< लैव्यव्यवस्था 23 >

1 याहवेह ने मोशेह को दोबारा आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
2 “इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो: ‘ये याहवेह के वे ठहराए हुए उत्सव हैं, जिन्हें तुम पवित्र समारोह घोषित करोगे; मेरे द्वारा निर्धारित उत्सव ये हैं:
Speak unto the children of Israel, and say unto them, The feasts of the Lord, which ye shall proclaim to be holy convocations, —these are my feasts:
3 “‘छः दिन तो कार्य किया जा सकता है, किंतु सातवां दिन पूर्ण विश्राम का दिन, शब्बाथ है, एक पवित्र समारोह. तुम कोई कार्य न करना; यह तुम्हारे सारे घराने में याहवेह के लिए एक शब्बाथ होगा.
Six days may work be done; but on the seventh day is the sabbath of rest, a holy convocation; no kind of work shall ye do thereon; it is the sabbath [holy] unto the Lord in all your dwellings.
4 “‘ये याहवेह के ठहराए गए उत्सव हैं—पवित्र समारोह, जिनकी घोषणा तुम्हें उनके तय किए गए समय पर करनी है.
These are the feasts of the Lord, the holy convocations, which ye shall proclaim in their seasons:
5 याहवेह के फ़सह का निर्धारित समय पहले माह के चौदहवें दिन संध्या समय है.
On the fourteenth day of the first month, toward evening, is the passover-lamb to be offered unto the Lord.
6 उसी माह के पन्द्रहवें दिन याहवेह के लिए खमीर रहित रोटी का उत्सव होगा; सात दिन तक खमीर रहित रोटी ही खाई जाए.
And on the fifteenth day of the same month is the feast of unleavened bread unto the Lord: seven days must ye eat unleavened bread.
7 पहले दिन पवित्र सभा होगी तथा तुम किसी भी प्रकार की मेहनत न करना.
On the first day there shall be a holy convocation unto you; no servile work shall ye do thereon.
8 किंतु सातों दिनों तुम याहवेह को अग्निबलि चढ़ाना. सातवें दिन पवित्र सभा होगी, इस दिन तुम किसी भी प्रकार की मेहनत न करना.’”
And ye shall offer an offering made by fire unto the Lord seven days: on the seventh day is a holy convocation; no servile work shall ye do.
9 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
10 “इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो, ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करो, जो मैं तुम्हें देनेवाला हूं तथा उसकी उपज इकट्ठी करो, तो तुम अपनी पहली उपज की पूलियों को पुरोहित के सामने लेकर आना.
Speak unto the children of Israel, and say unto them, When ye shall have come into the land which I give unto you, and reap the harvest thereof: then shall ye bring an omer full of the first of your harvest unto the priest;
11 पुरोहित इन पूलियों को याहवेह के सामने हिलाने की बलि के रूप में चढ़ाए कि यह तुम्हारे लिए ग्रहण किया जाए; पुरोहित इसे शब्बाथ के अगले दिन हिलाए.
And he shall wave the omer before the Lord, that it may be favorably received for you; on the morrow after the holy day shall the priest wave it.
12 उसी दिन, जिस दिन पूलियों को हिलाने की मुद्रा बलि के रूप में चढ़ाया जाए, एक वर्षीय नर मेमने की होमबलि याहवेह को चढ़ाई जाए.
And ye shall offer on the day when ye wave the omer, a male sheep without blemish of the first year for a burnt-offering unto the Lord.
13 इसके साथ अन्‍नबलि में तेल और तीन किलो मैदा मिलाकर याहवेह के लिए सुखदायी सुगंध के रूप में आग में चढ़ाया जाए. इसके अलावा उसके साथ पेय बलि के लिए एक लीटर दाखरस भी.
And the meat-offering thereof shall be two tenth parts of fine flour mingled with oil, as an offering made by fire unto the Lord, for a sweet savor; with its drink-offering of wine, the fourth part of a hin.
14 उस दिन तक तथा जब तक तुम्हारे परमेश्वर के लिए निर्धारित बलि न चढ़ा दी जाए, तब तक न तो रोटी और न ही भुने अथवा कच्चे अन्‍न को खाया जाए. यह तुम्हारे सारे घराने में तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए सदा-सर्वदा के लिए एक विधि है.
And neither bread, nor parched corn, nor green ears, shall ye eat, until the self-same day, until ye have brought the offering of your God: it shall be a statute forever throughout your generations in all your dwellings.
15 “‘तुम शब्बाथ के अगले दिन से, जब लहराने की बलि के रूप में चढ़ाने के लिए पुलियां लाई जाएं, गिनती करना; ये पूरे सात शब्बाथ होंगे.
And ye shall count unto you from the morrow after the holy day, from the day that ye bring the omer of the wave-offering, [that] it be seven complete weeks:
16 सातवें शब्बाथ के अगले दिन से पचास दिनों की गिनती करना; फिर याहवेह को नया अन्‍नबलि चढ़ाया जाए.
Even unto the morrow after the seventh week shall ye number fifty days; and ye shall then offer a new meat-offering unto the Lord.
17 तुम अपने निवास स्थानों से लहराने की बलि के रूप में चढ़ाने के लिए दो किलो मैदे की रोटियां लाना; जो याहवेह को प्रथम फल के रूप में चढ़ाने के लिए खमीर के साथ बनाई जाएं.
Out of your own habitations shall ye bring two wave-loaves of two tenth parts; of fine flour shall they be; leavened shall they be baked; they are the first-fruits unto the Lord.
18 रोटियों के साथ साथ सात एक-एक वर्षीय निर्दोष मेमने, पशुओं से एक बछड़ा और दो मेढ़े चढ़ाना; ये सब याहवेह के लिए होमबलि हैं, जो उनकी अन्‍नबलि तथा उनकी पेय बलि सहित अग्निबलि द्वारा याहवेह को सुखद-सुगंध होंगे.
And ye shall offer with the bread seven sheep without blemish of the first year, and one young bullock, and two rams: they shall be for a burnt-offering unto the Lord, with their meat-offering, with their drink-offerings, an offering made by fire, of a sweet savor unto the Lord.
19 पापबलि के लिए एक बकरा और मेल बलि के लिए एक-एक वर्षीय दो मेमने भी अर्पित करना.
And ye shall sacrifice one he-goat for a sin-offering, and two sheep of the first year for a sacrifice of peace-offering.
20 पुरोहित इन्हें लहराने की बलि के समान बलि चढ़ाने के लिए पहली उपज की रोटियों और मेमनों के साथ याहवेह के सामने लहराए. ये याहवेह के लिए पवित्र तथा पुरोहित का ठहराया हुआ भाग हैं.
And the priest shall make with them together with the bread of the first-fruits a waving before the Lord, together with the two sheep; holy shall they be to the Lord for the priest.
21 उसी दिन तुम एक पवित्र समारोह भी मनाने की घोषणा करना. उस दिन किसी भी प्रकार का परिश्रम न करना. यह तुम्हारे सारे घरानों में तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए सदा-सर्वदा के लिए एक विधि है.
And ye shall proclaim on the self-same day, that it may be a holy convocation unto you; no servile work shall ye do; it shall be a statute for ever in all your dwellings throughout your generations.
22 “‘जब तुम अपने देश में उपज इकट्ठी करो, तो तुम अपने खेतों से कोने-कोने तक की उपज इकट्ठा न करना, न ही अपनी उपज की सिल्ला इकट्ठी करना; तुम उन्हें दीनों तथा विदेशियों के लिए छोड़ देना. मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.’”
And when ye reap the harvest of your land, thou shalt not cut away altogether the corners of thy field when thou reapest, and the gleaning of thy harvest shalt thou not gather up; unto the poor, and to the stranger shalt thou leave them: I am the Lord your God.
23 याहवेह ने मोशेह को दोबारा आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
24 “इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो, ‘सातवें माह का प्रथम दिन शब्बाथ का विश्राम दिन होगा, तुरही फूंकने के द्वारा इसका स्मरण दिलाना. यह एक पवित्र समारोह है.
Speak unto the children of Israel, saying, In the seventh month, on the first day of the month, shall ye have a rest, a [day of] memorial of sounding the cornet, a holy convocation.
25 इस दिन तुम किसी प्रकार का परिश्रम न करना, और याहवेह को अग्निबलि चढ़ाना.’”
No servile work shall ye do: and ye shall offer an offering made by fire unto the Lord.
26 याहवेह ने मोशेह को निर्देश दिया,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
27 “इस माह का दसवां दिन प्रायश्चित का दिन होगा, यह तुम्हारे लिए पवित्र समारोह होगा और इस दिन अपने हृदयों को नम्र बनाकर याहवेह को अग्निबलि चढ़ाई जाए.
But on the tenth day of this seventh month is the day of atonement, a holy convocation shall it be unto you, and ye shall fast; and ye shall offer an offering made by fire unto the Lord.
28 इस दिन तुम किसी भी प्रकार का परिश्रम न करना, क्योंकि यह प्रायश्चित का दिन है कि याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने तुम्हारे लिए प्रायश्चित पूरा किया जाए.
And no manner of work shall ye do on this same day; for it is a day of atonement, to make an atonement for you before the Lord your God.
29 जो व्यक्ति इस दिन स्वयं को नम्र नहीं करता, उसे उसके परिवार से बाहर निकाल दिया जाए.
For whatsoever person it be that fasteth not on this same day, shall be cut off from among his people.
30 जो व्यक्ति इस दिन परिश्रम करता है, मैं उस व्यक्ति को उसके परिवार के बीच से नाश कर दूंगा.
And if there be any person that doth any work on this same day, then will I destroy the same person from among his people.
31 तुम इस दिन किसी भी प्रकार का परिश्रम नहीं करोगे. यह तुम्हारे सारे घरानों में तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए हमेशा के लिए एक विधि है.
No manner of work shall ye do: it shall he a statute for ever throughout your generations, in all your dwellings.
32 यह तुम्हारे लिए संपूर्ण विश्राम का शब्बाथ है, इस दिन तुम अपने हृदयों को नम्र करोगे; माह के नौवें दिन शाम से शाम तक शब्बाथ का पालन करोगे.”
A sabbath of rest it shall be unto you, and ye shall fast: on the ninth day of the month at evening [shall ye begin], from evening unto evening shall ye celebrate your sabbath.
33 याहवेह ने मोशेह को दोबारा आज्ञा दी,
And the Lord spoke unto Moses, saying,
34 “इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो, ‘सातवें माह के पन्द्रहवें दिन से याहवेह के लिए सात दिनों के लिए झोपड़ी का उत्सव होगा.
Speak unto the children of Israel, saying, On the fifteenth day of this seventh month, shall be the feast of tabernacles for seven days unto the Lord.
35 प्रथम दिवस पवित्र समारोह होगा; तुम इस दिन किसी भी प्रकार का परिश्रम नहीं करोगे.
On the first day shall be a holy convocation; no servile work shall ye do.
36 तुम इन सातों दिन याहवेह को अग्निबलि चढ़ाना. आठवें दिन तुम पवित्र समारोह का आयोजन करोगे और इस दिन याहवेह को एक अग्निबलि चढ़ाओगे; यह एक औपचारिक आयोजन होगा. तुम किसी भी प्रकार का परिश्रम नहीं करोगे.
Seven days shall ye offer an offering made by fire unto the Lord: on the eighth day shall be a holy convocation unto you; and ye shall offer an offering made by fire unto the Lord, it is a solemn assembly; no servile work shall ye do.
37 “‘ये याहवेह के वे नियत उत्सव हैं, जिन्हें तुम याहवेह के लिए अग्निबलियां प्रस्तुत करने के लिए पवित्र सभा घोषित करना. होमबलियां, अन्‍नबलियां, अन्य बलियां तथा पेय बलियां, हर एक अपने-अपने नियत दिन पर अर्पित करने के लिए हैं.
These are the feasts of the Lord, which ye shall proclaim to be holy convocations, to offer an offering made by fire unto the Lord, burnt-offering, and meat-offering, sacrifice, and drink-offerings, every thing upon its day:
38 ये दिन याहवेह के शब्बाथों के अलावा तथा ये बलियां तुम्हारी उन भेंटों, शपथ और स्वेच्छा बलि के अतिरिक्त हैं, जो तुम याहवेह के लिए चढ़ाते हो.
Beside the sabbaths of the Lord, and beside your gifts, and beside all your vows, and beside all your freewill-offerings, which ye may give unto the Lord.
39 “‘सातवें माह के पन्द्रहवें दिन, जब तुम देश की उपज इकट्ठी कर चुकोगे, तब सात दिनों के लिए याहवेह के लिए उत्सव मनाना. इसमें प्रथम दिन तथा आठवां दिन शब्बाथ होगा.
But on the fifteenth day of the seventh month, when ye have gathered in the fruit of the land, shall ye keep the feast of the Lord seven days: on the first day shall be a rest, and on the eighth day shall be a rest.
40 प्रथम दिन तुम स्वयं अपने लिए हरे-भरे वृक्षों के फल, खजूर वृक्ष की शाखाएं, घने वृक्षों की शाखा और नदी के किनारे के मजनूं वृक्ष लेकर सात दिन तक याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने आनंद करना.
And ye shall take unto yourselves on the first day the fruit of the tree hadar, branches of palm-trees, and the boughs of the myrtle-tree, and willows of the brook: and ye shall rejoice before the Lord your God seven days.
41 तुम हर साल याहवेह के लिए सात दिन यह उत्सव मनाओगे. यह उत्सव सातवें माह में मनाया जाए. यह तुम्हारी सारी पीढ़ियों में हमेशा के लिए एक विधि है.
And ye shall keep it as a feast unto the Lord seven days in the year: it shall be a statute for ever throughout your generations; in the seventh month shall ye celebrate it.
42 तुम सात दिन झोंपड़ियों में रहोगे; इस्राएल के सारे मूल निवासी झोंपड़ियों में रहेंगे,
In booths shall ye dwell seven days; all that are Israelites born shall dwell in booths.
43 ताकि तुम्हारी आनेवाली पीढ़ियों को यह अहसास हो जाए कि जब मैंने इस्राएल के घराने को मिस्र से निकाला था, मैंने उन्हें झोंपड़ियों में टिकाया था. मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.’”
In order that your generations may know, that I caused the children of Israel to dwell in booths, when I brought them forth out of the land of Egypt: I am the Lord your God.
44 इस प्रकार मोशेह ने इस्राएल के घराने के सामने याहवेह के निर्धारित उत्सवों का विवरण दिया.
And Moses declared the feasts of the Lord unto the children of Israel.

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