ τὸ ῥῆμά σου. Καὶ ἀπῆλθεν ἀπ᾽ αὐτῆς ὁ ἄγγελος.
39 मरियम तुरंत यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.
Ἀναστᾶσα δὲ Μαριὰμ ἐν ταῖς ἡμέραις ταύταις ἐπορεύθη εἰς τὴν ὀρεινὴν μετὰ σπουδῆς, εἰς πόλιν Ἰούδα,
40 वहां उन्होंने ज़करयाह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.
καὶ εἰσῆλθεν εἰς τὸν οἶκον Ζαχαρίου, καὶ ἠσπάσατο τὴν Ἐλισάβετ.
41 जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्र आत्मा से भर गईं.
Καὶ ἐγένετο ὡς ἤκουσεν ἡ Ἐλισάβετ τὸν ἀσπασμὸν τῆς Μαρίας, ἐσκίρτησε τὸ βρέφος ἐν τῇ κοιλίᾳ αὐτῆς· καὶ ἐπλήσθη Πνεύματος Ἁγίου ἡ Ἐλισάβετ,
42 वह उल्लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!
καὶ ἀνεφώνησε φωνῇ μεγάλῃ, καὶ εἶπεν, Εὐλογημένη σὺ ἐν γυναιξί, καὶ εὐλογημένος ὁ καρπὸς τῆς κοιλίας σου.
43 मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!
Καὶ πόθεν μοι τοῦτο, ἵνα ἔλθῃ ἡ μήτηρ τοῦ Κυρίου μου πρός με;
44 देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.
Ἰδοὺ γάρ, ὡς ἐγένετο ἡ φωνὴ τοῦ ἀσπασμοῦ σου εἰς τὰ ὦτά μου, ἐσκίρτησε τὸ βρέφος ἐν ἀγαλλιάσει ἐν τῇ κοιλίᾳ μου.
45 धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”
Καὶ μακαρία ἡ πιστεύσασα, ὅτι ἔσται τελείωσις τοῖς λελαλημένοις αὐτῇ παρὰ Κυρίου.
46 इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
Καὶ εἶπε Μαριάμ, Μεγαλύνει ἡ ψυχή μου τὸν Κύριον,
47 और मेरी अंतरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनंदित हुई है,
καὶ ἠγαλλίασε τὸ πνεῦμά μου ἐπὶ τῷ Θεῷ τῷ σωτῆρί μου.
48 क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियां मुझे धन्य कहेंगी,
Ὅτι ἐπέβλεψεν ἐπὶ τὴν ταπείνωσιν τῆς δούλης αὐτοῦ. Ἰδοὺ γάρ, ἀπὸ τοῦ νῦν μακαριοῦσί με πᾶσαι αἱ γενεαί.
49 क्योंकि सामर्थ्यी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
Ὅτι ἐποίησέ μοι μεγαλεῖα ὁ δυνατός, καὶ ἅγιον τὸ ὄνομα αὐτοῦ.
50 उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
Καὶ τὸ ἔλεος αὐτοῦ εἰς γενεὰς γενεῶν τοῖς φοβουμένοις αὐτόν.
51 अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
Ἐποίησε κράτος ἐν βραχίονι αὐτοῦ· διεσκόρπισεν ὑπερηφάνους διανοίᾳ καρδίας αὐτῶν.
52 परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
Καθεῖλε δυνάστας ἀπὸ θρόνων, καὶ ὕψωσε ταπεινούς.
53 उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्त किया तथा सम्पन्नों को खाली लौटा दिया.
Πεινῶντας ἐνέπλησεν ἀγαθῶν, καὶ πλουτοῦντας ἐξαπέστειλε κενούς.
54 उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करुणा के स्मरण में की,
Ἀντελάβετο Ἰσραὴλ παιδὸς αὐτοῦ, μνησθῆναι ἐλέους,
55 जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn )
καθὼς ἐλάλησε πρὸς τοὺς πατέρας ἡμῶν, τῷ Ἀβραὰμ καὶ τῷ σπέρματι αὐτοῦ εἰς τὸν αἰῶνα. (aiōn )
56 लगभग तीन माह एलिज़ाबेथ के साथ रहकर मरियम अपने घर लौट गईं.
Ἔμεινε δὲ Μαριὰμ σὺν αὐτῇ ὡσεὶ μῆνας τρεῖς, καὶ ὑπέστρεψεν εἰς τὸν οἶκον αὐτῆς.
57 एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया.
Τῇ δὲ Ἐλισάβετ ἐπλήσθη ὁ χρόνος τοῦ τεκεῖν αὐτήν, καὶ ἐγέννησεν υἱόν.
58 जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनंद में सम्मिलित हो गए.
Καὶ ἤκουσαν οἱ περίοικοι καὶ οἱ συγγενεῖς αὐτῆς ὅτι ἐμεγάλυνε Κύριος τὸ ἔλεος αὐτοῦ μετ᾽ αὐτῆς, καὶ συνέχαιρον αὐτῇ.
59 आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़करयाह पुकारने लगे.
Καὶ ἐγένετο ἐν τῇ ὀγδόῃ ἡμέρᾳ, ἦλθον περιτεμεῖν τὸ παιδίον· καὶ ἐκάλουν αὐτὸ ἐπὶ τῷ ὀνόματι τοῦ πατρὸς αὐτοῦ Ζαχαρίαν.
60 किंतु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
Καὶ ἀποκριθεῖσα ἡ μήτηρ αὐτοῦ εἶπεν, Οὐχί, ἀλλὰ κληθήσεται Ἰωάννης.
61 इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
Καὶ εἶπον πρὸς αὐτὴν ὅτι Οὐδείς ἐστιν ἐν τῇ συγγενείᾳ σου ὃς καλεῖται τῷ ὀνόματι τούτῳ.
62 तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं?
Ἐνένευον δὲ τῷ πατρὶ αὐτοῦ, τὸ τί ἂν θέλοι καλεῖσθαι αὐτόν.
63 ज़करयाह ने एक लेखन पट्ट मंगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए.
Καὶ αἰτήσας πινακίδιον ἔγραψε, λέγων, Ἰωάννης ἐστὶ τὸ ὄνομα αὐτοῦ· καὶ ἐθαύμασαν πάντες.
64 उसी क्षण उनकी आवाज लौट आई. उनकी जीभ के बंधन खुल गए और वह परमेश्वर की स्तुति करने लगे.
Ἀνεῴχθη δὲ τὸ στόμα αὐτοῦ παραχρῆμα καὶ ἡ γλῶσσα αὐτοῦ, καὶ ἐλάλει εὐλογῶν τὸν Θεόν.
65 सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धा भाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी.
Καὶ ἐγένετο ἐπὶ πάντας φόβος τοὺς περιοικοῦντας αὐτούς· καὶ ἐν ὅλῃ τῇ ὀρεινῇ τῆς Ἰουδαίας διελαλεῖτο πάντα τὰ ῥήματα ταῦτα.
66 निःसंदेह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
Καὶ ἔθεντο πάντες οἱ ἀκούσαντες ἐν τῇ καρδίᾳ αὐτῶν, λέγοντες, Τί ἄρα τὸ παιδίον τοῦτο ἔσται; Καὶ χεὶρ Κυρίου ἦν μετ᾽ αὐτοῦ.
67 पवित्र आत्मा से भरकर उनके पिता ज़करयाह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:
Καὶ Ζαχαρίας ὁ πατὴρ αὐτοῦ ἐπλήσθη Πνεύματος Ἁγίου, καὶ προεφήτευσε, λέγων,
68 “धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
Εὐλογητὸς Κύριος ὁ Θεὸς τοῦ Ἰσραήλ, ὅτι ἐπεσκέψατο καὶ ἐποίησε λύτρωσιν τῷ λαῷ αὐτοῦ,
69 उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है,
καὶ ἤγειρε κέρας σωτηρίας ἡμῖν ἐν τῷ οἴκῳ Δαυὶδ τοῦ παιδὸς αὐτοῦ—
70 (जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn )
καθὼς ἐλάλησε διὰ στόματος τῶν ἁγίων τῶν ἀπ᾽ αἰῶνος προφητῶν αὐτοῦ— (aiōn )
71 शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
σωτηρίαν ἐξ ἐχθρῶν ἡμῶν, καὶ ἐκ χειρὸς πάντων τῶν μισούντων ἡμᾶς·
72 कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
ποιῆσαι ἔλεος μετὰ τῶν πατέρων ἡμῶν, καὶ μνησθῆναι διαθήκης ἁγίας αὐτοῦ,
73 वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
ὅρκον ὃν ὤμοσε πρὸς Ἀβραὰμ τὸν πατέρα ἡμῶν, τοῦ δοῦναι ἡμῖν,
74 वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे,
ἀφόβως, ἐκ χειρὸς τῶν ἐχθρῶν ἡμῶν ῥυσθέντας, λατρεύειν αὐτῷ
75 कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.
ἐν ὁσιότητι καὶ δικαιοσύνῃ ἐνώπιον αὐτοῦ πάσας τὰς ἡμέρας τῆς ζωῆς ἡμῶν.
76 “और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
Καὶ σύ, παιδίον, προφήτης ὑψίστου κληθήσῃ· προπορεύσῃ γὰρ πρὸ προσώπου Κυρίου ἑτοιμάσαι ὁδοὺς αὐτοῦ·
77 तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
τοῦ δοῦναι γνῶσιν σωτηρίας τῷ λαῷ αὐτοῦ ἐν ἀφέσει ἁμαρτιῶν αὐτῶν,
78 हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा,
διὰ σπλάγχνα ἐλέους Θεοῦ ἡμῶν, ἐν οἷς ἐπεσκέψατο ἡμᾶς ἀνατολὴ ἐξ ὕψους,
79 उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”
ἐπιφᾶναι τοῖς ἐν σκότει καὶ σκιᾷ θανάτου καθημένοις, τοῦ κατευθῦναι τοὺς πόδας ἡμῶν εἰς ὁδὸν εἰρήνης.
80 बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवंत होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह बंजर भूमि में निवास करते रहे.
Τὸ δὲ παιδίον ηὔξανε καὶ ἐκραταιοῦτο πνεύματι, καὶ ἦν ἐν ταῖς ἐρήμοις ἕως ἡμέρας ἀναδείξεως αὐτοῦ πρὸς τὸν Ἰσραήλ.