< लैव्यव्यवस्था 8 >
1 फिर याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया कि
१फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 वह अपने साथ अहरोन और उनके पुत्र, और साथ में उनके वस्त्र, अभिषेक का तेल, पापबलि के लिए निर्धारित बैल, दो मेढ़े और एक टोकरी में खमीर रहित रोटी ले,
२“तू हारून और उसके पुत्रों के वस्त्रों, और अभिषेक के तेल, और पापबलि के बछड़े, और दोनों मेढ़ों, और अख़मीरी रोटी की टोकरी को
3 और मिलनवाले तंबू के द्वार पर सारी सभा को इकट्ठा करे.
३मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले आ, और वहीं सारी मण्डली को इकट्ठा कर।”
4 तब मोशेह ने याहवेह के आदेश के अनुसार वैसा ही किया. जब सभा मिलनवाले तंबू के द्वार पर इकट्ठी हुई,
४यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने किया; और मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा हुई।
5 तब मोशेह ने सभा को इस प्रकार संबोधित किया, “जिस कार्य को पूरा करने का आदेश याहवेह ने दिया है, वह यह है.”
५तब मूसा ने मण्डली से कहा, “जो काम करने की आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है।”
6 फिर मोशेह ने अहरोन और उनके पुत्रों को अपने निकट बुलाया और जल से उनको नहलाया.
६फिर मूसा ने हारून और उसके पुत्रों को समीप ले जाकर जल से नहलाया।
7 मोशेह ने अहरोन को कुर्ता तथा एफ़ोद पहनाकर उस पर कलात्मक रूप से बुनी हुई कोष बांध दी.
७तब उसने उनको अंगरखा पहनाया, और कमरबन्ध लपेटकर बागा पहना दिया, और एपोद लगाकर एपोद के काढ़े हुए पट्टे से एपोद को बाँधकर कस दिया।
8 फिर उन्होंने अहरोन को सीनाबंद पहनाया और उसमें उरीम एवं थुम्मीम लगा दिए.
८और उसने चपरास लगाकर चपरास में ऊरीम और तुम्मीम रख दिए।
9 उन्होंने उसके सिर पर पगड़ी भी पहना दी, और उस पगड़ी के सामने की ओर सोने के टीके अर्थात् पवित्र मुकुट को लगाया, ठीक जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था.
९तब उसने उसके सिर पर पगड़ी बाँधकर पगड़ी के सामने सोने के टीके को, अर्थात् पवित्र मुकुट को लगाया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
10 मोशेह ने अभिषेक का तेल लेकर पवित्र स्थान और उसके भीतर जो कुछ भी था, उसका अभिषेक कर उन्हें परम पवित्र किया.
१०तब मूसा ने अभिषेक का तेल लेकर निवास का और जो कुछ उसमें था उन सब का भी अभिषेक करके उन्हें पवित्र किया।
11 उन्होंने कुछ तेल वेदी पर सात बार छिड़क दिया, वेदी और इसके सारे पात्रों, चिलमची और उसके आधार को पवित्र करने के लिए उनका अभिषेक किया.
११और उस तेल में से कुछ उसने वेदी पर सात बार छिड़का, और सम्पूर्ण सामान समेत वेदी का और पाए समेत हौदी का अभिषेक करके उन्हें पवित्र किया।
12 फिर उन्होंने अभिषेक का कुछ तेल अहरोन के सिर पर उंडेलकर उन्हें पवित्र करने के लिए उनका अभिषेक किया.
१२और उसने अभिषेक के तेल में से कुछ हारून के सिर पर डालकर उसका अभिषेक करके उसे पवित्र किया।
13 इसके बाद मोशेह ने अहरोन के पुत्रों को अपने पास बुलाया और उन्हें अंगरखे पहनाकर उन पर कटिबंध बांधे तथा उन्हें टोपियां पहना दीं; ठीक वैसा ही, जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था.
१३फिर मूसा ने हारून के पुत्रों को समीप ले आकर, अंगरखे पहनाकर, कमरबन्ध बाँध के उनके सिर पर टोपी रख दी, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
14 मोशेह पापबलि के लिए निर्धारित बैल लेकर आए और अहरोन और उनके पुत्रों ने पापबलि के इस बैल के सिर पर अपने हाथ रखे.
१४तब वह पापबलि के बछड़े को समीप ले गया; और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ पापबलि के बछड़े के सिर पर रखे।
15 मोशेह ने इस बैल का वध किया और वेदी को पाप दोष से हटाने के लिए अपनी उंगली से उसका कुछ रक्त लेकर वेदी के सींगों पर लगाया. उसके बाद इसके बचे हुए रक्त को वेदी के आधार पर उंडेल दिया और प्रायश्चित पूरा करने के लिए उसे परम पवित्र किया.
१५तब वह बलि किया गया, और मूसा ने लहू को लेकर उँगली से वेदी के चारों सींगों पर लगाकर पवित्र किया, और लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया, और उसके लिये प्रायश्चित करके उसको पवित्र किया।
16 मोशेह ने आंतों की सारी चर्बी, कलेजे के ऊपर की झिल्ली तथा दोनों गुर्दों के साथ उनकी चर्बी को लिया और उसे वेदी पर अग्नि में जलाकर भेंट कर दिया.
१६और मूसा ने अंतड़ियों पर की सब चर्बी, और कलेजे पर की झिल्ली, और चर्बी समेत दोनों गुर्दों को लेकर वेदी पर जलाया।
17 किंतु बैल, उसकी खाल, मांस और इस प्रक्रिया में उत्पन्न गोबर इन चीज़ों को छावनी के बाहर अग्नि में जला दिया; ठीक जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था, वैसा ही.
१७परन्तु बछड़े में से जो कुछ शेष रह गया उसको, अर्थात् गोबर समेत उसकी खाल और माँस को उसने छावनी से बाहर आग में जलाया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
18 फिर मोशेह ने होमबलि के लिए तय मेढ़े को प्रस्तुत किया. अहरोन और उनके पुत्रों ने उस मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे.
१८फिर वह होमबलि के मेढ़े को समीप ले गया, और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
19 मोशेह ने मेढ़े को बलि की, और इसके रक्त को वेदी के चारों ओर छिड़क दिया.
१९तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसका लहू वेदी पर चारों ओर छिड़का।
20 उन्होंने इस मेढ़े को टुकड़े किए और इसके सिर, टुकड़ों और ठोस चर्बी को जला दिया.
२०तब मेढ़ा टुकड़े-टुकड़े किया गया, और मूसा ने सिर और चर्बी समेत टुकड़ों को जलाया।
21 मोशेह ने आंतों और टांगों को जल से धोकर पूरे मेढ़े को वेदी पर अग्नि में जलाकर भेंट कर दिया. सुखद-सुगंध के लिए यह एक होमबलि; हां याहवेह को भेंट एक अग्निबलि थी; ठीक जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था, वैसा ही.
२१तब अंतड़ियाँ और पाँव जल से धोये गए, और मूसा ने पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाया, और वह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये होमबलि और यहोवा के लिये हव्य हो गया, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
22 इसके बाद मोशेह ने दूसरा मेढ़ा, अर्थात् संस्कार का मेढ़ा प्रस्तुत किया, और अहरोन और उनके पुत्रों ने उस मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे.
२२फिर वह दूसरे मेढ़े को जो संस्कार का मेढ़ा था समीप ले गया, और हारून और उसके पुत्रों ने अपने-अपने हाथ मेढ़े के सिर पर रखे।
23 मोशेह ने मेढ़े को बलि किया; और अहरोन के दायें कान, उनके दायें हाथ और दायें पैर के अंगूठे पर उसका कुछ रक्त लगा दिया.
२३तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसके लहू में से कुछ लेकर हारून के दाहिने कान के सिरे पर और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया।
24 मोशेह ने अहरोन के पुत्रों को भी पास बुलाकर उनके दायें कान, उनके दायें हाथ के अंगूठे और दायें पैर के अंगूठे पर उसका कुछ रक्त लगा दिया. उसके बाद मोशेह ने शेष रक्त को वेदी के चारों ओर छिड़क दिया.
२४और वह हारून के पुत्रों को समीप ले गया, और लहू में से कुछ एक-एक के दाहिने कान के सिरे पर और दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया; और मूसा ने लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़का।
25 मोशेह ने उस मेढ़े की चर्बी, मोटी पूंछ, आंतों पर की चर्बी, कलेजे के ऊपर की झिल्ली, दोनों गुर्दे तथा उनकी चर्बी और दायीं जांघ ली;
२५और उसने चर्बी, और मोटी पूँछ, और अंतड़ियों पर की सब चर्बी, और कलेजे पर की झिल्ली समेत दोनों गुर्दे, और दाहिनी जाँघ, ये सब लेकर अलग रखे;
26 उन्होंने याहवेह के सामने रखी खमीर रहित रोटी की टोकरी से एक खमीर रहित रोटी, तेल सनी हुई रोटी और एक पपड़ी ली और उन्हें चर्बी के भाग एवं दायीं जांघ पर रख दिया.
२६और अख़मीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे रखी गई थी उसमें से एक अख़मीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे का एक फुलका, और एक पपड़ी लेकर चर्बी और दाहिनी जाँघ पर रख दी;
27 ये सभी वस्तुएं अहरोन एवं उसके पुत्रों के हाथों में रखकर इन्हें याहवेह को चढ़ाने की भेंट मानकर याहवेह के आगे लहराया.
२७और ये सब वस्तुएँ हारून और उसके पुत्रों के हाथों पर रख दी गईं, और हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाई गईं।
28 मोशेह ने इन्हें उनके हाथों से लेकर होमबलि के साथ इन्हें वेदी पर जला दिया. ये याहवेह को भेंट की गयी सुखद-सुगंध के लिए अग्निबलि के रूप में संस्कार की बलि थी.
२८तब मूसा ने उन्हें फिर उनके हाथों पर से लेकर उन्हें वेदी पर होमबलि के ऊपर जलाया, यह सुखदायक सुगन्ध देने के लिये संस्कार की भेंट और यहोवा के लिये हव्य था।
29 मोशेह ने मेढ़े की छाती भी ली, यह संस्कार के मेढ़े में से मोशेह का अंश था, और इसे याहवेह के सामने लहराने की बलि के रूप में प्रस्तुत किया; ठीक जैसा आदेश याहवेह ने मोशेह को दिया था, वैसा ही.
२९तब मूसा ने छाती को लेकर हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के आगे हिलाया; और संस्कार के मेढ़े में से मूसा का भाग यही हुआ जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
30 मोशेह ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के रक्त में से कुछ रक्त लेकर इसे अहरोन, उनके वस्त्रों, उनके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर छिड़क दिया. इस प्रकार मोशेह ने अहरोन, उनके वस्त्रों, उनके पुत्रों और उनके पुत्रों के वस्त्रों को परम पवित्र किया.
३०तब मूसा ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के लहू, दोनों में से कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़का; और उसने वस्त्रों समेत हारून को भी पवित्र किया।
31 इसके बाद मोशेह ने अहरोन और उनके पुत्रों को यह आदेश दिया “मिलनवाले तंबू के द्वार पर मांस को उबालो और इसे उस रोटी के साथ खाओ, जो रोटी संस्कार बलि की टोकरी में है, ठीक जैसा आदेश मैंने दिया था कि, अहरोन और उनके पुत्र इसको खाएं.
३१तब मूसा ने हारून और उसके पुत्रों से कहा, “माँस को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर पकाओ, और उस रोटी को जो संस्कार की टोकरी में है वहीं खाओ, जैसा मैंने आज्ञा दी है कि हारून और उसके पुत्र उसे खाएँ।
32 शेष मांस और रोटी को तुम अग्नि में जला देना.
३२और माँस और रोटी में से जो शेष रह जाए उसे आग में जला देना।
33 सात दिनों के लिए तुम मिलनवाले तंबू के द्वार के बाहर न जाना, जब तक तुम्हारा संस्कार का क्रिया काल पूरा न हो जाए; क्योंकि तुम्हारा संस्कार का क्रिया काल सात दिन का होगा.
३३और जब तक तुम्हारे संस्कार के दिन पूरे न हों तब तक, अर्थात् सात दिन तक मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न जाना, क्योंकि वह सात दिन तक तुम्हारा संस्कार करता रहेगा।
34 तुम्हारे लिए प्रायश्चित पूरा करने के लिए वही किया जाना ज़रूरी है, जैसा आज किया गया है, ठीक जैसा आदेश याहवेह ने दिया है.
३४जिस प्रकार आज किया गया है वैसा ही करने की आज्ञा यहोवा ने दी है, जिससे तुम्हारा प्रायश्चित किया जाए।
35 इसके अतिरिक्त तुम्हें मिलनवाले तंबू के द्वार पर सात दिनों के लिए दिन-रात ठहरे रहना है, याहवेह द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना ज़रूरी है कि तुम्हारी मृत्यु न हो, क्योंकि मुझे ऐसा ही आदेश दिया गया है.”
३५इसलिए तुम मिलापवाले तम्बू के द्वार पर सात दिन तक दिन-रात ठहरे रहना, और यहोवा की आज्ञा को मानना, ताकि तुम मर न जाओ; क्योंकि ऐसी ही आज्ञा मुझे दी गई है।”
36 इस प्रकार अहरोन और उनके पुत्रों ने वे सारे कार्य किए, जिनका आदेश याहवेह ने मोशेह के द्वारा दिया था.
३६तब यहोवा की इन्हीं सब आज्ञाओं के अनुसार जो उसने मूसा के द्वारा दी थीं हारून और उसके पुत्रों ने किया।