< लैव्यव्यवस्था 18 >
1 याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
And the LORD spoke to Moses, saying,
2 “इस्राएल वंशजों को यह संदेश दो, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
Speak to the children of Israel, and say to them, I am the LORD your God.
3 तुम मिस्र देश के कार्यों के अनुसार व्यवहार नहीं करोगे, जहां तुम रहा करते थे, और न ही कनान देश के कार्यों का, जहां मैं तुम्हें लिए जा रहा हूं; तुम उनकी विधियों का पालन नहीं करोगे.
After the doings of the land of Egypt, in which ye dwelt, shall ye not do: and after the doings of the land of Canaan, where I bring you, shall ye not do: neither shall ye walk in their ordinances.
4 तुम मेरे नियमों का पालन करना, और मेरी विधियों का पालन करते हुए उनका अनुसरण करना. मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
Ye shall perform my judgments, and keep my ordinances, to walk in them: I am the LORD your God.
5 तुम मेरे नियमों और विधियों का पालन करोगे; जो इनका अनुसरण करेगा, वह इनके कारण जीवित रहेगा; मैं ही वह याहवेह हूं.
Ye shall therefore keep my statutes, and my judgments: which if a man doeth, he shall live in them: I am the LORD.
6 “‘तुममें से कोई भी अपने कुटुंबी से संभोग न करे; मैं ही वह याहवेह हूं.
None of you shall approach to any that is near of kin to him, to uncover their nakedness: I am the LORD.
7 “‘अपनी माता से संभोग करके तुम अपने पिता का अपमान न करना. वह तुम्हारी जन्म देनेवाली माता है; तुम उससे संभोग न करना.
The nakedness of thy father, or the nakedness of thy mother, shalt thou not uncover: she is thy mother; thou shalt not uncover her nakedness.
8 “‘तुम अपने पिता की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे पिता का अपमान होगा.
The nakedness of thy father’s wife shalt thou not uncover: it is thy father’s nakedness.
9 “‘तुम अपनी बहन से संभोग न करना, चाहे वह तुम्हारे पिता से पैदा हुई हो अथवा तुम्हारी माता से पैदा हुई हो, चाहे उसका पालन पोषण तुम्हारे साथ हुआ हो अथवा किसी अन्य परिवार में; तुम उनसे संभोग न करना.
The nakedness of thy sister, the daughter of thy father, or daughter of thy mother, whether born at home, or born abroad, even their nakedness thou shalt not uncover.
10 “‘अपनी पोती अथवा अपनी नातिन से संभोग न करना, तुम उनसे संभोग न करना क्योंकि यह तुम्हारा स्वयं का ही अपमान होगा.
The nakedness of thy son’s daughter, or of thy daughter’s daughter, even their nakedness thou shalt not uncover: for theirs is thy own nakedness.
11 “‘तुम अपनी सौतेली माता की कन्या से संभोग न करना, तुम्हारे पिता से जन्मी कन्या से, वह तुम्हारी सौतेली बहन है, तुम उससे संभोग न करना.
The nakedness of thy father’s wife’s daughter, begotten by thy father, she is thy sister, thou shalt not uncover her nakedness.
12 “‘तुम अपने पिता की बहन से संभोग न करना; वह तुम्हारे पिता की कुटुंबी है.
Thou shalt not uncover the nakedness of thy father’s sister: she is thy father’s near kinswoman.
13 “‘तुम अपनी मौसी से संभोग न करना क्योंकि वह तुम्हारी माता की कुटुंबी है.
Thou shalt not uncover the nakedness of thy mother’s sister: for she is thy mother’s near kinswoman.
14 “‘तुम अपने पिता के भाई का अपमान उसकी पत्नी से संभोग करने के द्वारा न करना, न इसका प्रयास ही करना, वह तुम्हारी चाची है.
Thou shalt not uncover the nakedness of thy father’s brother, thou shalt not approach to his wife: she is thy aunt.
15 “‘तुम अपनी बहू से संभोग न करना; वह तुम्हारे पुत्र की पत्नी है, तुम उससे संभोग न करना.
Thou shalt not uncover the nakedness of thy daughter in law: she is thy son’s wife; thou shalt not uncover her nakedness.
16 “‘तुम अपने भाई की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे भाई का अपमान होगा.
Thou shalt not uncover the nakedness of thy brother’s wife: it is thy brother’s nakedness.
17 “‘तुम किसी महिला और उसकी पुत्री से भी संभोग न करना और न ही उसके पुत्र की कन्या से और न ही उसकी पुत्री की कन्या से संभोग करना; वे कुटुंबी हैं. यह व्यभिचार है.
Thou shalt not uncover the nakedness of a woman and her daughter, neither shalt thou take her son’s daughter, or her daughter’s daughter, to uncover her nakedness; for they are her near kinswomen: it is wickedness.
18 “‘तुम अपनी पत्नी की बहन से विवाह न करना, जब तक तुम्हारी पत्नी जीवित है, तुम उससे संभोग न करना.
Neither shalt thou take a wife to her sister, to vex her, to uncover her nakedness, beside the other in her life time.
19 “‘तुम किसी महिला के मासिक स्राव की अशुद्धता के काल में संभोग के उद्देश्य से न जाना.
Also thou shalt not approach to a woman to uncover her nakedness, as long as she is put apart for her uncleanness.
20 “‘तुम अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ संभोग करके उसके साथ स्वयं को भ्रष्ट न करना.
Moreover thou shalt not lie carnally with thy neighbour’s wife, to defile thyself with her.
21 “‘तुम अपनी संतानों में से किसी को भी मोलेख को भेंट न करना और न ही अपने परमेश्वर के नाम को कलंकित करना; मैं ही वह याहवेह हूं.
And thou shalt not let any of thy seed pass through the fire to Molech, neither shalt thou profane the name of thy God: I am the LORD.
22 “‘तुम स्त्री से संभोग करने के समान किसी पुरुष से संभोग न करना; यह एक घृणित कार्य है.
Thou shalt not lie with mankind, as with womankind: it is abomination.
23 “‘तुम किसी पशु से भी संभोग करके स्वयं को भ्रष्ट न करना और न ही कोई स्त्री संभोग के उद्देश्य से किसी पशु के सम्मुख जाए; यह अनर्थ है.
Neither shalt thou lie with any beast to defile thyself with it: neither shall any woman stand before a beast to lie down with it: it is confusion.
24 “‘इन कार्यों में से किसी भी कार्य को करने के द्वारा तुम स्वयं को भ्रष्ट न करना; क्योंकि इन्हीं कार्यों के कारण सभी जनता ने, जिन्हें मैं तुम्हारे सामने से खदेड़ने पर हूं, स्वयं को भ्रष्ट कर लिया है.
Defile not ye yourselves in any of these things: for in all these the nations are defiled which I cast out before you:
25 क्योंकि देश भ्रष्ट हो गया है, इसलिये मैं इसकी दण्डाज्ञा इस पर ले आया और देश ने इसके निवासियों को निकाल फेंका.
And the land is defiled: therefore I do visit its iniquity upon it, and the land itself spueth out her inhabitants.
26 किंतु तुम मेरी विधियों और नियमों का पालन करना और ये घृणित कार्य न करना, न तो स्वदेशी और न ही तुम्हारे बीच रह रहे विदेशी, जो तुम्हारे बीच में रहते हैं;
Ye shall therefore keep my statutes and my judgments, and shall not commit any of these abominations; neither any of your own nation, nor any stranger that sojourneth among you:
27 क्योंकि तुम्हारे सामने इस देश के निवासियों ने ये समस्त घृणित कार्य किए हैं, और देश भ्रष्ट हो गया है;
(For all these abominations have the men of the land done, who were before you, and the land is defiled; )
28 ऐसा न हो कि तुम इसे भ्रष्ट कर दो और यह तुम्हें निकाल फेंके, जिस प्रकार इसने उस जनता को निकाल फेंका था, जो तुम्हारे सामने था.
That the land may not spue you out also, when ye defile it, as it spued out the nations that were before you.
29 “‘यदि कोई इन घृणित कार्यों में से कोई भी कार्य करता है, तो उन्हें जो ऐसा करते हैं, प्रजा से बाहर कर दिया जाए.
For whoever shall commit any of these abominations, even the souls that commit them shall be cut off from among their people.
30 तब तुम मेरे आदेश का पालन करो कि तुम किसी भी घिनौनी रीति का पालन न करो, जिनका पालन तुम्हारे सामने होता रहा था, कि तुम उनसे स्वयं को अशुद्ध न कर बैठो; मैं ही वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.’”
Therefore shall ye keep my ordinance, that ye commit not any one of these abominable customs, which were committed before you, and that ye defile not yourselves in them: I am the LORD your God.