< लैव्यव्यवस्था 13 >

1 याहवेह ने मोशेह और अहरोन को यह आदेश दिया,
Und Jehovah redete zu Mose und zu Aharon und sprach:
2 “यदि किसी व्यक्ति की त्वचा पर सूजन, चकत्ते अथवा कोई चमकीला धब्बा हो, और यदि यह उसकी त्वचा पर कोढ़ का संक्रमण बन जाए, तब उस व्यक्ति को पुरोहित अहरोन अथवा उनके किसी पुरोहित पुत्र के सामने लाया जाए.
So bei einem Menschen auf der Haut seines Fleisches eine Erhebung oder ein Schorf oder ein lichter Fleck ist, und dies auf der Haut seines Fleisches zum Male des Aussatzes werden könnte, so werde er zu Aharon, dem Priester, oder zu einem von seinen Söhnen, den Priestern, gebracht.
3 पुरोहित उस व्यक्ति की त्वचा पर के धब्बे का निरीक्षण करेगा और यदि उस संक्रमित स्थान के रोएं सफेद हो गए हों, और संक्रमण त्वचा से गहरा ज्ञात होता हो, तो यह निश्चित ही कोढ़ का संक्रमण है. फिर जब पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण पूरा कर ले, तब उसे अशुद्ध घोषित कर दे.
Und wenn der Priester das Mal auf der Haut des Fleisches gesehen, und das Haar in dem Male in Weiß verwandelt worden, und das Mal ist tiefer anzusehen als die Haut seines Fleisches, so ist es ein Aussatzmal, und der Priester sehe ihn und erkläre ihn für unrein.
4 यदि त्वचा पर का धब्बा सफेद तो है, किंतु संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम नहीं होता है, और इस स्थान के रोएं भी सफेद नहीं हुए हैं, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को सात दिन के लिए अलग रखे.
Und wenn ein weißer, lichter Fleck auf der Haut seines Fleisches ist, aber nicht tiefer als die Haut anzusehen, und das Haar nicht in Weiß verwandelt ist, so lasse der Priester den mit dem Male sieben Tage einschließen.
5 सातवें दिन पुरोहित उस व्यक्ति का निरीक्षण करे और यदि उसे प्रतीत हो कि संक्रमण तो ज्यों का त्यों है, किंतु वह त्वचा में फैला नहीं है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को और सात दिन के लिए अलग रखे.
Und am siebenten Tage sehe ihn der Priester, und siehe, das Mal ist in seinen Augen stehengeblieben, und das Mal hat auf der Haut nicht um sich gegriffen, so lasse ihn der Priester zum zweitenmal sieben Tage einschließen.
6 सातवें दिन पुरोहित दोबारा उस व्यक्ति का निरीक्षण करे; यदि संक्रमित स्थान का सुधार होने के कारण उसका रंग हल्का हो गया है, और वह त्वचा पर नहीं फैला है; तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे; यह एक चकत्ते मात्र है. वह व्यक्ति अपने वस्त्र धो ले और शुद्ध हो जाए.
Und wenn ihn dann der Priester am siebenten Tag zum zweitenmal sieht, und siehe, das Mal ist trüber geworden, und das Mal hat auf der Haut nicht um sich gegriffen, so erkläre ihn der Priester rein. Es ist ein Schorf. Und er wasche seine Kleider und ist rein.
7 किंतु यदि पुरोहित के सामने शुद्ध प्रमाणित होने के बाद वह धब्बा त्वचा पर फैलने लगे, तो वह व्यक्ति स्वयं को दोबारा पुरोहित के सामने प्रस्तुत करे.
Hat aber der Schorf um sich gegriffen auf der Haut, nachdem er vom Priester für seine Reinsprechung besehen worden ist, so werde er vom Priester zum zweitenmal besehen.
8 पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि उसे यह जान पड़े कि त्वचा पर धब्बा फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का रोग है.
Und sieht ihn der Priester, und siehe, der Schorf hat in der Haut um sich gegriffen, so erkläre ihn der Priester für unrein: es ist Aussatz.
9 “यदि कोढ़ का संक्रमण किसी पुरुष पर है, तो उसे पुरोहित के सामने लाया जाए.
Ist das Aussatzmal am Menschen, so werde er zum Priester gebracht.
10 पुरोहित उसका निरीक्षण करे. यदि उसकी त्वचा में सफेद रंग की सूजन है और उसके उस स्थान के रोएं भी सफेद हो गए हैं तथा सूजन में खुला घाव है,
Und sieht der Priester, und siehe, eine weiße Erhebung ist in der Haut und hat das Haar in Weiß verwandelt, und frisches wildes Fleisch in der Erhebung;
11 तो यह उस व्यक्ति की त्वचा पर पुराना कोढ़ का रोग है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे, किंतु वह उस व्यक्ति को इसलिये दूसरे लोगों से अलग न करे, कि वह अशुद्ध है.
So ist alter Aussatz in der Haut seines Fleisches; und der Priester erkläre ihn für unrein. Er schließe ihn nicht ein; denn er ist unrein.
12 “यदि कोढ़ त्वचा में और अधिक फूट जाए और कोढ़ उस व्यक्ति के सिर से लेकर पांव तक पूरी देह में फैल जाए, जहां तक पुरोहित इसको देख सके,
So aber der Aussatz so in der Haut hervorbricht, daß der Aussatz die ganze Haut mit dem Male bedeckt, von seinem Kopfe und bis zu seinen Füßen, soweit das Auge des Priesters sieht;
13 जब पुरोहित इसको बारीकी से देख ले कि कोढ़ उस व्यक्ति के पूरे शरीर में फैल गया है, तो वह उस व्यक्ति को इस रोग से शुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि यह पूरी तरह से सफेद रंग का हो गया है, इसलिये वह व्यक्ति शुद्ध होगा.
Und der Priester sieht, und siehe, der Aussatz hat sein ganzes Fleisch bedeckt, so soll er das Mal für rein erklären. Alles an ihm ist in Weiß verwandelt; er ist rein.
14 किंतु यदि उसे त्वचा पर घाव दिखाई दें, तो वह व्यक्ति अशुद्ध होगा.
Am Tage aber, da sich wildes Fleisch an ihm sehen läßt, wird er unrein.
15 पुरोहित त्वचा के उस घाव को ध्यान से देखे और उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; बिना चमड़ी का मांस अशुद्ध है और यह कोढ़ का रोग है.
Und sieht der Priester das wilde Fleisch, so erkläre er ihn für unrein; das wilde Fleisch ist unrein, es ist der Aussatz.
16 किंतु यदि त्वचा का घाव दोबारा सफेद रंग का हो जाए, तो वह व्यक्ति पुरोहित के सामने आए,
Oder wenn das wilde Fleisch sich zurückzieht und verwandelt sich in Weiß, so komme er zu dem Priester.
17 पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि वह धब्बा सफेद रंग का हो गया है, तो पुरोहित उस संक्रमित व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह शुद्ध है.
Und sieht ihn der Priester und siehe, das Mal ist in Weiß verwandelt, so erkläre der Priester das Mal für rein. Er ist rein.
18 “जब किसी व्यक्ति की त्वचा पर फोड़ा हो गया है और वह फोड़ा स्वस्थ हो जाए,
Und so an jemandes Fleisch in der Haut ein Geschwür ist und geheilt wird;
19 तथा उस फोड़े के स्थान पर सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन हो जाए, तब पुरोहित को इसको दिखवाया जाए;
Und an dem Orte des Geschwürs eine weiße Erhebung oder ein lichter weißrötlicher Fleck wird, so erscheine er bei dem Priester.
20 पुरोहित इसको ध्यान से देखे; यदि उसे यह लगे कि यह त्वचा में फैल रहा है और इसके रोएं भी सफेद हो गए हैं, तब पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है, जिसकी शुरुआत फोड़े से हुई है.
Und sieht der Priester, und siehe, es ist niedriger anzusehen als die Haut, und das Haar ist in Weiß verwandelt, so erkläre ihn der Priester für unrein; denn das Aussatzmal ist an dem Geschwür ausgebrochen.
21 किंतु यदि पुरोहित इसको ध्यान से देखे और पाए, कि त्वचा के रोएं सफेद नहीं हुए हैं, और यह त्वचा में फैल नहीं रहा है तथा त्वचा का रंग हल्का हो रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे;
Und sieht sie der Priester, und siehe, es ist kein weißes Haar darin, und es ist nicht niedriger als die Haut und ist trübe, so lasse ihn der Priester sieben Tage einschließen.
22 यदि यह त्वचा में और अधिक फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह एक संक्रमण है.
Greift es aber um sich in der Haut, so erkläre ihn der Priester für unrein: es ist das Mal.
23 किंतु यदि सफेद रंग का धब्बा त्वचा पर तो है, परंतु यह त्वचा में फैल नहीं रहा है, तो यह फोड़े का चिन्ह मात्र है, तब पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे.
Blieb aber der lichte Fleck an seiner Stelle stehen und greift nicht um sich, so ist es eine Entzündung des Geschwürs, und der Priester erkläre ihn für rein.
24 “यदि किसी की त्वचा अग्नि से जल गई है, और त्वचा पर घाव से एक सफेद अथवा लालिमा युक्त सफेद धब्बा हो गया है,
Oder so am Fleische in der Haut ein Brandmal vom Feuer ist und wildes Fleisch am Brandmal und ein weißrötlicher oder weißer, lichter Fleck wird;
25 तो पुरोहित इसको ध्यान से देखे और यदि इस धब्बे पर के रोएं सफेद हो गए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा मालूम होता हो, तो यह कोढ़ का रोग है. जिसकी शुरुआत जलने के घाव से हुई है, पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
Und der Priester sieht es, und siehe, das Haar ist auf dem lichten Fleck in Weiß verwandelt und ist tiefer anzusehen als die Haut, so ist es Aussatz, der auf dem Brandmal ausgebrochen ist, und der Priester soll ihn für unrein erklären: es ist das Aussatzmal.
26 किंतु यदि पुरोहित इसको जांचता है और यह पाता है कि उस धब्बे पर के रोएं सफेद नहीं हुए हैं और संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है, परंतु इसका रंग हल्का पड़ गया है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन अलग रखे.
Und wenn es der Priester sieht, und siehe, es ist an dem lichten Fleck kein weißes Haar, und er ist nicht niedriger als die Haut und ist trübe, so schließe ihn der Priester ein sieben Tage.
27 सातवें दिन पुरोहित उसको दोबारा जांचे. यदि यह त्वचा में फैल रहा है, तो पुरोहित उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर दे; यह कोढ़ का संक्रमण है.
Und sieht ihn der Priester am siebenten Tag, und es hat in der Haut um sich gegriffen: so erkläre ihn der Priester für unrein. Es ist das Aussatzmal.
28 किंतु यदि धब्बा तो त्वचा पर ज्यों का त्यों है, परंतु वह त्वचा में फैला नहीं हैं परंतु उसका रंग हल्का पड़ गया है, तो यह जलने के घाव से उत्पन्‍न सूजन है; पुरोहित उस व्यक्ति को तब शुद्ध घोषित कर दे, क्योंकि यह तो जलने से उत्पन्‍न हुआ चिन्ह मात्र है.
Steht aber der lichte Fleck an derselben Stelle und hat nicht in der Haut um sich gegriffen, und die Erhebung des Brandmals ist trübe geworden, so erkläre der Priester ihn für rein, denn es ist die Entzündung des Brandmals.
29 “यदि किसी पुरुष अथवा महिला के सिर या दाढ़ी पर रोग का संक्रमण हो,
Und hat ein Mann oder ein Weib ein Mal auf dem Kopf oder am Bart:
30 तो पुरोहित इसका निरीक्षण करे और यदि संक्रमण त्वचा में गहरा मालूम हो और उस स्थान के रोम महीन भूरे रंग के हो गए हों, तो पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे, यह सेहुंआ है, सिर एवं दाढ़ी का कोढ़.
Und sieht der Priester das Mal, und siehe, es ist tiefer anzusehen als die Haut, und es ist feines, goldgelbes Haar darin, so erkläre der Priester ihn für unrein: es ist der Nethek, der Aussatz am Kopf oder Bart.
31 किंतु यदि पुरोहित इस घाव के संक्रमण की जांच करे और यह पाए कि संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है और न ही उस स्थान में काले रोएं हैं, तो पुरोहित उस व्यक्ति को घाव के संक्रमण के कारण सात दिन अलग रखे.
Und sieht der Priester das Mal des Nethek und siehe, es ist nicht tiefer im Ansehen als die Haut, und ist kein schwarzes Haar darin, so lasse der Priester den mit dem Male des Nethek einschließen sieben Tage.
32 सातवें दिन पुरोहित संक्रमण की जांच करे और यदि सेहुंआ त्वचा में नहीं फैला है और उस स्थान पर भूरे रोएं भी नहीं हैं, तथा सेहुंए के कारण संक्रमण त्वचा से गहरा नहीं है,
Und sieht der Priester das Mal am siebenten Tag, und siehe, der Nethek hat nicht um sich gegriffen, und ist kein goldgelbes Haar darin, und ist der Nethek nicht tiefer im Ansehen als die Haut:
33 तो वह व्यक्ति अपना सिर मुंड़ा ले किंतु वह अपने सेहुंए पर उस्तरा न चलाए. तब पुरोहित उस व्यक्ति को सात दिन और अलग रखे.
So soll er sich scheren, den Nethek aber soll er nicht scheren. Und der Priester schließe den mit Nethek Behafteten zum zweiten Male sieben Tage ein.
34 फिर सातवें दिन पुरोहित उस सेहुंए की जांच करे; यदि सेहुंआ त्वचा में और अधिक नहीं फैल रहा है और यह त्वचा में गहरा मालूम नहीं होता, तो पुरोहित उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित कर दे; वह व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोकर शुद्ध हो जाए.
Und sieht der Priester den Nethek am siebenten Tage, und siehe, der Nethek hat nicht in der Haut um sich gegriffen, und ist nicht tiefer anzusehen als die Haut ist, so erkläre ihn der Priester für rein. Und er wasche seine Kleider, und ist rein.
35 किंतु यदि उसके शुद्ध होने के बाद वह सेहुंआ उसकी त्वचा में और अधिक फैलता जाता है,
Greift aber der Nethek in der Haut um sich, nachdem er für rein erklärt worden ist;
36 तो पुरोहित उसकी जांच करे और यदि यह पाए कि यह त्वचा में फैल गया है, तो वह रोम के भूरे होने की प्रतीक्षा न करे; वह व्यक्ति अशुद्ध है.
Und sieht ihn der Priester und siehe, der Nethek hat in der Haut um sich gegriffen, so forsche der Priester nicht nach dem goldgelben Haar. Er ist unrein.
37 किंतु यदि उसकी जांच के अनुसार सेहुंए में कोई बदलाव नहीं है, किंतु उसमें काले रोएं उग आए हैं, तो वह सेहुंआ स्वस्थ हो गया है, वह व्यक्ति शुद्ध है और पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे.
Wenn aber in seinen Augen der Nethek stille steht, und schwarzes Haar darin sproßt, so ist der Nethek geheilt. Er ist rein und der Priester erkläre ihn für rein.
38 “जब किसी पुरुष अथवा स्त्री की त्वचा पर सफेद चमकदार धब्बे हों,
Und wenn beim Mann oder beim Weib auf der Haut ihres Fleisches lichte Flecken, weiße lichte Flecken sind;
39 तो पुरोहित इसकी जांच करे और यदि त्वचा पर यह चमकदार धब्बे हल्के सफेद रंग के हों, तो यह दाद हैं, जो त्वचा में फूट निकले हैं; वह व्यक्ति शुद्ध है.
Und der Priester sieht sie, und siehe, auf der Haut ihres Fleisches sind trübe, weiße lichte Flecken, so ist es der Bohak, der in der Haut ausgebrochen. Er ist rein.
40 “यदि किसी पुरुष के बाल झड़ गए हों, तो वह गंजापन है, किंतु वह शुद्ध है.
Und wenn einem Manne die Haare seines Hauptes ausfallen, und er wird ein Kahlkopf, so ist er rein.
41 किंतु यदि उसके सिर के सामने के और सिर के दोनों ओर के बाल झड़ गए हैं और उसका माथा चंदला हो गया है, तो वह शुद्ध है.
Und wenn einem auf der Seite seines Angesichts das Haar seines Hauptes ausfällt, und eine Vorderglatze wird, so ist er rein.
42 परंतु यदि उसका सिर अथवा माथा चंदला हो गया है और उस पर लालिमा युक्त सफेद रंग का संक्रमण हो गया है, तो यह कोढ़ है, जो उसके चंदूले माथे और सिर से फूट निकला है.
Und wenn in der Hinterglatze oder in der Vorderglatze ein weißrötliches Mal wird, so ist es der Aussatz, der auf seiner Hinterglatze oder seiner Vorderglatze ausgebrochen ist.
43 तब पुरोहित इसकी जांच करे और यदि सिर अथवा बाल के संक्रमण की सूजन त्वचा पर कोढ़ की लालिमा युक्त सफेद रंग की सूजन के समान है,
Und sieht ihn der Priester, und siehe, ein weißrötliches Erhebungsmal ist auf seiner Hinterglatze oder seiner Vorderglatze, wie das Ansehen des Aussatzes auf der Haut des Fleisches:
44 तो वह व्यक्ति कोढ़ का रोगी है, तब अशुद्ध है. निश्चित ही पुरोहित उसे अशुद्ध घोषित कर दे; क्योंकि संक्रमण उसके सिर पर हुआ है.
So ist er ein aussätziger Mann, er ist unrein. Der Priester soll ihn für unrein erklären. Auf seinem Haupte ist sein Mal.
45 “वह व्यक्ति, जो कोढ़ के रोग से संक्रमित हुआ है, उसके वस्त्र फाड़ दिए जाएं, उसका सिर उघाड़ दिया जाए और वह अपने मुख का निचला भाग ढक कर ऊंचे स्वर में कहे, ‘अशुद्ध! अशुद्ध!’
Und der Aussätzige, an dem das Mal ist, soll aufgerissene Kleider haben, und das Haupt blößen, und bis an den Bart sich einhüllen und Unrein! Unrein! rufen.
46 अपने संक्रमण की पूरी अवधि में वह अशुद्धि की स्थिति में ही होगा; वह अशुद्ध है तथा अकेले में रहेगा; उसका निवास छावनी के बाहर ही होगा.
Alle Tage, die das Mal an ihm ist, soll er unrein sein! Unrein ist er. Allein soll er wohnen. Außerhalb des Lagers soll sein Wohnen sein.
47 “यदि किसी वस्त्र में कोढ़ की फफूंदी पाई जाती है, चाहे वह वस्त्र ऊनी हो अथवा मलमल का,
Und wenn an einem Kleide das Aussatzmal ist, an einem Kleide von Wolle oder einem Kleide von Linnen,
48 मलमल अथवा ऊन के ताने-बाने का हो, चमड़ा हो या चमड़े से बनी कोई वस्तु हो,
Oder am Aufzug, oder am Einschlag von Lein oder von Wolle, oder am Fell oder an irgendeiner Arbeit von Fell;
49 यदि यह संक्रमण वस्त्र अथवा चमड़े के वस्त्र में अथवा ताने में अथवा बाने में हो, या चमड़े से बनी किसी वस्तु में हरे रंग की अथवा लालिमा हो, तो यह कोढ़ है और इसे पुरोहित को दिखाया जाना आवश्यक है.
Und ist das Mal grünlich oder rötlich am Kleide oder am Fell, oder am Aufzug oder am Einschlag oder an irgendeinem Gerät von Fell, so ist es ein Aussatzmal; und man soll es den Priester sehen lassen.
50 तब पुरोहित उस चिन्ह की जांच करे और इस संक्रमित वस्तु को सात दिन अलग रखे.
Und hat der Priester das Mal gesehen, so lasse er das Mal sieben Tage einschließen.
51 सातवें दिन पुरोहित इस चिन्ह की दोबारा जांच करे और यदि संक्रमण वस्त्र में, ताने में अथवा बाने में अथवा चमड़े में फैल गया हो और चाहे वह चमड़ा किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता हो, तो यह असाध्य कुष्ठ रोग का लक्षण है. यह अशुद्ध है.
Und sieht er das Mal am siebenten Tage, daß das Mal um sich gegriffen hat am Kleide, oder am Aufzug oder am Einschlag oder am Fell, an allem, was aus Fell gemacht wird zur Arbeit, so ist das Mal ein zerfressender Aussatz. Es ist unrein.
52 जिस वस्त्र, ताने-बाने, ऊन, मलमल अथवा चमड़े की किसी वस्तु में यह संक्रमण पाया जाए, तो आवश्यक है कि उसको जला दिया जाए, क्योंकि यह असाध्य कोढ़ है; आवश्यक है कि इसको अग्नि में जला दिया जाए.
Und er verbrenne das Kleid, oder den Aufzug, oder den Einschlag von Wolle oder von Lein, oder jegliches Gerät von Leder, oder an dem das Mal ist, denn ein zerfressender Aussatz ist es. Es werde im Feuer verbrannt.
53 “किंतु यदि पुरोहित इसकी जांच करे और यह पाए कि संक्रमण वस्त्र में, ताने-बाने में अथवा चमड़े की वस्तु में नहीं फैला है,
Sieht aber der Priester, und siehe, das Mal hat nicht am Kleide oder am Aufzug oder am Einschlag oder an irgendwelchem ledernen Gerät um sich gegriffen;
54 तो पुरोहित उस संक्रमित वस्त्र को धोने का आदेश दे तथा और सात दिन के लिए उसे अलग कर दे.
So soll der Priester gebieten, daß man das, an dem das Mal ist, wasche, und soll es andere sieben Tage verschließen.
55 जब जिस वस्त्र में संक्रमण पाया गया है और उसको धो लिया गया है, तो पुरोहित इसकी दोबारा जांच करे और यदि इस वस्तु में मौजूद धब्बे में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह फैला भी नहीं है, तो यह अशुद्ध ही माना जाएगा, और आवश्यक है कि तुम अग्नि में इसको जला दे, चाहे यह फफूंद पीछे के भाग में हो अथवा आगे.
Und sieht der Priester, nachdem das Mal gewaschen ist, und siehe, das Mal hat sein Aussehen nicht verwandelt, und das Mal hat nicht weiter um sich gegriffen, so ist es unrein, und du sollst es im Feuer verbrennen. Es ist eingefressen auf der Kehrseite wie auf der rechten Seite.
56 यदि पुरोहित इसकी जांच करे और उसे यह मालूम हो कि धोने के बाद इसकी चमक कम नहीं हुई है, तब पुरोहित उसे उस वस्त्र या चमड़े में से फाड़कर निकाल दे;
Sieht aber der Priester, und siehe, das Mal ist nach dem Waschen trübe, so reiße er es aus dem Kleide oder aus dem Fell oder aus dem Aufzug oder aus dem Einschlag.
57 किंतु यदि यह चिन्ह वस्त्र, ताने अथवा बाने और चमड़े पर दोबारा उभर आए, तो यह उसमें फैल रहा है. आवश्यक है कि उस संक्रमित वस्तु को आग में जला दिया जाए.
Wird es aber am Kleid oder am Aufzug oder am Einschlag oder an irgendeinem Gerät von Fell wieder gesehen, so ist es ein Ausbruch; dann sollst du das, woran das Mal ist, im Feuer verbrennen.
58 जब तुमने उस संक्रमित वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की वस्तु को धो दिया है, तो इसको दूसरी बार धो दिया जाए और यह शुद्ध माना जाएगा.”
Das Kleid aber oder der Aufzug oder der Einschlag oder irgendwelches Gerät von Fell, das du gewaschen hast, und von dem das Mal gewichen ist, soll zum zweitenmal gewaschen werden, und dann ist es rein.
59 यह किसी कोढ़ से संक्रमित ऊन या मलमल के वस्त्र, ताने अथवा बाने अथवा चमड़े की किसी वस्तु को शुद्ध अथवा अशुद्ध घोषित करने की विधि है.
Dies ist das Gesetz über das Aussatzmal an Kleidern von Wolle oder Lein, oder am Aufzug oder am Einschlag oder an jeglichem Gerät von Fell, es für rein zu erklären oder es unrein zu erklären.

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