< लैव्यव्यवस्था 20 >
1 याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी,
১আর সদাপ্রভু মোশিকে বললেন, তুমি ইস্রায়েল-সন্তানদেরকে আরও বল,
2 “इस्राएल वंशजों को तुम ये आदेश भी देना: ‘इस्राएल वंशजों में से कोई भी व्यक्ति अथवा इस्राएल में रह रहे परदेशियों में से कोई भी, जो अपनी संतान में से किसी को भी मोलेख को भेंट करता है, निश्चयतः उसका वध कर दिया जाए; उस देश के निवासी उस पर पथराव करें.
২“ইস্রায়েল-সন্তানদের, ‘কোনো ব্যক্তি কিংবা ইস্রায়েলের মধ্যে বসবাসকারী কোনো বিদেশী লোক যদি নিজের বংশের কাউকেও মোলক দেবের উদ্দেশ্যে উৎসর্গ করে, তবে তার প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে, দেশের লোকেরা তাকে পাথরের আঘাতে হত্যা করবে।
3 मैं भी उस व्यक्ति से मुंह फेर लूंगा और उसे प्रजा से निकाल बाहर कर दूंगा, क्योंकि उसने अपनी संतानों में से कुछ को मेरे पवित्र स्थान को अशुद्ध और मेरे पवित्र नाम को भ्रष्ट करने के लिए मोलेख के लिए भेंट किया है.
৩আর আমিও সেই ব্যক্তির প্রতি বিমুখ হয়ে তার লোকদের মধ্য থেকে তাকে আলাদা করব; কারণ মোলক দেবের উদ্দেশ্যে নিজের বংশজাতকে দেওয়াতে সে আমার ধর্ম্মধাম অশুচি করে ও আমার পবিত্র নাম অপবিত্র করে।
4 यदि उस देश के निवासी उस व्यक्ति को अनदेखा कर दें, जिसने अपनी संतान में से किसी को मोलेख को भेंट किया है, और उसका वध न करें,
৪আর যে দিনের সেই ব্যক্তি নিজের বংশের কাউকে মোলক দেবের উদ্দেশ্যে উৎসর্গ করে, সেই দিনের যদি দেশীয় লোকেরা চোখ বুজে থাকে তাকে বধ না করে,
5 तो मैं स्वयं उस व्यक्ति एवं उसके परिवार से मुंह फेर लूंगा और उन्हें प्रजा से निकाल बाहर कर दूंगा; उस व्यक्ति को और उन सभी लोगों को, जो मोलेख के प्रति श्रद्धा दिखा करके मेरे साथ विश्वास को तोड़ने में उस व्यक्ति का साथ देते हैं.
৫তবে আমি সেই ব্যক্তির ওপর ও তার গোষ্ঠীর ওপর বিমুখ হয়ে তাকে ও মোলক দেবের সঙ্গে ব্যভিচার করার জন্য তার অনুগামী ব্যভিচারী সকলকে তাদের লোকদের মধ্য থেকে আলাদা করব।
6 “‘जहां तक उस व्यक्ति का प्रश्न है, जो तांत्रिकों और ओझाओं की ओर फिर गया हो, मेरे साथ विश्वास तोड़ने में उनका साथ देता है, मैं उस व्यक्ति से भी मुंह फेर लूंगा और उसे मेरी प्रजा से अलग कर दूंगा.
৬আর যে কোনো প্রাণী মৃতদের কিংবা গুণীদের অনুগমনে ব্যভিচার করবার জন্য তাদের দিকে ফেরে, আমি সেই প্রাণীর প্রতি বিমুখ হয়ে তার লোকদের মধ্য থেকে তাকে আলাদা করব।
7 “‘इसलिये तुम स्वयं को शुद्ध करो और पवित्र बनो, क्योंकि मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
৭তোমরা নিজেদেরকে পবিত্র কর, পবিত্র হও; কারণ আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর।
8 तुम मेरी विधियों का पालन करते हुए उनको मानना; मैं ही वह याहवेह हूं, जो तुम्हें शुद्ध करता हूं.
৮আর তোমরা আমার বিধি মান্য কোরো, পালন কোরো; আমি সদাপ্রভু তোমাদের পবিত্রকারী।
9 “‘यदि कोई ऐसा व्यक्ति है, जो अपने पिता अथवा अपनी माता को शाप देता है, तो निश्चय ही उसका वध कर दिया जाए; उसने अपने पिता और माता को शाप दिया है; उसके लहू का दोष उसी पर होगा.
৯যে কেউ নিজের বাবাকে কিংবা মাকে শাপ দেয়, তার প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে; বাবা মা কে শাপ দেওয়াতে তার রক্ত তারই ওপরে পড়বে।
10 “‘यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की पत्नी से व्यभिचार करता है, तो जिसने अपने मित्र की पत्नी के साथ व्यभिचार किया है, निश्चय ही उस व्यभिचारी और उस व्यभिचारिणी दोनों का वध किये जाए.
১০আর যে কেউ পরের স্ত্রীর সঙ্গে ব্যভিচার করে, যে ব্যক্তি প্রতিবেশীর স্ত্রীর সঙ্গে ব্যভিচার করে, সেই ব্যভিচারী ও সেই ব্যভিচারিণী, উভয়ের প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে।
11 “‘यदि कोई व्यक्ति अपने पिता की पत्नी से सहवास कर लेता है, तो उसने अपने पिता का अपमान किया है; इसलिये अवश्य है कि उन दोनों का वध कर दिया जाए; उन दोनों के लहू का दोष उन्हीं पर होगा.
১১আর যে কেউ নিজের বাবার স্ত্রীর সঙ্গে শয়ন করে, সে নিজের বাবার আবরণীয় খুলে দেয়; তাদের দুই জনেরই প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে, তাদের রক্ত তাদের উপরে পড়বে
12 “‘यदि कोई व्यक्ति अपनी बहू से सहवास करता है, तो निश्चय ही उन दोनों का वध कर दिया जाए; उन्होंने पारिवारिक व्यभिचार किया है, उनके लहू का दोष उन्हीं पर होगा.
১২এবং যদি কেউ নিজের ছেলের স্ত্রীর সঙ্গে শয়ন করে, তবে তাদের দুই জনের প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে; তারা বিপরীত কাজ করেছে; তাদের রক্ত তাদের উপরে পড়বে।
13 “‘यदि कोई पुरुष किसी पुरुष के साथ वैसा ही सहवास करता है जैसा किसी स्त्री के साथ, तो उन्होंने एक घृणित काम किया है; निश्चित ही उन दोनों का वध कर दिया जाए. उनके लहू का दोष उन्हीं पर होगा.
১৩আর যেমন স্ত্রীর সঙ্গে, তেমনি পুরুষ যদি পুরুষের সঙ্গে শয়ন করে, তবে তারা দুই জনে ঘৃণার কাজ করে; তাদের প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে; তাদের রক্ত তাদের উপরে পড়বে
14 “‘यदि कोई पुरुष किसी स्त्री एवं उसकी माता से विवाह करता है, तो यह महापाप है; उसको एवं उन दोनों स्त्रियों को आग में जला दिया जाए, कि तुम्हारे बीच कोई महापाप न रह जाए.
১৪আর যদি কেউ কোনো স্ত্রীকে ও তার মাকে বিয়ে করে, তবে তা খারাপ; তাদেরকে আগুনে পুড়িয়ে দিতে হবে, তাকে ও তাদের দুজনকে পুড়িয়ে দিতে হবে; যেন তোমাদের মধ্যে খারাপ কাজ না হয়।
15 “‘यदि कोई व्यक्ति किसी पशु से सहवास करता है, तो निश्चित ही उस व्यक्ति का वध कर दिया जाए, और निश्चित ही उस पशु का भी.
১৫আর যে কেউ যদি কোন পশুর সঙ্গে শয়ন করে, তার প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে এবং তোমরা সেই পশুকেও হত্যা করবে।
16 “‘यदि कोई स्त्री किसी पशु से सहवास करती है, तो तुम उस स्त्री एवं पशु का वध कर देना; निश्चित ही उनका वध कर दिया जाए. उनके लहू का दोष उन्हीं पर होगा.
১৬আর কোন স্ত্রী যদি পশুর কাছে গিয়ে তার সঙ্গে শয়ন করে, তবে তুমি সেই স্ত্রীকে ও সেই পশুকে হত্যা করবে; তাদের প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে, তাদের রক্ত তাদের উপরে পড়বে।
17 “‘यदि कोई अपनी बहन से अर्थात् अपने पिता की पुत्री अथवा अपनी सौतेली माता की पुत्री से विवाह करता है, जिसके कारण वह उस कन्या को बिना वस्त्र के देख लेता है, तथा वह कन्या उसको बिना वस्त्र के देख लेती है, तो यह लज्जा जनक कार्य है, और उन्हें लोगों के बीच में से निकाल दिया जाए. वह व्यक्ति, जिसने अपनी बहन की लज्जा को उघाड़ा है; अपने अधर्म का बोझ स्वयं उठाएगा.
১৭আর যদি কেউ নিজের বোনকে, বাবার মেয়ে কে কিংবা মায়ের মেয়ের সঙ্গে ব্যভিচার করে ও উভয়ে উভয়ের আবরণীয় দেখে, তবে তা লজ্জাকর বিষয়; তারা নিজের জাতির ছেলেদের সামনে আলাদা হবে; নিজের বোনের আবরণীয় খোলে সে নিজের অপরাধ বহন করবে।
18 “‘यदि कोई व्यक्ति किसी ऋतुमती से संभोग कर उसकी लज्जा को उघाड़ता है, उसने उसके ऋतुस्राव के स्रोत को उघाड़ा है और उस स्त्री ने अपने रक्त प्रवाह को उघाड़ा है, उन दोनों को लोगों के बीच में से निकाल दिया जाए.
১৮আর যদি কেউ রজস্বলা স্ত্রীর সঙ্গে শয়ন করে ও তার আবরণীয় খোলে তবে সেই পুরুষ তার রক্তাকর প্রকাশ করাতে ও সেই স্ত্রী নিজের রক্তাকর খোলাতে তারা উভয়ে নিজের লোকদের মধ্য থেকে আলাদা হবে।
19 “‘तुम अपनी मौसी अथवा अपनी फूफी की लज्जा को न उघाड़ना, क्योंकि ऐसे व्यक्ति ने अपने कुटुंबी को नग्न किया है; वे अपने अधर्म का बोझ स्वयं उठाएंगे.
১৯আর তুমি নিজের মাসীর কিংবা পিসীর আবরণীয় খুলো না; তা করলে নিজের ঘনিষ্ঠ আত্মীয়দের আবরণীয় খোলা হয়, তারা উভয়েই নিজের নিজের অপরাধ বহন করবে।
20 “‘यदि कोई व्यक्ति अपनी चाची से संभोग करता है, तो उसने अपने चाचा की लज्जा को उघाड़ा है; वे अपने पाप का बोझ स्वयं उठाएंगे. उनकी मृत्यु निसंतान होगी.
২০আর যদি কেউ নিজের কাকার স্ত্রীর সঙ্গে শোয় তবে নিজের কাকার স্ত্রীর আবরণীয় খোলে; তারা নিজের নিজের পাপ বহন করবে, নিঃসন্তান হয়ে মরিবে।
21 “‘यदि कोई व्यक्ति अपनी भाभी से विवाह करता है, यह घिनौना काम है, उसने अपने भाई की लज्जा को उघाड़ा है. वे निसंतान ही रह जाएंगे.
২১আর যদি কেউ নিজের ভাইয়ের স্ত্রীর সঙ্গে বিয়ে করে, তা অশুচি কাজ; নিজের ভাইয়ের স্ত্রীর আবরণীয় খোলাতে তারা নিঃসন্তান থাকবে।
22 “‘तुम मेरी सभी विधियों और मेरे सभी नियमों का पालन करते हुए उनका अनुसरण करना, कि वह देश तुम्हें निकाल न फेंके, जिसमें मैं तुम्हें बस जाने के लिए ले जा रहा हूं.
২২তোমরা আমার সমস্ত বিধি ও আমার সমস্ত শাসন মান্য কোরো, পালন কোরো; যেন আমি তোমাদের থাকার জন্য তোমাদেরকে যে দেশে নিয়ে যাচ্ছি, সেই দেশ তোমাদের কে উগরিয়ে না ফেলে।
23 इसके अलावा तुम उन जनताओं की रीति रस्मों पर मत चलना, जिन्हें मैं तुम्हारे सामने से निकाल दूंगा, क्योंकि उन्होंने ये सब कुकर्म किए, इसलिये मैंने उनसे घृणा की है.
২৩আর আমি তোমাদের সামনে থেকে যে জাতিকে দূর করতে উদ্যত, তার আচার আচরন অনুযায়ী আচরণ করিও না; কারণ তারা ঐ সব কাজ করত, এই জন্য আমি তাদেরকে ঘৃণা করলাম।
24 अतःएव मैंने तुम्हें आदेश दिया, “तुम्हें उनके देश पर अधिकार कर लेना है, मैं स्वयं इस देश को तुम्हारे अधिकार में कर दूंगा, जहां दूध और शहद की बहुतायत है.” मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, जिसने तुम्हें उन लोगों से अलग किया है.
২৪কিন্তু আমি তোমাদেরকে অধিকার করার জন্য সেই দুগ্ধমধুপ্রবাহী দেশ দেব; আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর; আমি অন্য জাতি সব থেকে তোমাদেরকে আলাদা করেছি।
25 “‘तुम्हें शुद्ध एवं अशुद्ध पशुओं, शुद्ध एवं अशुद्ध पक्षियों के बीच भेद स्पष्ट रखना होगा; किसी पशु, पक्षी अथवा कोई भी प्राणी, जो भूमि पर रेंगता है, जिसे मैंने उसकी अशुद्धता के कारण तुमसे अलग किया है, उसके कारण तुम स्वयं को अशुद्ध न करना.
২৫অতএব তোমরা শুচি অশুচি পশুর ও শুচি অশুচি পাখীর তফাৎ করবে; আমি যে যে পশু, পাখী ও ভূচর কীটা সব জন্তুকে অশুচি বলে তোমাদের থেকে আলাদা করলাম, সে সকলের দ্বারা তোমরা নিজেদের প্রাণকে ঘৃণার্হ কোরো না।
26 इस प्रकार ज़रूरी है कि तुम मेरे प्रति पवित्र रहो, क्योंकि मैं ही याहवेह हूं, जो पवित्र हूं; मैंने तुम्हें मेरी प्रजा होने के लिए लोगों से अलग किया है.
২৬আর তোমরা আমার উদ্দেশ্যে পবিত্র হও, কারণ আমি সদাপ্রভু পবিত্র এবং আমি তোমাদেরকে জাতিদের থেকে আলাদা করেছি, যেন তোমরা আমারই হও।
27 “‘यदि कोई तांत्रिक एवं ओझा है, तो निश्चित ही उसका वध कर दिया जाए. उन पर पथराव किया जाए, उनके लहू का दोष उन्हीं पर है.’”
২৭আর পুরুষের কিম্বা স্ত্রীর মধ্যে যে কেউ ভূতড়িয়া কিম্বা গুণী হয়, তার প্রাণদণ্ড অবশ্য হবে; লোকে তাদেরকে পাথরের আঘাতে হত্যা করবে; তাদের রক্ত তাদের উপর পড়বে’।”