< लैव्यव्यवस्था 18 >

1 याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
Und der HERR redete zu Mose und sprach: Rede mit den Kindern Israel und sprich zu ihnen:
2 “इस्राएल वंशजों को यह संदेश दो, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
Ich, der HERR, bin euer Gott!
3 तुम मिस्र देश के कार्यों के अनुसार व्यवहार नहीं करोगे, जहां तुम रहा करते थे, और न ही कनान देश के कार्यों का, जहां मैं तुम्हें लिए जा रहा हूं; तुम उनकी विधियों का पालन नहीं करोगे.
Ihr sollt nicht tun, wie man im Lande Ägypten tut, wo ihr gewohnt habt, und sollt auch nicht tun, wie man in Kanaan tut, dahin ich euch führen will, und ihr sollt nicht nach ihren Satzungen wandeln;
4 तुम मेरे नियमों का पालन करना, और मेरी विधियों का पालन करते हुए उनका अनुसरण करना. मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
sondern meine Rechte sollt ihr halten und meine Satzungen beobachten, daß ihr darin wandelt; denn ich bin der HERR, euer Gott.
5 तुम मेरे नियमों और विधियों का पालन करोगे; जो इनका अनुसरण करेगा, वह इनके कारण जीवित रहेगा; मैं ही वह याहवेह हूं.
Und zwar sollt ihr meine Satzungen und meine Rechte beobachten, weil der Mensch, der sie tut, dadurch leben wird. Ich bin der HERR!
6 “‘तुममें से कोई भी अपने कुटुंबी से संभोग न करे; मैं ही वह याहवेह हूं.
Niemand soll sich seiner Blutsverwandten nahen, ihre Scham zu entblößen; ich bin der HERR!
7 “‘अपनी माता से संभोग करके तुम अपने पिता का अपमान न करना. वह तुम्हारी जन्म देनेवाली माता है; तुम उससे संभोग न करना.
Du sollst die Scham deines Vaters und deiner Mutter nicht entblößen. Es ist deine Mutter, darum sollst du ihre Scham nicht entblößen.
8 “‘तुम अपने पिता की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे पिता का अपमान होगा.
Du sollst die Scham des Weibes deines Vaters nicht entblößen; denn es ist die Scham deines Vaters.
9 “‘तुम अपनी बहन से संभोग न करना, चाहे वह तुम्हारे पिता से पैदा हुई हो अथवा तुम्हारी माता से पैदा हुई हो, चाहे उसका पालन पोषण तुम्हारे साथ हुआ हो अथवा किसी अन्य परिवार में; तुम उनसे संभोग न करना.
Du sollst die Scham deiner Schwester, die deines Vaters oder deiner Mutter Tochter ist, daheim oder draußen geboren, nicht entblößen.
10 “‘अपनी पोती अथवा अपनी नातिन से संभोग न करना, तुम उनसे संभोग न करना क्योंकि यह तुम्हारा स्वयं का ही अपमान होगा.
Die Scham der Tochter deines Sohns oder deiner Tochter Tochter, ihre Scham sollst du nicht entblößen, denn es ist deine Scham.
11 “‘तुम अपनी सौतेली माता की कन्या से संभोग न करना, तुम्हारे पिता से जन्मी कन्या से, वह तुम्हारी सौतेली बहन है, तुम उससे संभोग न करना.
Du sollst die Scham der Tochter deines Vaters Weibes, die deinem Vater geboren und deine Schwester ist, nicht entblößen.
12 “‘तुम अपने पिता की बहन से संभोग न करना; वह तुम्हारे पिता की कुटुंबी है.
Du sollst die Scham der Schwester deines Vaters nicht entblößen, denn sie ist deines Vaters nächste Blutsverwandte.
13 “‘तुम अपनी मौसी से संभोग न करना क्योंकि वह तुम्हारी माता की कुटुंबी है.
Du sollst die Scham der Schwester deiner Mutter nicht entblößen; denn sie ist deiner Mutter nächste Blutsverwandte.
14 “‘तुम अपने पिता के भाई का अपमान उसकी पत्नी से संभोग करने के द्वारा न करना, न इसका प्रयास ही करना, वह तुम्हारी चाची है.
Du sollst die Scham des Bruders deines Vaters nicht entblößen, du sollst nicht zu seinem Weibe gehen; denn sie ist deine Base.
15 “‘तुम अपनी बहू से संभोग न करना; वह तुम्हारे पुत्र की पत्नी है, तुम उससे संभोग न करना.
Du sollst die Scham deiner Sohnsfrau nicht entblößen; denn sie ist deines Sohnes Weib, darum sollst du ihre Scham nicht entblößen.
16 “‘तुम अपने भाई की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे भाई का अपमान होगा.
Du sollst die Scham des Weibes deines Bruders nicht entblößen, denn es ist deines Bruders Scham.
17 “‘तुम किसी महिला और उसकी पुत्री से भी संभोग न करना और न ही उसके पुत्र की कन्या से और न ही उसकी पुत्री की कन्या से संभोग करना; वे कुटुंबी हैं. यह व्यभिचार है.
Du sollst nicht zugleich die Scham eines Weibes und ihrer Tochter entblößen, noch ihres Sohnes Tochter oder ihrer Tochter Tochter nehmen, ihre Scham zu entblößen; denn sie ist ihre nächste Blutsverwandte; es wäre eine Schandtat.
18 “‘तुम अपनी पत्नी की बहन से विवाह न करना, जब तक तुम्हारी पत्नी जीवित है, तुम उससे संभोग न करना.
Du sollst auch nicht ein Weib zu ihrer Schwester hinzunehmen, wodurch Eifersucht erregt würde, wenn du ihre Scham entblößtest, während jene noch lebt.
19 “‘तुम किसी महिला के मासिक स्राव की अशुद्धता के काल में संभोग के उद्देश्य से न जाना.
Du sollst nicht zum Weibe gehen während ihrer monatlichen Unreinigkeit, ihre Scham zu entblößen.
20 “‘तुम अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ संभोग करके उसके साथ स्वयं को भ्रष्‍ट न करना.
Auch sollst du deines Nächsten Weib keinen Beischlaf gewähren, sie zu besamen, daß du dich mit ihr verunreinigest.
21 “‘तुम अपनी संतानों में से किसी को भी मोलेख को भेंट न करना और न ही अपने परमेश्वर के नाम को कलंकित करना; मैं ही वह याहवेह हूं.
Du sollst auch von deinen Kindern keines hergeben, daß es dem Moloch geopfert werde, damit du den Namen deines Gottes nicht entweihest; ich bin der HERR!
22 “‘तुम स्त्री से संभोग करने के समान किसी पुरुष से संभोग न करना; यह एक घृणित कार्य है.
Du sollst bei keiner Mannsperson liegen wie beim Weib; denn das ist ein Greuel.
23 “‘तुम किसी पशु से भी संभोग करके स्वयं को भ्रष्‍ट न करना और न ही कोई स्त्री संभोग के उद्देश्य से किसी पशु के सम्मुख जाए; यह अनर्थ है.
Auch sollst du den Beischlaf mit keinem Vieh vollziehen, daß du dich mit ihm verunreinigest. Und kein Weib soll sich zur Begattung vor ein Vieh stellen; das wäre abscheulich!
24 “‘इन कार्यों में से किसी भी कार्य को करने के द्वारा तुम स्वयं को भ्रष्‍ट न करना; क्योंकि इन्हीं कार्यों के कारण सभी जनता ने, जिन्हें मैं तुम्हारे सामने से खदेड़ने पर हूं, स्वयं को भ्रष्‍ट कर लिया है.
Ihr sollt euch durch nichts derartiges verunreinigen. Denn durch das alles haben sich die Heiden verunreinigt, die ich vor euch her ausstoßen will.
25 क्योंकि देश भ्रष्‍ट हो गया है, इसलिये मैं इसकी दण्डाज्ञा इस पर ले आया और देश ने इसके निवासियों को निकाल फेंका.
Und dadurch ist das Land verunreinigt worden. Darum will ich ihre Missetat an ihm heimsuchen, daß das Land seine Einwohner ausspeie.
26 किंतु तुम मेरी विधियों और नियमों का पालन करना और ये घृणित कार्य न करना, न तो स्वदेशी और न ही तुम्हारे बीच रह रहे विदेशी, जो तुम्हारे बीच में रहते हैं;
Ihr aber sollt meine Satzungen und Rechte beobachten und keinen dieser Greuel verüben, weder der Einheimische noch der Fremdling, der unter euch wohnt;
27 क्योंकि तुम्हारे सामने इस देश के निवासियों ने ये समस्त घृणित कार्य किए हैं, और देश भ्रष्‍ट हो गया है;
denn alle diese Greuel haben die Leute dieses Landes getan, die vor euch waren, wodurch das Land verunreinigt worden ist.
28 ऐसा न हो कि तुम इसे भ्रष्‍ट कर दो और यह तुम्हें निकाल फेंके, जिस प्रकार इसने उस जनता को निकाल फेंका था, जो तुम्हारे सामने था.
Damit euch nun das Land nicht ausspeie, wenn ihr es verunreiniget, wie es die Heiden ausgespieen hat, die vor euch gewesen sind,
29 “‘यदि कोई इन घृणित कार्यों में से कोई भी कार्य करता है, तो उन्हें जो ऐसा करते हैं, प्रजा से बाहर कर दिया जाए.
so soll jeder, der einen dieser Greuel tut, jede Seele, die dergleichen verübt, mitten aus ihrem Volk ausgerottet werden.
30 तब तुम मेरे आदेश का पालन करो कि तुम किसी भी घिनौनी रीति का पालन न करो, जिनका पालन तुम्हारे सामने होता रहा था, कि तुम उनसे स्वयं को अशुद्ध न कर बैठो; मैं ही वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.’”
So beobachtet denn meine Verordnungen, daß ihr keinen von den greulichen Gebräuchen übet, die man vor euch geübt hat, und euch dadurch nicht verunreiniget. Ich, der HERR, bin euer Gott!

< लैव्यव्यवस्था 18 >