< लैव्यव्यवस्था 22 >

1 याहवेह ने मोशेह को ये आदेश दिए,
Locutus quoque est Dominus ad Moysen, dicens:
2 “अहरोन और उसके पुत्रों को इस्राएल के घराने के उन उपहारों के प्रति, जो उपहार वे मुझे भेंट करते हैं, सावधान रहने को बता दो; कि इसके द्वारा वे मेरे पवित्र नाम को अपवित्र न कर दें; मैं ही याहवेह हूं.
Loquere ad Aaron et ad filios eius, ut caveant ab his quae consecrata sunt filiorum Israel, et non contaminent nomen sanctificatorum mihi, quae ipsi offerunt. ego Dominus.
3 “उन्हें यह आज्ञा दो, ‘तुम्हारी सारी पीढ़ियों तक, यदि तुम्हारे बीच में से कोई भी व्यक्ति जब वह अशुद्ध है, तब उन भेंटों के समीप आ जाता है, जो इस्राएल के घराने के द्वारा मुझे भेंट किए गए थे, तो उस व्यक्ति को मेरे सामने से अलग कर दिया जाए; मैं ही वह याहवेह हूं.
Dic ad eos, et ad posteros eorum: Omnis homo, qui accesserit de stirpe vestra ad ea quae consecrata sunt, et quae obtulerunt filii Israel Domino, in quo est immunditia, peribit coram Domino. ego sum Dominus.
4 “‘अहरोन के घराने में से कोई भी व्यक्ति, जो कोढ़ी है, अथवा जिसे किसी प्रकार का स्राव हो रहा हो, तब तक मेरी पवित्र भेंटों में से कुछ न खाए, जब तक वह शुद्ध न हो जाए. और यदि कोई व्यक्ति उस वस्तु को छू लेता है, जो किसी शव को छूने के द्वारा अशुद्ध हो गई है, अथवा यदि किसी व्यक्ति का वीर्य स्खलन हुआ है,
Homo de semine Aaron, qui fuerit leprosus, aut patiens fluxum seminis, non vescetur de his quae sanctificata sunt mihi donec sanetur. Qui tetigerit immundum super mortuo, et ex quo egreditur semen quasi coitus,
5 अथवा यदि कोई व्यक्ति किसी अशुद्ध वस्तु को छू लेता है और उसके द्वारा वह अशुद्ध हो जाता है, अथवा वह किसी अन्य अशुद्ध व्यक्ति के द्वारा अशुद्ध हो जाता है, तो चाहे उसकी कैसी भी अशुद्धता हो;
et qui tangit reptile, et quodlibet immundum, cuius tactus est sordidus,
6 तो वह व्यक्ति, जो ऐसी किसी भी वस्तु को छू लेता है, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा और स्‍नान करने तक वह पवित्र भेंटों में से किसी वस्तु को न खाए.
immundus erit usque ad vesperum, et non vescetur his quae sanctificata sunt: sed cum laverit carnem suam aqua,
7 किंतु सूर्य अस्त होने पर वह व्यक्ति शुद्ध हो जाएगा; इसके बाद वह पवित्र भेंटों में से खा सकता है, क्योंकि यह उसका भोजन है.
et occubuerit sol, tunc mundatus vescetur de sanctificatis, quia cibus illius est.
8 वह उस मरे हुए पशु के मांस को न खाए, जिसकी स्वाभाविक मृत्यु हुई हो, अथवा जिसे किसी जंगली जानवर ने फाड़ डाला हो, ऐसा करके वह स्वयं को अशुद्ध न बनाए; क्योंकि मैं ही याहवेह हूं.
Morticinum et captum a bestia non comedent, nec polluentur in eis. ego sum Dominus.
9 “‘वे मेरे इस नियम का पालन करें कि उन्हें पाप का भार न उठाना पड़े और मेरे नियम को अपवित्र करने के द्वारा उनकी मृत्यु न हो जाए; क्योंकि मैं ही याहवेह हूं, जो उन्हें पवित्र करता हूं.
Custodiant praecepta mea, ut non subiaceant peccato, et moriantur in Sanctuario, cum polluerint illud. ego Dominus qui sanctifico eos.
10 “‘कोई भी, जो पुरोहित के परिवार के बाहर का हो, किसी पवित्र भेंट को न खाए; किसी पुरोहित के साथ रह रहा कोई पराए कुल का रहवासी, अथवा किराये पर लिया गया कोई मज़दूर पवित्र भेंट में से न खाए.
Omnis alienigena non comedet de sanctificatis, inquilinus sacerdotis, et mercenarius non vescentur ex eis.
11 किंतु यदि कोई पुरोहित धन देकर किसी दास को खरीद लेता है, तो वह दास पवित्र भेंट में से खा सकता है, और वे सब भी जिनका जन्म उसके परिवार में हुआ है, उसके भोजन से खा सकते हैं.
Quem autem sacerdos emerit, et qui vernaculus domus eius fuerit, his comedent ex eis.
12 यदि किसी पुरोहित की पुत्री का विवाह किसी ऐसे व्यक्ति से हो जाए, जो पुरोहित न हो, तो वह कन्या उन चढ़ाई हुई भेंटों में से न खाए.
Si filia sacerdotis cuilibet ex populo nupta fuerit: de his quae sanctificata sunt, et de primitiis non vescetur.
13 किंतु यदि किसी पुरोहित की पुत्री विधवा हो जाए, अथवा उसका तलाक हो जाए, और वह युवावस्था में ही निःसंतान ही अपने पिता के घर लौट आए, तो वह अपने पिता के भोजन में से खा सकती है; किंतु कोई व्यक्ति जो पुरोहित न हो वह इसमें से न खाए.
sin autem vidua, vel repudiata, et absque liberis reversa fuerit ad domum patris sui: sicut puella consueverat, aletur cibis patris sui. Omnis alienigena comedendi ex eis non habet potestatem.
14 “‘यदि कोई व्यक्ति अनजाने में पवित्र भेंटों में से खा ले, तो वह इसका पांच गुणा मिलाकर उस पवित्र भेंट को पुरोहित को दे दे.
Qui comederit de sanctificatis per ignorantiam, addet quintam partem cum eo quod comedit, et dabit sacerdoti in Sanctuarium.
15 वे इस्राएल के घराने द्वारा याहवेह को चढ़ाई हुई पवित्र भेंटों को अपवित्र न करें
Nec contaminabunt sanctificata filiorum Israel, quae offerunt Domino:
16 और इस प्रकार उनकी पवित्र भेंटों को खाने के द्वारा दंड उठाने का कारण न बनें; क्योंकि मैं ही याहवेह हूं, जो उन्हें पवित्र करता हूं.’”
ne forte sustineant iniquitatem delicti sui, cum sanctificata comederint. ego Dominus qui sanctifico eos.
17 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
Locutusque est Dominus ad Moysen, dicens:
18 “अहरोन, उसके पुत्रों और सारे इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो, ‘इस्राएल के घराने में से कोई व्यक्ति अथवा इस्राएल में कोई परदेशी जब बलि चढ़ाए, चाहे यह बलि किसी शपथ के लिए हो, अथवा उनकी स्वेच्छा बलि हो, वे याहवेह को वह होमबलि के रूप में चढ़ाएं.
Loquere ad Aaron et filios eius et ad omnes filios Israel, dicesque ad eos: Homo de domo Israel, et de advenis qui habitant apud vos, qui obtulerit oblationem suam, vel vota solvens, vel sponte offerens, quidquid illud obtulerit in holocaustum Domini,
19 वह तुम्हारे लिए ग्रहण योग्य हो सके, तो ज़रूरी है कि यह बलि निर्दोष नर पशु की हो, चाहे बछड़ा अथवा मेढ़ा अथवा बकरा.
ut offeratur per vos, masculus immaculatus erit ex bobus, et ovibus, et ex capris:
20 उस पशु को न चढ़ाया जाए, जिसमें कोई खराबी हो, क्योंकि तुम्हारे पक्ष में यह याहवेह द्वारा ग्रहण नहीं होगा.
si maculam habuerit, non offeretis, neque erit acceptabile.
21 जब कोई व्यक्ति बैलों अथवा भेड़-बकरियों में से किसी विशेष शपथ को पूरा करने, अथवा स्वेच्छा बलि के लिए याहवेह को मेल बलि चढ़ाता है, तो ज़रूरी है कि ग्रहण करने के लिए यह निर्दोष हो; ध्यान रहे कि इसमें कोई खराबी न हो.
Homo qui obtulerit victimam pacificorum Domino, vel vota solvens, vel sponte offerens, tam de bobus quam de ovibus, immaculatum offeret, ut acceptabile sit: omnis macula non erit in eo.
22 ऐसे पशुओं को, जो अंधे हों, जिनकी हड्डी टूटी हो, जो विकलांग हों, जिसके घावों से स्राव हो रहा हो, जिन्हें चकते हो गए अथवा खाज-खुजली वाले हों, याहवेह को न चढ़ाना और न ही उन्हें वेदी पर अग्निबलि स्वरूप याहवेह के लिए चढ़ाना.
Si caecum fuerit, si fractum, si cicatricem habens, si papulas, aut scabiem, aut impetiginem: non offeretis ea Domino, nec adolebitis ex eis super altare Domini.
23 तुम किसी ऐसे बछड़े अथवा मेमने को स्वेच्छा बलि के लिए चढ़ा सकते हो, जिसका कोई अंग बड़ा अथवा छोटा हो गया हो, किंतु किसी शपथ के लिए यह ग्रहण नहीं होगा.
Bovem et ovem, aure et cauda amputatis, voluntarie offerre potes, votum autem ex eis solvi non potest.
24 किसी भी ऐसे पशु को जिसके अंडकोश चोटिल, कुचले, फटे अथवा कटे हों, याहवेह को न चढ़ाना, और न ही अपने देश में उनकी बलि देना,
Omne animal, quod vel contritis vel tonsis, vel sectis ablatisque testiculis est, non offeretis Domino, et in terra vestra hoc omnino ne faciatis.
25 और न ही किसी विदेशी से इसे परमेश्वर के भोजन के रूप में चढ़ाने के लिए ग्रहण करना; क्योंकि उनमें तो उनका बिगड़ा आकार है ही. उनमें दोष है वे तुम्हारे पक्ष में ग्रहण नहीं होंगे.’”
De manu alienigenae non offeretis panes Deo vestro, et quidquid aliud dare voluerit: quia corrupta, et maculata sunt omnia: non suscipietis ea.
26 याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
Locutusque est Dominus ad Moysen, dicens:
27 “जब किसी बछड़े, भेड़ अथवा बकरी का जन्म हो, यह सात दिन तक अपनी माता के साथ में रहे, और आठवें दिन के बाद से यह याहवेह के लिए अग्निबलि के रूप में ग्रहण हो जाएगा.
Bos, ovis, et capra cum genita fuerint, septem diebus erunt sub ubere matris suae: die autem octavo, et deinceps offerri poterunt Domino.
28 किंतु चाहे यह बछड़ा हो अथवा भेड़, तुम माता तथा उसके बच्‍चे दोनों का एक ही दिन में वध न करना.
Sive illa bos, sive ovis, non immolabuntur una die cum foetibus suis.
29 “जब तुम याहवेह को आभार-बलि चढ़ाओ, तो तुम इसे इस प्रकार भेंट करो कि यह याहवेह को ग्रहण हो.
Si immolaveritis hostiam pro gratiarum actione Domino, ut possit esse placabilis,
30 इसको उसी दिन खा लिया जाए, तुम सुबह तक इसमें से कुछ भी बचाकर न रखना; मैं ही याहवेह हूं.
eodem die comedetis eam, non remanebit quidquam in mane alterius diei. ego Dominus.
31 “तुम मेरी आज्ञाओं का पालन कर उनका अनुसरण करना; मैं ही याहवेह हूं.
Custodite mandata mea, et facite ea. ego Dominus.
32 तुम मेरे पवित्र नाम को अशुद्ध न करना; मैं इस्राएल के घराने में पवित्र किया जाऊंगा; मैं ही याहवेह हूं, जो तुम्हें पवित्र करता हूं,
Ne polluatis nomen meum sanctum, ut sanctificer in medio filiorum Israel. Ego Dominus qui sanctifico vos,
33 तुम्हें मिस्र से निकालकर लाया हूं, कि तुम्हारे लिए तुम्हारा परमेश्वर हो जाऊं; मैं ही याहवेह हूं.”
et eduxi de Terra Aegypti, ut essem vobis in Deum. ego Dominus.

< लैव्यव्यवस्था 22 >